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Father’s Day का इतिहास और इसे क्यों मनाएं खास

पिता का महत्व

पिता एक ऐसा शब्द है, जो हर इंसान की जिंदगी से जुड़ा है। पिता के बिना जीवन अधूरा है। जन्म से लेकर जब तक बच्चा खुद पर निर्भर नहीं हो जाता, एक पिता अपने बच्चों का साथ निभाता है। लेकिन एक समय ऐसा भी आता है जब बच्चे बेशक बाप का साथ नहीं चाहते, पर पिता फिर भी अंत तक साथ निभाता है। पिता के बिना जीवन की कल्पना अधूरी होती है।

Father’s Day की शुरुआत

फादर्स डे की शुरुआत 20वीं सदी में हुई थी। पहली बार फादर्स डे 19 जून 1910 को वाशिंगटन के स्पोकेन में मनाया गया था। इस दिन को सोनौरा स्मार्ट डोड ने अपने पिता विलियम जैक्सन स्मार्ट को सम्मानित करने के लिए चुना था। विलियम जैक्सन स्मार्ट एक गृहयुद्ध के अनुभवी थे और 6 बच्चों का अकेले पालन-पोषण करते थे। सोनौरा ने अपने पिता के समर्पण और त्याग को मान्यता दिलाने के लिए यह दिन चुना।

1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने पिता को सम्मानित करने के उद्देश्य का समर्थन किया। इसके बाद 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने फादर्स डे को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी। तभी से हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है।

Father’s Day का महत्व

फादर्स डे हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। यह दिन पिता के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। पिता की अहमियत हर रिश्ते से ऊपर है, पिता के बराबर कोई नहीं। एक पिता अपने बच्चों के लिए जो कुछ करता है, वह अनमोल होता है। पिता अपने परिवार के प्रति सभी फर्ज बखूबी निभाते हैं, समाज में अपने बच्चों को हर अधिकार दिलाते हैं, और बच्चों को अच्छे संस्कार देकर एक अच्छे इंसान बनाते हैं।

Father’s Day को कैसे मनाएं

फादर्स डे का हर इंसान बेसब्री से इंतजार करता है। वैसे तो हर दिन ही पिता के सम्मान में मनाना चाहिए, लेकिन

Father’s Day विशेष होता है। इस दिन अपने पिता को खुश रखने के लिए कुछ खास करें:

  1. मनपसंद जगह पर घूमने जाएं: अपने पिता की मनपसंद जगह पर घूमने जाएं और वहां का मनपसंद खाना खाएं।
  2. मोहल्ले में पार्टी का आयोजन करें: पिताओं के सम्मान में इकट्ठे होकर पार्टी का आयोजन करें।
  3. उपहार दें: पिता की मनपसंद चीजें खरीदकर उन्हें उपहार में दें।
  4. ग्रीटिंग कार्ड: पिता के लिए ग्रीटिंग कार्ड बनाकर अपनी दिल की बात साझा करें।

इस तरह से आप इस फादर्स डे को बहुत ही खास बना सकते हैं। पिता के लिए जितना भी करें, हमेशा कम ही होगा। क्योंकि पिता जो अपने बच्चों के लिए करता है, उसका कोई मूल्य नहीं होता।

पिता के महत्व को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। फादर्स डे पिता के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने का दिन है। यह दिन खास बनाने के लिए अपने पिता के साथ समय बिताएं, उन्हें खुश रखें और उनके प्रति अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त करें। हर दिन पिता का सम्मान करें और उन्हें यह महसूस कराएं कि वे आपके जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं।

World Blood Donor Day 2024: Why is World Blood Donor Day Celebrated and What is its History and Importance?

क्यों मनाया जाता है विश्व रक्तदाता दिवस और क्या है इसका इतिहास और महत्व?

हमारी जिंदगी अनमोल है, हम किसी भी तरीके से अपने जीवन को नहीं खरीद सकते। लेकिन अगर कोई इंसान रक्त के अभाव में जिंदगी और मौत से लड़ रहा हो, तो हम रक्तदान कर उस इंसान की जिंदगी बचा सकते हैं। आज के समय में बहुत से लोग रक्त के अभाव में जिंदगी गवां कर चले जाते हैं। रक्तदान करना कोई शर्म की बात नहीं है और ना ही इससे इंसान को कोई शारीरिक नुकसान होता है। बल्कि रक्तदान करने से इंसान का नया रक्त बनता है और रक्तदान करने से कई छोटी-मोटी बीमारियां दूर हो जाती हैं।

इसीलिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके महत्व और इसके उद्देश्य के बारे में जानकारी हो सके। आइए जानते हैं विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को ही क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है।

History of World Blood Donor Day

(विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास)

विश्व रक्तदाता दिवस की शुरुआत सन् 2005 में 58वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में हुई। विश्व रक्तदाता दिवस हर साल 14 जून को मनाया जाता है। यह दिन कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने A B O ब्लड ग्रुप की खोज कर स्वास्थ्य विज्ञान में अपना महान योगदान दिया, जिसके कारण उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। तब से हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।

Theme of World Blood Donor Day 2024

(विश्व रक्तदाता दिवस 2024 का विषय)

लोगों में रक्त की महत्वता को बताने के लिए विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। हर साल यह दिन एक विषय पर आधारित होता है। इस साल विश्व रक्तदाता दिवस का विषय है – “रक्तदान के 20 वर्ष पूरे होने पर रक्तदाताओं का धन्यवाद!”

