आ गया है Zoom – JioMeet से भी बेहतर Video Call App
जी हां, हाल ही में जयपुर की एक कंपनी ने 2000 लोगों की Online Video Call का app बनाया हैं।
इससे पहले बाजार में Zoom Calling Zoom App मौजूद था और Reliance Jio की तरफ से Video Calling App JioMeet Launch की गई।अब जयपुर की कंपनी ने Video Call App VideoMeet बनाकर Zoom App & Jio Meet App को टक्कर दी हैं।
जयपुर की इस कंपनी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया, इसी बात की गहराई को देखते हुए यह app लांच की गई हैं।इस app के जरिये राजनीतिक रैली भी की जा सकती हैं।
Zoom & Jiomeet से बेहतर Videomeet कैसे -अगर हम zoom app की बात करें तो Zoom app फ्री वर्जन में 100 लोग 1 साथ मीटिंग कर सकते है और zoom app paid वर्जन में 1000 लोग zoom online meeting कर सकते हैं।दूसरी ओर Jiomeet Free वर्जन पर 100 लोग online मीटिंग कर सकते हैं और इसके paid वर्जन के बारे में अभी कोई घोषणा नहीं की गई हैं।लेकिन Video meet में लोगो के ऑनलाइन भाग लेने को लेकर कोई लिमिट नहीं हैं।
Video Call Video Meet से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
जयपुर की सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी डेटा इंजेनियस ग्लोबल ने Video Call App VideoMeet बनाया हैं। इस कंपनी का दावा है कि इस app के जरिये 1 साथ 2000 लोग online बैठक कर सकते हैं। इस app के ज़रिए एक सत्र में लोगो के Online भाग लेने को लेकर कोई सीमा नहीं हैं।यह बाकी सभी video apps से बेहतर हैं। Company के संस्थापक अजय दत्त का कहना है कि इस app में लोगों के online भाग लेने की कोई सीमा नहीं हैं, क्योंकि यह “बैंडविड्थ” और “होस्टिंग” की उपलब्ध सुविधा पर निर्भर करेगा।
हरियाणा के इस गांव में ऐसा क्या खास है? जो पीएम मोदी इसकी तारीफ करते नहीं थकते!
गांव का असली सच
जिनके हौसले बुलंद होते हैं, सफलता उनके कदम चूमती है।ऐसा ही कर दिखाया है, पलवल जिले के भिडूकी गांव की ग्राम पंचायत ने। पलवल जिले की सबसे बड़ी पंचायतो में शामिल गाँव भिडूकी आजकल प्रदेश भर में अपनी पहचान बना रहा है।
जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पलवल जिले के गांव भिडूकी की पंचायत की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम में की।इसको ट्विटर पर भी शेयर किया गया। यह गांव आज के समय में सुविधाओं के मामले में आज शहरो को भी पीछे छोड़ रहा है। इस गांव में 2.5 एकड़ जगह में श्री सिद्ध बाबा खेल परिसर, open Jim, वीर अभिमन्यु डिजीटल लाइब्रेरी, बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क, CCTV camera से युक्त चौपाल इस गांव के विकास की गाथा को ब्यान करती है।
गांव की पंचायत ने उठाये बड़े कदम
ग्राम पंचायत भिडुकी ने जोहड़ के ओवरफ्लो पानी से खेतों की सिंचाई करने की योजना तैयार की है। योजना के अनुसार करीब 2 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन डालकर जोहड़ के पानी को नालो तक पहुंचाया जाएगा और ओवरफ्लो होने वाले जोहड़ के पानी को खेतों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
पंचायत की इस पहल की तारीफ ग्रामीण तो कर ही रहे हैं। साथ ही साथ पूरे देश में भी इसकी चर्चा हो रही है।
Water Harvesting System लगाकर जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय पहल कर चुकी पलवल के गांव की पंचायत ने जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी से सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने की योजना की है। जोहड़ के पानी को अब सिवर लाइन के जरिए खेतों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जोहड़ का वाटर लेवल तय किया जाएगा। तथा उसके ऊपर पहुंचने वाला पानी करीब 2 किलोमीटर लंबी लाइन में प्रवेश करेगा। वहां से पानी साफ होकर खेतों तक पहुंचेगा। इस से जुहड़ का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर नहीं आएगा। वहीं सिंचाई के लिए भी अतिरिक्त व्यवस्था हो जाएगी।
