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विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021

वर्ष के 360 दिनों में बहुत से दिन व त्यौहार ऐसे आते हैं जिसे लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं और जिन्हें मनाने का कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है उसी ही तरह उनमें से एक दिवस है स्वास्थ्य दिवस जोकि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

हमारा स्वास्थ्य ही हमारी वास्तविक दौलत है। यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक होगा, तो हम सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं। आज लोग अपनी आलसी और निष्क्रिय आदतों के कारण अच्छा स्वास्थ्य बनाने में असफल हो रहें हैं। अस्वस्थ व्यक्ति जिंदगी में हमेशा चिंतित रहता है और अपना पूरा समय बीमारियों से पीड़ित होकर शिकायतें करने में गुजार देता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन और आत्मा निवास करते हैं। अच्छा स्वास्थ्य जीवन का अमूल्य तोहफा है, जो भगवान के दिए हुए वरदान की तरह है और हमें सभी रोगों से मुक्ति प्रदान करता है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस कब मनाया जाता है?

7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत 1948 को (WHO) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी और पूरे विश्व में इसकी शुरुआत 7 अप्रैल 1950 को हुई। इस दिन कई जगह मैडिकल कैंप्स लगाकर इस दिवस को मनाया जाता है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का उद्देश्य

विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के महत्व के बारे में समझाना है और जागरूक करके अस्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ बनाना है क्योंकि किसी ने सच ही कहा है “जैसा खाए अन्न वैसा होए मन” आज विश्व के प्रत्येक व्यक्ति का खान पान ही कुछ ऐसा है जिसकी वजह से वह अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहा है। जैसे कि कुछ लोग कैंसर, पोलियो, एड्स व पेट की अन्य बीमारियां से परेशान हैं।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने कार्यों मे व्यस्त होने व अधिक आय कमाने के चक्कर में अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते। जिसके कारण उन्हें कई बीमारियो का सामना करना पड़ रहा है।

इस बार की थीम है

WHO द्वारा कोविड-19 के चलते नर्सों और मिडवाइव्स को योगदान देने का समर्थन किया है। जो कोरोना की जंग से लड़ रहे है और लोगों को स्वस्थ रखने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए WHO ने उसे #SupportNursesAndMidwives थीम का नाम दिया है।

कैसे मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस

सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य संबंधित कई तरह के कार्यक्रम करके इस दिवस को मनाया जाता है। सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं में स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों के साथ-साथ हैल्थ कैंप्स के साथ फ्री मैडिकल चेकअप्स करवाएं जाते हैं। नाटकों का आयोजन करके कला प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। स्कूलों- काॅलेजों में बच्चों में निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित करवाकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करवाया जाता है। जैसे कि –

  • लोगों को बताया जाता है कि कैसे हम अपने आस पास सफाई रख कर बीमारियो से बच सकते हैं।
  • स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीने के लिए पौष्टिक आहार लें।
  • व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं।
  • अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद लें और समय पर सोएं।
  • साधारण चाय की जगह ग्रीन टी का इस्तेमाल करें।
  • धरती मां को हरा-भरा बनाएं रखने के लिए और स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए वृक्ष लगाएं इत्यादि।

आइए जानते हैं स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए क्या न करें?

  • फास्ट फूड का इस्तेमाल बहुत कम करें।
  • ज्यादा कोल्ड ड्रिंक न पीएं।
  • शराब, तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें इत्यादि।

एक स्वस्थ व्यक्ति संसार का सबसे सुखी व्यक्ति माना गया है। इसलिए स्वयं को शारीरिक, मानसिक, समाजिक, बौद्धिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रखने के लिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम, सकारात्मक सोच और अच्छी आदतों को शामिल करें।

स्वास्थ्य संबंधी आज अनेक बीमारियां तेजी से फैल रही है, जो दिव्यांगता का कारण भी बन रही है। जिससे परिवारों में परेशानियां बढ़ रही है। अपनी सेहत का ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है, इसलिए आइए आज हम सभी ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ पर प्रण करे कि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं से दूर रहेंगे और अपने खानपान का पूरा ध्यान रखेंगे।

सर्दियों में कैसे रखें अपनी त्वचा को कोमल 

हमारी खूबसूरती का सबसे अनमोल तोहफा हमारी सेहतमंद त्वचा है। ठंड से बचने के लिए सर्दी के मौसम में हम गर्म कपड़े पहनकर खुद को तो बचा लेते हैं, लेकिन सर्द हवाओं से हमारी त्वचा सुखी व बेजान हो जाती है।ऐसे में हम कई तरह के Products का इस्तेमाल करते हैं। जो हमारी त्वचा के लिए काफी नुकसानदायक साबित होते है।

रूखी त्वचा

सर्दियों में हर व्यक्ति की त्वचा रूखी व बेजान हो जाती है। जिसके कारण हमारी खूबसूरती गायब होने लगती है। उसको ही रूखी त्वचा कहा जाता है।

सर्दी के मौसम में Rough Skin होने के कारण

1. नहाने के लिए बहुत ज्यादा गर्म पानी का इस्तेमाल करना।
2. ज्यादा समय तक सूर्य के संपर्क में रहना।
3. लम्बे समय से बीमार व्यक्ति द्वारा एलोपैथिक दवाओं का सेवन करने से।
4. अधिक समय तक स्वीमिंग पूल में तैरने से व्यक्ति की त्वचा की नमी खो जाती है। क्योंकि इस पानी में क्लोरीन युक्त होता है।
5. रूखी त्वचा का एक कारण बढ़ती हुई उम्र भी हो सकती है।
6. हाइपोथाॅयराडिज्म नामक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा  रूखी रहती है।

सर्दी में रूखी त्वचा से बचने के उपाय :- 

आज हर व्यक्ति सर्दी में रूखी त्वचा से परेशान हैं। इन रूखी व बेजान त्वचा की परेशानी से बचने के लिए हमें घरेलू नुस्खों के साथ- साथ अपनी जीवनशैली और आहार में बदलाव लाना होगा।सूखी व बेजान त्वचा से छुटकारा पाने और खूबसूरत त्वचा पाने के लिए आजमाएं ये बहुत ही आसान घरेलू नुस्खे।

पुरातन महिलाओं के साधारण घरेलू नुस्खें अपनाएं और पाएं खूबसूरत व कोमल त्वचा

ठंड से बचने के लिए बाजारों में मिलने वाले अधिकतर काॅस्मैटिक्स में खतरनाक उत्पादन होते हैं। जिसके नियमित इस्तेमाल से हम को त्वचा संबंधी कई परेशानियां आ सकती हैं। पुरातन समय में महिलाएं अपना रूप निखारने के लिए कुदरती तरीकों पर आधारित रहा करती थी। लेकिन आज के दौर में हम घरेलू नुस्खों को भूल चुके हैं। लेकिन वास्तव में इनका प्रभाव बहुत अधिक व लम्बें समय तक रहता है। सब से सुखद पहलू यह है कि इन चीजों का कोई साइड इफ़ेक्ट जा नुकसान नहीं होता।

