Archive

2021

Browsing

भारत में तबाही मचाने के लिए फिर से आया कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) का विकराल रूप|

एक तरफ पूरा विश्व जहां अभी कोरोना के कहर से जूझ रहा है, तो दूसरी ओर नई मुसीबत के संकेत मिल रहे है। भारत में पहली बार कोरोना का नया वेरिएंट AY.1 या डेल्टा+ सामने आया है। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना का ये नया रूप बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है। ये नया वेरिएंट इतना खतरनाक है कि यह संक्रमण के इलाज में प्रस्तावित मोनोक्लोनल एंटीबॉडी काॅकटेल को भी मात दे सकता है। आइए जानते हैं क्या है नया वेरिएंट और कितना ख़तरनाक साबित हो सकता है हमारे लिए?

क्या है डेल्टा वेरिएंट –

कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) ने अब अपना रूप बदल लिया है। जिसे नया वेरिएंट B.1.617.2.1 का नाम दिया गया है। जिसको आसान भाषा में ‘AY.1’ का नया नाम दिया गया है। ये वेरिएंट भारत समेत कई देशों में धीरे-धीरे फैलता जा रहा है।

डेल्टा प्लस वेरिएंट कैसे बना –

डेल्टा प्लस वेरिएंट, एक डेल्टा वेरिएंट यानी कि बी.1.617.2 स्ट्रेन के म्यूटेशन से बना है। जिसका नाम K417N है जोकि अब पुराने वाले वेरिएंट में कुछ बदलाव होने के कारण एक नया वेरिएंट सामने आ गया है। वायरस का वह हिस्सा जिसे स्पाइक प्रोटीन कहा जाता है। जिसके द्वारा वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करने के साथ-साथ हमें संक्रमित करता है।

नए वेरिएंट के सैंपल को सबसे पहले कहा और किस देश में पाया गया –

दुनिया भर में नए वेरिएंट के156 सैंपल सामने आए हैं। जिसका पहला सैंपल मार्च में यूरोप देश में पाया गया था। परन्तु भारत में ये वेरिएंट अप्रैल के महीने में सामने आए। GISAID अपलोड डेटा के मुताबिक, भारत में 8 सैंपल अब तक पाएं जा चुके हैं।

भारत के किन-किन राज्यों से इसके सैंपल मिले हैं –

भारत में जो सैंपल मिले हैं उनमें से तीन तमिलनाडु, एक-एक ओडिशा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और महाराष्ट्र के हैं। वायरस द्वारा स्पाइक प्रोटीन में हुए AY.1 के इस म्यूटेशन की पहचान K417N नाम से हुई है। जो ये म्यूटेशन ब्राजील में पाए गए बीटा वेरिएंट में भी मौजूद था।

IGIB के मुताबिक वेरिएंट कितना रोगजनक है –

IGIB – सीएमआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के वैज्ञानिकों द्वारा कहना है कि नए AY.1 वेरिएंट में इम्यून से छिपने के गुण है। ये वैक्सीन, इम्यून रिस्पाॅन्स और एंटीबाॅडी थेरेपी को बाधित करने के साथ-साथ पूरे तरीके से रोगजनक बना सकता है।

IGIB के वैज्ञानिक का ट्वीट में बताना –

विनोद स्कारिया जोकि IGIB के वैज्ञानिक ने ट्वीट में कहा, कि इस नए बदलते वेरिएंट को समझना बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है। जोकि बड़े पैमाने पर इस नए म्यूटेशन के वायरस से फैलने के साथ-साथ इम्यून से बचने की कोशिश की है। UK सरकार द्वारा एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड भी K 417N म्यूटेशन पर नजर रख रहे हैं। क्योंकि वेरिएंट के अब तक लगभग 35 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से दो मरीजों को वैक्सीन की डोज लग चुकी है वो पाएं गए हैं। परन्तु अब तक किसी के मृत्यु की खबर नहीं पाई गई है।

IGIB के शोधकर्ताओं के मुताबिक वेरिएंट कितने समूहों में पाया जाता है –

IGIB के शोधकर्ताओं के मुताबिक, डेटा बताता है कि AY.1 ने वेरिएंट दो अलग-अलग समूहों से संक्रमित पहले से ही मौजूद होता है। जोकि एक छोटा समूह अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया स्पाइक म्यूटेशन A222V से और दूसरा बड़ा समूह भारत, UK नेपाल सहित आठ अन्य देशों में स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन T951 में पाया गया है।

IGIB के बानी जाॅली शोधकर्ता के मुताबिक कहां फैलने की संभावना ज्यादा होती है –

IGIB के बानी जाॅली शोधकर्ता ने एक ट्वीट में बताया है कि बड़े क्लस्टर को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है की AY1 कई बार स्वतंत्र रूप से उत्पन्न हो चुका है। जोकि देश जीनोमिक सर्विलांस की सुविधा सीमित है, वहां पर इसके ज्यादा फैलने के ख़तरे ज्यादा दिखाई देते हैं।

नया वेरिएंट कितना ख़तरनाक है –

COVID-19 के वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप के चेयरमैन वीके पाॅल ने डॉ. ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि ‘जो ये नया वेरिएंट आया है ये ज्यादा चिंता करने वाला नही है। क्योंकि हम अब तक इसको ज्यादा नहीं जानते हैं। बल्कि इसका अध्ययन कर रहे हैं जिसमें भारत के कई मामले भी दर्ज है।

ये तो समय ही बताएगा कि जो ये नया वेरिएंट सामने आया है वो कितना ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए जो भी नियम बताए जाए, उनका पालन करते रहना चाहिए। क्योंकि जो भी बीमारी आती है वो धीरे-धीरे भयंकर रूप धारण करती है। इसलिए इससे बचें और दूसरों को भी बचाएं।

लाखों लोगों के लिए लाइफ लाइन बनने वाले देश के असली हीरो – ई.श्रीधरण

एक निश्चित योजना के तहत काम करने वाले केरल वासी सिविल इंजीनियर ईश्रीधरण ने अपनी कार्यशैली व कुशलता से भारत में सार्वजनिक परिवहन का चेहरा ही बदल दिया। दिल्ली मेट्रो को बुलंदियों तक पहुंचाने वाले श्रीधरन 1995 से 2012 तक दिल्ली मेट्रो रेल निगम के निर्देशक रहे। ई.श्रीधरन के लिए दिल्ली एनसीआर की लाइफ लाइन दिल्ली मेट्रो का निर्माण कार्य किसी सपने से कम नहीं था। लेकिन उन्होंने अपनी कुशलता और श्रेष्ठता से इसे पूरा कर दिखाया।

इनके विकास के कार्य को देखते हुए अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध पत्रकार टाइम मैग्नीज ने इन्हें एशिया का हीरो का टाइटल दिया।

