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Baba Ram Rahim Furlough news: बाबा राम रहीम एक बार फिर आएँगे जेल से बाहर, 21 दिन के लिए हुई फरलो मंजूर।

आपकी जानकारी के लिए बता दें, हाल ही में एक फैसले में हरियाणा सरकार ने डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) को 21 दिन की फरलो मंजूर कर दी है, जिससे उन्हें जेल से अस्थायी रिहाई मिल गई है।

यह घटनाक्रम पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय (Haryana and Punjab High Court) के उस फैसले के बाद हुआ है, जिसमें बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) की पैरोल की वैधता को चुनौती देने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की याचिका को खारिज कर दिया गया था।

इस निर्णय ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि बाबा राम रहीम, जो 2017 से 20 साल की सजा काट रहे है, उनको पिछले चार वर्षों में कई बार पैरोल दी गई है।

डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को Furlough मिलने के पीछे क्या कारण है?

डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) को हरियाणा सरकार ने 21 दिन की फरलो दी है। मंगलवार सुबह 6:30 बजे उन्हें रोहतक जेल से रिहा कर दिया गया। सुत्रो की जानकारी के अनुसार, 21 दिन की इस पैरोल अवधि के दौरान डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम बरनावा आश्रम में रहेंगे।

हालांकि बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) को कई बार पैरोल दी जा चुकी है, लेकिन इस बार उन्हें पैरोल दिए जाने से हर तरफ हलचल मच गई है।

लगातार सुर्खियों में छाए जाने वाले बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) आजकल बड़ी चर्चा में हैं। मीडिया में बाबा राम रहीम की चर्चा का विषय है-फरलो, जो बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) को 21 दिन के लिए मिल गई है।

इससे पहले जनवरी माह में बाबा राम रहीम जेल से बाहर आए थे। डेरा सच्चा सौदा के चीफ बाबा राम रहीम ( Dera Chief Baba Ram Rahim) के लिए 21 दिन की फरलो मंजूर हो गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें इससे पहले राम रहीम कई बार पैरोल पर आ चुके हैं।

Difference between Parole/Furlough

इस बार बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) पैरोल पर नहीं फरलो पर 21 दिन के लिए बाहर आ रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर फरलो और पैरोल में क्या अंतर है। दरअसल, पैरोल और फरलो में ज़्यादा अंतर नहीं है।
पैरोल- पैरोल किसी कैदी के अच्छे व्यवहार के आधार पर विशेष उद्देश्य के लिए अस्थाई रूप से या सजा की समाप्ति से पहले रिहाई।
फरलो- फरलो कैदियों की एक अल्पकालिक अस्थाई रिहाई मतलब कम समय के लिए रिहाई।

आपको बता दें कि राम रहीम 25 अगस्त 2017 से सुनारिया जेल में हैं। 3 साल के अंदर बाबा राम रहीम 184 दिन यानी 7 बार पैरोल पर जेल से बाहर आ चुके हैं। हाल ही में हरियाणा सरकार ने डेरा चीफ़ बाबा राम रहीम ( Baba Ram Rahim) की 21 दिन की फरलो मंजूर कर दी है। इसलिए अबकी बार फिर बाबा राम रहीम 21 दिन की फरलो पर बाहर आ रहे हैं।

फरलो मिलने के बाद गुरमीत राम रहीम सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बरनावा आश्रम डेरे में पधारेंगे। इससे पहले गुरमीत राम रहीम 10 जनवरी 2024 को 50 दिन की पैरोल पर आए थे।

SGPC vs. Dera Chief Baba Ram Rahim- Parole/Furlough Controversy

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की याचिका में चिंता जताई गई थी कि डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) को बार-बार पैरोल दिए जाने से कानूनी व्यवस्था की अखंडता को नुकसान पहुंच रहा है। हालांकि, हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इन चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि डेरा प्रमुख के मामले में कानून के दुरुपयोग का कोई सबूत नहीं है।

