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January 2019

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हमारा मनुष्य शरीर ईश्वर द्वारा दी गई अनमोल नियामत है । इसका ध्यान रखना हमारा परम् कर्तव्य है ,क्योंकि जब हम बीमार पड़ते है तो हमे बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। बीमारी की अवस्था में हम स्कूल ,कॉलेज या दफ्तर भी नही जा पाते हैं। सरल शब्दों में , हमारी दिनचर्या पूर्णतः बाधित हो जाती है ।

कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके द्वारा आप कम खर्च में अपनी सेहत का ध्यान (Health Tips Hindi Mai) रख सकते हैं ।

सर्वप्रथम ,आप जानते ही होंगे की अंग्रेजी भाषा में कहा गया है कि ‘Prevention Is Better than Cure‘ अर्थात इलाज कराने से अच्छा है , हम पहले से ही एहतियात बरतें ताकि हमें बार-बार बीमारी का सामना न करना पड़े |

हम कुछ ऐसे कदम उठा सकते है जिसके द्वारा बार बार होने वाली भयंकर बिमारिओं से बचा जा सकता है ।

Best Health Tips in Hindi – Health Jankari

निम्नलिखित सरल उपाय आपके लिए कारगर सिद्ध हो सकते हैं:

अपने खान-पान का रखें ध्यान

अच्छी सेहत के लिए अति जरूरी है कि आप अपने खान-पान का ध्यान ऱखे । अक्सर देखा जाता है कि लोग मैदे से बने पदार्थों का सेवन बहुत अधिक मात्रा में करते हैं , और जो कि निन्म समस्याओं का कारण बन सकता है |

  • फ़ास्ट-फ़ूड में विद्यमान कैलोरी से आपका वज़न बढ़ता है जो मोटापे का कारण बन जाता है ।
  • सांस लेने में तकलीफ व अस्थमा सहित यह अनेक प्रकार की श्वसन समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है ।

एक शोध के अनुसार , जंक फूड्स की लत एक दम तम्बाकू या अन्य प्रकार के नशे की लत के प्रकार की होती है जिसको दृढ-निश्चय द्वारा ही छोड़ा जा सकता है ।इसके साथ साथ आपको यह भी स्वीकार करना होगा कि यह सेहत के लिए नुकसानदेह है, एक ऐसा नुकसान जिसकी किसी भी कीमत पर भरपाई नही की जा सकती ।

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Take Care of Your Food & Drink

अतः “आहार शुद्धो सत्तव शुद्धि” के नियम का पालन करते हुए आगे बढ़े ,अर्थात “जैसा अन्न होगा वैसा ही मन होगा “।

व्यायाम कीजिये – Do Exercise Regularly – Health Care in Hindi

आप किसी भी उम्र के स्वामी है , चुस्त दुरुस्त जीवन की खातिर आपको कसरत तो करनी ही होगी ।

आखिर कसरत क्यों आवश्यक है?

  • इस से आपकी हड्डियां व मासपेशियां मज़बूत होगी ।
  • कैलेस्ट्रोल का ख़तरा घटेगा । Control cholesterol.
  • आपकी आयु भी बढ़ सकती है ।

यह जानना भी रुचिकर होगा कि आप खेल-कूद अर्थात बास्केटबॉल , टेनिस या फुटबाल द्वारा भी कसरत कर सकते हैं क्योंकि इस से आप मानसिक वृद्धि के साथ-साथ शारीरिक वृद्धि प्राप्त कर लेने की चरम सीमा पर होंगे ।

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नींद की भरपूर मात्रा

एक निरंतर पर्याप्त नींद का होना सभी वर्ग के व्यक्तिओं के लिए नितांत आवश्यक है ।

विद्ववानों के अनुसार , नये जन्मे बच्चे 16 से 18 घण्टे सोते है , 1 से 4 वर्ष के बच्चे 14 घण्टे सोते है । किशोरो को 9 से 10 घण्टे सोना चाईए व बड़ो को 7 से 8 घण्टे ।।

आगे बढ़ते हुए , अब कुछ और महत्वपूर्ण उपायों के बारे में संक्षेप में जानते है जिसके द्वारा आप स्वयं को स्वस्थ रख सकते है ।

  • क्लोरीन युक्त पानी का इस्तेमाल कीजिये ।
  • शाकाहारी भोजन का ही सेवन कीजिए ।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखिए ।
  • चिकिसत्क को जेनेरिक दवा लिखने का ही आग्रह कीजिये।have plenty of sleep exclusive samachar