जन्म व आरंभिक जीवन-

श्रीधरन का जन्म केरल के पलक्कड़ जिले में 12 जून 1932 को करूकापुथूर गांव में पिता नीलकंदन मूसा व माता अम्मालुअम्मा के घर हुआ। आरंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल में पूरी करने के बाद श्रीधरन ने इंजीनियर की डिग्री के लिए आंध्रप्रदेश के काकीनाडा में गए। पढ़ाई पूरी करने के बाद शुरुआत के कुछ दिनों के लिए शिक्षक के पद पर काम किया।

श्रीधरन का व्यक्तिगत जीवन-

ई.श्रीधरन का विवाह राधा श्रीधरन के साथ हुआ था। श्रीधरन के चार बच्चे है 3 बेटे और एक बेटी है।

ई. श्रीधरन द्वारा लिखी गई जीविनयां-

दो जीविनयां

प्रथम जीवनी – कर्मयोगी द स्टोरी ऑफ़ इंडिया ई. श्रीधरंस लाइफ कथा जोकि एम.एस. एसोशिएशन द्वारा लिखित है।

दूसरी जीवनी – जीविथाविजयाथिन्ते पादपुस्तकम जोकि पी. वीं. अल्बी द्वारा लिखित है।

मेट्रो मैन – मेट्रो मैन के नाम से प्रसिद्ध हुए श्रीधरन ने कोलकाता मेट्रो से लेकर दिल्ली मेट्रो तक में अहम योगदान दिया। दिल्ली जैसे व्यस्त शहर में श्रीधरन ने मेट्रो का काम बहुत कम समय में पूरा कर दिखाया और देश के कई अन्य शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने की तैयारी की। भारत की पहली कोलकाता मेट्रो सेवा की योजना उन्हीं की ही देन है।

कई प्रोजेक्टों में अहम योगदान –

दिल्ली मेट्रो ना केवल उत्तर प्रदेश के बल्कि हरियाणा के भी दो प्रमुख शहरों गाजियाबाद और नोएडा की शान है। दिल्ली मेट्रो के जरिए दिल्ली एनसीआर के 30 लाख लोग रोजाना सफर करते हैं। लेकिन अब कोरोना के चलते यात्रियों की संख्या कम है। 60 वर्ष तक तकनीकी विद्वान के रूप में अपनी सेवाएं देने वाले 89 वर्षीय श्रीधरण का कोंकण रेल और दिल्ली मेट्रो समेत देश के कई बड़े प्रोजेक्ट में अहम योगदान रहा है।

90 दिन का कार्य 46 दिन में –

दिसंबर 1964 में समुद्री तूफ़ान ने रामेश्वरम और तमिलनाडु को आपस में जोड़ने वाले पम्बन ब्रिज को तबाह कर दिया, तो उस दौरान एक ट्रेन रेलवे ट्रैक पर थी। जिसकी वजह से हादसे में सैंकडों यात्रियों की जान चली गई। पम्बन ब्रिज 164 में से 125 गार्डर पानी में पूरी तरह से डूब गया, तो रेलवे ने उनके निर्माण के लिए 6 महीने का लक्ष्य तय किया लेकिन उस क्षेत्र के इंचार्ज ने काम की अवधि 3 महीने कर दी और जिम्मेदारी श्रीधरन को सौंपी। समय के पाबंद श्रीधरन ने मात्र 45 दिनों के में ही काम पूरा कर दिखाया।

ई. श्रीधरन की मेट्रो परियोजनाएं –

  • दिल्ली मेट्रो- 1997 दिल्ली मेट्रो मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया। इनके नाम और उपलब्धियों के बहुत चर्चे होने के कारण इन्हें मेट्रो मैन की अनौपचारिक उपाधि से नवाजा गया।
  • कोंकण रेलवे- 1990 में इनको काॅन्ट्रैक्ट कोंकण रेलवे का चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया।
  • कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड
  • कोच्ची मेट्रो

ई. श्रीधरन को दिए गए पुरस्कार और सम्मान –

मेट्रो क्रांतिकारी परिवहन में इनके योगदान को देखते हुए 1963 को रेलवे मंत्री का पुरस्कार, 2021 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री, 2002 को ‘द टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ द्वारा मैन ऑफ़ द इयर और श्री ओम प्रकाश भसीन अवार्ड फॉर प्रोफेशनल एक्सीलेंस इन इंजीनियरिंग, 2008 में पद्म विभूषण, फ्रांस सरकार द्वारा 2005 में सर्वोच्च नागरिक अवार्ड से सम्मानित किया गया।

दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो सितारे बन कर उभरते है। जिनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। जिनकी वजह से देश उन्नति के सिखर पर पहुंचता है। भारत को अब आधुनिकता के पहिए पर चलाने के लिए सबकी उम्मीदें श्रीधरन पर टिकी है।

Best Summer Destinations-

गर्मियों का मौसम आते ही चिलचिलाती गर्मी से राहत के लिए सभी को अक्सर प्रकृति के अद्भुत नजारों की याद सताने लगती है। ऐसा लगता है मानो पहाड़ उसे बुला रहे हैं। ठंडी-ठंडी हवाएं, बर्फ से ढके पहाड़, घने जंगल, नदियां, झरने, शांत माहौल उसे मानो आवाज दे रहा है। टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर जून के महीने में जाना सबसे बेहतर है।

कुछ बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के बारे में आज हम चर्चा कर रहे हैं।

कुफरी-

पहाड़ों पर बर्फीले ढलानों की वजह से स्काईंग का लुफ्त उठाने के लिए कुफरी बेहतरीन जगह है। आप महासू पर्वत की चोटी पर स्काईंग का लुत्फ उठा सकते हैं।यहां स्थित हिमालय नेशनल पार्क में आप जानवरों की विभिन्न प्रजातियों को देख पाएंगे। जैसे ब्राउन भालू , पहाड़ी बकरा,
तेंदुआ आदि खास जानवर है।

लद्दाख-

लद्दाख पर्यटकों के बीच लंबे समय से आकर्षण का केंद्र रहा है। लद्दाख जाने के लिए बेस्ट सीजन अप्रैल से अगस्त तक होता है। मौसम का तापमान कम होने की वजह से लोग गर्मियों में लद्दाख घूमना पसंद करते हैं। कुछ लोग विंटर में भी लद्दाख जाते हैं।
विंटर में यहां की नदियां चादर ट्रेक में बदल जाती हैं।

कुन्नूर-

अगर आप दक्षिण भारत के साथ-साथ नीलगिरी के पर्वतों का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो ऊटी की जगह कुन्नूर का प्लान बनाइए। शांत वातावरण और पर्वतों की नुकीली चोटियां यहां की आकर्षण का केंद्र है। यहां स्थित चाय के बागान और रहस्यमय घाटियां आपको जरूर आकर्षित करेंगी।

रूपकुंड-

अगर आप दिल्ली यश के नजदीक के इलाकों में रहते हैं और कम समय में अच्छी जगह घूम कर आना चाहते हैं, तो रूपकुंड एक शानदार जगह है। रूपकुंड की रहस्यमई झील और उसके पास कैंपिंग का खूबसूरत नजारा आपको बहुत पसंद आएगा।

