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2021

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  • डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम जी ने सुनारिया जेल से अपनी माता, डेरा प्रबंधक व करोड़ों अनुयायियों को लिखी चिट्ठी।
  • पत्र में किसान आंदोलन का किया जिक्र।
  • लिखा प्रभु अन्न दाता और देश के राजा को राह दिखाएं, ताकि देश तरक्की के रास्ते पर चले।
  • देश मे सुख शांति के लिए करोड़ों अनुयायियों से की व्रत रखने की अपील। आपकी जानकारी के लिए बता दें, हाल ही में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने सुनारिया जेल से अपनी माता, डेरा प्रबंधक व करोड़ों डेरा अनुयायियों के नाम पत्र लिखा है। आपको बता दें, गत रविवार को यानी 28 फरवरी को डेरा सच्चा सौदा में आयोजित नामचर्चा कार्यक्रम के दौरान बाबा राम रहीम जी की चिट्ठी को पढ़कर सुनाया गया। पत्र में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख जी ने देश के अन्नदाता व देश के राजा के बीच चल रहे विवाद का जिक्र किया है। बाबा राम रहीम सिंह जी ने पत्र मे यह लिखा कि हम सतगुरु राम जी से प्रार्थना करते हैं कि हमारे देश के अन्नदाता व देश के राजा में जो भी विवाद चल रहा है, प्रभु दोनों को सही राह दिखाएं। देश-संसार में सुख शांति व खुशहाली के दरवाजे खुल जाए। बाकी प्रभु उसी में खुश रखना, जिसमें आपकी रजा हो। 26 फरवरी को भेजा गया सुनारिया जेल से पत्र-

आपको बता दें डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम जी द्वारा भेजी गई चिट्ठी पर जेल प्रशासन द्वारा 26 फरवरी की मुहर लगी है। इस पत्र को डेरा सच्चा सौदा में रविवार को आयोजित नाम चर्चा में पढ़कर सुनाया गया। इससे पहले भी डेरा सच्चा सौदा होने वाली नामचर्चाओं में बाबा राम रहीम जी के पत्र को पढ़कर सुनाया जाता है। बाबा राम रहीम जी ने अपनी माता को समय पर दवाईयां लेते रहने का परामर्श देते हुए लिखा है कि हम जल्द आकर आप का इलाज करवाएंगे। इसके साथ ही डेरा प्रमुख ने देश की सुख शांति के लिए अपने अनुयायियों से 1 दिन का व्रत रखने की अपील की व जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित करने का भी जिक्र किया है।

महा रहमोंकरम यानी गुरुगद्दी दिवस पर आयोजित किया गया था यह कार्यक्रम

आपको बता दें 28 फरवरी को डेरा सच्चा सौदा के दूसरे अध्यात्मिक गुरु परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज को बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने गुरुगद्दी पर बिठाया था। इसी उप्लक्ष्य में रविवार को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था व 61वां महा रहमोंकरम दिवस मनाया गया। इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आए लोगों ने शिरकत की व पूज्य गुरु संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के रिकॉर्डिड वचनों को ध्यानपूर्वक श्रवण किया।

इससे पहले भी डेरा प्रमुख भेज चुके हैं तीन पत्र

आपकी जानकारी के लिए बता दे, डेरा सच्चा सौदा में बाबा राम रहीम जी इससे पहले भी तीन पत्र लिखकर भेज चुके हैं। यह उनके द्वारा भेजा गया चौथा पत्र है। जिसको नामचर्चा में सभी के समक्ष पढ़कर सुनाया गया। आपको बता दे रविवार के सत्संग कार्यक्रम के बाद यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। डेरा प्रमुख ने पत्र में लिखा- भगवान जो भी करते हैं 100% सही करते थे और उस करेंगे भी 100% सही। पूज्य गुरु जी ने डेरा अनुयायियों को घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाने का भी आग्रह किया है।

जो भी त्यौहार भारत में मनाए जाते हैं, उन त्योहारों के पीछे कोई न कोई कहानी आवश्यक होती है। जो कि बाद में इतिहास के पन्नों पर लिखी जाती है। प्रत्येक त्यौहार को हर कोई अपने-अपने ढंग से मनाता हैं।

इन सब के बीच एक दिन Valentine Day के रूप में मनाया जाता है। जिस दिन को सभी प्यार का दिन कहते हैं, जो हर साल फरवरी माह की 14 तारिख को मनाया जाता है। फरवरी माह को प्यार का माह भी कहते हैं।

Valentine Day हम क्यों मनाते हैं और क्या इसका क्या इतिहास है?