भिडूकी गाँव के सरपंच
भिडूकी गांव के सरपंच सत्य देव गौतम ने फरीदाबाद में रहकर B.Tech और MBA किया है। लाखों रुपए की नौकरी को छोड़ कर गांव के सरपंच बने और गांव की तस्वीर बदलने में लगे हुए हैं। सत्यदेव गौतम ने बताया कि भिडुकी में वैसे तो सिंचाई के लिए नहर के पानी की व्यवस्था है। लेकिन इसके बावजूद पंचायत जल संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय पहल करती रहती है।
जो जोहड़ के ओवरफ्लो पानी तथा घरों से निकलने वाले पानी के संरक्षण की योजना के तहत सिविल लाइन डाली जा रही है। जोहड़ से सिंचाई वाले नाले तक करीब 2 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन में जल शोधन की योजना तैयार की गई है। सीवर लाइन में करीब हर 300 फुट की दूरी पर 15 मैनहोल बनाए गए हैं। जिनमें से पानी साफ होकर आगे जाएगा।अगर किसी किसान को अपने खेतों में सिंचाई करनी होगी तो वह मैनहोल में पाइप डाल कर खेत तक अपना पानी ले जा सकता है। अन्यथा सारा पानी सिंचाई के लिए नाले में इकट्ठा हो जाएगा।
सत्यदेव का कहना है कि दिन प्रतिदिन जल का स्तर नीचे जा रहा है। तो ऐसे में हमें जल संरक्षण को बढ़ावा देने की जरूरत है। उनका कहना है कि हमारे गाँव में 4 जोहड़ हैं और एक लेवल के बाद उनके ओवरफ्लो पानी को सीवर लाइन के माध्यम से सिंचाई के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं। ऐसा करने से जल स्तर भी ऊंचा होगा।और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
इसके साथ-साथ गांव में 3 जगहों पर – सरकारी स्कूल – स्वास्थ्य केंद्र – बस्ती (छोटी कॉलोनी) वहाँ पानी को निकालने की समस्या थी। इसलिए वहां पर ग्राम पंचायत द्वारा Rain Water Harvesting System लगाया गया है। जिसमें सारी कॉलोनी का पानी, स्कूल का व स्वास्थ्य केंद्र का पानी अलग-अलग जो multiple manhole system है। जिसमें तीन Manhole बनाए गए हैं। 1. Heavy impurities को रोकने के लिए। 2. Filtration Tank है। जिसमे कंकरीट (stone) डाले गए हैं, जो पानी साफ करते हैं3. 10 इंच का बोर जो 100 से 120 फुट गहरा है। तो पानी आता है। साफ होने के बाद जमीन में चला जाता है। जिसके दो फायदे हैं। 1 जल स्तर बढ़ रहा है। 2.जो अनुभव किया गया।वो TDS Value है यानी पानी का खारापन इसमे सुधार हुआ है।
गाँव के लोगों ने कहा
हमारे गाँव की ग्राम पंचायत ने जो जल संरक्षण को बढ़ावा देने की पहल की है, वो क़ाबिले तारिफ हैं। इस से जल स्तर तो बढ़ेगा ही साथ ही खेती करने में भी मदद मिलेगी। आज हमारे लिए यह गौरव की बात है कि प्रदेश भर में व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी तक हमारे गाँव के चर्चे हो रहे हैं।नंबरदार वीरेंद्र का कहना है – उन्होंने कहा कि हमारे गाँव भिडूकी की ग्राम पंचायत से अन्य ग्राम पंचायतों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। हमारे गाँव में digital library होने से गाँव के बच्चों की समस्याएं भी दूर हो गई है। बच्चों को अपने सपने साकार में यह लाइब्रेरी बहुत सहायक होगी।
स्थानीय निवासी
ग्राम पंचायत के सदस्यों व गांव के सहयोग से गांव में काफी कार्य किए गए हैं। लेकिन अभी कुछ कार्य करना बाकी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नजर अब हमारी गाँव पर आई है, तो जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ गई है। आने वाले समय में इस गांव में वह हर सुविधा होगी जो NCR के बड़े शहरों में हैं।