शहद एक घरेलू फेस पैक

शहद पूरी तरह से प्राकृतिक है।त्वचा की कई तरह की बीमारियों से राहत पाने के लिए शहद बहुत ही कारगर उपाय है। जैसे जलन से राहत पाने के लिए और सूखी त्वचा को नम रखने के लिए। झाइयां दूर करने के लिए शहद और नींबू का पेस्ट बना कर लगाएं।

मुल्तानी मिट्टी, शहद व पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें और पैक की तरह चेहरे पर लगाएं। 15-20‌ मिनट बाद गुनगुने पानी से धो दें। सप्ताह में दो बार आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे सीधा भी त्वचा पर लगाया जा सकता है।

नर्म व मुलायम त्वचा पाने का राज़ नारियल का तेल

नारियल के तेल में सेचुरेटेड फैटी एसिड्स होते हैं। जो त्वचा को नर्म व मुलायम बनाते हैं। इसलिए रोज सोते समय नारियल का तेल अपनी त्वचा पर लगाएं। नहाने से पहले या नहाने के बाद भी आप तेल लगा सकते हैं।

रुखी त्वचा में रौनक लाने मे सहायक दूध मलाई

थोड़ी सी दूध मलाई में एक चम्मच तिल मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाने से आपका चेहरा चांद की तरह चमकने लगेगा।

खूबसूरती बढाएं, एलोवेरा लगाएं

जिन लोगों की हाथों और पैरों की त्वचा सूखती है व पिम्पल्स की समस्या है ऐसे में राहत पाने के लिए दिन में तीन बार एलोवेरा Gel लगाएं जिससे  बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं।

चेहरे को अच्छी तरह धोएं, फिर टाॅवल से चेहरा हल्के से सुखाने के बाद Gel की मोटी परत लगाएं, कुछ ही दिनों में फर्क आप खुद महसूस करेंगे।

त्वचा को निखारे दूध और बादाम

दूध का इस्तेमाल हमारी त्वचा को हाइड्रेट तो करता ही है, इसके साथ ही दाग और धब्बों को भी दूर करता है। दूध हमारी त्वचा के लिए ब्लीचिंग का काम करता है। बादाम त्वचा में नमी बनाएं रखने के लिए एक प्रकृति एमोलिएंट होता है।

प्रयोग की विधि

दोनों के मिश्रण को एक कटोरी में मिलाकर रूई के साथ लेकर लगाएं। 15-20 मिनट के बाद गुनगुने पानी से धो लें।

अच्छा आहार लें और दिखे खूबसूरत और जवां

घरेलू नुस्खों के साथ-साथ हमारे आहार का हमारे रूप पर गहरा प्रभाव पड़ता है। एक स्वस्थ डाइट न केवल हमारी सेहत, बल्कि हमारा रूप- सौन्दर्य निखारने में भी अहम भूमिका अदा करती है। फाइबर-युक्त फल, हरी सब्जियां और एण्टी आॅकि्सडैंट्स हमारी त्वचा के लिए बहुत जरूरी है। याद रखिए, यदि हमारा आहार सही न हो तो किसी भी प्रकार का काॅस्मैटिक हमारी त्वचा को निखार नहीं सकते।

अच्छी नींद लें और पाएं स्वस्थ त्वचा :- 

नुस्खों व आहार के बीच नींद को कभी नहीं भूलना चाहिए। क्योंकि अच्छी नींद सेहत का आधार होती है। हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारी त्वचा के लिए रोजाना 5 से 8 घंटे की नींद जरूरी होती है। जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है।

व्यायाम :- 

जो फायदा हमें व्यायाम से मिलता है, उसकी तुलना कोई क्रीम या जैल से नहीं की जा सकती है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि व्यायाम के दौरान शरीर से जो पसीना निकलता है, उस से त्वचा के रोमछिद्र खुल जाते हैं।

Conclusion:

हम फालतू का फिजूल खर्च न करके इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर खूबसूरत और रूखी त्वचा से छुटकारा पा सकते हैं। इसलिए थोड़ी मेहनत करें और घरेलू नुस्खों को अपने जीवन में अपनाएं और दिखे लम्बे समय तक जवां।

मानसिक तनाव आज के समय में हर किसी के जीवन मे स्थाई रूप से अपने पैर पसार चुका है। तनाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। 
आपकी जिंदगी से शुरू होने वाला मानसिक तनाव पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। जो अपने साथ कई तरह की अन्य समस्याओं को जन्म देने मे सक्षम है। 

उद्देश्य 

तनावग्रस्त जीवनशैली मे बिगड़ने वाली मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व मे मानसिक स्वास्थ्य दिवस या World Mental Health Day के रूप मे मनाया जाता है।

कोरोना काल में लोगों की मानसिक स्तिथि 

24 March से लगे Lockdown  के कारण बच्चे, बूढ़े, जवान आदि सभी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत गहरा असर पड़ है। Lockdown के चलते लोग अपनी सोचने समझने की शक्ति खो बैठे है। उन्हें यह भी नही पता कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या करने जा रहे हैं। 

Lockdown के चलते स्कूल, कालेज, हर प्रकार के कामकाज बंद थे और घर मे बिना किसी काम के खाली बैठना सरल शब्दों में कहें कि खाली दिमाग शैतान का घर। तो यही कारण है कि Lockdown से लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।

मानसिक विकार की संख्या

आज Approx 1 Million से अधिक लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे है और प्रत्येक 40 second मे एक व्यक्ति आत्महत्या करके स्वयं की जान का दुश्मन बनता जा रहा है।

मानसिक तनाव के लक्षण 

मानसिक तनाव से जूझने वाले व्यक्ति मे कुछ विशेष लक्षण दिखाई देते हैं। 

जैसे उदास रहना, थकान, डर लगना, भूलने की समस्या, नींद ना आना, कमजोरी, आत्मविश्वास मे कमी आदि।

यह बात हर किसी को हर दिन याद रखनी चाहिए कि तनाव किसी समस्या का हल नही होता बल्कि कई अन्य समस्याओं का जन्मदाता होता है।             

उदाहरण

तनाव आपको अत्याधिक सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त करता है। दुनिया मे सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का प्रमुख कारण मानसिक तनाव होता है। यह आपका स्वभाव चिड़चिड़ा कर आपकी खुशी और मुस्कान को भी चुरा लेता है। इससे बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले अनावश्यक कारणों को जीवन से दूर करना जरूरी ही नही अनिवार्य हो गया है।                          