वेलनटाइन एक व्यक्ति का नाम था, जिसके नाम पर Valentine Day रखा गया है। शुरुआत की इस कहानी में इतना प्यार नहीं है जितना इस प्यार के दिन में है।

रोम की तीसरी सदी में Claudius एक अत्याचारी राजा था, जोकि बहुत दुष्ट था। राजा और कृपालु संत Valentine के बीच हुए मुठभेड़ के बारे में इस कहानी में जानकारी दी गई है।

रोम के राजा का मानना था कि एक शादी शुदा सिपाही के मुकाबले बिना शादी किए सिपाही उचित है। क्योंकि शादी शुदा के मुकाबले बिना शादी वाले को अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों की चिंता नहीं होगी।

इसी उद्देश्य से Claudius राजा ने ऐलान किया कि कोई भी सिपाही उसके राज्य में शादी नहीं करेगा यदि किसी भी सिपाही ने उसके उद्देश्य का उल्लंघन किया तो उसे सख्त सजा दी जाएगी।

राजा द्वारा किए गए इस फैसले से सभी सिपाही दुःखी थे, परन्तु उसके फैसले का उल्लंघन करने की किसी में हिम्मत न थी।

रोम के संत Valentine को ये फैसला बिल्कुल पसंद नहीं था। इसलिए उन्होंने सिपाहियों की मदद करने के लिए छुपकर सिपाहियों की शादी करवाने लगे और जो भी सिपाही अपनी शादी करवाना चाहता वह Valentine के पास जाता और शादी करवा लेता। ऐसे बहुत सी गुप्त शादियां संपन्न हो चुकी थी।

जैसे कि हम जानते ही हैं कि जो सच होता है, वह ज्यादा देर नहीं छुपता। एक न एक दिन वह सब के सामने आ ही जाता है उसी तरह Valentine द्वारा किए जाने वाले कार्य की खबर Claudius तक एक दिन पहुंच ही गई।

राजा की आज्ञा का उल्लंघन करने पर Valentine को सजा-ए-मौत सुनाई गई और उसे जेल में बंद कर दिया गया।

Valentine अपनी मौत का इंतजार कर रहा था कि एक दिन Asterius नाम का jailor उससे मिलने आया। क्योंकि उसने रोम के लोगों से सुना था कि Valentine के पास दिव्य शक्ति है। जिससे सब लोगों के रोग ठीक हो जाते थे। इसलिए Asterius उसके पास आया और जिसकी एक अंधी बेटी को Valentine ने ठीक किया।

Valentine और Asterius की बेटी के बीच कब दोस्ती प्यार में बदल गई पता ही नहीं चला। Asterius की बेटी को Valentine की फांसी होने वाली खबर सुनकर बहुत गहरा सदमा लगा।

14 फरवरी का वह पल आ ही गया, जब Valentine को फांसी होने वाली थी। मौत से पहले Valentine ने jailor से एक कागज़ और कलम मंगवाकर कागज़ पर jailor की बेटी के लिए संदेश लिखा और आखिरी पन्ने पर लिखा “तुम्हरा Valentine” इन लफ़्ज़ों को लोग आज भी याद करते हैं।

Happy Valentine's Day - Exclusive Samachar

हिंदी में वैलेंटाइन डे का अर्थ

वैलेंटाइन डे दिवस यूरोपियन देशों से शुरू हुआ है। परन्तु आज ये दिवस दुनियाभर के लोगों द्वारा मनाया जाता है। नव युवक और युवती इस दिन एक साथ समय बिताना ज्यादा पसंद करते हैं।

कब मनाया जाता है वैलेंटाइन डे?

हर वर्ष वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को मनाया जाता है। इसलिए लोग एक दूसरे के साथ अपनी-अपनी भावनाओं का इजहार वैलेंटाइन डे कार्ड, फूल व मिठाई देकर करते हैं।

किस-किस के साथ मनाए वैलेंटाइन डे?

ये एक बहुत ही गंभीरता वाला सवाल है कि क्या हम सभी Valentine केवल प्रेमी या प्रेमिका के साथ ही मना सकते हैं? जी नहीं! बिल्कुल नहीं क्योंकि आज Valentine केवल lovers तक सीमित न रहकर भाई-बहन, परिवार के सदस्यों और दोस्तों सभी के साथ मनाया जा रहा है।

वेलेंटाइन डे आज के समय में लोग कैसे मनाते हैं?

आज के समय में लोग वेलेंटाइन डे को कहीं स्पैशल डिनर करके, मूवी देख कर, स्पैशल गिफ्ट देकर, एक अच्छा सा प्रेम पत्र लिखकर इसके साथ-साथ बहुत से लोग अपने दोस्तों को घर बुला कर मनाते हैं।

एसोसिएशन का अनुमान है कि लगभग एक अरब वैलेंटाइन हर वर्ष दुनियाभर में अमेरिका द्वारा ग्रीटिंग कार्ड भेजे जाते हैं। जोकि क्रिसमस के बाद, छुट्टी को कार्ड भेजने वाला Valentine Day दूसरा बड़े दिवस के रूप में मनाया जाता है।

जूम क्या है

zoom app एक ऐसा ऐप है जो मोबाइल और लैपटॉप दोनों पर प्रयोग कर सकते हैं। यह एक vedio conferencing app है, जो इंटरनेट कनेक्शन से चलता है। इस ऐप से हम ऑनलाइन वीडियो और ऑडियो दोनों ही तरह से लोगों से बात कर सकते हैं। जूम क्लाउड मिटिंग ऐप के जरिए हम विडियों मिटिंग प्रोजेक्ट को रिकॉर्ड और उन्हें share भी कर सकते हैं। जूम क्लाउड विडियों मिटिंग ऐप का प्रयोग करना बहुत आसान है।

