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October 2021

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बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है- दशहरा

भारत गुरुओं-पीरों व त्यौहारों की धरती है। जहां समय-समय पर कई मेले व त्यौहार मनाए जाते हैं। उनमें से एक पर्व है दशहरा जो कि बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।

नवरात्रों के साथ-साथ दशहरे का भी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। दुर्गा पूजन और रावन-वध के साथ-साथ विजयदशमी की चकाचौंध हर जगह होती है। दशहरा जहां एक ओर बच्चों के लिए मेले के रूप में आता है, तो बड़ों के लिए रामलीला व स्त्रियों के लिए पावन नवरात्र के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। भाव यह है कि चाहे असत्य कितना भी बड़ा हो, उसके लिए समय लग सकता है परन्तु विजय हमेशा सत्य की होती है।

दशहरे का नाम विजयदशमी क्यों पड़ा?

भगवान श्री राम जी ने इस दिन लंका के राजा का वध किया था। जोकि असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। इसलिए यह विजयदशमी के नाम से जाना जाता है। नौ नवरात्रे होने के साथ-साथ दसवें नवरात्रे को दशहरे का पर्व मनाया जाता है।

दशहरे से कई दिन पहले रामलीला का आयोजन-

दशहरे से 10 दिन पहले जगह-जगह व कोने कोने में रामलीला होनी शुरू हो जाती है। जिसमें माता सीता, श्रीराम चंद्र जी के जीवन के बारे में बताया जाता है। दशहरे वाले दिन रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाकर जलाएं जाते है। यह दिन रामलीला का अंतिम दिन होता है। जिस दिन श्रीराम जी के स्वरूप बने राम जी ने लंका के राजा रावण को मारकर विजय प्राप्त की थी।

दशहरे के 20 दिन बाद दीवाली का पर्व मनाया जाता है। लोग भगवान श्री राम चन्द्र जी के आने की खुशी में घी के दीपक जलाकर खुशी प्रकट करते है।

दशहरे पर तरह-तरह की दुकानें लगी होती है। बच्चे खुशी से दशहरे पर जाने के लिए उत्सुक होते है। पहले भगवान राम और रावण के बीच लड़ाई होती है और फिर राम चन्द्र जी रावण का वध करते है। ये नाटक खत्म होने पर भगवान राम जी शाम के समय रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले को जलाते है। फिर सभी लोग अपने अपने घरों को वापिस लौटते समय घर के लिए मिठाइयां खरीदते हैं।

लोगों द्वारा त्यौहार को गलत ढंग से मनाना-

इस दिन कई लोग जुंआ खेलते और शाराब पीते है। जोकि एक बहुत ही बुरी बीमारी है। क्योंकि प्रत्येक त्यौहार को उसके महत्व को समझते हुए उसे मनाना चाहिए और अपनी बुराइयों को छोड़ना चाहिए।

निष्कर्ष-

अहंकार को हमेशा मार पड़ती है क्योंकि लंका के राजा ने अंहकार किया और उसकी कुलों का सर्वनाश हो गया इसलिए कभी अंहकार नहीं करना चाहिए।

आईबीपीएस ने निकाली 6000 पदों पर क्लर्क भर्ती-

हाल ही में IBPS ने 2021 क्लर्क भर्ती निकाली हैं। (IBPS) बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों की भर्ती के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। इस वर्ष भी आईबीपीएस ने 6000 रिक्त पदों पर भर्ती निकाली है।

महत्वपूर्ण तिथियां : आईबीपीएस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सीआरपी-XI के तहत क्लर्कों की भर्ती के लिए पंजीकरण प्रक्रिया गुरुवार, 07 अक्तूबर, 2021 से शुरू हो गई है तथा पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 27 अक्तूबर, 2021 है।

योग्यता : उम्मीदवारों के पास किसी भी विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक स्तर की डिग्री होनी चाहिए और वह विश्वविद्यालय मान्यता प्राप्त भी होना चाहिए।

फीस : फीस सामान्य वर्ग ( General) व अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 750 रुपए प्रति व्यक्ति है तथा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजातियां (ST) के लिए ये निःशुल्क है।

आयु सीमा : उम्मीदवारों की आयु कम से कम 20 वर्ष होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष है। आरक्षित जातियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट दी गई है।

पंजीकरण प्रक्रिया :
चरण 1: सबसे पहले ibps.in वेबसाइट पर जाएं।
चरण 2: इसके बाद ‘आईबीपीएस क्लर्क भर्ती 2021’ लिंक पर क्लिक करें।
चरण 4: मांगी गई सभी जानकारी भरें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
चरण 5: आवेदन करते वक्त मांगे गए जरूरी दस्तावेजों को सबमिट करें।
चरण 6: यदि आप सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग से है, तो शुल्क का भुगतान करके आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें।
अतः इस प्रकार आप 6 चरणों में अपना आवेदन कर सकते हैं।

प्रवेश पत्र और परिणाम :
आप ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड नवंबर/दिसंबर 2021 के प्रारंभिक कर सकते है।

उसके बाद प्रारंभिक ऑनलाइन परीक्षा दिसंबर 2021 में आयोजित की जाएगी और ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम दिसंबर 2021/जनवरी 2022 तक आएगा। उसके तुरंत बाद मुख्य ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए कॉल लेटर दिसंबर 2021/जनवरी 2022 में ही डाउनलोड होंगे और अंतिम परिणाम अप्रैल 2022 तक आने की संभावना है।

सिलेबस:

प्रीलिम्स सिलेबस :

अंग्रेजी भाषा के 30 प्रश्न होंगे जो कुल 30 अंक के होंगे और उनको करने का समय 20 मिनट होगा।

संख्यात्मक क्षमता के 35 प्रश्न होंगे, जो 35 अंक के होंगे और उनको करने का समय 20 मिनट होगा।

रीजनिंग एबिलिटी के 35 प्रश्न होंगे, जो 35 अंक के होंगे और उनको करने का समय भी 20 मिनट ही होगा।

प्रत्येक गलत जवाब के लिए 1/4 की नेगेटिव मार्किंग भी रखी गई है।

प्रीलिम्स के बाद चुने गए उम्मीदवार मुख्य परिक्षा के लिए आमंत्रित किए जाएंगे।

मुख्य परीक्षा का सिलेबस :

सामान्य/वित्तीय जागरूकता के कुल 50 प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा।

सामान्य अंग्रेजी के 40 प्रश्न होंगे सभी प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा
रीजनिंग और कंप्यूटर एप्टीट्यूड के भी 50 प्रश्न आएंगे, जो कुल 60 अंक के होंगे। मात्रात्मक योग्यता के 50 प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा|

मुख्य परिक्षा को करने के लिए कुल समय 160 मिनट है।

अंत में मुख्य परिक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को दस्तावेजो की जांच के लिए बुलाया जाएगा।

इस प्रकार आईबीपीएस की परिक्षा संपन्न होगी।