मेघालय-

मेघालय प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर अत्यंत ही खूबसूरत पर्यटन स्थल है। पर्यटन स्थलों में मेघालय की बात ही कुछ अलग है। मेघालय की खूबसूरत बारिश का नजारा पर्यटकों को खासतौर पर आकर्षित करता है, एशिया का सबसे साफ सुथरा गांव mawlynnong और पृथ्वी का सबसे गिला रहने वाला इलाका मासिनराम भी इसी जगह पर स्थित है।

औली-

यह भारत की सबसे ज्यादा ठंडी जगहों में से एक है। सूरज की किरणों के साथ यहां की हरियाली किसी का भी मन खुश कर देगी। औली का मौसम हमेशा ठंडा रहता है और सितंबर से फरवरी के बीच यहां किसी भी वक्त स्नोफॉल हो जाती हैं।

दार्जिलिंग-

यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है ।दार्जिलिंग चाय के बागानों के लिए मशहूर है। दार्जिलिंग की असली खूबसूरती सुबह के नजारों में है। यहां पर आप कई मठों को भी देख सकते हैं।

कुर्ग-

कर्नाटक में बसा हुआ यह इलाका अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। यहां की घाटियों के नजारे आपको बहुत रहात देंगे। यहां पर आप जंगल और पहाड़ों के नजारे भी देख सकते हैं।

कश्मीर-

जब गर्मियों की राहत पाने की बात हो तो कश्मीर को नहीं भूला जा सकता। कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। कश्मीर के पहाड़, गार्डन और कई तरह की झीलें इसकी खूबसूरती को बढ़ाते हैं। यहां की प्राकृतिक छटा देखते ही बनती हैं, डल झील यहां की सबसे प्रसिद्ध झील है।

मनाली-

मनाली बहुत ही हरा-भरा और पहाड़ों से घिरा हुआ इलाका है ।यहां की साफ हवा आपकी थकान दूर कर देगी। यहां पर आप पैराग्लाइडिंग बाइकिंग, राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं।

शिमला-

शिमला बहुत ही जाना माना हिल स्टेशन है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर है। मई-जून की चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए शिमला बहुत ही आकर्षक जगह है।

यहां पर हमने सिर्फ कुछ ही जगहों का जिक्र किया है। भारत तो प्राकृतिक नजारों से भरा पड़ा है। जगह-जगह पर प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है। सभी प्रदेशों में बहुत से आकर्षक पर्यटन स्थल है। बस आप ढूंढिए और और घूमने का मन बनाइए आपको बहुत ही खूबसूरत जगह मिलेंगी।

इंस्टाग्राम पर कोई पोस्ट क्यों और कैसे होता है वायरल, कंपनी ने समझाया पूरा फंडा….

आज के समय में शायद ही कोई इंस्टाग्राम का प्रयोग ना करता हो। एक समय था, जब सोशल मीडिया के नाम पर लोग सिर्फ फेसबुक, व्हाट्सएप और टि्वटर को जानते थे। लेकिन इंस्टाग्राम ने आते ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स के बीच धूम मचा दी। दुनिया भर में इंस्टाग्राम के 1 बिलियन से ज्यादा यूजर है।

आज सोशल मीडिया उन प्लेटफॉर्म्स में से एक है, जो रातों-रात लोगों को पॉपुलर और फेमस बना देता है।

इंस्टाग्राम क्या है-

इंस्टाग्राम में एक बहुत पॉपुलर सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म है। इंस्टाग्राम की मदद से आप अपने रिश्तेदार या दोस्तों के साथ कनेक्ट रह सकते हैं, उन्हें फॉलो कर इनवाइट कर सकते हैं, उनके साथ इंस्टाग्राम पर मैसेज, फोटो और वीडियो शेयर कर सकते हैं। साथ ही अपनी फोटो या वीडियो एक बेहतरीन कैप्शन के साथ अपने मित्रों के खास ग्रुप में शेयर भी कर सकते हैं। इंस्टाग्राम कम समय में बहुत ही ज्यादा पॉपुलर होने वाली एप्लीकेशन है।

इंस्टाग्राम कब और किसके द्वारा बनाया गया-

इंस्टाग्राम केविन सिस्ट्रोम और माइक क्रीगर के द्वारा 2010 में बनाया गया था। अक्टूबर 2010 में इससे iOS operating system के लिए लांच किया गया था। 2012 में एंड्रॉयड डिवाइस के लिए और विंडोज़ के लिए 2016 में यह एप्लीकेशन तैयार की गई। इंस्टाग्राम की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसे फेसबुक ने 2012 में खरीद लिया।

इंस्टाग्राम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। instant + camera= Instagram हम इसे फोटो शेयर करना भी कह सकते हैं। इंस्टाग्राम अपने साइट पर शेयर की गई फोटो को फेसबुक व्हाट्सएप तथा ट्विटर पर शेयर करने की सुविधा देता है। इंस्टाग्राम में स्टोरी फीचर सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। यूजर अपने पसंदीदा फोटो और वीडियो को अपनी स्टोरी पर लगा सकते हैं। इंस्टाग्राम में हम लाइव वीडियो शेयर कर सकते हैं। इंस्टाग्राम टेलीविजन IGTV इंस्टाग्राम से जुड़ा हुआ एप्लीकेशन है, जिस पर हम 1 घंटे लंबे वीडियो भी शेयर कर सकते हैं।

अन्य एप्लीकेशन की तरह इंस्टाग्राम पर आसानी से फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। इंस्टाग्राम ऐप फ्री में डाउनलोड किया जा सकता है। इंस्टाग्राम कैमरा लोगों को फोटो और वीडियो एडिटिंग के साथ शेयर करने की सुविधा देता है। इंस्टाग्राम के अनेक फायदे हैं। इंस्टाग्राम में एक ऐसा नेटवर्क बन चुका है, जिसके माध्यम से लोग ऑनलाइन शॉपिंग और बिजनेस एडवर्टाइजमेंट की ओर रुझान रखने लगे।

इंस्टाग्राम पर कोई पोस्ट क्यों और कैसे वायरल होती है-

कोई भी फोटो या वीडियो अपलोड करने से पहले उससे जुड़े हर स्टाइल के बारे में सर्च कर ले, अगर आप अपने पोस्ट में सही है स्टाइल इस्तेमाल करेंगे तो आपकी पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोग देख पाएंगे। इससे आपके फॉलोअर्स बढ़ने की भी संभावना रहती है। जब आप किसी ट्रेंडिंग #के साथ पोस्ट करेंगे तो लोग आपके पोस्ट देखने में इंटरेस्ट लेंगे।