चूंकि पूरा विश्व मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो रहा हैं और तनाव से दूर रहने के प्रयास कर रहा है। तो हमें भी कोशिश करनी चाहिए कि किसी भी समस्या मे अत्याधिक तनाव नही लेंगे क्योंकि यह कई तरह की शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। 

चिंता चिता के समान

आखिरकार तनाव लेने से समस्याएं सुलझाने के बजाए और अधिक जटिल हो जाती है। तो बेहतर यही है कि उन्हें शांति से समझते हुए हल किया जाए।          

समस्या मे मुस्कुराना भूलना नही चाहिए। इसलिए हंसते रहिए मुस्कराते रहिए और चिंता को दूर भगाते रहिए।

मानसिक तनाव से बचाव

मानसिक तनाव से बचने के लिए हमें रोजाना सुबह-शाम योगा , प्राणायाम, अभ्यास करना चाहिए और हमें अपने आप को कामकाज मे व्यस्त रखना चाहिए इससे हम तनाव से मुक्ति पा सकते हैं।

मानसिक शांति

आज के समय में मानसिक शांति का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। मानसिक शांति को प्राप्त करने के लिए योग, प्राणायाम,ध्यान और कई तरह के अलग-अलग तरीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल अति आवश्यक है।

योगा स्वास्थ्य मे सुधार करना और मोक्ष प्राप्त करना है। तो योग तनाव, चिंताओं और परेशानियों का बहुत ही सरल इलाज है। 

योगा का उद्देश्य

योग व्यक्ति को शक्तिशाली, नीरोग और बुद्धिमान बनाता है। योगा का उद्देश्य आत्मा का परमात्मा से मिलाप करवाना है। यह शरीर, मन तथा आत्मा की आवश्यकताएं पूरी करने का एक अच्छा साधन है।

योग भारतवासीयो के लिए ऋषि मुनियो की दी हुई विरासत है। भारत मे योग 3 हजार वर्ष पूर्व पहले शुरू हुआ। आधुनिक समय मे योग का आदि  गुरु महषि पतंजलि को माना गया है। महर्षि पतंजलि द्वारा योग पर प्रथम पुस्तक “योग-सूत्र” लिखी गई।

प्राणायाम

प्राणायाम दो शब्दों से  मिलकर बना है प्राण +आयाम जिसका अर्थ है- नियंत्रण व नियमन। इस प्रकार जिसके द्वारा सांस के नियमन व नियंत्रण का अभ्यास किया जाता है, उसे प्राणायाम कहते है। सरल शब्दों में कहें तो सांस को अंदर ले जाने व बाहर निकालने पर उचित नियंत्रण रखना ही प्राणायाम है। 

प्राणायाम करने के फायदे  

प्राणायाम से शरीर का रक्तचाप व तापमान सामान्य रहता है। इससे मानसिक तनाव व चिंता दूर होती है।प्राणायाम से हमारी सांस लेने की प्रक्रिया मे सुधार होता है।प्राणायाम करने से आध्यात्मिक व मानसिक विकास मे मदद मिलती है।  

प्राणायाम के साथ ईश्वर की भक्ति 

प्राणायाम के साथ-साथ राम का नाम लिया जाए तो सोने पर सुहागा हैं। इससे इच्छाशक्ति बढ़ेगी और व्यक्ति को हर समस्या का समाधान अपनी अंतर आत्मा से मिल जाएगा और व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिल जाएगी।

थीम 2020

इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2020 की थीम सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य अधिक से अधिक निवेश, ज्यादा से ज्यादा पहुँच है।

प्रतिवर्ष अक्टूबर के दूसरे गुरुवार का दिन विश्वभर में दृष्टि दिवस (World Sight Day) के रूप में मनाया जाता हैं।दृष्टि हानि और अंधापन जैसी आंखों में होने वाली गम्भीर समस्याओं के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए दृष्टि दिवस मनाया जाता हैं।इस साल विश्व दृष्टि दिवस 8 अक्टूबर यानी की आज मनाया जा रहा हैं।

आंखें भगवान की वह नियमित देन है जिससे हम संसार को देख पाते है। यह शरीर का वह अभिन्न अंग है, जिस के द्वारा हम रोजमर्रा के काम करने के काबिल तो है ही, इसके साथ ही कुदरत के रंगों को भी देख पाते हैं।

आधुनिक यंत्र कंप्यूटर, स्मार्ट फोन, टीवी जैसे यन्त्रों के लगातार इस्तेमाल से अक्सर लोग आंखों की कमजोरी व बीमारियों से परेशान रहते हैं।इसके साथ ही हमारी ख़राब लाइफस्टाइल की वजह से काफी स्वास्थ्य सबंधी समस्याएं हो रही है, जिसमें आंखों की समस्या भी जुड़ी हुई हैं।

आइए जानते है हमें अपनी आंखों की देखभाल के लिए क्या-क्या करना चाहिए

आंखों में होने वाली समस्या के लक्षण

1. आंखों का लाल हो जाना, जलन होना।
2. आंखों में खुजली, सूजन और दर्द का होना।
3.आंखों के आगे छोटे-छोटे धब्बों का नजर आना।
4. आंखों के आगे धुँधलापन आना, साफ़ न दिखना।

World Sight Day 2020 - Exclusive Samachar

आंखों में होने वाली समस्याओं के  कारण

1. ज्यादा प्रदूषण की वजह से आंखों में धूल मिट्टी का चले जाना।
2. कंप्यूटर, मोबाइल का ज्यादा समय तक उपयोग करना।
3. जरूरत से ज्यादा कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से भी आंखों में जलन महसूस हो सकती हैं।

अगर आपको भी इस तरह से कोई आंखों की परेशानी सता रही है, तो आप ये घरेलू उपचार कर के अपनी आंखों को तरोताजा रख सकते है !!

