Archive

January 2021

Browsing

अब इंतजार की घड़ियां हुई खत्म

आपको बता दे वह पल आ ही गया है, जिसका करोड़ों भारतवासी एक वर्ष से निरंतर इंतजार कर रहे थे कि आखिर वह पल कब आएंगा जब भारत से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से ये Covid-19  जैसी बीमारी से छुटकारा मिलेगा। अब आ गई कोरोना की वैक्सीन जो देश के पूरे कोने-कोने तक पहुंचने वाली है।

देश की राजधानी दिल्ली से होगी वैक्सीनेशन की शुरुआत

भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी Covid-19 टीकाकरण का शुभारंभ दिल्ली में सुबह 10:30 बजे करेंगे। जिसमें कुछ ही घंटों का इंतजार बचा है। सबसे पहले टीका 3 करोड़ हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्करों को लगाया जाना है जोकि निःशुल्क होगा। उसके बाद 27 करोड़ लोगों का टीकाकरण होने वाला है। सारे देशभर में 3006 वैक्सीनेशन साइट्स वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के द्वारा पीएम से जुड़ेंगे और सब जगह एक ही समय पर टीके लगाए जाएंगे।

जानिए किसने तैयार की कोरोना वैक्सीन?

Covid-19 की वैक्सीन कोविशील्ड है, जिस को Oxford university और ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका द्वारा मिलकर तैयार किया गया है। इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में तैयार की गया है। जिसके जरिए भारत में 30 करोड़ का टीकाकरण शुरू होगा। लगातार बढ़ रहे कोरोना के तेजी से मामलों के लिए बायोटेक की वैक्सीन को बैकअप के तौर पर रखा गया है।

टीकाकरण टीमों का गठन व तैयारियां सुनिश्चित

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि तीन हज़ार टीकाकरण बूथ तैयार किए गए हैं और 2934 केंद्रों पर टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण टीमों का गठन कर सभी तैयारियां सुनिश्चित कर टीकाकरण के लिए तीन हिस्सों में बांटा गया है। टीका लगवाने वाले को 4 सप्ताह के अंदर दूसरी खुराक लेनी होगी।

Covid-19 वेबसाइट का उद्घाटन

 स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि Covid-19 साइड का उद्घाटन भी किया जाएगा। इसके जरिए ही व्यक्ति टीका लेने के लिए अपना पंजीकरण कर सकता है।

CO-WIN App लांच

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  द्वारा कोविड ऐप को लांच किया जाएगा। Covid-19 की वैक्सीन लगवाने वाले इन्सान को दो डोज़ दिए जाएंगे व दूसरी डोज के लिए CO-WIN App में टीके लगने की date, place व अन्य जानकारी दी जाएगी। दोनों डोज complete होते ही व्यक्ति के फोन पर ही certificate आ  जाएगा।

कोरोनावायरस जैसी बीमारियों से जुड़े सवालों के लिए लाॅन्च करेंगे काॅल सेंटर नंबर- प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए 24*7 काॅल सेंटर (नंबर-1075) लाॅन्च करेंगे।

सप्ताह में 4 दिन दिल्ली में लगेंगे इंजेक्सन

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि 16 जनवरी को दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना वायरस के लगाएं जाने वाली टीका मुहिम की तैयारियां पूरी हो चुकी है। निर्धारित दिन 8000 स्वस्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। केजरीवाल ने बताया है कि पहले दिन 81 केंद्रों में टीकाकरण शुरू होगा और फिर कुछ दिनों बाद केंद्रों की संख्या 175 और फिर 1,000 बढ़ा दी जाएगी।

सप्ताह में 4 दिन टीकाकरण होगा।सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार व शनिवार। रविवार और हफ्ते में अन्य दो दिन टीके नहीं लगाएं जाएंगे।

पोलियो टीकाकरण दिवस को  बदलने का लिया निर्णय

विश्व का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण महाअभियान 16 जनवरी को शुरू होने वाला है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रपति कार्यालय से बातचीत करने के बाद निर्णय किया है कि “पोलियो रविवार” जोकि पोलियो टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसको बदलकर 31 जनवरी कर दिया जाए।

सभी राज्यों व जिलों में भेजी गई कोरोना वैक्सीन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों में 1.65 करोड़ खुराक वितरित की जा चुकी है और प्रत्येक राज्य को समान मात्रा में टीके की डोज पहुंचाना  केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है।अलग-अलग राज्यों में एक साथ की जाएगी वैक्सीनेशन की शुरुआत।

Conclusion

Covid-19 वैक्सीन तैयार करना भारत के लिए एक बहुत ही बड़ी सफलता है। अब Covid-19 से पीड़ित लोगों को कोई भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि जब भी कोई समस्या आती है, तो समाधान भी साथ ही साथ आता है। जो कि एक वर्ष के लंबे इंतजार के बाद वैक्सीन टीकाकरण से संभव हुआ है।

