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रक्षा बंधन 2025: भाईबहन के अटूट रिश्ते और प्रेम का पवित्र त्योहार (Meaning & Significance of Raksha Bandhan 2025)

रक्षा बंधन भारत के सबसे खूबसूरत और भावनात्मक त्योहारों में से एक है। यह दिन भाई और बहन के रिश्ते की मिठास, विश्वास और प्रेम को और भी मजबूत करता है। रक्षा बंधन 2025 न केवल राखी बांधने का दिन है, बल्कि यह भाई द्वारा बहन की रक्षा का संकल्प और बहन द्वारा भाई की लंबी उम्र की दुआ का प्रतीक भी है।

रक्षा बंधन का अर्थ (Meaning of Raksha Bandhan in Hindi & English)

  • “रक्षा” means protection

  • “बंधन” means bond or tie

क्यों यह त्योहार खास है (Why Raksha Bandhan is Special)

  • यह त्योहार रिश्तों में विश्वास और अपनापन बढ़ाता है।
  • परिवार में एकजुटता और प्रेम को मजबूत करता है।
  • भारतीय संस्कृति की संस्कार और परंपरा को जीवित रखता है।

रक्षा बंधन 2025 कब है तारीख और दिन (Raksha Bandhan 2025 Date & Auspicious Timing)

रक्षा बंधन 2025 सोमवार, 11 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।

पवित्र श्रावण मास का महत्व  

रक्षा बंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को आता है, जिसे हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र तिथियों में गिना जाता है।

रक्षा बंधन 2025 का शुभ मुहूर्त

  • राखी बांधने का समय: सुबह 09:28 बजे से शाम 09:05 बजे तक
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 11 अगस्त 2025 को सुबह 07:15 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 12 अगस्त 2025 को सुबह 05:48 बजे

भद्रा काल और उससे बचने का महत्व (Mythological Stories of Raksha Bandhan)

भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। इसलिए राखी हमेशा भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही बांधनी चाहिए।

रक्षा बंधन का इतिहास और पौराणिक कथाएँ

महाभारत में कृष्णद्रौपदी की कथा

महाभारत के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लगने पर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनके हाथ पर बांध दिया। बदले में श्रीकृष्ण ने जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन दिया।

रानी कर्णावती और हुमायूं की कहानी

मेवाड़ की रानी कर्णावती ने बहादुर शाह के आक्रमण से बचने के लिए हुमायूं को राखी भेजी थी। हुमायूं ने इसे स्वीकार कर उनकी रक्षा की।

रक्षा बंधन का सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व

  • परिवार में प्रेम और विश्वास की डोर – भाई-बहन के रिश्ते में मजबूती
  • भारतीय समाज में परंपराओं की भूमिका – संस्कृति का संरक्षण

राखी बांधने की विधि और आवश्यक सामग्री

पूजा थाली की तैयारी

  • राखी
  • रोली और चावल
  • दीपक
  • मिठाई

मंत्र और परंपरागत रीति

राखी बांधते समय यह मंत्र बोला जाता है –
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वामनि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥

क्षेत्रीय विविधताएं और अलगअलग राज्य की परंपराएं

राजस्थान का लुंबा राखी प्रथा

यहां बहनें अपनी भाभी के हाथ में भी राखी बांधती हैं, जिसे लुंबा राखी कहते हैं।

महाराष्ट्र का नारली पूर्णिमा

समुद्र देवता की पूजा कर नारियल अर्पित किया जाता है।

गुजरात का पवित्रोपण

इस दिन जनेऊ बदलने की परंपरा होती है।

आधुनिक समय में रक्षा बंधन

डिज़ाइनर राखी और राखी

ऑनलाइन शॉपिंग और डिज़ाइनर राखी का ट्रेंड बढ़ गया है।

ऑनलाइन गिफ्ट्स और डिजिटल बधाई संदेश

WhatsApp और सोशल मीडिया पर राखी के बधाई संदेश भेजना आम हो गया है।

रक्षा बंधन मनाने के आइडियाज 2025

इस बार रक्षा बंधन को और खास बनाने के लिए कुछ क्रिएटिव और यादगार तरीके अपनाएं:

1.  पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स तैयार करें

  • भाई-बहन की पुरानी तस्वीरों का फोटो एलबम
  • नाम या फोटो प्रिंटेड मग, कुशन या फ्रेम
  • हैंडमेड ग्रीटिंग कार्ड
  1. पारंपरिक थीम पार्टी
  • घर पर पारंपरिक ड्रेस कोड रखें (साड़ी, कुर्ता-पजामा)
  • घर सजाने के लिए फूलों और रंगोली का इस्तेमाल करें
  • पारंपरिक मिठाई जैसे रसगुल्ला, बर्फी, मोतीचूर लड्डू बनाएं
  1. आउटडोर सेलिब्रेशन
  • किसी मंदिर या ऐतिहासिक जगह पर राखी बांधने जाएं
  • पिकनिक स्पॉट पर परिवार के साथ दिन बिताएं
  • फोटोग्राफी से खास पलों को कैद करें
  1. स्पेशल डिनर या लंच
  • भाई/बहन की पसंद का मेन्यू बनाएं
  • घर पर कैंडल लाइट डिनर का अरेंजमेंट
  • साथ में मिठाई बनाने का मजा लें
  1. सोशल मीडिया सेलिब्रेशन
  • राखी सेलिब्रेशन की वीडियो रील बनाएं
  • एक प्यारा सा कैप्शन लिखें और भाई-बहन के साथ फोटो पोस्ट करें
  • हैशटैग जैसे #Rakhi2025 #RakshaBandhan2025 #SiblingLove इस्तेमाल करें
  1. वर्चुअल राखी समारोह(अगर भाईबहन दूर हैं)
  • वीडियो कॉल पर राखी बांधने का सेशन करें
  • ऑनलाइन गिफ्ट ऑर्डर करें और सरप्राइज दें
  • वर्चुअल फोटो कोलाज शेयर करें
  1. स्पेशल प्रॉमिस डे बनाएं
  • भाई बहन से सालभर निभाने वाले वादे लें
  • बहन भाई के साथ कुछ गोल्स शेयर करे (जैसे फिटनेस, पढ़ाई या परिवार के लिए समय)

 

निष्कर्ष

रक्षा बंधन 2025 सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि यह प्रेम, सुरक्षा और साथ निभाने का संकल्प है। इस दिन भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और विश्वास की डोर और भी मजबूत हो जाती है।

 

Dedicated to True Friend’s Significance in Life: International Friendship Day 2025

जिंदगी में सच्चे दोस्त का साथ इंसान की जिंदगी को बदल सकने में अहम भूमिका रखता है।
True Friendship इंसान की हर तरक्की में सहायक है।


क्यों इस दिन को मनाने की जरूरत महसूस हुई?

सच्ची दोस्ती की मिसाल: International Friendship Day 2025

International Friendship Day हर साल 30 जुलाई को यह दिन मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य दोस्तों के रिश्ते को सम्मान देना, आपसी प्रेम और विश्वास को बढ़ावा देना होता है।


International Friendship Day क्यों मनाया जाता है?

  • दोस्ती की अहमियत को समझाने और उसे सेलिब्रेट करने के लिए।

  • यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि सच्चे दोस्त जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होते हैं।

  • United Nations ने इसे 2011 में आधिकारिक रूप से मान्यता दी थी ताकि शांति, मेल-जोल और समझ को बढ़ावा दिया जा सके।


International Friendship Day का इतिहास

1. Friendship Day का इतिहास

फ्रेंडशिप डे की शुरुआत सबसे पहले 1930 में अमेरिका में हुई थी। इसका श्रेय Joyce Hall को जाता है, जो Hallmark Cards कंपनी के संस्थापक थे।
उन्होंने एक ऐसा दिन तय करने का प्रस्ताव रखा था, जब दोस्त एक-दूसरे को कार्ड, उपहार और शुभकामनाएं देकर अपनी दोस्ती का उत्सव मना सकें।

हालांकि शुरुआती वर्षों में यह परंपरा बहुत लोकप्रिय नहीं हो सकी और धीरे-धीरे इसका महत्व कम होता गया।
लेकिन दक्षिण अमेरिकी देशों, विशेषकर पराग्वे और भारत जैसे देशों में फ्रेंडशिप डे ने एक नया सामाजिक और भावनात्मक रूप ले लिया।

2. पहली बार International Friendship Day

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2011 में दोस्ती को सद्भाव, शांति और आपसी समझ का माध्यम समझते हुए
“30 जुलाई को International Friendship Day” के रूप में मान्यता दी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 27 अप्रैल 2011 को पारित प्रस्ताव में कहा:

“लोगों, देशों, संस्कृतियों और व्यक्तियों के बीच मित्रता शांति के प्रयासों को प्रेरित कर सकती है और समुदायों के बीच पुल बना सकती है।”

3. International Friendship Day का उद्देश्य

  • विविध संस्कृतियों और पृष्ठभूमियों से आए लोगों के बीच आपसी समझ, सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देना।

  • युवाओं को सामुदायिक गतिविधियों और मेलजोल के लिए प्रेरित करना।

  • वैश्विक शांति और एकजुटता को प्रोत्साहित करना।


सच्ची दोस्ती: सच्चा दोस्त ईमानदारी, विश्वास और समर्थन आदि से परिपूर्ण

True Friendship के संकेत:

  1. ईमानदारी से भरा हुआ।

  2. विश्वास के साथ चलने वाला।

  3. हर स्थिति में समर्थन करने वाला।

  4. खुलकर बात करने वाला।

  5. आपकी कमज़ोरियों के बावजूद भी आपको अपना दोस्त मानने वाला।

  6. आपकी खुशियों में शामिल होने वाला।

  7. पीठ पीछे आपकी रक्षा करने वाला।


Friendship Day Celebration in 2025: दोस्तों को मनाने का मौका और तरीका

दोस्ती मनाने का मौका क्यों?