बारिश का पानी -बरसात का पानी आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। बरसात के समय में गर्दन ऊपर उठाकर आसानी से आंखों में आने वाली बूंदों को आंखों में डलने दें, इससे आंखे एकदम साफ हो जाती है। ध्यान रहे कि बारिश होने के कम से कम आधा घन्टे बाद ही आप ऐसा करें, क्योंकि शुरुआती बारिश में धूल कण मिले हुए होते हैं।

व्यायाम 

नेत्र व्यायाम से नेत्र उत्तकों (Eye Muscles) का लचीलापन बना रहता है। नेत्रों में रक्त परिसंचरण (Blood Flow) अच्छा होता है जिसका सीधा असर हमारी आंखों पर पड़ता हैं।

आंखों के लिए व्यायाम

– एक पेंसिल ले, उसे एक हाथ की दूरी पर पकड़े। अब उसकी नोक पर ध्यान केंद्रित करें और पेंसिल को धीरे- धीरे अपनी नाक के पास लाएं और फिर दूर ले जाएं। ध्यान रहे, पूरा समय पेंसिल की नोक से नजर न हटाये।ऐसा दिन में 10 बार करने से बहुत लाभ होगा।

– आंखों को 5-5 second क्लॉकवाइज (clockwise) और एंटी क्लॉकवाइज (Anti-Clockwise) दिशा में घुमाएं। ऐसा दिन में 5-6 बार करना चाहिए।

8th October 2020 - World Sight Day - Exclusive Samachar

– 20 से 30 बार तेजी से पलको को झपकाने से भी बहुत फ़ायदा मिलता हैं।

– आंखों पर जोर डाले बिना दूर की किसी वस्तु पर ध्यान लगाना चाहिए। सबसे बढ़िया विधि है – चाँद पर ध्यान केंद्रित करना । संध्या या सुबह के समय जल्दी उठकर दूर की हरियाली पर नज़र केंद्रीत कर सकते है। ऐसा 5 मिनट रोज करने से आपको बहुत फ़ायदा मिलेगा। 

इस प्रकार अच्छे परिणामों के लिए यह नेत्र व्यायाम नियमित तौर पर करते रहना चाहिए।

आहार 

  • हरी मिर्च – आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए खाने में ताजी हरी मिर्च का लगातार सेवन करें।
  • त्रिफला – त्रिफला रात को भिगों दे, अगले दिन सुबह 2 से 3 बार अच्छी तरह से छानकर शहद में मिलाकर आंखों में डालने से बहुत फ़ायदा मिलता हैं।
  • आंवला – आंवला में विटामिन सी भरपूर होता है और विटामिन C धमनियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है, जिस कारण नेत्रों में रक्त-परिसंचरण सही तरीके से होता है। इसके साथ-साथ विटामिन C रेटिना की कोशिकाओं के लिए भी अच्छा होता हैं।
  • ड्राई फ्रूट एंड नट्स – आंखों की देखभाल के विटामिन E से भरपूर चीज़ों का सेवन करना जरूरी है, क्योकि आंखों में विटामिन E की कमी से कमजोरी आ जाती हैं।बादाम , काजू, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, मूँगफली आदि में विटामिन E भरपूर मात्रा में पाया जाता है, आप इनका सेवन नियमित रूप से करें।
  • फ्रूट्स – आंखों को तरोताजा , हेल्थी रखने के लिए विटामिन C का सेवन करना जरूरी है, जो खट्टे फलों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।इसके लिए आप सन्तरा,अमरूद,निम्बू,आंवला का नियमित रूप से सेवन करें।

इसके साथ आप अपनी अच्छी दृष्टि के लिए गाजर, पालक, चकुंदर, मीठे आलू, ब्लूबेरी, ब्रोकोली, गोभी, हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करें।

आंख में कुछ गिरने पर

अगर आंख में कुछ गिर जाए तो उसे सख़्त कपड़े से साफ नहीं करना चाहिए, बल्कि अंजुली में साफ पानी भरें औऱ फिर अपनी आंख को उसमें डूबोकर क्लॉकवाइज़ और एन्टी क्लॉकलवाइज़ इधर-उधर घुमाए, कुछ ही पलों में आंख में गिरा कण निकल जाएगा।

आधुनिक यन्त्रों का सीमित प्रयोग

आंखों को सुरक्षित रखने के लिए कंप्यूटर, आईपैड, स्मार्ट फोन से दूरी के साथ ही life style में बदलाव जरूरी हैं।

जिस कमरे में कंप्यूटर हो, उसमें उचित प्रकाश का होना जरूरी है। ज्यादा तेज रोशनी भी नही होनी चाहिए व प्रकाश व्यक्ति के पीछे से होना चाहिए सामने से नहीं।

जब भी कंप्यूटर पर लगातार काम करना हो तो हर 20 मिनट के गैप में 20 sec. के लिए स्क्रीन से नजरें हटा लेनी चाहिए और 20 फिट दूर किसी निश्चित बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।

हर रोज़ रात को सोने से पहले अपनी आँखों को साफ ठण्डे पानी से धोएं।

लेंस-बेहतर लेंस का प्रयोग करें या चोंध रहित चश्मा पहनें एवं चोंध रहित स्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए। जब कभी भी स्क्रीन के सामने घण्टे भर बैठना पड़े तो Dry Eyes से बचने के लिए पलकों को धीरे धीरे झपकाते रहना चाहिए।

हरी घास –  सुबह – शाम नंगे पैर हरी घास पर चलना व हरियाली को निहारना भी आंखों की रोशनी को बढ़ाता हैं व आंखों को ताज़गी प्रदान करता है।

नेत्रदान कर लोगों की ज़िंदगी को करें रोशन

बार-बार नेत्रदान के प्रति जागरूकता फैलाने के बाद भी नेत्रदान करने वालों के वर्तमान आंकड़े पर बात करें तो दानदाता एक फ़ीसदी से भी कम है।आज हमारे देश मे 25 लाख से भी ज्यादा लोग दृष्टिहीन हैं।प्रतिवर्ष देश में मृत्यु का आंकड़ा करीब 80 से 90 लाख लोगों तक का होता है। लेकिन नेत्रदान 20-25 हजार के पास ही होता है।

दृष्टिहीन लोंगो की सहायता के लिए जगह-जगह पर नेत्रदान के लिए Eye Bank खुले हुए हैं।रक्तदान की तरह नेत्रदान के लिए जागरूकता बढ़ा कर दृष्टिहीन लोगों की संख्या में कमी ला सकते हैं।

मृत्यु के पश्चात एक व्यक्ति 4 लोगों को रोशनी प्रदान कर सकता है। पहले 2 आंखों से 2 ही कार्निया प्राप्त होती थी, लेकिन अभी नई तकनीक “डिमैक” आने के बाद 1 आंख से 2 कार्निया प्राप्त की जा सकती है।व्यक्ति के मरने के बाद पूरी आंख नही बल्कि 1 रोशनी वाली काली पुतली को ही निकाल जाता हैं।ध्यान रहे मौत के 6 घण्टे तक ही कार्निया प्रयोग में लायी जा सकती है।अभी हमारे देश मे 25 लाख से ज्यादा लोगो को कार्निया की जरूरत है, अगर उन्हें कार्निया मिल जाए तो उनकी जिंदगी भी रोशन, रंगीन हो जाएगी, वह भी अपनी जिंदगी के रंग देख पाएंगे।