Hike sticker chat app, जो 8 वर्ष बाद बंद होने जा रहा है

इतिहास :-  इस एप्प (Hike sticker chat app) को भारत में 2012 में लॉन्च किया गया था और पिछले 8 सालों से यह ऐप भारत में बहुत अधिक प्रसिद्ध है। यह भारत का एकमात्र पॉपुलर चैट ऐप है। लेकिन यह ऐप भारत में बंद किया जा रहा है। इस ऐप के बंद हो जाने के बाद लाखों यूजर्स देसी चैट ऐप का इस्तेमाल करने लग जाएंगे। इसके बारे में निम्नलिखित बातें की जा सकती है‌।

इस ऐप को लांच करने के कारण

जैसा कि हम जानते हैं, इस ऐप को भारत में 2012 में भारतवासियों के प्रयोग के लिए लांच किया गया था। इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप हाइक को 30 हजार स्टिकर्स के साथ साल 2012 में शुरू किया गया था। इस ऐप को लांच करने वाले अधिकारियों को भी बहुत लाभ प्राप्त हुआ था। क्योंकि इस ऐप को प्रयोग करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी।

इस ऐप के फायदे

इस ऐप में हमें 30,000 कर दिए गए थे। स्टिकर की सहायता से हम अपने जैसे इमोजीस बना सकते थे। जो बिल्कुल हमारी तरह ही दिखते थे। इसमें हम अपनी मातृभाषा हिंदी या किसी भी अन्य भाषा का प्रयोग करके लिख सकते थे। इस तरह आप अपनी चैट इंटरेस्टिंग बना सकते थे। 
इस ऐप का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह था कि हाइक इमोजी का यूज़ व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक मैसेंजर में भी कर सकते थे।

इसके साथ ही इस में Hike Sticker Chat का सबसे अच्छा फीचर यह है कि इसमें यूजर्स अपने आप का स्टीकर create कर सकते हैं। कंपनी द्वारा इसको  HikeMoji का नाम दिया गया है।

इस ऐप को बंद करने के कारण

इस चैट ऐप में कुछ ऐसी कमियां थी, जिसके कारण यह आप लोगों को अधिक पसंद नहीं आया। यही इसके बंद होने का प्रमुख कारण बना। हालांकि कंपनी की उम्मीदों पर यह एप खरा नहीं उतर पाया। इसलिए इस ऐप को भारत में 14 जनवरी 2021 को बंद किया जा रहा है। सीईओ केविन भारती मित्तल ने ट्वीट कर जानकारी दी है। इस ऐप के बंद होने से पहले आप अपनी चैट का डाटा अपनी ईमेल पर सेव कर ले।

हानियां

हाइक स्टीकर चैट एप भारत में इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि की तरह इतना पॉपुलर नहीं हो पाया है। यही इस ऐप के बंद होने का सबसे प्रमुख कारण है। इस ऐप को बंद करने का दूसरा प्रमुख कारण यह है कि यह आप इतना अधिक प्रसिद्ध नहीं हुआ जैसा कि कंपनी ने सोचा था। इस ऐप का इतना बड़ा नेटवर्क नहीं बन पाया, जितना कि कंपनी ने सोचा था। इसलिए इसके नेटवर्क क्षेत्र पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा और कंपनी के अधिकारी ने सीईओ केविन भारतीय मित्तल ने यह ऐप बंद करने का निर्णय लिया। 

कैसे सेव करें अपना डाटा

Hike chat data को अपने email पर सेव करने के लिए सब से पहले user को Export Chats option पर क्लिक करना होगा। इसके बाद user को रजिस्टर्ड नंबर टाइप करना होगा, जिस पर OTP (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। इस प्रक्रिया के बाद user ki mail id मांगी जाएगी और उसके बाद ही यूजर्स अपनी हाइक ऐप का सारा data अपनी mail id पर save कर सकते हैं।

Conclusion

जितना जल्दी हो सके आप सब भी अपने डाटा को सेव करें और किसी भी प्रकार की असुविधा से बचे।

ये है दुनिया के सबसे ख़तरनाक पौधें

पेड़ पौधों का हमारे जीवन में काफी महत्व हैं। हमें पेड़ पौधों से हवा, फल जैसी काफी महत्वपूर्ण चीज़े प्राप्त होती हैं। लेकिन इसके विपरीत प्रकृति में ऐसे भी पेड़-पौधे हैं। जो बहुत ज़हरीले और खतरनाक साबित होते हैं। ये पौधे मनुष्य की जान भी ले सकते हैं।

आइये जानते है ऐसे पौधों के बारे में

Cerbera Odollam ( सुसाइड ट्री)

यह पौधा केरल और उसके आस पास समुन्द्र तटीय क्षेत्रों में पाया जाता हैं। इस पौधे की वजह से केरल के काफी लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इस पौधे के बीज के अंदर एल्कलॉइड पाया जाता हैं। जो कि मनुष्य के दिल और श्वसन तंत्र के लिए काफी घातक होता हैं।

