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October 2020

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विश्व विद्यार्थी दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिवस सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। यह दिवस भारत के “मिसाइल मेन” कहें जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस के दिन मनाया जाता है। डॉ अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था।

विद्यार्थी दिवस क्यों मनाया जाता है?

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम सभी वर्गों और जाति के छात्रों के लिए एक प्रेरणा और मार्गदर्शन की भूमिका निभाते थे। एक छात्र के रूप मे उनका स्वयं का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने अपने जीवन में बहुत तरह की कठिनाईयों का सामना किया। इसके अलावा उन्होंने बचपन में अपने परिवार और खुद के पालन पोषण के लिए वह घर-घर जाकर अखबार बेचने का काम करते थे। लेकिन उनकी पढ़ाई में अत्याधिक रूचि होने के कारण उन्होंने अपने जीवन में हर तरह की समस्याओं का डटकर सामना किया और वे उसमें सफल भी हुए। राष्ट्रपति जैसे भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद को उन्होने प्राप्त किया।

why world students day is celebrated? Exclusive Samachar

उनके जीवन की यही कहानी उनके साथ-साथ भारत की आने वाली कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। अपने जीवन में डाॅ ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने छात्रों के उच्च भविष्य के लिए वैज्ञानिक और आध्यात्मिक शिक्षा की तरक्की पर ध्यान दिया। इसके लिए उन्होंने बहुत सारे भाषण दिए और किताबें लिखी।

शुरुआत

सन् 2010 मे संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष 15 October के दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम के जन्मदिवस को विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। तब से यह दिवस प्रति वर्ष मनाया जाता है। वे भारत के 11वे राष्ट्रपति (2002-2007) थे। डॉ अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ गंभीर चिंतक और अच्छे इंसान भी थे। डॉ अब्दुल कलाम सभी विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श थे। बाल शिक्षा में विशेष रुचि रखने वाले अब्दुल कलाम को वीणा बजाने का भी शौक था। वे तमिलनाडु के एक छोटे से गांव से थे। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर देश के सबसे ऊंचे संवैधानिक पद पर पहुंचे।

World Students' Day - When it is started - Exclusive Samachar

विश्व विद्यार्थी दिवस कैसे मनाया जाता है?

विश्व विद्यार्थी दिवस भारत के सभी स्कूलों और कॉलेजों में मनाया जाता है। विश्व विद्यार्थी दिवस के अवसर पर स्कूलो, कालेजों में विभिन्न गतिविधियों, घटनाओं और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। डॉ अब्दुल कलाम के जीवन चरित्र को याद किया जाता हैं और उनके जीवन से प्रेरणा ली जाती है। डॉ कलाम के जीवन से जुड़ी घटनाओं की प्रदर्शनी और विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा भाषण, निबंध लेखन और समूह चर्चा जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है।

अपने विद्यार्थियों के साथ अत्याधिक प्रेम और विश्वास के कारण अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल के बाद वह भारत के बहुत सारे स्कूलों और कॉलेजों में अपने भाषणों द्वारा छात्रों को प्रेरित करने के कार्य करते रहे और उन्होंने अपने जीवन की आखिरी सांस तक भारतीय प्रबंधन संकाय में पृथ्वी को एक जीवित ग्रह बनाएं रखने के विषय पर भाषण देते हुए दी।

How is World Student Day celebrated? Exclusive Samachar

विद्यार्थी शब्द का अर्थ

विद्यार्थी संस्कृत भाषा का शब्द है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है विद्या+अर्थी। इसका अर्थ है- विद्या चाहने वाला। विद्यार्थी विद्या प्राप्त करने के लिए विद्यालय जाता हैं और विद्या से प्रेम करता है। यदि छात्र ने विद्यार्थी जीवन में परिश्रम, अनुशासन, संयम और नियम का अच्छी प्रकार से पालन किया है, तो उसका भावी जीवन सुखद होगा।

अनुशासन

अनुशासन का भी विद्यार्थी जीवन मे उतना ही महत्व है, जितना कि विनम्रता का है।

विद्यार्थी एक नन्ही कोंपल के समान होता है। उसे जो भी रूप दिया जाए वह उसे ग्रहण करता है। उसका मन शीघ्र प्रभावित होता है। अतः बाल्यावस्था से ही विद्यार्थी को अनुशासन की शिक्षा दी जानी चाहिए। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बालक-बालिकाएं अपना-अपना काम नियमित रूप से करें। इस दिशा मे माता-पिता का दायित्व और भी अधिक महत्वपूर्ण है। बच्चे की शिक्षा का प्रथम विद्यालय उसका घर ही है। यदि माता-पिता स्वयं अनुशासित है, तो बालक भी अनुशासन की भावना ग्रहण करेगा।

World Students' Day 2020 - Exclusive Samachar

प्राचीनकाल में विद्यार्थी जीवन

प्राचीन भारत मे विद्यार्थी गुरुकुलो में शिक्षा ग्रहण करने जाते थे। 25 वर्ष तक विद्यार्थी ब्रह्मचार्य का पालन करते थे और यह काल शिक्षा ग्रहण करने में व्यतीत करते थे। उन दिनों गुरुकुलों का वातावरण बहुत ही पावन और अनुशासित होता था। प्रत्येक विद्यार्थी अपने गुरुजनों का सम्मान करता था। शिक्षा के साथ-साथ उसे गुरुकुल के सारे काम भी करने पड़ते थे। छोटे-बड़े या अमीर सभी एक ही गुरु के चरणों में विद्या ग्रहण करते थे। श्रीकृष्ण और सुदामा ने इकट्ठे संदीपन ऋषि के आश्रम में अनुशासनबद्ध होकर शिक्षा ग्रहण की।

