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September 2020

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विश्व के किसी भी देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए सबसे जरूरी है, वहां पर रहने वाले लोगों की साक्षरता। इसके बिना विश्व के किसी भी देश का विकास होना असंभव है। आज के समय में इंसान के लिए पढ़ा लिखा होना बहुत जरूरी है।

साक्षरता का अर्थ केवल पढ़ना लिखना या शिक्षित होना नहीं। अपितु यह लोगों के अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक विकास का आधार बनाना है।

International Literacy Day की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने को लेकर पहली बार वर्ष 1965 में 8 से 19 सितंबर के बीच ईरान के तहरान में शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई थी। इसके बाद 26 अक्टूबर 1966 को यूनेस्को ने 14वे General Conference में घोषणा करते हुए कहा था कि हर वर्ष दुनिया भर में 8 सितंबर को International Literacy Day यानी अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष यह 52 वां अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस है।

कैसे मनाया जाता हैं

विश्व भर में इस दिवस को मनाने के कई समारोह का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा कई जगहों पर लोगों को साक्षरता के विषय में जागरूक करने के लिए भाषण दिए जाते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए अपने अपने स्तर पर रैलियां निकाली जाती है। कुछ अमीर लोग इस दिन गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हैं।

उद्देश्य

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का मुख्य उद्देश्य विभिन्न समुदायों और व्यक्तियों की साक्षरता के महत्व के बारे में बताना है। इसके साथ ही उसके बढ़ावे की प्रगति पर जोर देना है।

प्रत्येक वर्ष International Literacy Day के अवसर पर UNRSCO दुनियाभर में International Community के अंदर सीखने, साक्षरता को बढ़ाने और व्यस्क लोगों की स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

International Literacy Day मनाने का कारण

मानव विकास और समाज के लिए उनके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। सफलता और जीने के लिए साक्षरता बेहद महत्वपूर्ण है। इसकी अहमियत हम सभी को मालूम है।

साक्षरता दर

साक्षरता दर की अगर बात करें तो कुछ हद तक उसमें सुधार हुआ है। अगर 1820 की बात की जाए तो उस समय साक्षरता दर 12% थी। यानी 12% लोग पढ़े लिखे थे। और आज 86.3 प्रतिशत साक्षरता दर है। यानी 86.3% लोग ही पढ़े लिखे हैं। आपको बता दें संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक विश्व भर में 4 अरब लोग ही पढ़े लिखे हैं। अगर आंकड़ों की माने, तो हर पांच व्यस्क लोगों में से एक व्यक्ति पढ़ा लिखा नहीं है और लगभग 35 देश ऐसे हैं जहां साक्षरता 50% भी नहीं है।

दुनिया में एक अरब लोग आज भी पढ़ लिख नहीं सकते।

World Literacy Rate

Total- 86.3%
Male- 90.0%
Female- 82.7%

India Literacy Rate

Total-77.7%
Male- 84.7%
Female- 70.3%
Rural- 73.5%
Urban- 87.7%

Top Literate State

Kerala- 96.2%
Delhi- 88.7%
Uttarakhand- 87.6%, Himachal Pradesh- 86.6%
Assam- 85.9%

Top Down Literacy State

Andhra Pradesh- 66.4%, Rajasthan- 16.7%
Bihar- 70.9%
Telangana 72.8%
Uttar Pradesh- 73%

साक्षरता दर की वजह

भारत में या अन्य देशों में साक्षरता कम होने के पीछे कई कारण है। भारत में साक्षरता दर के पीछे विद्यालयों की कमी होना, स्कूल में शौचालय ना होना, जातिवाद, गरीबी, लड़कियों से छेड़छाड़ होने का डर और जागरूकता की कमी जैसे कई कारण शामिल है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम

2018 में Literacy And Skill Development थीम थी।

2019 में Literacy And Multilingualism थीम थी।

2020 की इस बार की थीम “Literacy Teaching And Learning In The Covid-19 Crisis And Beyond” हैं।

Teacher’s Day भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूल के बच्चे खुद टीचर बनकर शिक्षकों की भूमिका निभाते हैं। इस दिन बच्चे शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान और प्यार अलग-अलग तरह से व्यक्ति करते हैं। शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा माना जाता है क्योंकि एक शिक्षक ही होतें हैं जो बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

Happy Teacher's Day - Exclusive Samachar

कबीर जी ने कहा है

“गुरु गोविंद दोऊं खड़े, काके लागूं पाय  बलिहारी गुरु आपने जिन गोविंद दियो मिलाए।”
संत कबीर जी ने शिक्षक को गुरु का दर्जा दिया है। गुरु शब्द ‘गु+रु’ से मिलकर बना है। ‘गु’ का अर्थ है “प्रकाश” और ‘रु’ का अर्थ है “अंधकार”। अंधकार रूपी जीवन में ज्ञान का प्रकाश करने वाले को गुरु कहा जाता है।

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस

एक बार डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विद्यार्थी और दोस्त उनसे कहने लगे कि वे उनका जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो उन्होंने बोला कि वे चाहते हैं कि उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें गर्व महसूस होगा तो तब 1962 से उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था और 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

shikshak divas kyon manaya jata hai - Exclusive Samachar

संस्कृत में एक बहुत ही मशहूर कहावत है

मातृ देवो भव:
पितृ देवो भव:
आचार्य देवो भव:

अर्थात माता-पिता और आचार्य भगवान के समान होते हैं। माता-पिता हमें पैदा करते हैं और जीना सिखाते हैं। लेकिन हमें समाज के लायक बनाने में सबसे बड़ा हाथ हमारे शिक्षकों का है। इसलिए समाज में शिक्षक को महान माना जाता है। भारतीय समाज में शिक्षकों को प्राचीन काल से ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। गुरु के कथन पर अपनी जान को भी न्यौछावर करने की कई कथाएं हमारी संस्कृति में शामिल है। एकलव्य ने अपने गुरु के कहने पर अपना अंगूठा दान कर दिया था। तो वहीं रामायण युग में भी हमें गुरु-शिष्य की परंपरा देखने को मिलती है।