सुशांत सिंह राजपूत को आखिरी फिल्म के जरिए दी जाएगी श्रद्धांजलि|
दोस्तों आपको बता दें कि ‘दिल बेचारा’ फिल्म का ट्रेलर आखिरकार यूट्यूब पर रिलीज कर दिया गया है। जिसका फैंस को बेसब्री से इंतजार था। यूट्यूब पर इस ट्रेलर ने धूम मचाई हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत इस फिल्म में संजना सांघी के साथ नजर आएंगे।24 जुलाई को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की जाएगी।सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म है ‘दिल बेचारा’|
14 जून, 2020 को सुशांत सिंह राजपूत अपने मुंबई वाले घर में मृत पाए गए थे। तभी से उनके फैंस उनको परदे पर देखने के लिए पूरी तरह बेताब थे। इसी वजह से ‘दिल बेचारा’ फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर रिलीज कर दिया गया है। जिसमें सुशांत एक जांबाज व्यक्ति के रोल में नजर आ रहे हैं। जो जिंदगी में अपने हर क्षण को खुशी से जीना चाहते हैं। ‘दिल बेचारा’ फिल्म 24 जुलाई, 2020 को ओटीटी प्लेटफार्म हॉटस्टार डिज़्नी पर रिलीज होगी। सुशांत सिंह राजपूत को श्रद्धांजलि देने के लिए यह फिल्म सबके लिए उपलब्ध होगी भले ही सब्सक्रिप्शन हो या ना हो। यह फिल्म “द फॉल्ट इन आउर स्टार्स” उपन्यास पर आधारित है जो के “जॉन ग्रीन” द्वारा लिखित है। यह फिल्म दो कैंसर पेशेंट्स की जिंदगी पर आधारित है। फैंस में इस फिल्म के लिए उत्साह बहुत ही जबरदस्त है।
अगर बात करें सुशांत सिंह राजपूत की तो दिल्ली से अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर 2002 में मुंबई आ गए थे। ज़ी टीवी के शो ‘पवित्र रिश्ता’ से उन्हें खूब लोकप्रियता मिली. उसके बाद उन्होंने बड़े पर्दे पर अपना जादू बिखेरा। लोगों ने उनके अभिनय को खूब सराहा। सुशांत ने Kai Po Che, एम एस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी, केदारनाथ, शुद्ध देसी रोमांस, राब्ता, सोनचिड़िया आदि कई हिट फिल्में दी। उनकी आखिरी फिल्म ड्राइव को नेट फिक्स पर ही रिलीज कर दिया गया था।
गुरु के प्रति आदर-सम्मान और अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए यह विशेष पर्व गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। भारत में, गुरु पूर्णिमा हमेशा गुरु-शिष्य परम्परा या शिक्षकों और उनके छात्रों के बीच के अनोखे संबंधों के लिए बहुत खास दिन रहा है। आइए जानते हैं कि 2020 में Guru Purnima Kab Hai और इस दिन के बारे में सब कुछ।
इस वर्ष गुरु पूर्णिमा कब है?
यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की जून-जुलाई के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 5 जुलाई 2020 को मनाया जा रहा है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल गुरु पूर्णिमा जुलाई में ही आती है। इस बार यह 16 जुलाई को है।
गुरु पूर्णिमा का हमारे हिंदू धर्म में विशेष महत्व है हिंदुओं में गुरु का स्थान सर्वश्रेष्ठ है। हमारे यहां गुरुओं को भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है। गू का अर्थ है अंधकार और उनका अर्थ है प्रकाश।
अर्थात – वह गुरु ही है जो अज्ञानता रूपी अंधकार में प्रकाश रूपी दीपक जला दें। जो हमें सही मार्ग दिखाएं। यही कारण है कि देशभर में गुरु पूर्णिमा का उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।
माना जाता है कि इस दिन तमाम ग्रंथों की रचना करने वाले महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास यानी महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। वे संस्कृत के महान विद्वान थे।
महाभारत जैसा महाकाव्य भी इन्हीं की देन है।
सभी 18 पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी को माना जाता है। वेदों को विभाजित करने का श्रेय इन्हीं को दिया गया है। इसीलिए तो इनका नाम वेदव्यास पड़ा था। इनको आदिगुरु भी कहा जाता है।