जब आप अपनी पोस्ट अपलोड करें तो अपनी लोकेशन को टैग जरूर करें। इसके अलावा आप अपने पोस्ट से जुड़े फेमस लोगों को भी टैग कर सकते हैं। इससे आपके पोस्ट की रीच बढ़ेगी। अगर किसी फेमस इंसान ने आपकी पोस्ट को लाइक या शेयर किया तो आपकी पोस्ट वायरल हो सकती है। इससे आपके फॉलोवर्स की संख्या भी तेजी से बढ़ जाएगी। आप अपने पोस्ट में भाषा का भी जरूर ध्यान रखें ताकि उसकी कोई रिपोर्ट ना कर सके।

अगर आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको यह आइडिया होगा कि सबसे ज्यादा लोग सोशल मीडिया पर एक्टिव कब रहते हैं। ऐसे में जिस वक्तज्यादा लोग इंस्टाग्राम पर एक्टिव रहते हैं। उसी वक्त पोस्ट को अपलोड करें इससे आपको पोस्ट की रीच बढ़ने में मदद मिल सकती है।

अगर आप अपना कंटेंट अच्छी क्वालिटी का रखेंगे, तो आपको फॉलोइंग तेजी से बढ़ेगी। अगर आप अपनी पोस्ट को ट्रेंडिंग में लाना चाहते हैं, तो करंट मुद्दों से जुड़े कंटेंट को ही पोस्ट करें। अपनी ऑडियंस को ध्यान रखें और बेहतर तरीके से पोस्ट को प्रस्तुत करें। इससे आपको आपने followers बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अपने इंस्टाग्राम पर ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहें और पोस्ट करते रहे। आप पॉडकास्ट या लाइव स्ट्रीमिंग में हिस्सा लेकर भी अपना सर्कल बढ़ा सकते हैं।

इंस्टाग्राम का एल्गोरिथ्म यूजर्स के लिए हमेशा से मिस्ट्री रहा है। अब कंपनी इसे यूजर्स को समझाने का प्रयास कर रही है। इंस्टाग्राम ने बताया, क्यों किसी पोस्ट पर काफी ज्यादा व्यूज आते हैं जबकि दूसरों पर नहीं। इसके अलावा भी कंपनी कई और फैक्टर्स को समझाने की कोशिश की।

इंस्टाग्राम के कंपनी हेड एडम मोजरी ने ब्लॉग पोस्ट में इसको लेकर एक्सप्लेन किया है। उन्होंने बताया लोगों को यह गलतफहमी है, कंपनी किसी एक एल्गोरिथ्म के आधार पर डिसाइड करती है। कौन सा पोस्ट यूजर्स को दिखाना है और कौन सा नहीं। इसकी जगह कंपनी कई एल्गोरिथ्म का उपयोग करती है। इन सबके अपने उद्देश्य होते हैं। री ने कहा इंस्टाग्राम एक क्रोनोलॉजिकल फील्ड सिस्टम को 2010 में फॉलो करता था, जब इसे लांच किया गया था।

जैसे-जैसे ज्यादा लोग इससे जुड़ते चले गए, यह असंभव हो गया कि सभी पोस्ट सब को दिखाया जाए। 2016 तक लोग सत्तर परसेंट पोस्ट को अपनी फील्ड में मिस कर रहे थे। फिर क्रोनोलॉजिकल फील्ड को रैंक फील्ड में बदल दिया गया।

कंपनी ने यह भी बताया यह पोस्ट के सिग्नल का यूज करके यूजर्स को अपने प्रेफरेंस के आधार पर पोस्ट दिखाता है। इसमें यूजर्स किसी वीडियो को लाइक करता है या किसी यूजर के वह कितना इंटरेस्ट करते हैं। इस आधार पर पोस्ट दिखाया जाता है। अगर इंटरेक्शन ज्यादा है, तो पोस्ट आपके फील्ड में ऊपर दिखेगा।

इंस्टाग्राम एक ही यूजर के पोस्ट लगातार नहीं दिखाता, इसका कारण है ताकि यूजर को एक ही मैसेज बार-बार नहीं देखना पड़े। इसी तरह ये storage को भी de-priorities करता है। अगर स्टोरी यूजर के न्यू स्पीड से शेयर किया गया है, तो इसे de- prioritise किया जाता है। लेकिन अगर कोई इंपॉर्टेंट स्टोरी को पोस्ट से शेयर किया गया तो इसकी रीच कम नहीं होती।

इसी तरह एक्सप्लोरर स्टेशन को भी अलग-अलग एल्गोरिथ्म और सिग्नल से गरवन किया जाता है। इससे डिसाइड किया जाता है किस तरह की स्टोरी दिलचस्प है। कंपनी के अनुसार यह रोज मिलियंस यूजर को हैंडल करता है। यह वादा नहीं कर सकता है जब आप पोस्ट करें तो यह सबको पहुंच जाए। सच यह है ज्यादातर आपके फॉलोवर्स नहीं देख पाते कि आपने क्या पोस्ट किया है, क्योंकि वह अपने आधे फीड को ही देखते है।

नया अपडेट करने पर टेलीग्राम ऐप दे रहा है, आपको शानदार फ़ीचर

आज कल हर एप में हमें थोड़े समय के बाद कुछ न कुछ नए फ़ीचर देखने को मिलते है। इसी कड़ी के‌ तहत टेलीग्राम ने भी अपने यूज़र्स के लिए कुछ नए फीचर्स लांच किए है।
आईए जानते है, इन नए फीचर्स के बारे में।

बिना चैट से वापस जाकर कर सकते है, प्रोफाइल पिक और बायो एडिट-

अब यूज़र्स को अगर अपनी प्रोफाइल पिक या बायो में कुछ बदलाव करने हैं, तो उन्हें चैट से वापस जाने की जरूरत नहीं, चैट के दौरान भी हम इन्हें एडिट कर सकते है।

पेमेंट की ऑप्शन-

इस ऑप्शन की विशेषता यह है कि पेमेंट के लिए टेलीग्राम कोई कमीशन नहीं लेगा और न ही पेमेंट की डिटेल सेव होगी। इस ऐप से पेमेंट करना सुरक्षित भी होगा।

वेब एप्प-

इस के तहत 2 नए वेब एप्प लॉच किए गए है, जिन में एनिमेटेड स्टिकर्स, डार्क मोड इत्यादि विशेषताएं हैं।

अब वॉइस चैट को कर पाएंगे सशेड्यूल-

टेलीग्राम एप्प में अब ग्रुप एडमिन अपनी सुविधा के हिसाब से वॉइस चैट को तारीख और समय के साथ शेड्यूल कर सकते है। यह फीचर कम्युनिटी मेंबर्स को अपने दोस्तों का पता लगाने और कॉल करने का समय देता है।

उम्मीद है आपको ये शानदार फीचर्स पंसद आए होंगे।

ट्विटर यूजर्स के लिए सबसे बड़ी चिंता,निरंतर कम क्यों हो रही फॉलोअर्स की संख्या?

