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May 2021

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मांँ – शब्द एक ऐसा शब्द है, जिसे बोलने से हृदय खुशी और प्यार से भर जाता हैं। भरे भी क्यों न क्योंकि मांँ इसके काबिल हैं। मांँ ममता की मुर्त हैं जो बिना किसी स्वार्थ, बिना किसी शर्त के बच्चों को प्यार करती हैं। हमारे समाज में माँ को भगवान के समान दर्जा दिया गया है। इसलिए तो दुनिया में भगवान के बाद दूसरा नाम मांँ का लिया जाता हैं।

त्याग और प्रेम की मूरत है – मांँ

कहाँ से शुरू करूँ और कहाँ पर ख़त्म करूँ…. ममता, प्रेम और त्याग की मुर्ति है – मांँ… दया का समुद्र है – मांँ…..
मां अपने बच्चे की आहट दूर से ही पहचान लेती हैं। क्योंकि दुनिया से 9 महीने ज्यादा जानती हैं हमें मांँ!!
वो मांँ ही है, जो हमें सभी परेशानियों से बचाती है और अपने आंचल में छुपा लेती हैं। जो अपने बच्चें के पीछे भागती कभी थकती नहीं।

Happy Mother's Day 2021 - Exclusive Samachar

इस दिन का इतिहास

मदर्स डे की शुरूआत 9 मई 1914 को अमेरिका से शुरू हुई। जिसका श्रैय अमेरिका के ही ऐना एम. जारविस को जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस अपनी माँ से बहुत प्यार व ममता मिलने के कारण उसने शादी नहीं की। माँ के गुजर जाने के बाद उन्हें प्यार जताने के लिए मदर्स-डे को मनाना शुरू किया। जिसके बाद 9 मई 1914 को अमेरिका प्रेसिडेंट विल्सन द्वारा इसे एक कानून के तौर पर पास किया गया। जिसमें लिखा था कि मई के दूसरे रविवार को मदर्स-डे मनाया जाएगा चाहे तारीख कौन सी भी हो तब से इसे पूरे विश्व में मनाया जाता है।

▪️कुछ लोगों का मानना है कि मातृ पूजा की रिवाज़ पुराने ग्रीस से उत्पन्न हुई जोकि स्य्बेले गरीकू देवताओं की माँ थी। जिनके सम्मान में मातृ दिवस मनाया जाता है। एशिया माइनर के आस-पास और रोम में भी वसंत विषुव के आस-पास यह त्यौहार इदेस आॅफ़ (15 मार्च) से 18 तक मनाया जाता है।

▪️मातृ दिवस को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में कई देशों द्वारा 8 मार्च को भी मनाया जाता है।

▪️ब्रिटेन और यूरोप देशों में मदरिंग संडे मनाने की परम्परा है। मतलब वह रविवार को माताओं का सम्मान उपहार देकर करते हैं और घर के सभी काम माँ को छोड़कर घर के बाकी सदस्य करते है।

मदर्स डे मनाने का उद्देश्य

मदर्स डे मनाने का मूल उद्देश्य माताओं को सम्मान देना और प्रेम को प्रदर्शित करना भी होता है। क्योंकि माँ के आंचल के बिना ये दुनियां अधूरी है। 1941 में वकील वुडरो विल्सन और अमेरिकी राजनेता ने माँओं को सम्मानित करने और उनके मातृत्व के प्रभाव को बढ़ाने के लिए मई के दूसरे रविवार को मदर्स-डे मनाने की घोषणा करने के लिए हस्ताक्षर किए बच्चों को माँ के प्यार के महत्व को बताने के लिए मातृ दिवस मनाया जाता है।

Mother's Day

मदर्स डे मनाने का मुख्य कारण

मदर्स डे मनाने की मुख्य वजह 27 मई 1812 की क्रांति है। जिसमें बाॅलीविन महिलाओं की नृसंश हत्या स्पेन की सेना द्वारा की गई जोकि अपनी आजादी के लिए लड़ी। 27 मई को बाॅलीविन की उन महिलाओं को सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है।