100 लोगों द्वारा वीडियो चैटिंग

यह एक प्रकार का एचडी मीटिंग ऐप है। इस ऐप के जरिए हम 100 लोगों से वीडियो कॉलिंग के जरिए संपर्क कर सकते हैं। इस ऐप के फ्री वर्जन में भी कॉल में 100 लोगों को जोड़ा जा सकता है। इस ऐप के जरिए हमें 40 मिनट तक दूसरे लोगों से वीडियों कॉलिंग की उपलब्धता होती है। इस ऐप से हम वन-टू-वन मीटिंग और वीडियो कॉलिंग भी कर सकते हैं ।

Zoom लाया है नई सुविधाओं के साथ नए फीचर्स

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हमारी बात अधिक सिक्योर होगी। जूम एप में अपने उपभोक्ताओं के लिए इस ऐप का एक नया संस्करण भी पेश किया है, जिसके द्वारा लोगों का डाटा चोरी नहीं होगा क्योंकि इस कंपनी को अक्टूबर में लोगों का डाटा चोरी होने की खबर मिली थी।

  1. Call के दौरान आसपास की ध्वनि नहीं देगी सुनाई

इस कंपनी में लोगों ने शिकायत की थी कि उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आस-पास की ध्वनि अत्यधिक परेशान करती है। इसलिए इस बार में एक ही फीचर आया है कि अब आप लोग एक दूसरे से बात करते हैं केवल उसी की आवाज आएगी। दूसरी आवाज जैसे पंखे का शोर बच्चों के रोने की आवाज है, दूसरे लोगों की आवाज नहीं आएगी। इस ऐप में दूसरा फीचर यह आया है कि हम लोग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते समय अगर कम रोशनी में बात कर रहे हैं तो हमें उसकी भी समस्या नहीं आएगी।

  1. बदल सकती हैं अपना चेहरा

इस एप के द्वारा हम अपना मनोरंजन भी कर सकते हैं। हमें कंपनी ने यह सुविधा दी है कि हम इस एप के द्वारा नकली मुखोटे मूंछ, शेर व खरगोश आदि के फोटो को अपने मुंह पर लगा सकते हैं लेकिन हम ऑफिस की जरूरी मीटिंग में ऐसा नहीं कर सकते। हम केवल अपने दोस्तों से बात करते वक्त ही ऐसा कर सकते हैं।

  1. चित्रकारी के जरिए कर सकते हैं अपनी fillings बयां

इस ऐप के जरिए हमें फीलिंग को ब्यान करने का ऑप्शन भी मिल गया है। हम अपने सुख दुःख आदि को दूसरों तक इमोजी के माध्यम से भी पहुंचा सकते हैं, जिस तरह हम व्हाट्सएप पर करते थे।

हो गई आसानी प्रेजेन्टेशन (PPT) देने में

यह खास फीचर आपके बड़ा काम आएगा। अब जूम कॉन्फ्रेंस के दौरान आप वर्चुअल बैकग्राउंड पर पावरपाइंट या कीनोट प्रेजेन्टेशन भी चला सकेंगे। स्लाइड में वीडियो चलाने का भी ऑप्शन मिलेगा। इसकी मदद से यूजर को अब प्रेजेन्टेशन अलग से मेल पर भेजने की जरूरत नहीं होगी, कॉल के दौरान ही सब काम हो सकेगा।

अब फिर देखने को मिला कुदरत का कहर, नदियों में आई बाढ़। आपको बता दे हाल ही में उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की वजह से भयानक तबाही मची हुई है। इसमें तबाही में ऋषि गंगा जल योजना का जल बांध पूरी तरह से नष्ट हो गया है। चमोली आपदा के बारे में बताया गया है कि पहाड़ पर लटकी हुए बर्फ की पूरी चादर नीचे गिर गई थी। इसके साथ बहुत तेजी से भूस्खलन हुआ, पूरा पहाड़ और बर्फ नदी में आ गए। इस वजह से नदी में ग्लेशियर टूटने के बाद ग्लेशियर समेत पहाड़ का मलबा नदी में गिरने की वजह से नदी के आसपास काम कर रहे 202 से ज्यादा व्यक्तियों के लापता होने की शंका है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इस घटना के बाद से टिहरी बांध से पानी रोक दिया गया। जबकि श्रीनगर बांध योजना से पानी पूरी तरह से छोड़ दिया गया और सारे गेट खोल दिए गए ताकि पहाड़ों से आ रहा पानी बांध को नुकसान ना पहुंचा सके।

सभी टीमें मिलकर कर रही हैं इस आपदा का सामना

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि आईटीबीपी के 450 जवान, एक नेवी टीम, भारतीय सेना की 8 टीमें, एनडीआरएफ की 5 टीमें और वायु सेना के 5 हेलीकॉप्टर मिलकर 1800 मीटर लंबी सुरंग से मलवा हटाने की कोशिश में लगे हुए हैं।

जिन परिवारों के परिजन है लापता

चमोली में आई प्राकृतिक आपदा में जिन लोगों के परिजन लापता है। वे नीलेश आनंद भरणे डीआईजी से मोबाइल नंबर+91 7500016660 पर संपर्क कर सकते हैं। उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से अज्ञात शवों की तस्वीर भेजी जाएंगी। आप उन तस्वीरों के माध्यम से उनकी शिनाख्त कर सकते हैं।

