दोस्तों ,आज कल नजर का चश्मा तो बस बुढ़ापे का प्रतीक माना जाने लगा है। क्योंकि युवाओं में इसका प्रयोग अब चलन के बाहर हो गया है।जिसे देखिए वह चश्मा हटवा कर कॉन्टेक्ट लेंस लगवाने की सलाह देता नजर आता है। दें भी क्यों न , इसे लगा कर नजर की समस्या का समाधान भी हो जाता है और फैशन से समझौता भी नही करना पड़ता।
परन्तु देखा-देखी कॉन्टेक्ट लेंस प्रयोग करने की बजाय पहले इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
कॉन्टेक्ट लेंस के प्रयोग के साथ-साथ इसके साइड इफेक्ट्स भी पता होने चाहिए।
अधिकतर लोग इस बात से अनजान हैं की आंखों में लगाये जाने वाले लेंस ही आंखों के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।
आइए जानें, कैसे?
- बिना धुले हाथों से लेंस छूने पर हाथों के किटाणु लेंस के द्वारा आंखों तक पहुंच सकते हैं|
- जो लोग रात को लेंस पहन कर सोते हैं उनकी आंखों में ऑक्सीजन की आपूर्ति घट जाती है जो बाद में इंफेक्शन का कारण बन सकता है। जब आंखे बंद होती हैं तो लेंस के जीवाणु आंखों में फैल जाते हैं तथा जलन व लालपन पैदा कर देते हैं|
- लम्बे समय तक लेंस पहन कर रखना आँखों के लिए हानिकारक होता है। हालांकि कहा जाता है कि सिलिकॉन हाइड्रोजेल लेंस को लम्बे समय तक पहना जा सकता है परंतु इन्हे भी एक निश्चित अंतराल के बाद बदलना पड़ता है। लेंस का प्रयोग करते हुए लापरवाही बरतना कभी-कभी बहुत महंगा पड़ सकता है।
जी हाँ ! लेंस का प्रयोग कभी-कभी केराटाइटिस नामक रोग को भी आमन्त्रण दे सकता है।
आइये जानें ,क्या है केराटाइटिस?
कई बार लम्बे समय तक आँखों में कॉन्टेक्ट लेंस लगाये रखने से कॉर्निया में सूजन आ जाती है । जो आँखों में जलन व खुजली का कारण बनती है तथा धीरे – धीरे केराटाइटिस का रूप ले सकती है।
इस बीमारी की सामान्य अवस्था अधिक खतरनाक नही होती ,परन्तु यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाये तो ये इंसान को अंधा भी बना सकती है। सिलिकॉन हाइड्रोजैल लेंस के साथ सोने से केराटाइटिस जैसे संक्रमण की आशंका कम होती है।
केराटाइटिस का कारण :
कॉन्टेक्ट लेंस लगाने से आँखों के प्राकृतिक माइक्रोबियल वातावरण में बदलाव आने लगता है जिस कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।लेंस के कारण , त्वचा पर पाये जाने वाले जीवाणुओं की संख्या आँखों की सुरक्षा करने वाले सूक्ष्मजीवों के मुकाबले अधिक हो जाती है तथा संक्रमण सम्भावना बढ़ जाती है।
केराटाइटिस से बचाव :
* कॉन्टेक्ट लेंस पहन कर गर्म पानी के टब, तालाब व समुन्द्र में नहाने से बचना चाहिए।
* सोते समय लेंस निकाल कर सोना चाहिए।
*लेंस को छूने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लेना चाहिए तथा लेंस बॉक्स को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
* नेत्र विशेषज्ञ की सलाह से एक निश्चित समय बाद लेंस बदलते रहना चाहिए।
* आँखों में जलन,खुजली ,लालपन या सूजन आदि की शिकायत होने पर तुरंत नेत्र विशेषज्ञ का परामर्श लेना चाहिए।
*लगातार लम्बे समय तक कॉन्टेक्ट लेंस पहनने से बचना चाहिए।
तो मित्रों ! पूरी जानकारी और सावधानी से कॉन्टेक्ट लेंस का प्रयोग करें व स्वस्थ रहें।
उद्देश्य:
पोलियो क्या है?