2025 में फ्रेंडशिप डे हमें फिर से यह याद दिलाता है कि सच्चे दोस्त जिंदगी की सबसे बड़ी पूंजी होते हैं।
आज के व्यस्त जीवन में हम अक्सर अपने दोस्तों को समय नहीं दे पाते, तो यह दिन उन्हें विशेष महसूस कराने और पुराने पलों को दोहराने का मौका देता है।

2025 में ऐसे Celebrate करें Friendship Day:

  1. दोस्तों के साथ Quality Time बिताएं।

  2. Friendship Bands दें।

  3. सोशल मीडिया Celebration।

  4. सरप्राइज गिफ्ट या चिट्ठी दें।

  5. Long-Distance Friends के लिए वर्चुअल पार्टी।


दोस्ती निभाने का असली तरीका

  • दोस्ती केवल एक दिन नहीं, हर दिन निभाई जाती है।

  • एक सच्चा दोस्त मुश्किल समय में भी साथ खड़ा रहता है।

  • 2025 के इस फ्रेंडशिप डे पर सिर्फ जश्न नहीं, एक प्रतिबद्धता करें कि आप अपने दोस्तों के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे।


Modern Digital Dosti: आज दोस्ती का नया रूप – ऑनलाइन Friendship

आज की डिजिटल दुनिया में दोस्ती का स्वरूप पहले जैसा नहीं रहा।
आज दोस्त मिलते हैं ऑनलाइन – सोशल मीडिया, गेमिंग प्लेटफॉर्म, वीडियो कॉल या चैट के जरिए।

डिजिटल दोस्ती – दोस्ती जो बाहरी दूरियों को मिटा, नए रिश्तों को जन्म देती है।


ऑनलाइन दोस्ती बनाम वास्तविक दोस्ती

डिजिटल दोस्ती की खास बातें:

  1. बॉर्डरलेस रिलेशन

  2. 24/7 कनेक्शन

  3. इमोशनल सपोर्ट

  4. तेजी से बढ़ता ट्रेंड

डिजिटल दोस्ती के फायदे:

  • नई सोच और संस्कृति को समझने का मौका।

  • कभी भी जुड़ाव और सहारा।

  • इंट्रोवर्ट लोगों के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म।

  • रोज़मर्रा की तनाव भरी ज़िंदगी में पॉज़िटिव स्पेस।

लेकिन:

  • पहचान की पुष्टि कठिन होती है।

  • फेक प्रोफाइल और धोखे की संभावना।

  • भावनाओं की गहराई और साथ का एहसास कम।

  • टकराव होने पर लोग आसानी से गायब हो सकते हैं।

डिजिटल दोस्ती में सतर्कता जरूरी, क्यों?

  • प्राइवेसी का ध्यान रखें।

  • ओवर-शेयरिंग से बचें।

  • फेक प्रोफाइल्स से सावधान रहें।

  • विश्वास बनाने में समय लें।


वास्तविक दोस्ती की ताकत

वास्तविक दोस्ती: जो आमने-सामने मिलकर निभाई जाती है।

  • भावनात्मक जुड़ाव और शारीरिक उपस्थिति।

  • एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ खड़े होने का भरोसा।

  • आंखों में देखकर समझने का संबंध।

  • विश्वास, स्मृतियाँ और साझा अनुभव मजबूत करते हैं दोस्ती को।

  • भरोसे और अपनापन का गहरा रिश्ता।

लेकिन:

  • समय और स्थान की सीमाएं।

  • व्यस्त जीवनशैली में मिलना कठिन हो सकता है।

  • कभी-कभी दूरी बढ़ने से रिश्ता भी फीका पड़ सकता है।


तो अब सवाल ये उठता है – कौन सी दोस्ती बेहतर है?

दोनों ही दोस्ती के रूपों की अपनी अहमियत और खूबियाँ हैं।

  • ऑनलाइन दोस्ती जीवन को आसान बनाती है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।

  • वास्तविक दोस्ती दिल से जुड़ती है और जीवनभर साथ निभाने का भरोसा देती है।

“सर्वश्रेष्ठ दोस्ती वही है जो सच्चे मन से निभाई जाए – चाहे वो ऑनलाइन हो या आमने-सामने।”


Friendship Quotes and Poem

Friendship Quotes:

  1. सच्ची दोस्ती उम्र नहीं देखती, वो तो बस दिल से होती है।

  2. दोस्ती वो नहीं जो मौका देखे, दोस्ती वो है जो हर मौके पर साथ दे।

  3. दोस्ती का मतलब किसी तस्वीर में साथ होना नहीं, बल्कि दोस्ती का हर तकलीफ में साथ होना है।

  4. कुछ रिश्ते खून से नहीं, दिल से बनते हैं – और उन्हें हम दोस्त कहते हैं।

  5. दोस्ती अगर सच्ची हो, तो वक़्त और दूरियाँ मायने नहीं रखतीं।


कविता: “दोस्ती का रंग”

दोस्ती वो बारिश है, जो बिना मौसम के बरस जाए,
हर ग़म को धो दे, हर खुशी को और महकाए।

दोस्ती वो दीप है, जो अंधेरों में भी रौशनी दे,
हर मोड़ पर साथ चले, कभी न तन्हा छोड़े।

कभी हँसी में, कभी आँसू में, एक साथ बहते हैं,
सच्चे दोस्त वही हैं, जो हर हाल में रहते हैं।

न जात देखी, न धर्म पूछा, बस दिल की सुनी आवाज,
ऐसी होती है दोस्ती – बिना शर्त, बिना नाज़।

चलो आज फिर से मिल बैठें, उस पुराने यार के साथ,
याद करें वो पल, जो थे सबसे खास।


शॉर्ट स्लोगन

  • “दोस्ती – ज़िंदगी की सबसे प्यारी कहानी!”

  • “हर रिश्ते से ऊपर है, दिल से निभाई गई दोस्ती!”

  • “जहाँ दोस्त हैं, वहाँ मुस्कान अपने आप होती है!”

  • “सच्चा दोस्त – ईश्वर का सबसे खूबसूरत तोहफा!”


निष्कर्ष

फ्रेंडशिप डे केवल एक दिन नहीं, बल्कि सच्ची दोस्ती की अहमियत को समझने और उसे सम्मान देने का एक अवसर है।
यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में अच्छे दोस्त वह शक्ति होते हैं जो मुश्किल समय में हमारा साथ देते हैं,
हौसला बढ़ाते हैं और हमारी खुशियों को दोगुना करते हैं।

यह दिन सिखाता है कि दोस्ती एक अनमोल रिश्ता है, जिसे समय, ईमानदारी और समझदारी से निभाना चाहिए।
आइए हम इस दिन अपने दोस्तों के प्रति आभार प्रकट करें और अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाएं।

Women Empowerment और सावन का आस्था का पर्व : Haryali Teej 2025

हमारा देश त्योहारों का देश

हमारा देश त्योहारों का देश है। यहां समय समय पर अलग अलग संस्कृति के अनुसार विभिन्न त्यौहार मनाएं जाते हैं। ऐसा ही सावन के महीने में आने वाला एक आस्था का पर्व है “हरियाली तीज”


Haryali Teej 2025

Hariyali Teej 2025 उत्तर भारत, खासकर हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार और MP में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है।
यह खासतौर पर सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीय को महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला पर्व है।

इसके साथ साथ Haryali Teej 2025 भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की याद में मनाई जाती है।
इसे प्रकृति, प्रेम और सौंदर्य के उत्सव के रूप में देखा जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं और अविवाहित लड़कियां अच्छा वर पाने की कामना करती हैं।


त्योहार का नाम “हरियाली” क्यों?

  • सावन में जब धरती हरियाली से ढक जाती है, तब यह तीज आती है।

  • पेड़-पौधों की हरियाली और मौसम की ताजगी इसे “हरियाली तीज” नाम देती है।


हरियाली तीज का महत्व

  • यह स्त्री शक्ति और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।

  • सामाजिक रूप से यह महिलाओं के मेलजोल, पारिवारिक एकता और परंपराओं को सहेजने का उत्सव है।

  • यह पर्यावरण संरक्षण और वर्षा ऋतु के स्वागत का भी प्रतीक है।


Teej Festival Significance: प्रकृति और परंपरा अनूठा संगम

प्रकृति की हरियाली और सांस्कृतिक परंपराओं का सुंदर संगम है हरियाली तीज। यह महिलाओं द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की स्मृति में मनाया जाने वाला उत्सव है।
हरियाली तीज वर्षा ऋतु में आती है, जब धरती हरी-भरी हो जाती है, जिससे यह प्रकृति के सौंदर्य और जीवन के उत्सव का प्रतीक बन जाता है।

महिलाएं इस दिन व्रत, झूले, लोकगीत और मेंहदी जैसी परंपराओं के माध्यम से अपनी आस्था, प्रेम और सौंदर्य का उत्सव मनाती हैं। यह पर्व नारी शक्ति, सौभाग्य और प्रकृति के प्रति श्रद्धा को समर्पित होता है।


भगवान शिव पार्वती कथा और व्रत की शुरुआत

हरियाली तीज का व्रत माता पार्वती की अटूट भक्ति और तपस्या की कथा से जुड़ा है। कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने 131 जन्मों तक तप करके भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने की कामना की। अंततः 132वें जन्म में उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें स्वीकार किया और उनका पुनर्मिलन हुआ।


Teej Vrat Vidhi

इसी शुभ दिन को याद करते हुए हरियाली तीज पर महिलाएं व्रत रखती हैं। यह व्रत मुख्यतः सुहागन स्त्रियों द्वारा अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है, वहीं कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति हेतु यह व्रत करती हैं।
व्रत में महिलाएं निर्जला उपवास, पूजा, कथा श्रवण और झूला झूलने जैसी परंपराओं का पालन करती हैं।

हरियाली तीज, प्रेम, नारी-शक्ति और भक्ति का प्रतीक बनकर भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है।


2025 Hariyali Teej दिनांक और शुभ मुहूर्त

  • दिनांक: 27 जुलाई 2025, रविवार

  • मुख्य समय: तृतीया तिथि 26 जुलाई रात 10:41 बजे से शुरू।

  • उपयुक्त मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त एवं प्रातः संध्या (विशेष रूप से 04:46–06:14)

  • विशेष योग: रवि योग (27 जुलाई शाम 16:23 से 28 जुलाई सुबह 06:14 तक) — अत्यंत शुभ फलदायी

व्रत मुख्यतः निर्जला रूप में रखा जाए और पूजा समय के अनुसार अनुष्ठान करें।


Teej Vrat Vidhi

व्रत:

  • निर्जला उपवास (ना पानी, ना भोजन)।

पूजा:

  • सुबह ब्रह्म मुहूर्त या प्रातः संध्या में करें।

  • शिव-पार्वती की विधिपूर्वक पूजा, बेलपत्र, फल, सोलह श्रृंगार सामग्री शामिल।

  • कथा श्रवण और झूला (स्विंग) का आयोजन।

  • रवि योग में किया गया व्रत और पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है।


उपवास सामग्री और तीज व्रत का महत्व

हरियाली तीज विशेषकर सुहागिन स्त्रियों के लिए एक अत्यंत पावन पर्व है।
हरियाली तीज व्रत सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि स्त्री के आत्मबल, श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है।

मुख्य महत्व:

  1. दांपत्य जीवन में प्रेम और समर्पण बढ़ाने वाला व्रत।

  2. भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक।

  3. कृषि और हरियाली के स्वागत का त्योहार।

  4. नारी शक्ति, तप और श्रद्धा का उत्सव।

  5. कुमारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं।


पूजन सामग्री:

  • जल से भरा कलश

  • आम के पत्ते

  • कुमकुम, हल्दी, चंदन

  • अक्षत (चावल)

  • पुष्प (फूल) और बेलपत्र

  • धूप, दीपक, कपूर

  • सुपारी, लौंग, इलायची

  • पान, नारियल

  • मिठाई (लड्डू, घेवर, मालपुआ आदि)

  • शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र

  • पूजा की थाली


व्रत (उपवास) की खाद्य सामग्री:

साँझ को व्रत खोलने या अगले दिन सेवन हेतु:

  • फल (केला, सेब, अनार, मौसमी आदि)।

  • सूखे मेवे (काजू, बादाम, किशमिश)।

  • साबूदाना खिचड़ी / वड़ा।

  • सिंघाड़ा/कुट्टू का आटा (पूड़ी या पकौड़ी बनाने हेतु)।

  • आलू की सब्जी (सेंधा नमक से बनी)।

  • मीठे व्यंजन (घेवर, मालपुआ, खीर इत्यादि)।


व्रत की प्रक्रिया (Vrat Vidhi):

  1. सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें।

  2. शिव-पार्वती की प्रतिमा की विधिवत पूजा करें।

  3. कथा श्रवण करें (हरियाली तीज व्रत कथा)।

  4. दिनभर निर्जला या फलाहार उपवास करें।

  5. रात्रि को भजन-कीर्तन करें, झूला झुलाएं।

  6. अगले दिन पारण करें।


Teej Festival Dedicated to Women Empowerment: तीज पर्व महिलाओं के लिए सौभाग्य से परिपूर्ण

तीज पर्व भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पावन त्योहार है, जो महिलाओं के आत्मबल, श्रद्धा और सौंदर्य का उत्सव है। यह पर्व विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) और दांपत्य सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज – ये सभी तीजें भारतीय स्त्रियों की आस्था, प्रेम और शक्ति को समर्पित हैं।


महिलाओं के लिए तीज का विशेष महत्व:

  1. सौभाग्यवती रहने का संकल्प: विवाहित महिलाएं इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और देवी पार्वती से अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।

  2. कन्याओं के लिए श्रेष्ठ वर की प्राप्ति: अविवाहित कन्याएं भी तीज व्रत रखती हैं ताकि उन्हें शिव जैसे आदर्श जीवनसाथी की प्राप्ति हो।

  3. आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति: उपवास, ध्यान और पूजा के माध्यम से महिलाएं आत्म-नियंत्रण और आध्यात्मिक जागरूकता का अभ्यास करती हैं।

  4. सामाजिक एकजुटता और बहनचारा: महिलाएं समूह में गीत गाती हैं, झूला झूलती हैं और पारंपरिक नृत्य करती हैं – यह महिलाओं के बीच सामाजिक सहयोग और आत्मीयता को बढ़ाता है।

  5. स्वरोजगार और हुनर का प्रदर्शन: कई जगहों पर तीज मेलों में महिलाएं अपने हस्तशिल्प, फैशन, मेहंदी कला और पाक कौशल का प्रदर्शन करती हैं – जो आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है।


तीज: नारी सशक्तिकरण का सांस्कृतिक रूप

  • यह पर्व बताता है कि महिला सिर्फ एक पत्नी या मां नहीं, वह धैर्य, तप, प्रेम और शक्ति की मूर्ति है।

  • पार्वती जी का तप और प्रतीक्षा यह दर्शाता है कि नारी में संघर्ष और सफलता दोनों को अपनाने की क्षमता होती है।

  • महिलाएं उपवास रखकर अपने संकल्प, शक्ति और आस्था को साबित करती हैं।


Teej Celebrations: विभिन्न जगहों पर तीज उत्सव का माहौल

उत्तर भारत में तीज उत्सव:

राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में तीज का विशेष महत्व है। महिलाएं हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं, मेहंदी रचाती हैं, झूला झूलती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।

  • जयपुर (राजस्थान) में तीज का जुलूस बहुत प्रसिद्ध है, जिसमें सजे-धजे हाथी, ऊंट और लोक नर्तक शामिल होते हैं।

  • हरियाणा में यह पर्व महिलाओं की सामाजिक सहभागिता और सांस्कृतिक प्रदर्शन का माध्यम बन जाता है।

बिहार और झारखंड में तीज का भावनात्मक रूप:

बिहार और झारखंड में महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और नीम, पीपल और तुलसी जैसे पवित्र वृक्षों की पूजा करती हैं। गीतों और लोक-नृत्य के साथ तीज का स्वागत होता है।

मध्य भारत में परंपरा और भक्ति का संगम:

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीज के दिन पारंपरिक गीतों और लोकनृत्य के साथ सामूहिक रूप से उपवास रखती हैं और शाम को पूजा-अर्चना के बाद कथा सुनती हैं।


Teej Modern View: समाज में महिलाओं का बदलता स्वरूप और नारी शक्ति का महत्व

तीज अब केवल व्रत और पूजा तक सीमित नहीं, बल्कि आधुनिक नारी शक्ति और आत्मसम्मान का प्रतीक बन चुका है। महिलाएं आज अपने करियर, परिवार और संस्कृति में संतुलन बना रही हैं।

इस पर्व के माध्यम से वे न केवल परंपरा निभाती हैं, बल्कि अपनी आत्मचेतना, आत्मबल और सामाजिक पहचान को भी मजबूत करती हैं।

तीज आज एक नारी उत्सव है – जहां वह स्वयं को मनाती है, सजती है, और समाज में अपनी भूमिका को और भी मजबूत करती है।


निष्कर्ष: तीज — परंपरा और प्रकृति के संगम का त्योहार

तीज केवल एक धार्मिक व्रत या पारंपरिक पर्व नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, प्रकृति प्रेम और नारी शक्ति के अद्भुत संगम का प्रतीक है। यह पर्व जहां एक ओर प्रकृति की हरियाली और श्रावण मास की सुंदरता का स्वागत करता है, वहीं दूसरी ओर यह महिलाओं के संकल्प, प्रेम और श्रद्धा को भी उजागर करता है।

तीज के माध्यम से हमें अपनी परंपराओं से जुड़ने, पर्यावरण संरक्षण का संदेश ग्रहण करने और सामाजिक एकता को मजबूत करने की प्रेरणा मिलती है। यही कारण है कि तीज आज भी उतनी ही प्रासंगिक और जीवंत है जितनी पुरातन समय में थी।

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26 जुलाई ही क्यों ऐतिहासिक दिन : Kargil Vijay Diwas 2025 की महत्ता

भारत के इतिहास में 26 जुलाई का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।
कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की विजय और भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता, बलिदान और साहस को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस युद्ध में भारतीय सेना ने दुर्गम पहाड़ियों पर कब्जा जमाए पाकिस्तानी घुसपैठियों को पराजित कर कारगिल की चोटियों पर फिर से तिरंगा लहराया था। यह दिवस हमें भारतीय सैनिकों की देशभक्ति, साहस और शौर्य की भावना की याद दिलाता है और हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है।


War History: Kargil युद्ध की पृष्ठभूमि

1999 में पाकिस्तान की सेना ने घुसपैठियों के रूप में कारगिल की ऊँचाईयों पर कब्जा जमा लिया। यह धोखेबाज़ी LOC (लाइन ऑफ कंट्रोल) के उल्लंघन के तहत थी। भारत ने इसे चुनौती के रूप में लिया और “ऑपरेशन विजय” के तहत अपने जांबाज सैनिकों को युद्ध के लिए भेजा।

भारी बर्फबारी, दुर्गम पहाड़ियाँ और शून्य से नीचे तापमान में भी भारतीय सेना ने अदम्य साहस दिखाया। द्रास, बटालिक, टोलोलिंग और टाइगर हिल जैसी पहाड़ियों पर भीषण लड़ाइयाँ हुईं और अंततः 26 जुलाई को भारत ने विजय प्राप्त की।


Operation Vijay : भारतीय सेना की वीरता का सबूत

1999 में लड़ा गया कारगिल युद्ध, भारतीय सैन्य इतिहास में साहस, रणनीति और बलिदान का प्रतीक बन गया। इस युद्ध में ऑपरेशन विजय के अंतर्गत भारतीय सेना, थल सेना और वायुसेना ने अद्वितीय समन्वय के साथ कार्य करते हुए दुश्मन को परास्त किया। यह युद्ध भारत की सैन्य ताकत और राष्ट्रभक्ति का जीवंत उदाहरण है।

ऑपरेशन विजय की शुरुआत:

मई 1999 में पाकिस्तानी सैनिक और आतंकी कारगिल की ऊँचाईयों पर छुपकर बैठ गए। यह LOC का खुला उल्लंघन था। जैसे ही यह घुसपैठ सामने आई, भारत सरकार ने “ऑपरेशन विजय” की घोषणा की, जिसका उद्देश्य उन सभी चोटियों को वापस अपने नियंत्रण में लेना था।

भारतीय थल सेना की वीरता:

भारतीय थल सेना ने कारगिल की बर्फीली चोटियों पर दुश्मन को खदेड़ने के लिए सीधे मोर्चा संभाला। अत्यधिक ऊँचाई, कठिन मौसम और दुश्मन की ऊँचाई पर स्थिति होने के बावजूद, भारतीय जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना एक-एक चोटी पर फिर से तिरंगा फहराया।

मुख्य उपलब्धियाँ:

  • टोलोलिंग, टाइगर हिल, बटालिक और मुश्कोह सेक्टर जैसे दुर्गम क्षेत्रों पर दुश्मन को मात देना।

  • कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज पांडे, हविलदार योगेंद्र सिंह यादव जैसे योद्धाओं ने अद्भुत साहस दिखाया।


सेनाओं के समन्वय की जीत

थल सेना और वायुसेना के बीच बेहतर तालमेल, उच्च रणनीतिक समझ और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना ने इस युद्ध में भारत को विजय दिलाई। हर सैनिक ने यह दिखाया कि भारत की सुरक्षा से बड़ा कोई धर्म नहीं।


Indian Army Heroes ‘s Sacrifices : देश के वीरों की वीरता और बलिदान की कहानी

कैप्टन विक्रम बत्रा, ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव और मेजर अनिल कौशिक जैसे वीर जवानों के बलिदान की कहानी जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए:

1. कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र) – “यह दिल मांगे मोर”

  • कारगिल युद्ध (1999) के नायक कैप्टन विक्रम बत्रा ने 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स के साथ “प्वाइंट 5140” और “प्वाइंट 4875” जैसे अहम दुर्गम क्षेत्रों को दुश्मन से मुक्त कराया।

