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June 2021

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कोविड-19 के चलते ऑनलाइन एजुकेशन को दिलचस्प बनाने के 5 अनोखे तरीके-

कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते पूरे देश लॉकडाउन है और स्कूल/कॉलेज बंद है। जिसके चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है।मोबाइल और कंप्यूटर के जरिए अपनी स्टडी करना कितना मुश्किल है, शायद यह हम नहीं जानते।

मोबाइल फोन लगातार देखने से आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन लॉकडाउन के बढ़ते बच्चे घर पर ऑनलाइन क्लास लगा रहे हैं।घंटों तक ऑनलाइन पढ़ाई करना और फोन/लैपटॉप के आगे बैठे रहना आदि से कई बार बच्चे पढ़ाई से बोर होने लगते हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए टीचर्स को नए तरीके अपनाने की जरूरत है, जिससे बच्चों का मन पढ़ाई में लगाया जा सके।

ऑनलाइन पढ़ाई को दिलचस्प बनाने के तरीके :–

  • Morning में पहली ऑनलाइन class में पढ़ाई शुरू करने से पहले बच्चों की Morning Prayer, Thoughts Of Day, आदि बोलने की ड्यूटी लगाएं। ताकि बच्चे घर पर ही स्कूल जैसे महसूस करें।
  • ऑनलाइन classes के बीच में एक क्लास Entertainment की भी add कर सकते हैं। जिसमें बच्चों को ऑनलाइन Competition भी करवा सकते हैं।
  • बच्चों की online पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए lesson काे Story की तरह समझाएं ।
  • बच्चों को ज्यादा लंबा लेक्चर देने की बजाय, उन्हें प्रैक्टिकल तरीके से समझाएं।
  • बच्चों का ध्यान पढ़ाई में लगाने के लिए रोज Quiz करें।
  • ऑनलाइन पढ़ाते समय टीचर्स फोटो, ग्राफिक और वीडियो का इस्तेमाल करें। इन चीजों से बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई का अगर सही तरीके से किया जाए तो इसका फायदा भी है।

  • अगर आपको कोई लेक्चर समझ में नहीं आया, तो आप उस वीडियो को दोबारा से देख सकते हैं।
  • घर पर आराम से बैठकर कर ऑनलाइन पढ़ाई करना बहुत आसान है।

ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान रखें सावधानी :-

  • ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान घंटों तक मोबाइल फोन या लैपटॉप पर बैठे रहना इससे आंखों पर बहुत असर पड़ता है। इसलिए पढ़ाई के बाद फोन से थोड़ा दूर रहें।
  • लगातार एक ही पोजीशन में बैठे रहना, इससे कमर दर्द आदि प्रॉब्लम हो सकती है। इसके लिए बीच-बीच में चहल कदमी करते रहें।
  • ऑनलाइन क्लास खत्म होने के बाद थोड़ी देर खुली हवा में घूमें।

इस तरह से थोड़ी सी सावधानी बरतें और अपनी ऑनलाइन पढ़ाई को दिलचस्प तरीके से जारी रखें।

आज के समय में कोरोना महामारी के अलावा अगर कोई चीज दुनिया में सबसे ज्यादा फैल रही है, तो वह है नशे की बुरी लत। यह एक बीमारी की तरह है, जो लोगों को धीरे-धीरे खोखला करके मौत की नींद सुला रहा है।ड्रग्स का सेवन मनुष्य के लिए बहुत हानिकारक है। यह मनुष्य के शरीर को बिल्कुल खत्म कर देता है। उसमें जीने की, सोचने की, खाने पीने की कोई क्षमता नहीं रहती।

इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज कब मनाया जाता है-

यह प्रतिवर्ष 26 जून को ड्रग दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

लोग नशों का सेवन क्यों करते हैं-

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में लोग चिंताओं में घिर जाते हैं। जिसके कारण वह नशा लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं। उनके लिए नशा ही एकमात्र ऐसा उपाय होता है, जिससे वह अपनी चिंताएं दूर कर सकते हैं।

नशो का सेवन करने से होने वाली बीमारियां-

नशे बर्बादी का घर है, जिसने कई लोगों के घरों को नर्क बना दिया है। नशा व्यक्ति को कैंसर व अन्य बीमारियों को बुलावा देने के साथ-साथ उन्हें अंदर ही अंदर से खोखला कर देता है। जिससे व्यक्ति अपनी स्वर्ग बनी जिंदगी को नर्क बना लेता है।

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की शुरुआत-

संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की स्थापना 1987 वर्ष में हुई थी। तब से दुनियाभर में 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1987 में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसने पूरे विश्व को नशा मुक्त करने की बात की। इसे सभी देशों की सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके बाद 26 जून को हर वर्ष 1987 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया गया और फिर हर साल 26 जून को मनाया जाने लगा।

क्यों मनाया जाता है-

नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के विरोध के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस पर जोर दिया जाता है‌ और इस दिन को मनाया जाता है। विश्व में नशीली दवाओं की समस्याओं की समझ में सुधार करना और स्वास्थ्य शासन और सुरक्षा पर इसके प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।

अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस का उद्देश्य-

इस दिवस का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं से छुटकारा पाना है तथा समाज में सशक्तिकरण लाना है। इस दिन विभिन्न संगठन अवैध नशे की चुनौतियों को शांतिपूर्ण संबोधित करने पर जोर देते हैं।समाज की भलाई के लिए यह अभियान शुरू किया था। ये दिन लोगों को नशों से मुक्ति दिलवाने व जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस का महत्व-

26 जून को नशे के खिलाफ विशेष दिन को माना जाता है। क्योंकि पूरे विश्व में नशे को रोकने का प्रचार किया जाता है, इस दिन नशे की चपेट में आने वाले लोगों को जागरूक किया जाता है। नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

2021अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम-

प्रत्येक वर्ष क्राइम कार्यालय इस दिन के लिए एक थीम का चयन करते है। 2021अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम ‘न्याय के लिए स्वास्थ्य, स्वास्थ्य के लिए न्याय’ इस बार की थीम लोगों से अपनी हेल्थ के साथ न्याय करने की अपील करती है।

शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स ड्रग्स का शिकार हो रहे-

कुछ माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई करने के लिए होस्टल में भेज देते हैं और गलत संगति होने के कारण वह भी नशे करने के आदि हो जाते हैं।