वर्तमान स्थिति

आज हमारे देश के विद्यार्थियों में अनुशासन का अभाव है। वे ना तो माता-पिता का कहना मानते हैं और न ही गुरुजनों का। प्रतिदिन स्कूलों और कॉलेजों में हड़तालें होती रहती है। इस प्रकार के समाचार देखने को मिलते हैं कि विद्यार्थियों ने बस जला डाली।विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता के अनेक दुष्परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं। ये विद्यार्थी परीक्षा में नकल करते हैं, शिक्षकों को धमकाते है और विश्वविद्यालय के वातावरण को दूषित करते रहते हैं। अनेक विद्यार्थी हिंसात्मक कार्यवाही में भाग लेने लगे है। यही कारण है कि आज विद्यार्थियों में अनुशासन की कमी आ चुकी है।

अनुशासन हीनता

आज की शिक्षण संस्थाओं का ठीक प्रबंध ना होना भी विद्यार्थियों को अनुशासनहीन बनाता है। वे विद्यालय के अधिकारियों और शिक्षकों की आज्ञा का उल्लघंन करते हैं। ऐसा भी देखने में आया है कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रहती है। भवन छोटे होते हैं और शिक्षकों की संख्या कम।
कालेजों में तो एक-एक कक्षा में 100-100 विद्यार्थी होते हैं। ऐसी अवस्था में शिक्षक क्या तो शिक्षक पढ़ाएगा और क्या विद्यार्थी पढ़ेंगे। कालेजों में छात्रों के दैनिक कार्यों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। रचनात्मक कार्यों के अभाव में छात्र का ध्यान व्यर्थ की बातों की ओर जाता है। यदि प्रतिदिन विद्यार्थी के अध्ययन अध्यापन की ओर ध्यान दिया जाए, तो विद्यार्थी अपना काम अनुशासनपूर्वक करेंगे।

Theme 2020

विद्यार्थी काल मानव के भावी जीवन की आधारशिला है। यदि यह आधारशिला मजबूत है, तो उसका जीवन निरंतर विकास करेगा, नहीं तो आने वाले कल की बाधाओं के सामने वह टूट जाएगा। यदि छात्र ने विद्यार्थी जीवन में परिश्रम, अनुशासन, संयम और नियम का अच्छी तरह से पालन किया है तो उसका भावी जीवन सुखद होगा।

वर्तमान शिक्षण पद्धति में परिवर्तन करके महापुरुषों की जीवनियो से भी छात्र छात्राओं को अवगत कराया जाना चाहिए। यथासंभव व्यावसायिक शिक्षा की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि स्कूल से निकलते ही विद्यार्थी अपने व्यवसाय का शीघ्र चयन करें।

अक्टूबर को IEC, IASO और ITU के सदस्यों द्वारा “World Standards Day” मनाया जाता हैं।

क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स डे

यह दिन विषयत: दुनिया भर के एक्सपर्ट्स का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है, यह दिन दुनिया भर के हजारों वैज्ञानिकों की मिली जुली कोशिसों को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका हैं।
इस दिन अंतरास्ट्रीय मानकों द्वारा प्रकाशित की गई तकनीकी शहमितियाँ बनाने वाले विशेषगयों के पारस्परिक और सहयोग पूर्ण प्रयासों को सम्मान देने के लिए “Standards Day” मनाया जाता हैं।
इस दिन एक्सपर्ट्स अंतरास्ट्रीय मानकों के रूप में प्रकाशित की जाने वाली स्वैछिक तकनीकी समझौतों को विकसित करती हैं।

World Standards Day - October 14 - Exclusive Samachar

Standards Day की सुरुआत

IEC (अंतरास्ट्रीय विद्युत तकनीकी आयोग), IASO (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) और ITU(अंतरास्ट्रीय दूरसंचार संघ) के सहमती आधारित मानकों को विकसित बनाने के लिए सन्न 2001 में वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स कॉरपोरेशन की स्थापना की गई।

Standards Day का इतिहास

अंतरास्ट्रीय मानक दिवस की स्थापना उपभोक्ताओं और अधोगिक छेत्रो के बीच अंतरास्ट्रीय अर्थव्यवस्था के मानकीकरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए किया गया।
सबसे पहले स्टैंडर्ड्स डे सन्न 1970 में मनाया गया था।

यह दिवस मनाने की तिथि का चयन इससे पहले सन्न 1946 में ही कर लिया गया था।

यह विभिन्न देशों के 25 प्रतिनिधियों ने मिलकर लन्दन में मानकीकरण में सहयोग देने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाने की सहमति जाहिर की थी।

history of World Standards Day - Exclusive Samachar

Standard Day मनाने का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है,
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए मानकीकरण की आवश्यकता के प्रति जागरूक करना।