Oleander – Nerium Oleander (कनेर)

कनेर का पौधा एक ऐसा पौधा है, जिसका हर हिस्सा मनुष्य के लिए घातक सिद्ध होता हैं। इस पौधें के सेवन में मनुष्य में काफी तरह की बीमारी जैसे- चक्कर, लूज़ मोशन, उल्टी आदि के साथ-साथ मनुष्य के कोमा में जाने की भी संभावना बढ़ जाती हैं। अगर शरीर का कोई हिस्सा कनेर के पौधे को स्पर्श कर लेता है, तो शरीर में खुजली हो जाती हैं। कनेर के पेड़ के फूल पर बैठने वाली मधुमखियों के शहद का सेवन करने से भी मनुष्य बीमार पड़ जाता हैं। इसलिए इस पौधे को सबसे खतरनाक माना जाता हैं।

Castor Bean – Ricinus communis ( अरण्डी)

अरण्डी के पौधे के बीज क़ाफी जहरीले होते हैं। इनमें इतना जहर पाया जाता हैं कि मात्र एक से दो बीज के सेवन से ही बच्चे की मौत हो जाती हैं। इसमें राइसिन नामक जहर पाया जाता है। जो इंसान के शरीर के लिए घातक होता है। यह कोशिकाओं के अंदर प्रोटीन संश्लेषण पर रोक लगाता है। जिसकी वजह से उल्टी दस्त और इंसान की मौत भी हो जाती हैं।अरण्डी के बीज का उपयोग कस्टर्ड ऑइल निकालने के लिए किया जाता हैं। 

Rosary Pea-Abrus precatorius (रोजरी पी)

इस पौधे के रोजरी नाम होने के पीछे का रहस्य यह है कि इसका उपयोग प्रार्थना में प्रयोग होने वाली माला और जूवेल्लरी में किया जाता हैं। इसके छूने से इंसान को कोई भी ठेस नहीं पहुँचती लेकिन इसके सेवन या खुरचने की वजह से यह इंसान की जान के लिए घातक सिद्ध होती है। इस पौधे में एब्रिन नाम का जहर पाया जाता हैं जिसका मात्र 3 माइकोग्राम ही किसी इंसान की जान लेने के लिए क़ाफी हैं।

Deadly NightShade – Atropa Belladonna (घातक नाईटसेड)

यह पौधा मध्य और दक्षिणी एशिया में पाया जाता हैं। इसकी पत्ती हल्की हरी और फल काले रंग के चमकीले (चेरी के प्रकार के) होते हैं। इसके फल मीठे होते हैं। लेकिन इसके तने, फल, जड़, पत्तियों में सकोपोलामिन और एट्रोपिन पाया जाता हैं। जो कि मनुष्य शरीर के लिए घातक होता हैं। इससे शरीर लकवाग्रस्त हो जाता हैं, इसकी भी पत्ती को छूने से शरीर में खुजली होने लगती हैं।

White Snakeroot – ageratina altissima (वाइट सनकेरूट)

यह पौधा उत्तरी अमेरिका में पाया जाता हैं। इसके फूल सफेद व छोटे के होते हैं। इसमें अल्कोहल ट्रेमटोल पाया जाता है, जो शरीर के लिए घातक होता हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन की माँ की मौत इसी पौधे की वजह से हुई थी। उन्होंने एक गाय का दूध पाया जिसके कारण उनकी मौत हुईं। अगर कोई जानवर इस पौधे का सेवन कर लेता है तो इसके मांस या दूध के पीने से इंसान की मौत हो जाती हैं। इससे इंसान के शरीर मे जहर फैल जाता हैं, जिससे इंसान की मृत्यु हो जाती हैं।

Water Hemlock – Cicuta maculata ( वाटर हेमलोक) – वाइट सनकेरूट के साथ इसे भी उत्तरी अमेरिका का सबसे जहरीला पौधा माना जाता है। इसके फूलों को अक्सर इंसान अजवायन समझ कर धोखा खा जाते हैं। अगर कोई इसे गलती से खा ले तो इसके परिणाम अत्यंत घातक सिद्ध होते हैं। चक्कर, पेट दर्द के साथ इंसान की मौत ही हो जाती है या फिर इंसान अपनी याददास्त खो बैठता हैं।

उत्तर भारत का प्रसिद्ध त्योहार लोहड़ी आज 13 जनवरी को पूरे पंजाब और हरियाणा में बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है।लोहड़ी का त्योहार पोष मास के अंतिम दिन और मकर संक्रांति के एक दिन पहले सूर्य के पशचात् मनाया जाता है। अलग-अलग जगहों पर मकर संक्रांति को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे बिहार और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को तिल सकरात के नाम से जाना जाता है यानि तिल से बने लड्डू जिसको तिलकुट कहा जाता है। इस दिन लोग पतंग उडा़ते है। मकर संक्रांति को लेकर कहा जाता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति होती है।