राष्ट्रीय ड्रग्स और क्राइम कार्यालय-

संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और क्राइम कार्यालय एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन मादक पदार्थों के दुरुपयोग और उसके उत्पादन के खिलाफ लड़ रहा है। जिसे एक अंतरराष्ट्रीय अपराध माना जाता है। इस संगठन को साल 1997 में संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स कंट्रोल कार्यक्रम के साथ अंतरराष्ट्रीय अपराध निवारण केंद्र में विलय करते स्थापित किया गया था।
नशीली दवाओं की तस्करी अपराध दर में वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ वर्ष में सदस्यों की सहायता करने में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र अक्सर क्राइम कार्यालय अनिवार्य है।

ड्रग्स के दुरुपयोग-

ड्रग्स का सेवन बहुत बुरी आदत है। यह लत पर पड़ जाए तो उसे पीछा छुड़वाना बहुत मुश्किल है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक है, बल्कि विभिन्न आयु के लोगों को भी प्रभावित करती है। यह व्यक्तियों और समाज को कई क्षेत्रों में नष्ट कर देती है, ऐसे ड्रग्स की लत के कारण भूख, भार, कब्ज, चिंता का बढ़ना और चिड़चिड़ापन, नींद ना आना,और कामकाज की हानि का गंभीर नुकसान होता है।

ड्रग्स की अवैध तस्करी-

नशीले पदार्थों की तस्करी एक अंतरराष्ट्रीय अवैध व्यापार है। इसमें मूलभूत कानूनों के मुताबिक निश्चित पदार्थ उत्पादन, खेती, प्रसार बिक्री शामिल है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अवैध व्यापार क्रीम 1% होने का अनुमान है। उत्तरी व्यापार मार्ग और बाल्कन क्षेत्र मुख्य ड्रग ट्रैफिकिंग क्षेत्र है। जो पूर्वी और पश्चिमी महाद्वीपों में अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों के बड़े बाजार में अफगानिस्तान को लिंक करते हैं और वहां से ड्रग्स की अवैध तस्करी की जाती है।

निष्कर्ष-

समाज में दिनों-दिन बढ़ रही नशे की आग में सभी वर्ग के लोग झुलस रहे हैं। युवाओं में नशे की लत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। जहां लोग पहले दूध और छाछ (लस्सी) पिया करते थे, वहीं लोग शराब व नशा करके अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। आइए हम सब भी देश के उज्जवल भविष्य के लिए कभी भी नशा न करने का प्रण करे और स्वच्छ विश्व का निर्माण करें।

हम फादर्स डे क्यों मनाते हैं और फादर्स डे सेलिब्रेशन का इतिहास क्या है?

हर साल जून के तीसरे रविवार को हम फादर्स डे मनाते हैं। हमारे जीवन में पिता की परवरिश सबसे अहम है। जिसके कारण हमारी असली पहचान है।

पिता का अर्थ :-

पिता का समर्थन और आशीर्वाद हमें इतना मजबूत बनाता है कि हम जीवन की हर बाधा को पार कर जाते हैं। इसके लिए मैं ईश्वर का आभारी हूं।

FATHER का अर्थ :–

F — Follower
A — Advisor
T — Teacher
H — Honorable
E — Educated
R — Reminder

Father’s Day की शुरुआत और इसे मनाने का कारण :-

फादर्स डे की शुरुआत बीसवीं सदी के प्रारंभ में पिता धर्म तथा पुरुषों द्वारा परवरिश का सम्मान करने के लिए मातृ दिवस के पूरक उत्सव के रूप में हुई। यह हमारे पूर्वजों की याद और उनके सम्मान के रूप में भी मनाया जाता है।

इसके पीछे नन्ही सोनेरा डीड की कहानी है। सोनेरा डीड जब नन्ही सी थी, तब उसकी मां का देहांत हो गया था। उसकी परवरिश उसके पिता विलियम स्मार्ट ने की। पिता विलियम स्मार्ट ने सोनेरा के जीवन में मां की कमी कभी महसूस नहीं होने दी। उसे बाप के साथ मां का प्यार भी दिया। एक दिन सोनेरा ने सोचा क्यों ना एक दिन पितृ दिवस के रूप में भी मनाया जाए। इसलिए 19 जून 1910 में फादर्स डे की शुरुआत हुई और पहला फादर्स डे मनाया गया।

इसके बाद 1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति केल्विन कोहली ने फादर्स डे पर अपनी सहमति दी। और फिर 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन द्वारा जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की गई।

हमारे जीवन में पिता की भूमिका :-

पिता, माता की तरह, एक बच्चे की भावनात्मक भलाई के विकास में स्तंभ हैं।… वे शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह से सुरक्षा की भावना प्रदान करने के लिए अपने पिता की ओर देखते हैं।

बच्चे अपने पिता को गौरवान्वित करना चाहते हैं और एक पिता अपने बच्चों की आंतरिक विकास और शक्ति को बढ़ावा देता है।

पिता और उनकी बेटी का संबंध :-

युवा लड़कियां सुरक्षा और भावनात्मक समर्थन के लिए अपने पिता पर निर्भर करती हैं। एक पिता अपनी बेटी को दिखाता है कि एक आदमी के साथ कितना अच्छा रिश्ता होता है। यदि एक पिता मजबूत और बहादुर है, तो वह उसी चरित्र के पुरुषों के साथ निकटता से संबंधित होगी।

पिता के बारे में कुछ उद्धरण हैं :-

एक पिता की मुस्कान अपने बच्चे के दिनभर को रोशन करने के लिए जानी जाती है। —सुसान गेल

हर बेटी की महानता के पीछे वास्तव में एक पिता का हाथ होता है। -अनजान

एक पिता वही होता है, जो आपको गिरने पर पकड़ना चाहता है और आपको कभी गिरने नहीं देता है। इसके बजाय वह आपको उठाता है, आपको नेक कार्य के लिए उत्साहित करता है। आपको फिर से कोशिश करने देता है।