अदालत ने पाया कि Haryana Good Conduct Prisoner (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 को बाबा राम रहीम के मामले में सही ढंग से लागू किया गया था और इस तर्क को खारिज कर दिया कि इसके बजाय पुराने 1988 अधिनियम का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था।

List of paroles/Furlough Granted to Baba Ram Rahim Singh

आपकी जानकारी के लिए बता दें, 2021 स लेकर अब तक डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को Haryana Good Conduct Prisoner Act 2022 के तहत कई बार पैरोल दी जा चुकी हैं। कुल मिलाकर उन्हें 2000-2023 दोनों में लगभग 190 दिन से ज़्यादा की पैरोल मिली चुकी है।

1. Furlough 21 Days (7 February 2022)
2. Parole 30 Days (17 June 2022)
3. Parole 40 Days (15 October 2022)
4. Parole 40 Days (21 January 2023)
5. Parole 30 Days (20 July 2023)
6. Furlough 21 Days (21 Nov 2023)
7. Parole 50 Days (19 January 2024)
8. Furlough 21 Days (13 August 2024)

क्या हरियाणा सरकार द्वारा डेरा चीफ़ बाबा राम रहीम सिंह को दी गई पैरोल/फरलो कानूनन रूप से सही है?

अपने पैरोल के दौरान, गुरमीत राम रहीम सिंह (Baba Ram Rahim) ने पैरोल अधिनियम की कानूनी आवश्यकताओं का पालन किया है। अच्छे आचरण और व्यवहार के संबंध में अधिनियम की शर्तों के आधार पर उन्हें पैरोल दी गई है। High Court के फैसले ने इन पैरोल की वैधता की पुष्टि की और उनके मामले में 2022 अधिनियम के आवेदन को बरकरार रखा।

बार-बार पैरोल मिलने का कारण है बाबा (Baba Ram Rahim) का अच्छा व्यवहार जिसके कारण बाबा राम रहीम जी को बार-बार पैरोल मिलती है। यह सब ध्यान में रखा जाता है कि जब पैरोल मिलती है तो वहां का कैसा माहौल है? शायद सब कुछ अच्छा होने का कारण है बाबा को बार-बार पैरोल मिलना।

क्या डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम सिंह को पैरोल/फरलो मिलने से लोग उनसे जुड़े हैं?

पैरोल और फरलो की प्रत्येक अवधि में डेरा चीफ़ गुरमीत राम रहीम सिंह को अपने अनुयायियों से जुड़ने के अवसर मिलता है।

इन समय में बाबा राम रहीम (Baba Ram Rahim) के अनुयायियों द्वारा ऑनलाइन सत्संग आयोजित किए जाते हैं और विभिन्न सामाजिक और मानवीय गतिविधियों का नेतृत्व किया जाता है। जिस से लोगों को बहुत फ़ायदा होता है। बहुत से लोग उनसे जुड़कर नशी छोड़ रहे हैं।

आँकड़ों की मानें तो बाबा राम रहीम के जेल जाने से पहले दुनिया भर में उनके करीब 60 मिलियन अनुयायी थे। लेकिन उनकी कई बार रिहाई के बाद यह संख्या बढ़कर 70 मिलियन के पार हो गई है।

उनके कल्याणकारी कार्यों ने मीडिया कवरेज को बढ़ाया और सकारात्मक परिणामों ने उनकी सार्वजनिक छवि को बढ़ाने में मदद की। पैरोल पर आने के बाद समाज के लोग बाबा राम रहीम ( Baba Ram Rahim) से जुड़ते हैं और बाबा के आने की ख़ुशी में उनके अनुयायी अपनी ख़ुशी को मानवता भलाई के कार्य करते हुए मनाते हैं।

निष्कर्ष-
डेरा चीफ़ बाबा राम रहीम सिंह (Dera Chief Baba Ram Rahim) के अनुयायी अपने गुरु के आगमन का जश्न मना रहे हैं, हाल ही में हाई कोर्ट का फैसला बाबा राम रहीम की पैरोल की कहानी में एक महत्वपूर्ण क्षण बना हुआ है।

