Why Black Fungus spreading only in India? Let us know the opinion of experts-


आखिर क्यों बढ़ रहे हैं भारत में ब्लैक फंगस के मामले

ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मामले भारत में कोरोना की दूसरी लहर में देखने को मिल रहे हैं। जिन्होंने बड़ी संख्या में तबाही मचा रखी है। ऑक्सीजन और हस्पताल में बेड्स की कमी से बहुत से मरीजों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

जैसे कि आप जानते है, कोरोना महामारी की समस्या तो सारी दुनिया में फैल रही है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिर ब्लैक फंगस की समस्या केवल भारत में ही दिनों- दिन क्यों बढ़ती जा रही है।

भारत में इसका सबसे बड़ा कारण लापरवाही और घर पर ही दवाईयां लेना बताया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार ब्लैक फंगस से निपटने के लिए लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन भी इंजेक्शन का उपयोग होता है। इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के द्वारा पांच और कंपनियों को इसको बनाने का लाइसेंस दिया गया है।

पूरा विश्व अभी तक कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहा है तो दूसरी भारत में ओर चैलेंज ब्लैक फंगस ने दी दस्तक जो एक बेहद ख़तरनाक इंफेक्शन है और पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के मरीजों को तेज़ी से अपना शिकार बना रहा है। जिससे लोग बेहद चिंतित हैं। इसकी शुरुआत दिल्ली से हुई उसके बाद में गुजरात, अहमदाबाद, पंजाब राजस्थान इत्यादि को इसने अपनी चपेट में ले लिया है, जो बेकाबू हो रहा है और कुछ मरीजों की मौत हो चुकी है। भारत में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक 11 हजार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके है। कई राज्यों में इसे महामारी घोषित किया जा चुका है। तो आइए जानते हैं भारत में फैल रहे ब्लैक फंगस के बारे में, इसके लक्षण और बचने के उपाय?

ब्लैक फंगस क्या है-

ब्लैक फंगस या म्यूकर माइकोसिस एक ऐसी घातक फंगल बीमारी है, जोकि म्यूकरमायोसिस नाम के फंगाइल से होता है। जो शरीर के जिस भी भाग में होता है, उसे खत्म कर देता है।

ब्लैक फंगस हमारे शरीर पर कैसे असर डालता है-

  • चेहरे, नाक व आंख के अलावा मस्तिष्क को अपनी चपेट में ले रहा है।
  • जिससे आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा होता है।
  • दिमाग के साथ-साथ साइनस फेफड़ों पर भी असर डालता है।

ब्लैक फंगस किसी भी आयु के व्यक्ति में देखा जा सकता है ये बीमारी इतनी घातक है कि जहां भी हो जाए वो अंग निकालने पड़ते हैं।

क्या है ब्लैक फंगल का वैज्ञानिक नाम-

ब्लैक फंगस का वैज्ञानिक नाम म्यूकोरमाइकोसिस है, जो एक घातक व बहुत कम होने वाला फफूंद संक्रमण है। जो भारत में Covid-19 के मरीजों में तेजी से फ़ैल रहा है।

कैसे फैलता है ब्लैक फंगस और कहां पाया जाता है-

ब्लैक फंगस एक रेअर संक्रमण है जोकि हमारे वातावरण में कहीं से भी पाया जा सकता है। जो सांस के द्वारा हमारे शरीर में पहुंच जाता है। ब्लैक फंगस हमारी धरती के साथ-साथ सड़ने वाले ऑर्गेनिक पदार्थों जैसे कि बड़ी लकड़ी, कम्पोस्ट खाद व पत्तियों में पाया जाता है।

इतिहास-

अगर देखा जाए तो हमारे लिए ब्लैक फंगस बीमारी नई है, लेकिन जर्मनी के पाल्टाॅफ नाम के एक पैथोलॉजीस्ट ने 1885 में ब्लैक फंगस का पहला मामला देखा था इस को म्यूकोरमाईकोसिस नाम अमेरिकी पैथोलॉजीस्ट आरडी बेकर ने दिया था। 1955 में इस बीमारी से बचने वाला पहला व्यक्ति हैरिस था।