पिता और उनके पुत्रों के संबंध :-

लड़के अपने पिता के चरित्र के अनुसार खुद को मॉडल करते हैं। लड़के बहुत छोटी उम्र से ही अपने पिता से अनुमोदन चाहते हैं। मनुष्य के रूप में, हम अपने आस-पास के लोगों के व्यवहार का अनुकरण करके बड़े होते हैं। इस तरह हम दुनिया में कार्य करना सीखते हैं। यदि एक पिता देखभाल कर रहा है और लोगों के साथ सम्मान से पेश आता है, तो युवा लड़का उतना ही बड़ा होगा। जब एक पिता अनुपस्थित होता है, तो जवान लड़के संसार में किस प्रकार का व्यवहार और जीवित रहने के लिए नियमों को व निर्धारित करने के लिए किसी अन्य पुरुषों के आंकड़ों को देखते हैं।

पिता के बारे में कुछ उद्धरण हैं:

एक पिता में 100 से भी अधिक शिक्षक मौजूद होते हैं।-जॉर्ज हर्बर्ट

“हमारे भारतीय संस्कृति में एक अच्छा पिता सभी से अनसुना, अप्राप्य, किसी का ध्यान नहीं, लेकिन फिर भी सबसे मूल्यवान संपत्तियों में से एक है।”- बिली ग्राहम

इस प्रकार इस दुनिया में पिता जैसा कोई नहीं है। इस फादर्स डे पर आइए अपने पिता को उनके प्यार, समर्थन, मार्गदर्शन, देखभाल, आदि के लिए धन्यवाद दें।

भूल जाने की समस्या से हैं, परेशान तो कुछ उपायों को अपनाकर याददाश्त को करें तेज –

आज के समय में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो बहुत सी बातों, चीजों या कामों को याद नहीं रख पाते हैं। इन लोगों को कमजोर याददाश्त वाला कहा जाता है। बुढ़ापे में तो इंसान को भूलने की समस्या होना आम बात है। लेकिन कुछ नौजवानों या बच्चों में भी भूलने की समस्या पाई जाती है। कई बार इंसान की यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि वह 2 मिनट पहले की बात भूल जाता है। पोषक तत्वों की कमी की वजह से या कई बार कोई चोट लगने से या बीमारी की वजह से इंसान की याददाश्त कमजोर हो सकती है। आपको इस समस्या से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि घरेलू उपाय या नुस्खों को अपनाकर इस समस्या से निजात हासिल किया जा सकता है।

आइए जानते हैं याददाश्त बढ़ाने वाले घरेलू नुस्खों के बारे में –

सेब का सेवन करें :- सेब में क्यूरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है। जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन कोशिकाओं को किसी तरह का नुकसान पहुंचे तो बौद्धिक क्षमता को बहुत नुकसान पहुंचता है। और याददाश्त करने की शक्ति में गिरावट आती है।

ब्राह्मी से याददाश्त को बढ़ाया जा सकता है :-

याददाश्त को तेज करने और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए या इसमें सुधार लाने के लिए ब्राह्मी सबसे बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक है। प्राचीन काल से ब्राह्मी को याददाश्त शक्ति बढ़ाने वाला यंत्र कहा जाता है। इसमें बैकोसाइड और सिटग्मास्टेरोल जैसे बायोएक्टिव तत्व पाए जाते हैं। जो मस्तिष्क को कार्य करने योग्य तो बनाते ही हैं, बल्कि याददाश्त में भी सुधार लाते हैं।

जिनसेंग से बढ़ाएं अपनी याददाश्त :-

जिनसेंग को भारतीय जिनसेंग या अश्वगंधा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की एंटी-एजिंग जड़ी बूटी है। इसमें जिनसेनोसाइड नामक एक्टिव तत्व पाया जाता है। जोकी याददाश्त और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा मुख्यतौर पर मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संकेत भेजने में सहायता करता है। जिससे चीजों को आसानी से याद रखा जा सकता है।

याददाश्त तेज करने के लिए करें शंखपुष्पी का उपयोग:-

शंखपुष्पी भी याददाश्त को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। विशेषज्ञयों द्वारा किए गए अध्ययन से पाया गया कि शंखपुष्पी मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संबंध को बढ़ाती है। जिससे मस्तिष्क के कार्य करने में सुधार आता है। इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखते हैं और बढ़ती उम्र की वजह से व्यक्ति को याददाश्त कमजोर होने की समस्या से बचाते हैं।

प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करना :-

मेडिटेशन तनाव कम करने और एकाग्रता को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है। अगर मेडिटेशन को प्राणायाम के साथ किया जाए, तो यह याद्दाश्त शक्ति को बढ़ाने के लिए एक वरदान साबित होगा, क्योंकि प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से व्यक्ति का ध्यान बहुत जल्दी एकाग्र होता है। जिससे याददाश्त शक्ति बढ़ती है और प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से दिमाग को ऑक्सीजन मिलता है, जो याददाश्त को बढ़ाने में लाभकारी है।

बादाम का सेवन :-

अगर आपके परिवार में किसी को भूलने की समस्या है, तो एक कटोरी लें। उसमें थोड़ा पानी लें। पानी में 4-5 बादाम भिगो दें। उस बादाम को रात भर पानी में रहने दें और सुबह होते ही उस बदाम को छीलकर उसका पेस्ट बना लें या साबुत उस व्यक्ति को दें। ऐसा रोजाना करने से आप कुछ ही दिनों में उस व्यक्ति में बदलाव देखेंगे। क्योंकि बादाम में याददाश्त मजबूत करने वाला तत्व पाया जाता है।

नशीली चीजों के सेवन से परहेज :-

कई युवा अवस्था के लोग नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। जिससे उनमें याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या पैदा होती है। शराब और नशीले पदार्थों का अधिक सेवन कई तरह से याददाश्त को प्रभावित करता है। वैज्ञानिकों के स्टडी में पाया गया है कि जो छात्र हफ्ते में या महीने में 6 ड्रिंक या इससे ज्यादा ड्रिंक करते हैं। तो उन छात्रों में ना ड्रिंक करने वालों की तुलना में चीजें याद रखने में ज्यादा दिक्कत होती है।

व्यायाम द्वारा याददाश्त को बढ़ाएं :-

शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। कई रिसर्च में सामने आया है कि एक्सरसाइज से सभी वर्ग या उम्र के लोगों की याददाश्त में सुधार लाया जा सकता है। व्यायाम की मदद से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने वाले न्यूरोन्स के विकास में भी सुधार आता है।