अल्मोड़ा की 4 सदस्य टीम इस आपदा के कारणों का लगाएगी पता

जीबी पंत नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हिमालयन एनवायरमेंट अल्मोड़ा की 4 सदस्य टीम चमोली के लिए रवाना होगी जो इस आपदा के कारणों का पता लगाएगी।

इस आपदा में रैणी में मोटर पुल के बहने के बाद 13 गांव का संपर्क टूट चुका है। इन गांवों को हेलीकॉप्टर की मदद से राशन, मेडिकल सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं।

राहत कार्य अभी भी है जारी

1800 मीटर लंबी सुरंग के अंदर का रस्ता मलबे से भरा होने कारण सबसे बड़ा अडिड्का बना हुआ है। जिसे जे.सी.बी के द्वारा खोलने की कोशिश लगातार जारी है। अभी तक 31 शव बरामद हुए हैं और मलबे में फसे और लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत कार्य टीमें पूरी जी जान से इस कार्य में लगी हुई है। इस आपदा में भारत-चीन सरहंद को जोड़ने वाला विष्णुप्रयाग पुल भी नष्ट हो गया है।

टेलीग्राम के नए फीचर के अनुसार हम अपनी व्हाट्सएप चैट को आसानी से टेलीग्राम पर ट्रांसफर कर सकते हैं।

इस प्रॉसेस के लिए करना होगा टेलीग्राम के माइग्रेशन टूल का इस्तेमाल –

आपको बता दे हाल ही में, व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से नाराज़ यूज़र्स अब दूसरे मैसेंजर एप्प्स पर अपने एकाउंट बना रहे हैं। इसके चलते काफी यूज़र्स टेलीग्राम और सिंग्नल एप्प्स की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। इसीलिए अब इन एप्प्स में नए-नए फ़ीचर्स रोलआउट हो रहे हैं।

अभी जो भी यूज़र्स व्हाट्सएप को छोड़ टेलीग्राम पर आने का सोच रहे थे, उनके सामने यही सबसे बड़ी समस्या थी कि वह पुरानी चैट्स का बैकअप कैसे करें।इसी समस्या को देखते हुए टेलीग्राम का नया फ़ीचर आउट हुआ है, जिसकी मदद से व्हाट्सएप चैट को आसानी से टेलीग्राम पर ट्रांसफर किया जा सकता हैं।अभी टेलीग्राम ने यह फीचर एंड्रॉयड के साथ-साथ आईओएस यूज़र्स के लिए भी जारी कर दिया  हैं।

कैसे इम्पोर्ट होगी चैट्स –

चैट को इम्पोर्ट करने के लिए यूज़र्स को इसके माइग्रेशन टूल का इस्तेमाल करना होगा। इस टूल की पूरी जानकारी टेलीग्राम ने 7.4 अपडेट में दी हैं। 

7.4.1 में भी यह टूल है उपलब्ध –

कुछ यूज़र्स का कहना है टेलीग्राम के नए अपडेट 7.4.1 में भी यह टूल मौजूद हैं। इससे जो लोग चैट बैकअप की वजह से व्हाट्सएप को नहीं छोड़ पा रहे थे, वो अब आसानी से टेलीग्राम को जॉइन कर पाएंगे। हालांकि यह देखा भी गया है, व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी के बाद टेलीग्राम यूज़र्स में काफी बढ़ोतरी हुई हैं।

WhatsApp Chat Transfer Step To Step –

आप जिस भी चैट को माइग्रेट करना चाहते है, उसे राइट में स्विप करें, इसके बाद मोर (More) ऑप्शन पर क्लिक करें, इसके बाद एक्सपोर्ट चैट के ऑप्शन को क्लिक करें। अब आपको एक पॉप अप दिखाई देगा और आपसे पूछा जाएगा कि आप चैट के अटैचमेंट के साथ या बिना अटैचमेंट के एक्सपोर्ट करना चाहते हैं।इसके बाद आप टेलीग्राम को सेलेक्ट करें, इसके बाद कांटेक्ट और ग्रुप्स के ऑप्शन आएंगे।जिस चैट को माइग्रेट करना है उसी कांटेक्ट पर आपका मैसेज सिंक हो जाएगा।
चैट में टेक्स्ट मैसेज के साथ आपका मीडिया भी इम्पोर्ट होगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दे, भारतीय मौसम विभाग में नौकरी पाने का यह सुनहरी मौका है। इस भर्ती के अंतर्गत सी, डी और ई स्तर के पदों के लिए नियुक्ति की जाएगी। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

www.imd.gov.in

आवेदन करने की अंतिम तिथि : 22 फरवरी 2021

 योग्यताएं- 

1. उम्मीदवार भारतीय नागरिक हो।

2. शैक्षिक योग्यता में मास्टर डिग्री, संबंधित क्षेत्र में अनुभव और अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग योग्यता है। सम्पूर्ण जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नोटिफिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं।

चयन प्रक्रिया – 

आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को शैक्षिक योग्यता और अनुभव के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।
चयनित उम्मीदवारों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार स्तर 11, 12 और 13 के अनुसार वेतन दिया जाएगा। जिसमें अलग-अलग भत्ते भी शामिल है।