विश्व शाकाहार दिवस 2020: प्रत्येक वर्ष विश्व भर में अक्टूबर माह के पहले दिन यानि 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस के रुप में मनाया जाता है। आपको बता दें विश्व भर में शाकाहारी भोजन की धीरे-धीरे वापसी हो रही हैं।लोग धीरे-धीरे माँसाहार को छोड़कर शाकाहार को अपना रहे हैं। शाकाहारी भोजन मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। यही कारण है कि लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस के रुप में मनाया जाता है। 

शुरूआत 

विश्व शाकाहार दिवस मनाने की शुरुआत 1 अक्टूबर 1977 में उत्तरी अमेरिकी शाकाहार समाज द्वारा कि गई थी और वर्ष 1978 में अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ द्वारा शाकाहार से जीवन वृद्धि की समस्याओं को बढ़ावा देने के लिए इसका सहयोग किया गया था। लोगों में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से  World Vegetarian Day  को प्रत्येक वर्ष मनाने की घोषणा की गई थी।

World Vegetarian Day 2020 - Exclusive Samachar

उद्देश्य 

इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में शाकाहार के प्रति जागरूकता फैलाना है। शाकाहारी भोजन मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। 

शोध में पाया गया आदि मानव शाकाहारी होते थे | हमारे समाज में शुरू से ही शाकाहार और माँसाहार को लेकर विवाद होते आ रहे हैं। लोग यह मानते हैं की शाकाहार की  तुलना में माँसाहार में ज्यादा ताकत होती हैं। लेकिन यह गलत है, धर्मों में पाया गया है कि आदि मानव शाकाहारी होते थे और आज साइंस भी मान रही हैं We are pure vegetarian

आपको बता दें हमारा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए ही बना है। क्योंकि जो जानवर मांस खाते है, उनके दोनों जबड़े हिलते है व उनके दांत नुकीले होते हैं। जबकि दूसरी ओर जो जीव शाकाहारी होते हैं उनका केवल एक ही जबड़ा हिलता है और उनके केवल दो ही दांत नुकीले होते हैं। 

शाकाहारी भोजन के फायदे 

आज  World Vegetarian Day  के मौके पर हम आपको शाकाहारी भी के फायदे बताएंगे।  तो आइए जानते हैं

benefits of vegetarian diet in hindi - Exclusive Samachar

1. हृदय के लिए फायदेमंद 

शाकाहारी भोजन का सेवन से दिल की बिमारी होने का खतरा कम रहता है। शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेशन करने वाले लोगों में हृदय रोग होने की सम्भावना 30% तक कम हो जाती हैं। शाकाहारी भोजन में आप हरी सब्जियां, फल व दाले आदि ले सकते हैं। 

2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

विशेषज्ञों का मानना है कि शाकाहारी भोजन खाने में हल्का होता है और जल्दी पच जाता है। जबकि मांसाहार हमारे मानव शरीर के लिए हानिकारक होता है, उसे मानव शरीर में पचने के लिए काफी समय लगता है और जब वह पचता नहीं तो बहुत सी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। इसलिए हमें मांसाहार का त्याग कर शाकाहार को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।

3. उच्च रक्तचाप में फायदेमंद 

रिसर्च में यह पाया गया कि शाकाहारी भोजन का सेवन करने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या काफी हद तक कम रहती है। क्योंकि शाकाहारी भोजन में कॉम्लेक्स कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए खाने में शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देना चाहिए।

4. कैंसर के खतरे को कम करता है 

अध्ययन में पाया गया है कि शाकाहारी भोजन का सेवन करने वाले लोगों को कैंसर होने का खतरा कम रहता है। इसलिए शाकाहार को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

5. हड्डियों के लिए फायदेमंद 

शाकाहारी भोजन का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है। शाकाहारी आहार में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके लिए दूध आदि का सेवन कर सकते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्सियम मिलता है।

6. वजन को नियंत्रित करने में सहायक 

शाकाहारी भोजन से वजन को कम करने में काफी मदद मिलती है। अगर रोजाना दिन भर में तीन से चार बार फल, सब्जियां व सूखे मेवे सीमित मात्रा में सेवन करते हैं। तो इसकी मदद से कुछ ही दिनों में बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

आपको बता दें कई लोग मानते हैं कि मांसाहार में ज्यादा ताकत होती है। उसमें ज्यादा प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स पाए जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है उससे ज्यादा प्रोटीन कैल्शियम हमें शाकाहारी भोजन में मिल जाते हैं। जैसे: दाले, पनीर, दूध, फल, सब्जियां  में विटामिन, मिनरलस, प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए फायदेमंद है।

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दुनिया भर में कितनी आबादी शाकाहारी है 

आपको बता दें कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि शाकाहारी भोजन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। आज यही कारण है कि शाकाहारी आहार का सेवन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एनरिच बोल फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में 37.5 करोड़ आबादी शाकाहारी है। जिसमें 

  • भारतीय  31%
  • अमेरिकन 7%
  • यूरोपिय 10%  

संदेश

शाकाहारी भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। तो आप सभी भी अपनी दिनचर्या में मांसाहार को त्यागकर शाकाहार को अपनाएं और अपने देश व समाज को समृद्ध बनाएं व एक स्वच्छ भारत का निर्माण करें।

Rosehip Tea न केवल हमारी Immunity Boost यानी रोगप्रतिकारक क्षमता को बढ़ाता है बल्कि यह हमारे शरीर के लिए कई तरीको से फायदेमंद है।

गुलाब जितना सुंदर देखने में लगता है। उससे ज्यादा यह हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। गुलाब एक ऐसा पुष्प है जो सुगंधित, पोष्टिक और हर्बल गुणों से भरपूर है। जो हमारे स्वास्थ्य और सौंदर्य में वृद्धि करता है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल गुलकंद, गुलाब जल, पेय पदार्थ, मिठाइयों की सजावट के लिए व  कई तरीके की औषधीय दवाइयां बनाने के लिए भी किया जाता है।कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में भी गुलाब के फूलों का प्रयोग किया जाता है।

 आज तक आपने कई तरह की चाय का सेवन किया होगा। लेकिन क्या आपने रोज़हीप टी का नाम सुना है। यानी गुलाब के डंठल की चाय। जी हां! अक्सर हम गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन यह जिन छोटे-छोटे फलों पर ये पंखुड़ियां होती है जो बहुत ही उपयोगी होती हैं। लेकिन हम इनका प्रयोग नहीं करते।