पूरी नींद लेना :-

याददाश्त को बढ़ाने और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखने के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल की नौजवान पीढ़ी अपना अधिकतर समय फोन पर या टेलीविजन देखकर खराब करती है और रात भर फोन का इस्तेमाल करते हैं जो कि शरीर के लिए बहुत घातक है। नौजवानों को प्रतिदिन कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।

हल्दी याददाश्त बढ़ाने में कारागार :-

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर को एंटी इंफ्लामेंट्री प्रभाव देता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भी पाया जाता है। करक्यूमिन मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव डैमेज और सूजन को कम करने में बहुत मदद करता है।

निष्कर्ष :-

वैसे तो आप सब भली-भांति जानते हैं कि याददाश्त कमजोर हो तो, कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या की वजह से कई बार इंसान अपना बेशकीमती सामान गंवा बैठता है या कई बार तो उसको अपनी जॉब भी गंवानी पड़ जाती है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि आप ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खों की मदद से या उन्हें अपने जीवन में अपनाकर इस समस्या को दूर कर सकते हैं और अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं।

जीवन में सफलता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रतन टाटा की तरह कड़ी मेहनत और लगन होनी चाहिए

रतन टाटा को तो सभी जानते ही हैं, वे किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ही आज टाटा कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाया है।

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ। उन्होंने 25 साल की उम्र में 1962 में अपने कैरियर की शुरुआत की और 21 साल के कैरियर में टाटा कंपनी को कहां से कहां पहुंचा दिया कि आज 80 देशों में टाटा समूह की कंपनियां स्थापित हैं। रतन टाटा, टाटा ग्रुप के 5वें अध्यक्ष बने, इसका मुख्य दफ्तर मुंबई में स्थापित है।

रतन टाटा ने जहां टाटा नमक और चाय से घर की आम ग्रहणी का मन जीता, वहीं नैनो जैसी कार को लांच करके मिडल वर्ग के लोगों के सपने पुरे किए। उन्होंने हर क्षेत्र में अपना उद्योग विकसित किया आयरन, स्टील, सीमेंट, कपड़ा और इसके साथ-साथ कृषि उपकरण और ट्रक का उत्पादन करने वाली कंपनियों के समूह का भी केंद्र बना।

रतन टाटा ने सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपनी ही कंपनी की फैक्ट्री में मजदूरों के साथ काम किया। क्योंकि वह मजदूरों की जिंदगी के बारे में नजदीक से जानना चाहते थे। वे बड़े नरमदिल इंसान थे, उन्होंने गरीबों की हमेशा मदद की। इसलिए ताज होटल में हुए हमले में प्रभावित लोगों को घर जाकर उनका हाल चाल पूछा और पास लगने वाले ठेले वाले जो इस हमले से प्रभावित हुए थे, उन्हें भी आर्थिक मदद की।

कड़ी मेहनत और लगन –

रतन टाटा रातों-रात अमीर होने वालों में से नहीं हैं, बल्कि उनकी कामयाबी पाने के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और काम के प्रति उनकी लगन छुपी हुई है। उनकी मेहनत के सदके ही टाटा कंपनी का नाम दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में आता है।

सोच का दायरा बड़ा होना –

रतन टाटा का मानना है कि इंसान को कभी भी खाली नहीं बैठना चाहिए। बल्कि अपनी सोच का दायरा बड़ा करना चाहिए और हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए कुछ ऐसा करना चाहिए कि सोते समय भी इंसान की इनकम बढ़ती रहनी चाहिए।

सकारात्मक सोच –

उनका मानना है कि इंसान को अपनी सोच साकारात्मक रखनी चाहिए। तभी जीत के लक्ष्य पर पहुंच सकता है। नाकारात्मकता को अपने मन में कभी नहीं लाना चाहिए।

निश्चित समय का इंतजार ना करो –

रतन टाटा कहते हैं कि कोई भी काम करने के लिए निश्चित समय का इंतजार ना करो, बल्कि काम को करने के लिए लगन और शिद्दत से लग जाओ, सफलता जरुर आपके कदम चूमेगी।

सभी को एक समान समझें –

आप कभी भी किसी को छोटा बड़ा ना समझे। बल्कि सबके साथ प्यार और सम्मान का व्यवहार करें। क्योंकि किस्मत इंसान को पता नहीं कहां से कहां ले जाती है। जैसे कि बहुत कम लोगों को पता है कि झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री ने टाटा कंपनी में 17 साल काम किया है।

हमेशा नया करने की कोशिश और काम के प्रति समर्पित –

रतन टाटा का मानना है कि इंसान को नए आइडिया लेते रहना चाहिए और सफलता पाने के लिए अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो। ये नहीं कि थोड़ी सी प्रसिद्धि मिली और पोलिटिक्स में चले गए। इसलिए वे अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं।

हर कोई चाहता है कि वह रतन टाटा की तरह सफलता हासिल करे। पंरतु इसके लिए उनकी तरह पूरी शिद्दत से अपने काम को समर्पित होना होगा। तभी जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है और अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

भारत में तबाही मचाने के लिए फिर से आया कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) का विकराल रूप|

एक तरफ पूरा विश्व जहां अभी कोरोना के कहर से जूझ रहा है, तो दूसरी ओर नई मुसीबत के संकेत मिल रहे है। भारत में पहली बार कोरोना का नया वेरिएंट AY.1 या डेल्टा+ सामने आया है। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का ये नया रूप बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ये नया वेरिएंट इतना खतरनाक है कि यह संक्रमण के इलाज में प्रस्तावित मोनोक्लोनल एंटीबॉडी काॅकटेल को भी मात दे सकता है। आइए जानते हैं क्या है नया वेरिएंट और कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है हमारे लिए?