इस साल यह 20वां रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने के लिए और इस दान का महत्व समझाने के लिए विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।

Purpose and Importance of Celebrating World Blood Donor Day

(विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का उद्देश्य और महत्व)

इंसान होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम मानव हित में अपना योगदान दें। विश्व रक्तदाता दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को रक्तदान कर जिंदगी बचाने के लिए प्रेरित करना है। केवल रक्त के अभाव में ही बहुत सी जानें नहीं जातीं, बल्कि बहुत सी बीमारियों के कारण जब शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, तब भी इंसान जीवन से हाथ धो बैठता है। इसलिए लोगों को जागरूक कर रक्तदान का महत्व बताना ही रक्तदाता दिवस का उद्देश्य है।

रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी या बीमारी पैदा नहीं होती, बल्कि रक्तदान से नया रक्त 24 से 48 घंटे में बन जाता है। रक्तदान करना महत्वपूर्ण है क्योंकि जीवन किसी भी कीमत पर खरीदा या बनाया नहीं जा सकता। अगर हमारे द्वारा किए गए रक्तदान से किसी की जिंदगी बच जाए, इससे बढ़कर कोई महान कार्य नहीं।

इसलिए रक्तदान करना महत्वपूर्ण है और बहुत से लोग इस महान कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं और नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। बहुत सी कल्याणकारी संस्थाएं भी हैं जो रक्तदान शिविर लगा कर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि जरूरतमंद या बीमारी से पीड़ित रक्त की जरूरत वाले मरीजों का इलाज हो सके।

Why Should We Donate Blood?

(हमें रक्तदान क्यों करना चाहिए?)

हर इंसान कोई भी कार्य करने से पहले उसके फायदे के बारे में सोचता है। ऐसे ही बहुत से लोग सोचते हैं कि हम रक्तदान क्यों करें, हमें इससे क्या फायदा होगा। रक्तदान करने से किसी की जान तो बचेगी ही, साथ में रक्तदान करने वाले इंसान को भी इसका फायदा होता है।

आइए जानते हैं रक्तदान करने के फायदे:

  • दिल की बीमारी के खतरे में कमी: रक्तदान करने से रक्तदाता को दिल की बीमारी होने की संभावना 33% कम हो जाती है और दिल का दौरा पड़ने की संभावना 88% कम हो जाती है।
  • रक्तचाप में कमी: रक्तदान करने से रक्तचाप में कमी आ जाती है।
  • नया रक्त निर्माण: रक्तदान करने से नया रक्त बनता है, जिससे रक्त से संबंधित छोटी-मोटी बीमारी खत्म हो जाती है।
  • नकारात्मक सोच में कमी: रक्तदान करने से इंसान की नकारात्मक सोच कम हो जाती है।
  • तनाव में कमी: रक्तदान करने से इंसान का तनाव कम हो जाता है।

अतः रक्तदान करने से हमें बहुत से शारीरिक और मानसिक फायदे होते हैं। इसलिए नियमित रक्तदान जरूर करें। आइए हम इस कार्य में हिस्सा लेकर किसी की जिंदगी बचाने में अपना योगदान दें। हमारे द्वारा किया हुआ एक यूनिट रक्त 3 से 4 लोगों की जिंदगी बचाने में काम आता है। तो आइए किसी की जिंदगी बचाएं और रक्तदान कर मानवता का फर्ज निभाएं।

World Day Against Child Labor 2024

बढ़ती जनसंख्या के कारण गरीबी में वृद्धि हो रही है, जिससे बाल मजदूरी बढ़ रही है। छोटे-छोटे बच्चे इसका शिकार बन रहे हैं। जिस उम्र में बच्चों को खिलौनों से खेलना चाहिए, उस उम्र में उन्हें मजदूरी करनी पड़ती है, जिसके कारण उनके विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

World Day Against Child Labor: When and Why is it Celebrated?