 आपको बता दें विदेशों में तो गुलाब के सूख जाने और उनके पंखुड़ियों के झड़ने के बाद इन फलों को पौधों से तोड़ दिया जाता है और इससे रोज़हिप चाय बनाई जाती है। यह चाय स्वादिष्ट तो है ही साथ ही साथ यह सेहत के लिए भी गुणकारी है। इस चाय में मौजूद तत्व हमारे शरीर में एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा प्रदान करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है।

माना यह भी जाता है कि यह दिनभर तरोताज़ा रखने के साथ ही कई बीमारियों से बचाव में मदद करती है।आजकल बाजार में इसकी मांग काफी बढ़ गई है और इसमें मौजूद गुणों के कारण बाजार में यह रोजहिप टी बैग्स के रूप में उपलब्ध है। डॉक्टर भी किसी और चाय का सेवन करने की बजाय इसे पीने की सलाह दे रहे है। इस चाय को हम घर पर भी तैयार कर सकते हैं।

क्या है रोजहिप 

अगर आपको यह इसके नाम से अजीब लग रहा है तो आपको बता दे वास्तव में या इतना विचित्र नहीं है। गुलाब अक्सर हम सभी के घरों में मौजूद होने वाला पुष्प हैं। रोज़हिप यानी यह गुलाब की टहनी पर लाल व नारंगी रंग के बीज का फल होता है। इसको हम आम भाषा में गुलाब का फल भी कहते हैं। जब गुलाब में कलियाँ आती है। तो सबसे पहले जो छोटा फल आता है उसे रोज़हिप कहते हैं।

Rosehip Tea के लिए आवश्यक सामग्री 

  • एक कप गुलाब की डंठल।
  • 3 कप पानी – चीनी स्वादानुसार
  • इलायची
  • नींबू या दूध 

विधि

  • सबसे पहले गुलाब के इन फलों को अच्छे से धो लें।
  • फिर इन्हें किसी बर्तन में डालकर अदरक की तरह पीस लें।
  • फिर जैसे हम घर पर आम चाय बनाते हैं। ऐसे ही उबलते हुए पानी में इन फलों को डालें।
  • स्वादानुसार चीनी, चायपत्ती, इलायची डाले।
  • अब इन सभी को उबालें।
  • फिर इस चाय को छानकर इसमें नींबू के रस को डालकर सर्व करें।
  • अगर आप चाहे तो आखिर में नींबू की जगह दूध भी मिला सकते हैं।
  • तैयार है गुलाब के फूलों की चाय यानी रोज़हिप टी।

आइए जानते हैं Rosehip Tea के फायदे

1.  इम्यूनिटी बढ़ाए रोसहिप टी 

रोज़हिप में प्रचुर मात्रा में मौजूद विटामिन-सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का काम करता है। रोज़हिप में अन्य फलों व सब्जियों के मुकाबले अधिक विटामिन-सी पाया जाता है। इसके साथ ही गुलाब की डंठल में Immunomodulatory प्रभाव भी पाए जाते हैं। जो शरीर की जरूरत के अनुसार प्रतिरक्षा में बदलाव करते रहते हैं। यह फल लिम्फोसाइट्स नाम की सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं। जो शरीर को रोगों के फैलने से बचाते हैं।

2. डायबिटीज में फायदेमंद रोज़हिप

रोज़हिप में मौजूद एंटीहाइपरग्लाइसेमिक होते हैं। जो ग्लूकोस के लेवल को कम करके डायबिटीज को कुछ हद तक कम करने में मददगार होते हैं। शोध के अनुसार अधिक वसायुक्त भोजन के साथ यदि 10 से 20 हफ्ते लगातार रोज़हिप टी का सेवन किया जाए। तो कुछ हद तक डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है।

3. बढ़ते मोटापे को घटाने में फायदेमंद

रोज़हिप शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट को प्राकृतिक रूप से घटाने में मदद करती है।इस से metabolism सही तरीके से काम करता है। इसका लगातार सेवन करने से खाना सही तरीके से पचता है और मोटापा भी नहीं बढ़ता।

4. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए फायदेमंद रोज़हिप

 रोज़हिप हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मोटापे से परेशान लोगों के ब्लड प्रेशर को कम कर के व cholesterol लेवल को नियंत्रित करके हृदय रोगों से बचाने में सहायक है। इसलिए हृदय रोगो से बचने के लिए  इस चाय का इस्तेमाल किया जाता है। 

आखिर में हम इतना ही कहना चाहते हैं कि गुलाब के फल की यह चाय जो विभिन्न गुणों से भरपूर है। इसका एक बार उपयोग करके देखे। इसको अपनी दिनचर्या में जरुर शामिल कीजिए। यकीन मानिए यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगी।

आप सब जानते ही होंगे कि हमारे immune System का मजबूत होना कितना आवश्यक हैं।क्योंकि अगर हमारा immune System अच्छा है तब ही हम भयंकर से भयंकर बीमारी से लड़ सकते हैं।

मतलब सबसे पहले हमारा सवास्थ्य है, जब हम स्वस्थ रहेंगे तभी जिंदगी में उन्नति हासिल कर पाएंगे।

इसके लिए आज हम आपको बताएंगे कि अपने Immune System को मजबूत करने के लिए आपको अपने daily Routine में क्या-क्या शामिल करना चाहिए।

Imunity को Increase करने के लिए अक़्सर अदरक,शहद और हल्दी के ऊपर चर्चा की जाती हैं।हालांकि ये सब Immunity Power Increaseकरने में कारगर सिद्ध होते हैं।लेकिन इन के अलावा और भी काफी Foods है जो आपके immune System को मजबूत बनाने में सहायक हैं।आज हम उन सब पर चर्चा करेंगे !

पालक – 

पालक जो एक हरी पत्तेदार सब्जी हैं, पालक में विटामिन C प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं।पालक का हम जूस बना कर भी पी सकते हैं जिस से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं।इसलिए आप Immunity Increase करने के लिए पालक का नियमित रूप से सेवन करें।

लहसुन -लहसुन के सेवन से भी Immunity Power Increase होती हैं।लहसुन का सेवन पुरुषों के लिए काफी लाभदायक होता हैं।इसके सेवन से (Immunity Power Increase) रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं।आप रोज़ाना सुबह दो कच्चे लहसुन का सेवन करें, ये आपकी Immunity Boost करने में काफी मददगार साबित होगा।

विटामिन D –

हमें सबसे ज्यादा विटामिन D सूर्य की किरणों से प्राप्त होता हैं।यह आपको रोजाना सुबह सूर्योदय के तुरंत बाद निकलने वाली किरणों से प्राप्त होगा।विटामिन D के लिए कोई भी खाद्य पदार्थ सूर्य की किरणों से बढ़ कर नहीं हैं।विटामिन D का अवशोषण हमारे लिए अति आवश्यक है , इसलिए रोज़ाना सूर्योदय होने पर 7-8 मिनट धूप जरूर लें।