भारतीय मानक ब्यूरो

“भारतीय मानक ब्यूरो” की स्थापना सन्न 1947 में की गई थी। इसका नाम पहले “भरतीय मानक संस्थान” था।

भारतीय मानक ब्यूरो एक भारत मे राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली संस्था हैं।

यह ब्यूरो किसी भी प्रक्रिया या वस्तु के सबंधो में भारतीय मानकों का सृजन करता हैं।

World Standards Day Celebrate कैसे करें

1970 से 14 अक्टूबर के दिन विश्व मानक दिवस अलग अलग तरह से मनाया जा रहा हैं।
इसमें TV और रेडियो पर भी काफी कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।

How to celebrate World Standards Day - Exclusive Samachar

कुछ देशों में यह कार्यक्रम एक सप्ताह “वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स वीक” के रूप में भी मनाया जाता हैं।
विश्व मानक दिवस के अवसर पर काफी जगह पर पोस्टर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता हैं, इसके पश्चात सबसे अच्छे पोस्टर का चुनाव किया जाता है और विजेता घोषित किया जाता हैं।

विश्व मानक दिवस से होने वाला बड़ा बदलाव

IEC (अंतरास्ट्रीय विद्युत तकनीकी आयोग), IASO (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) और ITU(अंतरास्ट्रीय दूरसंचार संघ) का मानना है कि मानक दिवस से आपके रहन-सहन और बातचीत में काफी बदलाव आएगा।

आप अपने क़रीबियों से अच्छे से बातचीत साझा कर पायेंगे।

अगर आप इस वार्षिक उत्सव के बारे में अच्छे से जान जाते है तो यह आपको शहर को अत्यधिक कुशल औऱ प्रभावशाली बनाने में क़ाफी हद तक मदद कर सकते है।

प्राकृतिक आपदा

प्राकृतिक आपदा एक ऐसी घटना है, जो किसी क्षेत्र पर घातक असर छोड़ देती है वह प्राकृतिक आपदा कहलाती है। प्राकृतिक आपदा दिवस 13 October को पूरे विश्व मे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्राकृतिक आपदाएं लगभग दुनिया के सभी देशों मे होती है। 
मानव जाति के अस्तित्व में आने के बाद यह आम बात हो गई है प्राकृतिक आपदाओं मे भूकंप, बाढ़, सूखा, चक्रवात, आकाशीय बिजली, भूस्खलन आदि।

उद्देश्य

प्राकृतिक आपदा दिवस मनाने का उद्देश्य समाज के लोगों को आपदा से होने वाले ख़तरों और उसके बचाव के लिए जागरूक करना है। प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस हमारे पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के परिणामों के बारे मे जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 13 October को मनाया जाता है। जो आपदाओं का कारण बनते हैं लाखों करोड़ों लोगों को इससे निपटने के लिए आगे आने और उनके प्रयासों के बारे मे बात करने के लिए Motivate किया जाता है, ताकि वे इस जोखिम को समझ सके जिसके कारण लोगों को जान-माल का नुक़सान हुआ है।
प्राकृतिक आपदाए

International Day for Natural Disaster Reduction - Exclusive Samachar

भूकंप

जब पृथ्वी के नीचे अचानक परिवर्तन होता है, तो उससे पृथ्वी की पपड़ी हिल जाती है। जिसके कारण भूकंप आता है। 
भूकंप के दौरान जब कंपन अधिक तेज होता है, तो पृथ्वी कांपने लगती हैं और पृथ्वी के कुछ हिस्सों मे दरारें आ जाती है। कमजोर इमारतों और घरों को भारी नुक़सान होता है। 

भूकंप के प्रभाव

भूकंप में मनुष्य तथा जीव-जंतु घायल हो सकते हैं। यहां तक कि कई  बार मर भी जाते हैं 

भूकंप से सुरक्षा व बचाव

बिजली के स्विचो को बंद कर दें।खुले मैदान मे चले जाएं। अगर खुले मैदान मे नहीं जा सकते, तो घर मे पलंग या मेज के नीचे छिप जाए। 

बाढ़

अधिक समय तक भारी वर्षा होने पर बाढ़ आ जाती है। अर्थात जब अधिक समय तक भारी या तेज वर्षा होती है, तो नदियों मे आवश्यकता से अधिक पानी हो जाता है। तो वह बाहर आ जाता है जिससे आसपास का क्षेत्र  पानी से डूब जाता है। पानी सड़कों घरों दुकानों खेतों आदि मे प्रवेश कर जाता है तथा संपति को नुकसान पहुंचाता है। बाढ़ जीवन तथा संपति दोनों को ही नष्ट कर देती हैं और लोग बेरोजगार हो जाते हैं तथा वह शहरों की ओर प्रस्थान करने लगते हैं। 

Floods - Natural Disaster - Exclusive Samachar

बाढ़ के प्रभाव

संपति और फसलों का नुक़सान।जान की हानि। 

बाढ़ से बचाव

नदियों या तटों की जल निकासी का प्रबंध। 

सूखा

सूखा तब पाया जाता हैं जब बहुत कम वर्षा हो या बिल्कुल भी वर्षा न हो। सूखे के दौरान नदियां, तालाब, कुएं व अन्य जल संसाधन सूख जाते हैं। खेती के लिए बिल्कुल भी पानी नहीं मिलता। यहां तक कि पीने का पानी भी बहुत मुश्किल मिलता है। सूखे के दौरान अनाज और पानी दोनों की ही कमी हो जाती है। 