ब्लैक फंगस होने के लक्षण-

कोरोना वायरस के चलते इसके लक्षणों को पहचान पाना मुश्किल है। लेकिन ये देखा गया है कि जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती, उनको ये अपनी चपेट में लें रहा है जैसे कि

मस्तिष्क व साइनस संबंधी म्यूकरमायोसिस के लक्षण में शामिल होने वाले-

  • सिरदर्द
  • चेहरे के एक तरफ सूजन
  • चेहरे पर जैसे कि नाक,आंख व मुंह वाले हिस्से में काले घावों का भयंकर रूप धारण करना।

फेफड़ों से संबंधित म्यूकरमायोसिस के लक्षण-

  • बुखार होना
  • खांसी
  • छाती में दर्द होना
  • सांस लेने में मुश्किल आना

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से संबंधित म्यूकरमायोसिस के लक्षण-

  • उल्टी आना
  • पेट में दर्द होना

ब्लैक फंगस के शरीर में फैलने की आशंका-

  • ब्लैक फंगस के होने की संभावना उन्हें ज्यादा होती है, जो कि पहले से ही किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हो।
  • निरंतर उन दवाइयों का इस्तेमाल करना जोकि आपकी इम्यूनिटी को कम कर रही हो।
  • जो व्यक्ति मधुमेह के मरीज हो ।
  • जिसकी ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं होती है, तो वो डाॅक्टर की सलाह लिए बिना स्टेराॅइड लेना न छोड़ें।
  • गंदे मास्क का इस्तेमाल करने से।
  • शरीर में धीमी उपचारात्मक क्षमता के कारण।

इन अफवाहों से बचें इन पर न दें ध्यान-

  • कुछ लोगों का मानना है कि कुछ भी कच्चा खाने से फंगस इन्फेक्शन हो रहा है जोकि गलत धारणा है।
  • कहीं ओर से लाए गए सिलिंडर द्वारा कोरोना के मरीज को ऑक्सीजन सपाॅर्ट की वजह से।
  • होम आइसोलेशन में रह रहे, अधिकतर कोरोना मरीजों में फंगस इन्फेक्शन के लक्षणों में देखा जा सकता है।

इससे बचने के उपाय-

  • मरीज की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उसे फल, संतरा व नीबू पानी दें।
  • तली चीजें न देकर इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत करने वाले पदार्थों का सेवन करें।
  • शरीर में पानी व नमक की मात्रा कायम रखी जाएं। मरीज पर लगातार निगरानी रखे। समय पर उपचार न मिलने की वजह से जानलेवा हो सकती है।

अपने आप को फंगस इंफेक्शन से कैसे बचाएं-

  • यदि हमारे शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होगा, तो कोई भी बीमारी हमारे शरीर में प्रवेश नहीं कर सकती। इसलिए सबसे मुख्य कारण शरीर को स्वस्थ व फिट रखने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होना चाहिए।
  • स्टेराॅईड का अतिरिक्त सेवन न करें।
  • मधुमेह को नियंत्रित रखने का प्रयत्न कीजिए।
  • जिस व्यक्ति को म्यूकरमायोसिस की बीमारी हो उस व्यक्ति के संपर्क से दूर रहें।
  • कैंसर, एड्स वाले मरीजों को फंगल इंफेक्शन का अधिक खतरा होता है।
  • अगर समय पर इसके लक्षणों को पहचानकर उपचार हो जाए तो व्यक्ति ठीक हो जाता है।

ब्लैक फंगस से बचने के लिए इम्यूनिटी से भरपूर पदार्थ ले, यदि आप इस बीमारी का शिकार हो गए हो जाए तो तुरंत इन लक्षणों को पहचानें और डाॅक्टरों से सही समय पर उपचार करवाएं।

Author: admin

Admin: Hindi Blog Exclusive Samachar

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