(World Day Against Child Labour कब और क्यों मनाया जाता है)

आज बाल मजदूरी एक गंभीर समस्या का रूप ले चुकी है, इसे रोकना अत्यंत आवश्यक है। बाल श्रम के गंभीर मुद्दों पर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 12 जून को विश्व स्तर पर विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। हमारे देश के हजारों बच्चे अपने परिवार की परिस्थितियों को सुधारने के लिए कारखानों, फैक्ट्रियों, खेतों आदि में मजदूरी करने को मजबूर होते हैं। इसके कारण उनका मानसिक और शारीरिक विकास रुक जाता है। इसलिए बाल श्रम को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा बाल श्रम निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की गई।

History and Objective of World Day Against Child Labor

(World Day Against Child Labour Day का इतिहास और इसका उद्देश्य)

World Day Against Child Labour Day की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा सन् 2002 में की गई। तब से हर साल 12 जून को इस दिन को पूरे विश्व स्तर पर मनाया जाता है। बाल श्रम निषेध के विरोध में, संगठन और व्यक्तिगत तौर पर मिलकर, लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस दिन को मनाया जाता है। बाल मजदूरी में फंसने के कारण बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास रुक जाता है। वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के कारण बाल मजदूरी जैसी गंभीर समस्या का शिकार बन जाते हैं। बच्चों को इस गंभीर समस्या से निजात दिलाने के लिए, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन मिलकर, लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस दिन को मानते हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन बाल मजदूरी को रोकने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों में जागरूकता फैलाता है।

Theme of World Day Against Child Labour Day 2024

(World Day Against Child Labour Day 2024 का विषय)

हर साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस एक विशेष विषय पर आधारित होता है। इस बार बाल श्रम निषेध दिवस का मुख्य विषय है: “अपनी प्रतिबद्धताओं पर कार्य करें: बाल श्रम समाप्त करें!” अर्थात हमें मिलकर बाल श्रम जैसी समस्या से बच्चों को मुक्त करना है और इसके लिए आगे आकर बढ़-चढ़कर अपना योगदान देना है।

Main Causes of Child Labour

(बाल श्रम के मुख्य कारण)

विश्व में बढ़ती गरीबी और शिक्षा की कमी के कारण बाल श्रम जन्म लेता है। इसके कारण छोटे-छोटे बच्चों को पारिवारिक परिस्थितियों को सुधारने के लिए छोटी उम्र में कारखानों, फैक्ट्री आदि में काम करना पड़ता है। जब तक देश में गरीबी और अशिक्षा रहेगी, तब तक बाल श्रम का अंत होना असंभव है। आईए मिलकर बाल श्रम जैसी समस्या को खत्म करने में अपना योगदान दें और देश से इस समस्या को हमेशा के लिए समाप्त करें ताकि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास हो सके।

What Can We Contribute to Stop Child Labour

(बाल श्रम को रोकने में हम अपना क्या योगदान दे सकते हैं)

बाल श्रम एक ऐसी समस्या है, जिस पर समय रहते रोक लगाना बहुत जरूरी है। अगर समय रहते इसे नहीं रोका गया तो यह एक गंभीर रूप धारण कर सकती है, जो देश के भविष्य के लिए खतरा है। सबसे पहले जरूरी है कि संगठन गरीबी उन्मूलन अभियान चलाकर देश से गरीबी को किसी हद तक कम करें। दूसरा सबसे जरूरी है आज के समय में शिक्षित होना। अगर इंसान शिक्षित होगा तो वह रोजगार का कोई तरीका खोजकर भुखमरी और गरीबी से निकल सकता है। तो आइए हम खुद भी और दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें और बाल श्रम को रोकने में मदद करें।

World Bicycle Day 2024: रोजाना कुछ समय की साइकिलिंग से मिलेंगे अनेकों फायदे, आज ही शुरू करें साइकिलिंग

आज के समय में हर इंसान चाहता है कि वह स्वस्थ रहे और स्वस्थ वातावरण में निवास करें। एक समय था जब लोग हर तरह का सफर पैदल या फिर साइकिल पर सवार होकर तय किया करते थे, जिससे वातावरण स्वच्छ रहता था और इंसान स्वस्थ रहता था। लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने के लिए और साइकिल की अहमियत समझाने के लिए विश्व बाइसाइकिल दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाता है।

विश्व बाइसाइकिल दिवस का इतिहास (History Of World Bicycle Day)

साइकिल वह साधन है जिसे हर इंसान गिरते-पड़ते चलाना सीख ही जाता है। एक समय था जब साइकिल का ही दौर था, लेकिन यह दौर 1960 से 1990 तक ही कायम रहा। यह वो समय था जब साइकिल परिवार का मुख्य साधन होती थी। समय के बदलते दौर के साथ साइकिल की जगह मोटरसाइकिल और कार ने ले ली है। जब से इंसान साइकिल से दूर हुआ, तभी से उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसलिए लोगों को साइकिल की महत्वता बताने के लिए और इससे होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे बताने के लिए हर साल बाइसाइकिल दिवस मनाया जाने लगा।

आईए जानते हैं विश्व बाइसिकल दिवस मनाने का महत्व, यह कब मनाया जाता है और इससे होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे।