Drought - Natural Disaster - Exclusive Samachar

सूखा से बचाव

अधिक से अधिक वृक्षारोपण करे। कृषि के लिए उचित तकनीक का उपयोग करें।बांध बनाकर वर्षा जल एकत्रित करे।

चक्रवात

चक्रवात एक ऐसी चक्रीय हवाएं होती है जो कि बहुत तेज गति से चलती है। बहुत तेज हवाएं रास्ते मे आने वाली सभी चीजों को तहस-नहस कर देती है। जैसे पेड़ों, घरों, बिजली के खंभों आदि को तहस-नहस कर देती है। चक्रवात विशेषतर समुद्र के किनारे वाले भाग मे आते हैं।

प्रभाव

चक्रवात का वायुमंडल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।

चक्रवात से बचाव

मौसम विभाग द्वारा चक्रवात संबंधी सूचनाओ को लगातार  प्रसारित करते रहना। भवनों का निर्माण ऐसा हो कि वो तेज हवाओं को सह सकें।तटीय क्षेत्रों मे ज्यादा वृक्ष लगाएं।

how to prevent cyclones - International Day For Natural Disaster Reduction - Exclusive Samachar

भूस्खलन

जब ऊंचे पहाड़ों से घाटी मे बड़ी मात्रा मे मिट्टी तथा चट्टानें गिरती हैं, तो वह भूस्खलन कहलाता है। भूस्खलन के दौरान लोग घायल हो जाते हैं तथा कभी कभी वे मर भी जाते हैं। 

भूस्खलन का प्रभाव

आवासीय क्षेत्रों में भूस्खलन से जान-माल की हानि।वनस्पति एवं प्राणियों को हानि पहुंचाता है। 
भूस्खलन से बचाव
ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं ताकि पानी द्वारा होने वाले भू-क्षरण को रोका जा सके।

Offline Awareness

प्राकृतिक आपदा दिवस समाज के लोगों को जागरूक करने और इससे होने वाले ख़तरों के बारे मे जानकारी देने के लिए मनाया जाता है। प्राकृतिक आपदाओं के बारे मे जानकारी देने के लिए इस दिन स्कूलो और कालेजों मे‌ अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी ज्ञान दिया जाता हैं ताकि समाज के लोगों को सभी प्रकार की घटनाओं के लिए तैयार किया जा सके।    यह दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि दुनिया मे सभी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की ओर बल देता है। इससे पहले कोई भी इस आपदा का शिकार बने यह उस आपदा को भी दूर करने पर बल देता है।

Online Awareness

सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के कर्मचारियों द्वारा इस दिन Online कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं ताकि समाज के लोगों को जागरूक किया जा सके। Online कार्यक्रमों मे मीडिया मुख्य भूमिका निभाता है। 

प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण और अंतरराष्ट्रीय दिवस के महत्व को फैलाने के लिए Facebook , Twitter, Telegram व अन्य Social Sites का उपयोग किया जाता है। 

भारत

भारत एक बहुत बड़ा देश है। देश की जानकारी का उपयोग आपदा प्रबंधन के बारे मे जागरूकता फैलाने के लिए किया गया है। इस देश का योगदान बाकी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत मे आपदा की घटनाएं बाकी देशों की तुलना से अधिक होती हैं। परंतु आपदाओं से निपटने की गति बहुत धीमी है। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस पर सभी लोगों को पर्यावरण के ख़तरों से अवगत कराना। प्राकृतिक आपदाओं मे कमी लाना और आपदा प्रबंधन के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्कूलों, कालेजों मे उत्सव मनाया जाता है। जो जलवायु परिस्थितियों मे सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका मे स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों द्वारा बड़े उत्साह के साथ प्राकृतिक आपदा दिवस मनाया जाता है। इस दिन सड़कों पर रैलिया आयोजित की जाती है।          इस दिन सरकार आपदा के ख़तरों को कम करने के तरीकों की खोज के लिए विवेकपूर्ण नागरिकों को मान्यता और छात्रवृत्ति प्रदान करती है। संयुक्त राज्य अमेरिका एक विकसित देश हैं और यहां बहुत ज्यादा प्राकृतिक आपदाएं देखने को नहीं मिलती।

चीन

दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश चीन है। चीन मे अन्य देशों की तुलना मे प्राकृतिक आपदाएं बहुत कम होती है। परंतु चीन के लोग इस दिन प्राकृतिक आपदाओं के उत्सवों मे भाग लेते हैं। इस दिन स्कूलों और कालेजों मे कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता हैं ताकि आपदाओं के दौरान मूल्यांकन, निकासी और राहत के महत्व के बारे मे दूसरों को समझाया जा सके। प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस का उद्देश्य आपदाओं के ख़तरों को रोकने, आपदाओं के परिणामों को कम करना।

थीम 2020

आपदा जोखिम को समझना, जोखिम को दूर करने मे निवेश आपदाओं का प्रबंधन और तरीके संशोधित करने पर बल देता है।    आपदा नुक़सान को कम करने, जीवन को बचाने आदि पर बल दिया जाता है।