लोहड़ी क्यों मनाई जाती है

इस त्योंहार से जुड़ी बहुत सी पौराणिक कथाएँ हैं। परंतु सबसे महत्वपूर्ण पौराणिक कथा दुल्ला भट्टी की मानी जाती है। जो कि पंजाब का प्रसिद्ध नायक था। वो अमीरों से खजाना लूटकर, गरीबों में बांटकर उनकी मदद करता था। जिसकी वजह से लोग उसे बहुत प्यार करते थे और वो गरीबों के खिलाफ होने वाले अत्याचार के विरुद्ध हमेशा आवाज उठाता था। एक बार एक गरीब ब्राह्मण की दो बेटियां सूंदर और मूंदरी, जिनकी सगाई तय हो चुकी थी। उनकी सुंदरता को देखकर हाकिम ने उनको उठाने का मन बना लिया। उस हाकिम से बचाने के लिए दुल्ला भट्टी के पास उनके पिता ने अर्ज की। तो दुल्ला भट्टी ने उनकी शादी उसी दिन करवाकर हाकिम से बचा लिया। दुल्ले के पास शगुन के रुप में उन लड़कियों को देने के लिए शकर के सिवा और कुछ नहीं था। तभी से लोहड़ी के इस त्यौहार को मनाया जाने लगा।

Happy Lohri - 2021 - Exclusive Samachar

लोहड़ी की तैयारीयां

लोहड़ी से कुछ दिन पहले ही बच्चे इकट्ठे होकर घर-घर जाकर दुल्ला भट्टी का गाना गाकर लोहड़ी मांगते है। जिसमें उनको मूंगफली, गुड़, रेवड़ी, थापियां(पाथी) मिलती है। जैसे ही शाम होने लगती है, आसपास के घरों के लोग एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं। बीच में लकड़ी और थापियां जलाई जाती है। जिसके आसपास सभी लोग बैठकर गीत गाते है। लोहड़ी के दहन के आसपास ढोल बजाकर नाचते हैं, औरतें गिध्धा करती है।जिनके घर बेटा हुआ हो या जिनके लड़के की शादी हुई हो, उन परिवार वालों को सभी बधाई देते हैं और वह सबको गुड़, रेवड़ी, गजक बांटते हैं।

आधुनिक युग में लड़की को भी लड़को के बराबर दर्जा दिया जा रहा है। जिससे अब सिर्फ लड़को की लोहड़ी ही नहीं मनाई जाती, बल्कि लड़की होने पर भी धूम-धाम से लोहड़ी मनाई जाती है।

लोहड़ी की आग में लोग क्या जलाते है

आपको बता दे शाम के समय को जलाई जाने वाली आग में लोग गुड़, रेवड़ी, मूंगफली और तिल डालते हैं और साथ में बोलते है – ईशर आए, दलिद्र जाए दलिद्र दी जड़ चुले पाए। 
भाव अपनी सुस्ती को आग में जलाकर चुस्ती की मांग की जाती है। सभी एक-दूसरे को लोहड़ी की बधाई देतें है। इसके साथ ही हमें  लोहड़ी की आग में अपनी तमाम बुराईयों को जलाना चाहिए। जैसे- अपनी नफरत, क्रोध, लोभ, मोह, माया व अहंकार को इस दिन जला देना चाहिए व आपस में मिल-जूलकर त्यौहार को बडे़ प्यार से मनाना चाहिए।

त्योहार को मनाने का सही तरीका

हर त्योहार हमें सीख देता है। ठीक उसी तरह लोहड़ी का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। तो हमें लोहड़ी के दहन में अपनी एक बुराई अवश्य छोड़नी चाहिए और अच्छाई को अपनाना चाहिए। हर कोई इस त्योहार को जैसे नाच-गाकर मनाता है। अगर त्योहार को जरुरतमंदों की मदद करके मनाया जाए, तो हमारे साथ सबकी खुशी दौगुनी हो जाती है। हम किसी की मदद विभिन्न तरह से कर सकते है। जैसे भूखे व जरुरतमंद लोगों को राशन दान करके, कपड़े दान करके व जरुरतमंद लोगों में मिठाई बांट कर हम उनके साथ खुशी बांट सकते है।

Conclusion

आज के समय में इंसान ने तरक्की जरूर कर ली है। परंतु कहीं न कहीं वह रिशतों से दूर भाग रहा है। आज के समय में त्योंहार एक घर तक ही सीमित हो गए हैं। ऐसे में हम सबको भारतीय संस्कृति को कायम रखते हुए, भाईचारे के साथ त्योहार को मनाना चाहिए। इस तरह आपस में प्यार बढ़ता है और एक दूसरे से नफरत की भावना खत्म होती है।

WhatsApp user’s के लिए नया साल नई शर्तों के साथ

Whatsapp user’s के लिए नया साल नई शर्तों के साथ शुरू हुआ है। शर्ते भी ऐसी जिन्हें माना नहीं गया तो account करना होगा delete शर्तें मानना है जा नहीं इसके बारे में सोचने के लिए आपको 8 फरवरी 2021 तक का समय दिया गया है।

Millions लोगों द्वारा प्रतिदिन इस्तेमाल किया जाने वाला दुनिया का सबसे प्रसिद्ध online  messaging application WhatsApp है। पिछले कुछ दिनों से प्राइवेसी पॉलिसी, डेटा फेसबुक के साथ शेयर करने की वजह से लोग अपना पर्सनल डेटा सिक्योर करने के लिए WhatsApp को Uninstall करके Signal messaging App install कर रहे हैं।

What is Signal App?

