World Sight Day 2020: विश्व दृष्टि दिवस 2020
प्रतिवर्ष अक्टूबर के दूसरे गुरुवार का दिन विश्वभर में दृष्टि दिवस (World Sight Day) के रूप में मनाया जाता हैं।दृष्टि हानि और अंधापन जैसी आंखों में होने वाली गम्भीर समस्याओं के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए दृष्टि दिवस मनाया जाता हैं।इस साल विश्व दृष्टि दिवस 8 अक्टूबर यानी की आज मनाया जा रहा हैं।
आंखें भगवान की वह नियमित देन है जिससे हम संसार को देख पाते है। यह शरीर का वह अभिन्न अंग है, जिस के द्वारा हम रोजमर्रा के काम करने के काबिल तो है ही, इसके साथ ही कुदरत के रंगों को भी देख पाते हैं।
आधुनिक यंत्र कंप्यूटर, स्मार्ट फोन, टीवी जैसे यन्त्रों के लगातार इस्तेमाल से अक्सर लोग आंखों की कमजोरी व बीमारियों से परेशान रहते हैं।इसके साथ ही हमारी ख़राब लाइफस्टाइल की वजह से काफी स्वास्थ्य सबंधी समस्याएं हो रही है, जिसमें आंखों की समस्या भी जुड़ी हुई हैं।
आइए जानते है हमें अपनी आंखों की देखभाल के लिए क्या-क्या करना चाहिए
आंखों में होने वाली समस्या के लक्षण
1. आंखों का लाल हो जाना, जलन होना।
2. आंखों में खुजली, सूजन और दर्द का होना।
3.आंखों के आगे छोटे-छोटे धब्बों का नजर आना।
4. आंखों के आगे धुँधलापन आना, साफ़ न दिखना।

आंखों में होने वाली समस्याओं के कारण
1. ज्यादा प्रदूषण की वजह से आंखों में धूल मिट्टी का चले जाना।
2. कंप्यूटर, मोबाइल का ज्यादा समय तक उपयोग करना।
3. जरूरत से ज्यादा कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से भी आंखों में जलन महसूस हो सकती हैं।
अगर आपको भी इस तरह से कोई आंखों की परेशानी सता रही है, तो आप ये घरेलू उपचार कर के अपनी आंखों को तरोताजा रख सकते है !!
बारिश का पानी -बरसात का पानी आंखों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। बरसात के समय में गर्दन ऊपर उठाकर आसानी से आंखों में आने वाली बूंदों को आंखों में डलने दें, इससे आंखे एकदम साफ हो जाती है। ध्यान रहे कि बारिश होने के कम से कम आधा घन्टे बाद ही आप ऐसा करें, क्योंकि शुरुआती बारिश में धूल कण मिले हुए होते हैं।
व्यायाम
नेत्र व्यायाम से नेत्र उत्तकों (Eye Muscles) का लचीलापन बना रहता है। नेत्रों में रक्त परिसंचरण (Blood Flow) अच्छा होता है जिसका सीधा असर हमारी आंखों पर पड़ता हैं।
आंखों के लिए व्यायाम
– एक पेंसिल ले, उसे एक हाथ की दूरी पर पकड़े। अब उसकी नोक पर ध्यान केंद्रित करें और पेंसिल को धीरे- धीरे अपनी नाक के पास लाएं और फिर दूर ले जाएं। ध्यान रहे, पूरा समय पेंसिल की नोक से नजर न हटाये।ऐसा दिन में 10 बार करने से बहुत लाभ होगा।
– आंखों को 5-5 second क्लॉकवाइज (clockwise) और एंटी क्लॉकवाइज (Anti-Clockwise) दिशा में घुमाएं। ऐसा दिन में 5-6 बार करना चाहिए।

– 20 से 30 बार तेजी से पलको को झपकाने से भी बहुत फ़ायदा मिलता हैं।
– आंखों पर जोर डाले बिना दूर की किसी वस्तु पर ध्यान लगाना चाहिए। सबसे बढ़िया विधि है – चाँद पर ध्यान केंद्रित करना । संध्या या सुबह के समय जल्दी उठकर दूर की हरियाली पर नज़र केंद्रीत कर सकते है। ऐसा 5 मिनट रोज करने से आपको बहुत फ़ायदा मिलेगा।
इस प्रकार अच्छे परिणामों के लिए यह नेत्र व्यायाम नियमित तौर पर करते रहना चाहिए।
आहार
- हरी मिर्च – आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए खाने में ताजी हरी मिर्च का लगातार सेवन करें।
- त्रिफला – त्रिफला रात को भिगों दे, अगले दिन सुबह 2 से 3 बार अच्छी तरह से छानकर शहद में मिलाकर आंखों में डालने से बहुत फ़ायदा मिलता हैं।