मानसिक तनाव आज के समय में हर किसी के जीवन मे स्थाई रूप से अपने पैर पसार चुका है। तनाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। 
आपकी जिंदगी से शुरू होने वाला मानसिक तनाव पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। जो अपने साथ कई तरह की अन्य समस्याओं को जन्म देने मे सक्षम है। 

उद्देश्य 

तनावग्रस्त जीवनशैली मे बिगड़ने वाली मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व मे मानसिक स्वास्थ्य दिवस या World Mental Health Day के रूप मे मनाया जाता है।

कोरोना काल में लोगों की मानसिक स्तिथि 

24 March से लगे Lockdown  के कारण बच्चे, बूढ़े, जवान आदि सभी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत गहरा असर पड़ है। Lockdown के चलते लोग अपनी सोचने समझने की शक्ति खो बैठे है। उन्हें यह भी नही पता कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या करने जा रहे हैं। 

Lockdown के चलते स्कूल, कालेज, हर प्रकार के कामकाज बंद थे और घर मे बिना किसी काम के खाली बैठना सरल शब्दों में कहें कि खाली दिमाग शैतान का घर। तो यही कारण है कि Lockdown से लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।

मानसिक विकार की संख्या

आज Approx 1 Million से अधिक लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे है और प्रत्येक 40 second मे एक व्यक्ति आत्महत्या करके स्वयं की जान का दुश्मन बनता जा रहा है।

मानसिक तनाव के लक्षण 

मानसिक तनाव से जूझने वाले व्यक्ति मे कुछ विशेष लक्षण दिखाई देते हैं। 

जैसे उदास रहना, थकान, डर लगना, भूलने की समस्या, नींद ना आना, कमजोरी, आत्मविश्वास मे कमी आदि।

यह बात हर किसी को हर दिन याद रखनी चाहिए कि तनाव किसी समस्या का हल नही होता बल्कि कई अन्य समस्याओं का जन्मदाता होता है।             

उदाहरण

तनाव आपको अत्याधिक सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त करता है। दुनिया मे सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का प्रमुख कारण मानसिक तनाव होता है। यह आपका स्वभाव चिड़चिड़ा कर आपकी खुशी और मुस्कान को भी चुरा लेता है। इससे बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले अनावश्यक कारणों को जीवन से दूर करना जरूरी ही नही अनिवार्य हो गया है।                          

चूंकि पूरा विश्व मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो रहा हैं और तनाव से दूर रहने के प्रयास कर रहा है। तो हमें भी कोशिश करनी चाहिए कि किसी भी समस्या मे अत्याधिक तनाव नही लेंगे क्योंकि यह कई तरह की शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। 

चिंता चिता के समान

आखिरकार तनाव लेने से समस्याएं सुलझाने के बजाए और अधिक जटिल हो जाती है। तो बेहतर यही है कि उन्हें शांति से समझते हुए हल किया जाए।          

समस्या मे मुस्कुराना भूलना नही चाहिए। इसलिए हंसते रहिए मुस्कराते रहिए और चिंता को दूर भगाते रहिए।

मानसिक तनाव से बचाव

मानसिक तनाव से बचने के लिए हमें रोजाना सुबह-शाम योगा , प्राणायाम, अभ्यास करना चाहिए और हमें अपने आप को कामकाज मे व्यस्त रखना चाहिए इससे हम तनाव से मुक्ति पा सकते हैं।

मानसिक शांति

आज के समय में मानसिक शांति का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। मानसिक शांति को प्राप्त करने के लिए योग, प्राणायाम,ध्यान और कई तरह के अलग-अलग तरीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल अति आवश्यक है।

योगा स्वास्थ्य मे सुधार करना और मोक्ष प्राप्त करना है। तो योग तनाव, चिंताओं और परेशानियों का बहुत ही सरल इलाज है। 

योगा का उद्देश्य

योग व्यक्ति को शक्तिशाली, नीरोग और बुद्धिमान बनाता है। योगा का उद्देश्य आत्मा का परमात्मा से मिलाप करवाना है। यह शरीर, मन तथा आत्मा की आवश्यकताएं पूरी करने का एक अच्छा साधन है।

योग भारतवासीयो के लिए ऋषि मुनियो की दी हुई विरासत है। भारत मे योग 3 हजार वर्ष पूर्व पहले शुरू हुआ। आधुनिक समय मे योग का आदि  गुरु महषि पतंजलि को माना गया है। महर्षि पतंजलि द्वारा योग पर प्रथम पुस्तक “योग-सूत्र” लिखी गई।

प्राणायाम

प्राणायाम दो शब्दों से  मिलकर बना है प्राण +आयाम जिसका अर्थ है- नियंत्रण व नियमन। इस प्रकार जिसके द्वारा सांस के नियमन व नियंत्रण का अभ्यास किया जाता है, उसे प्राणायाम कहते है। सरल शब्दों में कहें तो सांस को अंदर ले जाने व बाहर निकालने पर उचित नियंत्रण रखना ही प्राणायाम है। 

प्राणायाम करने के फायदे  

प्राणायाम से शरीर का रक्तचाप व तापमान सामान्य रहता है। इससे मानसिक तनाव व चिंता दूर होती है।प्राणायाम से हमारी सांस लेने की प्रक्रिया मे सुधार होता है।प्राणायाम करने से आध्यात्मिक व मानसिक विकास मे मदद मिलती है।  