Whatsapp की तरह ही Signal भी एक messaging app है। Whatsapp की तरह ही जो लोग आपकी contact list मे है, Signal app पर आप उससे Chat कर सकते हैं।

Signal App को Install कैसे करें?

एंड्रॉइड फोन वाले Signal को Google Play Store और  आई फोन वाले एप्पल एप्स स्टोर के द्वारा install कर सकते हैं।सिग्नल एप्स का साइज iOS पर 133.5 Megabyte और एंड्रॉइड पर 96.7 Mb साइज है। जोकि आपके फोन की बहुत कम जगह लेगा।

WhatsApp messenger - Exclusive Samachar

History of Signal App

2014 में लांच होने वाला Signal App whatsapp की तरह लोकप्रिय नहीं हो पाया।2017 में Whatsapp के co founder Brain Acton ने 50 मिलियन डॉलर Signal Messager CEO Moxie Marlinespike  को डोनेट किए और दोनों द्वारा इसके विकास हेतु बहुत ज्यादा प्रयास किए और अपना काम जारी रखा।

Signal App किस देश का application है और इसको किसने बनाया?

Signal App, California USA की Application हैं। जिसको Feb 2018 में Moxie Marlinespike और Brain Acton ने बनाया था।

सिग्नल किन-किन प्लेटफार्म पर काम करता है

Signal App विंडोज, मैक, आईपैड, आईफोन, एंड्रॉयड और ऑपरेटिंग के साथ-साथ Photo, video, message या किसी को कोई भी link’s भेज सकते हैं। Audio और video calls भी कर सकते हैं। कंपनी द्वारा वीडियो Calling फीचर जारी किया गया है। जिसके द्वारा आप 150 लोगों के साथ एक साथ वीडियो Calling कर सकते हैं। जो Whatsapp में ऐसी कोई सुविधा नहीं है।

WhatsApp को पीछे छोड़ भारत में क्यों ट्रेंड कर रहा है Signal app

जैसे कि आपको पता है कि पिछले कुछ दिनों से WhatsApp ने अपनी प्राइवेसी को अलविदा कहा है। तो दूसरी ओर Signal App ने Privacy policy को छिपाने का काम किया है। यही एक मुख्य कारण है Whatsapp को छोड़ना और Signal App को अपनाना।Signal अकाउंट ओपन करने के लिए केवल आपका मोबाइल नंबर ही लेता है। लेकिन व्हाट्सएप यूजर्स से 16 तरह की जानकारी लेता है। अब तक  Signal App के 5.5 लाख से भी अधिक डाउनलोड हुए हैं और Play Store पर जनवरी 2021 में फ्री एप्लीकेशन लिस्ट में यह नंबर वन पर है।

सिग्नल से मिलने वाली Privacy policy

  • Signal App की खासियत है कि ये App पूरी तरह से सिक्योर है। क्योंकि Signal App में यूजर्स का डाटा किसी को शेयर नहीं होगा।
  • Signal App की खास बात है। इसमें Data Linked to You फीचर दिया गया है। फीचर को इनेबल कर लेने के बाद कोई भी उस चैंट की स्क्रीनशॉट नही ले सकता। इस तरह पता लगता है कि ये App आप की Privacy policy को कितना सुरक्षित रखता है।
  • पुराने मैसेज को गायब करना – Signal App की एक खासियत ये भी है कि ये ऐप ऑटोमेटिकली पुराने मैसेज को गायब करता है और 10 सेकेंड से लेकर एक सप्ताह तक यूजर्स टाइम सेट कर सकते हैं। जिसके दौरान मैसेज अपने आप गायब हो जाते हैं जोकि WhatsApp में नहीं है।

क्या टेलीग्राम से भी बेहतर है सिगनल ऐप ?

व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी सामने आने के बाद यूजर दो ऐप ज्यादा इंस्टॉल कर रहे हैं। जो Telegram और Signal App है। टेलीग्राम को भी काफी लोग इंस्टॉल करें हैं। लेकिन प्राइवेसी को देखते हुए सिग्नल ने सभी को पीछे छोड़ दिया है। Signal App लगाकर डाउनलोडिंग हो रही है और एक ही सप्ताह में इसमें 36 फीसदी इजाफा पाया गया। पिछले कुछ ही दिनों से सिग्नल ऐप्स एक लाख से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।

क्या WhatsApp को टक्कर दे पाएगा Signal App?