विभिन्न पदों की संख्या और वेतन की जानकारी इस प्रकार है –

पद- वैज्ञानिक

 स्तर- ई   

  •  फाॅरकास्टिंग – 3 पद
    • वेतन (स्तर 13)-  ₹123100-215900
  • इंस्ट्रूमेंटेशन – 3 पद
    • वेतन (स्तर 13) – ₹123100-215900
  • कम्प्यूटर /सूचना प्रौद्योगिकी-  2 पद
    •  वेतन (स्तर 13) – ₹123100-215900

स्तर -डी

  • फॉरकास्टिंग-  14 पद
    • वेतन (स्तर 12) –   ₹78800-209200
  • (इंस्ट्रूमेंटेशन) – 8 पद
    • वेतन (स्तर 12) –  ₹78800-209200
  • कृषि मौसम विज्ञान – 4पद 
    • वेतन (स्तर 12) – ₹78800-209200
  • कंप्यूटर / सूचना प्रौद्योगिकी –  3 पद
    • वेतन (स्तर 12) – ₹78800-209200
  • फॉरकास्टिंग – 14 पद
    • वेतन  (स्तर 11) – ₹67700-208700
  • इंस्ट्रूमेंटेशन –  3 पद
    • वेतन (स्तर 11) – ₹67700-208700

अब इंतजार की घड़ियां हुई खत्म

आपको बता दे वह पल आ ही गया है, जिसका करोड़ों भारतवासी एक वर्ष से निरंतर इंतजार कर रहे थे कि आखिर वह पल कब आएंगा जब भारत से ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से ये Covid-19  जैसी बीमारी से छुटकारा मिलेगा। अब आ गई कोरोना की वैक्सीन जो देश के पूरे कोने-कोने तक पहुंचने वाली है।

देश की राजधानी दिल्ली से होगी वैक्सीनेशन की शुरुआत

भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 16 जनवरी, शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी Covid-19 टीकाकरण का शुभारंभ दिल्ली में सुबह 10:30 बजे करेंगे। जिसमें कुछ ही घंटों का इंतजार बचा है। सबसे पहले टीका 3 करोड़ हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्करों को लगाया जाना है जोकि निःशुल्क होगा। उसके बाद 27 करोड़ लोगों का टीकाकरण होने वाला है। सारे देशभर में 3006 वैक्सीनेशन साइट्स वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के द्वारा पीएम से जुड़ेंगे और सब जगह एक ही समय पर टीके लगाए जाएंगे।

जानिए किसने तैयार की कोरोना वैक्सीन?

Covid-19 की वैक्सीन कोविशील्ड है, जिस को Oxford university और ब्रिटिश फर्म एस्ट्राजेनेका द्वारा मिलकर तैयार किया गया है। इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में तैयार की गया है। जिसके जरिए भारत में 30 करोड़ का टीकाकरण शुरू होगा। लगातार बढ़ रहे कोरोना के तेजी से मामलों के लिए बायोटेक की वैक्सीन को बैकअप के तौर पर रखा गया है।

टीकाकरण टीमों का गठन व तैयारियां सुनिश्चित

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि तीन हज़ार टीकाकरण बूथ तैयार किए गए हैं और 2934 केंद्रों पर टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण टीमों का गठन कर सभी तैयारियां सुनिश्चित कर टीकाकरण के लिए तीन हिस्सों में बांटा गया है। टीका लगवाने वाले को 4 सप्ताह के अंदर दूसरी खुराक लेनी होगी।

Covid-19 वेबसाइट का उद्घाटन

 स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि Covid-19 साइड का उद्घाटन भी किया जाएगा। इसके जरिए ही व्यक्ति टीका लेने के लिए अपना पंजीकरण कर सकता है।

CO-WIN App लांच

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  द्वारा कोविड ऐप को लांच किया जाएगा। Covid-19 की वैक्सीन लगवाने वाले इन्सान को दो डोज़ दिए जाएंगे व दूसरी डोज के लिए CO-WIN App में टीके लगने की date, place व अन्य जानकारी दी जाएगी। दोनों डोज complete होते ही व्यक्ति के फोन पर ही certificate आ  जाएगा।

कोरोनावायरस जैसी बीमारियों से जुड़े सवालों के लिए लाॅन्च करेंगे काॅल सेंटर नंबर- प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए 24*7 काॅल सेंटर (नंबर-1075) लाॅन्च करेंगे।

सप्ताह में 4 दिन दिल्ली में लगेंगे इंजेक्सन

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया है कि 16 जनवरी को दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना वायरस के लगाएं जाने वाली टीका मुहिम की तैयारियां पूरी हो चुकी है। निर्धारित दिन 8000 स्वस्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाएगा। केजरीवाल ने बताया है कि पहले दिन 81 केंद्रों में टीकाकरण शुरू होगा और फिर कुछ दिनों बाद केंद्रों की संख्या 175 और फिर 1,000 बढ़ा दी जाएगी।

सप्ताह में 4 दिन टीकाकरण होगा।सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार व शनिवार। रविवार और हफ्ते में अन्य दो दिन टीके नहीं लगाएं जाएंगे।