  • उनके नेतृत्व में जवानों ने असंभव को संभव कर दिखाया। दुश्मन के भारी गोला-बारूद और फायरिंग के बीच उन्होंने एक-एक बंकर पर कब्जा जमाया।

  • जब एक घायल साथी को बचाने के लिए वह खुद आगे बढ़े, तभी दुश्मन की गोली का शिकार हो गए।

  • उनका नारा “यह दिल मांगे मोर” आज भी भारतीय सेना की जांबाजी का प्रतीक है।
    सम्मान: मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित।

2. ग्रेनेडियर योगेंद्र सिंह यादव (परमवीर चक्र) – “अडिग साहस का जीता-जागता उदाहरण”

  • 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल पर हमला करने वाली टुकड़ी में शामिल थे। शत्रु की भारी गोलीबारी के बावजूद, यादव ने पहाड़ी चोटी पर चढ़ते हुए तीन गोलियाँ लगने के बावजूद आगे बढ़कर बंकर पर ग्रेनेड फेंका और शत्रु को ढेर किया।

  • उनकी वीरता ने बाकी सैनिकों को आगे बढ़ने का रास्ता दिया और टाइगर हिल पर भारत का झंडा फहराया गया।

  • वह परमवीर चक्र पाने वाले सबसे कम उम्र (19 वर्ष) के सैनिकों में से एक हैं।
    सम्मान: जीवित रहते हुए “परमवीर चक्र” पाने वाले कुछ वीरों में से एक।

3. मेजर अनिल कौशिक – “कर्तव्य के लिए जीवन बलिदान”

  • मेजर अनिल कौशिक भारतीय सेना की एक जांबाज ऑफिसर थे, जो आतंकवाद-रोधी अभियानों में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे।

  • उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान अद्भुत साहस का परिचय दिया।

  • एक विशेष ऑपरेशन के दौरान उन्होंने अपने साथियों की जान बचाने के लिए स्वयं को सामने रखकर वीरगति प्राप्त की।

  • उनका बलिदान इस बात का प्रतीक है कि कैसे भारतीय सैनिक देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर देते हैं।
    सम्मान: मरणोपरांत वीरता पुरस्कार प्रदान किया गया (राज्य और रेजिमेंट स्तर पर)।


Significance: Kargil Vijay Diwas पर युवाओं को संदेश

यह दिन हमें देशभक्ति, एकता और सैनिकों के त्याग की याद दिलाता है।
इसे केवल सेना की विजय ही नहीं कहा जा सकता था, बल्कि यह भारत के आत्मगौरव, संकल्प और वीरता की जीत थी।

आज के युवाओं के लिए संदेश:

  1. कर्तव्य और अनुशासन को जीवन में उतारें।

  2. देश के प्रति गर्व और समर्पण रखें।

  3. फिजिकल और मेंटल फिटनेस को अपनाएं।

  4. शहीदों के बलिदान को स्मृति में रखते हुए, अपने कार्यों से उनके सपनों का भारत बनाएं।

  5. Desh Seva सिर्फ सेना तक सीमित नहीं – पढ़ाई, तकनीक, सेवा, जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्र में योगदान भी राष्ट्र सेवा है।


2025 में देशभर में Kargil Vijay Diwas आयोजन और गतिविधियाँ

1. कारगिल युद्ध स्मारक, द्रास (लद्दाख)

  • मुख्य आयोजन स्थल – प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख, और युद्ध के वीर सैनिकों के परिवारों की उपस्थिति।

  • शहीदों को श्रद्धांजलि, पुष्प अर्पण, मशाल यात्रा और सांस्कृतिक कार्यक्रम।

2. स्कूल-कॉलेजों में आयोजन

  • निबंध, भाषण और चित्रकला प्रतियोगिताएँ।

  • वीरता भरी कहानियाँ और डाक्यूमेंट्री प्रदर्शनी।

  • देशभक्ति गीत और नुक्कड़ नाटक।

3. डिजिटल और सोशल मीडिया अभियान

  • Kargil Heroes, Kargil Vijay Diwas आदि हैशटैग चलाए जाते हैं।

  • युवाओं को वीर सैनिकों की कहानियाँ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

4. स्थानीय स्तर पर श्रद्धांजलि समारोह

  • पंचायत, नगर परिषद या NGOs द्वारा शहीद स्मारकों पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम।

  • रक्तदान शिविर, देशभक्ति दौड़, साइक्लोथॉन आदि।

5. शहीदों के परिवारों को सम्मान

  • “भारत मां के वीर सपूत के परिवार को कोटिश नमन” – इस उद्धरण के साथ स्मृति-पत्र।

  • प्रत्येक परिवार को राष्ट्रीय ध्वज, शहीद का चित्र, और एक वीरता का प्रतीक दीपक प्रदान करें।

  • स्कूलों में शहीदों के नाम पर छात्रवृत्तियाँ शुरू करे, आदि।


निष्कर्ष

2025 में कारगिल विजय दिवस केवल एक समारोह नहीं, बल्कि एक संवेदनशील राष्ट्रीय कर्तव्य बन चुका है — शहीदों के परिवारों को यह बताने का कि देश उन्हें भूला नहीं है, और हर भारतीय उनके ऋणी हैं।

“आपने बेटा खोया, हमने भारत मां का सच्चा सपूत पाया,
यह देश आपका सदैव ऋणी रहेगा।”

Guru Purnima Special Role of Guru in Life : जिंदगी के हर पड़ाव में जरूरी है सच्चा गुरु

गुरु एक ऐसा फरिश्ता जो समझने के साथ-साथ जीवन में हर मोड़ पर जरूरी है।
जहां से जिंदगी की शुरुआत हुई, वहीं से गुरु की जरूरत महसूस हुई।


भारतीय संस्कृति अनुसार Guru In Life महत्व (Guru Purnima) :

भारतीय संस्कृति में गुरु को अत्यंत महान और पूजनीय बताया है। गुरु को ईश्वर से भी ऊपर माना गया है, क्योंकि गुरु ही हमें ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग दिखाता हैं।
गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वर” श्लोक इस बात का प्रमाण है कि गुरु को त्रिदेवों के समान दर्जा दिया गया है।

प्राचीन गुरुकुल प्रणाली में शिष्य अपने गुरु के आश्रम में रहकर केवल विद्या ही नहीं, बल्कि जीवन के मूल्यों, अनुशासन और संस्कारों की शिक्षा भी ग्रहण करते थे।
राम और कृष्ण जैसे महान व्यक्तित्व भी अपने-अपने गुरुओं से दीक्षा लेकर महानता को प्राप्त हुए।


इंसान हर कार्य तो कर सकने में सक्षम है, फिर True गुरु की आवश्यकता क्यों है?

इंसान सक्षम होते हुए भी अक्सर भ्रम, अहंकार और असमझ में फंस जाता है। True Guru उसकी दिशा, विवेक और आत्मिक जागरूकता को जगाते हैं, जिससे वह अपने लक्ष्य तक सही मार्ग से पहुँच सके। इसलिए सच्चे गुरु की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है।

आइए जानते हैं क्या महत्व है गुरु का हमारे जीवन में, कब से है और गुरु पूर्णिमा का पर्व क्यों है खास?


गुरु को समर्पित : गुरु पूर्णिमा का पर्व (Festival of Guru Purnima)

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) भारत का एक पावन पर्व है, जो आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह दिन गुरु के प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने के लिए समर्पित है।

यह पर्व न केवल शैक्षिक गुरुओं, बल्कि आध्यात्मिक और जीवन-मार्गदर्शक गुरुओं के महत्व को रेखांकित करता है।


गुरु शब्द का शाब्दिक अर्थ:

संस्कृत व्याकरण के अनुसार, “गुरु” शब्द दो वर्णों से मिलकर बना है:

  • ‘गु’ का अर्थ होता है – अंधकार (अज्ञान)
  • ‘रु’ का अर्थ होता है – प्रकाश (ज्ञान)

‘गुरु’ का शाब्दिक अर्थ है:
“जो अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश फैलाए।”

गुकारस्त्वंधकारः स्याद् रुकारस्ते जना गृहः।
अंधकारनिरोधित्वात् गुरुरित्यभिधीयते॥

भावार्थ:
‘गु’ अंधकार है,
‘रु’ उसका नाश करने वाला है,
जो अंधकार का नाश करे, वही “गुरु” कहलाता है।


Role of Guru In Every Stage of Life: जन्म से लेकर अंत और मरने के बाद भी मुक्ति का साधन गुरु

जीवन के हर पड़ाव में गुरु की जरूरत है। True Guru अपने शिष्य की जन्म से पहले ही संभाल करना शुरू कर देता है। ऐसी जीवन की कोई अवस्था नहीं जहां गुरु की आवश्यकता न हुई हो।


Role of Guru in Kids: बचपन में गुरु की भूमिका

बचपन में गुरु बच्चे के व्यक्तित्व निर्माण, संस्कार और शिक्षा की नींव रखते हैं। वे बच्चे को सही-गलत की पहचान सिखाते हैं, आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और जीवन के प्रारंभिक मूल्य जैसे अनुशासन, सम्मान और कर्तव्यभाव विकसित करते हैं।

इस समय गुरु बच्चों के दिमाग़ और चरित्र को आकार देने वाले सबसे महत्वपूर्ण मार्गदर्शक होते हैं।

बचपन में गुरु की भूमिका बीज बोने वाले किसान जैसी होती है।
जैसे अच्छा बीज, सही भूमि और देखभाल से एक फलदार वृक्ष बनता है, वैसे ही गुरु के मार्गदर्शन से बच्चा एक संस्कारवान, नैतिक और मजबूत चरित्र वाला नागरिक बनता है।
इसलिए बचपन में एक सच्चे गुरु की उपस्थिति जीवन की सही शुरुआत के लिए बेहद जरूरी है।


किशोरावस्था में गुरु की आवश्यकता (Guidance of Guru During Teen Age):

जीवन का सबसे संवेदनशील, परिवर्तनशील और निर्णायक चरण किशोरावस्था होता है। यह उम्र न तो पूरी तरह बचपन होती है, न ही पूर्ण रूप से वयस्कता। ऐसे में एक True Guru का मार्गदर्शन किशोर को सही दिशा देने में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

किशोरावस्था जीवन का मोड़ होती है – जहाँ दिशा गलत हो जाए तो मंज़िल भी बदल सकती है।

इसलिए, इस संवेदनशील समय में एक अनुभवी और सच्चे गुरु का साथ होना एक दीपक की तरह है जो अंधेरे में रास्ता दिखाता है।

किशोरावस्था में गुरु की आवश्यकता क्यों?

