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Engineers Day Kab Manaya Jata Hai?

हमारे देश में प्रतिवर्ष 15 September को Engineer’s Day के रूप में क्यों मनाया जाता हैं?
इस दिन भारत के महान अभियन्ता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था।

हमारे भारत की उन्नति के लिए आज तक किसी न किसी का योगदान तो रहा ही है और हम उस योगदान के जरिए लोगों को अच्छी बातों की ओर जाने की प्रेरणा भी देते हैं और उसे एक यादगारी चिन्ह के रूप में Celebrate भी करते हैं। उसी तरह होता है Engineer’s Day. दुनिया के सारे Engineer’s का देश के विकास में बहुत योगदान रहा है। एम् विश्वेश्वरैया भारत के एक महान इंजीनियर थे जिनका भारत को एक नया रूप देने के लिए बहुत ही बड़ा योगदान हैं।आधुनिक भारत की रचना का श्रेय इन्हीं को जाता हैं।।इन्होंने इंजीनियरिंग के छेत्र में बेहद अद्भुत काम किया है, इन्होंने समर्पण भारत के लिए अपना असाधारण योगदान दिया हैं।इसीलिए उनकी इस महानता को बढ़िया रूप देने के लिए Engineer’s Day मनाया जाता है लेकिन ये दिवस अलग-अलग देशों में अलग-अलग मनाया जाता है।

Happy Engineer's Day - Exclusive Samachar

भारत मे ये दिन महान इंजीनियर मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया की याद में मनाया जाता है। मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1860 में भारत के मैसूर में हुआ था। जिसे हम कर्नाटक के नाम से जानते हैं। इन्होंने इंजीनियर के तौर पर बहुत अच्छे कार्य किए जिसके लिए 1955 में इन्हें “भारत रत्न” Award से सम्मानित किया गया था।

What is Engineer’s Day?

Engineer’s Day अथवा अभियंता दिवस भारत के Engineers के लिए एक बहुत बड़ा दिन है जिसे भारत में हर साल 15 सितंबर को मनाया जाता है। ये दिवस मनाने का असली कारण है कि भारत के छात्र इस क्षेत्र में आगे आएं और देश की समृद्धि और विकास को बढ़ाएं।

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया करियर

मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया की इंजीनियरिंग की शिक्षा के पूरे होते ही उन्हें जॉब के ऑफर आने लग गए थे।मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया को सबसे पहले बॉम्बे सरकार की तरफ से जॉब का ऑफर आया उसके पश्चात उन्हें नाशिक में Assistant Engineer के रूप में काम मिला क्योंकि सब उनके काम से बेहद प्रसन्न थे, 1 इंजीनियर के रूप में उन्होंने अद्भुत काम किए थे।

Engineer's Day - Sir Mokshagundam Visvesvaraya - Exclusive Samachar

मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया ने सिन्धु नदी से पानी की सप्लाई वहां के एक गांव सुक्कुर गाँव तक करवाई थी। साथ ही एक नई सिंचाई प्रणाली ‘ब्लाक सिस्टम’ का जन्म इन्ही महान इंजीनियर द्वारा दिया गया था। बाँध में इस्पात के दरवाजे भी लगवाए जिससे कि हम बाँध के पानी के प्रवाह को आसानी से रोका जा सकें। विश्वेश्वरैया ने भारत में ऐसे अनेकों अद्भुत कार्य किए, जिनकी लिस्ट अंतहीन है। वे एकदम फिट रहने वाले इन्सान थे। 92 साल की उम्र में भी उन्हें किसी के सहारे की जरूरत नहीं थी और सामाजिक तौर पर एक्टिव भी थे।

Importance of Engineer’s Day

Engineer’s Day की महानता यहीं है की ये दिवस बाकी दिवसों की तरह इंजीनियर्स को महान दिखाने का यत्न करता है। Telephone की जगह Mobile का आना भी इनकी मेहरबानी है।