प्रोटीन युक्त पदार्थों का करें उपयोग-

प्रोटीन युक्त पदार्थों का इस्तेमाल करने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत रहता हैं।यह Body Building में काफी मददगार सिद्ध होता हैं।

विटामिन C युक्त पदार्थों का करें सेवन –

रोग प्रतिरोधक छमता बढ़ाने के लिए के लिए vitamins में विटामिन C को सबसे उपयोगी माना जाता हैं।आप इसके लिए कीवी, निम्बू, संतरे जैसे फलों का सेवन करें।

दही का करे सेवन –

दही शरीर को ठंडा करने के साथ साथ , काफी बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करता हैं।हम दही का इस्तेमान नाश्ते में कर सकते है।यह पेट मे अच्छे बैक्टिरिया बनाकर हमारी रोग प्रतिरोधक शमता को बरक़रार रखता हैं ।

जैसे कि हम सब रोजाना सोशल मीडिया, अखबारों की सुर्खियों में देख रहे हैं कि डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मानवता भलाई के कार्यों में पूरी लगन से आगे बढ़ रहे हैं। मगर आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि डेरा सच्चा सौदा के मौजूदा गद्दीनशीन बाबा राम रहीम के जेल में होने के बावजूद डेरा सच्चा सौदा में लगने वाले शिविर ज्यों के त्यों लग रहे हैं, चाहे वह आँखों का शिविर हो, रक्तदान शिविर हो या अन्य मासिक मैडिकल कैंप। कल मुझे पता चला कि इसी कड़ी में एक और शिविर जो डेरा सच्चा सौदा द्वारा लगाया जा रहा है, वह है विकलांग मरीजों के लिए ‘याद-ए-मुर्शिद निःशुल्क पोलियो एवं विकलांगता निवारण शिविर’। आईऐ जानते हैं  कि क्या है ये याद-ए-मुर्शिद शिविर।

याद-ए-मुर्शिद पोलियो एवं विकलांगता निवारण कैंप क्या है?

याद-ए-मुर्शिद पोलियो एवं विकलांगता निवारण शिविर एक ऐसा कैंप है जिसमें अपाहिज मरीजों का बिल्कुल मुफ्त इलाज किया जाता है। यह कैंप बेपरवाह मस्ताना जी महाराज की पावन याद में लगाया जाता है जिन्होंने डेरा सच्चा सौदा की नींव रखी थी।

यह कैंप सबसे पहले 18 अप्रैल 2008 में लगाया गया था। कल मैं डेरा सच्चा सौदा का इतिहास पढ़ रही थी जिसमें मुझे पता चला कि 18 अप्रैल 1960 को डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही बेपरवाह मस्ताना जी महाराज ज्योति ज्योत समा गऐ थे। 2008 में डेरा सच्चा सौदा के मौजूदा गद्दीनशीन बाबा राम रहीम की दिशा निर्देश में ही इस कैंप का आयोजन किया गया था। उनकी याद में अब तक 10 कैंप लग चुके हैं। एक दिन पहले ही मरीजों की पर्चियां कटनी शुरू हो जाती हैं। यह कैंप 18-21अप्रैल तक चलता है। अब 18 अप्रैल 2019 में 11वां कैंप लगाया जाएगा।

यह शिविर शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में लगता है तथा अनेक स्टेटों, शहरों व गाँवों से यहाँ मरीज़ आते हैं। मैंने पिछले लग चुके 10 परमार्थी कैंपों का डाटा पढ़ा, जिससे पता चला कि इस दौरान भारत के जाने माने हड्डियों के विशेषज्ञ डाक्टर, जैसे कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि से ओरथोपैडिक के सपैशलिस्ट डॉक्टर यहां अपनी सेवाएं देते हैं।

इस कैंप के दौरान मरीजों की जांच, उनका इलाज व उनके ऑपरेशन भी मुफ्त में किये जाते हैं, यही नहीं उनको दवा व ज़रुरत की वस्तुएं, जैसे कि कैलिपर इत्यादि भी मुफ्त में दी जाती हैं। यहां डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों द्वारा मरीजों की संभाल भी अच्छे ढंग से की जाती है। मरीजों को व्हील चेयर तक भी मुफ्त प्रदान की जाती हैं।

पिछले 10 सालों में इस कैंप का फायदा हज़ारों मरीजों ने उठाया है।

इस साल भी 18 अप्रैल 2019 को यह शिविर लगने जा रहा है, तो आप भी इस निःशुल्क शिविर का फायदा उठाएं। अपने आस पास के विकलांग मरीज़ों को शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हास्पिटल में ले कर जाइये, और इस कैंप का फायदा उठाईऐ।

दिनांक : 18 अप्रैल 2019, दिन : वीरवार
जगह : शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सिरसा

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें: 01666 -260222 और 9728860222

आजकल हमारे घरों में अधिकतर बर्तन एल्युमिनियम से बने होते हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो वर्ल्ड के लगभग 60 फीसदी बर्तन एल्युमिनियम से बनाए जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि एक तो यह दूसरी धातुओं के मुकाबले सस्ते और टिकाऊ होते हैं, साथ ही ऊष्मा के अच्छे सुचालक होते हैं।

इनसें होने वाले दुष्प्रभाव:-
एल्युमिनियम के बर्तन भले ही सस्ते पड़ते हों, लेकिन हमारी सेहत पर इनका बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है। इन बर्तनों में पके हुए खाने के सेवन से एक औसतन मनुष्य की बॉडी में प्रतिदिन 4 से 5 मिलीग्राम एल्युमिनियम चला जाता है। मानव शरीर इतने एल्युमिनियम को शरीर से बाहर करने में समर्थ नहीं होता है। ध्यान से देखने पर हम पाएंगे कि एल्युमिनियम के बर्तनों में बने भोजन का रंग कुछ बदल जाता है।

इनसे होने वाली बीमारी:-
स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव इसलिए पड़ता है क्योंकि एल्युमिनियम खाने के साथ रिएक्शन करता है, विशेष रूप से एसिडिक पदार्थों से जैसे टमाटर आदि। रिएक्शन कर यह एल्युमिनियम हमारे शरीर में पहुँच जाता है। सालों तक यदि हम एल्युमिनियम में पका खाना खाते रहते तो यह हमारे मासपेशियों, हड्डियों में जमा हो जाता है जिसके कारण कई गंभीर बीमारियां घर कर जाती हैं।