इसी कारण गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा की जाती है। इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) भी है।
गुरुओं का हमारे जीवन में महत्व
Guru Purnima Ka Mahatva: इस संसार में गुरु के बिना शिष्य के जीवन का कोई अर्थ नहीं है। आदि काल से ही,अर्थात रामायण से लेकर महाभारत तक गुरुओ का स्थान ऊंचा व महत्वपूर्ण रहा है। गुरु की महत्वता को देखते हुए संत कबीर दास जी ने अपने एक दोहे में लिखा है।
गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाए। बलिहारी गुरु अपने गोविंद दिए मिलाए।।
अर्थात – गुरु का स्थान भगवान से भी कहीं जाता ऊपर होता है। गुरु पूर्णिमा का यह पर्व महर्षि वेदव्यास जी के जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है। महर्षि वेदव्यास जी जो कि पराशर जी के पुत्र थे। इन्होने चारों वेदों को अलग-अलग खंडों में विभाजित करके उनके नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अर्थ वेद रखे थे। वेदों का इस तरह खंडों में करने के कारण से ही ये वेदव्यास जी के नाम से प्रसिद्ध हुए।
गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि
जैसा कि ऊपर भी जिक्र हुआ है, कि हमारे हिंदू धर्म में गुरुओं का दर्जा भगवान से भी बढ़कर है। गुरुओं के द्वारा ही ईश्वर की प्राप्ति की जा सकती है। तो आइए जानते हैं ऐसे में हमे अपने गुरु की पूजा किस तरह करनी चाहिए।
सबसे पहले गुरु पूर्णिमा के दिन जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ-सुथरे वस्त्र ग्रहण करें।
फिर अपने गुरु की प्रतिमा या चित्र को सामने रखकर पूजा अर्चना करें।
इस दिन हम किसी भी ऐसे इंसान की पूजा कर सकते हैं जिसे हम अपना गुरु मानते हैं। फिर चाहे वह हमारे गुरु हो शिक्षक, माता-पिता, भाई-बहन या दोस्त ही क्यों ना हो।
इस दिन हम किसी गरीब व जरूरतमंद इंसान की मदद कर सकते हैं।
जैसा कि आप सभी को पता है। बाहर कोरोना चल रहा है तो ऐसे में प्रयास करें कि अपने घर में रहकर ही अपने गुरु की पूजा अर्चना करें, ध्यान व सिमरन करें।
अपने गुरु के सामने जब भी जाए तो उन्हें झुककर प्रणाम करें क्योंकि
“जो झुक गया सो पा गया।
जो तन गया सो गवा गया।।”
गुरु ऐसा हो जो लोगों के नशे छुड़वाए, बुराइयां छुड़वा कर इंसानियत का पाठ पढ़ाए, किसी जरूरतमंद व गरीब की मदद करने की प्रेरणा दे। इस कलयुग में ऐसे गुरु होना गुरु का होना बहुत जरूरी है।
आपके लिए क्या है जरूरी – प्लास्टिक बैग की सुविधा या स्वच्छ पर्यावरण?
21वीं सदी तक आते-आते इंसान ने बहुत तरक्की कर ली है। आज हमारे पास सुख-सुविधा के अनेकों साधन है। परंतु सच यह है कि इन सुविधाओं के जितने लाभ हैं उतनी ही हानियां भी है। इसी श्रेणी में से एक “प्लास्टिक बैग” है। हमें लगता है कि यह किफायती है भले ही इन से होने वाले नुकसान को हम नजरंदाज कर देते हैं।
3 जुलाई 2009 को ‘Bag Free World’ द्वारा एक अभियान शुरू किया गया जिसका उद्देश्य पूरे विश्व में लोगों को प्लास्टिक बैग के हानिकारक प्रभावों के प्रति अवगत करवाना और प्लास्टिक बैग का प्रयोग ना करने के लिए प्रेरित करना भी रहा। 11 वर्षों से यह दिन “International Plastic Bag Free Day” के रूप में हर वर्ष मनाया जाता है।
Plastic bag आज वैश्विक स्तर पर एक गंभीर चिंता का रूप धारण कर चुके हैं। आज इस लेख में हम आपको प्लास्टिक बैग से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या आप जानते हैं
एक प्लास्टिक बैग को औसतन 25 मिनट ही इस्तेमाल किया जाता है।
एक प्लास्टिक बैग को पूरी तरह नष्ट होने में 100 से 500 वर्ष तक की अवधि लग जाती है।