World Bicycle Day कब और क्यों मनाया जाता है

पूरे विश्व स्तर पर विश्व बाइसिकल दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाता है। यह दिन बाइसाइकिल के महत्व को जागरूक करने, पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। बाइसाइकिल का उपयोग फिजिकल एक्टिविटी के रूप में, पर्यावरण के लिए साथी के रूप में और यात्रा के लिए किया जाता है। इस दिन कई देशों में बाइसिकल यात्राओं, जागरूकता कार्यक्रमों और बाइसिकल से होने वाले फायदों से संबंधित आयोजनों का आयोजन होता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को बाइसाइकिल से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे के महत्व को समझाना और बाइसाइकिल के उपयोग को बढ़ाना है।

विश्व बाइसाइकिल दिवस की शुरुआत कब और क्यों हुई

जब लगा की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, तब लोगों में बाइसाइकिल से होने वाले फायदे बताने के उद्देश्य से विश्व बाइसाइकिल दिवस मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने की शुरुआत सन् 2018 में हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अप्रैल 2018 में विश्व बाइसिकल दिवस मनाने का फैसला लिया गया। तब से हर साल 3 जून को विश्व स्तर पर विश्व बाइसाइकिल दिवस (World Bicycle Day) मनाया जाता है।

ऐसे मनाया जाएगा वर्ल्ड साइकिल डे (World Bicycle Day Celebration)

देश, धर्म व लिंग के भेदभाव से कोसों दूर पूरी दुनिया में विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है और इस दिन लोग साइकिल चलाने का मजा लेते हैं। आज के समय में साइकिल केवल यातायात का साधन नहीं रह गया है, बल्कि यह मानव जीवन में एक जरूरी एक्सरसाइज इक्विपमेंट का प्रतीक बन चुका है। इस दिन दुनिया भर में कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इसमें साइकिल ट्रिप्स का आयोजन करना प्रमुख माना जाता है।

साइकिल चलाने के फायदे (Benefits Of Cycling)

साइकिल चलाने से हमारे वातावरण व इंसान दोनों को ही फायदा होता है। एक तरफ जहां साइकिल चलाने से प्रदूषण में कमी आती है, वहीं दूसरी तरफ इंसान की फिजिकल और मेंटल हेल्थ (Physical and Mental Health) भी बेहतर होती है। रोज़ाना आधा घंटा साइकिल चलाने से बॉडी की फिटनेस बढ़ती है और एक्स्ट्रा फैट से छुटकारा मिल जाता है। साइकिल सबसे सस्ता और पुरातन यात्रा का वह साधन है जिसके हमें बहुत से फायदे हैं।

  • बाइसाइकिल से पेट्रोल की बचत होती है, जो पर्यावरण संरक्षण में बहुत लाभकारी है।
  • साइकिल चलाने से पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है। इंसान का पाचन तंत्र सही रहता है।
  • इसके अलावा साइकिल चलाने से घुटनों के दर्द आदि जैसी समस्याओं का इंसान को सामना नहीं करना पड़ता।
  • साइकिल एक ऐसा साधन है जिससे इंसान के पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है।

Conclusion

आज की व्यस्त भरी जीवन शैली में बाइसाइकिल से नाता जोड़ कर रखें। जब भी आपको समय मिले, आप एक्सरसाइज के रूप में बाइसाइकिल जरूर इस्तेमाल करें ताकि आपको भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना ना करना पड़े।

Global Day Of Parents 2024: बच्चों के जीवन में जो स्थान उनके माता-पिता होता है, उसे कोई दूसरा व्यक्ति चाहते हुए भी नहीं ले सकता।

अभिभावकों यानी माता-पिता के प्रेम, त्याग, समर्पण व करुणा को समर्पित है वैश्विक माता-पिता दिवस यानी Global Day Of Parents। प्रत्येक वर्ष 1 जून के दिन ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स के रूप में मनाया जाता है।

Importance

ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स के महत्वपूर्ण होने के कई कारण हैं। सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण, यह दिन माता-पिता के महत्व और अपने बच्चों के विकास को प्रभावित करने में माता-पिता की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, यह दिन अपने बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की भागीदारी और उनके विकास के लिए एक सुरक्षित और पोषण करने वाले माहौल के रखरखाव को बढ़ावा देता है। तीसरा, ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स माता-पिता की महत्वपूर्ण सामाजिक भूमिका का सम्मान और स्मरण करने और उनकी उपलब्धियों को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है।

History

आर्थिक और सामाजिक परिषद तथा सामाजिक विकास आयोग ने 1983 में महासचिव को परिवार से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद वैश्विक माता-पिता दिवस की शुरुआत हुई। 1994 में अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष की स्थापना की गई और 1980 के दशक में संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारिवारिक मुद्दों पर जोर दिए जाने के परिणामस्वरूप प्रत्येक वर्ष 15 मई के दिन को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने 1 जून, 2012 को वैश्विक अभिभावक दिवस के रूप में घोषित किया। इसका पहला स्मरणोत्सव 2013 में हुआ, जो माता-पिता की भूमिका की वैश्विक मान्यता में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