Meditation Benefits for Brain in Hindi

meditation benefits for brain in hindi

इसके साथ-साथ ‘ध्यान’ को कभी न भूलिये : क्योंकि इसके द्वारा आप अपनी बुद्धि व शरीर को सुदृढ़ कर सकते है क्योंकि यह शरीर एक चलता फिरता मंदिर है जिस मंदिर में विद्यमान ईश्वर को ध्यान प्रक्रिया द्वारा ही प्रसन्न किया जा सकता है ।

कभी कभी अचानक ही हमें कुछ अचरज भरा देखने या सुनने को मिलता है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ जब मैं आज कहीं जा रही थी और रास्ते में कुछ लोगों को आपस में बातें करते सुना। वो बात कर रहे थे डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही शाह सतनाम सिंह जी के जन्मदिन की, जिनका जन्म 25 जनवरी 1919 को हुआ था। आज 25 जनवरी 2019 में उनका 100वां जन्मदिन आने वाला है। मगर डेरा सच्चा सौदा के तीसरे गद्दीनशीन बाबा राम रहीम आज-कल जेल में दो केसों की सजा काट रहे हैं, फिर भी इनके अनुयायी यह जन्मदिन मनाने जा रहे हैं। मैंने उनसे यह भी सुना कि इनके अनुयायियों का जन्मदिन मनाने का तरीका भी अलग है। आइऐ हम चर्चा करते हैं इनके अनूठे तरीकों की।

जन्मदिन कितने दिन मनाया जाता है

आप सोच रहे होंगे, कैसा प्रश्न है ये कि जन्मदिन कितने दिन मनाया जाता है? जन्मदिन तो एक ही दिन मनाया जाता है, जी हां जन्मदिन तो एक ही दिन मनाया जाता है, मगर इनके अनुयायी एक दिन नहीं, दो दिन नहीं, बल्कि पूरा जन्म महीना मनाते हैं। ऐसा क्या है इस महापुरुष में जो इस दुनिया में भी नहीं है, फिर भी इनके अनुयायी इनके जन्मदिन की ख़ुशी पूरा महीना मनाते हैं? वे दयालु स्वभाव के थे, रूहानियत के सच्चे सराबोर थे, उन्होंने लाखों लोगों को बुराइयों से बचाकर नेक इन्सान बनाया, उन्होंने अपनी जीवोद्धार् यात्रा के दौरान 4142 सत्संग किऐ और 1,110,630 लोगों को नाम शब्द देकर उनको रुहानियत का सीधा रास्ता बताया।

कैसे मनाते हैं जन्मदिन

जैसे कि हम सब को पता है कि जन्मदिन केक काटकर, अपने दोस्तों और परिवार के साथ पार्टी करके मनाया जाता है। मगर यहां हमने देखा कि इनके अनुयायियों का जन्मदिन मनाने का तरीका भी अनूठा है। वे नाच कर , गुरु चर्चा करके और मानवता भलाई के कार्य कर के खुशी मनाते हैं।जैसा कि हम सब जानते हैं कि सर्दी के मौसम में कुछ लोग गर्म कपड़े और सिर पर छत न होने के कारण अपनी जान तक गँवा बैठते हैं। इनकी जान बचाने के लिए इस बार डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों ने गरीबों को रजाई, कंबल, गर्म कपड़े आदि बांट रहे हैं। यही नहीं, जो लोग गरीबी के कारण भूखे पेट फुटपाथ और सटेशन पर सोते हैं, उनको भी यह लोग खाने पीने का सामान, गर्म कपड़े और राशन भी बाँट रहे हैं। गरीब बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ये लोग उनको मुफ्त में किताबें, पैन,पैनसिल, रबड़, शार्पनर, कापियाँ आदि भी प्रदान कर रहे हैं। अचरज भरी बात यह है कि मानवता भलाई के कार्यों में इन अनुयायियों की स्टेट तौर पर प्रतियोगिता भी चल रही है।

अंत में मैं यही कहना चाहूंगी कि किसी भी महापुरुष का जन्मदिन मनाना हो तो इसी तरीके से मनाएं। और अपने जनम दिवस पर भी किसी दीन दुःखी की मदद ज़रूर करें।
अब देखना यह है कि इस बार 25 जनवरी को इनके अनुयायी कैसे मनाऐंगे यह 100वां जन्मदिन। जानने के लिए इंतजार करें हमारे अगले आर्टिकल का।

संगत का असर सब कुछ बदल देता है। संगत अर्थात् दोस्ती, मित्रता, साथ|  संगत के कारण चाल-ढाल, पहरावा, खानपान, बात करने का तरीका, चरित्र, हर चीज़ में बदलाव आ जाता है। हमारी संगत व मित्रता का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है| क्यों ज़रूरी है नेक लोगों का संग करना? इसी बात को हम आज एक आर्टिकल के जरिए बताने जा रहे हैं।