पोलियो टीकाकरण दिवस को  बदलने का लिया निर्णय

विश्व का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण महाअभियान 16 जनवरी को शुरू होने वाला है।स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रपति कार्यालय से बातचीत करने के बाद निर्णय किया है कि “पोलियो रविवार” जोकि पोलियो टीकाकरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसको बदलकर 31 जनवरी कर दिया जाए।

सभी राज्यों व जिलों में भेजी गई कोरोना वैक्सीन

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों में 1.65 करोड़ खुराक वितरित की जा चुकी है और प्रत्येक राज्य को समान मात्रा में टीके की डोज पहुंचाना  केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है।अलग-अलग राज्यों में एक साथ की जाएगी वैक्सीनेशन की शुरुआत।

Conclusion

Covid-19 वैक्सीन तैयार करना भारत के लिए एक बहुत ही बड़ी सफलता है। अब Covid-19 से पीड़ित लोगों को कोई भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि जब भी कोई समस्या आती है, तो समाधान भी साथ ही साथ आता है। जो कि एक वर्ष के लंबे इंतजार के बाद वैक्सीन टीकाकरण से संभव हुआ है।

Hike sticker chat app, जो 8 वर्ष बाद बंद होने जा रहा है

इतिहास :-  इस एप्प (Hike sticker chat app) को भारत में 2012 में लॉन्च किया गया था और पिछले 8 सालों से यह ऐप भारत में बहुत अधिक प्रसिद्ध है। यह भारत का एकमात्र पॉपुलर चैट ऐप है। लेकिन यह ऐप भारत में बंद किया जा रहा है। इस ऐप के बंद हो जाने के बाद लाखों यूजर्स देसी चैट ऐप का इस्तेमाल करने लग जाएंगे। इसके बारे में निम्नलिखित बातें की जा सकती है‌।

इस ऐप को लांच करने के कारण

जैसा कि हम जानते हैं, इस ऐप को भारत में 2012 में भारतवासियों के प्रयोग के लिए लांच किया गया था। इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप हाइक को 30 हजार स्टिकर्स के साथ साल 2012 में शुरू किया गया था। इस ऐप को लांच करने वाले अधिकारियों को भी बहुत लाभ प्राप्त हुआ था। क्योंकि इस ऐप को प्रयोग करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी।

इस ऐप के फायदे

इस ऐप में हमें 30,000 कर दिए गए थे। स्टिकर की सहायता से हम अपने जैसे इमोजीस बना सकते थे। जो बिल्कुल हमारी तरह ही दिखते थे। इसमें हम अपनी मातृभाषा हिंदी या किसी भी अन्य भाषा का प्रयोग करके लिख सकते थे। इस तरह आप अपनी चैट इंटरेस्टिंग बना सकते थे। 
इस ऐप का दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह था कि हाइक इमोजी का यूज़ व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुक मैसेंजर में भी कर सकते थे।

इसके साथ ही इस में Hike Sticker Chat का सबसे अच्छा फीचर यह है कि इसमें यूजर्स अपने आप का स्टीकर create कर सकते हैं। कंपनी द्वारा इसको  HikeMoji का नाम दिया गया है।

इस ऐप को बंद करने के कारण

इस चैट ऐप में कुछ ऐसी कमियां थी, जिसके कारण यह आप लोगों को अधिक पसंद नहीं आया। यही इसके बंद होने का प्रमुख कारण बना। हालांकि कंपनी की उम्मीदों पर यह एप खरा नहीं उतर पाया। इसलिए इस ऐप को भारत में 14 जनवरी 2021 को बंद किया जा रहा है। सीईओ केविन भारती मित्तल ने ट्वीट कर जानकारी दी है। इस ऐप के बंद होने से पहले आप अपनी चैट का डाटा अपनी ईमेल पर सेव कर ले।

हानियां

हाइक स्टीकर चैट एप भारत में इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि की तरह इतना पॉपुलर नहीं हो पाया है। यही इस ऐप के बंद होने का सबसे प्रमुख कारण है। इस ऐप को बंद करने का दूसरा प्रमुख कारण यह है कि यह आप इतना अधिक प्रसिद्ध नहीं हुआ जैसा कि कंपनी ने सोचा था। इस ऐप का इतना बड़ा नेटवर्क नहीं बन पाया, जितना कि कंपनी ने सोचा था। इसलिए इसके नेटवर्क क्षेत्र पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा और कंपनी के अधिकारी ने सीईओ केविन भारतीय मित्तल ने यह ऐप बंद करने का निर्णय लिया। 

कैसे सेव करें अपना डाटा

Hike chat data को अपने email पर सेव करने के लिए सब से पहले user को Export Chats option पर क्लिक करना होगा। इसके बाद user को रजिस्टर्ड नंबर टाइप करना होगा, जिस पर OTP (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। इस प्रक्रिया के बाद user ki mail id मांगी जाएगी और उसके बाद ही यूजर्स अपनी हाइक ऐप का सारा data अपनी mail id पर save कर सकते हैं।

Conclusion

जितना जल्दी हो सके आप सब भी अपने डाटा को सेव करें और किसी भी प्रकार की असुविधा से बचे।