Objective of Global Day of Parents

  • इस दिन को मनाने का उद्देश्य बच्चों के जीवन में माता-पिता के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकारना है।
  • बच्चों के जीवन में माता-पिता की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाना है।
  • माता-पिता के सुख को बढ़ावा देना है।

Theme of Global Day of Parents 2024

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स के लिए एक विशेष थीम चुनी जाती है। इस बार की थीम है- ‘The Promise of Playful Parenting’ जोकि बच्चों व माता-पिता के बीच स्वस्थ रिश्ते को मज़बूत करने पर आधारित है।

How to celebrate Global Day Of Parents

  • इस Global Day Of Parents पर सभी बच्चे अपने माता-पिता के लिए समय अवश्य निकालें व उनके साथ बैठकर स्वस्थ बातचीत करें।
  • बच्चे माता-पिता के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह करें।
  • माता-पिता के साथ काम में हाथ बटाएँ।
  • बच्चे अपने माता-पिता को आज के दिन उपहार दिलाए।

इस तरह ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स पर माता-पिता के साथ रिश्तों को करें बेहतर

बच्चों के जीवन में माता-पिता एक अहम हिस्सा होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं। अपनी जिंदगी में लीन हो जाते हैं। ऐसे में आमतौर पर बच्चों और माता-पिता (Parents) के बीच दूरियां आने लगती हैं। एक समय वो भी आता है जब बच्चे समझ नहीं पाते कि कब पैरेंट्स के साथ रिश्ते में दिक्कतें आईं और कैसे इन दिक्कतों को दूर किया जाए। इस ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स पर जानिए किस तरह बच्चे अपने माता-पिता के साथ रिलेशनशिप को सुधार सकते हैं।

माता-पिता की सुने

पैरेंट्स के पास अपने भी ढेरों किस्से और बातें होती हैं जो वे अपने बच्चों से कहना चाहते हैं, उन्हें बताना चाहते हैं। लेकिन बहुत से बच्चे आज के समय में अपनी व्यस्त जीवनशैली के चलते माता-पिता की बात को सुनना तो दूर उनसे कुछ पल बैठकर बात करना भी पसंद नहीं करते। ऐसे में बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि वे थोड़ा समय अपने माता-पिता के लिए भी निकालें और उनसे बैठकर स्वस्थ बातचीत करें और उनकी बात सुनें।

अपने अहम को पीछे रखें

बढ़ती उम्र के बच्चों को दुनिया की बात चाहे कैसी लगे लेकिन अपने पैरेंट्स की कही बातें बुरी लगना शुरू हो जाती हैं। कई बार बच्चे अपने माता-पिता पर चिल्ला भी देते हैं और यह भी कह देते हैं कि आपने हमारे लिए किया ही क्या है। इसीलिए अपने अहम या अंहकार को पीछे रखें व पैरेंट्स ने आपके लिए जीवन में जो कुछ किया है, उसे भुलाएं ना।

पैरेंट्स के नज़रिए को समझें

अगर आप अपने माता-पिता की बात से सहमत नहीं होते हैं, तो भी उनके नज़रिए को समझना बहुत जरूरी होता है। पैरेंट्स की सलाह सुनना, उनके विचारों को सुनना और उनके अनुभव से सीखना बहुत जरूरी है। क्योंकि आज के समय में माता-पिता की बात को नकार देना या उनके नज़रिए को ना समझना रिश्तों में दरार पैदा करता है।

अपनी इच्छाओं को कम रखें

कई बार बच्चे माता-पिता को आम इंसान की तरह नहीं सिर्फ अपने पैरेंट्स की तरह देखते हैं और उनसे बहुत सी चीजों की इच्छा रखते हैं। बच्चों को यह लगता है कि माता-पिता को हमेशा बच्चों को ही देते रहना चाहिए, चाहे वह समय हो, पैसे हों या फिर अपने हिस्से की खुशियां हो। बच्चों को समझना चाहिए कि माता-पिता की अपनी भी एक ज़िंदगी है।

माता-पिता के प्रति प्यार जताना है जरूरी

सभी बच्चे अपने माता-पिता से और माता-पिता बच्चों से प्यार करते हैं। लेकिन जैसे ही बच्चे बड़े होते है, अपने माता-पिता से प्यार जताने में झिझकने लगते हैं। माता-पिता को अपना कुछ समय देकर, उनकी फिक्र करके उन्हें अपना प्यार जताया जा सकता है।

Conclusion

बच्चे के लिए उसके माता-पिता उसके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं। जो अपने बच्चे का पालन-पोषण अच्छे से अच्छे तरीक़े से करते है, बच्चों की देखभाल करते है, कोई मुसीबत आने से पहले ही सुरक्षा कवच बनकर अपने बच्चे की रक्षा करते है। ग्लोबल डे ऑफ पेरेंटस हमें अपने माता-पिता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके बलिदानों को याद करने का अवसर प्रदान करता है

