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June 2020

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happy father's day - Exclusive Samachar

Father’s Day 21 जून 2020

मां और बाप दोनो जिंदगी के अनमोल तोहफे हैं। मां बाप हर बच्चे के पहले गुरु होते हैं। बच्चा जैसे ही गर्भ में आता है तो माँ बाप को उसकी बहुत परवाह होती है, मां बाप सपने संजोते हैं, और जैसे ही बच्चा पैदा होता है तो फिर तो माँ की ममता और बाप का प्यार पूरी तरह से अपने बच्चे के लिए छा जाता है।मां को भगवान का दर्जा दिया गया है हमारे धर्मों में। मां हमें जन्म देती है ओर पिता पालनहार होता है। जिस तरह दुनिया मां के सम्मान में mother’s day मनाती है , उसी तरह पिता के सम्मान में father’s Day मनाया जाता है।हर वर्ष जून महीने के तीसरे रविवार को Father’s Day मनाया जाता है।

कैसा होना चाहिए एक पिता को अपने बच्चों के लिए

How a father should be? - Exclusive Samachar

मां और बाप दोनो का प्यार और उनकी सही सलाह बच्चे के लिए सबसे बड़ा सहयोग होती है, क्योंकि हम बात कर रहे हैं father’s day पर तो एक पिता को अपने बच्चों के साथ एक दोस्त की तरह रहना चाहिए ,ताकिआपके बच्चे आपके साथ हर छोटी छोटी बात करें।क्योंकि शुरू से ही अगर आपके बच्चे आपके साथ हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात शेयर करेंगे तो आपको उनके बारे में सब पता होगा, उनके friend circle का ज्ञान होगा। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा गलत संगत में पड़ रहा है , तो आप उसे समझाकर अच्छे नेक रास्ते पर लेकर जाएंगे।क्योंकि वो बच्चा आपका खून है और मां बाप कभी भी अपने बच्चे को गलत रास्ते पर नही लेकर जाएंगे।आपका बच्चा कभी भी अकेलापन महसूस नही करेगा।

चाहे बेटा है या बेटी आप उसे अच्छे नेक संस्कार दे ताकि वो हर अच्छे नेक क्षेत्र में आपका नाम रोशन कर दे

इसके लिए fathers को एक छोटा सा काम करना होगा।आप राक्षश पिता मत बनिये बल्कि बहुत cool और एक best friend की तरह अपने बेटे और बेटी के साथ रहिए।हां, अगर आपका बच्चा कोई गलती करता है तो उसे प्यार से समझाइए की नही बेटा, ये सही है और ये गलत ।

Father’s Day Kaise Manaye Jata Hai?

अपने पिता के लिए जो प्यार एक बेटा या बेटी का होता है वो वाकई बयान नही किया जा सकता।
आप अपनी तरफ से अपने father को बहुत सारे गिफ्ट दे सकते हैं। अपने पिता का हमेशा सम्मान कीजिये।Fathers Day को Cake काटकर,  अच्छे-2 Gifts देकर , Greetings देकर मनाया जाए तो कहना ही क्या है और इसके साथ ही ये प्रण किया जाए कि पिता का सम्मान हमेशा करेंगे तो फिर कहना ही क्या।

कोरोना काल में कैसे मनाये Father’s Day

इस कोरोना काल में बाहर न निकलना ही अच्छा है ।इसलिए बेहद जरूरी है कि आप घर पर रहकर ही 21 जून के दिन Celebrate करें।घर पर Cake बना सकते हैं जैसे मिल्क केक काफी अच्छा Option है।इसके अलावा अपना समय अपने  पिता के साथ बिताएं, अगर कभी कुछ गलत बोला गया हो तो उसके लिए अपने पिता से माफी मांगे।हर ऐसा नेक कार्य करें जिससे आपके पिता को बेहद खुशी हो और आप पर गर्व हो ।

कब हुई रक्तदाता दिवस मनाने की शुरुआत

आइए blood donation ke fayde को जानने से पहले विश्व रक्तदाता दिवस पर कुछ रोचक तथ्यों के माध्यम से जाने। इस दिवस को मनाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2004 में की गई। वर्ष 1997 में World Health Organisation (WHO) ने  100 फ़ीसदी स्वैच्छिक रक्तदान की शुरुआत की। उनका लक्ष्य ये था की विश्व के 124 देश अपने यहाँ स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा दे। उनका उद्देश्य था की ख़ून की जरूरत पड़ने पर किसी को भी पैसे देने की जरूरत ना पड़े लेकिन इस पर लगभग 49 देशों ने ही अमल किया। कई देशों में 80 प्रतिशत रक्त दाता पैसे नहीं लेते। लेकिन कई देश ऐसे भी हैं जहाँ रक्तदाता पैसे लेते हैं इसमें भारत भी शामिल है, और वहीं कुछ देश ऐसे भी है जहां रक्तदाता निशुल्क रक्तदान करते हैं।

आखिर 14 जून को ही रक्तदान दिवस क्यों मनाया जाता है?