  1. भावनात्मक उतार-चढ़ाव को संभालने के लिए।
  2. गुरु सही निर्णय लेने में सहयोगी।
  3. गुरु आकर्षणों और भ्रम से बचाव में मददगार।
  4. आत्मविश्वास और चरित्र निर्माण में सहायक।
  5. गुरु दबाव और तनाव से मुक्ति का दाता।

वयस्क के जीवन में गुरु का महत्व (Importance of Guru in the Life of an Adult):

वयस्कता का चरण वह समय होता है जब व्यक्ति जीवन के कई मोर्चों—जैसे करियर, परिवार, समाज और आत्मिक उन्नति—पर सक्रिय होता है।

इस दौर में चुनौतियाँ अधिक होती हैं, लेकिन मार्गदर्शन कम। ऐसे में गुरु का महत्व और भी बढ़ जाता है।

1. जीवन में स्पष्टता और दिशा देने के लिए:

जब व्यक्ति कई जिम्मेदारियों के बीच उलझता है, गुरु उसे जीवन की प्राथमिकताएं और उद्देश्य स्पष्ट करने में मदद करते हैं।

2. आत्मिक और मानसिक संतुलन के लिए:

तनाव, असफलता और असंतोष वयस्क के मानसिक और आत्मिक संतुलन को प्रभावित करते हैं। गुरु
आध्यात्मिक ज्ञान और आंतरिक शांति का मार्ग दिखाकर व्यक्ति को संतुलित रखते हैं।

3. संवेदनशील निर्णयों में सहायता:

करियर, वैवाहिक जीवन, बच्चों के पालन-पोषण जैसे निर्णयों में गुरु का अनुभव और दृष्टिकोण व्यक्ति को सही राह चुनने में सहायक होता है।

4. मूल्य और नैतिकता की रक्षा:

आज की तेज़ रफ्तार और भौतिकतावादी दुनिया में गुरु व्यक्ति को मूल्यों और सत्य के मार्ग से विचलित होने से बचाते हैं।

5. आत्मबोध और आत्मविकास के लिए:

गुरु व्यक्ति को केवल बाहरी सफलता नहीं, बल्कि आत्मा की गहराइयों से जुड़ने और स्वयं को पहचानने की प्रेरणा देते हैं।

वयस्क जीवन में गुरु एक दिशा-सूचक दीपक की तरह होते हैं जो जीवन की अंधेरी राहों में रोशनी देते हैं।
गुरु न केवल ज्ञान के स्रोत हैं, बल्कि वे जीवन के हर मोड़ पर एक सच्चे मार्गदर्शक और प्रेरक शक्ति भी हैं।


आज के समय में सच्चा गुरु (True Guru in Today’s Time):

आज के युग में जब हर कोई “गुरु” कहलाना चाहता है, सच्चे गुरु की पहचान कर पाना कठिन लेकिन अत्यंत आवश्यक हो गया है।

सच्चा गुरु वह जो:

  • अपना स्वार्थ नहीं देखता।
  • जो सिखाता है पहले उसका पालन स्वयं करता है।
  • कभी अंधभक्ति नहीं चाहता।
  • अहंकार, लालच, क्रोध और मोह जैसे आंतरिक दोषों को समाप्त करने की राह दिखाता।
  • प्रेम और विश्वास से परमात्मा से जोड़ता।
  • कठिनाई के समय सच्चा गुरु कठिनाई से निकलने का रास्ता दिखाता।

Guru और भगवान में कौन आत्ममुक्ति में सहायक?

गुरु बिना भगवान की प्राप्ति कठिन है, क्योंकि गुरु ही वह सेतु हैं जो शिष्य को ईश्वर से जोड़ते हैं।

गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय॥

भगवान हमें जीवन देने वाले हैं,
परंतु जीवन को सही दिशा में कैसे जिया जाए, यह ज्ञान गुरु ही देता है।


गुरु पूर्णिमा(Guru Purnima) विशेष: भारत में गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) ज्ञान, श्रद्धा और समर्पण का पर्व है, जो गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।

यह दिन दर्शाता है कि गुरु ही जीवन में अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले मार्गदर्शक हैं।

आध्यात्मिक महत्व:

गुरु को ब्रह्म, विष्णु और महेश के समान माना गया है।
इस दिन ध्यान, सत्संग, मंत्र जाप और गुरुओं के उपदेशों का पालन करके साधक अपनी आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

सामाजिक महत्व:

यह पर्व गुरु और शिक्षा के प्रति सम्मान को उजागर करता है।
आज भी विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और आध्यात्मिक संस्थानों में इस दिन विशेष कार्यक्रम होते हैं जहाँ विद्यार्थी अपने शिक्षकों और आध्यात्मिक गुरुओं का अभिनंदन करते हैं।


गुरु पूर्णिमा आयोज ( Guru Purnima Event):

गुरु पूर्णिमा पर आश्रमों, विद्यालयों और आध्यात्मिक केंद्रों में विशेष आयोजन होते हैं।
इस दिन शिष्य गुरु का पूजन, प्रवचन श्रवण, ध्यान, सत्संग और सेवा कार्य करते हैं।
कई जगहों पर भंडारे, कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion):

गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) आत्मज्ञान, श्रद्धा और मार्गदर्शन का पर्व है, जो गुरु के महत्व को दर्शाता है।
यह दिन हमें सिखाता है कि जीवन में सच्चे गुरु का होना आत्मिक और नैतिक उन्नति के लिए आवश्यक है।

गुरु का दीप जलाए हम, मिटे अज्ञान अंधेरा,
ज्ञान-प्रभा से चमके जीवन, बदले भाग्य का फेरा।
श्रद्धा से शीश झुकाएं, चरणों में वरदान,
गुरु बिना न हो सकता, जीवन में उत्थान।

International Yoga Day 2025 : योग – संपूर्ण स्वास्थ्य की ओर

International Yoga Day 2025

International Yoga Day 2025– स्वस्थ रहना हर इंसान को अच्छा लगता है। लेकिन जैसा आज का खान-पान और रहन-सहन हो गया है, इससे इंसान बीमारियों की चपेट में उलझता जा रहा है। ऐसे में इंसान का चाह कर भी स्वस्थ रहना मुश्किल हो गया है। लेकिन असंभव कुछ भी नहीं होता।
इसलिए योग स्वस्थ जीवन शैली की ओर बहुत बड़ा और अच्छा कदम कहें तो गलत नहीं होगा।
आज संपूर्ण विश्व इस बात को मानता है कि अगर स्वस्थ रहना है तो योग को जीवन में अपनाओ।


International Yoga Day 2025 की शुरुआत

– अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा

27 सितंबर वर्ष 2014 को भारत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में प्रस्ताव रखा कि योग को एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाए।

– संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकृति

11 दिसंबर 2014 को UN ने भारत के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga) के रूप में घोषित किया।

– पहली बार International Yoga Day

21 जून वर्ष 2015 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।

– 21 जून को ही क्यों चुना गया?

क्योंकि यह वर्ष का सबसे लंबा दिन (Summer Solstice) होता है और आध्यात्मिक दृष्टि से भी यह दिन महत्वपूर्ण माना जाता है।


योग का अर्थ

  • संस्कृत शब्द “योग” का अर्थ है “जुड़ना” या “एकता”।
  • यह शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया है।
  • योग न केवल एक शारीरिक अभ्यास है बल्कि यह मानसिक, भावनात्मक और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करता है।

भारतीय संस्कृति में योग का स्थान

योग भारतीय संस्कृति की प्राचीन और मूल विरासत है। यह केवल व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक सम्पूर्ण पद्धति है।

  • ऋषि-मुनियों ने हजारों साल पहले योग को आत्म-साक्षात्कार और स्वास्थ्य का साधन बनाया।
  • भगवद गीता, उपनिषद और पतंजलि योगसूत्र में योग के गहरे दर्शन मिलते हैं।
  • योग के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन प्राप्त करता है।
  • यह भारत की धार्मिक, आध्यात्मिक और नैतिक परंपरा का अभिन्न हिस्सा है।
  • भारतीय संस्कृति में योग केवल स्वास्थ्य का साधन नहीं, बल्कि मोक्ष (आत्म-मुक्ति) तक पहुंचने का मार्ग है।

हमारे जीवन में योग का महत्व

योग हमारे जीवन में शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसका अभ्यास न केवल हमें स्वस्थ बनाता है, बल्कि हमें सकारात्मक सोच, धैर्य और आंतरिक शांति भी प्रदान करता है।

  1. शारीरिक स्वास्थ्य: शरीर लचीला, मजबूत और सक्रिय बनता है। यह रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाता है।
  2. मानसिक शांति: ध्यान और प्राणायाम से तनाव, चिंता और अवसाद दूर होते हैं।
  3. भावनात्मक संतुलन: व्यक्ति को संयमित और धैर्यशील बनाता है।
  4. जीवनशैली में सुधार: अनुशासन, संतुलित आहार और अच्छी नींद आती है।
  5. आध्यात्मिक विकास: आत्मचिंतन और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।

International Yoga Day 2025 थीम (Theme)

“Yoga for One Earth, One Health”
इस वर्ष (21 जून 2025) की अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की आधिकारिक थीम यही है, जो इस बात पर जोर देती है कि व्यक्तिगत स्वास्थ्य और पृथ्वी की स्थिति पारस्परिक रूप से जुड़े हुए हैं।


Benefits of Yoga: शारीरिक, आध्यात्मिकता और मानसिकता में योग है फायदेमंद

आज के समय में बढ़ती बीमारियों में जहां योग लाभकारी सिद्ध हो रहा है, वहीं योग के मानसिक और आध्यात्मिकता में भी बहुत लाभ हैं।

1. शारीरिक लाभ:

  • शरीर को लचीलापन, शक्ति और संतुलन प्रदान करता है।
  • मांसपेशियों, हड्डियों और अंगों का विकास होता है।
  • पाचन, रक्त संचार और श्वसन क्रिया बेहतर होती है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

2. मानसिक लाभ:

  • तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है।
  • मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
  • एकाग्रता, स्मरण शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

3. आध्यात्मिक लाभ:

  • आत्म-चेतना और आत्म-साक्षात्कार को बढ़ावा देता है।
  • आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
  • जीवन जीने के गहरे अर्थ को समझने में सहायता करता है।

तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम करने में योग है रामबाण – कैसे?