पोलियो के लक्षण:
- पेट में दर्द होना।
- गले में दर्द।
- सिर में तेज़ दर्द।
- जटिल स्थितियों में हृदय की मांस-पेशियों में सूजन आ जाती है।
- तेज़ बुखार।
- खाना निगलने में कठिनाई होना।
पोलियो की रोकथाम:
- माँ-बेटा सम्भाल– नि:शुल्क कैंप लगाकर गर्भवती महिला व उसके होने वाले बच्चे के लिए स्वस्थ।
- जननी-शिशु सुरक्षा – गरीब जच्चा-बच्चा का भरण-पोषण करना।
- जननी सत्कार – गरीब गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार देना व इलाज करवाना।
- कायाकल्प – बच्चों को पोलियो की बूंदें पिलवाना व पोलियो कैंप द्वारा मरीजों के मुफ्त आप्रेशन करवाना।
- कदम से कदम – गुणवान विकलांगों की शादी करवाना और उनको रोजगार दिलवाना।
- साथी -विकलांगों को ट्राई साईकिल उपलब्ध करवाना |
प्रिय पाठकों, आज मैं आपको एक ऐसे तरीके के बारे में बताऊंगी जिसे अपनाकर हम अपनी व्यस्त जिंदगी में भी दूसरों का भला कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं कि क्या है वो तरीका और कौन है वो जिन्होंने इसे ईजाद किया है।
ईश्वर का दिया हुआ हमारा ये भौतिक शरीर तीन चीजों पर आधारित होता है। हवा, पानी तथा भोजन। मनुष्य को हवा और पानी तो फिर भी कहीं न कहीं से प्राप्त हो जाता है, किंतु भोजन प्राप्त के लिए मनुष्य न जाने क्या क्या करता है। इस संसार में कुछ अभागे जीव ऐसे भी हैं जिन्हें 2 वक़्त का भोजन भी नसीब नहीं हो पाता।
हमारे देश में ऐसे लाखों लोग है जिनके लिए एक वक़्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मौत को गले लगाने जैसा होता है। ये लोग खाने के लिए कुछ भी करने को मजबूर हो जाते हैं। कहते हैं कि इंसान को पापी पेट के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ता। कभी किसी की जान लेनी भी पड़ती है और कभी जान देनी भी पड़ती है। और ये भुखमरी एक मुख्य कारण है कि आज हमारे देश के नौजवान जुर्म की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। एक ओर जहां देश में लोग दाने-दाने के लिए मोहताज हैं, वहीं दूसरी और ऐसे लाखों लोग हैं जो प्रतिदिन झूठी शानो-शौकत का दिखावा कर भोजन को बर्बाद करते हैं। आज कल लोग दिखावे के लिए शादी, बर्थडे पार्टी और यहां तक कि अंतिम भोग में भी तरह तरह के पकवान बनाते हैं और बाद में बचने के बाद उन्हें फेंक देते हैं।
भोजन को बिना किसी मतलब के बर्बाद करना किसी अपराध से कम नहीं है। भोजन की बर्बादी न जाने कितने मासूम लोगों से उनका हक छीन लेती है। भोजन की कमी से ही पेट की आग के हाथों मजबूर होकर न जाने कितने निर्दोष लोग अपराधी बन जाते हैं। भोजन की बर्बादी कहीं न कहीं हमारे देश को गलत दिशा की ओर धकेल रही है। और हम सब को मिलकर इसे रोकना चाहिए।
इस मतलब से भरी दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दुनियादारी में रहते हुए भी अपने आप से पहले दूसरों का, समाज का भला सोचते हैं। ऐसे लोगों के कारण ही इस विकट समय में भी कहीं न कहीं इंसानियत आज भी जिंदा है। वो लोग जो खुद भूखे रहकर दूसरों के पेट की भूख को शांत करते हैं, वे लोग जो अन्न को बर्बाद नहीं बल्कि अन्न को बचाना तथा उसका सही उपयोग करना आता है। आज के इस संसार में ऐसे जीव मिलना एक दुर्लभ बात है किन्तु इस हकीकत के प्रमाण खुद डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी हैं। डेरा सच्चा सौदा एक सामाजिक संगठन है जो सभी धर्मों को एक समान मानने में विश्वास रखता है। डेरा अनुयायी आए दिन कोई न कोई समाजिक कार्य करते रहते हैं और इन्हीं में से एक है- सप्ताह में एक दिन का उपवास रखना तथा उस दिन के बचे हुए अन्न को गरीबों में बांट देना।