ये देखा गया है ट्विटर पर अकसर आरोपों का सिलसिला लगा ही रहता है। लेकिन इस बार एक अलग ही तरह का आरोप देखने को मिल रहा है कि अचानक ट्विटर यूजर्स के फॉलोअर्स कम होना?

एक वर्ष पहले भी ट्विटर यूजर्स ने अपने फॉलोअर्स कम होने का आरोप लगाया था और *ट्विटर फॉलोअर्स घटाना बंद कर इस हैशटैग ने भारत ट्रेंड में 16वे नंबर पर ट्रेंड किया था। इस हैशटैग पर आठ हजार से अधिक ट्वीट हुए थे।

अचानक ट्विटर यूजर्स के कम हो रहे है फॉलोअर्स-

अब सबसे बड़ी बात ये निकल के सामने आ रही है कि बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर का कहना है कि सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर 36 घंटे के भीतर उनके 80 हज़ार फ्लॉवर्स कम हो गए है। अनुपम खेर के अलावा रिचा अनिरुद्ध और कई लोगों के द्वारा भी इस बात का खुलासा किया गया है।

यूजर्स के अचानक से ही फॉलोअर्स कम होने की शिकायत से इस बार ट्विटर ने अपनी सफाई दी और बताया है कि किस वजह से उसको परेशानी हुई तो आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे बड़ी वजह ?

ट्विटर स्पैम प्रोफाइल को हटा रहा है-

संभवतः ट्विटर का कहना है कि इसके पीछे वजह स्पैम प्रोफाइल को ट्विटर से हटाना है। एक पोस्ट द्वारा ट्विटर का बताना है कि कंपनी सबसे अधिक मनमाने ढंग से अपनी वैरिफाई करने के लिए कहती है। जैसे कि फोन नंबर या पासवर्ड नंबर से। इस तरह कंपनी द्वारा बताया गया कि “हम ऐसे स्पैम को रोकने और सभी खातों को सुरक्षित रखने में मदद के लिए नियमित रूप से ऐसा कर रहे हैं। जिसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि जो प्लेटफॉर्म होता है वो उन खातों की जांच करता है जो अस्थायी रूप से ईमेल आईडी के साथ बनाएं गए। ट्रोल खातों के रूप में काम व ऑफलाइन व्यवहार द्वारा प्रोजेक्ट किये जाते है, अगर ट्विटर का कोई भी अकाउंट फर्जी या निष्क्रिया पाया जाए तो उस ट्विटर अकाउंट को लाक कर दिया जाता है। ऐसे यूजर्स दूसरों के फाॅलोअर्स लिस्ट में दिखाई नहीं देते।

Twitter द्वारा via SMS service को बंद करना भी हो सकती है इसकी एक वजह-

जैसे कि हम जानते ही हैं कि पिछले वर्ष ट्विटर द्वारा अधिकांश देशों में एसएमएस सेवा के माध्यम से ट्विटर को बंद करने का फैसला किया था। एसएमएस सेवा के साथ-साथ कंपनी ने कमजोरियों के बाद यूजर्स के ट्विटर खाते को सुरक्षित रखने का निर्णय लिया था। ट्विटर ने दावा किया था कि इस सेवा को हटाने के कारण, कुछ यूजर्स को अपने ट्विटर पर कुछ फाॅलोअर्स की संख्या में गिरावट देखने को मिल सकती है। कंपनी ने बताया कि इन निष्क्रिय खातों को हटाने के बाद उपयोगकर्ताओं के ट्विटर प्रोफाइल अधिक सक्रिय व प्रामाणिक फाॅलोअर सुनिश्चित होंगे।

एक्टिव अकाउंट न होने पर उनको हटा देना भी बन रहा है, इसकी एक वजह-
‌‌
ट्विटर ने बताया है कि निष्क्रिय व लगातार रिपोर्ट किए जा रहे अकाउंट को प्लेटफार्म से हटा दिया जाता है। जिसका असर यूजर्स के फाॅलोअर्स के कम होने पर देखने को मिलता है। ट्विटर ने यह भी बताया है कि उनके प्लेट फार्म द्वारा झूठी बातों को फैलाने से रोकने के लिए नया साॅलयूशन लाया गया है। जो ये फीचर बर्डवाॅच के नाम से लाया है।

अब सबसे ज्यादा यह विषय चर्चा में है, ट्विटर पर निरंतर फॉलोअर्स का घटना। इस तरह यूजर्स के द्वारा ट्विटर के काम करने के तरीकों पर सवाल उठाए जा रहे हैं और शिकायतों का सिलसिला निरंतर जारी है। ट्विटर ने अपनी तरफ से सफाई भी दें दी है। क्या यूजर्स उनकी बात मानेंगे? अब देखना है कि इसके बारे में ट्विटर का अगला कदम क्या होगा।

हमारे शरीर के स्वास्थ्य और संतुलित कार्य प्रणाली के लिए बहुत से विटामिन आवश्यक हैं। विटामिन बी 12 भी शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। विटामिन b12 को कोबालमीन भी कहा जाता है। यह इकलौता ऐसा विटामिन है। जिसमें कोबाल्ट धातु पाया जाता है। मेटाबॉलिज्म से लेकर डीएनए सिंथेसिस और रेड ब्लड सेल्स के गठन में विटामिन बी 12 की जरूरत पड़ती है। नर्वस सिस्टम की हेल्थ के लिए भी बी12 अत्यंत आवश्यक है।

विटामिन बी12 की कमी से दिखने वाले लक्षण-

बी 12 की कमी के कारण शरीर में कई तरह के लक्षण और विकार दिखने लगते हैं। बढ़ती उम्र या पोषण तत्व या पेट की सर्जरी की वजह से विटामिन b12 की कमी हो सकती है। इस कमी को पूरा करने के लिए विटामिन b12 सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं। परंतु सबसे पहले विटामिन b12 की कमी के लक्षणों को पहचानना आवश्यक है।

एक्सपर्ट्स के अनुसार इसकी चार प्रकार के प्रमुख लक्षण होते हैं। इसमें स्किन हाइपरपिगमेंटेशन, विटिलिगो, एंगुलर चेलाइटिस और बालों में बदलाव शामिल है।

हाइपरपिगमेंटेशन-

यह एक ऐसा रोग है जिसमें त्वचा पर दाग धब्बे, पेट या शरीर की दूसरी त्वचा से रंग गहरा हो जाता है। यह डार्क पेज चेहरे के अलावा शरीर के किसी भी हिस्से पर दिखाई दे सकते हैं।

अमेरिकन ओस्टियोपेथिक कॉलेज ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार हाइपरपिगमेंटेशन तब होता है, जब त्वचा ज्यादा मात्रा में मेलेनिन नामक पिगमेंट का उत्पादन करने लगती है। यह पिगमेंट त्वचा के रंग से काला रंग प्राप्त होता है। बढ़ती उम्र के लोगों में यह ज्यादा धूप में रहने वालों में ज्यादा होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूर्य की यूवी किरणों से अपनी रक्षा करने के लिए त्वचा मेलेनिन का ज्यादा मात्रा में उत्पादन करने लगती है। इसी कारण से त्वचा पर पैच आ जाते हैं।

