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happy teachers day

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Teacher’s Day भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूल के बच्चे खुद टीचर बनकर शिक्षकों की भूमिका निभाते हैं। इस दिन बच्चे शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान और प्यार अलग-अलग तरह से व्यक्ति करते हैं। शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा माना जाता है क्योंकि एक शिक्षक ही होतें हैं जो बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

Happy Teacher's Day - Exclusive Samachar

कबीर जी ने कहा है

“गुरु गोविंद दोऊं खड़े, काके लागूं पाय  बलिहारी गुरु आपने जिन गोविंद दियो मिलाए।”
संत कबीर जी ने शिक्षक को गुरु का दर्जा दिया है। गुरु शब्द ‘गु+रु’ से मिलकर बना है। ‘गु’ का अर्थ है “प्रकाश” और ‘रु’ का अर्थ है “अंधकार”। अंधकार रूपी जीवन में ज्ञान का प्रकाश करने वाले को गुरु कहा जाता है।

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस

एक बार डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विद्यार्थी और दोस्त उनसे कहने लगे कि वे उनका जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो उन्होंने बोला कि वे चाहते हैं कि उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें गर्व महसूस होगा तो तब 1962 से उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था और 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

shikshak divas kyon manaya jata hai - Exclusive Samachar

संस्कृत में एक बहुत ही मशहूर कहावत है

मातृ देवो भव:
पितृ देवो भव:
आचार्य देवो भव:

अर्थात माता-पिता और आचार्य भगवान के समान होते हैं। माता-पिता हमें पैदा करते हैं और जीना सिखाते हैं। लेकिन हमें समाज के लायक बनाने में सबसे बड़ा हाथ हमारे शिक्षकों का है। इसलिए समाज में शिक्षक को महान माना जाता है। भारतीय समाज में शिक्षकों को प्राचीन काल से ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। गुरु के कथन पर अपनी जान को भी न्यौछावर करने की कई कथाएं हमारी संस्कृति में शामिल है। एकलव्य ने अपने गुरु के कहने पर अपना अंगूठा दान कर दिया था। तो वहीं रामायण युग में भी हमें गुरु-शिष्य की परंपरा देखने को मिलती है।

शिक्षकों को समाज का शिल्पकार इसलिए भी कहा जाता है। क्योंकि वह बच्चों को समाज में रहना सिखाते हैं। जो शिक्षा बच्चे स्कूल में सीखते हैं। उसे ही वह अपने व्यवहारिक जीवन में अमल में लाते हैं। भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरुआत की गई थी। हालांकि विश्व में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

भारत में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के द्वितीय राष्ट्रपति रहे डॉक्टर राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है।

शिक्षक उस माली के समान होता है, जो एक बगीचे को भिन्न भिन्न रूप रंग के फल और फूलों से सजाता है। जो छात्रों को कांटों पर भी मुस्कुरा कर चलने को प्रोत्साहित करता है। उन्हें जीने की वजह समझाता है। शिक्षक के लिए सभी छात्र समान होते हैं और वह सभी का कल्याण चाहता है। शिक्षक ही वह धुरी होता है, जो विद्यार्थी को सही गलत व अच्छे बुरे की पहचान करवाते हुए बच्चों को अंतर्निहित शक्तियों को विकसित करने की पृष्ठभूमि तैयार करता है।

किस देश में कब मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

International Teacher’s Day का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। वहीं चीन में 10 सितंबर को, अमेरिका में मई के पहले सप्ताह के मंगलवार को और थाईलैंड में हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षक और पत्रकार समाज के दो मजबूत स्तंभ होते हैं। धन कमाने की लालसा अगर इन पर चढ़ जाए तो समाज को सही दिशा देना मुश्किल काम है।

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan birthday as teacher's day - Exclusive Samachar

उनका मानना था कि शिक्षक उन्हीं को बनना चाहिए जो सर्वाधिक योग्य व बुद्धिमान हो। उनका स्पष्ट यह कहना था कि जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित और प्रतिबंध नहीं होता हैं और शिक्षा को एक मिशन नहीं मानता, तब तक अच्छी शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती। उनके सिर्फ शिक्षक बन जाने से सम्मान नहीं होता, सम्मान अर्जित करना महत्वपूर्ण है।

तो आइए! हम यह संकल्प लें कि एक शिक्षक की गरिमा हमेशा बना कर रखेंगे। हमारे व्यवहार को देख बच्चे स्वयं प्रभावित होंगे। हमारा आचरण ही उनको बहुत कुछ सिखाएगा।