प्रत्येक मिनट पूरे विश्व में लगभग 1 मिलियन प्लास्टिक बैग का प्रयोग किया जाता है।
वैश्विक स्तर पर लगभग 500 बिलियन प्लास्टिक बैग का प्रयोग प्रतिदिन होता है।
समुद्री कूड़े में 80% प्लास्टिक बैग ही शामिल है।
अब हम बात करेंगे प्लास्टिक बैग के कुछ हानिकारक प्रभावों के बारे में
पृथ्वी के लिए प्लास्टिक बैग अभिशाप की तरह सिद्ध हो रहे हैं। सबसे बड़े अफसोस की बात यह है कि यह बैग मानव निर्मित है। यह बैग जलाए जाने पर जहरीली गैस छोड़ते हैं जो मनुष्य और अन्य जीवों के लिए धीमा ज़हर सिद्ध हो रही है।
समुद्री जीवों के लिए यह कई प्रकार के संकट खड़े कर रहे हैं। प्लास्टिक बैग की वजह से अब तक बहुत सी समुद्री प्रजातियों का विनाश हो चुका है।
प्लास्टिक बैग का निर्माण बहुत ही गलत ढंग से किया गया है। क्योंकि इसका प्रयोग तो सिर्फ कुछ मिनटों के लिए किया जाता है परंतु इसका प्रभाव समाज को सैकड़ों सालों तक झेलना पड़ता है।
यह बैग बनाने में अन्य बैगों की तुलना काफी कम लागत आती है। परंतु पर्यावरण को इसके बदले बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। यदि आज पृथ्वी से प्लास्टिक बैग को खत्म करने का बीड़ा उठाया जाए तो बहुत बड़ी लागत का भुगतान करना पड़ेगा।
हमारी आने वाली पीढ़ियों के साथ हम अन्याय कर रहे हैं। उनके लिए ऐसा पर्यावरण बना रहे हैं जो जहरीले पदार्थों, गैसों से भरा हुआ है। नई पीढ़ी ने प्रदूषण फैलाने में भले ही योगदान ना दिया हो परंतु इसका परिणाम उन्हें अवश्य ही भुगतना पड़ेगा।
प्रत्येक समस्या का समाधान भी अवश्य होता है। इसी तरह “International Plastic Bag Free Day”मनाने के उद्देश्य को पूरी तरह सार्थक किया जा सकता है। उसके लिए हम सबको मिलकर कुछ कदम उठाने चाहिए। प्लास्टिक के बैग का प्रयोग न करते हुए घर में बने बैग या पुन: प्रयोग किए जाने वाले बैगों का इस्तेमाल करना चाहिए यदि आप घर में बैग बनाने के इच्छुक हैं तो इंटरनेट पर बहुत सी वीडियो उपलब्ध हैं। जिनकी मदद आप ले सकते हैं। इससे आप पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ-साथ अपने स्टाइल का बैग प्रयोग करेंगे जो आपके व्यक्तित्व को दर्शाएगा।
आप खरीदारी करने जाएं तो हमेशा “Paper Bag Over Plastic Bag”का ही चुनाव करें। अगर आप एक दुकानदार हैं तो ग्राहकों से आग्रह करें कि वह घर पर बने बैग या पुन: प्रयोग होने वाले बैग ही लेकर आपकी दुकान में आए। इसी प्रकार हम सब एकजुट होकर प्लास्टिक बैग को ना कहें और अपने पर्यावरण को सुरक्षित करें।
पीएम मोदी ने पिछली बार देश को 12 मई को संबोधित किया था, आज 30 जून को फिर से PM मोदी ने देश को संबोधित किया है और कोरोना से देश के लोगों को बचाने के लिए सख्त हिदायतें दी हैं। PM मोदी का एक एक लफ्ज़ बड़ा ही महत्वपूर्ण है, जो उन्होंने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा है।
PM मोदी का आज शाम 4 बजे भारत का चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर, डिजिटल sites को लेकर , कोरोना को लेकर राष्ट्र के नाम संबोधन बड़ा ही महत्वपूर्ण रहा।
PM मोदी ने कहा कि हम कोरोना से लड़ते हुए अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहे हैं, उन्होने ने कहा कि दूसरे देशों के साथ अगर तुलना करें तो भारत संभली हुई स्थिति में हैं । समय पर लिये गये LOCKDOWN के फैंसले ने लाखों भारतीयों की जान बचाई है। लेकिन LOCKDOWN खुलने के बाद देश के अंदर व्यक्तिगत और सामाजिक व्यवहार में लापरवाही देखने को मिल रही है। PM मोदी ने कहा पहले हम मास्क, 2 गज की दूरी और 20 सेकंड तक हाथ धोने को लेकर काफी सतर्क थे, लेकिन आज जब हमें ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है तब हम लापरवाही बरत रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा।