क्या है डेल्टा वेरिएंट –

कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) ने अब अपना रूप बदल लिया है। जिसे नया वेरिएंट B.1.617.2.1 का नाम दिया गया है। जिसको आसान भाषा में ‘AY.1’ का नया नाम दिया गया है। ये वेरिएंट भारत समेत कई देशों में धीरे-धीरे फैलता जा रहा है।

डेल्टा प्लस वेरिएंट कैसे बना –

डेल्टा प्लस वेरिएंट, एक डेल्टा वेरिएंट यानी कि बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना है। जिसका नाम K417N है जोकि अब पुराने वाले वेरिएंट में कुछ बदलाव होने के कारण एक नया वेरिएंट सामने आ गया है। वायरस का वह हिस्सा जिसे स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है। जिसके द्वारा वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करने के साथ-साथ हमें संक्रमित करता है।

नए वेरिएंट के सैंपल को सबसे पहले कहा और किस देश में पाया गया –

दुनिया भर में नए वेरिएंट के156 सैंपल सामने आए हैं। जिसका पहला सैंपल मार्च में यूरोप देश में पाया गया था। परन्तु भारत में ये वेरिएंट अप्रैल के महीने में सामने आए। GISAID अपलोड डेटा के मुताबिक, भारत में 8 सैंपल अब तक पाएं जा चुके हैं।

भारत के किन-किन राज्यों से इसके सैंपल मिले हैं –

भारत में जो सैंपल मिले हैं उनमें से तीन तमिलनाडु, एक-एक ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र के हैं। वायरस द्वारा स्पाइक प्रोटीन में हुए AY.1 के इस म्यूटेशन की पहचान K417N नाम से हुई है। जो ये म्यूटेशन ब्राजील में पाए गए बीटा वेरिएंट में भी मौजूद था।

IGIB के मुताबिक वेरिएंट कितना रोगजनक है –

IGIB – सीएमआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के वैज्ञानिकों द्वारा कहना है कि नए AY.1 वेरिएंट में इम्यून से छिपने के गुण है। ये वैक्सीन, इम्यून रिस्पाॅन्स और एंटीबाॅडी थेरेपी को बाधित करने के साथ-साथ पूरे तरीके से रोगजनक बना सकता है।

IGIB के वैज्ञानिक का ट्वीट में बताना –

विनोद स्कारिया जोकि IGIB के वैज्ञानिक ने ट्वीट में कहा, कि इस नए बदलते वेरिएंट को समझना बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है। जोकि बड़े पैमाने पर इस नए म्यूटेशन के वायरस से फैलने के साथ-साथ इम्यून से बचने की कोशिश की है। UK सरकार द्वारा एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड भी K 417N म्यूटेशन पर नजर रख रहे हैं। क्योंकि वेरिएंट के अब तक लगभग 35 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से दो मरीजों को वैक्सीन की डोज लग चुकी है वो पाएं गए हैं। परन्तु अब तक किसी के मृत्यु की खबर नहीं पाई गई है।

IGIB के शोधकर्ताओं के मुताबिक वेरिएंट कितने समूहों में पाया जाता है –

IGIB के शोधकर्ताओं के मुताबिक, डेटा बताता है कि AY.1 ने वेरिएंट दो अलग-अलग समूहों से संक्रमित पहले से ही मौजूद होता है। जोकि एक छोटा समूह अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया स्पाइक म्यूटेशन A222V से और दूसरा बड़ा समूह भारत, UK नेपाल सहित आठ अन्य देशों में स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन T951 में पाया गया है।

IGIB के बानी जाॅली शोधकर्ता के मुताबिक कहां फैलने की संभावना ज्यादा होती है –

IGIB के बानी जाॅली शोधकर्ता ने एक ट्वीट में बताया है कि बड़े क्लस्टर को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है की AY1 कई बार स्वतंत्र रूप से उत्पन्न हो चुका है। जोकि देश जीनोमिक सर्विलांस की सुविधा सीमित है, वहां पर इसके ज्यादा फैलने के ख़तरे ज्यादा दिखाई देते हैं।

नया वेरिएंट कितना ख़तरनाक है –

COVID-19 के वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप के चेयरमैन वीके पाॅल ने डॉ. ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि ‘जो ये नया वेरिएंट आया है ये ज्यादा चिंता करने वाला नही है। क्योंकि हम अब तक इसको ज्यादा नहीं जानते हैं। बल्कि इसका अध्ययन कर रहे हैं जिसमें भारत के कई मामले भी दर्ज है।

ये तो समय ही बताएगा कि जो ये नया वेरिएंट सामने आया है वो कितना ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए जो भी नियम बताए जाए, उनका पालन करते रहना चाहिए। क्योंकि जो भी बीमारी आती है वो धीरे-धीरे भयंकर रूप धारण करती है। इसलिए इससे बचें और दूसरों को भी बचाएं।

लाखों लोगों के लिए लाइफ लाइन बनने वाले देश के असली हीरो – ई.श्रीधरण

एक निश्चित योजना के तहत काम करने वाले केरल वासी सिविल इंजीनियर ईश्रीधरण ने अपनी कार्यशैली व कुशलता से भारत में सार्वजनिक परिवहन का चेहरा ही बदल दिया। दिल्ली मेट्रो को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले श्रीधरन 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो रेल निगम के निर्देशक रहे। ई.श्रीधरन के लिए दिल्ली एनसीआर की लाइफ लाइन दिल्ली मेट्रो का निर्माण कार्य किसी सपने से कम नहीं था। लेकिन उन्होंने अपनी कुशलता और श्रेष्ठता से इसे पूरा कर दिखाया।

इनके विकास के कार्य को देखते हुए अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध पत्रकार टाइम मैग्नीज ने इन्हें एशिया का हीरो का टाइटल दिया।

जन्म व आरंभिक जीवन-

श्रीधरन का जन्म केरल के पलक्कड़ जिले में 12 जून 1932 को करूकापुथूर गांव में पिता नीलकंदन मूसा व माता अम्मालुअम्मा के घर हुआ। आरंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में पूरी करने के बाद श्रीधरन ने इंजीनियर की डिग्री के लिए आंध्रप्रदेश के काकीनाडा में गए। पढ़ाई पूरी करने के बाद शुरुआत के कुछ दिनों के लिए शिक्षक के पद पर काम किया।

श्रीधरन का व्यक्तिगत जीवन-

ई.श्रीधरन का विवाह राधा श्रीधरन के साथ हुआ था। श्रीधरन के चार बच्चे है 3 बेटे और एक बेटी है।

ई. श्रीधरन द्वारा लिखी गई जीविनयां-

दो जीविनयां

प्रथम जीवनी – कर्मयोगी द स्टोरी ऑफ़ इंडिया ई. श्रीधरंस लाइफ कथा जोकि एम.एस. एसोशिएशन द्वारा लिखित है।