आपने यह कहावत तो सुनी होगी कि खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है। इस कहावत का अर्थ यह है कि संगत का असर हर किसी पर, कम या अधिक, होता ही है। इस कहावत से मिलती-जुलती राय वैज्ञानिकों की भी है जिनका यही कहना है कि बच्चों की आदतों पर उनके भाई-बहनों और मित्रों के व्यवहार और तौरतरीकों का बहुत ज्यादा असर होता है। बच्चे ज्यादातर बातें अपने भाई-बहनों व अपने माँ-बाप को देखकर ही सीखते हैं।

कदल सीप भुजंग मुख, स्वाति एक गुन तीन

जैसी संगति बैठिए, तैसोई फल दीन

जैसे एक ही स्वाति बूंद केले के गर्भ में पड़कर कपूर बन जाती है, सीप में पड़कर मोती बन जाती है और अगर सांप के मुंह में पड़ जाए तो विष बन जाती है। ठीक उसी तरह इंसान की संगत का उस पर अच्छा या बुरा प्रभाव ज़रूर पड़ता है|

कहते हैं कि व्यक्ति योगियों के साथ योगी और भोगियों के साथ भोगी बन जाता है। व्यक्ति को जीवन के अंतिम क्षणों में गति भी उसकी संगति के अनुसार ही मिलती है। संगति का जीवन में बड़ा गहरा प्रभाव पड़ता है। नेक संगति से मनुष्य जहां महान बनता है, वहीं बुरी संगति उसका पतन भी करती है। छत्रपति शिवाजी बहादुर बने। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनकी मां ने उन्हें वैसा वातावरण दिया।

ऐसे ही कुछ दिन पहले मैं भारत की एक ऐसी संस्था, जिसको डेरा सच्चा सौदा के नाम से जाना जाता है, में गई और वहां मैंने देखा कि ऐसे संत हुए हैं जिनका संग करने से करोडों जिंदगियों में बदलाव आया। जहां लोग नशों में धुत्त रहते थे, वैश्य वृत्ति में फंसे हुए थे, चोरी ,ठग्गी, बेईमानी, मोह, लोभ, अंहकार, माया, रिश्वतखोरी आदि जैसी बुराइयों के नुमाइंदे थे, वहां मैंने देखा कि उन लोंगों ने उस सच्चे महापुरुष का संग करके सभी बुराइयों को अलविदा कहा और सच्चे संग के असर को एक नई मिसाल दी। उनका कहना है कि

             अगर बैठोगे पास अग्नि के जाकर

             तो उठोगे अपने कपड़े जलाकर

             और अगर बैठोगे फूलों में जाकर

             तो उठोगे कपडों में खुशबू बसाकर

तो जहां दुनियावी नेक संग से हम दुनियावी ऊँचाइयों को छू सकते हैं, वहीं सत्संग से ना केवल हम दुनियावी, बल्कि रूहानियत ऊँचाइयों को भी छू सकते हैं और अपने अंदर के विकारों से भी निजाद पा सकते हैं| इसलिए आप जहां भी रहें, अपनी मित्रता व संगति का ध्यान रखें, सदा नेकी का संग करें और हो सके तो सर्वश्रेष्ठ सत्संग करें|

बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान और शाहरुख खान के बीच हुए झगड़े से हर कोई परिचित है इस विवाद के बाद अगर कोई चर्चित विवाद रहा है तो वह कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर के बीच हुआ विवाद है जो कि मार्च 2017 में हुआ था जिसकी वजह से सुनील ग्रोवर ने “द कपिल शर्मा शो” को छोड़ा था

लेकिन 1 साल के बाद कपिल शर्मा और सुनील ग्रोवर के बीच दोस्ती की खबर आई और दोनों ने फिर से टीवी शो पर वापसी की लेकिन एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग शो में।

जहां कपिल शर्मा ने द कपिल शर्मा सीजन टू शो के साथ तो वही सुनील ग्रोवर ने कानपुर वाले खुरानाज़ शो के साथ वापसी की।

कानपुर वाले खुरानाज़ शो खत्म होने जा रहा है और यह खबर मिली है कि सुनील ग्रोवर कपिल शर्मा के साथ फिर से द कपिल शर्मा शो करने के लिए तैयार हैं जबकि इस खबर के बारे में कोई पुष्टि नहीं हुई है।

वही कानपुर वाले खुरानाज़ शो की मेकर्स प्रीति सिमोज़ ने इस खबर को गलत बताया और कहा कि सुनील ग्रोवर पहले से ही बहुत व्यस्त है सलमान खान की भारत फिल्म की शूटिंग मे व्यस्त हैं उनके पास किसी और प्रोजेक्ट के लिए समय नहीं है।

हाल ही में जगबानी टीवी से बातचीत के समय नवजोत सिंह सिद्धू से सुनील ग्रोवर की वापसी की खबर के बारे में पूछा गया।