WhatsApp मे होने वाले Privacy policy बदलाव के कारण भारत में बहुत से लोग WhatsApp की जगह Signal App को install कर रहे हैं। यह तो समय ही बताएगा कि WhatsApp को Signal टक्कर दे पाता है जा नहीं इसके लिए इंतजार ही कर सकते हैं।लेकिन WhatsApp, Signal और Telegram की तरह कई अन्य apps भी है लेकिन WhatsApp को अब तक कोई टक्कर नहीं दे पाया है। क्योंकि दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति अपनी सुविधा के लिए WhatsApp का इस्तेमाल कर रहा है। परन्तु इसके privacy policy के कारण परिवर्तन आ रहा है।

Conclusion

आज के समय में अपनी सुरक्षा हमारे हाथों में ही है। इसलिए लोग अपनी Safety के लिए WhatsApp को uninstall करके इसकी जगह Signal App का इस्तेमाल कर रहे हैं और अपने जीवन को लंबे समय के लिए सुरक्षित रख रहे हैं।

धरती का तेजी से घूमना बना चिंता का विषय –

आपको बता दे पिछले 50 सालों के समय में ऐसा पहली बार हुआ है कि धरती तेजी से घूम रही है। चिंता का विषय यह है कि मौजूद समय में धरती सामान्य गति से तेज चल रही है, अर्थात् पृथ्वी 24 घंटे से पहले ही अपना चक्कर पूरा कर रही है।

वैज्ञानिकों ने किया धरती को लेकर बड़ा खुलासा –

धरती पर मौजूद सभी देशों का समय बदल रहा है। यह इस बात को दर्शाता है कि धरती अपनी धुरी पर तेजी से घूम रही है और पिछले 50 सालों में समय की तुलना में अब की बार धरती ने 24 घंटे से कम समय में एक चक्कर पूरा किया है। जो कि वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
आपको बता दे पृथ्वी के घूमने का  उचित समय 24 घंटे में 86,400 होता है। कहने का अर्थ इतने सेकंड में पृथ्वी अपना एक चक्कर पूरा करती है। लेकिन पिछले वर्ष जून में 86,400 second 0.5  mili second की कमी आई है। जिससे कि धरती अपने तय समय से कम समय में चक्कर पूरा कर रही है। 19 जुलाई 2020 जुलाई का दिन सबसे छोटा दिन माना जाता है। क्योंकि यह 24 घंटे से 1.4602 मिली सेकंड कम था।

Negative Leap Second –

वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती का समय के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए नेगेटिव लीप सेकेंड का जोड़ना आवश्यक है। वैसे देखा जाए तो 70 के दशक से अब तक 27 लीप सेकेंड जोड़े जा चुके हैं। 2016 में लीप सेकेंड जोड़ा गया था, लेकिन इस बार धरती की रफ्तार बहुत तेज है। जिसकी वजह से लीप सेकेंड को हटाना पड़ेगा यानी नेगेटिव लिप सेकेंड जोड़ना पड़ेगा।
नेशनल फिजिकल लैबोरेट्री के सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट पीटर  का कहना है कि यह तो तय है कि धरती अपने तय समय से कम समय में एक चक्कर पूरा कर रही है। जो कि पिछले 50 सालों में पहली बार हो रहा है, जिसका परिणाम यह होगा साइंटिस्ट को इसमें एक नया लीप सेकेंड जोड़ना पड़ेगा ताकि धरती का समय के साथ और आमजन के जीवन के साथ तालमेल बनाया जा सके।

Atomic Clock –

सभी देशों का समय बदलने की वजह से साइंटिस्ट को अपनी अपनी जगह पर मौजूद एटॉमिक क्लॉक में नेगेटिव लीप सेकेंड जोड़ना पड़ेगा। ताकि आमजन धरती के समय के साथ अपना तालमेल रख सके इसका प्रभाव आम जन पर भी पड़ेगा। 

आप सभी के दिमाग में एक सवाल चल रहा होगा कि ऐसा क्यों होता है। हम आपको बताना चाहते हैं कि एक अध्ययन के अनुसार यह बदलाव Global Warming के कारण हो सकता है और शोधकर्ताओं का कहना है कि ग्लेशियरों का पिघलना भी एक मुख्य कारण है। जो कि पृथ्वी की रफ्तार को बढ़ावा दे रहा है और इसका प्रभाव बहुत बुरा हो सकता है |

सर्दियों में कैसे रखें अपनी त्वचा को कोमल 

हमारी खूबसूरती का सबसे अनमोल तोहफा हमारी सेहतमंद त्वचा है। ठंड से बचने के लिए सर्दी के मौसम में हम गर्म कपड़े पहनकर खुद को तो बचा लेते हैं, लेकिन सर्द हवाओं से हमारी त्वचा सुखी व बेजान हो जाती है।ऐसे में हम कई तरह के Products का इस्तेमाल करते हैं। जो हमारी त्वचा के लिए काफी नुकसानदायक साबित होते है।