लॉकडाउन के दौरान बहुत गंभीरता से नियमों का पालन किया गया था। अब सरकारों को, स्थानीय निकाय की संस्थाओं को, देश के नागरिकों को, फिर से उसी तरह की सतर्कता दिखाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, एक देश के पीएम पर 13 हजार का जुर्माना इसलिए लग गया क्योंकि वह सार्वजनिक स्थल पर मास्क पहने बिना गए थे। भारत में भी स्थानीय प्रशासन को इसी चुस्ती से काम करना चाहिए। यह करोड़ों भारतीयों की रक्षा करने का अभियान है। भारत में गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री, कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि lockdown के दौरान देश की सर्वोच्च प्राथमिकता यही है कि ऐसी स्थिति न आये कि किसी गरीब के घर चूल्हा न जले इसके लिए केंद्र , राज्य और सिविल सोसाइटीज़ के लोगों ने पूरा प्रयास किया कि कोई भी गरीब भाई बहन भूखा न सोए।
One Nation One Ration Card
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक देश और एक राशन कार्ड की व्यवस्था हो रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका लाभ उन गरीब साथियों को मिलेगा जो रोजगार के लिए अपना गांव या शहर छोड़कर कहीं और जाते हैं या किसी और राज्य में जाते हैं।
प्रधानमंत्री का नमन और अभिनंदन तथा मुफ्त अनाज मिलने का श्रेय
आज अगर गरीब भाइयों को मुफ्त में अनाज मिल रहा है तो इसका श्रेय दो वर्गों को जाता है सबसे पहले देश के मेहनती अन्नदाता किसान और दूसरे देश के ईमानदार taxpayer। इनके समर्पण से ही आज देश का गरीब इतने संकट की घड़ी में अपने आप को बचा पा रहा है।
अब नवंबर तक मिलेगा 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन
त्योहारों की लड़ी में क्योंकि अब 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है। फिर रक्षा बंधन, 15 अगस्त, नवरात्रे, दशहरा, दीपावली, ओणम ,छठ पूजा इत्यादि त्यौहार आने वाले महीनों में आएंगे। इसलिए गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मिलने वाले राशन को नवंबर महीने के अंत तक बढ़ा दिया गया है।
5 मई के बाद जिस तरह भारत और चीन के रिश्ते बिगड़े हैं उसके बाद भारत की चीन के खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई है। इसलिए अगर इसका कनेक्शन ढूंढना चाहते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है तो यह गलवन घाटी को लेकर भारत और चीन के बीच जो सीमा विवाद चल रहा है उसी का नतीजा है और यह भारत की तरफ से पहली डिजिटल एयर स्ट्राइक है।
China Apps का बड़ा सच
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 59 ऐप को बैन करने का निर्णय लिया है। क्योंकि प्रौद्योगिकी मंत्रालय को विभिन्न स्त्रोतों से इन एप्स को लेकर कई शिकायतें मिली है। ये चाइनीस आप एंड्रॉयड और iOS दोनों यूजर्स का डेटा चुराकर, भारत के बाहर अनधिकृत तरीके से भेजते है।
China Apps से भारत को खतरा
Chinese app भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है। चाइनीस एप्स की प्राइवेसी को लेकर अक्सर बवाल होते रहे हैं। भारत से लेकर अमेरिका तक की खुफिया एजेंसियां लोगों को समय-समय पर चाइनीस एप्स को लेकर आगाह करती रहती है। कुछ दिन पहले भारत की खुफिया एजेंसियों ने भारत सरकार को इन एप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। अब भारत सरकार ने 59 ऐप पर बैन लगाकर चीन के खिलाफ बहुत बड़ा आर्थिक फैसला लिया है।
Chinese Apps Ban List
आइए जानते हैं इन बैन हुई एप्स के बारे में
TikTok
WeSync
ES File Explorer
Viva Video – QU Video Inc
Meitu
Vigo Video
New Video Status
DU Recorder
Vault- Hide
Cache Cleaner DU App studio
DU Cleaner
DU Browser
Hago Play With New Friends
Clash of Kings