योग तनाव, चिंता और डिप्रेशन को जड़ से खत्म करने का प्राकृतिक, प्रभावी और वैज्ञानिक तरीका है।

1. प्राणायाम (श्वास नियंत्रण):

धीरे-धीरे गहरी सांस लेने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे तनाव और बेचैनी कम होती है।

2. ध्यान (Meditation):

मन को वर्तमान क्षण में लाकर चिंताओं से मुक्ति दिलाता है।

3. डिप्रेशन में राहत:

सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे “हैप्पी हार्मोन” के स्तर को बढ़ाता है।

4. योगासन:

शवासन, बालासन, वज्रासन आदि मांसपेशियों के तनाव को कम करते हैं।

5. नींद में सुधार:

नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है, जिससे तनाव से राहत मिलती है।


Yoga At Home: घर पर योग करने के सरल तरीके

स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए आइए हम घर से ही योग की शुरुआत करें।

1. एक शांत स्थान चुनें:

जहाँ ध्यान भंग न हो और योग मैट का उपयोग करें।

2. समय तय करें:

सुबह का समय सर्वोत्तम होता है।

3. आसान आसनों से शुरुआत करें:

  • ताड़ासन
  • वज्रासन
  • भुजंगासन
  • बालासन
  • शवासन

4. प्राणायाम करें:

  • अनुलोम-विलोम
  • भ्रामरी
  • कपालभाति

5. ध्यान करें:

5-10 मिनट आंखें बंद करके ध्यान करें।

6. ऑनलाइन गाइड:

YouTube या ऐप्स के जरिए योग शिक्षकों का मार्गदर्शन लें।


Yoga in India: भारत और योग का संबंध

योग भारत की एक प्राचीन और अमूल्य परंपरा है। यह केवल शरीर को नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है।
महर्षि पतंजलि ने योगसूत्रों से इसे व्यवस्थित किया।
21 जून को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने के बाद यह भारत की सांस्कृतिक पहचान बना है।


International Yoga Day 2025 Event: भारत और विश्व में आयोजन

भारत और विश्व में 2025 का आयोजन अधिक भव्य होगा।
सरकारें और संस्थान मिलकर बड़े स्तर पर योग शिविरों और वर्कशॉप्स का आयोजन करेंगी।
भारत में ऐतिहासिक स्थानों पर प्रधानमंत्री और योगगुरु सार्वजनिक योग करेंगे।
डिजिटल प्लेटफॉर्म से लाखों लोग लाइव भाग लेंगे।
विदेशों में भारत के दूतावास कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
WHO जैसे संगठन भी इसमें भाग लेंगे।


Conclusion

योग सिर्फ एक अभ्यास नहीं, बल्कि एक संपूर्ण जीवनशैली है। यह सभी रोगों की एकल दवा है वह भी बिना किसी नुकसान के।
इसलिए अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करें और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाएं।

“स्वस्थ जीवन है अगर अपनाना, तो योग को अपना साथी बनाना।”

जीवनदाता Blood Donors: क्यों खास है Real Life रक्तदाताओं की Inspiring Stories

परिचय

आज जैसे कि स्वार्थी युग का दौर है, इसमें कोई बिना स्वार्थ के किसी को एक गिलास पानी तक पूछना पसंद नहीं करता, वहीं कुछ लोग ऐसा महान कार्य कर जाते हैं जो सभी के लिए प्रेरणादायक बन कर रह जाता है।
आज हम यहां Blood Donation की बात कर रहे हैं। जी हां, कुछ ऐसे Real Life Heroes हैं जो humanity में इतना आगे जा चुके हैं कि बिना किसी का धर्म जात जाने, रक्तदान कर उसकी जिंदगी बचाने के लिए तैयार हो जाते हैं।

इस लेख में आज हम आपके साथ इन blood donors की inspiring stories से अवगत कराएंगे और साथ ही आपको blood donation के महत्व और फायदों की भी जानकारी दी जाएगी।


Blood Donation का महत्व

आज के समय में रक्त की कमी आम देखने में नजर आती है। किसी को बीमारी के कारण, तो किसी को दुर्घटना में घायल होने के कारण रक्त की जरूरत होती है।
रक्त ऐसा द्रव है जो बाहरी तौर पर उपलब्ध नहीं होता। रक्त की कमी से प्रभावित व्यक्ति को उसी के ब्लड ग्रुप का रक्त चढ़ाना पड़ता है। यही कारण है कि आज के समय में रक्तदान की अहम जरूरत है।

क्योंकि अगर किसी की जान रक्त के कारण बचाई जा सके तो इससे बढ़कर humanity का कोई कार्य नहीं।
साथ ही साथ यह social service में हमारा एक कदम होता है, जो समाज में दूसरों को भी Blood Donation की प्रेरणा देता है।


Blood Donation Myths / Health Benefits

रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियां और यह कहां तक फायदेमंद

रक्तदान को लेकर लोगों के मन में बहुत सी भ्रांतियां होती हैं, जो उन्हें रक्तदान करने से रोकती हैं, जैसे कि:

  1. रक्तदान करने से शरीर कमजोर हो जाता है।
  2. रक्तदान करने से वजन बढ़ता है या घटता है।
  3. एक बार रक्तदान करने के बाद बार-बार करना पड़ता है।
  4. महिलाओं को रक्तदान नहीं करना चाहिए।
  5. रक्तदान करने से संक्रमण फैल सकता है।
  6. बुजुर्ग लोग रक्तदान नहीं कर सकते, आदि।

लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Blood Donation को लेकर ये सब भ्रांतियां इंसानी सोच का हिस्सा हैं। जबकि रक्तदान करने के बहुत सारे health benefits हैं। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कुछ ही दिनों में पूरा हो जाता है।


रक्तदान के फायदे:

  1. एक यूनिट रक्त तीन लोगों का जीवन बचाने में मददगार।
  2. नियमित रक्तदान ह्रदय स्वास्थ्य में सुधार का कारण।
  3. शरीर में नया रक्त बनने की प्रक्रिया सक्रिय होती है।
  4. मानसिक संतुष्टि और आत्मिक शांति में मददगार।
  5. रक्तदान से कैलोरी बर्न होती है।
  6. रक्तदान से पूर्व निशुल्क स्वास्थ्य जांच।
  7. समाज में प्रेरणा फैलती है।

कितनी बार रक्तदान किया जा सकता है?

  • पुरुष: हर 3 महीने में एक बार
  • महिला: हर 4 महीने में एक बार

Social Service with Humanity

रक्तदान में Real Life Heroes की प्रेरणादायक कहानियाँ

रक्तदान करना मतलब किसी को जीवन दान करना।
Blood Donors किसी की धर्म, जाति या मजहब नहीं देखते बल्कि अपने इंसानियत के जुनून को इस कदर प्यार करते हैं कि एक फोन कॉल से ही दुनिया के किसी भी कोने में जरूरतमंद को रक्त देने पहुंच जाते हैं।

Dera Sacha Sauda के अनुयाईयों का उदाहरण दिया जाए तो आप हैरान हो जाओगे।
इंसानियत से जुड़े इस कार्य में एक दो नहीं बल्कि लाखों लोग अपने गुरु Saint Dr. MSG की प्रेरणा से हर समय Blood Donation के लिए तैयार रहते हैं।

  • एक अनुयाई ने बताया कि वह Saint Dr. MSG की शिक्षा से इतना प्रभावित हुआ कि वह इस महान कार्य में हिस्सा लेने से खुद को रोक न सका। अब तक उसने 60 से भी अधिक बार रक्तदान कर humanity में एक नई inspiring story बना दी है।
  • एक अन्य अनुयाई से बातचीत से पता चला कि डॉक्टर्स की सुई से डरने वाला इंसान किस कदर अपने इस भय से निकल कर अब तक 18 से अधिक बार रक्तदान कर चुका है।

यह तो केवल दो उदाहरण हैं DSS के अनुयायियों के – आपको ऐसा सैकड़ों हजारों उदाहरण देखने और सुनने को मिल जाएंगे।

DSS Volunteers का यह जुनून देखकर इन्हें चलता फिरता “True Blood Pump” कहा जाता है।


Dera Sacha Sauda (DSS) True Blood Pump

Dera Sacha Sauda (DSS) Volunteers रक्तदान में Real Life Heroes

True Blood PumpDera Sacha Sauda (DSS) की एक अनोखी पहल है, जो विश्वभर में रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए जानी जाती है। DSS के सेवादार (volunteers) न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी नियमित रूप से रक्तदान करते हैं।
यह पहल इंसानियत की सेवा और आपातकालीन समय में जीवन बचाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।


DSS Volunteers का योगदान:

  1. दुनिया के सबसे बड़े रक्तदाता समूहों में शामिल:
    DSS के सेवादार अब तक लाखों यूनिट रक्त दान कर चुके हैं। कई बार आवश्यकता पड़ने पर कुछ ही घंटों में हजारों यूनिट एकत्र कर लिए जाते हैं।
  2. भारतीय सेना और सरकारी अस्पतालों के लिए रक्तदान:
    DSS के सेवादार नियमित रूप से भारतीय सेना, AIIMS, PGI जैसे प्रमुख अस्पतालों और ब्लड बैंकों को स्वेच्छा से रक्त प्रदान करते हैं।
  3. आपातकाल में त्वरित प्रतिक्रिया:
    किसी भी प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना या मेडिकल इमरजेंसी में, DSS volunteers का रक्तदान को लेकर महान सहयोग होता है।
  4. नेगेटिव ग्रुप्स में भी योगदान:
    DSS के पास rare और नेगेटिव ब्लड ग्रुप्स के blood donors की बड़ी टीम है, जो कभी भी उपलब्ध रहते हैं – जैसे O- और AB- ग्रुप।
  5. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज:
    DSS के रक्तदान शिविरों ने कई बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी स्थान बनाया है, जहाँ एक दिन में सबसे अधिक रक्त दान करने का रिकॉर्ड कायम किया गया।

कैसे बनें Regular Blood Donor:

  1. समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं।
  2. रक्तदान की तारीख को याद रखें
  3. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
  4. ब्लड डोनेट करने वाले ग्रुप्स से जुड़ें।
  5. रक्तदान के फायदे जानें और दूसरों को प्रेरित करें।
  6. अपने अनुभव साँझा करें।

निष्कर्ष:

Blood Donation बहुत ही महान कार्य है जो Humanity के साथ-साथ Community Service का भी हिस्सा है।
आइए मिलकर किसी की जान बचाने में अपना सहयोग दें और नियमित blood donors बनें।

“रक्त का एक कतरा, किसी के जीवन की पूरी कहानी बदल सकता है।”

World Environment Day 2025: पर्यावरण की सुरक्षा, जीवन की रक्षा

आज हर इंसान स्वस्थ जीवन की कामना करता है। लेकिन स्वस्थ जीवन जीने के लिए जिस पर्यावरण में निवास करता है उसकी रक्षा करना अपना फर्ज नहीं समझता।
पर्यावरण जिसमें हम निवास करते हैं, उसका संरक्षण मतलब अपनी जिंदगी की रक्षा करना। हमारा अच्छा स्वास्थ्य स्वच्छ पर्यावरण पर ही निर्भर करता है।