ये है दुनिया के सबसे ख़तरनाक पौधें

पेड़ पौधों का हमारे जीवन में काफी महत्व हैं। हमें पेड़ पौधों से हवा, फल जैसी काफी महत्वपूर्ण चीज़े प्राप्त होती हैं। लेकिन इसके विपरीत प्रकृति में ऐसे भी पेड़-पौधे हैं। जो बहुत ज़हरीले और खतरनाक साबित होते हैं। ये पौधे मनुष्य की जान भी ले सकते हैं।

आइये जानते है ऐसे पौधों के बारे में

Cerbera Odollam ( सुसाइड ट्री)

यह पौधा केरल और उसके आस पास समुन्द्र तटीय क्षेत्रों में पाया जाता हैं। इस पौधे की वजह से केरल के काफी लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इस पौधे के बीज के अंदर एल्कलॉइड पाया जाता हैं। जो कि मनुष्य के दिल और श्वसन तंत्र के लिए काफी घातक होता हैं।

Oleander – Nerium Oleander (कनेर)

कनेर का पौधा एक ऐसा पौधा है, जिसका हर हिस्सा मनुष्य के लिए घातक सिद्ध होता हैं। इस पौधें के सेवन में मनुष्य में काफी तरह की बीमारी जैसे- चक्कर, लूज़ मोशन, उल्टी आदि के साथ-साथ मनुष्य के कोमा में जाने की भी संभावना बढ़ जाती हैं। अगर शरीर का कोई हिस्सा कनेर के पौधे को स्पर्श कर लेता है, तो शरीर में खुजली हो जाती हैं। कनेर के पेड़ के फूल पर बैठने वाली मधुमखियों के शहद का सेवन करने से भी मनुष्य बीमार पड़ जाता हैं। इसलिए इस पौधे को सबसे खतरनाक माना जाता हैं।

Castor Bean – Ricinus communis ( अरण्डी)

अरण्डी के पौधे के बीज क़ाफी जहरीले होते हैं। इनमें इतना जहर पाया जाता हैं कि मात्र एक से दो बीज के सेवन से ही बच्चे की मौत हो जाती हैं। इसमें राइसिन नामक जहर पाया जाता है। जो इंसान के शरीर के लिए घातक होता है। यह कोशिकाओं के अंदर प्रोटीन संश्लेषण पर रोक लगाता है। जिसकी वजह से उल्टी दस्त और इंसान की मौत भी हो जाती हैं।अरण्डी के बीज का उपयोग कस्टर्ड ऑइल निकालने के लिए किया जाता हैं। 

Rosary Pea-Abrus precatorius (रोजरी पी)

इस पौधे के रोजरी नाम होने के पीछे का रहस्य यह है कि इसका उपयोग प्रार्थना में प्रयोग होने वाली माला और जूवेल्लरी में किया जाता हैं। इसके छूने से इंसान को कोई भी ठेस नहीं पहुँचती लेकिन इसके सेवन या खुरचने की वजह से यह इंसान की जान के लिए घातक सिद्ध होती है। इस पौधे में एब्रिन नाम का जहर पाया जाता हैं जिसका मात्र 3 माइकोग्राम ही किसी इंसान की जान लेने के लिए क़ाफी हैं।

Deadly NightShade – Atropa Belladonna (घातक नाईटसेड)

यह पौधा मध्य और दक्षिणी एशिया में पाया जाता हैं। इसकी पत्ती हल्की हरी और फल काले रंग के चमकीले (चेरी के प्रकार के) होते हैं। इसके फल मीठे होते हैं। लेकिन इसके तने, फल, जड़, पत्तियों में सकोपोलामिन और एट्रोपिन पाया जाता हैं। जो कि मनुष्य शरीर के लिए घातक होता हैं। इससे शरीर लकवाग्रस्त हो जाता हैं, इसकी भी पत्ती को छूने से शरीर में खुजली होने लगती हैं।

White Snakeroot – ageratina altissima (वाइट सनकेरूट)

यह पौधा उत्तरी अमेरिका में पाया जाता हैं। इसके फूल सफेद व छोटे के होते हैं। इसमें अल्कोहल ट्रेमटोल पाया जाता है, जो शरीर के लिए घातक होता हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन की माँ की मौत इसी पौधे की वजह से हुई थी। उन्होंने एक गाय का दूध पाया जिसके कारण उनकी मौत हुईं। अगर कोई जानवर इस पौधे का सेवन कर लेता है तो इसके मांस या दूध के पीने से इंसान की मौत हो जाती हैं। इससे इंसान के शरीर मे जहर फैल जाता हैं, जिससे इंसान की मृत्यु हो जाती हैं।

Water Hemlock – Cicuta maculata ( वाटर हेमलोक) – वाइट सनकेरूट के साथ इसे भी उत्तरी अमेरिका का सबसे जहरीला पौधा माना जाता है। इसके फूलों को अक्सर इंसान अजवायन समझ कर धोखा खा जाते हैं। अगर कोई इसे गलती से खा ले तो इसके परिणाम अत्यंत घातक सिद्ध होते हैं। चक्कर, पेट दर्द के साथ इंसान की मौत ही हो जाती है या फिर इंसान अपनी याददास्त खो बैठता हैं।