दूसरी जीवनी – जीविथाविजयाथिन्ते पादपुस्तकम जोकि पी. वीं. अल्बी द्वारा लिखित है।

मेट्रो मैन – मेट्रो मैन के नाम से प्रसिद्ध हुए श्रीधरन ने कोलकाता मेट्रो से लेकर दिल्ली मेट्रो तक में अहम योगदान दिया। दिल्ली जैसे व्यस्त शहर में श्रीधरन ने मेट्रो का काम बहुत कम समय में पूरा कर दिखाया और देश के कई अन्य शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने की तैयारी की। भारत की पहली कोलकाता मेट्रो सेवा की योजना उन्हीं की ही देन है।

कई प्रोजेक्टों में अहम योगदान –

दिल्ली मेट्रो ना केवल उत्तर प्रदेश के बल्कि हरियाणा के भी दो प्रमुख शहरों गाजियाबाद और नोएडा की शान है। दिल्ली मेट्रो के जरिए दिल्ली एनसीआर के 30 लाख लोग रोजाना सफर करते हैं। लेकिन अब कोरोना के चलते यात्रियों की संख्या कम है। 60 वर्ष तक तकनीकी विद्वान के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले 89 वर्षीय श्रीधरण का कोंकण रेल और दिल्ली मेट्रो समेत देश के कई बड़े प्रोजेक्ट में अहम योगदान रहा है।

90 दिन का कार्य 46 दिन में –

दिसंबर 1964 में समुद्री तूफ़ान ने रामेश्वरम और तमिलनाडु को आपस में जोड़ने वाले पम्बन ब्रिज को तबाह कर दिया, तो उस दौरान एक ट्रेन रेलवे ट्रैक पर थी। जिसकी वजह से हादसे में सैंकडों यात्रियों की जान चली गई। पम्बन ब्रिज 164 में से 125 गार्डर पानी में पूरी तरह से डूब गया, तो रेलवे ने उनके निर्माण के लिए 6 महीने का लक्ष्य तय किया लेकिन उस क्षेत्र के इंचार्ज ने काम की अवधि 3 महीने कर दी और जिम्मेदारी श्रीधरन को सौंपी। समय के पाबंद श्रीधरन ने मात्र 45 दिनों के में ही काम पूरा कर दिखाया।

ई. श्रीधरन की मेट्रो परियोजनाएं –

  • दिल्ली मेट्रो- 1997 दिल्ली मेट्रो मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया। इनके नाम और उपलब्धियों के बहुत चर्चे होने के कारण इन्हें मेट्रो मैन की अनौपचारिक उपाधि से नवाजा गया।
  • कोंकण रेलवे- 1990 में इनको काॅन्ट्रैक्ट कोंकण रेलवे का चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया।
  • कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड
  • कोच्ची मेट्रो

ई. श्रीधरन को दिए गए पुरस्कार और सम्मान –

मेट्रो क्रांतिकारी परिवहन में इनके योगदान को देखते हुए 1963 को रेलवे मंत्री का पुरस्कार, 2021 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री, 2002 को ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ द्वारा मैन ऑफ़ द इयर और श्री ओम प्रकाश भसीन अवार्ड फॉर प्रोफेशनल एक्सीलेंस इन इंजीनियरिंग, 2008 में पद्म विभूषण, फ्रांस सरकार द्वारा 2005 में सर्वोच्च नागरिक अवार्ड से सम्मानित किया गया।

दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो सितारे बन कर उभरते है। जिनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। जिनकी वजह से देश उन्नति के सिखर पर पहुंचता है। भारत को अब आधुनिकता के पहिए पर चलाने के लिए सबकी उम्मीदें श्रीधरन पर टिकी है।

Best Summer Destinations-

गर्मियों का मौसम आते ही चिलचिलाती गर्मी से राहत के लिए सभी को अक्सर प्रकृति के अद्भुत नजारों की याद सताने लगती है। ऐसा लगता है मानो पहाड़ उसे बुला रहे हैं। ठंडी-ठंडी हवाएं, बर्फ से ढके पहाड़, घने जंगल, नदियां, झरने, शांत माहौल उसे मानो आवाज दे रहा है। टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर जून के महीने में जाना सबसे बेहतर है।

कुछ बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के बारे में आज हम चर्चा कर रहे हैं।

कुफरी-

पहाड़ों पर बर्फीले ढलानों की वजह से स्काईंग का लुफ्त उठाने के लिए कुफरी बेहतरीन जगह है। आप महासू पर्वत की चोटी पर स्काईंग का लुत्फ उठा सकते हैं।यहां स्थित हिमालय नेशनल पार्क में आप जानवरों की विभिन्न प्रजातियों को देख पाएंगे। जैसे ब्राउन भालू , पहाड़ी बकरा,
तेंदुआ आदि खास जानवर है।

लद्दाख-

लद्दाख पर्यटकों के बीच लंबे समय से आकर्षण का केंद्र रहा है। लद्दाख जाने के लिए बेस्ट सीजन अप्रैल से अगस्त तक होता है। मौसम का तापमान कम होने की वजह से लोग गर्मियों में लद्दाख घूमना पसंद करते हैं। कुछ लोग विंटर में भी लद्दाख जाते हैं।
विंटर में यहां की नदियां चादर ट्रेक में बदल जाती हैं।

कुन्नूर-

अगर आप दक्षिण भारत के साथ-साथ नीलगिरी के पर्वतों का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो ऊटी की जगह कुन्नूर का प्लान बनाइए। शांत वातावरण और पर्वतों की नुकीली चोटियां यहां की आकर्षण का केंद्र है। यहां स्थित चाय के बागान और रहस्यमय घाटियां आपको जरूर आकर्षित करेंगी।

रूपकुंड-

अगर आप दिल्ली यश के नजदीक के इलाकों में रहते हैं और कम समय में अच्छी जगह घूम कर आना चाहते हैं, तो रूपकुंड एक शानदार जगह है। रूपकुंड की रहस्यमई झील और उसके पास कैंपिंग का खूबसूरत नजारा आपको बहुत पसंद आएगा।

मेघालय-

मेघालय प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अत्यंत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। पर्यटन स्थलों में मेघालय की बात ही कुछ अलग है। मेघालय की खूबसूरत बारिश का नजारा पर्यटकों को खासतौर पर आकर्षित करता है, एशिया का सबसे साफ सुथरा गांव mawlynnong और पृथ्वी का सबसे गिला रहने वाला इलाका मासिनराम भी इसी जगह पर स्थित है।