पर्यावरण संकट की गंभीरता

दिन प्रति दिन पर्यावरण संकट से संबंधित घटनाएं सामने आती हैं। कारण – प्रकृति की सार-संभाल न होना और इसके साथ छेड़छाड़ करना।
इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि अगर आज मानव जीवन खतरे में है तो उसका मूल कारण पर्यावरण की उपेक्षा है।

विश्व पर्यावरण दिवस का महत्व

इसी मकसद को ध्यान में रखते हुए लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) समूचे विश्व में मनाया जाता है।

World Environment Day 2025 की थीम (Theme of the Year)

थीम 2025: “प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें” (Beat Plastic Pollution)

हर साल विश्व पर्यावरण दिवस एक विषय पर आधारित होता है।
2025 में विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य विषय “प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करें” है। इसका उद्देश्य प्लास्टिक कचरे की वैश्विक समस्या को उजागर करना और इसके समाधान के लिए सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करना है।
यह अभियान संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के नेतृत्व में चलाया जा रहा है।

World Environment Day 2025 के मुख्य उद्देश्य

1. प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ाना

प्लास्टिक कचरा न केवल समुद्रों और भूमि को प्रदूषित करता है, बल्कि यह हमारे खाद्य और जल आपूर्ति में भी प्रवेश कर चुका है, जिससे मानव स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

2. सतत जीवनशैली को अपनाना

लोगों को प्लास्टिक के उपयोग को कम करने, पुन: उपयोग करने और पुनर्चक्रण करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

3. वैश्विक संधि की दिशा में प्रयास

2022 में शुरू हुई एक वैश्विक संधि के तहत देशों ने एक कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौते पर काम करना शुरू किया है।

2025 में World Environment Day के मेज़बान देश: दक्षिण कोरिया

दक्षिण कोरिया इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की वैश्विक मेज़बानी कर रहा है और प्लास्टिक कचरे को कम करने में अग्रणी है।

भारत में पर्यावरण संरक्षण की पहलें

1. वृक्षारोपण अभियान

पर्यावरणविद् वीरल देसाई ने 5 जून से 7-दिवसीय वृक्षारोपण अभियान शुरू किया है।

2. स्कूलों में जागरूकता

उत्तर प्रदेश के 22,000 स्कूलों को प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ अभियान से जोड़ा गया है।

3. रेलवे स्टेशनों पर पहल

पूर्व तट रेलवे ने “प्लास्टिक मुक्त स्टेशन” अभियान शुरू किया है।

Climate Challenge in India: भारत की पर्यावरणीय स्थिति

1. वायु प्रदूषण (Air Pollution)

भारत के कई शहरों की वायु गुणवत्ता दुनिया में सबसे खराब मानी जाती है।
मुख्य कारण: वाहनों का धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन, निर्माण कार्य, पराली जलाना।

2. जल प्रदूषण (Water Pollution)

गंगा, यमुना जैसी नदियाँ अत्यधिक प्रदूषित हैं।
घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट बिना उपचार के नदियों में प्रवाहित किया जाता है।

3. वनों की कटाई (Deforestation)

शहरीकरण और कृषि विस्तार के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है।

4. जलवायु परिवर्तन (Climate Changes)

तापमान में वृद्धि, अनियमित वर्षा, और सूखा-बाढ़ जैसी घटनाएं बढ़ी हैं।

5. कचरा प्रबंधन (Waste Management)

कई शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था अपर्याप्त है।
प्लास्टिक कचरा और ई-कचरे की मात्रा लगातार बढ़ रही है।

सरकार द्वारा उठाए गए पर्यावरण संरक्षण के कदम

  • स्वच्छ भारत मिशन: सफाई और कचरा प्रबंधन को बढ़ावा
  • नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP): 2024 तक वायु प्रदूषण 20-30% तक घटाने का लक्ष्य
  • नमामि गंगे योजना: गंगा नदी की सफाई
  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और अन्य कानूनी उपाय

पर्यावरणीय समस्या के समाधान हेतु सुझाव

  1. जनजागरूकता बढ़ाना
  2. नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन) का उपयोग
  3. सतत कृषि और हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाना
  4. शहरी नियोजन में पर्यावरणीय पहलुओं को शामिल करना
  5. स्कूलों और कॉलेजों में पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देना

स्कूलों और कॉलेजों द्वारा पर्यावरण दिवस पर कार्यक्रम

प्रमुख गतिविधियां

  1. वृक्षारोपण अभियान
  2. स्वच्छता अभियान
  3. रैली और निबंध प्रतियोगिताएं
  4. ईको-क्लब गतिविधियां
  5. वर्कशॉप और सेमिनार
  6. रीसाइक्लिंग प्रोजेक्ट्स
  7. जल संरक्षण अभियान

पर्यावरण संरक्षण में हम कैसे दे सकते हैं अपना योगदान

  • पुन: प्रयोज्य वस्तुओं का उपयोग करें
  • प्लास्टिक की थैलियों से बचें
  • स्थानीय अभियानों में भाग लें

निष्कर्ष

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 हमें यह याद दिलाता है कि प्लास्टिक प्रदूषण एक वैश्विक समस्या है, जिसका समाधान हमारे सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।
यह केवल हमारा कर्तव्य नहीं, बल्कि खुद के लिए स्वच्छ वातावरण तैयार करने की ज़िम्मेदारी है, ताकि हम और हमारी भावी पीढ़ियां स्वस्थ जीवन जी सकें।

आइए, हम सभी मिलकर एक स्वच्छ और सतत भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएं।
हर खुशी के अवसर को पेड़ लगाकर मनाएं।
खुद को पर्यावरण का मित्र बनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।


World No Tobacco Day 2025 : स्वस्थ भारत मिशन के तहत जागरूकता अभियान

आज हमारा देश नशे की चपेट में इस कदर फंसा हुआ है कि देश के हर कोने में इसका वास नजर आता है। हर दिन तंबाकू के सेवन से कई जिंदगियां तबाह हो रही हैं। इसी को मद्देनज़र रखते हुए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) मनाया जाता है।

आख़िर क्या असर होगा इस दिन को मनाने का?
क्या हम अपने भविष्य को तंबाकू मुक्त कर पाएंगे?

आइए जानते हैं World No Tobacco Day 2025 को मनाने के प्रभाव और उद्देश्य।


World No Tobacco Day 2025 : कैसे और कब शुरू हुआ WHO का जागरूकता अभियान

विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day) हर साल 31 मई को मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसके सेवन से रोकने के लिए प्रेरित करना है।

इतिहास:

  • शुरुआत: 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा।
  • पहली बार: 1988 में पहली बार 31 मई को “World No Tobacco Day” मनाया गया।

WHO ने इसे एक वैश्विक आंदोलन का रूप दिया ताकि सरकारें और समाज तंबाकू पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठा सकें।

मुख्य उद्देश्य:

  • तंबाकू से होने वाली बीमारियों और मौतों को रोकना।
  • युवाओं और बच्चों को तंबाकू की लत से बचाना।
  • सरकारों को तंबाकू नियंत्रण नीति बनाने के लिए प्रेरित करना।
  • हर साल इस दिन की एक विशिष्ट थीम होती है।

World No Tobacco Day 2025 Theme

“Bright Products. Dark Intentions. Unmasking the Appeal”

(चमकदार उत्पाद, काली मंशा: आकर्षण का पर्दाफाश)

इस वर्ष की थीम का उद्देश्य तंबाकू और निकोटीन उद्योगों द्वारा अपनाई गई भ्रामक रणनीतियों को उजागर करना है, जिनके ज़रिए वे विशेष रूप से युवाओं को लक्षित करते हैं।

उद्योग की मुख्य रणनीतियाँ:

  • रंगीन और आकर्षक पैकेजिंग
  • फ्लेवरयुक्त ई-सिगरेट, निकोटीन पाउच
  • सोशल मीडिया और ग्लैमरस मार्केटिंग
  • उत्पादों को कम हानिकारक दिखाने का प्रयास

WHO के सुझाव:

  • फ्लेवरयुक्त उत्पादों पर प्रतिबंध
  • सादा पैकेजिंग
  • विज्ञापन, प्रचार, और प्रायोजन पर रोक
  • तंबाकू उत्पादों पर अधिक कर
  • सार्वजनिक स्थानों को तंबाकू मुक्त बनाना

Tobacco Use in India : तंबाकू से प्रभावित वर्तमान भारत का रूप

1. स्वास्थ्य पर प्रभाव (Tobacco Health Risks):

  • हर साल 13 लाख से अधिक मौतें
  • कैंसर (lungs, गला, मुंह), हृदय रोग, अस्थमा आदि बीमारियाँ
  • गरीब वर्ग में अधिक प्रचलन, जिससे स्वास्थ्य असमानता

2. आर्थिक बोझ:

  • लगभग ₹1.8 लाख करोड़ हर साल इलाज पर खर्च
  • उत्पादकता में गिरावट और अर्थव्यवस्था पर असर

3. सामाजिक प्रभाव:

  • पारिवारिक आर्थिक स्थिति पर असर
  • युवा पीढ़ी का स्वास्थ्य, शिक्षा और करियर प्रभावित
  • ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता की कमी

4. पर्यावरणीय असर:

  • बीड़ी/सिगरेट के लिए लाखों पेड़ काटे जाते हैं
  • खेती में रसायनों का अत्यधिक उपयोग, जल और भूमि प्रदूषण

5. सरकारी प्रयास और कानून (Tobacco Laws India):

  • COTPA 2003 कानून
  • पैकेजिंग पर चेतावनी चित्र
  • सार्वजनिक धूम्रपान पर रोक
  • कर वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय अभियान में भागीदारी

तंबाकू मुक्त अभियान: कितनी प्रभावी हैं जागरूकता पहलें?