विटिलिगो-

यह एक आम तौर पर देखी जाने वाली बीमारी है। इसे सफेद दाग भी कहा जाता है। यह हाइपरपिगमेंटेशन के विपरीत है क्योंकि इसमें मेलेनिन की कमी हो जाती है। जिसके कारण सफेद पैच हो जाते हैं। शरीर पर सफेद दाग या पैच की स्थिति को विटिलिगो कहते हैं। यह उन अंगों पर होती है जो सूर्य के सीधे संपर्क में आते हैं। चेहरा, गर्दन और हाथ के हिस्से में यह आम तौर पर होती है।

एंगुलर चेलाइटिस-

यह एक ऐसा रोग है। जिसमें मुंह के कोनो पर लालिमा और सूजन आ जाती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार लालिमा और सूजन के अलावा दरारों में दर्द होना ट्रस्टिंग पोजिंग और खून निकलने की समस्या भी होती है।

बालों का झड़ना-

विटामिन b12 की कमी से बालों की समस्या भी उत्पन्न होती है। बालों में विकास के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन b12 का होना आवश्यक है और विटामिन b12 की कमी से ही बाल झड़ने लगते हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं विटामिन b12 की कमी के अन्य लक्षण है।
त्वचा का रंग हल्का पीला होना, जीव का रंग पीला या लाल होना, मुंह में छाले, त्वचा में सुई चुभना, चलने के तरीके में बदलाव,धुंधली दृष्टि, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, सोचने व महसूस करने के तरीकों में बदलाव आना, मानसिक क्षमताओं में गिरावट जैसे स्मृति, समझ और निर्णय लेने में असमर्थ होना।

विटामिन b12 को हम कैसे पूरा कर सकते हैं-

विटामिन b12 दूध, दही, पनीर वह चीज के सेवन से पर्याप्त मात्रा में प्राप्त होता है। अगर आप भी इन समस्याओं से बचना और सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो इन सब का सेवन अवश्य करें। इनमें से किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम के तनाव से खुद को बचाने के लिए लाए अपने रोजाना जिंदगी में कुछ बदलाव –

वैसे तो लोगों में काम को लेकर पहले भी तनाव और स्ट्रेस रहता था। लेकिन कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से यह तनाव बढ़ गया है। क्योंकि लॉकडाउन की वजह से लोगों को अपना काम वर्क फ्रॉम होम करना पड़ रहा है। जिस वजह से वह घर रहकर भी अपना समय परिवार या फैमिली मेंबर को नहीं दे पाते और ना ही घर रह कर सही तरीके से ऑफिस वर्क कर पाते हैं। इन्हीं कारणों की वजह से लोगों में तनाव की समस्या बढ़ती जा रही है। कई बार तो फैमिली इश्यूज तो सामान्य होते हैं, लेकिन वर्क फील्ड में बढ़ रहे कंपटीशन का माहौल दिमाग पर तनाव हावी करने के लिए काफी है। आपको आज कुछ ऐसे टिप्स बताना चाहते है, जिन्हें अपनाकर आप अपना तनाव बिल्कुल तो नहीं पर 70% तक कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं उन टिप्स और तरीकों के बारे में।

टेंशन को खत्म करने के लिए अपनी समस्या को शेयर करें-

आज के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में समस्या का आना या होना आम बात है। लेकिन उस समस्या या परेशानी से भागने की बजाय उसका सामना करना चाहिए। अगर आपको वर्क फ्रॉम होम करने में कोई बाधा या समस्या आ रही है। तो उसके बारे में तनाव या टेंशन लेने की बजाय उस समस्या को अपने सीनियर के साथ शेयर करें। क्योंकि समस्या शेयर करने से आधी टेंशन अपने आप खत्म हो जाती है। अगर आपके सीनियर से कोई हल नहीं निकलता तो आप अपने मैनेजर से बात करके उस समस्या का हल निकाल सकते हैं, जिससे आपकी टेंशन दूर हो जाएगी।

जॉब वर्क करने के लिए कंफर्टेबल रूम का चयन-

लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम करना हर व्यक्ति के लिए बहुत जरुरी हो गया है। जिस कारण घर में ही रहकर 6 से 8 घंटे काम करना पड़ रहा है। इसके लिए जरूरी है, ऐसे रूम का चयन करना जहां आप कंफर्टेबल होकर बिना किसी शोरगुल, बिना किसी बच्चों के, बिना किसी लड़ाई- झगड़े के शांत होकर अपना काम खत्म कर सकते हैं। हो सके तो आप अपने रूम का चयन किसी खिड़की वाले रूम में करें, जिससे आप स्ट्रेस महसूस करने पर खिड़की से हरियाली को देखकर अपने आप को अच्छा फील करवा सकते हैं।

अपने हर काम को करने के लिए टाइम टेबल बनाएं या समय निर्धारित करें-

वर्क स्ट्रेस को कम करने का सबसे अच्छा और आसान तरीका है, अपने काम को मैनेज करना कि किस काम को कितने समय में पूरा किया जा सकता है, किस काम को कितना समय लगेगा आदि। आप यह भी देखें कि कौन सा काम आपके लिए ज्यादा जरूरी है। उसे पहले खत्म करने का प्रयास करें। जो काम ज्यादा जरूरी नहीं है, उसके लिए टेंशन ना लें, बल्कि उसे वीकेंड के लिए छोड़ दें। इस तरह आप एक टाइम टेबल बनाकर अपना समय निर्धारित कर सकते हैं और अपने आप को वर्क की टेंशन से तनाव मुक्त रख सकते हैं। अपने वर्क को करने के लिए एक टारगेट सेट करें, उस टारगेट के समय में ही अपने वर्क को खत्म करने की कोशिश करें।

काम करने वाले स्थान पर सही रोशनी का होना-

वर्क फ्रॉम होम करने के लिए अच्छी रोशनी का होना बहुत जरूरी है। क्योंकि अगर आंखें सुरक्षित हो तो काम आसानी से हो सकता है। काम के साथ आंखों की सुरक्षा भी जरूरी है। लेकिन आजकल लोगों का अधिकतर समय घर पर रहकर काम करने की वजह से लैपटॉप या कंप्यूटर पर गुजरता है। जिस वजह से आंखों पर अधिक जोर पड़ता है। अगर काम करने वाले रूम में पर्याप्त रोशनी नहीं होगी तो आंखों पर ज्यादा जोर पड़ेगा। जिससे सिर दर्द और तनाव पैदा होगा। इसलिए कोशिश करें कि आप जहां काम करने बैठते हैं, वहां रोशनी पर्याप्त आती हो या सफेद लाइट, एलईडी बल्ब लगा हो।

