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भारत देश में समय-समय पर संस्कृति के अनुसार विभिन्न त्यौहार मनाए जाते हैं। हर त्यौहार का अपना एक अलग महत्व है। हर त्यौहार शिक्षा से परिपूर्ण है। ऐसा ही एक त्यौहार है- रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) , जो भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है। Rakhi केवल एक धागा ही नहीं बल्कि भाई बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाने की कड़ी है।

Raksha Bandhan: The Loving and Pious Relationship Between Brother and Sister

रक्षाबंधन, भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखने वाला त्योहार है। यह त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती और प्यार का प्रतीक है। हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाए जाने वाला यह त्योहार न केवल पारंपरिक महत्व रखता है, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत खास है।

Importance of Raksha Bandhan

रक्षाबंधन का अर्थ है ‘सुरक्षा की डोरी’। इस दिन, बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, और भाई अपनी बहन की सुरक्षा और सुख-समृद्धि की शुभकामनाएं देते हुए उसका हर सुख-दुख में साथ निभाने का वचन देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते में एक विशेष संजीवनी शक्ति का काम करता है।

The Story Behind Raksha Bandhan

रक्षाबंधन की शुरुआत प्राचीन कथाओं और धार्मिक ग्रंथों से जुड़ी हुई है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, देवी द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा की प्रार्थना की थी। जब दुर्योधन ने द्रौपदी का अपमान किया, तो भगवान कृष्ण ने उनकी राखी की लाज रखते हुए द्रौपदी की मदद की और उनका सम्मान बनाए रखा। इसी तरह की अनेक कहानियां इस त्योहार की महिमा को दर्शाती हैं।

Preparation for Raksha Bandhan

रक्षाबंधन की तैयारी कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। घर की सफाई, रंग-बिरंगी राखियों की खरीदारी, मिठाइयों की तैयारी और पारंपरिक पकवान बनाना इस दिन की विशेषता होती है। बहनें अपनी पसंदीदा राखियों का चयन करती हैं और भाइयों के लिए विशेष उपहार तैयार करती हैं। भाई भी इस दिन को खास बनाने के लिए अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उन्हें खुश रखते हैं। बाजार भी इस त्योहार के आने से रंग-बिरंगी राखियों से सजे होते हैं।

Rituals Performed on Raksha Bandhan

इस दिन की शुरुआत भाई-बहन द्वारा पारंपरिक कपड़े पहनने से होती है। फिर बहनें राखी, चावल के दाने, और मिठाई के साथ अपनी थाली तैयार करती हैं। फिर भाई की आरती उतारती हैं और उनके माथे पर सिंदूर का तिलक लगाकर राखी बांधती हैं। भाई, इस उपहार के बदले में बहन को सुरक्षा का वचन देते हैं और उपहार या पैसे देकर अपना प्यार व्यक्त करते हैं।

Social Aspect of Raksha Bandhan

रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते को ही नहीं, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता को भी बढ़ावा देता है। यह त्योहार विभिन्न जातियों, धर्मों, और संस्कृतियों के बीच समानता और सहयोग का संदेश देता है।

Exact Date for Raksha Bandhan 2024

इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को बनाए रखने और उसे अधिक मजबूत करने के लिए राखी शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए।

Auspicious Muhurat in 2024

रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जो हमें अपने रिश्तों को सशक्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस साल राखी बांधने का सबसे अच्छा समय 19 अगस्त को दोपहर 2:07 से 8:20 बजे तक है। राखी प्रदोष काल में ही बांधनी चाहिए, जो शाम को 6:57 से 9:10 बजे तक है, क्योंकि इस समय को शुभ माना जाता है। भद्रपद के प्रभाव के कारण सुबह रक्षाबंधन मनाने वालों के लिए सुबह से दोपहर 1:32 तक राखी बांधना संभव नहीं होगा।

Raksha Bandhan Wishes in a Unique Way

हर व्यक्ति चाहता है कि वह रक्षाबंधन को एक अनोखे अंदाज में मनाए जिससे पूरा घर खुशियों से भर जाए। इस खूबसूरत शायरी के साथ दें रक्षाबंधन की बधाई:

???? रक्षाबंधन का त्यौहार है,
हर तरफ खुशियों की बौछार है।
बंधा एक रेशम की डोर में,
भाई-बहन का प्यार है।

???? तोड़ने से भी ना टूटे ये,
ऐसा मन बंधन है।
इस बंधन को सारी दुनिया,
कहती रक्षाबंधन है।

???? साथ पले और
साथ बड़े हुए,
खूब मिला बचपन में प्यार,
भाई-बहन का प्यार बढ़ाने,
आया राखी का त्यौहार।

Raksha Bandhan Gift Ideas for Brothers and Sisters

रक्षाबंधन केवल राखी बांधने का त्योहार नहीं है, बल्कि अपने भाई-बहनों के प्रति आभार व्यक्त करने का भी यह एक अहम समय होता है। उपहार देने का यह अवसर खुशियां बांटने का एक अनोखा तरीका है। इस बार राखी पर अपनी बहन को ये खास उपहार दें:

Gift Ideas for Sisters:
  1. ज्वेलरी: हार, चूड़ियां, कान की बालियां, या अंगूठियां।
  2. सूट या साड़ी: उनकी पसंद के अनुसार।
  3. फैशन एक्सेसरीज़: हैंडबैग या स्कार्फ।
  4. परफ्यूम: उनकी पसंदीदा खुशबू वाला।
  5. ब्यूटी प्रोडक्ट्स: स्किनकेयर या हेयरकेयर सेट।
  6. हैंडमेड गिफ्ट्स: खुद से बनाई गई कोई वस्तु, जैसे कि पेंटिंग या कस्टमाइज्ड गिफ्ट्स।
  7. टेक गैजेट्स: स्मार्टवॉच, ईयरफोन, या एक नया स्मार्टफोन केस।
  8. पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स: जैसे कि नाम वाला कप, कस्टम डायरी, या फोटोग्राफ फ्रेम।

इसके अलावा, बहनों की पसंद और शौक के आधार पर उपहार चुनना भी अच्छा रहेगा।

In Conclusion: रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जो हमें अपने रिश्तों को सशक्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह भाई-बहन के रिश्ते में प्यार, विश्वास और सम्मान की भावना को प्रगाढ़ बनाता है। इस दिन की खुशियों और विशेष अवसर का आनंद सभी को मिलना चाहिए और हमें इसे पूरे दिल से मनाना चाहिए।

रक्षाबंधन 2024 FAQs
  1. 2024 में रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा?
    उत्तर: 19 अगस्त 2024 को।
  2. रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त क्या है?
    उत्तर: दोपहर 2:07 से 8:20 बजे तक।
  3. राखी रात में क्यों नहीं बांधी जाती?
    उत्तर: हिंदू धर्म में रात्रि में कोई भी अनुष्ठान करना शुभ नहीं माना जाता।
  4. क्या रक्षाबंधन केवल भारत में मनाया जाता है?
    उत्तर: यह त्योहार मुख्यतः भारत में मनाया जाता है, लेकिन यह विश्व के अन्य भागों में भी मनाया जाता है, जहां भारतीय समुदाय रहते हैं।
  5. क्या केवल रक्त संबंधी भाई-बहनों को ही राखी बांधने की अनुमति है?
    उत्तर: नहीं, यह त्योहार जैविक संबंधों से परे है और पड़ोसियों, चचेरे भाई-बहनों, और करीबी दोस्तों को भी राखी बांधी जाती है।
  6. राखी बांधने की शुरुआत कब हुई?
    उत्तर: सत्रहवीं शताब्दी की राजस्थानी किंवदंती के अनुसार।
  7. राखी के लिए क्या नियम हैं?
    उत्तर: बहनें भाइयों को मिठाई खिलाती हैं, फिर भाई उनकी कलाई पर राखी बांधते हैं।
  8. रक्षाबंधन के दिन बैंक में अवकाश रहता है?
    उत्तर: 19 अगस्त 2024 को देश भर के सभी बैंक बंद रहेंगे।
  9. राखी का महत्व क्या है?
    उत्तर: रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और बंधन का प्रतीक है।

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Our young leaders are our inspiration who have sacrificed for our nation. In this International Youth Day special, we delve into the significance of this day and the remarkable contributions of young leaders who have made a difference.

(हमारे युवा नेता हमारी प्रेरणा हैं जिन्होंने हमारे राष्ट्र के लिए बलिदान दिया है — अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस विशेष):
किसी भी राष्ट्र को समृद्ध बनाने के लिए युवा पीढ़ी का अहम योगदान रहा है। क्योंकि युवा राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी हैं। युवाओं को सामाजिक और आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए जरूरी है कि युवाओं को मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए। इसी कड़ी के तहत अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस यानी International Youth Day मनाया जाता है, ताकि युवाओं से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर उन्हें सशक्त बनाया जा सके।

When and How Did International Youth Day Start?

(अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत कब और कैसे):
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस को मनाने की शुरुआत सन् 1999 में हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे 12 अगस्त को मनाने की मान्यता दी। यह दिन युवाओं की स्थिति और उनके योगदान को मान्यता देने और युवाओं के सामने आने वाली समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से मनाया जाने लगा।

इस दिन की शुरुआत के पीछे का कारण, युवा समुदाय के मुद्दों पर वैश्विक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को समाज में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना है। अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के माध्यम से, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन, युवा मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं और उनके विकास और सशक्तिकरण के लिए कदम उठाते हैं।

Theme of International Youth Day 2024

(अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 2024 का विषय):
इस दिन को एक विशेष विषय के तहत मनाया जाता है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का विषय है: क्लिक से प्रगति तक: सतत विकास के लिए युवा डिजिटल रास्ते।

इस विषय का उद्देश्य युवाओं के बीच लिंग समानता की महत्वपूर्णता को उजागर करना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी युवा, चाहे वे किसी भी लिंग के हों, समान अवसर और अधिकार प्राप्त करें। यह दिन लिंग समानता के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करने और भविष्य में इसके लिए आवश्यक प्रयासों को प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करता है।

The Main Objective of International Youth Day

(अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का मुख्य उद्देश्य):
इस दिन को मनाने का उद्देश्य युवाओं की स्थिति और उनके योगदान को मान्यता देना है। यह दिन युवाओं के सामने आने वाली समस्याओं जैसे शिक्षा, रोजगार, और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करता है। साथ ही, यह युवा लोगों को सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक प्रक्रियाओं में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह दिन दुनिया भर में युवाओं के मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उन्हें सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

How to Celebrate International Youth Day

(कैसे मनाते हैं अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस):
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस हर साल 12 अगस्त को मनाया जाता है। इसे मनाने के तरीके विभिन्न हो सकते हैं, लेकिन सामान्यत: इसमें निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल होती हैं:

  1. संपर्क कार्यक्रम: शैक्षिक संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और समुदायों द्वारा विशेष कार्यक्रम, कार्यशालाएं, और चर्चाएं आयोजित की जाती हैं, जो युवा मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
  2. सार्वजनिक जागरूकता अभियान: सोशल मीडिया, मीडिया आउटरीच, और सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जाते हैं।
  3. सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम: युवा प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत समारोह, और कला प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं।
  4. समारोह और सम्मेलन: विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय और स्थानीय संगठनों द्वारा सम्मेलन और चर्चा सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिनमें युवा मुद्दों और समाधान पर विचार विमर्श होता है।
  5. स्वयंसेवी कार्य: समुदाय सेवा और स्वयंसेवी गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जो युवाओं को सामाजिक योगदान देने के अवसर प्रदान करती हैं।

इन गतिविधियों के माध्यम से, अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस युवाओं की समस्याओं, उनकी सफलता, और उनके समाज में योगदान पर ध्यान केंद्रित करता है और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रयास करता है।

Stories of Younger Leaders on International Youth Day

(अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस पर युवा नेताओं की कहानियाँ):

  1. Neeraj Chopra – India’s 1st Olympic Gold Medalist in Track & Field:
    नीरज चोपड़ा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आज वे हर खबर की सुर्खियों में हैं और भाला फेंक में पहला स्वर्ण पदक जीतने के बाद राष्ट्रीय युवा आइकन बन गए हैं। 24 दिसंबर 1997 को पानीपत जिले के खंडरा गांव में जन्मे चोपड़ा ने भाला भी नहीं देखा था, भारतीय एथलेटिक्स में अग्रणी बनने का सपना तो दूर की बात थी। अब, नीरज चोपड़ा मुख्य कारण हैं कि कई भारतीय युवा भाला फेंक की ओर आकर्षित हुए हैं। नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया। यह ओलंपिक में भारत का पहला स्वर्ण और ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में पहला स्वर्ण है। इस पदक के साथ, भारत ने एक स्वर्ण, दो रजत, और चार कांस्य सहित कुल 7 पदक जीते।
  2. Abhijita Gupta – World’s Youngest Author:
    मिलिए भारतीय प्रतिभावान अभिजीता गुप्ता से जो गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। वह मात्र 7 वर्ष की आयु में विश्व की सबसे कम उम्र की लेखिका बन गईं और उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, यूनाइटेड किंगडम, और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा मान्यता दी गई। उन्होंने ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ नामक एक पुस्तक प्रकाशित की, जो लघु कथाओं और कविताओं का संकलन है और इसका लक्षित पाठक वर्ग बच्चे हैं। अभिजीता ने एएनआई से कहा, “आस-पास का वातावरण और यहां तक कि छोटी-छोटी चीजें भी मुझे प्रेरित करती हैं। मैं सकारात्मक चीजों के बारे में लिखती हूं- जो मैं सुनती हूं, देखती हूं या महसूस करती हूं।”
  3. Tathagat Avatar Tulsi – India’s Youngest Ph.D. Holder:
    आप में से ज़्यादातर लोग 12 साल की उम्र में स्कूल में पढ़ने के बाद 22 साल की उम्र में कॉलेज में पढ़ रहे होंगे या किसी कंपनी में काम कर रहे होंगे। लेकिन, तथागत अवतार तुलसी जैसे भारतीय प्रतिभावान व्यक्ति के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। उन्होंने 12 साल की उम्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 2009 में 22 साल की उम्र में पीएचडी की और भारत में सबसे कम उम्र के पीएचडी धारक बन गए। उनकी पीएचडी थीसिस “क्वांटम सर्च एल्गोरिदम के सामान्यीकरण” पर थी। उन्होंने क्वांटम सर्च एल्गोरिदम के आविष्कारक लव ग्रोवर के साथ एक अप्रकाशित शोध पांडुलिपि (“फिक्स्ड-पॉइंट क्वांटम सर्च के लिए एक नया एल्गोरिदम”) का सह-लेखन किया, जो उनके नाम से ही जाना जाता है। उन्हें 2003 में टाइम पत्रिका द्वारा सात सबसे प्रतिभाशाली एशियाई युवाओं में से एक माना गया था, और साइंस मैगज़ीन द्वारा उन्हें “सुपरटीन” के रूप में उल्लेख किया गया था।

Haryali Teej: The Special Festival of Shiva-Parvati Worship

हमारे देश में बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। प्रत्येक त्योहार का अपना महत्व होता है, उन्हीं त्योहारों में से एक है तीज का त्योहार, जिसमें प्राचीन समय से महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं।

हरियाली तीज: शिव और पार्वती के पुनर्मिलन का विशेष पर्व

माना जाता है कि हरियाली तीज के दिन ही माता पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, माता पार्वती ने 108 जन्म लिए थे और अंततः 108वें जन्म में उनका भगवान शिव से विवाह संपन्न हुआ था। इसी उद्देश्य से महिलाएं और लड़कियां इस तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं।

तीज त्योहार का अर्थ

तीज शब्द संस्कृत के ‘तीज’ से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘तीसरा’, जोकि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक अमावस्या के बाद तीसरे दिन को दर्शाता है। यह त्योहार हिंदू देवी-देवताओं, विशेषकर देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। तीज का व्रत विवाहित महिलाओं और अविवाहित लड़कियों द्वारा अपने पति या भावी पति की दीर्घ आयु की कामना के लिए रखा जाता है। गायन, प्रार्थना, झूलों और मानसून के मौसम के आगमन का स्वागत करने के लिए तीज का त्योहार मनाया जाता है।

“सखियों आया रे तीज का त्योहार, संग लाया खुशियां और बहुत सारा प्यार। हरियाली तीज की शुभकामनाएं!”

तीज क्यों मनाते हैं?

तीज के त्योहार के पीछे प्राचीन मान्यता है। माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया और माता पार्वती के कठोर तप को देखकर भोलेनाथ प्रसन्न हुए। हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए सभी महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

तीज पर मेहंदी लगाने का विशेष महत्व

तीज पर मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है। महिलाएं विभिन्न प्रकार से अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं। तीज के त्योहार पर मेहंदी लगाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है।

“तीज के त्योहार पर, आज सखियों हो जाओ तैयार। मेहंदी हाथों में रचाकर कर लो सोलह श्रृंगार। सभी को हरियाली तीज की शुभकामनाएं!”

तिथि और मुहूर्त – हरियाली तीज 2024

वर्ष 2024 में हरियाली तीज का त्योहार 7 अगस्त को मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, यह त्योहार श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 6 अगस्त की शाम 7:52 बजे से शुरू होगा।

हरियाली तीज की विशेषताएँ

हरियाली तीज एक शुभ हिंदू त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु व खुशहाली के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। शाम को महिलाएं सजती हैं और पूजा करती हैं। इस अवसर पर सोलह श्रृंगार को महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें मेहंदी एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है, क्योंकि मेहंदी लगाने से महिलाओं की सजावट दोगुनी हो जाती है।

निष्कर्ष

तीज के त्योहार पर नए-नए तरह के पकवान बनाए जाते हैं और झूले झूले जाते हैं। यदि आप भी तीज का त्योहार मनाना चाहते हैं, तो अपने पति की दीर्घ आयु के लिए उपवास रखें, कथाएं सुनें और पार्वती पूजन करें।

सभी को हरियाली तीज की शुभकामनाएं!

This Year on National Friendship Day, Here’s How to Celebrate with Your Best Friend (इस वर्ष राष्ट्रीय मित्रता दिवस पर अपने सबसे प्यारे मित्र के साथ इस तरह से मनाएं राष्ट्रीय मित्रता दिवस।)

इंसान का समाज में जैसे ही जन्म होता है, उसके रिश्ते जुड़ते चले जाते हैं। माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी आदि रिश्ते पारिवारिक स्तर पर होते हैं। इसके अलावा जैसे-जैसे इंसान समझ में विचारता जाता है, उसके तालमेल बढ़ते जाते हैं। इस प्रकार एक रिश्ता इंसान का इंसान से ऐसा बन जाता है, जिसे मित्रता का नाम दिया जाता है।

यह रिश्ता बाकी रिश्तों से बढ़कर और एक अलग ही होता है। अगर इंसान को एक सच्चा मित्र मिल जाए तो वह तरक्की के रास्तों पर बढ़ता चला जाता है।

What is the importance of friendship in human life? Let us know about it. Why is this relationship special that it started being celebrated at the national level?

इंसान के जीवन में मित्रता का क्या महत्व है आईए जानते हैं इसके बारे में। यह रिश्ता क्यों खास है जिसे इसको राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने लगा?

मित्रता दिवस यानी Friendship Day हमारे जीवन को समृद्ध बनाने वाले दोस्ती के विशेष बंधन का सम्मान करने के लिए विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1958 में वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड द्वारा की गई। तब से यह दिन कई देशों में अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है।

हालाँकि तिथियाँ क्षेत्र के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। मित्रता भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सीमाओं से परे है। यह आपसी विश्वास, सम्मान और स्नेह पर बना रिश्ता है। सच्चे मित्र चुनौतीपूर्ण समय में हमारा समर्थन करते हैं, हमारी उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं और ऐसा सहयोग प्रदान करते हैं जो हमारे समग्र कल्याण को बढ़ाता है। उनकी अटूट उपस्थिति अक्सर जीवन की बाधाओं पर काबू पाने में मदद करती है और हमारे रोजमर्रा के अनुभवों में खुशी जोड़ती है।

The most special and unique relationship in the world is friendship

दुनिया का सबसे खास और अनोखा रिश्ता मित्रता: मित्र एक ऐसा इंसान जो हमारे बाकी सब रिश्तों से अलग रिश्ता निभाता है। ना कोई भेदभाव, अपनेपन से भरा हुआ आदि। फ्रेंडशिप डे का महत्व इन अमूल्य संबंधों को स्वीकार करने और उनकी सराहना करने में निहित है। इस दिन लोग उपहारों, संदेशों और साथ में क्वालिटी टाइम बिताकर अपने दोस्तों का आभार व्यक्त करते हैं। यह इन रिश्तों को पोषित करने और संजोने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि दोस्ती का बंधन मजबूत और लचीला बना रहे।

On this National Friendship Day, prepare a celebration for your friend in this way

इस नेशनल Friendship Day पर अपने मित्र के लिए करें इस तरह से उत्सव की तैयारी:

मित्र का स्थान जिंदगी में बहुत अहम होता है, इसमें कोई सन्देह नहीं है। इस रिश्ते को मापा या तोला नहीं जा सकता। बल्कि इसे और भी यादगार बनाया जा सकता है। इस रिश्ते को और भी गहरा बनाने के लिए, आइए इस राष्ट्रीय मित्रता दिवस को एक अनोखे अंदाज में मनाएं।

  • अपने मित्र को दें Surprise पार्टी – आपकी जिंदगी में जो भी आपका खास मित्र है, उसके लिए एक पार्टी रखें। जिसमें आप अपने मित्र के साथ एंजॉय करें, डिनर करें और इस तरह से अपने साथ की बातें दोहराएं।
  • उपहार भेंट करें – अपनी मित्रता को यादगार बनाने के लिए आप अपने मित्र से मिलने जाएं और अपने मित्र को इस शुभ अवसर पर उपहार भेंट में दें।
  • कहीं बाहर घूमने जाएं – इस दिन को खास बनाने के लिए और अपने मित्रों के साथ समय बिताने के लिए आप अपने मित्र के साथ कहीं बाहर घूमने जाएं और पुरानी यादों से अपने मित्रता को और मजबूत बनाएं।
  • मित्रों के साथ मिलकर स्वयंसेवक बनें – मित्रता दिवस पर अपने मित्रों के साथ मिलकर स्वयंसेवक का कार्य करें और मानवता का परिचय दें।
  • मित्र को कार्ड या संदेश भेजें – अगर आपका मित्र कहीं दूर रहता है, जहां आप एकदम से नहीं जा सकते। इसके लिए आप अपने मित्र को बधाई संदेश या कार्ड आदि भेज सकते हैं।

संक्षेप में, मित्रता दिवस केवल मित्रों के साथ जश्न मनाने का ही दिन नहीं है, बल्कि हमारे जीवन पर मित्रों के सकारात्मक प्रभाव को प्रतिबिंबित करने के बारे में भी है। यह हमें सार्थक रिश्तों को बढ़ावा देने और दोस्ती के सच्चे सार को महत्व देने के लिए प्रोत्साहित करता है।

हमें पालने वाले माता-पिता से ज़्यादा प्रशंसा का हक़दार कोई नहीं होता है। माता-पिता को सम्मान देने के लिए व उनकी सराहना करने के लिए जुलाई महीने के हर चौथे रविवार को, इस साल 28 जुलाई को, National Parents Day मनाया जाता है।

अक्सर हम यह भूल जाते हैं कि हमारे माता-पिता ने हमारे लिए कितना कुछ किया है, क्योंकि जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, अपने काम में इतना व्यस्त हो जाते हैं कि माता-पिता को समय नहीं दे पाते हैं। जबकि माता-पिता अपने बच्चों के लिए अपना सारा समय लगा देते हैं। हमारे माता-पिता ने हमारा पालन-पोषण करने के साथ-साथ हमारे लिए बहुत कुछ किया है। हमें स्थिरता, प्यार, खुशी और सुरक्षा की भावनाएँ प्रदान की हैं। इसलिए माता-पिता को सम्मान देने के लिए हर साल नेशनल पैरेंट्स डे (National Parents Day) मनाया जाता है।

वास्तव में, आप अपने माता-पिता के लिए जश्न मनाने का जो भी तरीका चुनेंगे, उससे उन्हें प्रेम व सराहना का एहसास होगा। जब आपके माता-पिता बूढ़े होने लगते हैं, तो उनके साथ मज़ेदार और सार्थक चीज़ें ढूँढ़ना सीमित हो सकता है। क्योंकि उनकी गतिशीलता, संज्ञानात्मक कार्य या स्वास्थ्य जोखिम सीमित हो सकते हैं। नीचे आपके बुजुर्ग माता-पिता के साथ करने के लिए कुछ विचार दिए गए हैं।

How to Celebrate National Parents Day with Older Parents

1. Hold a Meaningful and Deep Conversation (पारिवारिक बातचीत करें)

अपने माता-पिता के साथ बातचीत करके उन बहुमूल्य पलों को पुनः ताज़ा करें। एक गहरी और सच्ची बातचीत के लिए समय निकालें, जहाँ आप पूरी तरह से मौजूद हों। अपनी यादों के बारे में बात करें, अपने माता-पिता से उनके सपनों और अनुभवों के बारे में पूछें और उनके द्वारा किए गए सभी कामों के लिए अपना आभार व्यक्त करें। यह बातचीत आपके जीवन में ख़ुशियाँ ला सकती है, आपके रिश्ते को मजबूत कर सकती है और रिश्तों को संजोने के लिए नई यादें बना सकती है। राष्ट्रीय अभिभावक दिवस यानी National Parents Day परिवार को एक साथ लाने और एक-दूसरे से मिलने-जुलने का एक बढ़िया समय है।

2. Plan a Family Breakfast with Their Parents (पारिवारिक नाश्ते की योजना बनाएं)

इस नेशनल पैरेंट्स डे पर अपने माता-पिता के साथ वास्तव में जुड़ने के लिए एक आरामदायक पारिवारिक नाश्ते की योजना बनाएं। उन दिनों को याद करें जब आपके माता-पिता सुबह जल्दी उठकर सभी के लिए नाश्ता बनाते थे और आप रविवार की सुबह कार्टून देखते थे? सभी को एक साथ आराम से नाश्ता करने के लिए इकट्ठा करके उन पलों को फिर से जीवंत करें।

परिवार के साथ मिलकर खाना पकाएँ और घर पर बने खाने का मज़ा लें। यह गुणवत्तापूर्ण समय अनमोल यादें बनाएगा और आपके माता-पिता (Parents) को मूल्यवान महसूस कराएगा। आप खुद को उन सुबह की यादों में खोते हुए पा सकते हैं। खाना खाने के बाद आप बचपन के कुछ क़िस्से कहानियों को सुना सकते हैं। यह आपकी ख़ुशी दिखाने का एक सरल तरीका है।

3. Create a Memory Book (स्मृति पुस्तिका बनाएं)

जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, यादें मायने रखती हैं। आपके माता-पिता शायद लॉन में आपके दौड़ने या स्कूल में आपके पहले दिन की अपनी पसंदीदा यादों को दोहराते रहते हैं। ऐसे पलों को रिकॉर्ड करने के लिए समय निकालें, और उनके जीवन के सभी महत्वपूर्ण पलों को मिलाकर एक स्क्रैपबुक बनाएँ। आपके माता-पिता इसे किसी भी अन्य पेरेंट्स डे उपहार से ज़्यादा संजोकर रखेंगे।

4. Make Sure That Their Homes Are Safe (सुनिश्चित करें कि उनके घर सुरक्षित हैं)

जैसे-जैसे हमारे माता-पिता बूढ़े होते जाते हैं, उन्हें घर के कामों में ज़्यादा मदद और सहायता की ज़रूरत होती है। हालाँकि, उनकी आज़ादी उन्हें इसके लिए कहने की अनुमति नहीं दे सकती। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए कि जो लोग हमें सुरक्षित रखते हैं, वे आज अपने घरों में सुरक्षित रहें। हम घर की सुरक्षा जाँच सूची का संदर्भ ले सकते हैं, उनके घरों में सहायक उपकरण लगा सकते हैं, दैनिक जीवन में सहायक उपकरण और अन्य विशेष उपकरण खरीद सकते हैं जैसे कि उन्हें गिरने और हानिकारक घटनाओं से बचाने के लिए एक सुरक्षित बेडसाइड स्टेप स्टूल।

5. Keep Your Environment Clean (अपने आस-पास की जगह को साफ रखें)

आपके लिए जो चीज़ें जल्दी और सरल हैं, उन्हें व्यवस्थित करना आपके बुजुर्ग माता-पिता के लिए उतना आसान नहीं हो सकता है। जैसे-जैसे लोग बूढ़े होते हैं, सफाई जैसी चीज़ें पहले की तुलना में ज़्यादा ऊर्जा लेने लगती हैं। चाहे वे आपके साथ रहते हों, अपने घर में या किसी सहायक रहने की सुविधा में, यह सुनिश्चित करने के लिए समय निकालें कि उनके आस-पास का वातावरण अच्छा दिखे, अपने बूढ़े माता-पिता के प्रति प्यार और सराहना दिखाने का सबसे अच्छा तरीका है।

6. Take Family Pictures (पारिवारिक तस्वीरें लें)

अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ तस्वीरें लेना उन्हें यह दिखाने का एक त्वरित और आसान तरीका है कि आप उनका जश्न मनाना चाहते हैं। उम्र बढ़ने के साथ पारिवारिक तस्वीरें कम ली जाती हैं, इसलिए यह संभव है कि आपके माता-पिता के पास आप सभी की हाल ही की तस्वीरें न हों। आप या तो एक पेशेवर फ़ोटोग्राफ़र को काम पर रख सकते हैं या अपने फ़ोन को टाइमर पर सेट करके एक साथ विशेष पल की कैंडिड फ़ोटो खींच सकते हैं। आप इन तस्वीरों को प्रिंट करके फ़्रेम भी करवा सकते हैं ताकि उन्हें जश्न मनाने का एहसास हो।

7. Support Their Well-being (उन्हें फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करें)

60 की उम्र के बाद, हमारे बुजुर्ग माता-पिता को एक फिट जीवनशैली बनाए रखनी चाहिए और इसमें व्यायाम भी शामिल है। कुछ सरल, मज़ेदार व्यायाम हमारे माता-पिता के संतुलन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं और साथ ही गिरने और खुद को चोट पहुँचाने के जोखिम को कम कर सकते हैं। आप उनके लिए एक सरल कसरत की योजना बना सकते हैं और उन्हें इसे जारी रखने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। यदि आपके माता-पिता ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं या उन्हें चलने-फिरने में समस्या है, तो वे कुर्सी योग जैसे व्यायाम का विकल्प चुन सकते हैं, जिसके असंख्य लाभ हैं।

8. Show Appreciation for Their Parenting (उनके पालन-पोषण की प्रशंसा करें)

राष्ट्रीय अभिभावक दिवस यानी National Parents Day सभी माता-पिता के लिए है। उनकी तारीफ़ करना और यह स्वीकार करना कि उन्होंने किस तरह त्याग करके आपका पालन-पोषण किया है, आपके द्वारा की गई थोड़ी सी प्रशंसा उनका दिन बना सकती हैं।

Conclusion (निष्कर्ष)

माता-पिता का बच्चे के प्रति प्यार, इस से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं हो सकता। हम आशा करते हैं कि यह राष्ट्रीय अभिभावक दिवस यानी national parents day आपके माता-पिता के लिए यादगार रहेगा, क्योंकि आप उन्हें इस दिन विशेष और प्यार महसूस कराने के लिए शानदार समारोह की योजना बना रहे हैं। आख़िर में सभी अभिभावकों को नेशनल पैरेंट्स डे की हार्दिक शुभकामनाएँ।

Income Tax Budget 2024: नौकरीपेशा को मिली बड़ी राहत, अब 3.75 लाख तक की सैलरी पर नहीं लगेगा कोई टैक्स

Union Budget 2024-2025:

जब सरकार के खर्च से ज़्यादा उसकी आमदनी हो जाती है, तो उसे सरप्लस बजट कहते हैं। किसी एक financial year में सरकार के पास अतिरिक्त रक़म बचना surplus budget कहलाता है। Budget का साधारण अर्थ होता है- ख़र्च और कमाई का पूरा हिसाब-किताब करना। अर्थात् आम भाषा में कहें, तो लेखा-जोखा करना। केंद्र सरकार जो budget पेश करती है उसको हम यूनियन बजट, केंद्रीय बजट या आम बजट भी कहते हैं। क्योंकि यह बजट पूरे देश के हित को लेकर बनाया जाता है। जैसे हम लोग अपने घरों का बजट बनाते हैं, ठीक उसी प्रकार सरकार द्वारा भी बजट बनाया जाता है। बजट में कितनी आमदनी होगी, कितना ख़र्च होगा और कितनी बचत होगी यह सब शामिल होता है।

Income Tax Slabs Changes By Nirmala Sitharaman:

आपको बता दें Ministry of Finance ने इस बार बजट भाषण में कई बड़े एलान किए हैं। जिस से आम जनता को व करदाताओं को भी राहत मिली है। निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्स सिस्टम में बदलावों की घोषणा की। इसके अलावा Standard Tax Deduction में भी बढ़ोतरी भी हुई है। आइए इस खबर में जानते हैं कि income tax system में क्या-क्या बदलाव हुए हैं।

Budget 2024 Key Highlights:

  • बजट 2024 में क्या नया है?
  • आम बजट में new tax slab की घोषणा की गई।
  • न्यू टैक्स रिजीम के Standard Tax Deduction को भी बढ़ा दिया गया।
  • न्यू टैक्स रिजीम में पारिवारिक पेंशन की कर कटौती में भी बदलाव हुआ।

What’s New in 2024 Budget?

Budget 2024 में income tax structure में बदलाव किए गए हैं, जिससे करदाताओं के लिए पुरानी और नई व्यवस्थाओं के बीच तुलना करने का मौक़ा मिला है। नई व्यवस्था में कम आय वर्ग के लिए बढ़ी हुई मानक कटौती और लाभ दिए गए हैं, जबकि पुरानी व्यवस्था में विभिन्न कटौती की अनुमति थी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में करदाताओं के लिए बड़ी घोषणा कर दी है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Tax Deduction) को 75,000 रुपये कर दिया गया है। आपको बता दें, पहले स्टैंडर्ड टैक्स डिडक्शन 50,000 रुपये था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह बदलाव केवल new tax regime के करदाताओं के लिए है। ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) के लिए Standard Tax Deduction में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।

न्यू टैक्स स्लैब में हुआ बदलाव (New Income Tax Slabs Change):

वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने बताया कि इस बार न्यू टैक्स स्लैब (new tax slab) में बदलाव किए गए हैं और पुरानी कर व्यवस्था में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। अब नई कर व्यवस्था में 3 लाख रुपये तक के annual income पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वहीं, 3 से 7 लाख रुपये के सालाना इनकम पर 5% टैक्स देना होगा। वहीं, 7 से 10 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत और 10 से 12 लाख रुपये के सालाना इनकम पर 15% टैक्स देना होगा। इसी तरह 12 से 15 लाख रुपये के सालाना इनकम (Annual Income) पर 20% और 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30% का टैक्स लगेगा।

New Income Tax Slab:

घोषित नए आयकर स्लैब इस प्रकार हैं:

  • ₹ 3 लाख तक : 0%
  • ₹ 3 से ₹ 7 लाख: 5%
  • ₹ 7 लाख से ₹ 10 लाख: 10%
  • ₹ 10 लाख से ₹ 12 लाख: 15%
  • ₹ 12 लाख से ₹ 15 लाख: 20%
  • 15 लाख रुपये से अधिक : 30%

New Updates:

टैक्स कटौती में हुआ बदलाव:

Budget में न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) में पारिवारिक पेंशन से होने वाली कटौती को 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। जबकि पहले यह कटौती 15,000 रुपये थी। वहीं, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80CCD में गैर-सरकारी नियोक्ता के संबंध में कटौती की राशि को भी 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने का प्रावधान किया गया है।

New Income Tax Regime Beneficial for All Salaried Taxpayers:

वेतनभोगियों के बीच नई व्यवस्था को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए, सरकार ने मानक कटौती में वृद्धि की घोषणा की और कर स्लैब में बदलाव किया। सरकार वेतनभोगी आयकरदाताओं को एक नई व्यवस्था अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है, जिसके बारे में उसका कहना है कि यह सरल है और इसमें करों की दरें कम हैं। नई व्यवस्था की घोषणा 2020-21 के केंद्रीय बजट में की गई थी और यह पुरानी कर व्यवस्था के साथ ही मौजूद है। वेतनभोगी करदाता अपना रिटर्न दाखिल करते समय किसी भी व्यवस्था को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन व्यवसाय या पेशे से आय वाले लोगों के लिए, नई व्यवस्था इस आकलन वर्ष (2024-25) से डिफ़ॉल्ट व्यवस्था है।

वेतनभोगियों के बीच नई व्यवस्था को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए, सरकार ने मानक कटौती में वृद्धि की घोषणा की और कर स्लैब में बदलाव किया। इन बदलावों के परिणामस्वरूप नई कर व्यवस्था में शामिल होने वाले वेतनभोगी करदाताओं को ₹ 17,500 तक की अतिरिक्त बचत हो सकती है।

शेयर बाजार के निवेशकों को लगा झटका:

Budget भाषण में जहां एक तरफ न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को लेकर बड़ी घोषणा की गई हैं, वहीं Share Market के निवेशकों के लिए भी बड़े एलान किए गए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बताया कि कैपिटल गेन टैक्स लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को 12 फीसदी कर दिया गया जो पहले 2.50 फीसदी था।

Let’s Know How to Celebrate World Youth Skills Day in the Office

आज विश्व अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें से कई चुनौतियाँ युवाओं को प्रभावित करती हैं। हिंसक संघर्ष शिक्षा और स्थिरता को बाधित कर रहे हैं, एक ध्रुवीकृत ऑनलाइन वातावरण नकारात्मकता को बढ़ावा दे रहा है और लगातार आर्थिक असमानता अवसरों को सीमित करती है। ये मुद्दे न केवल व्यक्तिगत भविष्य को बल्कि समाज की समग्र स्थिरता को भी खतरे में डालते हैं। शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने, जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों का पोषण करने और सभी के लिए अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को आवश्यक कौशल से लैस करना महत्वपूर्ण है।

हर साल विश्व स्तर पर World Youth Skills Day 15 जुलाई को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत सन् 2014 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हुई। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य युवाओं को रोजगार, अच्छे काम और उद्यमिता के लिए कौशल से लैस करने के साथ-साथ वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास को आगे बढ़ाने के रणनीतिक महत्व को शामिल करना है।

हर साल यह दिन एक विषय पर आधारित होता है। इस वर्ष विश्व युवा कौशल दिवस यानी World Youth Skills Day का विषय शांति और विकास के लिए युवा कौशल है। यह शांति निर्माण और संघर्ष समाधान में युवाओं द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है।

How You Can Celebrate World Youth Skills Day in Your Office

पूरे विश्व स्तर पर World Youth Skills Day को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। आइए जानते हैं हम ऑफिस में विश्व युवा कौशल दिवस को किस-किस तरीके से मना सकते हैं, ताकि युवा रोजगार को लेकर और ज्यादा जागरूक हों। कार्यालय में World Youth Skills Day मनाने से युवा व्यक्तियों के बीच कौशल विकास के महत्व को स्वीकार करने और बढ़ावा देने का अवसर मिलता है।

Here are a Few World Youth Skill Day Activities That We Can Organize in Our Offices

  1. Career Development Workshops (कैरियर विकास कार्यशालाएँ):
  • कैरियर विकास, नौकरी खोज रणनीतियों और साक्षात्कार कौशल पर कार्यशालाएँ या पैनल चर्चाएँ आयोजित करें।
  • युवा कर्मचारियों को मूल्यवान जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एचआर पेशेवरों या कैरियर कोचों को आमंत्रित करें। इससे उन्हें अपने करियर पथ की योजना बनाने और सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है।
  1. Skill Showcase (कौशल प्रदर्शन):
    • युवा कर्मचारियों के लिए अपने कौशल और प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच बनाएं। एक प्रतिभा प्रदर्शनी का आयोजन करें, जहां वे अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित कर सकें, चाहे वह प्रस्तुतियों, प्रदर्शनों या रचनात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से हो। इससे साथियों के बीच आत्मविश्वास, मान्यता और प्रशंसा बढ़ती है।
  2. Mentoring Program (परामर्श कार्यक्रम):
    • एक परामर्श कार्यक्रम स्थापित करें जहां अनुभवी कर्मचारी युवा सहयोगियों का मार्गदर्शन कर सकें। युवा पेशेवरों को उनके कौशल और आजीविका की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए सार्थक बातचीत और ज्ञान साँझा करने को प्रोत्साहित करें। यह एक सहायक और सहयोगात्मक कार्य वातावरण को बढ़ावा देता है।
  3. Organize a Skill Development Workshop (कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन करें):
    • अपने उद्योग के लिए प्रासंगिक प्रमुख कौशल विकसित करने पर केंद्रित एक कार्यशाला या प्रशिक्षण सत्र की मेजबानी करें। उद्योग विशेषज्ञों या अनुभवी पेशेवरों को अपना ज्ञान और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए आमंत्रित करें। विषयों में संचार कौशल, समस्या-समाधान तकनीक, डिजिटल साक्षरता या नेतृत्व विकास शामिल हो सकते हैं।
  4. Skills Assessment and Training (कौशल मूल्यांकन और प्रशिक्षण):
    • कर्मचारियों को उनके वर्तमान कौशल सेट का आकलन करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर प्रदान करें। उन कौशलों को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम या संसाधन प्रदान करें। इसमें ऑनलाइन पाठ्यक्रम, वेबिनार या बाहरी प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ साझेदारी शामिल हो सकती है। कर्मचारियों को कौशल विकास लक्ष्य निर्धारित करने और उनकी प्रगति पर नज़र रखने के लिए प्रोत्साहित करें।
  5. Knowledge Sharing Sessions (ज्ञान साँझा करने के सत्र):
    • ज्ञान-साझाकरण सत्रों के माध्यम से कर्मचारियों को अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें। यह प्रस्तुतियों, दोपहर के भोजन और सीखने के सत्र या आभासी वेबिनार के माध्यम से किया जा सकता है। ज्ञान के आदान-प्रदान की संस्कृति बनाकर, युवा पेशेवर अपने सहकर्मियों से सीख सकते हैं और व्यापक कौशल सेट विकसित कर सकते हैं।
  6. Recognition and Rewards (मान्यता और पुरस्कार):
    • उन युवा कर्मचारियों को पहचानें और पुरस्कृत करें जिन्होंने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया है या संगठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह प्रमाणपत्र, पुरस्कार या कैरियर विकास के अवसरों के रूप में हो सकता है। उनके प्रयासों को स्वीकार करने से उन्हें अपने कौशल का विकास जारी रखने के लिए प्रेरणा मिलती है और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।

निष्कर्ष

विश्व युवा कौशल दिवस यानी World Youth Skills Day को ऑफिस में मनाना कर्मचारियों के विकास और संगठन की समग्र सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण व सराहनीय कदम है। इन सुझावों को अपनाकर, आप अपने ऑफिस को एक ऐसा वातावरण दे सकते हैं, जहां पर कर्मचारी लगातार कुछ नया सीखें और विकसित हो सकें। याद रखें, कौशल विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और हर छोटे से छोटा कदम मायने रखता है।

When and Why is the International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking Celebrated?

(नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब और क्यों मनाया जाता है )

नशा इंसान की जिंदगी दीमक की तरह पूरी तरह खराब कर देता है। यह केवल नशा करने वाले इंसान तक असर नहीं करता बल्कि नशे के कारण, परिवार समाज, देश यहां तक की इसका असर पूरे विश्व स्तर पर दिखता है।

नशे की चपेट में आज देश के बच्चे, बुजुर्ग, युवा आदि सब आए हुए हैं। नशे के कारण आज की युवा पीढ़ी अपने भविष्य को खराब करने में लगी हुई है। यहां तक कि महिलाएं भी नशे के उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं। मादक पदार्थों के सेवन ने आज पूरा विश्व को खोखला बना दिया है। नशा केवल एक स्तर तक सीमित नहीं रहा। नशीली दवाओं के रूप में आज युवा पीढ़ी नशे की आदि बनी हुई हैं।

विश्व में बढ़ती नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने और अवैध तस्करी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर “नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विरोध में” अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

आइए जानते हैं इसकी शुरुआत कब हुई और सरकार का इसमें क्या योगदान है। जो इंसान नशे का आदी हो जाता है उसे इसकी लत छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। नशा पूरे परिवार की खुशियां छीन लेता है।

History and Themes

(इतिहास और विषय)

नशे के खिलाफ और नशीली दवाओं के अवैध दुरुपयोग को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की। तब से हर वर्ष 26 जून को यह दिन लोगों में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाने लगा। हर साल यह दिन एक विषय के तहत मनाया जाता है।

2024 की थीम

इस वर्ष नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) 2024 का विषय है – “नशीली दवाओं और अवैध तस्करी को रोकने के साक्ष्य पर जोर दिया जाए और उसकी रोकथाम में कदम उठाया जाए।” नशे को रोकने के लिए जरूरी है कि बढ़ते नशे के कारणों पर गौर करें और उसकी रोकथाम में कदम उठाएं और उसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाएं।

Objectives and Significance

(उद्देश्य और महत्त्व)

इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर देश व विश्व से नशे को जड़ से उखाड़ फेंकना है। नशे रूपी दैत्य को जड़ से खत्म कर समाज में अच्छाई को बढ़ाना ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य है।

नशा देश से खत्म हो और हर घर खुशहाल जीवन व्यतीत करे इसी महत्व के तहत यह दिन विश्व स्तर पर एक विषय के साथ मनाया जाता है।

Reasons for Increasing Drug Addiction in Society and Country

(समाज और देश में नशा बढ़ने के कारण)

बढ़ते नशे का मुख्य कारण गरीबी और अनपढ़ता है। गरीबी के कारण जुड़ी तनाव भरी जिंदगी। ज्यादातर इंसान इसका हल खोजने की बजाय नशे में लिप्त होकर अपनी जिंदगी और खराब करना शुरू कर देते हैं।

Government’s Contribution in Creating a Drug-Free Society

(नशा मुक्त समाज बनाने में सरकार का योगदान)

नशीली दवाओं के सेवन से इंसान को हो रहे शारीरिक, मानसिक और पारिवारिक नुकसान के बारे में जागरूक करने के लिए सरकार भी कदम उठा रही है। नशा इंसान को कुछ समय के लिए तनाव मुक्त कर, हमेशा के लिए इसकी बुरी लत का आदी बना देता है। जिसके कारण बाद में बहुत से घर परिवार बिखर जाते हैं। नशे के अवैध व्यापार को रोकने के लिए सरकार ने कानून बनाए हैं।

भारत सरकार की पहल

नशे को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए भारत सरकार द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान, नशीली दवाओं की मांग में गिरावट हो इसके लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना और नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए राष्ट्रीय कोष आदि।

यही नहीं नशे के खिलाफ वैश्विक स्तर पर भी अनेकों अभियान कार्यरत हैं। जैसे कि:

  • सिंगल कन्वेंशन ऑन नारकोटिक्स ड्रग्स, 1961
  • कन्वेंशन ऑन साइकोट्रोपिक सब्सटेंस, 1971

इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट का प्रकाशन भी करता है। ताकि इसके आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए नशे के खिलाफ लोगों में जागरूकता अभियान चलाते रहें।

आइए हम भी नशा मुक्त भारत बनाने में अपना योगदान दें और इस विश्व को नशा मुक्त बनाएं। (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking)

हर बच्चे के जीवन में उसके पिता का रूप अमृत के समान होता है (The Father’s Role in Every Child’s Life is Like Ambrosia)

हर बच्चे के जीवन में उसके पिता का रूप अमृत के समान होता है। पिता केवल एक शब्द ही नहीं है, बल्कि यह आशाओं व उम्मीदों से भरा हुआ एक आसमान है। पिता शब्द सुनते ही बच्चों के चेहरे पर एक अलग सी मुस्कान आ जाती है। मां के बारे में तो अक्सर बहुत कुछ कहा जाता है, जिसकी वह हकदार भी होती है, परंतु पिता का महत्व भी हमारे जीवन में माता से कम नहीं होता है। एक पिता ही है, जो सुरक्षा कवच बन कर अपने परिवार की रक्षा करता है। वह कभी अपने बच्चों व परिवार के किसी भी जीव पर कोई आंच नहीं आने देता।

संसार के हर पिता के लिए दो पंक्तियां

मेरी शोहरत, मेरी इज़्ज़त, मेरा सम्मान है मेरे पापा
मेरी ताकत, मेरी पूँजी, मेरी पहचान है मेरे पापा..!!

हमारी सारी पूंजी, ताकत, हमारी पहचान हमारे माता-पिता से है। हम सभी अपने माता-पिता के बिना अधूरे है। जैसे कि हमारी एक बाजू न होने व शरीर का कोई अंग न होने पर हम अपने आप को लाचार व अपंग महसूस करते हैं, ठीक उसी तरह से माता और पिता किसी एक के न होने से हमारी जिंदगी अधूरी है। क्योंकि किसी ने सच ही कहा है:

पसीने में यदि माँ डूबती है, तो धूप में पिता तपता है, तब कहीं जाकर बच्चा लाड़-प्यार से पलता है।

पिता का महत्व (Importance of father)

पिता न केवल हमारे पिता की ही भूमिका निभाता है, बल्कि एक अच्छे दोस्त व गाइड की तरह है। जैसे मां बच्चे को ममता की छांव देती है, तो पिता बच्चे को जिंदगी जीना सिखाता है। बड़े नसीबों वाले होते‌ हैं वो‌ लोग, जिनके सिर पर पिता का हाथ होता है। उनके कहने से पहले ही उनकी हर ज़िद पूरी हो जाती है, क्योंकि उनके साथ एक पिता खड़ा होता है।

Father’s Day कब मनाया जाता है (When is Father’s Day Celebrated?)

जिस तरह से माँ को सम्मान देने के लिए हम मदर्स डे मनाते हैं, उसी प्रकार पिता को सम्मान देने के लिए हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है। 2024 में इसे 16 जून को मनाया जा रहा है।

Father’s Day मनाने की शुरुआत (The Beginning of Father’s Day)

सबसे पहले फादर्स डे की शुरुआत 5 जुलाई 1908 को पश्चिमी वर्जीनिया के फेयरमाउंट में पहली बार मनाकर की गई थी। यह दिवस पश्चिमी वर्जीनिया के एक दुर्घटना में मारे गए उन 250 पिताओं को 6 दिसम्बर 1907 में सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।

Father’s Day का इतिहास (The History of Father’s Day)

फादर्स डे मनाने की प्रेरणा 1909 में मदर्स डे को मनाने से मिली थी। स्पोकेन शहर के वॉशिंगटन ने सोनारा डॉड ने अपने पिता की स्मृति में इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी। इसके बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन द्वारा 1916 में इस दिवस को मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी। इसके बाद राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने 1966 में फादर्स को सम्मान देने के लिए तीसरे रविवार को मनाने की स्वीकृति दी। परन्तु इतिहासकारों में इस पर एकमत नहीं है।

Father’s Day मनाने का उद्देश्य (The Purpose of Celebrating Father’s Day)

दुनिया भर में फादर्स डे मनाने का उद्देश्य एक पिता का हमारे जीवन में महत्व और यह दिन पिता को धन्यवाद व सम्मानित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

हमारे जीवन में पिता का महत्व (The Significance of a Father in Our Lives)

हमारे जीवन में पिता का महत्व माता से कदापि कम नहीं है। माता अगर घर को सजाती-संवारती है, तो पिता घर को चलाता है। पिता की कमाई से ही घर में खुशियों का आगमन होता है।

  • बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव रखने में पिता का बहुत बड़ा योगदान होता है। प्रत्येक पिता का सपना होता है, उनके बच्चों को किसी तरह की मुसीबत का सामना न करना पड़े। कई तरह के बलिदान देकर वह अपने बच्चों का हर सपना पूरा करता है। पिता अपने बच्चों को किसी भी परेशानी में नहीं देख सकता। अपने पिता को सम्मान देने के लिए इस खास दिन को अवश्य मनाएं।
  • हमारे माता-पिता हमेशा दुखों को स्वयं सहते हैं और हमें केवल खुशियां देते हैं। वो हमें जीवन में हर खुशी का एहसास दिलाते है। तभी हम अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं। इसके बदले में हम सभी का भी यह कर्तव्य बनता है की हमें अपने पिता के संघर्षों को कभी नहीं भूलना चाहिए और एक अच्छा इंसान बनने के साथ ही एक अच्छी संतान भी बनना चाहिए।
  • हमें अपने माता-पिता को कभी भी नहीं भूलना चाहिए। क्योंकि उन्हीं की बदौलत आज हम सभी ने अपने जीवन में सफलताएं प्राप्त ही है। हमारी सफलता उनके संघर्ष और विचारों का ही फल है।

एक आदर्श पिता: सच्चा मार्गदर्शक (An Ideal Father: A True Guide)

एक आदर्शवादी पिता अपने बच्चो को हर अच्छा व नेक कार्य करना सिखाता है। वह अपने बच्चों को ज्ञानयोगी व कर्मयोगी बनाता है। बच्चों को उनकी प्रतिभा को पहचानने में मदद करता है। बच्चों के सपनों को अपना समझ कर उन्हें पूरा करने में अपनी पूरी कोशिश लगा देता है। परंतु बच्चों के सपनों को उनसे अलग नहीं होने देता। एक पिता की डांट बच्चों को निखारती है। पिता समय का सदुपयोग करना सिखाता है। धन का इस्तेमाल करना और उसका सदुपयोग करना सिखाता है।

बच्चों की हर छोटी-बड़ी जरूरतों को पिता ही पूरी करता है। फिर चाहे इसके लिए उसे अपनी आवश्यकताएं नजरअंदाज क्यों न करनी पड़ी हो। वह कभी अपने दु:खों को बच्चों पर जाहिर नहीं होने देता। पिता सचमुच पर्वत सा दृढ़ होता है।

रुहानियत के पिता (Spiritual Fathers)

लेकिन जब बात आती एक ऐसे रुहानियत के पिता की जो, इस जहां में तो क्या दोनों जहानों में अपने बच्चे के साथ रहता है, उनकी पूरी संभाल करता है, जो हमारे सभी कर्मों का बोझ अपने ऊपर उठाता है, जन्म मरण के चक्र से आजाद कराता है, हम उनका ऋण अनेकों जन्म ले कर भी नहीं चुका सकते। आज हम बात कर रहे हैं, रूहानियत के मसीहा की जिन्हें लोग गुरु पापा कहकर भी पुकारते है।

ऐसे रुहानी पिता जो एक-दो नहीं बल्कि 6 करोड़ लोगों के मार्गदर्शक (A Spiritual Father Who Guides Millions)

जी हां, आज हम बात कर रहे है, ऐसे पिता की जो एक-दो नहीं बल्कि करोड़ों लोगों के मार्गदर्शक हैं। जिनको करोड़ों लोग पिताजी, गुरु पापा कहकर पुकारते है‌। जिन्होंने करोड़ों लोगों को सच्चाई व इंसानियत का पाठ पढ़ाया है व उन्हें एक सच्चा व अच्छा इंसान बनाया। ऐसे पिता, ऐसे गुरु जिनका नाम बहुत ही अदब सत्कार से लिया जाता है। वह कोई और नहीं बल्कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख ”पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां” है। पूज्य गुरु जी को लाखों लोग अपना रूहानी गुरु मानने के साथ-साथ पिता भी मानते हैं।

फिर चाहे वह बच्चा हो, अधेड़ हो या बुज़ुर्ग, पूज्य गुरु जी को सभी लोग पिता जी कहकर पुकारते हैं। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां भी अपने सभी अनुयायियों को अपने ही बच्चे मानते हैं। एक पिता की भांति ही उनकी सभी समस्याओं का समाधान करते हैं। उनसे नि:स्वार्थ भावना से प्रेम करते हैं।

  • आज पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम जी की पावन शिक्षा से डेरा सच्चा सौदा संस्था द्वारा 165 मानवता भलाई के कार्य पूरी लग्न व ईमानदारी से किए जा रहे है।
  • आज करोड़ो लोग अपने गुरु पापा के मात्र एक आह्वान से नशा, वैश्यावर्ती, ठगी, शराब, माँसाहार व रिश्वतखोरी जैसी सामाजिक बुराईयों को त्याग कर चुके है और आज एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं।
  • पूज्य गुरु Saint Dr. MSG से अब तक लाखों लोग गुरूमंत्र की अनमोल दात प्राप्त कर चुके है। जिसका निरंतर अभ्यास करने से लोगों के शारीरिक, मानसिक व सामाजिक रोग जड़ से खत्म हो चुके है।
  • आपको बता दें, दुनियावी पिता केवल इसी जहान में अपने बच्चे का ध्यान रख सकता है। किंतु एक सच्चा गुरु अपने बच्चों का दोनों जहां का सच्चा साथी होता है, वह कभी भी अपने बच्चे को अकेला नहीं छोड़ते।

हर कला में निपुण गुरु पापा (A Multi-talented Guru Papa)

पूज्य गुरु संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां आध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ दुनिया के हर अच्छे नेक क्षेत्रों का भी ज्ञान रखते हैं:

  • पूज्य गुरु जी से गुरुमंत्र लेकर करोड़ों लोग अपना लोक परलोक संवार चुके हैं। आज ये लोग अपनी बुराइयों का त्याग कर एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
  • पूज्य गुरु जी ने समाज को नशामुक्त बनाने व युवाओं को नशे जैसी तमाम बुराईयों से दूर करने व आध्यात्म से जोड़ने के लिए 5 फिल्में भी बनाई हैं। उनका मानना है कि आज का युवा फिल्में ज्यादा देखता है, सत्संग को सुनना पसंद नहीं करता। इसलिए पूज्य गुरु जी ने युवा पीढ़ी को उन्हीं की भाषा में समझाने के लिए फिल्मी जगत का सहारा लिया। पूज्य गुरु जी के जीवन का एकमात्र उद्देश्य है, लोगों की बुराइयां छुड़वाकर उनको राम के नाम से जोड़ना है‌।

हजारों खिलाड़ियों के पापा कोच (Coach of Thousands of Players)

पूज्य गुरु जी अब तक 32 ननल गेम खेल चुके हैं। वह शाह सतनाम जी शिक्षण संस्थानों के हजारों खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुके हैं। हजारों खिलाड़ियों ने पूज्य गुरु जी से विभिन्न खेलों की तरकीबें व कोचिंग प्राप्त की है, जो आज राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक और पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। ये खिलाड़ी प्यार से पूज्य गुरु जी को अपना पापा कोच कहते हैं। हैरानी की बात है कि इन एथलीटों को अन्य किसी पेशेवर द्वारा प्रशिक्षित नहीं किया गया। पूज्य गुरु जी द्वारा ऐसे अंतर्राष्ट्रीय खेल के गुर सिखाए गए हैं, जो सभी को हैरान कर देते हैं।

  • योगा में भी पूज्य गुरु जी का कोई सानी नहीं है, उनके द्वारा प्रशिक्षित किए गए बच्चे‌ नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर कीर्तिमान स्थापित कर आए दिन नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। पूज्य गुरु जी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए गुरुमंत्र के साथ प्राणायाम करने की सलाह देते हैं, जो बहुत फायदेमंद है।

दलितों का उत्थान

पूज्य गुरु जी ने नि:स्वार्थ भाव से मानवता की सेवा करने के लिए लाखों लोगों को प्रेरित करने के साथ-साथ दलितों का उत्थान किया। समाज में ऐसे कई वर्ग हैं, जिन्हें तिरस्कार की दृष्टि से देखा जाता है। उनके उत्थान के लिए गुरु जी आगे आए और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जैसे:

  • वेश्यावृत्ति में फंसी महिलाओं को गुरु जी ने बचाया और उनका इलाज करवा कर बेटी के रूप में गोद लेकर उनकी शादी अच्छे परिवारों में करवाई और उनकी नर्क भरी जिंदगी को स्वर्ग बनाया।
  • असभ्य कहलाने वाले छत्तीसगढ़ के आदिवासी, जो पूरी तरह से असभ्य थे। पूज्य गुरुजी ने करीब डेढ़ साल तक चले एक कार्यक्रम में उन्हें ना केवल आत्मनिर्भर बनाया बल्कि वे पूज्य गुरु जी के पावन प्रयासों से सभ्य भी बन गए। जो आज पूज्य गुरु जी को अपना आध्यात्मिक पिता मानते हैं।
  • किन्नरों को समाज में थर्ड जेंडर का दर्जा दिलवाया। अब उन्हें भी समाज का हिस्सा माना जाता है। वे भी खून दान कर सकते हैं और मानव कल्याण के कार्य कर सकते हैं।

बेसहारा व अनाथ बच्चों को गोद लेना

ऐसी बेटियां व बेटे जिनके मां बाप ने उनको मरने के लिए गंदगी के ढेर पर फेंक दिया या जो अनाथ थे। पूज्य गुरु संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी ने ऐसे बच्चों को गोद लिया और माता-पिता का नाम देकर उनका जीवन ही बदल दिया और इस तरह कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जनता को शिक्षित करने और नवजात बेटी, बेटियों को न मारने की शिक्षा दी। इनमें से कई बेटे, बेटियां शानदार अंक हासिल कर, खेलों व योगा में राष्ट्रीय स्तर पर चैंपियनशिप जीतकर अपनी काबिलियत को साबित कर चुके हैं। ये बेटियां, बेटे गुरु जी को अपना आध्यात्मिक पिता व जीवन में सफल होने के लिए अंतिम प्रेरणा मानते हैं।

इस बार Father’s Day कैसे मनाएं (How to Celebrate Father’s Day This Time)

किसी भी त्यौहार को एक अच्छे तरीके से मनाएं। जैसे कि डेरा सच्चा सौदा के स्वयंसेवक कोई भी विशेष त्यौहार पूज्य संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा के मार्गदर्शन से 165 मानवता भलाई कार्य करके मनाते हैं। जैसे- रक्तदान, भोजन दान, जरूरतमंद का सहारा बनना, वृक्ष लगाना इत्यादि। हमें लगता है कि फादर्स डे मनाने का सबसे अच्छा तरीका यही है। इससे एक तो सारी सृष्टि का भला होता है, दूसरा उस व्यक्ति को सम्मान दें जिसके लिए यह दिन है। अगर इस कलयुग में बच्चे अच्छे कर्म करते हैं, तो पिता तो खुद ही अपने आप पर गर्व महसूस करेंगे कि उनके बच्चे ऐसे नेक कार्य कर रहे है।

निष्कर्ष

भाग्यशाली होते हैं, वे लोग जिनको ऐसे पिता के रूप में ऐसे गुरु पिता मिले, जिन्होंने करोड़ों बच्चों को नेक शिक्षा दी। जिस पर चल कर आज करोड़ों लोग मानवता भलाई के कार्य कर मिसाल कायम कर रहें है। हमारे गुरु पापा के हमारे ऊपर अनगिनत परोपकार हैं, जो मां बाप से बढ़ कर हमारी संभाल कर रहे हैं। ऐसे रूहानियत के पिता का ऋण हम लाखों जन्म ले कर भी नहीं चुका सकते। हम सभी आपको व पूज्य गुरु जी को इस फादर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं।

Father’s Day का इतिहास और इसे क्यों मनाएं खास

पिता का महत्व

पिता एक ऐसा शब्द है, जो हर इंसान की जिंदगी से जुड़ा है। पिता के बिना जीवन अधूरा है। जन्म से लेकर जब तक बच्चा खुद पर निर्भर नहीं हो जाता, एक पिता अपने बच्चों का साथ निभाता है। लेकिन एक समय ऐसा भी आता है जब बच्चे बेशक बाप का साथ नहीं चाहते, पर पिता फिर भी अंत तक साथ निभाता है। पिता के बिना जीवन की कल्पना अधूरी होती है।

Father’s Day की शुरुआत

फादर्स डे की शुरुआत 20वीं सदी में हुई थी। पहली बार फादर्स डे 19 जून 1910 को वाशिंगटन के स्पोकेन में मनाया गया था। इस दिन को सोनौरा स्मार्ट डोड ने अपने पिता विलियम जैक्सन स्मार्ट को सम्मानित करने के लिए चुना था। विलियम जैक्सन स्मार्ट एक गृहयुद्ध के अनुभवी थे और 6 बच्चों का अकेले पालन-पोषण करते थे। सोनौरा ने अपने पिता के समर्पण और त्याग को मान्यता दिलाने के लिए यह दिन चुना।

1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने पिता को सम्मानित करने के उद्देश्य का समर्थन किया। इसके बाद 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने फादर्स डे को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मान्यता दी। तभी से हर साल जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाया जाता है।

Father’s Day का महत्व

फादर्स डे हर साल जून के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। यह दिन पिता के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। पिता की अहमियत हर रिश्ते से ऊपर है, पिता के बराबर कोई नहीं। एक पिता अपने बच्चों के लिए जो कुछ करता है, वह अनमोल होता है। पिता अपने परिवार के प्रति सभी फर्ज बखूबी निभाते हैं, समाज में अपने बच्चों को हर अधिकार दिलाते हैं, और बच्चों को अच्छे संस्कार देकर एक अच्छे इंसान बनाते हैं।

Father’s Day को कैसे मनाएं

फादर्स डे का हर इंसान बेसब्री से इंतजार करता है। वैसे तो हर दिन ही पिता के सम्मान में मनाना चाहिए, लेकिन

Father’s Day विशेष होता है। इस दिन अपने पिता को खुश रखने के लिए कुछ खास करें:

  1. मनपसंद जगह पर घूमने जाएं: अपने पिता की मनपसंद जगह पर घूमने जाएं और वहां का मनपसंद खाना खाएं।
  2. मोहल्ले में पार्टी का आयोजन करें: पिताओं के सम्मान में इकट्ठे होकर पार्टी का आयोजन करें।
  3. उपहार दें: पिता की मनपसंद चीजें खरीदकर उन्हें उपहार में दें।
  4. ग्रीटिंग कार्ड: पिता के लिए ग्रीटिंग कार्ड बनाकर अपनी दिल की बात साझा करें।

इस तरह से आप इस फादर्स डे को बहुत ही खास बना सकते हैं। पिता के लिए जितना भी करें, हमेशा कम ही होगा। क्योंकि पिता जो अपने बच्चों के लिए करता है, उसका कोई मूल्य नहीं होता।

पिता के महत्व को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। फादर्स डे पिता के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने का दिन है। यह दिन खास बनाने के लिए अपने पिता के साथ समय बिताएं, उन्हें खुश रखें और उनके प्रति अपने प्यार और सम्मान को व्यक्त करें। हर दिन पिता का सम्मान करें और उन्हें यह महसूस कराएं कि वे आपके जीवन में कितने महत्वपूर्ण हैं।