1. स्वास्थ्य सुरक्षा (Public Health Campaigns):

कैंसर और हृदय रोगों जैसे जोखिमों के बारे में जागरूकता।

2. युवाओं को लक्षित करना:

स्कूलों/कॉलेजों में Anti-Tobacco education के ज़रिए जागरूकता।

3. आर्थिक नुकसान से बचाव:

उपचार और तंबाकू पर खर्च से बचने का संदेश।

4. सामाजिक सोच में बदलाव:

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक समाज की दिशा में परिवर्तन।

5. नीति निर्माण में सहयोग:

सरकारों पर कठोर नीतियाँ लागू करने का दबाव।


Anti-Tobacco Campaigns का असर:

  • तंबाकू सेवन में कमी
  • स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना
  • सामाजिक समर्थन में वृद्धि
  • जननीतियों को समर्थन

भविष्य की Tobacco Awareness Programs की दिशा

1. डिजिटल माध्यमों का उपयोग:

  • सोशल मीडिया अभियान
  • हेल्थ ऐप्स और टूल्स
  • AR/VR के ज़रिए स्कूलों में जागरूकता

2. स्कूल-कॉलेज आधारित कार्यक्रम:

  • पाठ्यक्रम में शामिल करना
  • ‘Catch Them Young’ रणनीति

3. समुदाय आधारित पहल:

  • NGOs का प्रशिक्षण
  • ग्रामीण क्षेत्रों में सेमिनार और रैलियाँ

4. जनस्वास्थ्य नीतियाँ:

  • कठोर चेतावनी लेबल
  • सार्वजनिक धूम्रपान पर जुर्माना

5. विशेष समूहों के लिए योजनाएं:

  • मजदूर वर्ग के लिए मोबाइल क्लीनिक
  • स्वास्थ्य सेवाओं की विशेष पहुंच

निष्कर्ष

भारत में तंबाकू एक धीमा ज़हर बन चुका है जो व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को क्षति पहुँचा रहा है। इससे लड़ने के लिए शिक्षा, नीति और जन-जागरूकता का मजबूत मिश्रण आवश्यक है।

World No Tobacco Day 2025 जैसे अभियान तंबाकू मुक्त अभियान का उद्देश्य Tobacco free india सोच को पूरा करना , लोगों को तंबाकू के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक नुकसान के प्रति जागरूक करना है। इस अभियान के माध्यम से जनसंख्या को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है और एक स्वस्थ, स्वच्छ और उत्पादक समाज की नींव रखी जाती है। निष्कर्षतः यह अभियान न केवल व्यक्ति की भलाई सुनिश्चित करता है, बल्कि राष्ट्र की उन्नति में भी सहायक सिद्ध होता है।

ममता की मूरत मां: इस mother’s day आप क्या कर रहे हैं मां के लिए?

क्या अहम रिश्ता है मां का हमारी जिंदगी में?

हम क्यों मनाएं Mother’s Day?

हर रिश्ते की अहमियत है इस संसार में। लेकिन कुछ रिश्ते बहुत ही खास होते हैं। एक मां और बच्चे का रिश्ता दुनिया का सबसे अहम और अनमोल रिश्ता है। इस रिश्ते की तुलना किसी से भी नहीं। अगर तुलना है तो मां को रब का दर्जा दिया जाता है।

मां का नाम सुनते ही हर चेहरे पर रौनक और खुशी का आना लाजमी है। अभी Mother’s Day आ रहा है। हर इंसान सोचता है कि अपनी मां के लिए कुछ खास करें ताकि मेरी वजह से मां के चेहरे पर मुस्कान आ जाए।

वैसे तो हर कोई अपनी-अपनी तैयारी करता है कि मां के लिए यह करें, वो करें, ऐसे करें, वैसे करें और पता नहीं क्या-क्या।

आईए जानते हैं कुछ ऐसे Mother’s Day celebration ideas जो आप अपनाकर मां के साथ कुछ खास पल सहेज कर रख सकते हैं।


Mother’s Day को समर्पित: 11 May

दुनिया के हर कोने में मई के दूसरे रविवार को Mother’s Day मनाया जा रहा है।

क्या सिर्फ एक दिन ही है समर्पित हमारी मां के लिए?

नहीं, एक दिन में हम मां का ख्याल रखकर या उसे खुश करके Mother’s Day नहीं मना सकते। यह सिर्फ साल का एक ऐसा दिन है, जिस दिन मां के प्रति यह जताया जाए कि वह कोई आम इंसान नहीं बल्कि भगवान का भेजा हुआ कोई फरिश्ता है।

हर दिन हम मां के साए में खुश रह सकें, यही कामना की जाती है इस दिन।


ऐतिहासिक परिणाम: आखिर मई के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाएं Mother’s Day?

सबसे पहले Mother’s Day को मनाने की शुरुआत ऐना जार्विस ने 1908 में की। तत्पश्चात राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने 1914 में इसे आधिकारिक रूप से घोषित कर दिया।

  1. ऐना जार्विस की मां के सम्मान में:
    मई का दूसरा रविवार ऐना जार्विस की मां की पुण्यतिथि के आसपास पड़ता था और उसी दिन उन्होंने अपनी मां के लिए सबसे पहले स्मारक सेवा आयोजित की थी।

  2. राष्ट्रपति वुडरो विल्सन की घोषणा:
    सन 1914 में राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को Mother’s Day के लिए चुना और इसे आधिकारिक रूप से घोषित कर दिया।


मां है दुनिया में सबसे खास

मां हमारे जीवन में भगवान का दिया हुआ वह नायाब तोहफा है जिसकी कोई कीमत नहीं है। मां वह फरिश्ता है जिसने हमें खुश करने के लिए पता नहीं क्या-क्या किया है।

“माँ हमारे लिए है सबसे ख़ास” — (Mother’s Day poem in Hindi)

माँ हमारे लिए है सबसे ख़ास

क्योंकि वही हमें बिना किसी स्वार्थ के प्यार करती है।
हमारी पहली गुरु, पहली दोस्त और पहली दुनिया होती है।
उसकी ममता, दुआएं और त्याग को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।

माँ हमारे लिए है सबसे ख़ास
उसके बिना अधूरी है हर बात, हर एहसास।
नींद में भी जो रखे ध्यान हमारा,
हमसे औलाद का छुपा है जिसे सारा।

हर दुख को चुपचाप सह जाती है,
हमारे चेहरे का मुस्कान बन जाती है।
माँ न थके कभी और न करती कभी कोई शिकायत,
उसका प्यार बरसता है हर पल हर ओर।

जो ना कहे कभी भी “मैं थक गई”,
फिर भी हर सुबह में नई ताक़त से उठती रही।
माँ वो इंसान है, जो जन्मों से सहे है,
माँ रख लेता है तोहफ़ा, जो हर ख़ुशी से भरे हैं।


मां के लिए विशेष उपहार:

Mother’s Day पर मां को कुछ विशेष Emotional gifts for mom देने और मां को खुश करने की खास योजनाएं:

इस Mother’s Day पर मां के लिए इस दिन को इस तरह से बनाएं खास,
कि देखने वाला हर कोई पूछे आपके लिए मां क्यों है इतनी खास।


Mother’s Day पर मां को खुश करने की योजनाएं:

  1. सुबह-सुबह सरप्राइज ब्रेकफास्ट (Homemade surprises for Mother’s Day)

    • मां के पसंद का नाश्ता बनाएं और उन्हें आराम से बैठकर खाने का मौका दें।

    • ट्रे पर फूल, एक छोटा सा नोट और उनकी पसंदीदा चीज जरूर रखें।

  2. स्पेशल स्पा या आरामदायक दिन बनाएं

    • घर पर ही एक छोटा सा “होम स्पा” तैयार करें – फेस पैक, तेल मालिश, आरामदायक संगीत और हर्बल चाय।

    • या किसी अच्छे स्पा में अपॉइंटमेंट लेकर मां को विश्राम का अनुभव दें।

  3. मां के लिए एक वीडियो या स्लाइड शो बनाएं

    • इसमें बचपन की तस्वीरें, पुरानी यादें और परिवार के सदस्यों के संदेश जोड़ें।

    • इसे टीवी या लैपटॉप पर दिखाकर सरप्राइज दें।

  4. पारिवारिक लंच या डिनर प्लान करें

    • मां को किसी पसंदीदा रेस्टोरेंट में ले जाएं या घर पर ही सभी का मिलकर बनाया गया खाना परोसें।

  5. एक दिन के लिए सभी काम से छुट्टी दें

    • मां को कहें कि आज वो सिर्फ आराम करें – सफाई, खाना, बर्तन सब आप और परिवार के सदस्य मिलकर करें।

  6. किसी पसंदीदा स्थान पर घूमने जाएं

    • अगर मां को घूमना पसंद है तो किसी ठंडे इलाके जैसे शिमला, मनाली आदि जगह पर मां को घुमाने ले जाएं।

  7. पिकनिक की योजना बनाएं

    • मां को किसी सुंदर जगह पर कुछ नई चीज़ों का आनंद लेने के लिए ले जाएं।

    • मां की पसंदीदा चीज़ें जैसे सैंडविच, कुकीज़ और सॉफ्ट ड्रिंक एक टोकरी में पैक करें।


मां के लिए चुनें इनमें से कुछ खास उपहार:

  1. हैंडमेड गिफ्ट

    • Mother’s Day पर मां के लिए कार्ड, स्क्रैपबुक, जर्नल या कोई आर्ट जो आपने खुद बनाया हो।

  2. पर्सनलाइज्ड गिफ्ट

    • मां के लिए फोटो फ्रेम, कुशन या मग जिसमें “Best Mother” लिखा हो या मां की तस्वीर हो।

  3. पसंदीदा किताब या धार्मिक ग्रंथ

    • अगर मां को पढ़ना पसंद है, तो उनकी पसंद की नई किताब या धार्मिक पुस्तक उपहार में दें।

  4. प्लांट्स या गार्डनिंग किट

    • अगर मां को बागवानी पसंद है, तो एक सुंदर इनडोर प्लांट या गार्डनिंग टूल्स दें।

  5. सोने या चांदी का छोटा आभूषण

    • मां को गहने पहनने का शौक है तो एक प्यारा सा लॉकेट, अंगूठी या ब्रेसलेट गिफ्ट करें।


मां को दिए उपहार में भावनात्मक स्पर्श:

  • एक खत लिखें, जिसमें आप अपने दिल की बात कहें कि मां ने आपके जीवन में क्या भूमिका निभाई है।

  • उनके साथ समय बिताएं – यह सबसे बड़ा तोहफा होता है।


अंत में:

इस खास दिन पर, हम हर जगह माताओं की अविश्वसनीय शक्ति, प्रेम और बलिदान का सम्मान और जश्न मनाते हैं।

चाहे जन्म से, पसंद से, या भूमिका से, माताएँ हमारे जीवन को अनगिनत तरीकों से आकार देती हैं – अटूट समर्थन, असीम करुणा और शांत लचीलेपन के साथ।

आइए हम इस पल का उपयोग न केवल “धन्यवाद” कहने के लिए करें, बल्कि प्यार, सम्मान और कृतज्ञता के माध्यम से अपनी प्रशंसा भी दिखाएं।

दुनिया को अपने दिल से पोषित करने वाली सभी अद्भुत महिलाओं को Best Mother’s Day 2025 की शुभकामनाएं। 💐