जी हाँ इस ये लोग अपने गुरु गुरमीत राम रहीम जी की दी गयी शिक्षा के अनुरूप करते हैं। उनका कहना है कि सप्ताह में एक दिन उपवास रखने स्व शरीर की मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं आपका शरीर सुचारू रूप से कार्य करता है। इसके साथ ही ये लोग बचे हुए अन्न को दान कर देते हैं जो कि एक सराहनीय कार्य है।
दोस्तों, वजह चाहे कोई भी हो, अपने शरीर को स्वस्थ रखने की या फिर आस्था को ध्यान में रख कर किए गए उपवास की, महत्वपूर्ण ये है कि किसी भी इंसान के उठाये गए कदम में दूसरों के लिए क्या हित है? और अगर यह कदम समाज की भलाई के लिए उठाया जाए तो यह अति प्रशंसनीय है।
फाउंडेशन लगाने के बेस्ट टिप्स
स्टेप 1
स्टेप 2
चेहरे और गर्दन पर प्राइमर लगाएं। कुछ लोग मेकअप किट में प्राइमर नहीं रखते लेकिन इसका मेकअप में बेहद अहम रोल होता है। यह आपके चेहरे के छिद्रों को बंद करता है साथ ही इससे मेकअप ज्यादा देर तक टिका रहता है।
स्टेप 3
स्टेप 4
ये गलतियां न करें
फाउंडेशन की खरीदारी
शेड की जांच
सिर्फ चेहरे पर फाउंडेशन लगाते हैं
स्पॉन्ज का इस्तेमाल न करें
कैसे चुनें सही फाउंडेशन
त्वचा के अनुसार
आज जहां एक तरफ डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी बाबा राम रहीम के पिताजी- नम्बरदार बापू मग्घर सिंह जी की पुण्य तिथि के अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ सीबीआई कोर्ट में बाबा राम रहीम की ज़मानत की कार्यवाही चल रही थी। ३ अगस्त को बाबा राम रहीम पर कथित रूप से साधुओं को नपुंसक बनाने के आरोप लगाए गए थे, व सीबीआई ने बाबा राम रहीम, डॉ एम् पी सिंह व् डॉ पंकज गर्ग पे केस तय किया था। २३ अगस्त को जज सुनील राठी द्वारा बेल याचिका ख़ारिज करने के बाद बाबा राम रहीम ने जज जगदीप सिंह की अदालत में याचिका दायर की थी।
इस केस में सीबीआई की स्थानीय विशेष अदालत ने बाबा राम रहीम को ज़मानत दे दी है।बचाव पक्ष के वकील तनवीर अहमद मीर व ध्रुव गुप्ता की दलीलों से सहमत होते हुए सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने बाबा राम रहीम की ज़मानत का फैसला सुनाया। डॉ एम् पी सिंह को भी इस मामले में बेल दे दी गई है। डेरा के प्रबंधकों का कहना है की उन्हें माननीय न्यायालय पे पूरा भरोसा है।
उल्लेखनीय है की डेरा सच्चा सौदा के समर्थकों में जहाँ उनके गुरूजी पे उनका ढृढ़ विश्वास बना हुआ है, वहीँ उन्हें यकीन भी है की जल्द ही सच उजागर होगा और उनके गुरूजी जल्द ही वापिस आएंगे। ऐसे में अपने गुरूजी की प्रेरणा पे चलते हुए आज भी उन्होंने रक्तदान शिविर लगाया है, व किसी भी अवसर पे वे मानवता भलाई के कार्य करने से नहीं चूकते, फिर चाहे वह स्वच्छ भारत दिवस हो, पौधरोपण , या मरणोपरांत शरीरदान। गौरतलब है की बाबा राम रहीम के 6.5 करोड़ से भी अधिक अनुयायी हैं।