Ranjeet Murder Case Special Report: डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को मिली बड़ी राहत, पूर्व मैनेजर रंजीत हत्याकांड में हाईकोर्ट ने किया बरी

Haryana News

आपकी जानकारी के लिए बता दें, आज मंगलवार का दिन बाबा राम रहीम व उनके अनुयायियों के लिए राहत भरा साबित हुआ। आज के दिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने सीबीआई कोर्ट (CBI Court) के फैसले को रद्द कर दिया है। इस मामले में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम सहित 5 दोषियों को बरी कर दिया गया है। आपको बता दें, वर्ष 2002 में यह हत्याकांड मामला शुरू हुआ था और बाद में इस मामले को CBI को सौंपा दिया गया था।

जानिए आख़िर क्या था पूरा मामला?

यह घटना 10 जुलाई 2002 को हुई थी। डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रह चुके कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट होकर रणजीत के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। उसके बाद मामला सीबीआई (CBI) को सौंपा गया था और अक्तूबर 2021 में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।

लगभग 22 साल पुराना मामला

इस हत्याकांड मामले में साल 2007 में कोर्ट के द्वारा आरोपियों पर आरोप तय किए गए थे। शुरूआत में इस मामले में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम का नाम शामिल नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख राम रहीम को आरोपियों में शामिल किया गया।

डेरा चीफ़ बाबा राम रहीम को CBI Court ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को इस हत्याकांड में पंचकूला में स्पेशल सीबीआई अदालत ने 2021 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम के अलावा चार लोगों को भी कोर्ट ने उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी। उन्हें ये सजा 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां में हुई रंजीत सिंह की गोली मारकर हत्या के मामले में सुनाई गई थी। वहीं डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके तहत आज मंगलवार (28 मई 2024) को हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने उन्हें बरी कर दिया।

डेरा चीफ बाबा राम रहीम के वकील ने फैसले का किया स्वागत

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई कोर्ट के निर्णय को रद्द कर दिया। बाबा राम रहीम के वकील जतिंदर खुराना ने मीडिया से कहा, “…माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने CBI अदालत के आदेश को बदल दिया है और इसमें शामिल Baba Ram Rahim समेत पांच लोगों को बरी कर दिया है। वकील ने कहा, ‘हम इस फैसले का स्वागत करते हैं…।'”

सच की हुई जीत, रंजीत मर्डर केस में गुरमीत राम रहीम के खिलाफ केस खारिज

रंजीत सिंह मर्डर केस में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम के खिलाफ पंचकुला की सीबीआई अदालत द्वारा चलाए गए केस को खारिज कर दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने 4 अन्य व्यक्तियों को भी बरी कर दिया है।

When and why we celebrate World Earth Day 2024

पृथ्वी जिस पर हम रहते ही नहीं बल्कि हमारे जीवन का आधार कहें, तो गलत नहीं होगा।
रहने के लिए आवास, पीने के लिए पानी, जीने के लिए अनुकूल वातावरण, खाने के लिए अन्न आदि सब कुछ हमें इस धरा से ही प्राप्त होता है। फिर हमारा भी फर्ज बनता है की हम अपनी पृथ्वी को साफ और स्वच्छ बनाए रखने में अपना योगदान दें।

World Earth Day मनाने का कारण –

आज हमारा पर्यावरण बहुत प्रदूषित हो रहा है। जो कि एक चिंता का विषय है। इसलिए पृथ्वी पर शांति बनाए रखने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जा सके और पृथ्वी के वातावरण को शुद्ध रखा जा सके।

World Earth Day history –
हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
ऐसा क्या कारण है, कि विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है?
कहा जाता है कि सन् 1960 में, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही थी। विश्वविद्यालयों में छात्र प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के बहुत दोहन के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। पहली बार “22 अप्रैल 1970” को, 20 मिलियन से अधिक लोगों ने 150 देशों में अमेरिका में पहला पृथ्वी दिवस मनाया।

विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का विचार सबसे पहले सन् 1969 में यूनेस्को सम्मेलन में जॉन मैककोनेल द्वारा सोचा गया था।
इस दिन को मनाने की अवधारणा थी
“पृथ्वी का सम्मान करना” और “पृथ्वी पर शांति बनाए रखना”।

1990 में हेन्स द्वारा वैश्विक पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में 140 देशों के 20 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया था। वर्तमान समय में, पृथ्वी दिवस नेटवर्क (ईडीएन) 190 देशों में 20,000 साझेदारों और संगठनों में फैला हुआ है।
22 अप्रैल की तारीख विश्व पृथ्वी दिवस के लिए आंशिक तौर पर इसलिए चुनी गई, क्योंकि यह कॉलेजों की स्प्रिंग ब्रेक और अंतिम परीक्षाओं के बीच पड़ती थी। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की ओर आकर्षित करना था ।

