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जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाए, देश को प्रगति के पथ पर लाएं -‌ विश्व जनसंख्या दिवस 2021

किसी देश, शहर, जिले व क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या को जनसंख्या कहा जाता है। किसी भी देश की जनसंख्या अपने राष्ट् की अमूल्य पूंजी होती है, जो वस्तुओं व सेवाओं का उत्पादन, वितरण और उपभोग करती है। जनसंख्या आर्थिक विकास का संवर्द्धन करती है। लेकिन जनसंख्या वृद्धि किसी भी राष्ट्र के विकास मे रुकावट पैदा करती है।

जनसंख्या वृद्धि क्या है –

किसी क्षेत्र की जनसंख्या का बढ़ना जनसंख्या वृद्धि कहलाता है। जो कई प्रकार की चुनौतियां व अनेक समस्याएं पैदा करती है।जब जनसंख्या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो देश और दुनिया के ऊपर कई प्रकार के प्रभाव पड़ते है। जनसंख्या वृद्धि से सरकार के पास काम की कमी हो जाती है, बेरोज़गारी की समस्या बढ़ जाती है और अन्य वस्तुओं के दाम बढ़ जाते है। विश्व में जनसंख्या वृद्धि एक समान नही है। स्वास्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाना लगाना अति आवश्यक है। आइए हम जनसंख्या विस्फोट के कारण, प्रभाव व उपाय के बारे मे विस्तार से जानते है।

विश्व जनसंख्या दिवस कब व क्यों मनाया जाता है –

विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालित परिषद द्वारा 1989 में पहली बार हुई। जब विश्व भर की आबादी का आंकड़ा 5 अरब के पास पहुंच गया, तो संयुक्त राष्ट्र की गवर्निंग काउंसिल द्वारा किए गए फैसले के अनुसार 1989 में विकास समुदाय की सिफारिश द्वारा तय किया गया। तब से हर साल 11 जुलाई के दिन को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।

विश्व जनसंख्या दिवस की 2021 की थीम –

इस वर्ष की नई थीम तैयार की गई है। इस बार की थीम का विषय परिवार नियोजन, लोगों का विकास व राष्ट्र की प्रगति के विषय पर बनाया गया है।

विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य –

विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में दिनों-दिन बढ़ रही आबादी को नियंत्रित करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन रैलियां निकाल कर, रोड शो किए जाने के साथ-साथ सोशल मीडिया, विभिन्न कार्यक्रमों व सभाओं को आयोजित किया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है।

विश्व जनसंख्या दिवस का क्या महत्व है –

दिनों-दिन बढ़ती जा रही जनसंख्या विश्व के देशों के सामने बड़ी भयंकर समस्या का रूप ले चुकी है। विकासशील देशों के लिए जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर चिंता का विषय बन रहा है। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानता और मानवाधिकार के बारे में जानकारी दी जाती है।

विश्व भर में बढ़ रही जनसंख्या के कारण –

  1. गरीबी – लोगों की सोच है कि जितने अधिक बच्चे होंगे, उतनी ही आय में वृद्धि होगी। इसलिए वह सोचते हैं कि जितने बच्चे ज्यादा होगे उतनी ही आमदनी ज्यादा होगी और पैसा ज्यादा कमाएंगे।
  2. चिकित्सा सेवाओं में वृद्वि होना – आज हमारे देश भर में आधुनिक चिकित्सक क्षेत्र में बहुत सारी सफलताएं प्राप्त कर ली है। जिसके कारण मृत्यु दर में गिरावट आ रही है और महामारी कुपोषण के कारण मृत्यु दर में कमी आ रही है। यह सब स्वस्थ्य सुधार के कारण ही संभव हुआ है, जोकि जनसंख्या वृद्धि का एक कारण है।
  3. बाल विवाह (छोटी आयु में बच्चों का विवाह करना) – लोग अशिक्षित होने के कारण अपने बच्चों का विवाह छोटी आयु में ही कर देते हैं। जिसके कारण जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। ये भी एक कारण है जनसंख्या वृद्धि का।

जनसंख्या वृद्धि से होने वाले नुक्सान –

  1. दिनों- दिन बढ़ रही रोजगार की समस्या – विश्व की जनसंख्या तो दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। परन्तु रोजगार के साधन सीमित ही है। इसलिए देश भर में बेरोजगारी तेजी से बढ़ना भी एक कारण है।
  2. खाद्य सामग्री में समस्या आना – जहां देश की जनसंख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, तो दूसरी ओर खाद्य पदार्थों में कमी होती जा रही है। जिसके कारण बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पाता और बच्चों में पोषण की कमी होती है। खाद्य सामग्री के न मिलने के कारण महंगाई बढ़ रही है।
  3. लोगों का अशिक्षित होना – बहुत से लोग ऐसे हैं जो कि अक्सर अशिक्षित होने के कारण छोटे परिवार के महत्व को नहीं जानते, जोकि जनसंख्या वृद्धि का बहुत बड़ा कारण है।
  4. चिकित्सक व्यवस्था में कमी आना – निरंतर बढ़ती जा रही जनसंख्या के कारण अस्पतालों में अधिक भीड़ होने के कारण रोगियों की देखभाल अच्छे ढंग से नहीं हो पा रही है।
  5. प्रदूषण – जनसंख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण जल, वायु और मृदा प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।
  6. कृषि भूमि का बटवारा होना – परिवार में ज्यादा बच्चे होने के कारण परिवार का बंटवारा होने पर भूमि का भी बंटवारा हो जाता है। जिससे आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है।

जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए दिए गए सुझाव –

  1. कठोर कानून व्यवस्था – भारत में निरंतर बढ़ रही जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए कठोर कानून व्यवस्था होनी चाहिए।
  2. उचित शिक्षा की व्यवस्था – बढ़ती हुई जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए उचित शिक्षा की व्यवस्था अति आवश्यक है। क्योंकि शिक्षा के माध्यम से ही हम छोटा परिवार सुखी परिवार के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।
  3. आर्थिक सुधार – व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुसार ही अवसर उपलब्ध करवाकर हम उसकी आर्थिक स्तर में सुधार लाया जा सकता है।

निष्कर्ष:

2011 में की गई जनगणना के अनुसार भारत की आबादी 121 करोड़ थी, जो 2030 तक चीन से ज्यादा होने का अनुमान है। अगर ऐसे में भारत की जनसंख्या बढ़ती गई तो भारत सरकार के लिए ये एक बहुत बड़ी चुनौती है।जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए उच्च स्तर पर प्रयास होने चाहिए‌ व परिवार नियोजन के लिए में लोगों को जागरूकता फैलानी चाहिए।

आज के समय में कोरोना महामारी के अलावा अगर कोई चीज दुनिया में सबसे ज्यादा फैल रही है, तो वह है नशे की बुरी लत। यह एक बीमारी की तरह है, जो लोगों को धीरे-धीरे खोखला करके मौत की नींद सुला रहा है।ड्रग्स का सेवन मनुष्य के लिए बहुत हानिकारक है। यह मनुष्य के शरीर को बिल्कुल खत्म कर देता है। उसमें जीने की, सोचने की, खाने पीने की कोई क्षमता नहीं रहती।

इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज कब मनाया जाता है-

यह प्रतिवर्ष 26 जून को ड्रग दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

लोग नशों का सेवन क्यों करते हैं-

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में लोग चिंताओं में घिर जाते हैं। जिसके कारण वह नशा लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं। उनके लिए नशा ही एकमात्र ऐसा उपाय होता है, जिससे वह अपनी चिंताएं दूर कर सकते हैं।

नशो का सेवन करने से होने वाली बीमारियां-

नशे बर्बादी का घर है, जिसने कई लोगों के घरों को नर्क बना दिया है। नशा व्यक्ति को कैंसर व अन्य बीमारियों को बुलावा देने के साथ-साथ उन्हें अंदर ही अंदर से खोखला कर देता है। जिससे व्यक्ति अपनी स्वर्ग बनी जिंदगी को नर्क बना लेता है।

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की शुरुआत-

संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की स्थापना 1987 वर्ष में हुई थी। तब से दुनियाभर में 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1987 में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसने पूरे विश्व को नशा मुक्त करने की बात की। इसे सभी देशों की सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके बाद 26 जून को हर वर्ष 1987 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया गया और फिर हर साल 26 जून को मनाया जाने लगा।

क्यों मनाया जाता है-

नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के विरोध के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस पर जोर दिया जाता है‌ और इस दिन को मनाया जाता है। विश्व में नशीली दवाओं की समस्याओं की समझ में सुधार करना और स्वास्थ्य शासन और सुरक्षा पर इसके प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।

अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस का उद्देश्य-

इस दिवस का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं से छुटकारा पाना है तथा समाज में सशक्तिकरण लाना है। इस दिन विभिन्न संगठन अवैध नशे की चुनौतियों को शांतिपूर्ण संबोधित करने पर जोर देते हैं।समाज की भलाई के लिए यह अभियान शुरू किया था। ये दिन लोगों को नशों से मुक्ति दिलवाने व जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस का महत्व-

26 जून को नशे के खिलाफ विशेष दिन को माना जाता है। क्योंकि पूरे विश्व में नशे को रोकने का प्रचार किया जाता है, इस दिन नशे की चपेट में आने वाले लोगों को जागरूक किया जाता है। नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

2021अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम-

प्रत्येक वर्ष क्राइम कार्यालय इस दिन के लिए एक थीम का चयन करते है। 2021अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम ‘न्याय के लिए स्वास्थ्य, स्वास्थ्य के लिए न्याय’ इस बार की थीम लोगों से अपनी हेल्थ के साथ न्याय करने की अपील करती है।

शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स ड्रग्स का शिकार हो रहे-

कुछ माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई करने के लिए होस्टल में भेज देते हैं और गलत संगति होने के कारण वह भी नशे करने के आदि हो जाते हैं।

राष्ट्रीय ड्रग्स और क्राइम कार्यालय-

संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और क्राइम कार्यालय एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन मादक पदार्थों के दुरुपयोग और उसके उत्पादन के खिलाफ लड़ रहा है। जिसे एक अंतरराष्ट्रीय अपराध माना जाता है। इस संगठन को साल 1997 में संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स कंट्रोल कार्यक्रम के साथ अंतरराष्ट्रीय अपराध निवारण केंद्र में विलय करते स्थापित किया गया था।
नशीली दवाओं की तस्करी अपराध दर में वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ वर्ष में सदस्यों की सहायता करने में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र अक्सर क्राइम कार्यालय अनिवार्य है।

ड्रग्स के दुरुपयोग-

ड्रग्स का सेवन बहुत बुरी आदत है। यह लत पर पड़ जाए तो उसे पीछा छुड़वाना बहुत मुश्किल है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक है, बल्कि विभिन्न आयु के लोगों को भी प्रभावित करती है। यह व्यक्तियों और समाज को कई क्षेत्रों में नष्ट कर देती है, ऐसे ड्रग्स की लत के कारण भूख, भार, कब्ज, चिंता का बढ़ना और चिड़चिड़ापन, नींद ना आना,और कामकाज की हानि का गंभीर नुकसान होता है।

ड्रग्स की अवैध तस्करी-

नशीले पदार्थों की तस्करी एक अंतरराष्ट्रीय अवैध व्यापार है। इसमें मूलभूत कानूनों के मुताबिक निश्चित पदार्थ उत्पादन, खेती, प्रसार बिक्री शामिल है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अवैध व्यापार क्रीम 1% होने का अनुमान है। उत्तरी व्यापार मार्ग और बाल्कन क्षेत्र मुख्य ड्रग ट्रैफिकिंग क्षेत्र है। जो पूर्वी और पश्चिमी महाद्वीपों में अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों के बड़े बाजार में अफगानिस्तान को लिंक करते हैं और वहां से ड्रग्स की अवैध तस्करी की जाती है।

निष्कर्ष-

समाज में दिनों-दिन बढ़ रही नशे की आग में सभी वर्ग के लोग झुलस रहे हैं। युवाओं में नशे की लत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। जहां लोग पहले दूध और छाछ (लस्सी) पिया करते थे, वहीं लोग शराब व नशा करके अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। आइए हम सब भी देश के उज्जवल भविष्य के लिए कभी भी नशा न करने का प्रण करे और स्वच्छ विश्व का निर्माण करें।

रक्तदान करके किसी की जिंदगी बचाने का जरिया बनें-

अक्सर कहा जाता है कि एक माँ की उम्र उसके बच्चे को नहीं बचा सकती, परन्तु आपके द्वारा किया गया रक्तदान किसी का जीवन जरूर बचा सकता है।

रक्तदान वहीं होता है, जो इंसान अपनी स्वेच्छा से करे। रक्त एक ऐसी चीज है, जिसे बनाया नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति किसी साधन से नहीं हो सकती, यह सिर्फ इंसानी शरीर में ही बनता है।

रक्तदान करने की बात सुनते ही लोग अजीब सा व्यवहार करने लगते है। कई लोगों के मन में यह धारणा है कि कि खून दान करने से हमारे शरीर में कमजोरी आ जाएगी, लेकिन यह सत्य नहीं है।एक यूनिट में मात्र तीन सो पचास एम एल रक्त ही निकाल सकते हैं। खून दान करने से कोई नुकसान नहीं होता बल्कि कई प्रकार के फायदे हैं।

विश्व रक्तदान दिवस क्यों मनाया जाता है-

 हमारे देश में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो खून की कमी के कारण अपनी जिंदगी गवा देते हैं। उन्हें बचाने और लोगों को रक्तदान करने के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 14 जून को “विश्व रक्तदान दिवस” मनाया जाता है। रक्तदान दिवस पहली बार 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय संघ ने मनाया था।

विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत-

14 जून को विश्व भर में “ रक्त दान दिवस ” मनाया जाता है। वर्ष 1997 को WHO ने स्वैच्छिक रक्तदान की नींव रखी थी, जिसका मुख्य उदेश्य यह था कि जब कभी भी किसी जरूरत मंद को खून की आवश्यकता हो तो उसे बिना पैसे दिये खून मिल सके । साल 2004 में पहली बार रक्त दान दिवस मनाया गया।
इसे 14 जून को इसलिए मनाया जाता है, क्योकि 14 जून को ही  कार्ल लैंडसटीनर का जन्मदिन होता है और कार्ल  को      ( Blood transfusions) का संस्थापक कहा जाता है।

रक्त क्या है-

हमारे शरीर में एक लाल रंग का तरल पदार्थ पाया जाता है, उसे ही रक्त कहते हैं। हमारे शरीर में रक्त की मात्रा लगभग पांच से छह लीटर तक होती है। हमारे शरीर में रक्त का कार्य शरीर मे बने विषैले पदार्थ जैसे कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालना होता है तथा शरीर में हारमोन व अन्य पदार्थों को लेकर जाने का काम भी रक्त ही करता है।

रक्तदान क्यों जरूरी है-

आज के समय में थैलेसीमिया जैसी बीमारी के कारण बहुत से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी से छोटे-छोटे बच्चे भी जूझ रहे हैं। ऐसे बच्चों की मदद के लिए रक्त दान की बहुत आवश्यकता है‌।
रक्त दान को सबसे बड़ा दान कहा गया है। हम किसी भी जरूरत मंद के लिए खून दान करके उसकी जिंदगी बचाकर उस परिवार के जीवन में खुशियाँ भर सकते हैं। जरा सोचिए कोई व्यक्तिगत अपनी जिंदगी और मौत से लड़ रहा है और आप अचानक एक उम्मीद की किरण बनकर उसकी जिंदगी बचा लेते है, तो आपको भी कितनी खुशी होगी। तो रक्त दान से जुड़ी हुई सब भ्रांतियो को दूर करते हुए किसी की जिंदगी बचाने का जरिया बनाना चाहिए ।

रक्तदान करने के अद्भुत फायदे-

रक्तदान करने के हमारे शरीर को कईं तरह के फायदे होते हैं। एक तो हम किसी के अनमोल जीवन को बचा सकते है।

  • एक यूनिट खूनदान करने से तीन जिंदगियां बचाई जा सकती है
  • खून दान करने से हार्ट अटैक जैसी बीमारी को भी कम किया जा सकता है। क्योंकि जब हम खून दान करते हैं, तो हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं जमता। इससे खून पतला रहता है और हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
  • रक्त दान करने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है। एक बार खून दान करने से लगभग पांच सौ कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। साल में कम से कम तीन बार तो खून दान अवश्य करना चाहिए।
  • रक्तदान करने से नए ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में एनर्जी बनती है और शरीर तंदुरुस्त रहता है।
  • रक्त दान करने से लीवर से संबंधित समस्याओं में भी राहत मिलती है। शरीर में अगर आयरन की मात्रा ज्यादा होती हैं, तो वह लीवर पर दवाब डालती हैं। परन्तु यदि हम रक्त दान करते हैं, तो आयरन की मात्रा बराबर रहती है।
  • रक्त दान करने से कैंसर जैसी बीमारी का भी खतरा कम हो जाता है। खून दान करने से हमारे शरीर में कैलोरी की मात्रा भी कम होती हैं।
  • रक्त दान करने के कारण पुराना रक्त जब शरीर से बाहर निकल जाता है, तो उसी वक्त नया खून बनना शुरू हो जाता है। शरीर में जो सेल्स गतिहीन होते हैं, वो फिर से कार्यशील हो जाते हैं। जिससे हमारे ब्लड में यदि किसी भी प्रकार की बीमारी के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो ये नए सेल्स उन्हे पहले ही नष्ट कर सकते हैं।

रक्त दान कौन नहीं कर सकते हैं-

जिन लोगों को एड्स, मलेरिया, शुगर, किडनी से संबंधित रोग, हैपेटाइटिस, उच्च और निम्न रक्त चाप, टीबी, अस्थमा, पीलिया, एलर्जी डिपथीरिया आदि में से कोई भी बीमारी हो, तो उन्हें खून दान नहीं करना चाहिए। महामारी के दौरान महिलाओं को रक्त दान नहीं करना चाहिए।
साथ ही गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी खून दान ना करे।

  • 18 से कम आयु और 60 से ज्यादा आयु वाले लोगों को रक्त दान नहीं करना चाहिए।
  • खून दान करने से पहले फास्ट फूड और अधिक वसा युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। धूम्रपान और शराब या अन्य किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।

रक्तदान करने के बाद क्या खाना चाहिए

रक्तदान करने के बाद हमें हरी सब्जियां, दूध फल, आयरन, विटामिन व पौष्टिक आहार वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • रक्त दान के बाद केवल तरल पदार्थ ही ना लें, ऐसा करने से कमज़ोरी महसूस होगी। इसलिए हेलथी डाईट अवश्य लें।

निष्कर्ष

आज  लोगों में रक्त दान को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। युवा वर्ग बहुत जागरूक हो रहा है। जो मिथ्या भ्रांतियाँ थी, वो कम हो रही है। तो क्यों न खुद की एक पहचान बनाये रक्त दान करें और करवाए।   

मांँ – शब्द एक ऐसा शब्द है, जिसे बोलने से हृदय खुशी और प्यार से भर जाता हैं। भरे भी क्यों न क्योंकि मांँ इसके काबिल हैं। मांँ ममता की मुर्त हैं जो बिना किसी स्वार्थ, बिना किसी शर्त के बच्चों को प्यार करती हैं। हमारे समाज में माँ को भगवान के समान दर्जा दिया गया है। इसलिए तो दुनिया में भगवान के बाद दूसरा नाम मांँ का लिया जाता हैं।

त्याग और प्रेम की मूरत है – मांँ

कहाँ से शुरू करूँ और कहाँ पर ख़त्म करूँ…. ममता, प्रेम और त्याग की मुर्ति है – मांँ… दया का समुद्र है – मांँ…..
मां अपने बच्चे की आहट दूर से ही पहचान लेती हैं। क्योंकि दुनिया से 9 महीने ज्यादा जानती हैं हमें मांँ!!
वो मांँ ही है, जो हमें सभी परेशानियों से बचाती है और अपने आंचल में छुपा लेती हैं। जो अपने बच्चें के पीछे भागती कभी थकती नहीं।

Happy Mother's Day 2021 - Exclusive Samachar

इस दिन का इतिहास

मदर्स डे की शुरूआत 9 मई 1914 को अमेरिका से शुरू हुई। जिसका श्रैय अमेरिका के ही ऐना एम. जारविस को जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि अमेरिकन एक्टिविस्ट एना जार्विस अपनी माँ से बहुत प्यार व ममता मिलने के कारण उसने शादी नहीं की। माँ के गुजर जाने के बाद उन्हें प्यार जताने के लिए मदर्स-डे को मनाना शुरू किया। जिसके बाद 9 मई 1914 को अमेरिका प्रेसिडेंट विल्सन द्वारा इसे एक कानून के तौर पर पास किया गया। जिसमें लिखा था कि मई के दूसरे रविवार को मदर्स-डे मनाया जाएगा चाहे तारीख कौन सी भी हो तब से इसे पूरे विश्व में मनाया जाता है।

▪️कुछ लोगों का मानना है कि मातृ पूजा की रिवाज़ पुराने ग्रीस से उत्पन्न हुई जोकि स्य्बेले गरीकू देवताओं की माँ थी। जिनके सम्मान में मातृ दिवस मनाया जाता है। एशिया माइनर के आस-पास और रोम में भी वसंत विषुव के आस-पास यह त्यौहार इदेस आॅफ़ (15 मार्च) से 18 तक मनाया जाता है।

▪️मातृ दिवस को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में कई देशों द्वारा 8 मार्च को भी मनाया जाता है।

▪️ब्रिटेन और यूरोप देशों में मदरिंग संडे मनाने की परम्परा है। मतलब वह रविवार को माताओं का सम्मान उपहार देकर करते हैं और घर के सभी काम माँ को छोड़कर घर के बाकी सदस्य करते है।

मदर्स डे मनाने का उद्देश्य

मदर्स डे मनाने का मूल उद्देश्य माताओं को सम्मान देना और प्रेम को प्रदर्शित करना भी होता है। क्योंकि माँ के आंचल के बिना ये दुनियां अधूरी है। 1941 में वकील वुडरो विल्सन और अमेरिकी राजनेता ने माँओं को सम्मानित करने और उनके मातृत्व के प्रभाव को बढ़ाने के लिए मई के दूसरे रविवार को मदर्स-डे मनाने की घोषणा करने के लिए हस्ताक्षर किए बच्चों को माँ के प्यार के महत्व को बताने के लिए मातृ दिवस मनाया जाता है।

Mother's Day

मदर्स डे मनाने का मुख्य कारण

मदर्स डे मनाने की मुख्य वजह 27 मई 1812 की क्रांति है। जिसमें बाॅलीविन महिलाओं की नृसंश हत्या स्पेन की सेना द्वारा की गई जोकि अपनी आजादी के लिए लड़ी। 27 मई को बाॅलीविन की उन महिलाओं को सम्मान देने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है।

बच्चे के लिए माँ का महत्व

माँ के बिना दुनियां की हर चीज़ अधूरी है। कहते हैं न जिसके पास जो चीज़ नहीं होती, उस चीज़ की कीमत उन्हें पता होती हैं और दुनिया में जिनके पास मांँ नहीं है, मांँ की कमी वहीं समझ सकते हैं।
एक माँ ही हैं जिसके पास बच्चा अधिक समय रहता है। माँ बच्चे में अच्छे संस्कार व नैतिक मूल्य भरती है। माँ बच्चे की अच्छी दोस्त होती है, बच्चे की प्रत्येक जरूरत का ध्यान माँ ही तो रखती है। जो आप खुद गिल्ली जगह पर सोती है और बच्चे को सुखी जगह डालती हैं। अपने बच्चे लिए सारी दुनियां से लड़ जाती है माँ। जो भूमिका माँ की बच्चें के जीवन में होती है वो कोई भी नहीं लें सकता। ये गीत सत्य ही है।

“लख होवन चाचियां ताईयां
माँवा माँवा हुदिआ ने”

कैसे मनाए

कोरोना महामारी के चलते Covid-19 के नियमों का पालन करते हुए मदर्स डे को मनाएं। घर के बने पकवान ही खाएं और अपनी माँ के साथ समय बिताकर जीवन को खुशियों से भरें।

आज माँ को क्या उपहार दें

माँ की ममता और बलिदान को हम शब्दों में ब्यान नहीं कर सकते। मदर्स-डे वर्ष में एक दिन नहीं रोज़ सेलिब्रिट हो ताकि हम मां को वो सम्मान दें सके जिसकी वो हकदार हैं। वैसे तो आप अपनी जिंदगी में उलझे रहते हैं, लेकिन साल में एक इस दिन को खास बना सकतें है-

  • आप इस स्पेशल दिन को मांँ को कुछ स्पेशल महसूस करवाएं।
  • घर पर ही मांँ के लिए कुछ स्पेशल बनाएं।
  • माँ को आपने हाथ से बनाकर कार्ड व गिफ्ट दें।
  • मां के साथ वक्त बिताए।
  • आपकी थोड़ी-सी कोशिश माँ को बहुत खुशी दे सकती है।

माँ का ऋण कैसे चुकाए

हम 100 जन्म लेकर भी माँ का ऋण नहीं चुका सकते। अगर आप अपनी माँ का ऋण चुकाना चाहते हैं तो सबसे पहले एक अच्छा इंसान बनके दिखाएं। कभी भी कोई भी ऐसा कार्य न करें, जिससे माँ के हृदय को ठेस पहुंचे। माँ ने जो आपके लिए सपना देखा है उसे पूरा करें। जब आप छोटे थे तो माँ ने आपका ध्यान रखा। अब आप मां -बाप का सहारा बनें। आपकी वजह से मां -बाप की आंखों में कभी आंसू न आएं। नेक कार्य करें। कोई माँ नहीं चाहती की उसका बेटा चोर, डाकू, शराबी व देशद्रोही बनें। आप अच्छे इंसान बन कर माँ का कर्ज़ चुका सकते है। जिस से माँ गर्व से कहे ये मेरा बेटा/बेटी हैं।

निष्कर्ष

मदर्स- डे दुनिया भर में धूमधाम से मनाया जाता है। लाखों लोग इस दिन अपनी माँ को उनके बलिदान के लिए धन्यवाद करते हैं। इस बार कोरोना महामारी के चलते घर पर रह के ही इस दिन को सेलिब्रेट करें। घर से बाहर ना जाएं। घर पर बना हुआ खाना ही प्यार से माँ को खिलाएं और खाएं। सभी माताओं को अपनी मांँ के समान सम्मान दें। माँ के लिए लाॅकडाउन में कुछ योजना बनाना चाहते हैं तो माँ के साथ समय बिताएं।

विश्व विद्यार्थी दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिवस सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। यह दिवस भारत के “मिसाइल मेन” कहें जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम के जन्मदिवस के दिन मनाया जाता है। डॉ अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था।

विद्यार्थी दिवस क्यों मनाया जाता है?

डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम सभी वर्गों और जाति के छात्रों के लिए एक प्रेरणा और मार्गदर्शन की भूमिका निभाते थे। एक छात्र के रूप मे उनका स्वयं का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने अपने जीवन में बहुत तरह की कठिनाईयों का सामना किया। इसके अलावा उन्होंने बचपन में अपने परिवार और खुद के पालन पोषण के लिए वह घर-घर जाकर अखबार बेचने का काम करते थे। लेकिन उनकी पढ़ाई में अत्याधिक रूचि होने के कारण उन्होंने अपने जीवन में हर तरह की समस्याओं का डटकर सामना किया और वे उसमें सफल भी हुए। राष्ट्रपति जैसे भारत के सबसे बड़े संवैधानिक पद को उन्होने प्राप्त किया।

why world students day is celebrated? Exclusive Samachar

उनके जीवन की यही कहानी उनके साथ-साथ भारत की आने वाली कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। अपने जीवन में डाॅ ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने छात्रों के उच्च भविष्य के लिए वैज्ञानिक और आध्यात्मिक शिक्षा की तरक्की पर ध्यान दिया। इसके लिए उन्होंने बहुत सारे भाषण दिए और किताबें लिखी।

शुरुआत

सन् 2010 मे संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष 15 October के दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम के जन्मदिवस को विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। तब से यह दिवस प्रति वर्ष मनाया जाता है। वे भारत के 11वे राष्ट्रपति (2002-2007) थे। डॉ अब्दुल कलाम एक महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ गंभीर चिंतक और अच्छे इंसान भी थे। डॉ अब्दुल कलाम सभी विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श थे। बाल शिक्षा में विशेष रुचि रखने वाले अब्दुल कलाम को वीणा बजाने का भी शौक था। वे तमिलनाडु के एक छोटे से गांव से थे। उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर देश के सबसे ऊंचे संवैधानिक पद पर पहुंचे।

World Students' Day - When it is started - Exclusive Samachar

विश्व विद्यार्थी दिवस कैसे मनाया जाता है?

विश्व विद्यार्थी दिवस भारत के सभी स्कूलों और कॉलेजों में मनाया जाता है। विश्व विद्यार्थी दिवस के अवसर पर स्कूलो, कालेजों में विभिन्न गतिविधियों, घटनाओं और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। डॉ अब्दुल कलाम के जीवन चरित्र को याद किया जाता हैं और उनके जीवन से प्रेरणा ली जाती है। डॉ कलाम के जीवन से जुड़ी घटनाओं की प्रदर्शनी और विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा भाषण, निबंध लेखन और समूह चर्चा जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है।

अपने विद्यार्थियों के साथ अत्याधिक प्रेम और विश्वास के कारण अपने राष्ट्रपति के कार्यकाल के बाद वह भारत के बहुत सारे स्कूलों और कॉलेजों में अपने भाषणों द्वारा छात्रों को प्रेरित करने के कार्य करते रहे और उन्होंने अपने जीवन की आखिरी सांस तक भारतीय प्रबंधन संकाय में पृथ्वी को एक जीवित ग्रह बनाएं रखने के विषय पर भाषण देते हुए दी।

How is World Student Day celebrated? Exclusive Samachar

विद्यार्थी शब्द का अर्थ

विद्यार्थी संस्कृत भाषा का शब्द है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है विद्या+अर्थी। इसका अर्थ है- विद्या चाहने वाला। विद्यार्थी विद्या प्राप्त करने के लिए विद्यालय जाता हैं और विद्या से प्रेम करता है। यदि छात्र ने विद्यार्थी जीवन में परिश्रम, अनुशासन, संयम और नियम का अच्छी प्रकार से पालन किया है, तो उसका भावी जीवन सुखद होगा।

अनुशासन

अनुशासन का भी विद्यार्थी जीवन मे उतना ही महत्व है, जितना कि विनम्रता का है।

विद्यार्थी एक नन्ही कोंपल के समान होता है। उसे जो भी रूप दिया जाए वह उसे ग्रहण करता है। उसका मन शीघ्र प्रभावित होता है। अतः बाल्यावस्था से ही विद्यार्थी को अनुशासन की शिक्षा दी जानी चाहिए। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बालक-बालिकाएं अपना-अपना काम नियमित रूप से करें। इस दिशा मे माता-पिता का दायित्व और भी अधिक महत्वपूर्ण है। बच्चे की शिक्षा का प्रथम विद्यालय उसका घर ही है। यदि माता-पिता स्वयं अनुशासित है, तो बालक भी अनुशासन की भावना ग्रहण करेगा।

World Students' Day 2020 - Exclusive Samachar

प्राचीनकाल में विद्यार्थी जीवन

प्राचीन भारत मे विद्यार्थी गुरुकुलो में शिक्षा ग्रहण करने जाते थे। 25 वर्ष तक विद्यार्थी ब्रह्मचार्य का पालन करते थे और यह काल शिक्षा ग्रहण करने में व्यतीत करते थे। उन दिनों गुरुकुलों का वातावरण बहुत ही पावन और अनुशासित होता था। प्रत्येक विद्यार्थी अपने गुरुजनों का सम्मान करता था। शिक्षा के साथ-साथ उसे गुरुकुल के सारे काम भी करने पड़ते थे। छोटे-बड़े या अमीर सभी एक ही गुरु के चरणों में विद्या ग्रहण करते थे। श्रीकृष्ण और सुदामा ने इकट्ठे संदीपन ऋषि के आश्रम में अनुशासनबद्ध होकर शिक्षा ग्रहण की।

वर्तमान स्थिति

आज हमारे देश के विद्यार्थियों में अनुशासन का अभाव है। वे ना तो माता-पिता का कहना मानते हैं और न ही गुरुजनों का। प्रतिदिन स्कूलों और कॉलेजों में हड़तालें होती रहती है। इस प्रकार के समाचार देखने को मिलते हैं कि विद्यार्थियों ने बस जला डाली।विद्यार्थियों की अनुशासनहीनता के अनेक दुष्परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं। ये विद्यार्थी परीक्षा में नकल करते हैं, शिक्षकों को धमकाते है और विश्वविद्यालय के वातावरण को दूषित करते रहते हैं। अनेक विद्यार्थी हिंसात्मक कार्यवाही में भाग लेने लगे है। यही कारण है कि आज विद्यार्थियों में अनुशासन की कमी आ चुकी है।

अनुशासन हीनता

आज की शिक्षण संस्थाओं का ठीक प्रबंध ना होना भी विद्यार्थियों को अनुशासनहीन बनाता है। वे विद्यालय के अधिकारियों और शिक्षकों की आज्ञा का उल्लघंन करते हैं। ऐसा भी देखने में आया है कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं की भीड़ लगी रहती है। भवन छोटे होते हैं और शिक्षकों की संख्या कम।
कालेजों में तो एक-एक कक्षा में 100-100 विद्यार्थी होते हैं। ऐसी अवस्था में शिक्षक क्या तो शिक्षक पढ़ाएगा और क्या विद्यार्थी पढ़ेंगे। कालेजों में छात्रों के दैनिक कार्यों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। रचनात्मक कार्यों के अभाव में छात्र का ध्यान व्यर्थ की बातों की ओर जाता है। यदि प्रतिदिन विद्यार्थी के अध्ययन अध्यापन की ओर ध्यान दिया जाए, तो विद्यार्थी अपना काम अनुशासनपूर्वक करेंगे।

Theme 2020

विद्यार्थी काल मानव के भावी जीवन की आधारशिला है। यदि यह आधारशिला मजबूत है, तो उसका जीवन निरंतर विकास करेगा, नहीं तो आने वाले कल की बाधाओं के सामने वह टूट जाएगा। यदि छात्र ने विद्यार्थी जीवन में परिश्रम, अनुशासन, संयम और नियम का अच्छी तरह से पालन किया है तो उसका भावी जीवन सुखद होगा।

वर्तमान शिक्षण पद्धति में परिवर्तन करके महापुरुषों की जीवनियो से भी छात्र छात्राओं को अवगत कराया जाना चाहिए। यथासंभव व्यावसायिक शिक्षा की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि स्कूल से निकलते ही विद्यार्थी अपने व्यवसाय का शीघ्र चयन करें।

अक्टूबर को IEC, IASO और ITU के सदस्यों द्वारा “World Standards Day” मनाया जाता हैं।

क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स डे

यह दिन विषयत: दुनिया भर के एक्सपर्ट्स का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है, यह दिन दुनिया भर के हजारों वैज्ञानिकों की मिली जुली कोशिसों को श्रद्धांजलि देने का एक तरीका हैं।
इस दिन अंतरास्ट्रीय मानकों द्वारा प्रकाशित की गई तकनीकी शहमितियाँ बनाने वाले विशेषगयों के पारस्परिक और सहयोग पूर्ण प्रयासों को सम्मान देने के लिए “Standards Day” मनाया जाता हैं।
इस दिन एक्सपर्ट्स अंतरास्ट्रीय मानकों के रूप में प्रकाशित की जाने वाली स्वैछिक तकनीकी समझौतों को विकसित करती हैं।

World Standards Day - October 14 - Exclusive Samachar

Standards Day की सुरुआत

IEC (अंतरास्ट्रीय विद्युत तकनीकी आयोग), IASO (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) और ITU(अंतरास्ट्रीय दूरसंचार संघ) के सहमती आधारित मानकों को विकसित बनाने के लिए सन्न 2001 में वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स कॉरपोरेशन की स्थापना की गई।

Standards Day का इतिहास

अंतरास्ट्रीय मानक दिवस की स्थापना उपभोक्ताओं और अधोगिक छेत्रो के बीच अंतरास्ट्रीय अर्थव्यवस्था के मानकीकरण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए किया गया।
सबसे पहले स्टैंडर्ड्स डे सन्न 1970 में मनाया गया था।

यह दिवस मनाने की तिथि का चयन इससे पहले सन्न 1946 में ही कर लिया गया था।

यह विभिन्न देशों के 25 प्रतिनिधियों ने मिलकर लन्दन में मानकीकरण में सहयोग देने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाने की सहमति जाहिर की थी।

history of World Standards Day - Exclusive Samachar

Standard Day मनाने का उद्देश्य

इस दिन को मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है,
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए मानकीकरण की आवश्यकता के प्रति जागरूक करना।

भारतीय मानक ब्यूरो

“भारतीय मानक ब्यूरो” की स्थापना सन्न 1947 में की गई थी। इसका नाम पहले “भरतीय मानक संस्थान” था।

भारतीय मानक ब्यूरो एक भारत मे राष्ट्रीय मानक निर्धारित करने वाली संस्था हैं।

यह ब्यूरो किसी भी प्रक्रिया या वस्तु के सबंधो में भारतीय मानकों का सृजन करता हैं।

World Standards Day Celebrate कैसे करें

1970 से 14 अक्टूबर के दिन विश्व मानक दिवस अलग अलग तरह से मनाया जा रहा हैं।
इसमें TV और रेडियो पर भी काफी कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं।

How to celebrate World Standards Day - Exclusive Samachar

कुछ देशों में यह कार्यक्रम एक सप्ताह “वर्ल्ड स्टैंडर्ड्स वीक” के रूप में भी मनाया जाता हैं।
विश्व मानक दिवस के अवसर पर काफी जगह पर पोस्टर प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता हैं, इसके पश्चात सबसे अच्छे पोस्टर का चुनाव किया जाता है और विजेता घोषित किया जाता हैं।

विश्व मानक दिवस से होने वाला बड़ा बदलाव

IEC (अंतरास्ट्रीय विद्युत तकनीकी आयोग), IASO (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) और ITU(अंतरास्ट्रीय दूरसंचार संघ) का मानना है कि मानक दिवस से आपके रहन-सहन और बातचीत में काफी बदलाव आएगा।

आप अपने क़रीबियों से अच्छे से बातचीत साझा कर पायेंगे।

अगर आप इस वार्षिक उत्सव के बारे में अच्छे से जान जाते है तो यह आपको शहर को अत्यधिक कुशल औऱ प्रभावशाली बनाने में क़ाफी हद तक मदद कर सकते है।

प्राकृतिक आपदा

प्राकृतिक आपदा एक ऐसी घटना है, जो किसी क्षेत्र पर घातक असर छोड़ देती है वह प्राकृतिक आपदा कहलाती है। प्राकृतिक आपदा दिवस 13 October को पूरे विश्व मे जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्राकृतिक आपदाएं लगभग दुनिया के सभी देशों मे होती है। 
मानव जाति के अस्तित्व में आने के बाद यह आम बात हो गई है प्राकृतिक आपदाओं मे भूकंप, बाढ़, सूखा, चक्रवात, आकाशीय बिजली, भूस्खलन आदि।

उद्देश्य

प्राकृतिक आपदा दिवस मनाने का उद्देश्य समाज के लोगों को आपदा से होने वाले ख़तरों और उसके बचाव के लिए जागरूक करना है। प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस हमारे पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के परिणामों के बारे मे जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 13 October को मनाया जाता है। जो आपदाओं का कारण बनते हैं लाखों करोड़ों लोगों को इससे निपटने के लिए आगे आने और उनके प्रयासों के बारे मे बात करने के लिए Motivate किया जाता है, ताकि वे इस जोखिम को समझ सके जिसके कारण लोगों को जान-माल का नुक़सान हुआ है।
प्राकृतिक आपदाए

International Day for Natural Disaster Reduction - Exclusive Samachar

भूकंप

जब पृथ्वी के नीचे अचानक परिवर्तन होता है, तो उससे पृथ्वी की पपड़ी हिल जाती है। जिसके कारण भूकंप आता है। 
भूकंप के दौरान जब कंपन अधिक तेज होता है, तो पृथ्वी कांपने लगती हैं और पृथ्वी के कुछ हिस्सों मे दरारें आ जाती है। कमजोर इमारतों और घरों को भारी नुक़सान होता है। 

भूकंप के प्रभाव

भूकंप में मनुष्य तथा जीव-जंतु घायल हो सकते हैं। यहां तक कि कई  बार मर भी जाते हैं 

भूकंप से सुरक्षा व बचाव

बिजली के स्विचो को बंद कर दें।खुले मैदान मे चले जाएं। अगर खुले मैदान मे नहीं जा सकते, तो घर मे पलंग या मेज के नीचे छिप जाए। 

बाढ़

अधिक समय तक भारी वर्षा होने पर बाढ़ आ जाती है। अर्थात जब अधिक समय तक भारी या तेज वर्षा होती है, तो नदियों मे आवश्यकता से अधिक पानी हो जाता है। तो वह बाहर आ जाता है जिससे आसपास का क्षेत्र  पानी से डूब जाता है। पानी सड़कों घरों दुकानों खेतों आदि मे प्रवेश कर जाता है तथा संपति को नुकसान पहुंचाता है। बाढ़ जीवन तथा संपति दोनों को ही नष्ट कर देती हैं और लोग बेरोजगार हो जाते हैं तथा वह शहरों की ओर प्रस्थान करने लगते हैं। 

Floods - Natural Disaster - Exclusive Samachar

बाढ़ के प्रभाव

संपति और फसलों का नुक़सान।जान की हानि। 

बाढ़ से बचाव

नदियों या तटों की जल निकासी का प्रबंध। 

सूखा

सूखा तब पाया जाता हैं जब बहुत कम वर्षा हो या बिल्कुल भी वर्षा न हो। सूखे के दौरान नदियां, तालाब, कुएं व अन्य जल संसाधन सूख जाते हैं। खेती के लिए बिल्कुल भी पानी नहीं मिलता। यहां तक कि पीने का पानी भी बहुत मुश्किल मिलता है। सूखे के दौरान अनाज और पानी दोनों की ही कमी हो जाती है। 

Drought - Natural Disaster - Exclusive Samachar

सूखा से बचाव

अधिक से अधिक वृक्षारोपण करे। कृषि के लिए उचित तकनीक का उपयोग करें।बांध बनाकर वर्षा जल एकत्रित करे।

चक्रवात

चक्रवात एक ऐसी चक्रीय हवाएं होती है जो कि बहुत तेज गति से चलती है। बहुत तेज हवाएं रास्ते मे आने वाली सभी चीजों को तहस-नहस कर देती है। जैसे पेड़ों, घरों, बिजली के खंभों आदि को तहस-नहस कर देती है। चक्रवात विशेषतर समुद्र के किनारे वाले भाग मे आते हैं।

प्रभाव

चक्रवात का वायुमंडल पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।

चक्रवात से बचाव

मौसम विभाग द्वारा चक्रवात संबंधी सूचनाओ को लगातार  प्रसारित करते रहना। भवनों का निर्माण ऐसा हो कि वो तेज हवाओं को सह सकें।तटीय क्षेत्रों मे ज्यादा वृक्ष लगाएं।

how to prevent cyclones - International Day For Natural Disaster Reduction - Exclusive Samachar

भूस्खलन

जब ऊंचे पहाड़ों से घाटी मे बड़ी मात्रा मे मिट्टी तथा चट्टानें गिरती हैं, तो वह भूस्खलन कहलाता है। भूस्खलन के दौरान लोग घायल हो जाते हैं तथा कभी कभी वे मर भी जाते हैं। 

भूस्खलन का प्रभाव

आवासीय क्षेत्रों में भूस्खलन से जान-माल की हानि।वनस्पति एवं प्राणियों को हानि पहुंचाता है। 
भूस्खलन से बचाव
ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं ताकि पानी द्वारा होने वाले भू-क्षरण को रोका जा सके।

Offline Awareness

प्राकृतिक आपदा दिवस समाज के लोगों को जागरूक करने और इससे होने वाले ख़तरों के बारे मे जानकारी देने के लिए मनाया जाता है। प्राकृतिक आपदाओं के बारे मे जानकारी देने के लिए इस दिन स्कूलो और कालेजों मे‌ अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी ज्ञान दिया जाता हैं ताकि समाज के लोगों को सभी प्रकार की घटनाओं के लिए तैयार किया जा सके।    यह दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि दुनिया मे सभी लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की ओर बल देता है। इससे पहले कोई भी इस आपदा का शिकार बने यह उस आपदा को भी दूर करने पर बल देता है।

Online Awareness

सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के कर्मचारियों द्वारा इस दिन Online कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं ताकि समाज के लोगों को जागरूक किया जा सके। Online कार्यक्रमों मे मीडिया मुख्य भूमिका निभाता है। 

प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण और अंतरराष्ट्रीय दिवस के महत्व को फैलाने के लिए Facebook , Twitter, Telegram व अन्य Social Sites का उपयोग किया जाता है। 

भारत

भारत एक बहुत बड़ा देश है। देश की जानकारी का उपयोग आपदा प्रबंधन के बारे मे जागरूकता फैलाने के लिए किया गया है। इस देश का योगदान बाकी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत मे आपदा की घटनाएं बाकी देशों की तुलना से अधिक होती हैं। परंतु आपदाओं से निपटने की गति बहुत धीमी है। अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस पर सभी लोगों को पर्यावरण के ख़तरों से अवगत कराना। प्राकृतिक आपदाओं मे कमी लाना और आपदा प्रबंधन के तरीकों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से स्कूलों, कालेजों मे उत्सव मनाया जाता है। जो जलवायु परिस्थितियों मे सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका

संयुक्त राज्य अमेरिका मे स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों द्वारा बड़े उत्साह के साथ प्राकृतिक आपदा दिवस मनाया जाता है। इस दिन सड़कों पर रैलिया आयोजित की जाती है।          इस दिन सरकार आपदा के ख़तरों को कम करने के तरीकों की खोज के लिए विवेकपूर्ण नागरिकों को मान्यता और छात्रवृत्ति प्रदान करती है। संयुक्त राज्य अमेरिका एक विकसित देश हैं और यहां बहुत ज्यादा प्राकृतिक आपदाएं देखने को नहीं मिलती।

चीन

दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश चीन है। चीन मे अन्य देशों की तुलना मे प्राकृतिक आपदाएं बहुत कम होती है। परंतु चीन के लोग इस दिन प्राकृतिक आपदाओं के उत्सवों मे भाग लेते हैं। इस दिन स्कूलों और कालेजों मे कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता हैं ताकि आपदाओं के दौरान मूल्यांकन, निकासी और राहत के महत्व के बारे मे दूसरों को समझाया जा सके। प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस का उद्देश्य आपदाओं के ख़तरों को रोकने, आपदाओं के परिणामों को कम करना।

थीम 2020

आपदा जोखिम को समझना, जोखिम को दूर करने मे निवेश आपदाओं का प्रबंधन और तरीके संशोधित करने पर बल देता है।    आपदा नुक़सान को कम करने, जीवन को बचाने आदि पर बल दिया जाता है।

मानसिक तनाव आज के समय में हर किसी के जीवन मे स्थाई रूप से अपने पैर पसार चुका है। तनाव व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। 
आपकी जिंदगी से शुरू होने वाला मानसिक तनाव पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। जो अपने साथ कई तरह की अन्य समस्याओं को जन्म देने मे सक्षम है। 

उद्देश्य 

तनावग्रस्त जीवनशैली मे बिगड़ने वाली मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्टूबर को पूरे विश्व मे मानसिक स्वास्थ्य दिवस या World Mental Health Day के रूप मे मनाया जाता है।

कोरोना काल में लोगों की मानसिक स्तिथि 

24 March से लगे Lockdown  के कारण बच्चे, बूढ़े, जवान आदि सभी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत गहरा असर पड़ है। Lockdown के चलते लोग अपनी सोचने समझने की शक्ति खो बैठे है। उन्हें यह भी नही पता कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या करने जा रहे हैं। 

Lockdown के चलते स्कूल, कालेज, हर प्रकार के कामकाज बंद थे और घर मे बिना किसी काम के खाली बैठना सरल शब्दों में कहें कि खाली दिमाग शैतान का घर। तो यही कारण है कि Lockdown से लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।

मानसिक विकार की संख्या

आज Approx 1 Million से अधिक लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे है और प्रत्येक 40 second मे एक व्यक्ति आत्महत्या करके स्वयं की जान का दुश्मन बनता जा रहा है।

मानसिक तनाव के लक्षण 

मानसिक तनाव से जूझने वाले व्यक्ति मे कुछ विशेष लक्षण दिखाई देते हैं। 

जैसे उदास रहना, थकान, डर लगना, भूलने की समस्या, नींद ना आना, कमजोरी, आत्मविश्वास मे कमी आदि।

यह बात हर किसी को हर दिन याद रखनी चाहिए कि तनाव किसी समस्या का हल नही होता बल्कि कई अन्य समस्याओं का जन्मदाता होता है।             

उदाहरण

तनाव आपको अत्याधिक सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त करता है। दुनिया मे सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का प्रमुख कारण मानसिक तनाव होता है। यह आपका स्वभाव चिड़चिड़ा कर आपकी खुशी और मुस्कान को भी चुरा लेता है। इससे बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले अनावश्यक कारणों को जीवन से दूर करना जरूरी ही नही अनिवार्य हो गया है।                          

चूंकि पूरा विश्व मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो रहा हैं और तनाव से दूर रहने के प्रयास कर रहा है। तो हमें भी कोशिश करनी चाहिए कि किसी भी समस्या मे अत्याधिक तनाव नही लेंगे क्योंकि यह कई तरह की शारीरिक समस्याओं को भी जन्म दे सकता है। 

चिंता चिता के समान

आखिरकार तनाव लेने से समस्याएं सुलझाने के बजाए और अधिक जटिल हो जाती है। तो बेहतर यही है कि उन्हें शांति से समझते हुए हल किया जाए।          

समस्या मे मुस्कुराना भूलना नही चाहिए। इसलिए हंसते रहिए मुस्कराते रहिए और चिंता को दूर भगाते रहिए।

मानसिक तनाव से बचाव

मानसिक तनाव से बचने के लिए हमें रोजाना सुबह-शाम योगा , प्राणायाम, अभ्यास करना चाहिए और हमें अपने आप को कामकाज मे व्यस्त रखना चाहिए इससे हम तनाव से मुक्ति पा सकते हैं।

मानसिक शांति

आज के समय में मानसिक शांति का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। मानसिक शांति को प्राप्त करने के लिए योग, प्राणायाम,ध्यान और कई तरह के अलग-अलग तरीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल अति आवश्यक है।

योगा स्वास्थ्य मे सुधार करना और मोक्ष प्राप्त करना है। तो योग तनाव, चिंताओं और परेशानियों का बहुत ही सरल इलाज है। 

योगा का उद्देश्य

योग व्यक्ति को शक्तिशाली, नीरोग और बुद्धिमान बनाता है। योगा का उद्देश्य आत्मा का परमात्मा से मिलाप करवाना है। यह शरीर, मन तथा आत्मा की आवश्यकताएं पूरी करने का एक अच्छा साधन है।

योग भारतवासीयो के लिए ऋषि मुनियो की दी हुई विरासत है। भारत मे योग 3 हजार वर्ष पूर्व पहले शुरू हुआ। आधुनिक समय मे योग का आदि  गुरु महषि पतंजलि को माना गया है। महर्षि पतंजलि द्वारा योग पर प्रथम पुस्तक “योग-सूत्र” लिखी गई।

प्राणायाम

प्राणायाम दो शब्दों से  मिलकर बना है प्राण +आयाम जिसका अर्थ है- नियंत्रण व नियमन। इस प्रकार जिसके द्वारा सांस के नियमन व नियंत्रण का अभ्यास किया जाता है, उसे प्राणायाम कहते है। सरल शब्दों में कहें तो सांस को अंदर ले जाने व बाहर निकालने पर उचित नियंत्रण रखना ही प्राणायाम है। 

प्राणायाम करने के फायदे  

प्राणायाम से शरीर का रक्तचाप व तापमान सामान्य रहता है। इससे मानसिक तनाव व चिंता दूर होती है।प्राणायाम से हमारी सांस लेने की प्रक्रिया मे सुधार होता है।प्राणायाम करने से आध्यात्मिक व मानसिक विकास मे मदद मिलती है।  

प्राणायाम के साथ ईश्वर की भक्ति 

प्राणायाम के साथ-साथ राम का नाम लिया जाए तो सोने पर सुहागा हैं। इससे इच्छाशक्ति बढ़ेगी और व्यक्ति को हर समस्या का समाधान अपनी अंतर आत्मा से मिल जाएगा और व्यक्ति को तनाव से मुक्ति मिल जाएगी।

थीम 2020

इस बार विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2020 की थीम सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य अधिक से अधिक निवेश, ज्यादा से ज्यादा पहुँच है।

विश्व शाकाहार दिवस 2020: प्रत्येक वर्ष विश्व भर में अक्टूबर माह के पहले दिन यानि 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस के रुप में मनाया जाता है। आपको बता दें विश्व भर में शाकाहारी भोजन की धीरे-धीरे वापसी हो रही हैं।लोग धीरे-धीरे माँसाहार को छोड़कर शाकाहार को अपना रहे हैं। शाकाहारी भोजन मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद है। यही कारण है कि लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को विश्व शाकाहार दिवस के रुप में मनाया जाता है। 

शुरूआत 

विश्व शाकाहार दिवस मनाने की शुरुआत 1 अक्टूबर 1977 में उत्तरी अमेरिकी शाकाहार समाज द्वारा कि गई थी और वर्ष 1978 में अंतर्राष्ट्रीय शाकाहारी संघ द्वारा शाकाहार से जीवन वृद्धि की समस्याओं को बढ़ावा देने के लिए इसका सहयोग किया गया था। लोगों में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से  World Vegetarian Day  को प्रत्येक वर्ष मनाने की घोषणा की गई थी।

World Vegetarian Day 2020 - Exclusive Samachar

उद्देश्य 

इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों में शाकाहार के प्रति जागरूकता फैलाना है। शाकाहारी भोजन मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। 

शोध में पाया गया आदि मानव शाकाहारी होते थे | हमारे समाज में शुरू से ही शाकाहार और माँसाहार को लेकर विवाद होते आ रहे हैं। लोग यह मानते हैं की शाकाहार की  तुलना में माँसाहार में ज्यादा ताकत होती हैं। लेकिन यह गलत है, धर्मों में पाया गया है कि आदि मानव शाकाहारी होते थे और आज साइंस भी मान रही हैं We are pure vegetarian

आपको बता दें हमारा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए ही बना है। क्योंकि जो जानवर मांस खाते है, उनके दोनों जबड़े हिलते है व उनके दांत नुकीले होते हैं। जबकि दूसरी ओर जो जीव शाकाहारी होते हैं उनका केवल एक ही जबड़ा हिलता है और उनके केवल दो ही दांत नुकीले होते हैं। 

शाकाहारी भोजन के फायदे 

आज  World Vegetarian Day  के मौके पर हम आपको शाकाहारी भी के फायदे बताएंगे।  तो आइए जानते हैं

benefits of vegetarian diet in hindi - Exclusive Samachar

1. हृदय के लिए फायदेमंद 

शाकाहारी भोजन का सेवन से दिल की बिमारी होने का खतरा कम रहता है। शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेशन करने वाले लोगों में हृदय रोग होने की सम्भावना 30% तक कम हो जाती हैं। शाकाहारी भोजन में आप हरी सब्जियां, फल व दाले आदि ले सकते हैं। 

2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

विशेषज्ञों का मानना है कि शाकाहारी भोजन खाने में हल्का होता है और जल्दी पच जाता है। जबकि मांसाहार हमारे मानव शरीर के लिए हानिकारक होता है, उसे मानव शरीर में पचने के लिए काफी समय लगता है और जब वह पचता नहीं तो बहुत सी बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। इसलिए हमें मांसाहार का त्याग कर शाकाहार को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।

3. उच्च रक्तचाप में फायदेमंद 

रिसर्च में यह पाया गया कि शाकाहारी भोजन का सेवन करने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप की समस्या काफी हद तक कम रहती है। क्योंकि शाकाहारी भोजन में कॉम्लेक्स कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए खाने में शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देना चाहिए।

4. कैंसर के खतरे को कम करता है 

अध्ययन में पाया गया है कि शाकाहारी भोजन का सेवन करने वाले लोगों को कैंसर होने का खतरा कम रहता है। इसलिए शाकाहार को हमें अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

5. हड्डियों के लिए फायदेमंद 

शाकाहारी भोजन का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है। शाकाहारी आहार में कुछ ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके लिए दूध आदि का सेवन कर सकते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्सियम मिलता है।

6. वजन को नियंत्रित करने में सहायक 

शाकाहारी भोजन से वजन को कम करने में काफी मदद मिलती है। अगर रोजाना दिन भर में तीन से चार बार फल, सब्जियां व सूखे मेवे सीमित मात्रा में सेवन करते हैं। तो इसकी मदद से कुछ ही दिनों में बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।

आपको बता दें कई लोग मानते हैं कि मांसाहार में ज्यादा ताकत होती है। उसमें ज्यादा प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स पाए जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है उससे ज्यादा प्रोटीन कैल्शियम हमें शाकाहारी भोजन में मिल जाते हैं। जैसे: दाले, पनीर, दूध, फल, सब्जियां  में विटामिन, मिनरलस, प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए फायदेमंद है।

vegetarian diet in hindi - Exclusive Samachar

दुनिया भर में कितनी आबादी शाकाहारी है 

आपको बता दें कई अध्ययनों में साबित हो चुका है कि शाकाहारी भोजन स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। आज यही कारण है कि शाकाहारी आहार का सेवन करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। एनरिच बोल फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में 37.5 करोड़ आबादी शाकाहारी है। जिसमें 

  • भारतीय  31%
  • अमेरिकन 7%
  • यूरोपिय 10%  

संदेश

शाकाहारी भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। तो आप सभी भी अपनी दिनचर्या में मांसाहार को त्यागकर शाकाहार को अपनाएं और अपने देश व समाज को समृद्ध बनाएं व एक स्वच्छ भारत का निर्माण करें।

World Humanitarian Day: मानवता एक ऐसा शब्द हैं,  जिसका अर्थ बहुत ही गहरा है।कहा जाता हैं कि वह जिंदगी बेहद खूबसूरत होती है, जो दूसरों की मदद करते हुए बिताई जाए। दोस्तों Humanitarian भी ऐसे ही लोग हैं, जो बिना किसी भेदभाव के अपनी जान को जोखिम में डालकर दूसरों की निःस्वार्थ भावना से मदद करते हैं। वह अपनी जान की परवाह किए बिना की जान बचाते हैं। 

कब मनाया जाता है ?
मानवतावादी दिवस हर वर्ष 19 अगस्त को विश्व भर में मनाया जाता है।

कौन होते हैं मानवतावादी ?

एक सच्चा मानवतावादी वो है जो किसी दुखी व तड़पते हुए इंसान की मदद करे उसके दुःख दर्द में शामिल हों और उसके दुःख को दूर करने की पूरी कोशिश करे वो ही सच्चा  Humanitarian  है।इसमें डॉक्टर, नर्से, अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी, पुलिस ऑफिसर, सरकारी कर्मचारी और वह संस्थाएं आती है जो दिन रात लोगों की मदद करने में समय लगाते हैं।

 एक अनुमान के मुताबिक 2020 में 168 मिलियन लोगों को Humanitarian Services  और Protection की जरूरत है। मानवतावादी जरूरतमंदों लोगों को खाना, पानी, चिकित्सक सुविधा और घर मुहैया कराते है। 

मानवतावादी जहाँ कही भी प्राकृतिक आपदा आती हैं जैसे- बाढ़़, भूकंप, आग लगना, व सूखा पड़ता है, वहां पहुँच कर पीड़ित लोगों की हर संभव मदद करते हैं।

उद्देश्य 

इसका उद्देश्य दिन रात लोगों की मदद करने वाले लोगों को सम्मान देना हैं और उनको याद करना है जो मानवता की सेवा करते करते शहीद हो जाते हैं।

शुरुआत 

इस दिन 19 अगस्त 2003 में  इराक के बगदाद में स्थित कैनाल होटल पर हुए बॉम्ब अटैक को याद करते हुए भी मनाया जाता है। इस अटैक में इराक के Chief Humanitarian Sergio Vieria De Mello सहित 22 मानवतावादियों की मृत्यु हो गई थी। तो United Nation General Assembly ने इस दिन को मानवता की सेवा करते हुए शहीद हो जाने वाले लोगों को याद रखने के दिन के रूप में घोषित किया।

 पहला World Humanitarian Day 2009 में मनाया गया था। हर साल इस दिन को एक Theme के साथ मनाया जाता है। 

 Theme 2020

इस वर्ष World Humanitarian Day RealLifeHeroes को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जा रहा है। जिन्होंने दूसरों की मदद करने में अपना सारा जीवन लगा दिया। जैसे- मदर टेरेसा, महात्मा गांधी, बिल गेट्स, अब्राहम लिंकन, नेल्सन मंडेला आदि। 

इन्होंने अपना सारा जीवन गरीबों की मदद करने में और मानवता की सेवा करते हुए बिता दिया।
मानवतावादी लोगों की जरुरत 

 जैसा की आप सभी को पता है, आज पूरी दुनिया में कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। तो इस मुश्किल दौर में ही Humanitarian की अहमियत और भी ज्यादा बढ़ गई है। 

इस कार्य में बहुत सी संस्थाएं आगे आ रही है। जो जरूरतमंद लोगों की हर संभव तरीके से मदद कर रही हैं। इन्ही में से Organisation IFRC हैं। 

आइए जानते हैं  IFRC के बारे में 

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस क्रीसेंट सोसायटी (IFRC) दुनिया की सबसे बड़ी संस्था है।जो बिना किसी भेदभाव से जरूरतमंदों की मदद करती है।

 यह संस्था Covid-19 महामारी के समय में जरूरतमंद लोगों को खाना, पानी, चिकित्सक और जरूरी वस्तुएं उपलब्ध करा रही है।

यह  organisation ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर जरूरतमंद लोगों को रक्त सप्लाई कर रही है।
 प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों की मदद कर रही है। आज मानवतावादी कोविड-19 जैसे  pandemic में जरूरतमंद महिलाओं और लड़कियों को सुरक्षित स्थान प्रदान कर रहे हैं।
 गर्भवती महिलाओं की भी हर संभव तरीके से मदद की जा रही है।

संदेश 

 हर साल World Humanitarian Day  सभी लोगों को यही संदेश देता हैं कि जरूरतमंद की हर सम्भव मदद करे। हर कोई मानवतावादी बन सकता है। बस जरूरत है मदद करने के लिए कदम बढ़ाने की।