बच्चे के लिए माँ का महत्व

माँ के बिना दुनियां की हर चीज़ अधूरी है। कहते हैं न जिसके पास जो चीज़ नहीं होती, उस चीज़ की कीमत उन्हें पता होती हैं और दुनिया में जिनके पास मांँ नहीं है, मांँ की कमी वहीं समझ सकते हैं।
एक माँ ही हैं जिसके पास बच्चा अधिक समय रहता है। माँ बच्चे में अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्य भरती है। माँ बच्चे की अच्छी दोस्त होती है, बच्चे की प्रत्येक जरूरत का ध्यान माँ ही तो रखती है। जो आप खुद गिल्ली जगह पर सोती है और बच्चे को सुखी जगह डालती हैं। अपने बच्चे लिए सारी दुनियां से लड़ जाती है माँ। जो भूमिका माँ की बच्चें के जीवन में होती है वो कोई भी नहीं लें सकता। ये गीत सत्य ही है।

“लख होवन चाचियां ताईयां
माँवा माँवा हुदिआ ने”

कैसे मनाए

कोरोना महामारी के चलते Covid-19 के नियमों का पालन करते हुए मदर्स डे को मनाएं। घर के बने पकवान ही खाएं और अपनी माँ के साथ समय बिताकर जीवन को खुशियों से भरें।

आज माँ को क्या उपहार दें

माँ की ममता और बलिदान को हम शब्दों में ब्यान नहीं कर सकते। मदर्स-डे वर्ष में एक दिन नहीं रोज़ सेलिब्रिट हो ताकि हम मां को वो सम्मान दें सके जिसकी वो हकदार हैं। वैसे तो आप अपनी जिंदगी में उलझे रहते हैं, लेकिन साल में एक इस दिन को खास बना सकतें है-

  • आप इस स्पेशल दिन को मांँ को कुछ स्पेशल महसूस करवाएं।
  • घर पर ही मांँ के लिए कुछ स्पेशल बनाएं।
  • माँ को आपने हाथ से बनाकर कार्ड व गिफ्ट दें।
  • मां के साथ वक्त बिताए।
  • आपकी थोड़ी-सी कोशिश माँ को बहुत खुशी दे सकती है।

माँ का ऋण कैसे चुकाए

हम 100 जन्म लेकर भी माँ का ऋण नहीं चुका सकते। अगर आप अपनी माँ का ऋण चुकाना चाहते हैं तो सबसे पहले एक अच्छा इंसान बनके दिखाएं। कभी भी कोई भी ऐसा कार्य न करें, जिससे माँ के हृदय को ठेस पहुंचे। माँ ने जो आपके लिए सपना देखा है उसे पूरा करें। जब आप छोटे थे तो माँ ने आपका ध्यान रखा। अब आप मां -बाप का सहारा बनें। आपकी वजह से मां -बाप की आंखों में कभी आंसू न आएं। नेक कार्य करें। कोई माँ नहीं चाहती की उसका बेटा चोर, डाकू, शराबी व देशद्रोही बनें। आप अच्छे इंसान बन कर माँ का कर्ज़ चुका सकते है। जिस से माँ गर्व से कहे ये मेरा बेटा/बेटी हैं।

निष्कर्ष

मदर्स- डे दुनिया भर में धूमधाम से मनाया जाता है। लाखों लोग इस दिन अपनी माँ को उनके बलिदान के लिए धन्यवाद करते हैं। इस बार कोरोना महामारी के चलते घर पर रह के ही इस दिन को सेलिब्रेट करें। घर से बाहर ना जाएं। घर पर बना हुआ खाना ही प्यार से माँ को खिलाएं और खाएं। सभी माताओं को अपनी मांँ के समान सम्मान दें। माँ के लिए लाॅकडाउन में कुछ योजना बनाना चाहते हैं तो माँ के साथ समय बिताएं।

थैलेसीमिया क्या होता है

थैलेसिमिया एक आनुवंशिक रोग है, जो अक्सर बच्चों में जन्म से पाया जाता है। प्रत्येक वर्ष लाखों लोग इस बीमारी से ग्रसित होते हैं बच्चों को इस बीमारी से अधिक खतरा रहता है। इस रोग में मरीज के शरीर में खून सामान्य स्तर तक नहीं बन पाता। हमारे शरीर में रक्त में तीन प्रकार के रक्ताणु पाए जाते है- लाल रक्ताणु , सफेद रक्ताणु और प्लेटलेट्स। लाल रक्ताणु शरीर में बोन मैरो में बनते रहते है और इनकी आयु लगभग 120 दिन की होती है और इसके बाद ये मृत हो जाते है। परंतु साथ में नए भी बनते रहते है। अगर यह प्रकिर्या सही अनुपात में न हो तो इसी विकार को थैलेसिमिया कहा जाता है।