World Earth Day 2024 थीम –
विश्व पृथ्वी दिवस 2024 की थीम है –

इस साल विश्व पृथ्वी दिवस मनाए जाने की थीम है “Planet vs. Plastics ” अर्थात ” ग्रह बनाम प्लास्टिक”। इस थीम का उद्देश्य है पृथ्वी पर बढ़ रहे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना। प्लास्टिक का one Time इस्तेमाल करें या इसे रिसाइकिल में इस्तेमाल करें। प्लास्टिक का केवल पृथ्वी को ही नुकसान नहीं है बल्कि कचरे में फैंकी गई प्लास्टिक पशुओं आदि जानवरों के लिए मौत का कारण बनती है। इसलिए जरूरी है हम मिलकर इस पृथ्वी दिवस पर प्लास्टिक प्रदूषण को जड़ से खत्म करने का प्रण करें और अपनी धरा को साफ और स्वच्छ बनाए।

पृथ्वी को साफ , स्वच्छ और प्रदूषण रहित बनाएं रखने के लिए अपना योगदान निम्न तरह से करें —

⁃ ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।

⁃ प्लास्टिक की जगह कपड़े और कागज के बैग इस्तेमाल करें।

⁃ जगह जगह पर कूड़ा कचरा ना फलाएं।

⁃ प्लास्टिक का इस्तेमाल वन टाइम या रिसाइकिल से करें, आदि।

जब पृथ्वी हमारे जीवन की सभी जरूरतों को पूरा करने में लगी हुई है, तो हमारा भी फर्ज है कि हम इसकी संभाल करें।

Yaad -E – Murshid Free Polio Camp

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आने वाली 18 तारीख़ को हरियाणा की एक संस्था में निःशुल्क विकलांगता निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आपको बता दें यह शिविर हर साल लगाया जाता है और सैंकड़ों लोग इस शिविर का हिस्सा बनते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें यह शिविर हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा सिरसा में लगाया जा रहा है। आपको बता दें कि यह शिविर डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज की पावन स्मृति में हर साल लगाया जाता है। जो पूर्ण रूप से निःशुल्क लगाया जाता है। इस कैंप में सभी तरह की मेडिकल सुविधा फ्री में दी जाती है।

याद-ए-मुर्शीद विकलांगता निवारण शिवर —
मानवता को सर्पित है डेरा सच्चा सौदा का निःशुल्क याद-ए-मुर्शीद विकलांगता निवारण शिवर। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Dera Sacha Sauda में यह कैंप Baba Ram Rahim ji की पावन प्रेरणा से हर साल “18 अप्रैल” को “पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज” की पावन स्मृति में लगाया जाता है। इस कैंप में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ अपनी सेवाएं फ्री में देते हैं। Dera Sacha Sauda में इस तरह के कैंप निरंतर रूप से लगते रहते हैं।

Yaad E Murshid Free Polio & Disability Correction Camp के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी –

इस कैंप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी जा रही है –

दिनांक — 18 अप्रैल 2024
समय -सुबह 9:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक

स्थान — शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल , सिरसा (हरियाणा) 125055

फोन नं — 01666- 260222, 97288- 60222

Baba Ram Rahim के मार्गदर्शन में DSS में disability camp की तरह और भी अन्य मासिक कैंप लगाए जाते हैं।

रक्तदान शिविर, फ्री मेडिकल कैंप, याद -ए – मुर्शीद फ्री Eye camp आदि Dera Sacha Sauda में लगने वाले कैंप मानवता को समर्पित हैं। अगर आपके आस-पास कोई भी शारीरिक रूप से विकंलाग है और आर्थिक रूप से अपना इलाज करवाने में असमर्थ है, तो आप उन्हें इस शिविर की जानकारी दें, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस कैंप का हिस्सा बन सके।

Eid-ul-Fitar 2024: Significance and Celebrations:

मुस्लिमों के लिए ईद का त्योहार बहुत ही खास होता है। इसे दुनियाभर में मुसलमान अपने अपने तरीके से नमाज अदा करके मानते हैं। वर्ष 2024 की पहली ईद इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार माह ए रमजान पूरा होने के बाद शावल की पहली तारीख को मनाया जाता है। इसे ईद उल फितर, ईद अल फितर, रमजान ईद या मीठी ईद आदि नामों से भी जाना जाता है।