आधुनिक समय में तकनीकी जानकारी के साथ अपने आपको ढालें लें यानी अपने नॉलेज को बढ़ाएं-

आज के आधुनिक युग में तकनीक का इस्तेमाल आपकी जिंदगी को ही नहीं, बल्कि आपके काम को भी आसान बना रहा है। इसके साथ ही काम जल्दी समाप्त होने पर आप कई तरह के तनाव से भी दूर रहते है। अपने काम से जुड़े एप्स के बारे में जानकारी प्राप्त करें। अगर आपको किसी चीज के बारे में जानकारी नहीं है, तो शर्म करने की बजाय उसके बारे में जानकार इंसान से सीख लें। क्योंकि अगर आप किसी से जानकारी हासिल नहीं करोगे तो आप जानोगे कैसे? क्योंकि हर इंसान भगवान से सीख कर नहीं आता। तकनीक की जानकारी हासिल करके अपने तनाव को कम करें।

जितना हो सके सोशल मीडिया से दूर रहें-

अगर आप वर्क फ्रॉम होम करते हैं, जिसका संबंध किसी सोशल मीडिया से नहीं है। तो कोशिश करें सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करें। आप इस बात का पूरा ध्यान रखें कि काम के दौरान व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्क का प्रयोग ना करें। क्योंकि ऐसा करने से एक तो हमारा समय गैर-जरूरी काम में व्यर्थ नहीं होगा और उस समय को किसी जरूरी काम में लगा कर अपना समय बचा सकेंगे और अपने आप को तनावमुक्त रख सकेंगे।

मेडिटेशन और योगा करें-

मेडिटेशन और योगा स्ट्रेस को कम करने का एक बढ़िया और आसान तरीका है। मेडिटेशन को आप अपने रोजमर्रा की जिंदगी में अपना कर जिंदगी को खुशहाल और तनाव मुक्त बना सकते हैं। अगर आप अधिक देर तक काम करके थक गए हैं और अपने दिमाग को शांत करना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह-शाम आधा घंटा मेडिटेशन और योगा करें। जिससे आप कुछ ही देर में खुद को रिलैक्स फील करवा सकते हैं। आप अपने स्ट्रेस को कम करने के लिए बैठकर, वॉकिंग करके या ध्यान लगाकर आदि कई तरीके के मेडिटेशन या योगा को अपना सकते हैं।

तनाव मुक्त करने के लिए जल्दी सोए और पूरी नींद लें-

आज के इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में कई लोग अपने आपको कंपटीशन में आगे करने के चक्कर में रात-दिन वर्क करने में लगे रहते हैं। जिस वजह से नींद ना पूरी होने पर तनाव जैसी समस्या पैदा हो जाती है। कई बार लोग अधिक थक जाने पर भी देर रात तक जाकर काम करते रहते हैं। कई बार तो लोग जल्दी फ्री होने पर भी अपना अधिक समय सोशल मीडिया पर समय गुजारते हैं, जो कि गलत है। क्योंकि मेंटल स्ट्रेस को कम करने के लिए जल्दी सोना और पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। अगर आपका शरीर पूरी नींद लेता है, तो शरीर थकावट महसूस नहीं करता और खुद को तरोताजा और तनाव रहित महसूस करता है।

निष्कर्ष :-

अंत में यही कहना चाहते कि इस लॉकडाउन में अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए काम करना जरूरी है। फिर काम चाहे घर रह कर यानी वर्क फ्रॉम होम किया जाए। अगर आप अपना वर्क फ्रॉम होम उपरोक्त नियमों का पालन करते हुए करते हैं, तो आप खुद को कभी भी तनावपूर्ण महसूस नहीं करेंगे। बल्कि तनावमुक्त होकर अपना समय गुजारेंगे। इससे आप अपना समय बचाकर अपने परिवार वालों के साथ समय गुजार कर उन्हें भी खुश रख सकते हैं। अगर फिर भी आपकी तनाव की समस्या ज्यादा बढ़ती है तो सरकार द्वारा निर्धारित किए गए टोल फ्री नंबर 0804611007 पर कॉल करके विशेषज्ञ चिकित्सक से घर बैठकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपने आप को तनाव से राहत दिला सकते हैं।

आलू मटर की टेस्टी कचौरी

अगर आपका कुछ चटपटा व स्वादिष्ट खाने का मन है, तो आलू मटर की कचौड़ी बना कर देखिए। इसे बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता और घर पर उपलब्ध चीजों से यह आसानी से बनाई जा सकती है। इनका जायका भी सब को बेहद पसंद आएगा। यह जाने आलू मटर की चटपटी कचौरिया बनाने का तरीका-

सामग्री

गेहूं का आटा -400 ग्राम।
हरी मटर के दाने -आधा कप पिसे हुए।
एक आलू मध्यम आकार का।
हरा धनिया -एक चम्मच कटा हुआ।
नमक- स्वाद अनुसार।
हरी मिर्च -चार बारीक कटी हुई।
जीरा -चौथाई छोटी चम्मच।
हींग- एक चुटकी।
तेल कचोरिया तलने के लिए

आलू मटर कचौरी बनाने की विधि-

मटर की कचौरी बनाने के लिए सबसे पहले आटे में नमक और थोड़ा सा गर्म तेल डालकर अच्छी तरह मिला लें। फिर इस आटे को अच्छी तरह गूंथ लें। इसके बाद आटे को कुछ देर के लिए सेट होने के लिए रख दीजिए। इसके बाद कढ़ाई में तेल डालकर गर्म करके इसमें हींग और जीरा डालें। इसे ब्राउन होने के बाद इसमें हरी मिर्च, मसला हुआ आलू डालकर इसको थोड़ा सा भून लीजिए।

इसके बाद इसमें पिसी हुई मटर डाल दें, साथ ही इसमें नमक और हरे धनिया भी डाल दें। इसके बाद इसे अच्छी तरह चलाएं और कुछ देर भूने। इसके बाद इसको अलग बर्तन में निकाल ले और कचौरिया तलने के लिए कढ़ाई में तेल डालकर गर्म करने रख दे।

इसके बाद तैयार आटे की लोईया बनाकर इसमें आलू मटर का तैयार मिश्रण भरें। फिर उंगलियों से दबाकर कचौरियों को बंद कर दे। अब इसे हथेली से दबाकर छोटा थोड़ा चपटा कर लें और हल्के हाथ से सभी कचौरियां बेल ले। अब आप कचौरियों को गर्म तेल में डालकर इन्हें धीमी आंच पर ब्राउन होने तक तल लें। तैयार हुई कचौरियों को प्लेट में नैपकिन पेपर पर निकाल ले। आप की चटपटी स्वादिष्ट कचौरियां तैयार है। इन्हें आप सब्जी या चटनी के साथ परोस सकते हैं। चाय के साथ भी इनका जायका लाजवाब लगेगा।