शिक्षकों को समाज का शिल्पकार इसलिए भी कहा जाता है। क्योंकि वह बच्चों को समाज में रहना सिखाते हैं। जो शिक्षा बच्चे स्कूल में सीखते हैं। उसे ही वह अपने व्यवहारिक जीवन में अमल में लाते हैं। भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरुआत की गई थी। हालांकि विश्व में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

भारत में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के द्वितीय राष्ट्रपति रहे डॉक्टर राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है।

शिक्षक उस माली के समान होता है, जो एक बगीचे को भिन्न भिन्न रूप रंग के फल और फूलों से सजाता है। जो छात्रों को कांटों पर भी मुस्कुरा कर चलने को प्रोत्साहित करता है। उन्हें जीने की वजह समझाता है। शिक्षक के लिए सभी छात्र समान होते हैं और वह सभी का कल्याण चाहता है। शिक्षक ही वह धुरी होता है, जो विद्यार्थी को सही गलत व अच्छे बुरे की पहचान करवाते हुए बच्चों को अंतर्निहित शक्तियों को विकसित करने की पृष्ठभूमि तैयार करता है।

किस देश में कब मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

International Teacher’s Day का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। वहीं चीन में 10 सितंबर को, अमेरिका में मई के पहले सप्ताह के मंगलवार को और थाईलैंड में हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षक और पत्रकार समाज के दो मजबूत स्तंभ होते हैं। धन कमाने की लालसा अगर इन पर चढ़ जाए तो समाज को सही दिशा देना मुश्किल काम है।

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan birthday as teacher's day - Exclusive Samachar

उनका मानना था कि शिक्षक उन्हीं को बनना चाहिए जो सर्वाधिक योग्य व बुद्धिमान हो। उनका स्पष्ट यह कहना था कि जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित और प्रतिबंध नहीं होता हैं और शिक्षा को एक मिशन नहीं मानता, तब तक अच्छी शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती। उनके सिर्फ शिक्षक बन जाने से सम्मान नहीं होता, सम्मान अर्जित करना महत्वपूर्ण है।

तो आइए! हम यह संकल्प लें कि एक शिक्षक की गरिमा हमेशा बना कर रखेंगे। हमारे व्यवहार को देख बच्चे स्वयं प्रभावित होंगे। हमारा आचरण ही उनको बहुत कुछ सिखाएगा।

NTA द्वारा निर्धारित तिथियों पर ही नीट 2020 एंव जेईई 2020 परीक्षाओं को आयोजित किया जाएगा। बड़ी ही कड़ी सुरक्षा और Covid-19 को देखते हुए बड़ी सतर्कता से ये परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।1 सितंबर 2020 से जेईई मेन्स के लिए एग्जाम शुरू हो गए हैं।

जेईई मेन्स एग्जाम में शामिल होने वाले प्रत्येक परीक्षार्थी को केंद्र पर कोविड-19 से संबंधित स्वघोषणा पत्र देना होगा। और हर परीक्षार्थी के temperature की जांच के बाद उसे तीन लेयर वाला मास्क उपलब्ध करवाया जाएगा।

NEET 2020 - JEE 2020 - Latest News - Exclusive Samachar

NEET, JEE Main Exam 2020

80 प्रतिशत विद्यार्थी  डाउनलोड कर चुके हैं एडमिट कार्ड शिक्षा मंत्री के बयान के अनुसार लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थी अब तक NTA JEE Mains 2020 एग्जाम के एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं।।कुल रजिस्टर्ड 8.58 लाख छात्रों मे से लगभग 7.25 लाख छात्रों ने जेईई मेन्स 2020 परीक्षा हेतु एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए हैं।

इन कड़ी सुरक्षाओं के बीच करवाई जाएगी परीक्षाएं, NTA ने तैयार कियें 10 लाख मास्क, लगभग 13 करोड़ के खर्चे से हुई इन exams को करवाने की तैयारी :-

परीक्षा में छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने लगभग 10 लाख मास्क और लगभग 6 हजार लीटर से भी ज्यादा सेनेटाइजर तैयार करके रखा है।परीक्षाएं पूरी सावधानी से आयोजित करवाई जाएंगी। COVID-19 को ध्यान में रखते हुए ये मास्क और सेनेटाइजर परीक्षा केंद्र पर सभी छात्रों को उपलब्ध करवाया जाएगा।

NEET - JEE- Mains 2020 updates - Exclusive Samachar

NEET, JEE Main Exam 2020 के लिए सेंटर पर लेकर जानी हैं ये सब चीज़ें

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने ऐसे इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट एंव डिग्री कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया हैं जहां पर हर टेक्निकल सुविधा हो, मतलाब जहां पर कंप्यूटर बहुतायत में हैं, कंप्यूटर लैब्स काफी बड़ें हैं। परीक्षार्थियों को मास्क, ग्लव्स, सेनेटाइजर ये सब तो एग्जाम सेंटर पर उपलब्ध होगा।लेकिन एक बात जो ध्यान रखने वाली है वो ये की पानी पारदर्शी बोतल में परीक्षार्थी को खुद लेकर जाना होगा, एग्जाम सेंटर से पानी नही मिलेगा। तो इस बात का परीक्षार्थी पूरा-पूरा ख्याल रखें ।इन परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए भी मेटल डिटेक्टर से बिना छुए जांच की जाएगी, ताकि कोई भी परीक्षार्थी नकल को अंजाम नही दे पाए ।