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आइए जाने संपूर्ण जानकारी

जब भी किसी ग्रह पर जीवन संभव होने की संभावना मिलती है, तो इसका अर्थ यह नहीं होता कि वहां पर हमें अपने जैसे इंसान, पशु-पक्षी या अन्य जीव मिल गए हैं। बल्कि इसका अर्थ यह होता हैं कि हमें वहां पर जीवन जीने की कुछ ऐसी संभावनाएं मिली है। जैसे- Bacteria हो या कोई अन्य सूक्ष्म जीव हो, जो आने वाले समय में जीवन के पनपने में मदद कर सकते हैं। 
आपको बता दें कि यदि किसी ग्रह पर बैक्टीरिया भी मिलता मिलता है। तो यही कहा जाता है कि उस ग्रह पर जीवन संभव है। 

आइए बात करते हैं शुक्र ग्रह यानी  Venus की…..

आपको बता दें  Venus की सतह का तापमान 400°C है। अर्थात जहां पर 100°C  पर पानी उबल जाता है। यह उस से 4 गुना ज्यादा गर्म है। शुक्र ग्रह का तापमान बहुत अधिक है। जो Lead को भी पिघला सकता है।  यहां कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत अधिक है।

अब आप यह सोच रहे होंगे कि यहां जीवन की संभावना कैसे उत्पन्न हो सकती है। 

Planetary system - Exclusive Samachar

आइए जानते हैं शुक्र पर जीवन 

आपकी जानकारी के लिए बता दें खगोल शास्त्रियों ने शुक्र ग्रह यानि Venus  के वायुमंडल में सतह से 50 किलोमीटर ऊपर आसमान की ओर फॉस्फीन नामक गैस रिसर्च की है। जो 1 फास्फोरस और 3 हाइड्रोजन के कणों से मिलकर बनी है। इस गैस के शुक्र मिलने से पता चला कि वहां पर जीवन संभव हो सकता। इसका मुख्य आधार फॉस्फीन गैस हैं। इस ग्रह के बादलों में सूक्ष्म जीव तार रहे हैं। 

अगर फास्फीन गैस की बात हम पृथ्वी पर करें। तो यह गैस दो कारणों से बनती है। पृथ्वी पर फॉस्फीन गैस कम अॉक्सीजन वाली जगह जैसे कि दलदल में पाई जाती है। जहां इसे micro bacteria oxygen  की अनुपस्थिति में पैदा करते हैं। दूसरा इसको कारखानों में बनाया जाता है। लेकिन शुक्र ग्रह पर कोई कारखाना नहीं है। तो ऐसे में हो सकता है कि micro bacteria  इस गैस को  Venus  पर उत्सर्जित रहे हो।

इस बारे में ब्रिटेन की कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेन ग्रीब्स ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस नई खोज के आधार पर एक विस्तृत लेख लिखा हैं और इस लेख को  Nature Astronomy नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

आपको बता दें इस लेख में बड़े विस्तार से यह लिखा गया है कि फास्फीन गैस के मिलने से शुक्र पर जीवन की संभावना कैसे बढ़ जाती है।

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शोधकर्ताओं का मानना है कि फॉस्फीन गैस शुक्र ग्रह के बादलो में बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद हो सकती है।

गैस की खोज कैसे हुई

आपको बता दें हवाई और चिली पर दो टेलिस्कोप है जो निरंतर शुक्र पर नजर बनाए हुए हैं। इनका नाम हवाई के मोना केआ अॉब्जर्वेटरी में जेम्स क्लर्क मैक्सवेल टेलिस्कोप और चिली में स्थित अटाकामा मिलीमीटर ऐरी टेलिस्कोप की सहायता से शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन गैस का पता लगाया है। इस गैस के होने से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां जीवन मिलने की संभावना है। शुक्र ग्रह धरती के नजदीक हमारे सौरमंडल में है। तो उस पर जीवन तक पहुंचना आसान है। 

लेकिन Venus के घने बादलों में 75 से 95 फ़ीसदी सल्फ्यूरिक एसिड होने के कारण जीवन को पनपने की संभावना बहुत कम है। ऐसे वातावरण में बैक्टीरिया को जीवित रहने के लिए अपने आसपास कवच बनाना होगा। लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है, क्योंकि अगर बैक्टीरिया अपने आसपास कवच बना लेंगे तो गैसों का आदान प्रदान नहीं होगा और वहां जीवन की संभावना कम होगी।

लेकिन यह खोज का विषय है तो हो सकता है, वहां कुछ हद तक जीवन के संकेत मिले।

नासा वर्ष 2030 तक शुक्र पर फ्लैगशिप या इंस्ट्रुमेंटल  भेजने का प्लान बना रहा है।

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आपको बता दी ऐसा नहीं है कि Venus यानी शुक्र ग्रह पर आज तक पृथ्वी से अभी तक कोई मिशन नहीं गया है। वर्ष 1961 से 1984 के बीच सोवियत यूनियन के वनेरा मिशन के तहत शुक्र पर 13 मिशन भेजे थे। जिनमें से 10 सतह पर उतरे थे। लेकिन शुक्र ग्रह का तापमान बहुत ज्यादा है। जिस कारण मिशन केवल 23 मिनट से 2 घंटे तक ही वहां पर काम कर पाया, उसके बाद काम बंद हो गया। हालांकि इस दौरान उन्होंने शुक्र के सतह की कुछ तस्वीरें पर पृथ्वी पर भेज दी थी। तो इनकी मदद से हो सकता है, आने वाले समय में जी जीवन की खोज में नासा शुक्र पर कोई बड़ा मिशन भेजने की योजना बनाएं। 