कार्ल लैंडस्टाइनर एक महान वैज्ञानिक थे। जिनका जन्म 14 जून 1868 में हुआ था। उन्होंने मानव रक्त में उपस्थित  एग्लूटिनिन की मौजूदगी के आधार पर  रक्तकणों का अलग अलग समूहों A,B,O में वर्गीकरण कर  चिकित्सा विज्ञानं में अपना अहम योगदान दिया। जिसके बाद से ही ब्लड ग्रुप का पता लगाना आसान हुआ। वर्ष 1930 में इनको नोबल पुरष्कार से भी  सम्मानित किया गया। इस कारण हर वर्ष  रक्तदान को बढ़ावा देने व रक्तदाताओं का धन्यवाद करने के लिए  14 जून को सारी दुनिया में  वर्ल्ड डोनर डे मनाया जाता है।

रक्तदान करना क्यों जरूरी है?

रक्तदान करना आज कई कारणों से जरूरी होता जा रहा है, क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता और दिल की बीमारियां होने का खतरा नहीं रहता।इस से दूसरों को जीवनदान दिया जा सकता है। अब तक किसी ऐसी मशीन का पता नहीं लगा है जो कृत्रिम खून तैयार कर सके। किसी रक्तदाता के द्वारा रक्तदान करने पर ही खून की कमी को पूरा किया जा सकता है। हर साल करोड़ों लोगों को रक्त की जरूरत होती है पर कुछ नसीबवालों को ही रक्त मिल पाता है। सिकल सेल के मरीज को कई बार ब्लड डोनेशन की जरूरत पड़ती है। अकेले एक कार एक्सीडेंट में ही 100 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ सकती है।एक बार ब्लड डोनेशन करने से या 3 जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। 

रक्तदान को लेकर भ्रातियाँ

‘रक्तदान करेंगे तो कमजोर हो जाएंगे’ लेकिन ऐसा नहीं है एक या 2 दिन में पूरी तरह से पिछली हालत में पहुंचा जा सकता है।

‘रक्तदान करने के बाद सामान्य तरीके से काम नहीं कर पाएंगे’ बिल्कुल कर सकते हैं सिर्फ 12 घंटे तक  heavy exercise ना करें 

‘काफी वक्त निकाल लिया जाएगा’ सिर्फ (1 unit)350ml रक्त ही लिया जाता हैं। एक औसत व्यक्ति के शरीर में 5 से 6 लीटर (10 unit) खून होता है। रक्तदान करना बहुत ही आसान है।इस से डरने की जरुरत नहीं है।

‘ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है इसलिए ब्लड डोनेट(Blood Donate) नहीं कर सकते’ अगर रक्तदान के समय रक्तचाप 180 सिस्टॉलिक और 100 डायस्टॉलिक है, तो आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

रक्तदान कैसे किया जाता है

सबसे पहले आप का रजिस्ट्रेशन होता है। आपका नाम, उम्र, पता आदी जानकारी ली जाती है।

Medical History ली जाती है।

आपका mini-physical चेकअप किया जाता है। जिसमें आपका ब्लड प्रेशर,  pulse rate,weight, temperature,  ब्लड ग्रुप और Hemoglobin लेवल की जांच की जाती है।

कुछ सावधानियां बरतें

1.जहां से ब्लड डोनेट किया है, सुई लगने की जगह को 10 से 15 मिनट तक दबाकर रखें।

2.अगले 4 घंटे खूब सारा तरल पदार्थ लेना चाहिए, जैसे-पानी ,नींबू पानी, जूस, दूध छाछ आदि।Heavy एक्सरसाइज 1 दिन तक नहीं करनी सिगरेट 30 मिनट तक नहीं पीनी चाहिए।

3.30 मिनट तक गाड़ी ना चलाएं।खाना रोज जितनी मात्रा में ही लेना चाहिए। शराब 6 घंटे तक नहीं पीनी चाहिए।

4.खून देने के बाद अगर चक्कर आए तो लेट जाएं और अपने पैरों को ऊपर उठा ले और खूब पानी पिएं।

blood donation ke fayde - Exclusive Samachar

 रक्तदान कौन कर सकते हैं?