औली-

यह भारत की सबसे ज्यादा ठंडी जगहों में से एक है। सूरज की किरणों के साथ यहां की हरियाली किसी का भी मन खुश कर देगी। औली का मौसम हमेशा ठंडा रहता है और सितंबर से फरवरी के बीच यहां किसी भी वक्त स्नोफॉल हो जाती हैं।

दार्जिलिंग-

यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है ।दार्जिलिंग चाय के बागानों के लिए मशहूर है। दार्जिलिंग की असली खूबसूरती सुबह के नजारों में है। यहां पर आप कई मठों को भी देख सकते हैं।

कुर्ग-

कर्नाटक में बसा हुआ यह इलाका अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। यहां की घाटियों के नजारे आपको बहुत रहात देंगे। यहां पर आप जंगल और पहाड़ों के नजारे भी देख सकते हैं।

कश्मीर-

जब गर्मियों की राहत पाने की बात हो तो कश्मीर को नहीं भूला जा सकता। कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। कश्मीर के पहाड़, गार्डन और कई तरह की झीलें इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं। यहां की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती हैं, डल झील यहां की सबसे प्रसिद्ध झील है।

मनाली-

मनाली बहुत ही हरा-भरा और पहाड़ों से घिरा हुआ इलाका है ।यहां की साफ हवा आपकी थकान दूर कर देगी। यहां पर आप पैराग्लाइडिंग बाइकिंग, राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं।

शिमला-

शिमला बहुत ही जाना माना हिल स्टेशन है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर है। मई-जून की चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए शिमला बहुत ही आकर्षक जगह है।

यहां पर हमने सिर्फ कुछ ही जगहों का जिक्र किया है। भारत तो प्राकृतिक नजारों से भरा पड़ा है। जगह-जगह पर प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है। सभी प्रदेशों में बहुत से आकर्षक पर्यटन स्थल है। बस आप ढूंढिए और और घूमने का मन बनाइए आपको बहुत ही खूबसूरत जगह मिलेंगी।

इंस्टाग्राम पर कोई पोस्ट क्यों और कैसे होता है वायरल, कंपनी ने समझाया पूरा फंडा….

आज के समय में शायद ही कोई इंस्टाग्राम का प्रयोग ना करता हो। एक समय था, जब सोशल मीडिया के नाम पर लोग सिर्फ फेसबुक, व्हाट्सएप और टि्वटर को जानते थे। लेकिन इंस्टाग्राम ने आते ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स के बीच धूम मचा दी। दुनिया भर में इंस्टाग्राम के 1 बिलियन से ज्यादा यूजर है।

आज सोशल मीडिया उन प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जो रातों-रात लोगों को पॉपुलर और फेमस बना देता है।

इंस्टाग्राम क्या है-

इंस्टाग्राम में एक बहुत पॉपुलर सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म है। इंस्टाग्राम की मदद से आप अपने रिश्तेदार या दोस्तों के साथ कनेक्ट रह सकते हैं, उन्हें फॉलो कर इनवाइट कर सकते हैं, उनके साथ इंस्टाग्राम पर मैसेज, फोटो और वीडियो शेयर कर सकते हैं। साथ ही अपनी फोटो या वीडियो एक बेहतरीन कैप्शन के साथ अपने मित्रों के खास ग्रुप में शेयर भी कर सकते हैं। इंस्टाग्राम कम समय में बहुत ही ज्यादा पॉपुलर होने वाली एप्लीकेशन है।

इंस्टाग्राम कब और किसके द्वारा बनाया गया-

इंस्टाग्राम केविन सिस्ट्रोम और माइक क्रीगर के द्वारा 2010 में बनाया गया था। अक्टूबर 2010 में इससे iOS operating system के लिए लांच किया गया था। 2012 में एंड्रॉयड डिवाइस के लिए और विंडोज़ के लिए 2016 में यह एप्लीकेशन तैयार की गई। इंस्टाग्राम की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसे फेसबुक ने 2012 में खरीद लिया।

इंस्टाग्राम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। instant + camera= Instagram हम इसे फोटो शेयर करना भी कह सकते हैं। इंस्टाग्राम अपने साइट पर शेयर की गई फोटो को फेसबुक व्हाट्सएप तथा ट्विटर पर शेयर करने की सुविधा देता है। इंस्टाग्राम में स्टोरी फीचर सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। यूजर अपने पसंदीदा फोटो और वीडियो को अपनी स्टोरी पर लगा सकते हैं। इंस्टाग्राम में हम लाइव वीडियो शेयर कर सकते हैं। इंस्टाग्राम टेलीविजन IGTV इंस्टाग्राम से जुड़ा हुआ एप्लीकेशन है, जिस पर हम 1 घंटे लंबे वीडियो भी शेयर कर सकते हैं।

अन्य एप्लीकेशन की तरह इंस्टाग्राम पर आसानी से फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। इंस्टाग्राम ऐप फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। इंस्टाग्राम कैमरा लोगों को फोटो और वीडियो एडिटिंग के साथ शेयर करने की सुविधा देता है। इंस्टाग्राम के अनेक फायदे हैं। इंस्टाग्राम में एक ऐसा नेटवर्क बन चुका है, जिसके माध्यम से लोग ऑनलाइन शॉपिंग और बिजनेस एडवर्टाइजमेंट की ओर रुझान रखने लगे।

इंस्टाग्राम पर कोई पोस्ट क्यों और कैसे वायरल होती है-

कोई भी फोटो या वीडियो अपलोड करने से पहले उससे जुड़े हर स्टाइल के बारे में सर्च कर ले, अगर आप अपने पोस्ट में सही है स्टाइल इस्तेमाल करेंगे तो आपकी पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोग देख पाएंगे। इससे आपके फॉलोअर्स बढ़ने की भी संभावना रहती है। जब आप किसी ट्रेंडिंग #के साथ पोस्ट करेंगे तो लोग आपके पोस्ट देखने में इंटरेस्ट लेंगे।

जब आप अपनी पोस्ट अपलोड करें तो अपनी लोकेशन को टैग जरूर करें। इसके अलावा आप अपने पोस्ट से जुड़े फेमस लोगों को भी टैग कर सकते हैं। इससे आपके पोस्ट की रीच बढ़ेगी। अगर किसी फेमस इंसान ने आपकी पोस्ट को लाइक या शेयर किया तो आपकी पोस्ट वायरल हो सकती है। इससे आपके फॉलोवर्स की संख्या भी तेजी से बढ़ जाएगी। आप अपने पोस्ट में भाषा का भी जरूर ध्यान रखें ताकि उसकी कोई रिपोर्ट ना कर सके।