प्राणायाम के साथ ईश्वर की भक्ति 

प्राणायाम के साथ-साथ राम का नाम लिया जाए तो सोने पर सुहागा हैं। इससे इच्छाशक्ति बढ़ेगी और व्यक्ति को हर समस्या का समाधान अपनी अंतर आत्मा से मिल जाएगा और व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिल जाएगी।

थीम 2020

इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2020 की थीम सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य अधिक से अधिक निवेश, ज्यादा से ज्यादा पहुँच है।

प्रतिवर्ष अक्टूबर के दूसरे गुरुवार का दिन विश्वभर में दृष्टि दिवस (World Sight Day) के रूप में मनाया जाता हैं।दृष्टि हानि और अंधापन जैसी आंखों में होने वाली गम्भीर समस्याओं के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए दृष्टि दिवस मनाया जाता हैं।इस साल विश्व दृष्टि दिवस 8 अक्टूबर यानी की आज मनाया जा रहा हैं।

आंखें भगवान की वह नियमित देन है जिससे हम संसार को देख पाते है। यह शरीर का वह अभिन्न अंग है, जिस के द्वारा हम रोजमर्रा के काम करने के काबिल तो है ही, इसके साथ ही कुदरत के रंगों को भी देख पाते हैं।

आधुनिक यंत्र कंप्यूटर, स्मार्ट फोन, टीवी जैसे यन्त्रों के लगातार इस्तेमाल से अक्सर लोग आंखों की कमजोरी व बीमारियों से परेशान रहते हैं।इसके साथ ही हमारी ख़राब लाइफस्टाइल की वजह से काफी स्वास्थ्य सबंधी समस्याएं हो रही है, जिसमें आंखों की समस्या भी जुड़ी हुई हैं।

आइए जानते है हमें अपनी आंखों की देखभाल के लिए क्या-क्या करना चाहिए

आंखों में होने वाली समस्या के लक्षण

1. आंखों का लाल हो जाना, जलन होना।
2. आंखों में खुजली, सूजन और दर्द का होना।
3.आंखों के आगे छोटे-छोटे धब्बों का नजर आना।
4. आंखों के आगे धुँधलापन आना, साफ़ न दिखना।

World Sight Day 2020 - Exclusive Samachar

आंखों में होने वाली समस्याओं के  कारण

1. ज्यादा प्रदूषण की वजह से आंखों में धूल मिट्टी का चले जाना।
2. कंप्यूटर, मोबाइल का ज्यादा समय तक उपयोग करना।
3. जरूरत से ज्यादा कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से भी आंखों में जलन महसूस हो सकती हैं।

अगर आपको भी इस तरह से कोई आंखों की परेशानी सता रही है, तो आप ये घरेलू उपचार कर के अपनी आंखों को तरोताजा रख सकते है !!

बारिश का पानी -बरसात का पानी आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। बरसात के समय में गर्दन ऊपर उठाकर आसानी से आंखों में आने वाली बूंदों को आंखों में डलने दें, इससे आंखे एकदम साफ हो जाती है। ध्यान रहे कि बारिश होने के कम से कम आधा घन्टे बाद ही आप ऐसा करें, क्योंकि शुरुआती बारिश में धूल कण मिले हुए होते हैं।

व्यायाम 

नेत्र व्यायाम से नेत्र उत्तकों (Eye Muscles) का लचीलापन बना रहता है। नेत्रों में रक्त परिसंचरण (Blood Flow) अच्छा होता है जिसका सीधा असर हमारी आंखों पर पड़ता हैं।

आंखों के लिए व्यायाम

– एक पेंसिल ले, उसे एक हाथ की दूरी पर पकड़े। अब उसकी नोक पर ध्यान केंद्रित करें और पेंसिल को धीरे- धीरे अपनी नाक के पास लाएं और फिर दूर ले जाएं। ध्यान रहे, पूरा समय पेंसिल की नोक से नजर न हटाये।ऐसा दिन में 10 बार करने से बहुत लाभ होगा।

– आंखों को 5-5 second क्लॉकवाइज (clockwise) और एंटी क्लॉकवाइज (Anti-Clockwise) दिशा में घुमाएं। ऐसा दिन में 5-6 बार करना चाहिए।

8th October 2020 - World Sight Day - Exclusive Samachar

– 20 से 30 बार तेजी से पलको को झपकाने से भी बहुत फ़ायदा मिलता हैं।

– आंखों पर जोर डाले बिना दूर की किसी वस्तु पर ध्यान लगाना चाहिए। सबसे बढ़िया विधि है – चाँद पर ध्यान केंद्रित करना । संध्या या सुबह के समय जल्दी उठकर दूर की हरियाली पर नज़र केंद्रीत कर सकते है। ऐसा 5 मिनट रोज करने से आपको बहुत फ़ायदा मिलेगा। 