Eid -ul -Fitar Meaning – ईद-उल-फितर का अर्थ है: ‘व्रत तोड़ने का त्योहार’। यह रमजान के अंत का प्रतिक है। ईद-उल-फितर की तारीख “चंद्रमा के चक्र” से तय होती है। इस दिन मुसलमान न केवल उपवास की समाप्ति का जश्न मनाते हैं, बल्कि पूरे रमज़ान के दौरान उन्हें दी गई मदद और शक्ति के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं।
Eid -ul -Fitar Celebration – ईद-उल-फितर से पहले के दिनों में, इतालवी मुसलमान इस अवसर को मनाने के लिए विभिन्न तैयारियों में जुटे होते हैं। घरों को साफ किया जाता है और सजाया जाता है । नए कपड़े खरीदे जाते हैं या सिलवाए जाते हैं और विशेष भोजन की योजना बनाई जाती है। यह उत्साह का समय है क्योंकि परिवार प्रार्थनाओं, दावतों और उत्सवों के लिए इकट्ठा होने की तैयारी करते हैं। भारत देश में आज के दिन ईद के त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से व बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। ईद का यह पवित्र पर्व सौहार्द व भाईचारे का प्रतीक होता है। आज के दिन मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़कर पूरे विश्व में शांति और अमन की दुआ करते हैं। नमाज़ पढ़ने के बाद सभी एक दूसरे के घर जाकर मुंह मीठा करते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं।
Eid -ul -Fitar Celebration Day and Date – ईद उल फितर किस महीने में और कब मनाई जाती है इसका फैसला चांद के दीदार से किया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर हिज़री के 10वें महीने शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है । अबकी बार भारत में ईद उल फितर 11 अप्रैल को मनाई जा रही है क्योंकि इसी दिन चांद दिखाई देगा। ईद के त्योहार के दिन घर पर मीठे पकवान बनाए जाते हैं। सभी के घरों में सेवियाँ बनाई जाती हैं। नए-नए कपड़े पहनकर, इत्र लगाकर, एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देना, यह सब करना, इस त्यौहार की खुशियां हैं। लेकिन सिर्फ ये काम करने से ईद पूरी नहीं होती । लोग समूहों में जाकर नमाज अदा करते हैं और एक दूसरे को गले लगकर ईद मुबारक बोलते हैं और समाज में अमन शांति के लिए अल्लाह से दुआ करते हैं।

Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri इस वर्ष 9 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। 9 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव शुरू हो रहा है। नवरात्रि 9 April से प्रारंभ होकर 17 April तक चलेगी। जिसमें माता के 9 स्वरूपों की आराधना की जाएगी।
पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कुष्मांडा, पांचवी स्कंदमाता, छठी कात्यायनी, सातवीं कालरात्रि, आठवी महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री यह मां दुर्गा के 9 स्वरूप हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि आती है। इसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष होती हैं। दो गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ नवरात्रि होती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि से हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत का आरंभ होता है। जिसे भक्त उल्लास पूर्वक मॉं दुर्गा की पूजा अर्चना करके मानते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास है। यह महीना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महीना होता है। इसी माह में मॉं दुर्गा की पूजा का विशेष त्यौहार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। इससे यह पर्व और भी अधिक विशेष हो गया है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होना सभी के लिए बेहद शुभ है। मां दुर्गा की आराधना करके नवरात्रि में आसानी से माता का आशीर्वाद पाया जा सकता है। यह भी मान्यता है कि नवरात्रि में मॉं जगदंबा धरती पर ही विराजमान होती है और भक्तों का कल्याण करती हैं।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥

चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना मुहूर्त-
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मंगलवार 9 अप्रैल 2024 को होगी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल 2024 को रात 11:50 बजे प्रारंभ होगी और प्रतिपदा तिथि समाप्त 9 अप्रैल 2024 को रात 8:30 बजे होगी।

कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 6:05 बजे से 10:16 बजे तक रहेगा।
कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:57 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा।

नवरात्रि पूजा के नियम-

वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि पूजा ( Navratri Pooja) में नियमों का पालन बहुत ही जरूरी है।

⁃ नवरात्रि पूजा में घर के ईशान कोण (उत्तर पूर्व) में कलश और माता की फोटो स्थापित करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार यह स्थान देवताओं का है इसीलिए इस दिशा में कलश स्थापना से सकारात्मकता बढ़ती है।

⁃ नवरात्रि पूजा के दौरान आप घर के मैन गेट पर लक्ष्मी माता के चरण चिन्ह लगाए जो की बेहद शुभ माने जाते है।

⁃ घर में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए ????️ ओम का निशान घर के मुख्य द्वार पर बनाए।

⁃ नौकरी और व्यवसाय में तरक्की के लिए ऑफिस के मैन गेट पर लाल, पीले फूल डालकर एक बर्तन में जल भर कर रखें।

⁃ नवरात्रि में नौ दिनों की अखंड ज्योति जलाई जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति को दक्षिण पूर्व की दिशा में रखना शुभ होता है, इससे घर के लोगों का स्वास्थ्य उत्तम रहता है।

आदिशक्ति मॉं दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना का यह उत्सव भक्तों का कल्याण करता है और मनवांछित फल प्रदान करता है।