सामाजिक और मानवीय क्षेत्रों में बाबा राम रहीम के चल रहे काम उनके प्रभाव को मजबूत कर रहे हैं। यह प्रभाव विभिन्न समूहों से समर्थन और आलोचना दोनों को आकर्षित करता है।

भारत देश में समय-समय पर संस्कृति के अनुसार विभिन्न त्यौहार मनाए जाते हैं। हर त्यौहार का अपना एक अलग महत्व है। हर त्यौहार शिक्षा से परिपूर्ण है। ऐसा ही एक त्यौहार है- रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) , जो भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है। Rakhi केवल एक धागा ही नहीं बल्कि भाई बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाने की कड़ी है।

Raksha Bandhan: The Loving and Pious Relationship Between Brother and Sister

रक्षाबंधन, भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखने वाला त्योहार है। यह त्यौहार भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती और प्यार का प्रतीक है। हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाए जाने वाला यह त्योहार न केवल पारंपरिक महत्व रखता है, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत खास है।

Importance of Raksha Bandhan

रक्षाबंधन का अर्थ है ‘सुरक्षा की डोरी’। इस दिन, बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, और भाई अपनी बहन की सुरक्षा और सुख-समृद्धि की शुभकामनाएं देते हुए उसका हर सुख-दुख में साथ निभाने का वचन देते हैं। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते में एक विशेष संजीवनी शक्ति का काम करता है।

The Story Behind Raksha Bandhan

रक्षाबंधन की शुरुआत प्राचीन कथाओं और धार्मिक ग्रंथों से जुड़ी हुई है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, देवी द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा की प्रार्थना की थी। जब दुर्योधन ने द्रौपदी का अपमान किया, तो भगवान कृष्ण ने उनकी राखी की लाज रखते हुए द्रौपदी की मदद की और उनका सम्मान बनाए रखा। इसी तरह की अनेक कहानियां इस त्योहार की महिमा को दर्शाती हैं।

Preparation for Raksha Bandhan

रक्षाबंधन की तैयारी कुछ दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। घर की सफाई, रंग-बिरंगी राखियों की खरीदारी, मिठाइयों की तैयारी और पारंपरिक पकवान बनाना इस दिन की विशेषता होती है। बहनें अपनी पसंदीदा राखियों का चयन करती हैं और भाइयों के लिए विशेष उपहार तैयार करती हैं। भाई भी इस दिन को खास बनाने के लिए अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उन्हें खुश रखते हैं। बाजार भी इस त्योहार के आने से रंग-बिरंगी राखियों से सजे होते हैं।

Rituals Performed on Raksha Bandhan

इस दिन की शुरुआत भाई-बहन द्वारा पारंपरिक कपड़े पहनने से होती है। फिर बहनें राखी, चावल के दाने, और मिठाई के साथ अपनी थाली तैयार करती हैं। फिर भाई की आरती उतारती हैं और उनके माथे पर सिंदूर का तिलक लगाकर राखी बांधती हैं। भाई, इस उपहार के बदले में बहन को सुरक्षा का वचन देते हैं और उपहार या पैसे देकर अपना प्यार व्यक्त करते हैं।

Social Aspect of Raksha Bandhan

रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते को ही नहीं, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता को भी बढ़ावा देता है। यह त्योहार विभिन्न जातियों, धर्मों, और संस्कृतियों के बीच समानता और सहयोग का संदेश देता है।

Exact Date for Raksha Bandhan 2024

इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को बनाए रखने और उसे अधिक मजबूत करने के लिए राखी शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए।

Auspicious Muhurat in 2024

रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जो हमें अपने रिश्तों को सशक्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस साल राखी बांधने का सबसे अच्छा समय 19 अगस्त को दोपहर 2:07 से 8:20 बजे तक है। राखी प्रदोष काल में ही बांधनी चाहिए, जो शाम को 6:57 से 9:10 बजे तक है, क्योंकि इस समय को शुभ माना जाता है। भद्रपद के प्रभाव के कारण सुबह रक्षाबंधन मनाने वालों के लिए सुबह से दोपहर 1:32 तक राखी बांधना संभव नहीं होगा।

Raksha Bandhan Wishes in a Unique Way

हर व्यक्ति चाहता है कि वह रक्षाबंधन को एक अनोखे अंदाज में मनाए जिससे पूरा घर खुशियों से भर जाए। इस खूबसूरत शायरी के साथ दें रक्षाबंधन की बधाई:

???? रक्षाबंधन का त्यौहार है,
हर तरफ खुशियों की बौछार है।
बंधा एक रेशम की डोर में,
भाई-बहन का प्यार है।

???? तोड़ने से भी ना टूटे ये,
ऐसा मन बंधन है।
इस बंधन को सारी दुनिया,
कहती रक्षाबंधन है।

???? साथ पले और
साथ बड़े हुए,
खूब मिला बचपन में प्यार,
भाई-बहन का प्यार बढ़ाने,
आया राखी का त्यौहार।

Raksha Bandhan Gift Ideas for Brothers and Sisters

रक्षाबंधन केवल राखी बांधने का त्योहार नहीं है, बल्कि अपने भाई-बहनों के प्रति आभार व्यक्त करने का भी यह एक अहम समय होता है। उपहार देने का यह अवसर खुशियां बांटने का एक अनोखा तरीका है। इस बार राखी पर अपनी बहन को ये खास उपहार दें:

Gift Ideas for Sisters:
  1. ज्वेलरी: हार, चूड़ियां, कान की बालियां, या अंगूठियां।
  2. सूट या साड़ी: उनकी पसंद के अनुसार।
  3. फैशन एक्सेसरीज़: हैंडबैग या स्कार्फ।
  4. परफ्यूम: उनकी पसंदीदा खुशबू वाला।
  5. ब्यूटी प्रोडक्ट्स: स्किनकेयर या हेयरकेयर सेट।
  6. हैंडमेड गिफ्ट्स: खुद से बनाई गई कोई वस्तु, जैसे कि पेंटिंग या कस्टमाइज्ड गिफ्ट्स।
  7. टेक गैजेट्स: स्मार्टवॉच, ईयरफोन, या एक नया स्मार्टफोन केस।
  8. पर्सनलाइज्ड गिफ्ट्स: जैसे कि नाम वाला कप, कस्टम डायरी, या फोटोग्राफ फ्रेम।

इसके अलावा, बहनों की पसंद और शौक के आधार पर उपहार चुनना भी अच्छा रहेगा।

In Conclusion: रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जो हमें अपने रिश्तों को सशक्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह भाई-बहन के रिश्ते में प्यार, विश्वास और सम्मान की भावना को प्रगाढ़ बनाता है। इस दिन की खुशियों और विशेष अवसर का आनंद सभी को मिलना चाहिए और हमें इसे पूरे दिल से मनाना चाहिए।

रक्षाबंधन 2024 FAQs
  1. 2024 में रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा?
    उत्तर: 19 अगस्त 2024 को।
  2. रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त क्या है?
    उत्तर: दोपहर 2:07 से 8:20 बजे तक।
  3. राखी रात में क्यों नहीं बांधी जाती?
    उत्तर: हिंदू धर्म में रात्रि में कोई भी अनुष्ठान करना शुभ नहीं माना जाता।
  4. क्या रक्षाबंधन केवल भारत में मनाया जाता है?
    उत्तर: यह त्योहार मुख्यतः भारत में मनाया जाता है, लेकिन यह विश्व के अन्य भागों में भी मनाया जाता है, जहां भारतीय समुदाय रहते हैं।
  5. क्या केवल रक्त संबंधी भाई-बहनों को ही राखी बांधने की अनुमति है?
    उत्तर: नहीं, यह त्योहार जैविक संबंधों से परे है और पड़ोसियों, चचेरे भाई-बहनों, और करीबी दोस्तों को भी राखी बांधी जाती है।
  6. राखी बांधने की शुरुआत कब हुई?
    उत्तर: सत्रहवीं शताब्दी की राजस्थानी किंवदंती के अनुसार।
  7. राखी के लिए क्या नियम हैं?
    उत्तर: बहनें भाइयों को मिठाई खिलाती हैं, फिर भाई उनकी कलाई पर राखी बांधते हैं।
  8. रक्षाबंधन के दिन बैंक में अवकाश रहता है?
    उत्तर: 19 अगस्त 2024 को देश भर के सभी बैंक बंद रहेंगे।
  9. राखी का महत्व क्या है?
    उत्तर: रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और बंधन का प्रतीक है।

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Haryali Teej: The Special Festival of Shiva-Parvati Worship

हमारे देश में बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं। प्रत्येक त्योहार का अपना महत्व होता है, उन्हीं त्योहारों में से एक है तीज का त्योहार, जिसमें प्राचीन समय से महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं।

हरियाली तीज: शिव और पार्वती के पुनर्मिलन का विशेष पर्व

माना जाता है कि हरियाली तीज के दिन ही माता पार्वती और भगवान शिव का पुनर्मिलन हुआ था। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, माता पार्वती ने 108 जन्म लिए थे और अंततः 108वें जन्म में उनका भगवान शिव से विवाह संपन्न हुआ था। इसी उद्देश्य से महिलाएं और लड़कियां इस तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत रखती हैं।

तीज त्योहार का अर्थ

तीज शब्द संस्कृत के ‘तीज’ से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘तीसरा’, जोकि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक अमावस्या के बाद तीसरे दिन को दर्शाता है। यह त्योहार हिंदू देवी-देवताओं, विशेषकर देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। तीज का व्रत विवाहित महिलाओं और अविवाहित लड़कियों द्वारा अपने पति या भावी पति की दीर्घ आयु की कामना के लिए रखा जाता है। गायन, प्रार्थना, झूलों और मानसून के मौसम के आगमन का स्वागत करने के लिए तीज का त्योहार मनाया जाता है।

“सखियों आया रे तीज का त्योहार, संग लाया खुशियां और बहुत सारा प्यार। हरियाली तीज की शुभकामनाएं!”

तीज क्यों मनाते हैं?

तीज के त्योहार के पीछे प्राचीन मान्यता है। माना जाता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया और माता पार्वती के कठोर तप को देखकर भोलेनाथ प्रसन्न हुए। हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसलिए सभी महिलाएं इस दिन अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।

तीज पर मेहंदी लगाने का विशेष महत्व

तीज पर मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है। महिलाएं विभिन्न प्रकार से अपने हाथों पर मेहंदी लगाती हैं। तीज के त्योहार पर मेहंदी लगाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है।

“तीज के त्योहार पर, आज सखियों हो जाओ तैयार। मेहंदी हाथों में रचाकर कर लो सोलह श्रृंगार। सभी को हरियाली तीज की शुभकामनाएं!”

तिथि और मुहूर्त – हरियाली तीज 2024

वर्ष 2024 में हरियाली तीज का त्योहार 7 अगस्त को मनाया जाएगा। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, यह त्योहार श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्योहार 6 अगस्त की शाम 7:52 बजे से शुरू होगा।

हरियाली तीज की विशेषताएँ

हरियाली तीज एक शुभ हिंदू त्योहार है जिसमें महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु व खुशहाली के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। शाम को महिलाएं सजती हैं और पूजा करती हैं। इस अवसर पर सोलह श्रृंगार को महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें मेहंदी एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है, क्योंकि मेहंदी लगाने से महिलाओं की सजावट दोगुनी हो जाती है।

निष्कर्ष

तीज के त्योहार पर नए-नए तरह के पकवान बनाए जाते हैं और झूले झूले जाते हैं। यदि आप भी तीज का त्योहार मनाना चाहते हैं, तो अपने पति की दीर्घ आयु के लिए उपवास रखें, कथाएं सुनें और पार्वती पूजन करें।

सभी को हरियाली तीज की शुभकामनाएं!