उन्होंने इस जानकारी की कोई पुष्टि तो नहीं की लेकिन यह कहा कि वह और कपिल दोनों सुनील ग्रोवर का दिल से स्वागत करते हैं अगर वह इस शो में वापसी करना चाहते हैं । उन्होंने कहा कि कपिल शर्मा शो ईश्वर के बनाए गुलदस्ते की तरह है जिसे कोई भी जोड़ और तोड़ नहीं सकता है। सुनील ग्रोवर शो को छोड़कर गए थे , लेकिन आज भी वह इस फैमिली का हिस्सा है।

एक युवा संन्यासी के रूप में भारतीय संस्कृति की सुगंध विदेशों में बिखेरनें वाले स्वामी विवेकानंद साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकाण्ड विद्वान थे। स्वामी विवेकानंद ने‘योग’, ‘राजयोग’ तथा ‘ज्ञानयोग’ जैसे ग्रंथों की रचना करके युवा जगत को एक नई राह दिखाई है जिसका प्रभाव जनमानस पर युगों-युगों तक छाया रहेगा। कन्याकुमारी में निर्मित उनका स्मारक आज भी स्वामी विवेकानंद महानता की कहानी बताता है।

स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय

संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है असंभव से भी आगे निकल जाना।

ऐसी सोच वाले व्यक्तित्व थे “स्वामी विवेकानंद”। जिन्होनें अध्यात्मिक, धार्मिक ज्ञान के बल पर समस्त मानव जीवन को अपनी रचनाओं के माध्यम से सीख दी वे हमेशा कर्म पर भरोसा रखने वाले महापुरुष थे। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक कोशिश करते रहना चाहिए जब तक की लक्ष्य हासिल नहीं हो जाए।

तेजस्वी प्रतिभा वाले महापुरुष स्वामी विवेकानंद के विचार काफी प्रभावित करने वाले थे जिसे अगर कोई अपनी जिंदगी में लागू कर ले तो सफलता जरूर हासिल होती है – यही नहीं विवेकानंद जी ने अपने अध्यात्म से प्राप्त विचारों से भी लोगों को प्रेरित किया जिसमें से एक विचार इस प्रकार है –

उठो जागो, और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो‘ ।।

स्वामी विवेकानंद ने अपने आध्यात्मिक चिंतन और दर्शन से न सिर्फ लोगों को प्रेरणा दी है बल्कि भारत को पूरे विश्व में गौरान्वित किया है।

स्वामी विवेकानंद जी की जयंती

स्वामी विवेकानंद के जन्म तिथि 12 जनवरी को राष्‍ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। विवेकानंद जी ऐसी महान शख्‍सियत थे जिनका हर किसी पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

स्वामी विवेकानंद की जिंदगी के रहस्य:

परोपकार

स्वामी विवेकानंद जी का मानना था कि परोपकार की भावना समाज के उत्थान में मद्द करती है इसलिए सभी को इसमें अपना योगदान देना चाहिए। वे कहते थे कि ‘देने का आनंद पाने के आनंद से बड़ा होता है’।

कर्तव्यनिष्ठा

स्वामी विवेकानंद जी का मानना था कि जो भी करो पूरी शिद्दत से करो नहीं तो नहीं करो । वे खुद भी जो भी काम करते थे पूरी कर्तव्यनिष्ठा से करते थे और अपना पूरा ध्यान उसी काम में लगाते थे शायद इसी गुण ने उन्हें महान बनाया।

लक्ष्य का निर्धारण करना

स्वामी विवेकानंद जी मानते थे कि सफलता पाने के लिए लक्ष्य का होना आवश्यक है क्योंकि एक निश्चित लक्ष्य के निर्धारण से ही आप अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।

सादा जीवन

स्वामी विवेकानंद जी सादा जीवन जीने में विश्वास रखते थे । वे भौतिक साधनो से दूर रहने पर जोर देते थे। उनका मानना था कि भौतिकवादी सोच और आनंद इंसान को लालची बनाती है।

डर का हिम्मत से सामना करो

स्‍वामी विवेकानंद का मानना था कि डर से भागने के बजाए उसका सामना करना चाहिए। क्योंकि अगर इंसान हिम्मत हारकर पीछे हो जाता है तो निश्चचत ही असफलता हाथ लगती है वहीं जो इंसान इसका डटकर सामना करता है तो डर भी उससे डर जाता है।

भारतीय नवजागरण के अग्रदूत, भारत के युवाओं के पथ प्रदर्शक, महान दार्शनिक व चिंतक स्वामी विवेकानंदजी को शत्-शत् नमन्। जय हिन्द, जय भारत! वन्दे मातरम!!