DU battery saver
Helo
Shareit
Kwai
UC Browser
Baidu map
Shein
Likee
Club Factory
Newsdog
Beutry Plus
WeChat
UC News
QQ Mail
Weibo
Xender
QQ Music
QQ Newsfeed
Bigo Live
SelfieCity
YouCam makeup
Mi Community
CM Browers
Virus Cleaner
APUS Browser
ROMWE
Mail Master
Parallel Space
Mi Video Call – Xiaomi
Cam Scanner
Clean Master – Cheetah Mobile
Wonder Camera
Photo Wonder
QQ Player
We Meet
Sweet Selfie
QQ Security Center
QQ Launcher
U Video
V fly Status Video
Mobile Legends
DU Privacy
Baidu Translate
Vmate
QQ International
भारत में चाइना का व्यापार
भारत में लगभग 100 करोड से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो चाइनीस ऐप को यूज करते हैं। इस हिसाब से भारत चीन के इन मोबाइल एप्लीकेशन का सबसे बड़ा बाजार है। आप सोचिए अगर यह सारे मोबाइल ऐप दुनिया के सबसे बड़े बाजार से बाहर हो जाएं, तो इन पर कितना असर पड़ेगा। चीन पर कितना असर पड़ेगा। भारत वैसे भी दुनिया के लिए सबसे बड़ा सोशल मीडिया का बाजार है। क्योंकि भारत में 100 करोड़ से ज्यादा लोग इंटरनेट का यूज करते हैं। भारत ने पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया है, कि अगर कोई देश भारत की तरफ आंख उठाकर भी देखेगा। तो उसे दुनिया के सबसे बड़े बाजार का 1% हिस्सा भी नहीं मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चीन के रिश्ते नहीं बिगड़ते तब भी इन एप्स को भारत में ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए थी।
एक आकलन के मुताबिक चीन की सारी एप्स दुनिया भर से जो कमाई करते हैं। उसका औसतन 30-40% हिस्सा भारत से आता है। आप सब लोगों की जेब से आता है। उदाहरण के लिए Tik Tok इस साल सितंबर तक भारत से 100 करोड रुपए कमाना चाहता था। यह सिर्फ भारत में चाइनीस एप की कमाई का एक छोटा सा उदाहरण था। लेकिन भारत से चीनी एप की विदाई हो जाने के बाद भारत से हजारों करोड़ रुपए कमाने का यह सपना कभी पूरा नहीं हो पाएगा। चीन के यह एप्स हवा के रास्ते भारत के लोगों के दिमाग को चीन का एक विचारक निवेश बना रहे थे। जिसे soft power कहते हैं।
इसीलिए भारत ने चीन के सॉफ्ट पावर पर एक अभूतपूर्व Digital Air Strike की है।ठीक ऐसे ही जैसे 2019 में भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट स्ट्राइक की थी और 2016 में Pakistan Occupied Kashmir (POK) में सर्जिकल स्ट्राइक करके पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था। इसलिए आज भारत सरकार को इस बहुत बड़े फैसले का विश्लेषण जरूरी है, और इस फैसले के दो आयाम है-
आर्थिक दृष्टि से इसका क्या विश्लेषण हो सकता हैं
क्योंकि चीनी कंपनियों को, चीन को, चीन की community पार्टी को, सभी को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा और इससे आपके जीवन में भी बदलाव आएगा और आप यह समझ जाएंगे कि अब चीनी सामान के बहिष्कार का समय आ गया है।
पूरी दुनिया इस कदम को किस नजर से देखने वाली है तो भारत की तरफ से पूरी दुनिया को यह संदेश है कि सीमा पर जो विवाद चल रहा है इसमें भारत ना तो किसी से डरने वाला है, ना ही दबने वाला है और ना ही अपने कदम पीछे हटाने वाला है।
निष्कर्ष
China apps के बैन हों जाने से भारत को कोई हानि नहीं हुई हैं। ऐसा करने से भारत ने china को सीधी चुनोती दी हैं।
Tiktok पर India के 30% Users videos publish करते थे। लेकिन आज भारत ने china के इस व्यापार पर रोक लगा कर बहुत बड़ा फैसला किया हैं। इस से हमारे देश का विकास होगा..लोगो को पता लगेगा India भी china से कम नहीं है। India के पास भी वो ही सब apps है जो china के पास।
इस बात को आज सब स्वीकार भी करेंगे। हर जगह “Made in india” होगा।