उत्तर भारत का प्रसिद्ध त्योहार लोहड़ी आज 13 जनवरी को पूरे पंजाब और हरियाणा में बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है।लोहड़ी का त्योहार पोष मास के अंतिम दिन और मकर संक्रांति के एक दिन पहले सूर्य के पशचात् मनाया जाता है। अलग-अलग जगहों पर मकर संक्रांति को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे बिहार और उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति को तिल सकरात के नाम से जाना जाता है यानि तिल से बने लड्डू जिसको तिलकुट कहा जाता है। इस दिन लोग पतंग उडा़ते है। मकर संक्रांति को लेकर कहा जाता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति होती है।

लोहड़ी क्यों मनाई जाती है

इस त्योंहार से जुड़ी बहुत सी पौराणिक कथाएँ हैं। परंतु सबसे महत्वपूर्ण पौराणिक कथा दुल्ला भट्टी की मानी जाती है। जो कि पंजाब का प्रसिद्ध नायक था। वो अमीरों से खजाना लूटकर, गरीबों में बांटकर उनकी मदद करता था। जिसकी वजह से लोग उसे बहुत प्यार करते थे और वो गरीबों के खिलाफ होने वाले अत्याचार के विरुद्ध हमेशा आवाज उठाता था। एक बार एक गरीब ब्राह्मण की दो बेटियां सूंदर और मूंदरी, जिनकी सगाई तय हो चुकी थी। उनकी सुंदरता को देखकर हाकिम ने उनको उठाने का मन बना लिया। उस हाकिम से बचाने के लिए दुल्ला भट्टी के पास उनके पिता ने अर्ज की। तो दुल्ला भट्टी ने उनकी शादी उसी दिन करवाकर हाकिम से बचा लिया। दुल्ले के पास शगुन के रुप में उन लड़कियों को देने के लिए शकर के सिवा और कुछ नहीं था। तभी से लोहड़ी के इस त्यौहार को मनाया जाने लगा।

Happy Lohri - 2021 - Exclusive Samachar

लोहड़ी की तैयारीयां

लोहड़ी से कुछ दिन पहले ही बच्चे इकट्ठे होकर घर-घर जाकर दुल्ला भट्टी का गाना गाकर लोहड़ी मांगते है। जिसमें उनको मूंगफली, गुड़, रेवड़ी, थापियां(पाथी) मिलती है। जैसे ही शाम होने लगती है, आसपास के घरों के लोग एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं। बीच में लकड़ी और थापियां जलाई जाती है। जिसके आसपास सभी लोग बैठकर गीत गाते है। लोहड़ी के दहन के आसपास ढोल बजाकर नाचते हैं, औरतें गिध्धा करती है।जिनके घर बेटा हुआ हो या जिनके लड़के की शादी हुई हो, उन परिवार वालों को सभी बधाई देते हैं और वह सबको गुड़, रेवड़ी, गजक बांटते हैं।

आधुनिक युग में लड़की को भी लड़को के बराबर दर्जा दिया जा रहा है। जिससे अब सिर्फ लड़को की लोहड़ी ही नहीं मनाई जाती, बल्कि लड़की होने पर भी धूम-धाम से लोहड़ी मनाई जाती है।

लोहड़ी की आग में लोग क्या जलाते है

आपको बता दे शाम के समय को जलाई जाने वाली आग में लोग गुड़, रेवड़ी, मूंगफली और तिल डालते हैं और साथ में बोलते है – ईशर आए, दलिद्र जाए दलिद्र दी जड़ चुले पाए। 
भाव अपनी सुस्ती को आग में जलाकर चुस्ती की मांग की जाती है। सभी एक-दूसरे को लोहड़ी की बधाई देतें है। इसके साथ ही हमें  लोहड़ी की आग में अपनी तमाम बुराईयों को जलाना चाहिए। जैसे- अपनी नफरत, क्रोध, लोभ, मोह, माया व अहंकार को इस दिन जला देना चाहिए व आपस में मिल-जूलकर त्यौहार को बडे़ प्यार से मनाना चाहिए।

त्योहार को मनाने का सही तरीका

हर त्योहार हमें सीख देता है। ठीक उसी तरह लोहड़ी का त्योहार भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। तो हमें लोहड़ी के दहन में अपनी एक बुराई अवश्य छोड़नी चाहिए और अच्छाई को अपनाना चाहिए। हर कोई इस त्योहार को जैसे नाच-गाकर मनाता है। अगर त्योहार को जरुरतमंदों की मदद करके मनाया जाए, तो हमारे साथ सबकी खुशी दौगुनी हो जाती है। हम किसी की मदद विभिन्न तरह से कर सकते है। जैसे भूखे व जरुरतमंद लोगों को राशन दान करके, कपड़े दान करके व जरुरतमंद लोगों में मिठाई बांट कर हम उनके साथ खुशी बांट सकते है।

Conclusion

आज के समय में इंसान ने तरक्की जरूर कर ली है। परंतु कहीं न कहीं वह रिशतों से दूर भाग रहा है। आज के समय में त्योंहार एक घर तक ही सीमित हो गए हैं। ऐसे में हम सबको भारतीय संस्कृति को कायम रखते हुए, भाईचारे के साथ त्योहार को मनाना चाहिए। इस तरह आपस में प्यार बढ़ता है और एक दूसरे से नफरत की भावना खत्म होती है।