अगर आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको यह आइडिया होगा कि सबसे ज्यादा लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव कब रहते हैं। ऐसे में जिस वक्तज्यादा लोग इंस्टाग्राम पर एक्टिव रहते हैं। उसी वक्त पोस्ट को अपलोड करें इससे आपको पोस्ट की रीच बढ़ने में मदद मिल सकती है।

अगर आप अपना कंटेंट अच्छी क्वालिटी का रखेंगे, तो आपको फॉलोइंग तेजी से बढ़ेगी। अगर आप अपनी पोस्ट को ट्रेंडिंग में लाना चाहते हैं, तो करंट मुद्दों से जुड़े कंटेंट को ही पोस्ट करें। अपनी ऑडियंस को ध्यान रखें और बेहतर तरीके से पोस्ट को प्रस्तुत करें। इससे आपको आपने followers बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अपने इंस्टाग्राम पर ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहें और पोस्ट करते रहे। आप पॉडकास्ट या लाइव स्ट्रीमिंग में हिस्सा लेकर भी अपना सर्कल बढ़ा सकते हैं।

इंस्टाग्राम का एल्गोरिथ्म यूजर्स के लिए हमेशा से मिस्ट्री रहा है। अब कंपनी इसे यूजर्स को समझाने का प्रयास कर रही है। इंस्टाग्राम ने बताया, क्यों किसी पोस्ट पर काफी ज्यादा व्यूज आते हैं जबकि दूसरों पर नहीं। इसके अलावा भी कंपनी कई और फैक्टर्स को समझाने की कोशिश की।

इंस्टाग्राम के कंपनी हेड एडम मोजरी ने ब्लॉग पोस्ट में इसको लेकर एक्सप्लेन किया है। उन्होंने बताया लोगों को यह गलतफहमी है, कंपनी किसी एक एल्गोरिथ्म के आधार पर डिसाइड करती है। कौन सा पोस्ट यूजर्स को दिखाना है और कौन सा नहीं। इसकी जगह कंपनी कई एल्गोरिथ्म का उपयोग करती है। इन सबके अपने उद्देश्य होते हैं। री ने कहा इंस्टाग्राम एक क्रोनोलॉजिकल फील्ड सिस्टम को 2010 में फॉलो करता था, जब इसे लांच किया गया था।

जैसे-जैसे ज्यादा लोग इससे जुड़ते चले गए, यह असंभव हो गया कि सभी पोस्ट सब को दिखाया जाए। 2016 तक लोग सत्तर परसेंट पोस्ट को अपनी फील्ड में मिस कर रहे थे। फिर क्रोनोलॉजिकल फील्ड को रैंक फील्ड में बदल दिया गया।

कंपनी ने यह भी बताया यह पोस्ट के सिग्नल का यूज करके यूजर्स को अपने प्रेफरेंस के आधार पर पोस्ट दिखाता है। इसमें यूजर्स किसी वीडियो को लाइक करता है या किसी यूजर के वह कितना इंटरेस्ट करते हैं। इस आधार पर पोस्ट दिखाया जाता है। अगर इंटरेक्शन ज्यादा है, तो पोस्ट आपके फील्ड में ऊपर दिखेगा।

इंस्टाग्राम एक ही यूजर के पोस्ट लगातार नहीं दिखाता, इसका कारण है ताकि यूजर को एक ही मैसेज बार-बार नहीं देखना पड़े। इसी तरह ये storage को भी de-priorities करता है। अगर स्टोरी यूजर के न्यू स्पीड से शेयर किया गया है, तो इसे de- prioritise किया जाता है। लेकिन अगर कोई इंपॉर्टेंट स्टोरी को पोस्ट से शेयर किया गया तो इसकी रीच कम नहीं होती।

इसी तरह एक्सप्लोरर स्टेशन को भी अलग-अलग एल्गोरिथ्म और सिग्नल से गरवन किया जाता है। इससे डिसाइड किया जाता है किस तरह की स्टोरी दिलचस्प है। कंपनी के अनुसार यह रोज मिलियंस यूजर को हैंडल करता है। यह वादा नहीं कर सकता है जब आप पोस्ट करें तो यह सबको पहुंच जाए। सच यह है ज्यादातर आपके फॉलोवर्स नहीं देख पाते कि आपने क्या पोस्ट किया है, क्योंकि वह अपने आधे फीड को ही देखते है।

नया अपडेट करने पर टेलीग्राम ऐप दे रहा है, आपको शानदार फ़ीचर

आज कल हर एप में हमें थोड़े समय के बाद कुछ न कुछ नए फ़ीचर देखने को मिलते है। इसी कड़ी के‌ तहत टेलीग्राम ने भी अपने यूज़र्स के लिए कुछ नए फीचर्स लांच किए है।
आईए जानते है, इन नए फीचर्स के बारे में।

बिना चैट से वापस जाकर कर सकते है, प्रोफाइल पिक और बायो एडिट-

अब यूज़र्स को अगर अपनी प्रोफाइल पिक या बायो में कुछ बदलाव करने हैं, तो उन्हें चैट से वापस जाने की जरूरत नहीं, चैट के दौरान भी हम इन्हें एडिट कर सकते है।

पेमेंट की ऑप्शन-

इस ऑप्शन की विशेषता यह है कि पेमेंट के लिए टेलीग्राम कोई कमीशन नहीं लेगा और न ही पेमेंट की डिटेल सेव होगी। इस ऐप से पेमेंट करना सुरक्षित भी होगा।

वेब एप्प-

इस के तहत 2 नए वेब एप्प लॉच किए गए है, जिन में एनिमेटेड स्टिकर्स, डार्क मोड इत्यादि विशेषताएं हैं।

अब वॉइस चैट को कर पाएंगे सशेड्यूल-

टेलीग्राम एप्प में अब ग्रुप एडमिन अपनी सुविधा के हिसाब से वॉइस चैट को तारीख और समय के साथ शेड्यूल कर सकते है। यह फीचर कम्युनिटी मेंबर्स को अपने दोस्तों का पता लगाने और कॉल करने का समय देता है।

उम्मीद है आपको ये शानदार फीचर्स पंसद आए होंगे।