रूखी त्वचा

सर्दियों में हर व्यक्ति की त्वचा रूखी व बेजान हो जाती है। जिसके कारण हमारी खूबसूरती गायब होने लगती है। उसको ही रूखी त्वचा कहा जाता है।

सर्दी के मौसम में Rough Skin होने के कारण

1. नहाने के लिए बहुत ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल करना।
2. ज्यादा समय तक सूर्य के संपर्क में रहना।
3. लम्बे समय से बीमार व्यक्ति द्वारा एलोपैथिक दवाओं का सेवन करने से।
4. अधिक समय तक स्वीमिंग पूल में तैरने से व्यक्ति की त्वचा की नमी खो जाती है। क्योंकि इस पानी में क्लोरीन युक्त होता है।
5. रूखी त्वचा का एक कारण बढ़ती हुई उम्र भी हो सकती है।
6. हाइपोथाॅयराडिज्म नामक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा  रूखी रहती है।

सर्दी में रूखी त्वचा से बचने के उपाय :- 

आज हर व्यक्ति सर्दी में रूखी त्वचा से परेशान हैं। इन रूखी व बेजान त्वचा की परेशानी से बचने के लिए हमें घरेलू नुस्खों के साथ- साथ अपनी जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना होगा।सूखी व बेजान त्वचा से छुटकारा पाने और खूबसूरत त्वचा पाने के लिए आजमाएं ये बहुत ही आसान घरेलू नुस्खे।

पुरातन महिलाओं के साधारण घरेलू नुस्खें अपनाएं और पाएं खूबसूरत व कोमल त्वचा

ठंड से बचने के लिए बाजारों में मिलने वाले अधिकतर काॅस्मैटिक्स में खतरनाक उत्पादन होते हैं। जिसके नियमित इस्तेमाल से हम को त्वचा संबंधी कई परेशानियां आ सकती हैं। पुरातन समय में महिलाएं अपना रूप निखारने के लिए कुदरती तरीकों पर आधारित रहा करती थी। लेकिन आज के दौर में हम घरेलू नुस्खों को भूल चुके हैं। लेकिन वास्तव में इनका प्रभाव बहुत अधिक व लम्बें समय तक रहता है। सब से सुखद पहलू यह है कि इन चीजों का कोई साइड इफ़ेक्ट जा नुकसान नहीं होता।

शहद एक घरेलू फेस पैक

शहद पूरी तरह से प्राकृतिक है।त्वचा की कई तरह की बीमारियों से राहत पाने के लिए शहद बहुत ही कारगर उपाय है। जैसे जलन से राहत पाने के लिए और सूखी त्वचा को नम रखने के लिए। झाइयां दूर करने के लिए शहद और नींबू का पेस्ट बना कर लगाएं।

मुल्तानी मिट्टी, शहद व पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें और पैक की तरह चेहरे पर लगाएं। 15-20‌ मिनट बाद गुनगुने पानी से धो दें। सप्ताह में दो बार आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे सीधा भी त्वचा पर लगाया जा सकता है।

नर्म व मुलायम त्वचा पाने का राज़ नारियल का तेल

नारियल के तेल में सेचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं। जो त्वचा को नर्म व मुलायम बनाते हैं। इसलिए रोज सोते समय नारियल का तेल अपनी त्वचा पर लगाएं। नहाने से पहले या नहाने के बाद भी आप तेल लगा सकते हैं।

रुखी त्वचा में रौनक लाने मे सहायक दूध मलाई

थोड़ी सी दूध मलाई में एक चम्मच तिल मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाने से आपका चेहरा चांद की तरह चमकने लगेगा।

खूबसूरती बढाएं, एलोवेरा लगाएं

जिन लोगों की हाथों और पैरों की त्वचा सूखती है व पिम्पल्स की समस्या है ऐसे में राहत पाने के लिए दिन में तीन बार एलोवेरा Gel लगाएं जिससे  बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं।

चेहरे को अच्छी तरह धोएं, फिर टाॅवल से चेहरा हल्के से सुखाने के बाद Gel की मोटी परत लगाएं, कुछ ही दिनों में फर्क आप खुद महसूस करेंगे।

त्वचा को निखारे दूध और बादाम

दूध का इस्तेमाल हमारी त्वचा को हाइड्रेट तो करता ही है, इसके साथ ही दाग और धब्बों को भी दूर करता है। दूध हमारी त्वचा के लिए ब्लीचिंग का काम करता है। बादाम त्वचा में नमी बनाएं रखने के लिए एक प्रकृति एमोलिएंट होता है।

प्रयोग की विधि

दोनों के मिश्रण को एक कटोरी में मिलाकर रूई के साथ लेकर लगाएं। 15-20 मिनट के बाद गुनगुने पानी से धो लें।