1.कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से 65 साल के बीच की हो वह रक्तदान कर सकता है।

2. जिसका वजन 45kg से अधिक हो वो रक्तदान कर सकता है।

3.जिसने पिछले 3 महीने से रक्तदान नहीं किया वह रक्तदान कर सकता है।

4. जिसे पीलिया, मलेरिया मधुमेह, एड्स, एचआईवी हेपेटाइटिस बी या सी जैसी बीमारियां ना हो वह रक्तदान कर सकते हैं। 

5.रक्तदाता ने शराब या कोई नशीली दवा नाली हो।

6. रक्तदाता की पल्स रेट 50 से 100/min के बीच हो। 

7.शरीर का तापमान 99.5°F से कम हो।

8. खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 gm/dl से ज्यादा होना  चाहिए।

9. पुरुष 90 दिन और महिलाएं 120 दिन बाद दोबारा ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

कौन नहीं कर सकता रक्तदान

1.बच्चों को स्तनपान करने वाली महिला।

2. महावारी के दौर से गुजर रही महिला।

3. पिछले ब्लड डोनेशन के समय काफी चक्कर या थकावट महसूस की हो।

4. अगर आपको कोई drug addiction हो तो आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते

रक्तदान के फायदे

blood donation ke fayde: वैसे तो हम में से अक्सर कई लोग ब्लड डोनेट करते हैं ऐसा करके लोगों की जान बचाई जा सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्लड डोनेट करना हमारे लिए कितना फायदेमंद है।आइए जानते हैं रक्तदान के फायदे:-

मोटापे से बचाव: नियमित ब्लड डोनेट करने से कैलरी और फैट तेजी से burn  होता है, जो मोटापे से बचाता है। 

Iron Level: नियमित तौर पर ब्लड डोनेट करने से आयरन लेवल बैलेंस रहता है जिस से hemochromatosis बीमारी से बचाव होता है।

कैंसर से बचाव: खून में ब्लड का लेवल maintain रहने और नए tissue बनने से कैंसर से बचाव होता है।

हेल्दी हार्ट और लीवर: शरीर में ज्यादा आयरन जमा होने से हर्ट और लीवर डैमेज होने का खतरा बना रहता है लेकिन नियमित ब्लड डोनेट करने से इससे बचा जा सकता है।

बेहतर ब्लड सरकुलेशन:नियमित ब्लड डोनेशन से रक्त का    circulation  अच्छा रहता है इससे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छे से होती है।

हार्ट अटैक से बचाव: ब्लड सरकुलेशन अच्छा होने से  arteries में  blockage or clotting की समस्या नहीं होती इसे heart attack होने का खतरा नहीं रहता।

New Blood Cell:Blood डोनेट करने से हुई कमी को दूर करने के लिए तुरंत  नए ब्लड सेल बनने लगते हैं जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता हैं।

Cholesterol or B.P. control:नियमित तौर पर blood donate करने से cholesterol level भी कम रहता है, और बीपी भी कम रहता है।

Health checkup: ब्लड डोनेशन के दौरान ब्लड की जांच भी होती है जिससे बीमारियों के बारे में पता चल जाता हैं।

Healthy Brain:Research में पाया गया कि नियमित ब्लड डोनेट करने से इंसान को खुशी मिलती है जिस से  Brian healthy होता हैं ।

आइये आज हम जानते है विश्व पर्यावरण दिवस से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी। वैसे तो आप सब जानते ही होंगे, कि सम्पूर्ण विश्व में ५ जून का दिन विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। लेकिन आज हम इस विषय से जुड़ी हर रोचक जानकारी आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं।
जो शायद आपने आज तक ना सुनी हो।

पर्यावरण दिवस की शुरुआत

पर्यावरण प्रदूषण की गम्भीर समस्या पर सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) ने स्वीडन में संपूर्ण विश्व के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें ११९ देशों द्वारा भाग लिया गया।

इसी सम्मेलन में पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु नागरिकों को अवगत कराने का निर्णय लिया गया और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की स्थापना की गई।
उस समय संयुक्त राष्ट्र 5  से 16 जून तक मानव संयुक्त राष्ट्रीय कार्यक्रम (UNE) और आम सभा के द्वारा पर्यावरण दिवस की स्थापना की गई।

इसी दिन से प्रतिवर्ष 5 जून का दिन विश्व भर में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता और राजनीतिक चेतना जागृत करने के लिए यह दिवस मनाया जाता हैं ।

पर्यावरण दिवस बनाना क्यों हुआ अत्यंत जरूरी

अक्सर माना जाता है कि पर्यावरण और हमारे जीवन का अटूट सम्बंध हैं, लेकिन फिर भी हमारे लिए अलग से पर्यावरण की सुरक्षा और विकास का संकल्प लेना अति आवश्यक हैं।
यह हमारे लिए अत्यंत शर्मनाक बात हैं।

 क्योकि हम ख़ुद को अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी मे कुछ इस तरह से व्यस्त कर लेते है कि कुदरत के उपहार इस सुंदर प्रकृति जिसमें अलग अलग वनस्पति है, आसमान है, के बारे में सोच ही नही पाते, नतीजा यह होता है कि इससे पर्यावरण को अत्यंत क्षति पहुँचती है। और ये हमारे लिए ही घातक हो जाता है।