रक्तदान करके किसी की जिंदगी बचाने का जरिया बनें-

अक्सर कहा जाता है कि एक माँ की उम्र उसके बच्चे को नहीं बचा सकती, परन्तु आपके द्वारा किया गया रक्तदान किसी का जीवन जरूर बचा सकता है।

रक्तदान वहीं होता है, जो इंसान अपनी स्वेच्छा से करे। रक्त एक ऐसी चीज है, जिसे बनाया नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति किसी साधन से नहीं हो सकती, यह सिर्फ इंसानी शरीर में ही बनता है।

रक्तदान करने की बात सुनते ही लोग अजीब सा व्यवहार करने लगते है। कई लोगों के मन में यह धारणा है कि कि खून दान करने से हमारे शरीर में कमजोरी आ जाएगी, लेकिन यह सत्य नहीं है।एक यूनिट में मात्र तीन सो पचास एम एल रक्त ही निकाल सकते हैं। खून दान करने से कोई नुकसान नहीं होता बल्कि कई प्रकार के फायदे हैं।

विश्व रक्तदान दिवस क्यों मनाया जाता है-

 हमारे देश में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो खून की कमी के कारण अपनी जिंदगी गवा देते हैं। उन्हें बचाने और लोगों को रक्तदान करने के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 14 जून को “विश्व रक्तदान दिवस” मनाया जाता है। रक्तदान दिवस पहली बार 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतरराष्ट्रीय संघ ने मनाया था।

विश्व रक्तदान दिवस की शुरुआत-

14 जून को विश्व भर में “ रक्त दान दिवस ” मनाया जाता है। वर्ष 1997 को WHO ने स्वैच्छिक रक्तदान की नींव रखी थी, जिसका मुख्य उदेश्य यह था कि जब कभी भी किसी जरूरत मंद को खून की आवश्यकता हो तो उसे बिना पैसे दिये खून मिल सके । साल 2004 में पहली बार रक्त दान दिवस मनाया गया।
इसे 14 जून को इसलिए मनाया जाता है, क्योकि 14 जून को ही  कार्ल लैंडसटीनर का जन्मदिन होता है और कार्ल  को      ( Blood transfusions) का संस्थापक कहा जाता है।

रक्त क्या है-

हमारे शरीर में एक लाल रंग का तरल पदार्थ पाया जाता है, उसे ही रक्त कहते हैं। हमारे शरीर में रक्त की मात्रा लगभग पांच से छह लीटर तक होती है। हमारे शरीर में रक्त का कार्य शरीर मे बने विषैले पदार्थ जैसे कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालना होता है तथा शरीर में हारमोन व अन्य पदार्थों को लेकर जाने का काम भी रक्त ही करता है।

रक्तदान क्यों जरूरी है-

आज के समय में थैलेसीमिया जैसी बीमारी के कारण बहुत से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी से छोटे-छोटे बच्चे भी जूझ रहे हैं। ऐसे बच्चों की मदद के लिए रक्त दान की बहुत आवश्यकता है‌।
रक्त दान को सबसे बड़ा दान कहा गया है। हम किसी भी जरूरत मंद के लिए खून दान करके उसकी जिंदगी बचाकर उस परिवार के जीवन में खुशियाँ भर सकते हैं। जरा सोचिए कोई व्यक्तिगत अपनी जिंदगी और मौत से लड़ रहा है और आप अचानक एक उम्मीद की किरण बनकर उसकी जिंदगी बचा लेते है, तो आपको भी कितनी खुशी होगी। तो रक्त दान से जुड़ी हुई सब भ्रांतियो को दूर करते हुए किसी की जिंदगी बचाने का जरिया बनाना चाहिए ।

रक्तदान करने के अद्भुत फायदे-

रक्तदान करने के हमारे शरीर को कईं तरह के फायदे होते हैं। एक तो हम किसी के अनमोल जीवन को बचा सकते है।

  • एक यूनिट खूनदान करने से तीन जिंदगियां बचाई जा सकती है
  • खून दान करने से हार्ट अटैक जैसी बीमारी को भी कम किया जा सकता है। क्योंकि जब हम खून दान करते हैं, तो हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं जमता। इससे खून पतला रहता है और हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
  • रक्त दान करने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है। एक बार खून दान करने से लगभग पांच सौ कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। साल में कम से कम तीन बार तो खून दान अवश्य करना चाहिए।
  • रक्तदान करने से नए ब्लड सेल्स बनते हैं, जिससे शरीर में एनर्जी बनती है और शरीर तंदुरुस्त रहता है।
  • रक्त दान करने से लीवर से संबंधित समस्याओं में भी राहत मिलती है। शरीर में अगर आयरन की मात्रा ज्यादा होती हैं, तो वह लीवर पर दवाब डालती हैं। परन्तु यदि हम रक्त दान करते हैं, तो आयरन की मात्रा बराबर रहती है।
  • रक्त दान करने से कैंसर जैसी बीमारी का भी खतरा कम हो जाता है। खून दान करने से हमारे शरीर में कैलोरी की मात्रा भी कम होती हैं।
  • रक्त दान करने के कारण पुराना रक्त जब शरीर से बाहर निकल जाता है, तो उसी वक्त नया खून बनना शुरू हो जाता है। शरीर में जो सेल्स गतिहीन होते हैं, वो फिर से कार्यशील हो जाते हैं। जिससे हमारे ब्लड में यदि किसी भी प्रकार की बीमारी के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो ये नए सेल्स उन्हे पहले ही नष्ट कर सकते हैं।

रक्त दान कौन नहीं कर सकते हैं-

जिन लोगों को एड्स, मलेरिया, शुगर, किडनी से संबंधित रोग, हैपेटाइटिस, उच्च और निम्न रक्त चाप, टीबी, अस्थमा, पीलिया, एलर्जी डिपथीरिया आदि में से कोई भी बीमारी हो, तो उन्हें खून दान नहीं करना चाहिए। महामारी के दौरान महिलाओं को रक्त दान नहीं करना चाहिए।
साथ ही गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी खून दान ना करे।

  • 18 से कम आयु और 60 से ज्यादा आयु वाले लोगों को रक्त दान नहीं करना चाहिए।
  • खून दान करने से पहले फास्ट फूड और अधिक वसा युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। धूम्रपान और शराब या अन्य किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए।

रक्तदान करने के बाद क्या खाना चाहिए

रक्तदान करने के बाद हमें हरी सब्जियां, दूध फल, आयरन, विटामिन व पौष्टिक आहार वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • रक्त दान के बाद केवल तरल पदार्थ ही ना लें, ऐसा करने से कमज़ोरी महसूस होगी। इसलिए हेलथी डाईट अवश्य लें।

निष्कर्ष

आज  लोगों में रक्त दान को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। युवा वर्ग बहुत जागरूक हो रहा है। जो मिथ्या भ्रांतियाँ थी, वो कम हो रही है। तो क्यों न खुद की एक पहचान बनाये रक्त दान करें और करवाए।