अच्छा आहार लें और दिखे खूबसूरत और जवां

घरेलू नुस्खों के साथ-साथ हमारे आहार का हमारे रूप पर गहरा प्रभाव पड़ता है। एक स्वस्थ डाइट न केवल हमारी सेहत, बल्कि हमारा रूप- सौन्दर्य निखारने में भी अहम भूमिका अदा करती है। फाइबर-युक्त फल, हरी सब्जियां और एण्टी आॅकि्सडैंट्स हमारी त्वचा के लिए बहुत जरूरी है। याद रखिए, यदि हमारा आहार सही न हो तो किसी भी प्रकार का काॅस्मैटिक हमारी त्वचा को निखार नहीं सकते।

अच्छी नींद लें और पाएं स्वस्थ त्वचा :- 

नुस्खों व आहार के बीच नींद को कभी नहीं भूलना चाहिए। क्योंकि अच्छी नींद सेहत का आधार होती है। हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारी त्वचा के लिए रोजाना 5 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है। जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है।

व्यायाम :- 

जो फायदा हमें व्यायाम से मिलता है, उसकी तुलना कोई क्रीम या जैल से नहीं की जा सकती है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि व्यायाम के दौरान शरीर से जो पसीना निकलता है, उस से त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते हैं।

Conclusion:

हम फालतू का फिजूल खर्च न करके इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर खूबसूरत और रूखी त्वचा से छुटकारा पा सकते हैं। इसलिए थोड़ी मेहनत करें और घरेलू नुस्खों को अपने जीवन में अपनाएं और दिखे लम्बे समय तक जवां।

आमतौर पर सभी लोग अपने जीवन में देखते हैं की हर रोज सूरज उगता है और ढल जाता है। इसी नियम में वर्ष के 365 दिन कब बीत जाते है, हमें पता भी नहीं चलता और न ही कभी हम मे से किसी ने भी सूरज के उगने का इंतजार किया और ना ही इस बात से कोई वास्ता रखा है। परंतु जैसे ही वर्ष के कुछ शेष दिन रह बचते हैं, तो हमें जनवरी के सूरज उगने की एक कसक सी लग जाती है। जमाने भर में उत्सव का माहौल हो जाता है। विश्व भर एक सरूर, एक जुनून में खोया-खोया लगता है। महफिल जमने लगती है, खुशियां जैसे आसमान से उतरने लगती है। यह नजारा जनवरी के लिए ही देखा जाता है।

आपको बता दे, 31 दिसंबर की रात जैसे ही घड़ी में 12:00 बजते हैं, साथ ही साथ विश्व भर में खुशी की लहर होती है। पटाखों व आतिशबाजियों के साथ नए वर्ष का स्वागत किया जाता है। देश की राजधानी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता सहित कई शहरों में लोगों ने महामारी के दौरान की गई जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करते हुए नए वर्ष का स्वागत किया व जश्न मनाया। दिल्ली सहित कई प्रभावित शहरों में covid-19 को देखते हुए रात को कर्फ्यू लगाया गया।

आपको बता दे, Covid-19 के कारण इस बार भले ही हम अपने दोस्तो व सगे- संबधियों से मिल न पाए, लेकिन उनके चेहरे पर मुस्काकुराहट लाने के लिए उन्हें New Year से जुडे़ संदेश व चुटकुले सांझा कर सकते हैं।

नए साल को विश्व भर में कैसे मनाया जाता है

जैसे ही नया साल आता है, लोगों में खुशी की लहर होती है। विश्व हर में लोग नाचने-गाने के साथ स्वादिष्ट भोजन का भी लुत्फ उठाते हैं। विदेशों में तो New Year को किसी त्यौहार से कम नहीं माना जाता है। नए साल के दिन लोग एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं। बहुत से लोग यह मानते हैं कि वर्ष का पहला दिन जैसा गुजरता है, पूरा साल वैसे ही बीतता है। इसलिए ज्यादातर लोग इस दिन हंसी-ठिठोली करते हैं। नए साल को लेकर बहुत जगहों पर शेरों-शायरियां की जाती हैं। जो इस प्रकार है:

फूल खिलेगें गुलशन में उनकी
खूबसूरती सभी को नज़र आएगी,
बीते साल की कुछ
खट्टी-मीठी यादें आपके साथ रह जाएगी,
आओ मिलकर सभी जश्न मनाएं
नए साल का हंसी-खुशी से,
नए साल की पहली सुबह आपके जीवन में खुशियां बेशुमार लाएगी।।

जीना इतना कि जिंदगी भी कम पड़ जाए,
हंसना इतना कि रोना भी मुश्किल हो जाए,
किसी मुकाम को पाना तो किस्मत की बात है,
मगर कोशिश इतनी करो कि
खुदा भी देने पर मजबूर हो जाए।
आप सभी को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं….