Teacher’s Day 2021- Know Date and everything you need to know


भारतवर्ष में हर साल 5 सितम्बर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म वर्ष 1888 में हुआ था। वे एक महान विद्वान और शिक्षक थे, शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपना जीवन 40 वर्ष तक एक शिक्षक के रूप में बिताया। इसी लिए उनके जन्म दिवस को टीचर्स डे के रूप में मानते हैं।

अक्सर यह कहा जाता है की शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी होते है। हमारे माता-पिता हमारे पहले गुरु होते हैं, क्योंकि वह हमें जन्म देते हैं, लेकिन शिक्षक हमें अच्छे और बुरे का अंतर बता कर हमारे आने वाले भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व बहुत बड़ा होता है। शिक्षा हर इंसान के लिए जरुरी है। जिसके बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है।

गुरु शब्द का अर्थ क्या है?

गुरु शब्द दो अक्षरों से मिलकर बना है, जिसमें पूरा ब्रह्मांड समाया है। ‘गु’ का मतलब है – अंधकार और ‘रु’ का मतलब है – प्रकाश। जो अज्ञानता रूपी अंधकार में ज्ञान का दीपक जला दे, वो ही सच्चा गुरु है।

हमारे जीवन में गुरु की भूमिका-

‘गुरु’ एक शिल्पकार की तरह होता है, जो अपने विद्यार्थियों को सही ज्ञान प्रदान करके उनको एक योग्य नागरिक बनाता है। किसी भी देश को महान और गौरवशाली बनाने में गुरु की अहम भूमिका होती है।

आखिर गुरु की जरूरत क्यों पड़ी?

कोई भी इंसान गुरु के बिना किसी भी क्षेत्र में महारथ हासिल नहीं कर सकता। इंसान को कदम-कदम पर गुरु की जरूरत होती है। गुरु के बिना शिष्य के जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है।

इंसान का पहला गुरु कौन होता है?

मां इंसान की पहली गुरु होती है, जो कि उसको खाना, पीना, बोलना सिखाती है। इसलिए हमारे धर्मों में मां को भगवान का दर्जा दिया गया है। उसके बाद स्कूल , कॉलेज में उसको टीचर, लेक्चरर के द्वारा शिक्षा दी जाती है।

क्या लक्ष्य होता है एक गुरु का अपने शिष्यों के प्रति ?

शिष्यों को हमेशा यह विश्वास दिलाकर कि वे कुछ बन सकते हैं, कुछ कर सकते हैं। उनका यही लक्ष्य रहता है कि वे अपने विचारों से अपने शिष्यों के जीवन में बदलाव लाकर उनके आचरण को और उनको ऊंचाइयों पे ले जाएं।

कैसा होना चाहिए एक गुरु को ?

एक आदर्श गुरु को निष्पक्ष और अपमान से प्रभावित हुए बिना हर समय विनम्र रहना चाहिए। उन्हें छात्रों के स्वास्थ्य और एकाग्रता के स्तर को बनाए रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने चाहिए। छात्रों के मानसिक स्तर में सुधार लाने के लिए पढ़ाई से अलग अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें दुनियावी ज्ञान के साथ साथ हमारे धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों का भी ज्ञान देना चाहिए।

निष्कर्ष-

हमारा जीवन बिना गुरु के व्यर्थ है। हमे अपने गुरुओं का आदर सत्कार करना चाहिए। 5 सितंबर का दिन जो हम टीचर्स डे के रूप में मनाते हैं। इस दिन हमें अपने गुरुओं का धन्यवाद करना चाहिए, जिन्होंने हमें शिक्षा दी और एक अच्छा जीवन जीने के काबिल बनाया ।

Author: admin

Admin: Hindi Blog Exclusive Samachar

Leave a Reply