यदि शुक्र पर जीवन मिलता है तो आकाशगंगा में असंख्य जगहो पर जीवन मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। क्योंकि आमतौर पर गर्म सतहो वाले ग्रहों पर जीवन संभव नहीं हो सकता। यदि शुक्र पर जीवन के अंश मिल जाते हैं तो हो सकता है असंख्य जगह पर जीवन मिलने की संभावना हो।

Engineers Day Kab Manaya Jata Hai?

हमारे देश में प्रतिवर्ष 15 September को Engineer’s Day के रूप में क्यों मनाया जाता हैं?
इस दिन भारत के महान अभियन्ता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था।

हमारे भारत की उन्नति के लिए आज तक किसी न किसी का योगदान तो रहा ही है और हम उस योगदान के जरिए लोगों को अच्छी बातों की ओर जाने की प्रेरणा भी देते हैं और उसे एक यादगारी चिन्ह के रूप में Celebrate भी करते हैं। उसी तरह होता है Engineer’s Day. दुनिया के सारे Engineer’s का देश के विकास में बहुत योगदान रहा है। एम् विश्वेश्वरैया भारत के एक महान इंजीनियर थे जिनका भारत को एक नया रूप देने के लिए बहुत ही बड़ा योगदान हैं।आधुनिक भारत की रचना का श्रेय इन्हीं को जाता हैं।।इन्होंने इंजीनियरिंग के छेत्र में बेहद अद्भुत काम किया है, इन्होंने समर्पण भारत के लिए अपना असाधारण योगदान दिया हैं।इसीलिए उनकी इस महानता को बढ़िया रूप देने के लिए Engineer’s Day मनाया जाता है लेकिन ये दिवस अलग-अलग देशों में अलग-अलग मनाया जाता है।

Happy Engineer's Day - Exclusive Samachar

भारत मे ये दिन महान इंजीनियर मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया की याद में मनाया जाता है। मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1860 में भारत के मैसूर में हुआ था। जिसे हम कर्नाटक के नाम से जानते हैं। इन्होंने इंजीनियर के तौर पर बहुत अच्छे कार्य किए जिसके लिए 1955 में इन्हें “भारत रत्न” Award से सम्मानित किया गया था।

What is Engineer’s Day?

Engineer’s Day अथवा अभियंता दिवस भारत के Engineers के लिए एक बहुत बड़ा दिन है जिसे भारत में हर साल 15 सितंबर को मनाया जाता है। ये दिवस मनाने का असली कारण है कि भारत के छात्र इस क्षेत्र में आगे आएं और देश की समृद्धि और विकास को बढ़ाएं।

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया करियर

मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया की इंजीनियरिंग की शिक्षा के पूरे होते ही उन्हें जॉब के ऑफर आने लग गए थे।मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया को सबसे पहले बॉम्बे सरकार की तरफ से जॉब का ऑफर आया उसके पश्चात उन्हें नाशिक में Assistant Engineer के रूप में काम मिला क्योंकि सब उनके काम से बेहद प्रसन्न थे, 1 इंजीनियर के रूप में उन्होंने अद्भुत काम किए थे।

Engineer's Day - Sir Mokshagundam Visvesvaraya - Exclusive Samachar

मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया ने सिन्धु नदी से पानी की सप्लाई वहां के एक गांव सुक्कुर गाँव तक करवाई थी। साथ ही एक नई सिंचाई प्रणाली ‘ब्लाक सिस्टम’ का जन्म इन्ही महान इंजीनियर द्वारा दिया गया था। बाँध में इस्पात के दरवाजे भी लगवाए जिससे कि हम बाँध के पानी के प्रवाह को आसानी से रोका जा सकें। विश्वेश्वरैया ने भारत में ऐसे अनेकों अद्भुत कार्य किए, जिनकी लिस्ट अंतहीन है। वे एकदम फिट रहने वाले इन्सान थे। 92 साल की उम्र में भी उन्हें किसी के सहारे की जरूरत नहीं थी और सामाजिक तौर पर एक्टिव भी थे।

Importance of Engineer’s Day

Engineer’s Day की महानता यहीं है की ये दिवस बाकी दिवसों की तरह इंजीनियर्स को महान दिखाने का यत्न करता है। Telephone की जगह Mobile का आना भी इनकी मेहरबानी है।

जीवन में जल्दी से सब कुछ हासिल करने की तमन्ना और जीवन में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ आजकल लोगों को मानसिक तनाव का शिकार बना रही हैं। जीवन में थोड़ी सी असफलता मिलते ही लोग अपने जीवन तक को दांव पर लगा देते हैं। वे आत्महत्या के बारे में सोचने लगते हैं।

आत्महत्या एक अस्थाई समस्या का समाधान ना होकर अपितु आपके परिवारजनों के लिए स्थाई समस्या बन जाती है।
कब मनाया जाता है |

विश्व में प्रत्येक वर्ष 10 सितंबर को World Suicide Prevention Day (विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस) मनाया जाता है।

उद्देश्य 

इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना और आत्महत्या जैसे अपराध को करने से रोकना है। WHO के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में हर 40sec में एक व्यक्ति आत्महत्या कर लेता हैं और प्रत्येक 3sec  में इसको करने की कोशिश की जाती है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर में प्रत्येक वर्ष करीब 800000 लोग आत्महत्या कर लेते हैं|

World Suicide Prevention Day - Exclusive Samachar

शुरुआत 

आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए व लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को लेकर इसे International Association For Suicide Prevention द्वारा विश्व भर में इसे वर्ष 2003 में सबसे पहले मनाया गया था। 10 सितंबर 2003 को  World Suicide Prevention Day  मनाने की शुरुआत की  गई थी।इस दिवस को मनाने के लिए  International Association For Suicide Prevention (IASP),  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व मानसिक स्वास्थ्य संघ मिलकर कार्य करते है।    

Theme 

वर्ष 2020 में World Suicide Prevention Day की थीम हैं-आत्महत्या को रोकने के लिए मिलकर काम करना।

आत्महत्या के मुख्य कारण 

गंभीर बीमारी का होना 

सबसे पहला कारण जो देखा गया है, वह है गंभीर बीमारी का होना। कई बार मनुष्य किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होता है। तो वह उस से परेशान होकर आत्महत्या के बारे में सोच बैठता है।

पारिवारिक झगड़ा 

कई बार कुछ परिस्थितियों के कारण परिवार में झगड़ा हो जाता है। तो उस से परेशान होकर लोग चिंता में/तनाव में आ जाते हैं और आत्महत्या करने की सोचते हैं।

आर्थिक कमजोरी 

यह मुख्य कारण भी आजकल देखने में आ रहा है, जो आत्महत्या का कारण बनता है। आर्थिक कमजोरी का अर्थ है कि पैसों का ना होना। अक्सर लोग जो जीवन जीना चाहते हैं वह जीवन वे आर्थिक कमजोरी के कारण नहीं जी पाते। कई अमीर लोगो को भी इसका शिकार होना पड़ता है। व्यापार में एकदम से घटा पड़ने के कारण लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं और आत्महत्या कर लेते हैं।

डिप्रेशन और अकेलापन 

यह आज के समय में देखने को मिल रहा है। लोग अपने घर परिवार वालों से दूर रहते हैं। उनके साथ अपनी समस्याओं को साझा नहीं करते और डिप्रेशन में चले जाते हैं। आखिर में आत्महत्या कर लेते हैं।

जीवन में बार बार असफलता 

कोई व्यक्ति एक कार्य को बार-बार कर रहा है, सफलता की ओर बढ़ने की कोशिश करता है। लेकिन इसके बावजूद भी उसे सफलता नहीं मिलती। वह बार-बार असफल हो जाता है। जिससे वह चिंताग्रस्त होकर आत्महत्या कर लेता है।

परीक्षा में असफलता 

परीक्षा में अंक कम आने से या असफल हो जाने से बच्चे चिंता ग्रस्त हो जाते हैं और आत्महत्या करने की सोच लेते हैं। भारत में स्थिति ज्यादा देखने को मिलती है।

world suicide prevention day - how to stop suicides - Exclusive Samachar

आत्महत्या से कैसे बचा जाए 

आइए जानते हैं कैसे आत्महत्या के विचारों से बचा जा सकता है।

सही दिनचर्या 

सही दिनचर्या का अर्थ यह है कि आप सुबह जल्दी उठो, जल्दी उठकर सैर करें, योगा करें, ईश्वर की भक्ति (मेडिटेशन) करें। लोगों से मिले, उनसे बातचीत करें, शाम को जल्दी सोए, समय पर खाना खाए।

योगा और शारीरिक व्यायाम 

जब आप शारीरिक व्यायाम व योगा करेंगे तो आपके शरीर को पॉजिटिव एनर्जी मिलेगी, इसके साथ ही ईश्वर की भक्ति भी करें। जिससे आपके बुरे विचारों का खात्मा होगा और आपके अंदर सकारात्मक विचार उत्पन्न होंगे और आप आत्महत्या जैसे बुरे विचारों से बच पाएंगे।

मिलनसार बने व अपनी समस्याओं को दूसरों से सांझा करें 

आज के समय में लोग चुपचाप से रहते हैं, खुल कर हंसते, मुस्कुराते नहीं। अपने आप में खोए रहते हैं।  देखने में दुनियावी दोस्त बहुत होते हैं, लेकिन असल जिंदगी में उनका कोई दोस्त नहीं होता। जब उन्हें कोई समस्या आती है, तो वह दुनियावी दोस्तों में शेयर करते हैं। लेकिन जहां उन्हें उनकी समस्या का समाधान मिल सकता है- अपने परिवार में, अपने आस-पड़ोस में, अपने दोस्तों के बीच में उनसे में लोग बात नहीं करते और मन ही मन परेशान होते हैं। वह समस्या एक दिन विकराल रूप धारण कर लेती हैं और आत्महत्या जैसे विचार आने लगते हैं। तो हमेशा कोशिश करें खुलकर हंसे, मुस्कुराए और मिलनसार बने।

अपनी क्षमता अनुसार सही चुनाव करें 

इसका मतलब आपकी शारीरिक क्षमता,  बुद्धि और आर्थिक स्थिति से है। अगर आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, तो आप अपनी शिक्षा उसके हिसाब से चुने जिसमे फीस कम लगे और अगर आप अच्छी उच्च शिक्षा को करना चाहते हैं। तो आप दिल से एकाग्रता से पढ़ाई करें। जो एंट्रेंस टेस्ट होते हैं। वह देकर आप अच्छे शिक्षा संस्थान में प्रवेश कर सकते हैं।ऐसे ही रिश्तो का चुनाव सही तरीके से करें।

अपने शौक को जिंदगी का हिस्सा बनाएं 

जो आपके शौक है उन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं। अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो उसके लिए समय निकाल ले, मेहनत करें और प्रयास कीजिए उनको पूरा करने की। तनाव ना ले।

अपनी गलतियों से सिखे,नकारात्मक सोच को जरिया ना बनाएं।

आखिर में….. 

क्यों सोचता है इंसान मरने की, मुसीबत तो सबके पास होती है। अपने आप को पहचान कर ही, कई दास्ता लिखनी होती है। अरे जिंदगी जीने का हुनर थोड़ा सा, उन लोगों से भी सीख लो जिनके पास जिंदगी देखने को आंखें तक नहीं होती है।

suicide prevention - Exclusive Samachar

विश्व के किसी भी देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए सबसे जरूरी है, वहां पर रहने वाले लोगों की साक्षरता। इसके बिना विश्व के किसी भी देश का विकास होना असंभव है। आज के समय में इंसान के लिए पढ़ा लिखा होना बहुत जरूरी है।

साक्षरता का अर्थ केवल पढ़ना लिखना या शिक्षित होना नहीं। अपितु यह लोगों के अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक विकास का आधार बनाना है।

International Literacy Day की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने को लेकर पहली बार वर्ष 1965 में 8 से 19 सितंबर के बीच ईरान के तहरान में शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई थी। इसके बाद 26 अक्टूबर 1966 को यूनेस्को ने 14वे General Conference में घोषणा करते हुए कहा था कि हर वर्ष दुनिया भर में 8 सितंबर को International Literacy Day यानी अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष यह 52 वां अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस है।

कैसे मनाया जाता हैं

विश्व भर में इस दिवस को मनाने के कई समारोह का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा कई जगहों पर लोगों को साक्षरता के विषय में जागरूक करने के लिए भाषण दिए जाते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए अपने अपने स्तर पर रैलियां निकाली जाती है। कुछ अमीर लोग इस दिन गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हैं।

उद्देश्य

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का मुख्य उद्देश्य विभिन्न समुदायों और व्यक्तियों की साक्षरता के महत्व के बारे में बताना है। इसके साथ ही उसके बढ़ावे की प्रगति पर जोर देना है।

प्रत्येक वर्ष International Literacy Day के अवसर पर UNRSCO दुनियाभर में International Community के अंदर सीखने, साक्षरता को बढ़ाने और व्यस्क लोगों की स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

International Literacy Day मनाने का कारण

मानव विकास और समाज के लिए उनके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। सफलता और जीने के लिए साक्षरता बेहद महत्वपूर्ण है। इसकी अहमियत हम सभी को मालूम है।

साक्षरता दर

साक्षरता दर की अगर बात करें तो कुछ हद तक उसमें सुधार हुआ है। अगर 1820 की बात की जाए तो उस समय साक्षरता दर 12% थी। यानी 12% लोग पढ़े लिखे थे। और आज 86.3 प्रतिशत साक्षरता दर है। यानी 86.3% लोग ही पढ़े लिखे हैं। आपको बता दें संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक विश्व भर में 4 अरब लोग ही पढ़े लिखे हैं। अगर आंकड़ों की माने, तो हर पांच व्यस्क लोगों में से एक व्यक्ति पढ़ा लिखा नहीं है और लगभग 35 देश ऐसे हैं जहां साक्षरता 50% भी नहीं है।

दुनिया में एक अरब लोग आज भी पढ़ लिख नहीं सकते।

World Literacy Rate

Total- 86.3%
Male- 90.0%
Female- 82.7%

India Literacy Rate

Total-77.7%
Male- 84.7%
Female- 70.3%
Rural- 73.5%
Urban- 87.7%

Top Literate State

Kerala- 96.2%
Delhi- 88.7%
Uttarakhand- 87.6%, Himachal Pradesh- 86.6%
Assam- 85.9%

Top Down Literacy State

Andhra Pradesh- 66.4%, Rajasthan- 16.7%
Bihar- 70.9%
Telangana 72.8%
Uttar Pradesh- 73%

साक्षरता दर की वजह

भारत में या अन्य देशों में साक्षरता कम होने के पीछे कई कारण है। भारत में साक्षरता दर के पीछे विद्यालयों की कमी होना, स्कूल में शौचालय ना होना, जातिवाद, गरीबी, लड़कियों से छेड़छाड़ होने का डर और जागरूकता की कमी जैसे कई कारण शामिल है।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम

2018 में Literacy And Skill Development थीम थी।

2019 में Literacy And Multilingualism थीम थी।

2020 की इस बार की थीम “Literacy Teaching And Learning In The Covid-19 Crisis And Beyond” हैं।

Teacher’s Day भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूल के बच्चे खुद टीचर बनकर शिक्षकों की भूमिका निभाते हैं। इस दिन बच्चे शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान और प्यार अलग-अलग तरह से व्यक्ति करते हैं। शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा माना जाता है क्योंकि एक शिक्षक ही होतें हैं जो बच्चों को एक अच्छा इंसान बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

Happy Teacher's Day - Exclusive Samachar

कबीर जी ने कहा है

“गुरु गोविंद दोऊं खड़े, काके लागूं पाय  बलिहारी गुरु आपने जिन गोविंद दियो मिलाए।”
संत कबीर जी ने शिक्षक को गुरु का दर्जा दिया है। गुरु शब्द ‘गु+रु’ से मिलकर बना है। ‘गु’ का अर्थ है “प्रकाश” और ‘रु’ का अर्थ है “अंधकार”। अंधकार रूपी जीवन में ज्ञान का प्रकाश करने वाले को गुरु कहा जाता है।

क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस

एक बार डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विद्यार्थी और दोस्त उनसे कहने लगे कि वे उनका जन्मदिन मनाना चाहते हैं तो उन्होंने बोला कि वे चाहते हैं कि उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें गर्व महसूस होगा तो तब 1962 से उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था और 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

shikshak divas kyon manaya jata hai - Exclusive Samachar

संस्कृत में एक बहुत ही मशहूर कहावत है

मातृ देवो भव:
पितृ देवो भव:
आचार्य देवो भव:

अर्थात माता-पिता और आचार्य भगवान के समान होते हैं। माता-पिता हमें पैदा करते हैं और जीना सिखाते हैं। लेकिन हमें समाज के लायक बनाने में सबसे बड़ा हाथ हमारे शिक्षकों का है। इसलिए समाज में शिक्षक को महान माना जाता है। भारतीय समाज में शिक्षकों को प्राचीन काल से ही सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। गुरु के कथन पर अपनी जान को भी न्यौछावर करने की कई कथाएं हमारी संस्कृति में शामिल है। एकलव्य ने अपने गुरु के कहने पर अपना अंगूठा दान कर दिया था। तो वहीं रामायण युग में भी हमें गुरु-शिष्य की परंपरा देखने को मिलती है।

शिक्षकों को समाज का शिल्पकार इसलिए भी कहा जाता है। क्योंकि वह बच्चों को समाज में रहना सिखाते हैं। जो शिक्षा बच्चे स्कूल में सीखते हैं। उसे ही वह अपने व्यवहारिक जीवन में अमल में लाते हैं। भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरुआत की गई थी। हालांकि विश्व में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

भारत में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के द्वितीय राष्ट्रपति रहे डॉक्टर राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है।

शिक्षक उस माली के समान होता है, जो एक बगीचे को भिन्न भिन्न रूप रंग के फल और फूलों से सजाता है। जो छात्रों को कांटों पर भी मुस्कुरा कर चलने को प्रोत्साहित करता है। उन्हें जीने की वजह समझाता है। शिक्षक के लिए सभी छात्र समान होते हैं और वह सभी का कल्याण चाहता है। शिक्षक ही वह धुरी होता है, जो विद्यार्थी को सही गलत व अच्छे बुरे की पहचान करवाते हुए बच्चों को अंतर्निहित शक्तियों को विकसित करने की पृष्ठभूमि तैयार करता है।

किस देश में कब मनाया जाता है शिक्षक दिवस?

International Teacher’s Day का आयोजन 5 अक्टूबर को होता है। वहीं चीन में 10 सितंबर को, अमेरिका में मई के पहले सप्ताह के मंगलवार को और थाईलैंड में हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षक और पत्रकार समाज के दो मजबूत स्तंभ होते हैं। धन कमाने की लालसा अगर इन पर चढ़ जाए तो समाज को सही दिशा देना मुश्किल काम है।

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan birthday as teacher's day - Exclusive Samachar

उनका मानना था कि शिक्षक उन्हीं को बनना चाहिए जो सर्वाधिक योग्य व बुद्धिमान हो। उनका स्पष्ट यह कहना था कि जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित और प्रतिबंध नहीं होता हैं और शिक्षा को एक मिशन नहीं मानता, तब तक अच्छी शिक्षा की कल्पना नहीं की जा सकती। उनके सिर्फ शिक्षक बन जाने से सम्मान नहीं होता, सम्मान अर्जित करना महत्वपूर्ण है।

तो आइए! हम यह संकल्प लें कि एक शिक्षक की गरिमा हमेशा बना कर रखेंगे। हमारे व्यवहार को देख बच्चे स्वयं प्रभावित होंगे। हमारा आचरण ही उनको बहुत कुछ सिखाएगा।

NTA द्वारा निर्धारित तिथियों पर ही नीट 2020 एंव जेईई 2020 परीक्षाओं को आयोजित किया जाएगा। बड़ी ही कड़ी सुरक्षा और Covid-19 को देखते हुए बड़ी सतर्कता से ये परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।1 सितंबर 2020 से जेईई मेन्स के लिए एग्जाम शुरू हो गए हैं।

जेईई मेन्स एग्जाम में शामिल होने वाले प्रत्येक परीक्षार्थी को केंद्र पर कोविड-19 से संबंधित स्वघोषणा पत्र देना होगा। और हर परीक्षार्थी के temperature की जांच के बाद उसे तीन लेयर वाला मास्क उपलब्ध करवाया जाएगा।

NEET 2020 - JEE 2020 - Latest News - Exclusive Samachar

NEET, JEE Main Exam 2020

80 प्रतिशत विद्यार्थी  डाउनलोड कर चुके हैं एडमिट कार्ड शिक्षा मंत्री के बयान के अनुसार लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थी अब तक NTA JEE Mains 2020 एग्जाम के एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं।।कुल रजिस्टर्ड 8.58 लाख छात्रों मे से लगभग 7.25 लाख छात्रों ने जेईई मेन्स 2020 परीक्षा हेतु एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए हैं।

इन कड़ी सुरक्षाओं के बीच करवाई जाएगी परीक्षाएं, NTA ने तैयार कियें 10 लाख मास्क, लगभग 13 करोड़ के खर्चे से हुई इन exams को करवाने की तैयारी :-

परीक्षा में छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने लगभग 10 लाख मास्क और लगभग 6 हजार लीटर से भी ज्यादा सेनेटाइजर तैयार करके रखा है।परीक्षाएं पूरी सावधानी से आयोजित करवाई जाएंगी। COVID-19 को ध्यान में रखते हुए ये मास्क और सेनेटाइजर परीक्षा केंद्र पर सभी छात्रों को उपलब्ध करवाया जाएगा।

NEET - JEE- Mains 2020 updates - Exclusive Samachar

NEET, JEE Main Exam 2020 के लिए सेंटर पर लेकर जानी हैं ये सब चीज़ें

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने ऐसे इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट एंव डिग्री कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया हैं जहां पर हर टेक्निकल सुविधा हो, मतलाब जहां पर कंप्यूटर बहुतायत में हैं, कंप्यूटर लैब्स काफी बड़ें हैं। परीक्षार्थियों को मास्क, ग्लव्स, सेनेटाइजर ये सब तो एग्जाम सेंटर पर उपलब्ध होगा।लेकिन एक बात जो ध्यान रखने वाली है वो ये की पानी पारदर्शी बोतल में परीक्षार्थी को खुद लेकर जाना होगा, एग्जाम सेंटर से पानी नही मिलेगा। तो इस बात का परीक्षार्थी पूरा-पूरा ख्याल रखें ।इन परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए भी मेटल डिटेक्टर से बिना छुए जांच की जाएगी, ताकि कोई भी परीक्षार्थी नकल को अंजाम नही दे पाए ।

दिल्ली मेट्रो के खुलने से पहले जान ले ये बातें

आप सभी जानते ही होंगे मेट्रो की सेवा पर Lockdown में रोक लगा दी गई थी। अब Delhi Metro के चलने की संभावना सितम्बर के पहले सप्ताह से बताई जा रही हैं।

DMRC के कार्यकारी निदेशक ने पहले ही कहा था कि मेट्रो को चलाने की तैयारियां पूरी है , जैसे ही सरकार का आदेश मिल जाएगा वैसे ही मेट्रो सेवा की शुरुआत हो जाएगी। अभी दिल्ली के मेट्रो परिचालन के लिए SOP जारी की है जिसके तहत पता लगा है कि Delhi Metro अब पूरी सावधानियों के साथ चलने के लिए तैयार है।

Delhi Metro latest news - Exclusive Samachar

लेकिन अब Metro में सफर करना पहले जितना आसान नहीं होगा। इस से पहले Delhi Metro में रोजाना लाखों लोग सफर करते थे, लेकिन अभी यह सम्भव नहीं हो पाएगा।

Delhi Metro में 671 गेट है जिसमें से 257 गेट ही खुलेंगे। साथ ही मेट्रो स्टेशन की लिफ्ट में एक समय 3 से ज्यादा यात्री नहीं रह सकते। वही सभी का मास्क लगाना अनिवार्य होगा, एंट्री गेट पर Sanitisation की व्यवस्था होगी।

Delhi Metro के समय में भी हुआ बदलाव

जानकारी के हिसाब से अब मेट्रो सुबह 7:30 से रात 8:30 तक ही चलेगी। इस से पहले मेट्रो सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक चलती थी। साथ ही मेट्रो के 242 स्टेशनों में 671 एंट्री पॉइंट्स है जिनमे से 257 ही खुले रहेंगे। सफर करने के लिए सोशल डिस्टन्सेस का पालन करना अनिवार्य होगा।
नोट- मेट्रो में यात्रा करने से पहले यात्री को थर्मल सकैनिंग की प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा, अगर इस दौरान थोड़ा भुखार या कोरोना वायरस के कुछ लक्षण देखने को मिलते है तो उसे चिकित्सकों के पास या वापस घर भेज दिया जाएगा।

Delhi Metro latest update and timings - All you should know - Exclusive Samachar

मेट्रो कहा पर कितने टाइम के लिए रुकेगी

पहले की तरह सितंबर से शुरू होने वाली मेट्रो के सभी स्टेशन पर ट्रेनें ज्यादा देर तक रुकी रहेंगी, जिससे यात्री शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए चढ़-उतर सकें। DMRC के मुताबिक, इंटरचेंज स्टेशन जहां पर अधिक भीड़ होगी, वहां ट्रेन को 20-30 सेकेंड अधिक समय के लिए रोका जाएगा। बता दें कि लॉकडाउन से पहले एक मेट्रो स्टेशन पर ट्रेनें 15 स 20 सेकेंड तक रुकती हैं। सितंबर में कम भीड़ वाले स्टेशन पर 30 सेकेंड तक रोकने की तैयारी है। वहीं, इंटरचेंज वाले स्टेशनों या फिर ज्यादा भीड़ वाले स्टेशनों पर 40 से 50 सेकेंड तक तक भी मेट्रो ट्रेनें रोकीं जाएगीं।

स्वच्छता सर्वेक्षण के पांचवे संस्करण “स्वच्छ सर्वेक्षण 2020” के परिणामों की घोषणा हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए किया।

इसमें इंदौर जो मध्यप्रदेश प्रदेश का एक शहर हैं, इसे सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल हुआ।आपको याद भी होगा लगातार पिछले तीन साल से सबसे स्वच्छ शहर का ख़िताब इंदौर को ही मिल रहा हैं।इसके अलावा करनाल जिले ने 17 वां स्थान प्राप्त किया है इसके साथ ही हरियाणा ने राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त कर जिले का मान बढ़ाया।

swachh survekshan 2020 - Indore - Exclusive Samachar

यह उस संरक्षण के परिणाम है जिसमे 1 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों को ही शामिल किया गया हैं।

स्वच्छ सर्वेक्षण में रेटिंग के आधार पर झारखंड 2325.42 अंक के साथ पहले स्थान पर रहा, वही  हरियाणा के  1678.84 अंक रहे।करनाल जिले को 4655.07 अंक मिले, इस श्रेणी में प्रथम आने वाले शहर अम्बिका पुर को भी 4655.07 अंक मिले।

आइये हरियाणा के अन्य जिलों के बारे में जानते है

  • जिला रोहतक 4180.55 अंको के साथ 35 वें नंबर पर रहा।
  • जिला पंचकूला 3683.01 अंक के साथ 56 वें नम्बर पर रहा।
  • जिला गुरुग्राम 3733.97 अंक के साथ 63 वें नम्बर पर रहा।

इस तरह स्वच्छ सर्वेक्षण में 100 जिलों में हरियाणा के 4 जिले ही शामिल हो सकें। इसके अलावा सोनीपत 103 व हिसार 105 वें नम्बर पर हैं।

इस संरक्षण का मुख्य मकसद स्वच्छ शहरों का निर्माण, नागरिक सेवा वितरण में सुधार और सफाई के प्रति नागरिकों की सोच व्यवहार बदलने से है।यह शहरों और महानगरों के बीच स्वस्थ स्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने में सहायक भी साबित हुआ हैं।

इसके लिए लोगो की जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया जाता है ,अगर हम सब मिल कर ऐसा करें तभी शहरों और महानगरों को और भी बेहतर बनाया जा सकता है।

Government Job: 2670 पदों पर भर्ती, जानें आवेदन करने की तारीख

देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग सरकारी विभागों में भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं जिसमें 10वीं पास से Graduate तक के विद्यार्थियों के लिए नौकरी करने का बहुत सुनहरा मौका है। यहां आपको बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (BPSSC), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), State Selection Board (SSB), Bharat Electronics Limited (BEL), South East Central Railway (SECR) के तहत 2670 पदों पर निकली भर्तियों की जानकारी दी जाएगी जिसके बारे में जानकर अपनी इच्छा के अनुसार आवेदन कर सकते हैं।

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BPSSC 

बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (BPSSC) ने Range Officer Of Forest के 43 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगा है। इन पदों पर उम्मीदवारों की Selection Written Examination और Physical Test के आधार पर की जाएगी। परीक्षा देने के इच्छुक उम्मीदवार bpssc.bih.nic.in website पर आवेदन कर सकते हैं। Selected उम्मीदवारों को वेतनमान के तौर पर 35,400-1,12,400 रुपए दिए जाएंगे। Online आवेदन की Last date 16 Sept. 2020 निर्धारित की गई है।

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HAL में 2,000 Vacancies

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने Apprentice Visiting Faculty मेंमर के पदों पर Vacancy निकाली है जिसमें 2000 उम्मीदवार नियुक्त किए जाएंगे। इन पदों पर आवेदन की आखिरी तारीख 05 Sept. 2020 है।

State Selection Board (SSB)

State Selection Board, Odisha ने Junior Assistant Or Junior Stainographer के 136 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन किया है। इन पदों की अंतिम तिथि 31August कर दी गई है और इन पर आवेदन 32 वर्ष तक के उम्मीदवार ही कर सकते हैं।

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BHARAT ELECTRONICS LIMITED (BEL)

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) ने Project Engineer के पदों पर भर्ती के लिए 60 Vacancy जारी की है जिसके लिए उम्मीदवारों की आयु 28 वर्ष तक होनी जरूरी है। आॅनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 26 August 2020 रखी गई है।

SOUTH EAST CENTRAL RAILWAY (SECR) 

साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (SECR) के बिलासपुर मंडल ने ट्रेड अप्रेंटिस (Apprentice) के 432 पदों पर भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली है। रेलवे की इस भर्ती के तहत Stainographer, Fitter, Electrician, Wireman, Electronic Mechanic, RAC Machanic, Builder, Plumber, Carpainter, Turner समेत विभिन्न ट्रेडों में नियुक्तियां की जाएंगी। आवेदन के लिए न्युनतम आयु 15 साल और अधिकतम उम्र 24 वर्ष निर्धारित की गई है। उम्मीदवार 30 August तक आवेदन कर सकते हैं।

पैन कार्ड बनवाने के लिए अब किसी साइबर कैफे या कॉमन सर्विस सेंटर जाने की जरूरत नहीं रही । यदि आप नया पैन कार्ड बनवाना चाहते हैं तो इसे घर बैठे भी अप्लाई कर सकते हैं और अपना पैन कार्ड प्राप्त कर सकते हैं ।

पैन कार्ड जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है क्योंकि बैंक में नया खाता खोलना हो  , लोन लेना हो या इनकम टैक्स भरना हो ,आप से हर जगह पैन कार्ड की मांग की जाती है । और यदि पैन कार्ड नहीं है तो आपके काम लटक सकते हैं इसलिए लगभग सभी के लिए ही पैन कार्ड बनवाना अनिवार्य हो गया है ।

असल में पैन कार्ड में 10 डिजिट का एक unique नम्बर होता है जिसे इनकम टैक्स विभाग ( Income Tax Department )  जारी करता है ।

get instant pan using aadhaar - exclusive samachar

आईये जानें नए पैन कार्ड को अप्लाई करने से लेकर प्राप्त करने तक की प्रक्रिया क्या है – 

1. सबसे पहले दिए गए लिंक पर जाना होगा https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/e-PAN/ 

2. इसके बाद आपको homepage पर जाना होगा जिसके लिंक नीचे दिया गया है –https://www.incometaxindiaefiling.gov.in/home

3. होमपेज पर पहुंचकर आपको बाईं तरफ Instant Pan Through Aadhar का ऑप्शन नजर आएगा , इस पर क्लिक कीजिए ।

4. इसके बाद एक नया पेज आपके सामने खुल जायेगा , जहां आपको Get New Pan का एक ऑप्शन नजर आ रहा होगा , इस पर क्लिक कीजिए ।

get pan card in just 10 minutes - exclusive samachar

5. अब नया पेज खुलेगा जिस पर आपसे आधार कार्ड का नम्बर भरने को कहा जायेगा , वहाँ आधार कार्ड का नम्बर भरकर ‘ I Confirm ‘ पर क्लिक कर दीजिए ।

6. आपके आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर OTP आएगा , इसे साइट पर भरकर वेरिवाई कीजिये।

7. वेरिफिकेशन होने के तुरंत बाद ही आपको e-pan जारी कर दिया जाएगा।

8. e-pan में आपको pdf फॉर्मेट में पैन कार्ड की एक कॉपी मिलती है , जिसपर QR कोड होता है, इसी QR कोड में आवेदक या यूं कहें कि आपकी डेमोग्राफिक डिटेल व फोटो होती है ।

इस तरह आप मात्र 10 मिनट में नया पैन कार्ड  बिना किसी असुविधा के आसानी से प्राप्त कर सकते हैं । इस नई सुविधा का लाभ उठाते हुए अब तक कुल 6.7 लाख लोगों ने नया पैन कार्ड प्राप्त किया है । 

यदि आप भी नया पैन कार्ड बनवाना चाहते हैं तो घर बैठे इस प्रक्रिया से अपना पैन कार्ड बनवा सकते हैं ।