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November 2021

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भारत की धरती गुरुओं, पीरों व त्यौहारों की धरती है। जहां समय-समय पर कई त्यौहार मनाए जाते हैं। उन त्यौहार में से एक त्यौहार है दिवाली।

सब के लिए खुशियां लेकर आता है यह त्यौहार:-

दिवाली हिंदुओं व सिक्खों का प्रसिद्ध त्यौहार है। दिवाली हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है, चाहे कोई बच्चा हो, बड़ा हो व चाहे कोई बुजुर्ग हो। प्रत्येक वर्ग के लिए दिवाली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूलों व काॅलेजों में भी इस त्यौहार को मनाया जाता है।

दिवाली का यह पवित्र पर्व कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। 2021 में 4 नवंबर को दिवाली का यह पर्व मनाया जा रहा है।

दिवाली के विभिन्न नाम व किन शब्दों से मिलकर बनी है?

दिवाली को, दीपोत्सव, दीपावली व दीपों का त्यौहार के नामों से भी जाना जाता है। दीपावली दो शब्दों से मिलकर बनी है दीप+ आवली.. दीप का मतलब दीपक व आवली का मतलब पंक्ति भाव कि “दीपों की पंक्ति”।

दिवाली मनाने का इतिहासिक कारण:-

इस दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह जी 52 राजाओं को ग्वालियर के किले से रिहा करवाकर लाएं थे। इसलिए ये पर्व मनाया जाता है और गुरु जी को बंदी छोड़ दाता कहा जाता है।

इस दिन ही श्री रामचन्द्र जी लंका के राजा को मारकर 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या वापिस आएं थे। उनके आने की खुशी में लोगों ने घी के दीपक जलाएं थे। तब से इस खुशी में दिवाली का पर्व मनाया जाता है।

दिवाली की शुभकामनाएं देना:-

इस दिन लोग अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को whatsapp, कार्ड व अन्य साधनों के द्वारा एक दूसरे को बधाई देते हैं और अपना मनोरंजन करते हैं।

दिवाली से कई दिन साफ-सफाई करना:-

लोग दिवाली से कई दिन पहले अपने घरों की साफ-सफाई करना शुरु कर देते हैं और रंग- रोगन करते हैं। दिवाली वाले दिन घरों के साथ- साथ बाजारों की रौनक भी देखने योग्य होती है।

बाजारों की सजावट:-

दिवाली वाले दिन बाजारों की सजावट देखने योग्य होती है। लोग बाजारों को दुल्हन की तरह सजाते हैं, दिवाली से कई दिन पहले ही दुकानों की सजावट होनी शुरु हो जाती है। इस दिन बाजारों में लोगों की बड़ी भीड़ होती है। लोग नए कपड़े, मिठाइयां, पटाखे खरीदते हैं।

पटाखे चलाना व मिठाइयां बांटना:-

इस दिन लोग शाम के समय एक-दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और पटाखे चलाकर इस त्यौहार को मनाया जाता है बच्चों की खुशी देखने योग्य होती है।

त्यौहार को गलत ढंग से मनाना:-

पुरातन समय से जो त्यौहार चले आ रहे हैं, वह हमें कुछ न कुछ संदेश अवश्य देते हैं जैसे कि दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है इस दिन हमें अपनी बुरी आदतों को छोड़कर अच्छाई को अपनाना चाहिए। परन्तु लोग इस दिन शराब पीते हैं और जुंआ खेलते हैं जोकि एक बुराई है। इसलिए हमें दिवाली को बुराइयां छोड़कर मनाना चाहिए और शराब नहीं पीनी चाहिए और जुंआ नहीं खेलना चाहिए।

त्यौहार को सही ढंग से मनाना:-

यदि आप भी दीवाली की खुशियों को प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दीवाली को जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा करके मनाए और बेसहारों का सहारा बने और दूसरों को भी ऐसे नेक कार्य करने के लिए प्रेरित करें।

लक्ष्मी पूजा करना :-

इस दिन जो लोग लक्ष्मी माता का पूजन करते हैं, उन पर देवी माता की विशेष कृपा होती है। रात के समय लोग अपने घरों के दरवाज़े खुले रखते हैं, बताया जाता है कि इस दिन लक्ष्मी माता घर में प्रवेश करते हैं।

निष्कर्ष:-

आइए हम सब भी अपने पर्यावरण को शुद्ध होने से बचाने के लिए व जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस दिवाली को पटाखे की जगह जरूरतमंद लोगों की जरूरतों को पूरा करके यह दिवाली उन लोगों के साथ मनाए व दूसरों को भी ऐसे नेक कार्य करने के लिए प्रेरित करें।