थैलेसिमिया के दो प्रकार

World Thalassemia Day 2021 - Exclusive Samachar

यह दो प्रकार का होता है

  • माइनर थैलसीमिया।
  • मेजर थैलेसिमिया।

माइनर थैलसीमिया वाले बच्चों के जीवन में रक्त समान्य रूप से नहीं बन पाता लेकिन वह सामान्य जीवन जी लेते हैं, लेकिन मेजर थैलेसिमिया वाले बच्चों को हर 21-22 दिन में रक्त चढ़ाना पड़ता हैं।

विश्व थैलेसीमिया दिवस का उद्देश्य

यह दिन हर वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य इस बीमारी के लक्षणों और इस बीमारी से कैसे निपटा जाए, उन तरीकों के बारे में सभी को जागरूक करना और जो इस बीमारी के साथ जी रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित करना। तो आइए हम भी इस बीमारी के बारे में जितना हो सके, जागरूकता फैलाए और थैलेसीमिया से पीड़तों के लिए नियमित रक्तदान को अपनी जिंदगी का अभिन्न अंग बनाए और दूसरों को भी प्रेरित करें।

भारत में थैलेसीमिया के आंकड़े

Thalassemia statistics in India - Exclusive Samachar

विश्व भर में लगभग 1 लाख बच्चे जन्म से थैलेसीमिया का शिकार होते हैं। अगर भारत की बात की जाए, तो प्रत्येक वर्ष 10 हजार से अधिक बच्चे जन्म से थैलेसीमिया के रोगी पाए जाते हैं। यह एक ऐसा रोग है जिसकी पहचान बच्चों में 3 महीने बाद ही हो पाती है। ऐसा रक्त की कमी के कारण होता है और इसका इलाज ताउम्र करवाना पड़ता है। सही समय पर उपचार न मिलने पर बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। तो आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण क्या है और इससे बचने के उपाय।

आखिर क्यों होता है यह रोग

जैसे कि हम बात कर चुके हैं कि यह एक आनुवंशिक रोग है, यह माँ-बाप से ही बच्चों को होता है ।अगर माँ या बाप में से किसी को भी यह रोग है या दोनों को है तो उनकी आने वाली पीढ़ी में भी इस रोग के होने के आसार होते हैं।

थैलसीमिया के लक्षण

  • थकान ,
  • छाती में दर्द,
  • सांस लेने में कठनाई,
  • सिर दर्द,
  • चक्र आना ,
  • बेहोशी,
  • पेट मे सूजन ,
  • सक्रमण,
  • त्वचा,नाखूनों,आंखें और जीभ का पीला होना इत्यादि।
  • लेकिन कुछ लक्षण बाल्य अवस्था तथा किशोरावस्था के बाद दिखाई देते हैं।

इस रोग से कैसे बचा जाए

  • इसके लिए सबसे जरूरी है कि शादी से पहले लड़का और लड़की टेस्ट करवा कर सुनिश्चित कर ले कि कहीं दोनों में से किसी को भी माइनर थैलसीमिया तो नहीं है।
  • अगर माता या पिता में से किसी को भी थैलेसीमिया हो तो वह डॉक्टर की सलाह और निगरानी में ही बच्चा प्लान करें।
  • रोगी विटामिन भरपूर और आइरन युक्त पदार्थ लें।
  • संतुलित आहार लें।
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।

निष्कर्ष

आइए हम सब मिलकर लोगों को इस बारे में जागरूक करें। यह ऐसा रोग है जो माता पिता के जींस में गड़बड़ी होने के कारण होता है। इसके बारे में अगर सभी को जागरुक किया जाए तो इस रोग के होने की संभावना बहुत कम होती है। हम ऐसे रोगियों के लिए अधिक से अधिक रक्त दान करें ताकि रक्त की कमी से किसी की भी मृत्यु ना हो।