- आंवला – आंवला में विटामिन सी भरपूर होता है और विटामिन C धमनियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है, जिस कारण नेत्रों में रक्त-परिसंचरण सही तरीके से होता है। इसके साथ-साथ विटामिन C रेटिना की कोशिकाओं के लिए भी अच्छा होता हैं।
- ड्राई फ्रूट एंड नट्स – आंखों की देखभाल के विटामिन E से भरपूर चीज़ों का सेवन करना जरूरी है, क्योकि आंखों में विटामिन E की कमी से कमजोरी आ जाती हैं।बादाम , काजू, अखरोट, सूरजमुखी के बीज, मूँगफली आदि में विटामिन E भरपूर मात्रा में पाया जाता है, आप इनका सेवन नियमित रूप से करें।
- फ्रूट्स – आंखों को तरोताजा , हेल्थी रखने के लिए विटामिन C का सेवन करना जरूरी है, जो खट्टे फलों में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।इसके लिए आप सन्तरा,अमरूद,निम्बू,आंवला का नियमित रूप से सेवन करें।
इसके साथ आप अपनी अच्छी दृष्टि के लिए गाजर, पालक, चकुंदर, मीठे आलू, ब्लूबेरी, ब्रोकोली, गोभी, हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करें।
आंख में कुछ गिरने पर
अगर आंख में कुछ गिर जाए तो उसे सख़्त कपड़े से साफ नहीं करना चाहिए, बल्कि अंजुली में साफ पानी भरें औऱ फिर अपनी आंख को उसमें डूबोकर क्लॉकवाइज़ और एन्टी क्लॉकलवाइज़ इधर-उधर घुमाए, कुछ ही पलों में आंख में गिरा कण निकल जाएगा।
आधुनिक यन्त्रों का सीमित प्रयोग
आंखों को सुरक्षित रखने के लिए कंप्यूटर, आईपैड, स्मार्ट फोन से दूरी के साथ ही life style में बदलाव जरूरी हैं।
जिस कमरे में कंप्यूटर हो, उसमें उचित प्रकाश का होना जरूरी है। ज्यादा तेज रोशनी भी नही होनी चाहिए व प्रकाश व्यक्ति के पीछे से होना चाहिए सामने से नहीं।
जब भी कंप्यूटर पर लगातार काम करना हो तो हर 20 मिनट के गैप में 20 sec. के लिए स्क्रीन से नजरें हटा लेनी चाहिए और 20 फिट दूर किसी निश्चित बिंदु पर ध्यान केंद्रित करें।
हर रोज़ रात को सोने से पहले अपनी आँखों को साफ ठण्डे पानी से धोएं।
लेंस-बेहतर लेंस का प्रयोग करें या चोंध रहित चश्मा पहनें एवं चोंध रहित स्क्रीन का प्रयोग करना चाहिए। जब कभी भी स्क्रीन के सामने घण्टे भर बैठना पड़े तो Dry Eyes से बचने के लिए पलकों को धीरे धीरे झपकाते रहना चाहिए।
हरी घास – सुबह – शाम नंगे पैर हरी घास पर चलना व हरियाली को निहारना भी आंखों की रोशनी को बढ़ाता हैं व आंखों को ताज़गी प्रदान करता है।
नेत्रदान कर लोगों की ज़िंदगी को करें रोशन
बार-बार नेत्रदान के प्रति जागरूकता फैलाने के बाद भी नेत्रदान करने वालों के वर्तमान आंकड़े पर बात करें तो दानदाता एक फ़ीसदी से भी कम है।आज हमारे देश मे 25 लाख से भी ज्यादा लोग दृष्टिहीन हैं।प्रतिवर्ष देश में मृत्यु का आंकड़ा करीब 80 से 90 लाख लोगों तक का होता है। लेकिन नेत्रदान 20-25 हजार के पास ही होता है।
दृष्टिहीन लोंगो की सहायता के लिए जगह-जगह पर नेत्रदान के लिए Eye Bank खुले हुए हैं।रक्तदान की तरह नेत्रदान के लिए जागरूकता बढ़ा कर दृष्टिहीन लोगों की संख्या में कमी ला सकते हैं।
मृत्यु के पश्चात एक व्यक्ति 4 लोगों को रोशनी प्रदान कर सकता है। पहले 2 आंखों से 2 ही कार्निया प्राप्त होती थी, लेकिन अभी नई तकनीक “डिमैक” आने के बाद 1 आंख से 2 कार्निया प्राप्त की जा सकती है।व्यक्ति के मरने के बाद पूरी आंख नही बल्कि 1 रोशनी वाली काली पुतली को ही निकाल जाता हैं।ध्यान रहे मौत के 6 घण्टे तक ही कार्निया प्रयोग में लायी जा सकती है।अभी हमारे देश मे 25 लाख से ज्यादा लोगो को कार्निया की जरूरत है, अगर उन्हें कार्निया मिल जाए तो उनकी जिंदगी भी रोशन, रंगीन हो जाएगी, वह भी अपनी जिंदगी के रंग देख पाएंगे।