World Population Day 2021: Theme, History and Significance


जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाए, देश को प्रगति के पथ पर लाएं -‌ विश्व जनसंख्या दिवस 2021

किसी देश, शहर, जिले व क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या को जनसंख्या कहा जाता है। किसी भी देश की जनसंख्या अपने राष्ट् की अमूल्य पूंजी होती है, जो वस्तुओं व सेवाओं का उत्पादन, वितरण और उपभोग करती है। जनसंख्या आर्थिक विकास का संवर्द्धन करती है। लेकिन जनसंख्या वृद्धि किसी भी राष्ट्र के विकास मे रुकावट पैदा करती है।

जनसंख्या वृद्धि क्या है –

किसी क्षेत्र की जनसंख्या का बढ़ना जनसंख्या वृद्धि कहलाता है। जो कई प्रकार की चुनौतियां व अनेक समस्याएं पैदा करती है।जब जनसंख्या जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है, तो देश और दुनिया के ऊपर कई प्रकार के प्रभाव पड़ते है। जनसंख्या वृद्धि से सरकार के पास काम की कमी हो जाती है, बेरोज़गारी की समस्या बढ़ जाती है और अन्य वस्तुओं के दाम बढ़ जाते है। विश्व में जनसंख्या वृद्धि एक समान नही है। स्वास्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाना लगाना अति आवश्यक है। आइए हम जनसंख्या विस्फोट के कारण, प्रभाव व उपाय के बारे मे विस्तार से जानते है।

विश्व जनसंख्या दिवस कब व क्यों मनाया जाता है –

विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालित परिषद द्वारा 1989 में पहली बार हुई। जब विश्व भर की आबादी का आंकड़ा 5 अरब के पास पहुंच गया, तो संयुक्त राष्ट्र की गवर्निंग काउंसिल द्वारा किए गए फैसले के अनुसार 1989 में विकास समुदाय की सिफारिश द्वारा तय किया गया। तब से हर साल 11 जुलाई के दिन को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।

विश्व जनसंख्या दिवस की 2021 की थीम –

इस वर्ष की नई थीम तैयार की गई है। इस बार की थीम का विषय परिवार नियोजन, लोगों का विकास व राष्ट्र की प्रगति के विषय पर बनाया गया है।

विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य –

विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य दुनिया भर में दिनों-दिन बढ़ रही आबादी को नियंत्रित करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। लोगों को जागरूक करने के लिए इस दिन रैलियां निकाल कर, रोड शो किए जाने के साथ-साथ सोशल मीडिया, विभिन्न कार्यक्रमों व सभाओं को आयोजित किया जाता है। जिसका उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है।

विश्व जनसंख्या दिवस का क्या महत्व है –

दिनों-दिन बढ़ती जा रही जनसंख्या विश्व के देशों के सामने बड़ी भयंकर समस्या का रूप ले चुकी है। विकासशील देशों के लिए जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर चिंता का विषय बन रहा है। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानता और मानवाधिकार के बारे में जानकारी दी जाती है।

विश्व भर में बढ़ रही जनसंख्या के कारण –

  1. गरीबी – लोगों की सोच है कि जितने अधिक बच्चे होंगे, उतनी ही आय में वृद्धि होगी। इसलिए वह सोचते हैं कि जितने बच्चे ज्यादा होगे उतनी ही आमदनी ज्यादा होगी और पैसा ज्यादा कमाएंगे।
  2. चिकित्सा सेवाओं में वृद्वि होना – आज हमारे देश भर में आधुनिक चिकित्सक क्षेत्र में बहुत सारी सफलताएं प्राप्त कर ली है। जिसके कारण मृत्यु दर में गिरावट आ रही है और महामारी कुपोषण के कारण मृत्यु दर में कमी आ रही है। यह सब स्वस्थ्य सुधार के कारण ही संभव हुआ है, जोकि जनसंख्या वृद्धि का एक कारण है।
  3. बाल विवाह (छोटी आयु में बच्चों का विवाह करना) – लोग अशिक्षित होने के कारण अपने बच्चों का विवाह छोटी आयु में ही कर देते हैं। जिसके कारण जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। ये भी एक कारण है जनसंख्या वृद्धि का।

जनसंख्या वृद्धि से होने वाले नुक्सान –

  1. दिनों- दिन बढ़ रही रोजगार की समस्या – विश्व की जनसंख्या तो दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। परन्तु रोजगार के साधन सीमित ही है। इसलिए देश भर में बेरोजगारी तेजी से बढ़ना भी एक कारण है।
  2. खाद्य सामग्री में समस्या आना – जहां देश की जनसंख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, तो दूसरी ओर खाद्य पदार्थों में कमी होती जा रही है। जिसके कारण बच्चों का शारीरिक विकास नहीं हो पाता और बच्चों में पोषण की कमी होती है। खाद्य सामग्री के न मिलने के कारण महंगाई बढ़ रही है।
  3. लोगों का अशिक्षित होना – बहुत से लोग ऐसे हैं जो कि अक्सर अशिक्षित होने के कारण छोटे परिवार के महत्व को नहीं जानते, जोकि जनसंख्या वृद्धि का बहुत बड़ा कारण है।
  4. चिकित्सक व्यवस्था में कमी आना – निरंतर बढ़ती जा रही जनसंख्या के कारण अस्पतालों में अधिक भीड़ होने के कारण रोगियों की देखभाल अच्छे ढंग से नहीं हो पा रही है।
  5. प्रदूषण – जनसंख्या में लगातार वृद्धि होने के कारण जल, वायु और मृदा प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।
  6. कृषि भूमि का बटवारा होना – परिवार में ज्यादा बच्चे होने के कारण परिवार का बंटवारा होने पर भूमि का भी बंटवारा हो जाता है। जिससे आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है।

जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए दिए गए सुझाव –

  1. कठोर कानून व्यवस्था – भारत में निरंतर बढ़ रही जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए कठोर कानून व्यवस्था होनी चाहिए।
  2. उचित शिक्षा की व्यवस्था – बढ़ती हुई जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए उचित शिक्षा की व्यवस्था अति आवश्यक है। क्योंकि शिक्षा के माध्यम से ही हम छोटा परिवार सुखी परिवार के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे।
  3. आर्थिक सुधार – व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुसार ही अवसर उपलब्ध करवाकर हम उसकी आर्थिक स्तर में सुधार लाया जा सकता है।

निष्कर्ष:

2011 में की गई जनगणना के अनुसार भारत की आबादी 121 करोड़ थी, जो 2030 तक चीन से ज्यादा होने का अनुमान है। अगर ऐसे में भारत की जनसंख्या बढ़ती गई तो भारत सरकार के लिए ये एक बहुत बड़ी चुनौती है।जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए उच्च स्तर पर प्रयास होने चाहिए‌ व परिवार नियोजन के लिए में लोगों को जागरूकता फैलानी चाहिए।

Author: admin

Admin: Hindi Blog Exclusive Samachar

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