इस सम्बंध में इंदिरा गांधी जी के विचार

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने पर्यावरण की बिगड़ती हालत को लेकर अपनी चिंताओं को जाहिर किया था।
अंतरास्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भारत का ही पहला क़दम माना जाता हैं, जो कि हमारे लिए अत्यंत गौरव की बात हैं।

विश्व भर में यह दिन कैसे मनाया जाता है

पर्यावरण दिवस का संचालन संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के द्वारा किया जाता हैं।

यह सम्मेलन प्रत्येक वर्ष अलग-अलग शहरों द्वारा अलग-अलग theme  के साथ किया जाता हैं।

पर्यावरण दिवस पर 2016 की theme “जीवन के लिए वन्यजीवन में ग़ैरकानूनी व्यापार के खिलाफ संघर्ष” के अनुसार सभी देशों के लोगो को साथ मिलकर जलवायु परिवर्तन के साथ मुकाबला औऱ जंगलो को सुधारने के लिए समझौता था।

पर्यावरण दिवस का विश्व भर में जश्न

प्रतिवर्ष पर्यावरण दिवस पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता हैं, इस दिन भिन्न-भिन्न प्रकार की गतिविधियां लोगों द्वारा देखने को मिलती हैं।
जैसे कि –

पर्यावरण संरक्षण के लिए विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करना जिसमें
वृक्षारोपण करना,कला व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन करना इत्यादि के साथ
 साथ प्रश्नोतरी प्रतियोगिता, वाद-विवाद, निबन्ध लेखन, भाषण जैसी अनेकों क्रियाएँ इस दिन की जाती हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में 2009 में चेन्नई और बैंगलोर में पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढ़ांचे और ग्लोबल वार्मिंग पर अंकुश लगाकर, सभी के लिए ई-कचरा के प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, वन्य जीव संरक्षण, वर्षा के पानी का संरक्षण, ऊर्जा स्त्रोतों का पुनः उपयोग और अन्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से मेले का निर्माण किया गया था।

पर्यावरण दिवस बनाने का लक्ष्य

विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना वास्तव में हमारे ग्रह को सुंदर बनाने के लिए अनेकों योजनाओं और उद्देश्यों के साथ हुई थी।

क्योकि पर्यावरण की तरफ ध्यान केंद्रित करना , पर्यावरण को स्वच्छ रखना, पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए पर्यावरण के लिए एक विशेष कार्यक्रम की स्थापना करना अत्यंत आवश्यक था।

यह दिवस हमें स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ पर्यावरण के महत्व को समझाता हैं।
साथ ही सम्पूर्ण विश्व में पर्यावरण के अनुकूल विकास के लिए लोगों को प्रेरित करने में मदद करता हैं।

इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य मनुष्यों को पर्यावरण के प्रति सचेत करने का हैं ।
यह दिन लोगों को सिखाता है कि सभी राष्ट्रों के लोगों के सुरक्षित औऱ समृद्धशाली भविष्य की उपलब्धता के लिए पर्यावरण का संरक्षण करना अंत्यंत आवश्यक हैं।

कैसे मनाया जाना चाहिए पर्यावरण दिवस

नाम से ही विदित है कि हमारे चारों और का वातावरण।

प्रकृति ने हमें बिल्कुल फ्री में ये पर्यावरण ,ये पेड़ पौधे, ऑक्सीजन दी है। कितने ही साल हम फ्री में ऑक्सीजन लेते है 

हमारा भी फ़र्ज़ है कि हम अपने आस पास के वातावरण को स्वच्छ रखें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं।

रोचक बात

गर सभी ये प्रण कर लें कि हम हर साल अपने इस महत्वपूर्ण दिन जो हमें सबसे प्यारे हैं, उन दिनों में पेड़ लगाएंगे और उनकी सम्भाल करेंगे।

तो मुझे लगता है धरती स्वर्ग जन्नत बन जाएगी। एक अलग ही आभा होगी धरती की और एक अलग ही खुशबू होगी आसमान में।

निष्कर्ष

हमारे पर्यावरण की स्तिथि दिन प्रतिदिन प्रदूषण की वजह से खराब होती जा रही हैं।

आज शहरों में शुद्ध वायु बिल्कुल भी नहीं मिल पाती हैं, काफ़ी लोग प्रतिवर्ष पर्यावरण प्रदूषित होने की वजह से अपनी जान तक गवा बठते है।

हमारे देश के हर नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि वह पर्यावरण की अच्छे से सुरक्षा करें।
अपने आस पास हरियाली औऱ वातावरण को स्वच्छ बनाएं रखें।