This Year on National Friendship Day, Here’s How to Celebrate with Your Best Friend (इस वर्ष राष्ट्रीय मित्रता दिवस पर अपने सबसे प्यारे मित्र के साथ इस तरह से मनाएं राष्ट्रीय मित्रता दिवस।)

इंसान का समाज में जैसे ही जन्म होता है, उसके रिश्ते जुड़ते चले जाते हैं। माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी आदि रिश्ते पारिवारिक स्तर पर होते हैं। इसके अलावा जैसे-जैसे इंसान समझ में विचारता जाता है, उसके तालमेल बढ़ते जाते हैं। इस प्रकार एक रिश्ता इंसान का इंसान से ऐसा बन जाता है, जिसे मित्रता का नाम दिया जाता है।

यह रिश्ता बाकी रिश्तों से बढ़कर और एक अलग ही होता है। अगर इंसान को एक सच्चा मित्र मिल जाए तो वह तरक्की के रास्तों पर बढ़ता चला जाता है।

What is the importance of friendship in human life? Let us know about it. Why is this relationship special that it started being celebrated at the national level?

इंसान के जीवन में मित्रता का क्या महत्व है आईए जानते हैं इसके बारे में। यह रिश्ता क्यों खास है जिसे इसको राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने लगा?

मित्रता दिवस यानी Friendship Day हमारे जीवन को समृद्ध बनाने वाले दोस्ती के विशेष बंधन का सम्मान करने के लिए विश्व स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1958 में वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड द्वारा की गई। तब से यह दिन कई देशों में अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है।

हालाँकि तिथियाँ क्षेत्र के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। मित्रता भौगोलिक, सांस्कृतिक और सामाजिक सीमाओं से परे है। यह आपसी विश्वास, सम्मान और स्नेह पर बना रिश्ता है। सच्चे मित्र चुनौतीपूर्ण समय में हमारा समर्थन करते हैं, हमारी उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं और ऐसा सहयोग प्रदान करते हैं जो हमारे समग्र कल्याण को बढ़ाता है। उनकी अटूट उपस्थिति अक्सर जीवन की बाधाओं पर काबू पाने में मदद करती है और हमारे रोजमर्रा के अनुभवों में खुशी जोड़ती है।

The most special and unique relationship in the world is friendship

दुनिया का सबसे खास और अनोखा रिश्ता मित्रता: मित्र एक ऐसा इंसान जो हमारे बाकी सब रिश्तों से अलग रिश्ता निभाता है। ना कोई भेदभाव, अपनेपन से भरा हुआ आदि। फ्रेंडशिप डे का महत्व इन अमूल्य संबंधों को स्वीकार करने और उनकी सराहना करने में निहित है। इस दिन लोग उपहारों, संदेशों और साथ में क्वालिटी टाइम बिताकर अपने दोस्तों का आभार व्यक्त करते हैं। यह इन रिश्तों को पोषित करने और संजोने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि दोस्ती का बंधन मजबूत और लचीला बना रहे।

On this National Friendship Day, prepare a celebration for your friend in this way

इस नेशनल Friendship Day पर अपने मित्र के लिए करें इस तरह से उत्सव की तैयारी:

मित्र का स्थान जिंदगी में बहुत अहम होता है, इसमें कोई सन्देह नहीं है। इस रिश्ते को मापा या तोला नहीं जा सकता। बल्कि इसे और भी यादगार बनाया जा सकता है। इस रिश्ते को और भी गहरा बनाने के लिए, आइए इस राष्ट्रीय मित्रता दिवस को एक अनोखे अंदाज में मनाएं।

  • अपने मित्र को दें Surprise पार्टी – आपकी जिंदगी में जो भी आपका खास मित्र है, उसके लिए एक पार्टी रखें। जिसमें आप अपने मित्र के साथ एंजॉय करें, डिनर करें और इस तरह से अपने साथ की बातें दोहराएं।
  • उपहार भेंट करें – अपनी मित्रता को यादगार बनाने के लिए आप अपने मित्र से मिलने जाएं और अपने मित्र को इस शुभ अवसर पर उपहार भेंट में दें।
  • कहीं बाहर घूमने जाएं – इस दिन को खास बनाने के लिए और अपने मित्रों के साथ समय बिताने के लिए आप अपने मित्र के साथ कहीं बाहर घूमने जाएं और पुरानी यादों से अपने मित्रता को और मजबूत बनाएं।
  • मित्रों के साथ मिलकर स्वयंसेवक बनें – मित्रता दिवस पर अपने मित्रों के साथ मिलकर स्वयंसेवक का कार्य करें और मानवता का परिचय दें।
  • मित्र को कार्ड या संदेश भेजें – अगर आपका मित्र कहीं दूर रहता है, जहां आप एकदम से नहीं जा सकते। इसके लिए आप अपने मित्र को बधाई संदेश या कार्ड आदि भेज सकते हैं।

संक्षेप में, मित्रता दिवस केवल मित्रों के साथ जश्न मनाने का ही दिन नहीं है, बल्कि हमारे जीवन पर मित्रों के सकारात्मक प्रभाव को प्रतिबिंबित करने के बारे में भी है। यह हमें सार्थक रिश्तों को बढ़ावा देने और दोस्ती के सच्चे सार को महत्व देने के लिए प्रोत्साहित करता है।

Let’s Know How to Celebrate World Youth Skills Day in the Office

आज विश्व अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें से कई चुनौतियाँ युवाओं को प्रभावित करती हैं। हिंसक संघर्ष शिक्षा और स्थिरता को बाधित कर रहे हैं, एक ध्रुवीकृत ऑनलाइन वातावरण नकारात्मकता को बढ़ावा दे रहा है और लगातार आर्थिक असमानता अवसरों को सीमित करती है। ये मुद्दे न केवल व्यक्तिगत भविष्य को बल्कि समाज की समग्र स्थिरता को भी खतरे में डालते हैं। शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने, जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों का पोषण करने और सभी के लिए अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को आवश्यक कौशल से लैस करना महत्वपूर्ण है।

हर साल विश्व स्तर पर World Youth Skills Day 15 जुलाई को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत सन् 2014 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा हुई। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य युवाओं को रोजगार, अच्छे काम और उद्यमिता के लिए कौशल से लैस करने के साथ-साथ वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास को आगे बढ़ाने के रणनीतिक महत्व को शामिल करना है।

हर साल यह दिन एक विषय पर आधारित होता है। इस वर्ष विश्व युवा कौशल दिवस यानी World Youth Skills Day का विषय शांति और विकास के लिए युवा कौशल है। यह शांति निर्माण और संघर्ष समाधान में युवाओं द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालता है।

How You Can Celebrate World Youth Skills Day in Your Office

पूरे विश्व स्तर पर World Youth Skills Day को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। आइए जानते हैं हम ऑफिस में विश्व युवा कौशल दिवस को किस-किस तरीके से मना सकते हैं, ताकि युवा रोजगार को लेकर और ज्यादा जागरूक हों। कार्यालय में World Youth Skills Day मनाने से युवा व्यक्तियों के बीच कौशल विकास के महत्व को स्वीकार करने और बढ़ावा देने का अवसर मिलता है।

Here are a Few World Youth Skill Day Activities That We Can Organize in Our Offices

  1. Career Development Workshops (कैरियर विकास कार्यशालाएँ):
  • कैरियर विकास, नौकरी खोज रणनीतियों और साक्षात्कार कौशल पर कार्यशालाएँ या पैनल चर्चाएँ आयोजित करें।
  • युवा कर्मचारियों को मूल्यवान जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एचआर पेशेवरों या कैरियर कोचों को आमंत्रित करें। इससे उन्हें अपने करियर पथ की योजना बनाने और सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है।
  1. Skill Showcase (कौशल प्रदर्शन):
    • युवा कर्मचारियों के लिए अपने कौशल और प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच बनाएं। एक प्रतिभा प्रदर्शनी का आयोजन करें, जहां वे अपनी विशेषज्ञता प्रदर्शित कर सकें, चाहे वह प्रस्तुतियों, प्रदर्शनों या रचनात्मक प्रदर्शनों के माध्यम से हो। इससे साथियों के बीच आत्मविश्वास, मान्यता और प्रशंसा बढ़ती है।
  2. Mentoring Program (परामर्श कार्यक्रम):
    • एक परामर्श कार्यक्रम स्थापित करें जहां अनुभवी कर्मचारी युवा सहयोगियों का मार्गदर्शन कर सकें। युवा पेशेवरों को उनके कौशल और आजीविका की संभावनाओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए सार्थक बातचीत और ज्ञान साँझा करने को प्रोत्साहित करें। यह एक सहायक और सहयोगात्मक कार्य वातावरण को बढ़ावा देता है।
  3. Organize a Skill Development Workshop (कौशल विकास कार्यशाला का आयोजन करें):
    • अपने उद्योग के लिए प्रासंगिक प्रमुख कौशल विकसित करने पर केंद्रित एक कार्यशाला या प्रशिक्षण सत्र की मेजबानी करें। उद्योग विशेषज्ञों या अनुभवी पेशेवरों को अपना ज्ञान और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए आमंत्रित करें। विषयों में संचार कौशल, समस्या-समाधान तकनीक, डिजिटल साक्षरता या नेतृत्व विकास शामिल हो सकते हैं।
  4. Skills Assessment and Training (कौशल मूल्यांकन और प्रशिक्षण):
    • कर्मचारियों को उनके वर्तमान कौशल सेट का आकलन करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने का अवसर प्रदान करें। उन कौशलों को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम या संसाधन प्रदान करें। इसमें ऑनलाइन पाठ्यक्रम, वेबिनार या बाहरी प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ साझेदारी शामिल हो सकती है। कर्मचारियों को कौशल विकास लक्ष्य निर्धारित करने और उनकी प्रगति पर नज़र रखने के लिए प्रोत्साहित करें।
  5. Knowledge Sharing Sessions (ज्ञान साँझा करने के सत्र):
    • ज्ञान-साझाकरण सत्रों के माध्यम से कर्मचारियों को अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें। यह प्रस्तुतियों, दोपहर के भोजन और सीखने के सत्र या आभासी वेबिनार के माध्यम से किया जा सकता है। ज्ञान के आदान-प्रदान की संस्कृति बनाकर, युवा पेशेवर अपने सहकर्मियों से सीख सकते हैं और व्यापक कौशल सेट विकसित कर सकते हैं।
  6. Recognition and Rewards (मान्यता और पुरस्कार):
    • उन युवा कर्मचारियों को पहचानें और पुरस्कृत करें जिन्होंने असाधारण कौशल का प्रदर्शन किया है या संगठन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह प्रमाणपत्र, पुरस्कार या कैरियर विकास के अवसरों के रूप में हो सकता है। उनके प्रयासों को स्वीकार करने से उन्हें अपने कौशल का विकास जारी रखने के लिए प्रेरणा मिलती है और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।

निष्कर्ष

विश्व युवा कौशल दिवस यानी World Youth Skills Day को ऑफिस में मनाना कर्मचारियों के विकास और संगठन की समग्र सफलता के लिए एक महत्वपूर्ण व सराहनीय कदम है। इन सुझावों को अपनाकर, आप अपने ऑफिस को एक ऐसा वातावरण दे सकते हैं, जहां पर कर्मचारी लगातार कुछ नया सीखें और विकसित हो सकें। याद रखें, कौशल विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और हर छोटे से छोटा कदम मायने रखता है।