इस प्रकार अच्छे परिणामों के लिए यह नेत्र व्यायाम नियमित तौर पर करते रहना चाहिए।

आहार 

  • हरी मिर्च – आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए खाने में ताजी हरी मिर्च का लगातार सेवन करें।
  • त्रिफला – त्रिफला रात को भिगों दे, अगले दिन सुबह 2 से 3 बार अच्छी तरह से छानकर शहद में मिलाकर आंखों में डालने से बहुत फ़ायदा मिलता हैं।
  • आंवला – आंवला में विटामिन सी भरपूर होता है और विटामिन C धमनियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है, जिस कारण नेत्रों में रक्त-परिसंचरण सही तरीके से होता है। इसके साथ-साथ विटामिन C रेटिना की कोशिकाओं के लिए भी अच्छा होता हैं।
  • ड्राई फ्रूट एंड नट्स – आंखों की देखभाल के विटामिन E से भरपूर चीज़ों का सेवन करना जरूरी है, क्योकि आंखों में विटामिन E की कमी से कमजोरी आ जाती हैं।बादाम , काजू, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, मूँगफली आदि में विटामिन E भरपूर मात्रा में पाया जाता है, आप इनका सेवन नियमित रूप से करें।
  • फ्रूट्स – आंखों को तरोताजा , हेल्थी रखने के लिए विटामिन C का सेवन करना जरूरी है, जो खट्टे फलों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।इसके लिए आप सन्तरा,अमरूद,निम्बू,आंवला का नियमित रूप से सेवन करें।

इसके साथ आप अपनी अच्छी दृष्टि के लिए गाजर, पालक, चकुंदर, मीठे आलू, ब्लूबेरी, ब्रोकोली, गोभी, हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करें।

आंख में कुछ गिरने पर

अगर आंख में कुछ गिर जाए तो उसे सख़्त कपड़े से साफ नहीं करना चाहिए, बल्कि अंजुली में साफ पानी भरें औऱ फिर अपनी आंख को उसमें डूबोकर क्लॉकवाइज़ और एन्टी क्लॉकलवाइज़ इधर-उधर घुमाए, कुछ ही पलों में आंख में गिरा कण निकल जाएगा।

आधुनिक यन्त्रों का सीमित प्रयोग

आंखों को सुरक्षित रखने के लिए कंप्यूटर, आईपैड, स्मार्ट फोन से दूरी के साथ ही life style में बदलाव जरूरी हैं।

जिस कमरे में कंप्यूटर हो, उसमें उचित प्रकाश का होना जरूरी है। ज्यादा तेज रोशनी भी नही होनी चाहिए व प्रकाश व्यक्ति के पीछे से होना चाहिए सामने से नहीं।

जब भी कंप्यूटर पर लगातार काम करना हो तो हर 20 मिनट के गैप में 20 sec. के लिए स्क्रीन से नजरें हटा लेनी चाहिए और 20 फिट दूर किसी निश्चित बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।

हर रोज़ रात को सोने से पहले अपनी आँखों को साफ ठण्डे पानी से धोएं।

लेंस-बेहतर लेंस का प्रयोग करें या चोंध रहित चश्मा पहनें एवं चोंध रहित स्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए। जब कभी भी स्क्रीन के सामने घण्टे भर बैठना पड़े तो Dry Eyes से बचने के लिए पलकों को धीरे धीरे झपकाते रहना चाहिए।

हरी घास –  सुबह – शाम नंगे पैर हरी घास पर चलना व हरियाली को निहारना भी आंखों की रोशनी को बढ़ाता हैं व आंखों को ताज़गी प्रदान करता है।

नेत्रदान कर लोगों की ज़िंदगी को करें रोशन

बार-बार नेत्रदान के प्रति जागरूकता फैलाने के बाद भी नेत्रदान करने वालों के वर्तमान आंकड़े पर बात करें तो दानदाता एक फ़ीसदी से भी कम है।आज हमारे देश मे 25 लाख से भी ज्यादा लोग दृष्टिहीन हैं।प्रतिवर्ष देश में मृत्यु का आंकड़ा करीब 80 से 90 लाख लोगों तक का होता है। लेकिन नेत्रदान 20-25 हजार के पास ही होता है।

दृष्टिहीन लोंगो की सहायता के लिए जगह-जगह पर नेत्रदान के लिए Eye Bank खुले हुए हैं।रक्तदान की तरह नेत्रदान के लिए जागरूकता बढ़ा कर दृष्टिहीन लोगों की संख्या में कमी ला सकते हैं।

मृत्यु के पश्चात एक व्यक्ति 4 लोगों को रोशनी प्रदान कर सकता है। पहले 2 आंखों से 2 ही कार्निया प्राप्त होती थी, लेकिन अभी नई तकनीक “डिमैक” आने के बाद 1 आंख से 2 कार्निया प्राप्त की जा सकती है।व्यक्ति के मरने के बाद पूरी आंख नही बल्कि 1 रोशनी वाली काली पुतली को ही निकाल जाता हैं।ध्यान रहे मौत के 6 घण्टे तक ही कार्निया प्रयोग में लायी जा सकती है।अभी हमारे देश मे 25 लाख से ज्यादा लोगो को कार्निया की जरूरत है, अगर उन्हें कार्निया मिल जाए तो उनकी जिंदगी भी रोशन, रंगीन हो जाएगी, वह भी अपनी जिंदगी के रंग देख पाएंगे।