इसलिए हमेशा लोहे व मिट्टी के पात्रों में ही भोजन पकाया जाना चाहिए। यह आपके भोजन के स्वाद और आपकी सेहत दोनों के लिए अच्छा है। और भी कईं बीमारियाँ हैं जो इनसें होती हैं- जैसे – कमजोर याददाश्त और डिप्रेशन, मुँह के छाले, दमा, आंखों की समस्याएं, किडनी का फ़ेल होना आदि।

मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने और खाने के है बहुमूल्य फायदे जानिए:-

अगर आप मिट्टी के तवे पर बनी रोटी खाते हैं तो इससे आपकी गैस की समस्या दूर हो जाएगी। और इनमें बनने वाला खाना स्वादिष्ट और पौष्टिक भी होता है।

डेरा सच्चा सौदा के संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसान ने भी इसके लिए स्वास्थ्यजागरूकता अभियान शुरू किया हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य:-

नॉन स्टिक और एल्युमिनियम के बर्तनों के उपयोग से लोगों को बचाना और इसके बारे में शिक्षित करना ताकि इनके इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके। गुरु जी के एक आह्वान पर साध – संगत ने नॉन स्टिक और एल्युमिनियम के बर्तनों का उपयोग करना बिल्कुल ही ख़त्म कर दिया है। उनकी जगह अब वे स्टील के बर्तन उपयोग करते हैं। गुरु जी बताते हैं कि धीमा जहर है ये एल्युमिनियम और नॉनस्टिक। जो शरीर को बीमारियों का घर बना देता है। इनके प्रयोग से हमें बचना चाहिए।

अंत में मैं यही कहना चाहती हूं कि हमें वो चीजें उपयोग करनी ही नहीं चाहिए जो हमारे शरीर को बीमारी का घर बनाए। इसलिए आप एल्युमिनियम और नॉनस्टिक के बर्तनों को त्याग कर इनकी जगह मिट्टी और स्टील से बने बर्तनों को ही उपयोग करें और दूसरों को भी जागरूक करें।

हमारा मनुष्य शरीर ईश्वर द्वारा दी गई अनमोल नियामत है । इसका ध्यान रखना हमारा परम् कर्तव्य है ,क्योंकि जब हम बीमार पड़ते है तो हमे बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। बीमारी की अवस्था में हम स्कूल ,कॉलेज या दफ्तर भी नही जा पाते हैं। सरल शब्दों में , हमारी दिनचर्या पूर्णतः बाधित हो जाती है ।

कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके द्वारा आप कम खर्च में अपनी सेहत का ध्यान (Health Tips Hindi Mai) रख सकते हैं ।

सर्वप्रथम ,आप जानते ही होंगे की अंग्रेजी भाषा में कहा गया है कि ‘Prevention Is Better than Cure‘ अर्थात इलाज कराने से अच्छा है , हम पहले से ही एहतियात बरतें ताकि हमें बार-बार बीमारी का सामना न करना पड़े |

हम कुछ ऐसे कदम उठा सकते है जिसके द्वारा बार बार होने वाली भयंकर बिमारिओं से बचा जा सकता है ।

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निम्नलिखित सरल उपाय आपके लिए कारगर सिद्ध हो सकते हैं:

अपने खान-पान का रखें ध्यान

अच्छी सेहत के लिए अति जरूरी है कि आप अपने खान-पान का ध्यान ऱखे । अक्सर देखा जाता है कि लोग मैदे से बने पदार्थों का सेवन बहुत अधिक मात्रा में करते हैं , और जो कि निन्म समस्याओं का कारण बन सकता है |

  • फ़ास्ट-फ़ूड में विद्यमान कैलोरी से आपका वज़न बढ़ता है जो मोटापे का कारण बन जाता है ।
  • सांस लेने में तकलीफ व अस्थमा सहित यह अनेक प्रकार की श्वसन समस्याओं के जोखिम को बढ़ाता है ।

एक शोध के अनुसार , जंक फूड्स की लत एक दम तम्बाकू या अन्य प्रकार के नशे की लत के प्रकार की होती है जिसको दृढ-निश्चय द्वारा ही छोड़ा जा सकता है ।इसके साथ साथ आपको यह भी स्वीकार करना होगा कि यह सेहत के लिए नुकसानदेह है, एक ऐसा नुकसान जिसकी किसी भी कीमत पर भरपाई नही की जा सकती ।

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Take Care of Your Food & Drink

अतः “आहार शुद्धो सत्तव शुद्धि” के नियम का पालन करते हुए आगे बढ़े ,अर्थात “जैसा अन्न होगा वैसा ही मन होगा “।

व्यायाम कीजिये – Do Exercise Regularly – Health Care in Hindi

आप किसी भी उम्र के स्वामी है , चुस्त दुरुस्त जीवन की खातिर आपको कसरत तो करनी ही होगी ।

आखिर कसरत क्यों आवश्यक है?

  • इस से आपकी हड्डियां व मासपेशियां मज़बूत होगी ।
  • कैलेस्ट्रोल का ख़तरा घटेगा । Control cholesterol.
  • आपकी आयु भी बढ़ सकती है ।

यह जानना भी रुचिकर होगा कि आप खेल-कूद अर्थात बास्केटबॉल , टेनिस या फुटबाल द्वारा भी कसरत कर सकते हैं क्योंकि इस से आप मानसिक वृद्धि के साथ-साथ शारीरिक वृद्धि प्राप्त कर लेने की चरम सीमा पर होंगे ।

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नींद की भरपूर मात्रा

एक निरंतर पर्याप्त नींद का होना सभी वर्ग के व्यक्तिओं के लिए नितांत आवश्यक है ।

विद्ववानों के अनुसार , नये जन्मे बच्चे 16 से 18 घण्टे सोते है , 1 से 4 वर्ष के बच्चे 14 घण्टे सोते है । किशोरो को 9 से 10 घण्टे सोना चाईए व बड़ो को 7 से 8 घण्टे ।।

आगे बढ़ते हुए , अब कुछ और महत्वपूर्ण उपायों के बारे में संक्षेप में जानते है जिसके द्वारा आप स्वयं को स्वस्थ रख सकते है ।

  • क्लोरीन युक्त पानी का इस्तेमाल कीजिये ।
  • शाकाहारी भोजन का ही सेवन कीजिए ।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखिए ।
  • चिकिसत्क को जेनेरिक दवा लिखने का ही आग्रह कीजिये।have plenty of sleep exclusive samachar

Meditation Benefits for Brain in Hindi

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इसके साथ-साथ ‘ध्यान’ को कभी न भूलिये : क्योंकि इसके द्वारा आप अपनी बुद्धि व शरीर को सुदृढ़ कर सकते है क्योंकि यह शरीर एक चलता फिरता मंदिर है जिस मंदिर में विद्यमान ईश्वर को ध्यान प्रक्रिया द्वारा ही प्रसन्न किया जा सकता है ।