विश्व शाकाहार दिवस 2020: प्रत्येक वर्ष विश्व भर में अक्टूबर माह के पहले दिन यानि 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस के रुप में मनाया जाता है। आपको बता दें विश्व भर में शाकाहारी भोजन की धीरे-धीरे वापसी हो रही हैं।लोग धीरे-धीरे माँसाहार को छोड़कर शाकाहार को अपना रहे हैं। शाकाहारी भोजन मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। यही कारण है कि लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस के रुप में मनाया जाता है। 

शुरूआत 

विश्व शाकाहार दिवस मनाने की शुरुआत 1 अक्टूबर 1977 में उत्तरी अमेरिकी शाकाहार समाज द्वारा कि गई थी और वर्ष 1978 में अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ द्वारा शाकाहार से जीवन वृद्धि की समस्याओं को बढ़ावा देने के लिए इसका सहयोग किया गया था। लोगों में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से  World Vegetarian Day  को प्रत्येक वर्ष मनाने की घोषणा की गई थी।

World Vegetarian Day 2020 - Exclusive Samachar

उद्देश्य 

इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में शाकाहार के प्रति जागरूकता फैलाना है। शाकाहारी भोजन मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। 

शोध में पाया गया आदि मानव शाकाहारी होते थे | हमारे समाज में शुरू से ही शाकाहार और माँसाहार को लेकर विवाद होते आ रहे हैं। लोग यह मानते हैं की शाकाहार की  तुलना में माँसाहार में ज्यादा ताकत होती हैं। लेकिन यह गलत है, धर्मों में पाया गया है कि आदि मानव शाकाहारी होते थे और आज साइंस भी मान रही हैं We are pure vegetarian

आपको बता दें हमारा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए ही बना है। क्योंकि जो जानवर मांस खाते है, उनके दोनों जबड़े हिलते है व उनके दांत नुकीले होते हैं। जबकि दूसरी ओर जो जीव शाकाहारी होते हैं उनका केवल एक ही जबड़ा हिलता है और उनके केवल दो ही दांत नुकीले होते हैं। 

शाकाहारी भोजन के फायदे 

आज  World Vegetarian Day  के मौके पर हम आपको शाकाहारी भी के फायदे बताएंगे।  तो आइए जानते हैं

benefits of vegetarian diet in hindi - Exclusive Samachar

1. हृदय के लिए फायदेमंद 

शाकाहारी भोजन का सेवन से दिल की बिमारी होने का खतरा कम रहता है। शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेशन करने वाले लोगों में हृदय रोग होने की सम्भावना 30% तक कम हो जाती हैं। शाकाहारी भोजन में आप हरी सब्जियां, फल व दाले आदि ले सकते हैं। 

2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

विशेषज्ञों का मानना है कि शाकाहारी भोजन खाने में हल्का होता है और जल्दी पच जाता है। जबकि मांसाहार हमारे मानव शरीर के लिए हानिकारक होता है, उसे मानव शरीर में पचने के लिए काफी समय लगता है और जब वह पचता नहीं तो बहुत सी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। इसलिए हमें मांसाहार का त्याग कर शाकाहार को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।

3. उच्च रक्तचाप में फायदेमंद 

रिसर्च में यह पाया गया कि शाकाहारी भोजन का सेवन करने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या काफी हद तक कम रहती है। क्योंकि शाकाहारी भोजन में कॉम्लेक्स कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए खाने में शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देना चाहिए।

4. कैंसर के खतरे को कम करता है 

अध्ययन में पाया गया है कि शाकाहारी भोजन का सेवन करने वाले लोगों को कैंसर होने का खतरा कम रहता है। इसलिए शाकाहार को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

5. हड्डियों के लिए फायदेमंद 

शाकाहारी भोजन का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है। शाकाहारी आहार में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके लिए दूध आदि का सेवन कर सकते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्सियम मिलता है।

6. वजन को नियंत्रित करने में सहायक 

शाकाहारी भोजन से वजन को कम करने में काफी मदद मिलती है। अगर रोजाना दिन भर में तीन से चार बार फल, सब्जियां व सूखे मेवे सीमित मात्रा में सेवन करते हैं। तो इसकी मदद से कुछ ही दिनों में बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

आपको बता दें कई लोग मानते हैं कि मांसाहार में ज्यादा ताकत होती है। उसमें ज्यादा प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स पाए जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है उससे ज्यादा प्रोटीन कैल्शियम हमें शाकाहारी भोजन में मिल जाते हैं। जैसे: दाले, पनीर, दूध, फल, सब्जियां  में विटामिन, मिनरलस, प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए फायदेमंद है।

vegetarian diet in hindi - Exclusive Samachar

दुनिया भर में कितनी आबादी शाकाहारी है 

आपको बता दें कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि शाकाहारी भोजन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। आज यही कारण है कि शाकाहारी आहार का सेवन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एनरिच बोल फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में 37.5 करोड़ आबादी शाकाहारी है। जिसमें 

  • भारतीय  31%
  • अमेरिकन 7%
  • यूरोपिय 10%  

संदेश

शाकाहारी भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। तो आप सभी भी अपनी दिनचर्या में मांसाहार को त्यागकर शाकाहार को अपनाएं और अपने देश व समाज को समृद्ध बनाएं व एक स्वच्छ भारत का निर्माण करें।