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मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जो किसी  को भी हो सकती हैं, फिर चाहे वो स्त्री, पुरूष या फिर बच्चा हो! 

मोटापे के कारण न केवल इंसान की सुंदरता नष्ट होती है, बल्कि कई बार उसे समाज में हंसी का पात्र बनना पड़ता हैं। अधिक मोटे इंसान के शरीर की ना केवल चर्बी ही बढ़ती है, बल्कि उसके शरीर का विकास भी नहीं हो पाता। मोटा इंसान कम age में भी ज्यादा उम्र का लगता है।  

हमारी बॉडी में सबसे ज्यादा और सबसे पहले चर्बी पेट और कमर  पर ही जमा होती है और पेट की चर्बी होने के कारण body की internal activity slow हो जाती हैं, जिससे  कई तरह की बीमारियाँ होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है। जैसे -दिल संबंधी, blood pressure, Gas और Diabetes आदि।
?चर्बी शरीर के लिए जरूरी होती हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा यह हानिकारक होती हैं।चर्बी शरीर में cell बनाने के लिए जरूरी होती हैं। सामान्य शरीर के लिए प्रतिदिन 60 gm चर्बी जरूरी होती हैं।

मोटापे के कारण :

  • खान-पान सही न होना ।
  • ज्यादा देर तक बैठकर काम करना।
  • व्यायाम न करना।
  • परिश्रम न करना।
  • पूरी नींद न लेना।
  • Due to metabolism
  • रोग व दवाई के कारण।
  • कई बार मोटापा genetic भी होता हैं। अगर परिवार  में सभी लोग मोटे हैं, तो आने वाली संतान भी मोटी हो सकती हैं।

चर्बी बढ़ने का कारण खान-पान

आजकल ज्यादातर लोग green vegetables को छोड़कर fast food की तरफ ज्यादा  भागते है। जो मोटापा  बढ़ाने का मुख्य कारण बनता है।ज्यादा मात्रा में व असमय बार -बार भोजन करना चर्बी को बढ़ावा देता हैं। अक्सर मिठाई व अधिक सूखे, मसालेदार और तेल खाद्य पदार्थो  का बड़ी मात्रा में सेवन करने से यह पाचन तंत्र और वजन बढ़ाने को प्रभावित करता हैं, जिस से चर्बी बढ़ती हैं। 

लगातार बैठकर काम करना 

यह भी चर्बी बढ़ने का एक मुख्य कारण है। अक्सर इंसान सारा-सारा दिन office में बैठकर काम करते रहते हैं, जिस से उनका शारीरिक परिश्रम नहीं हो पाता और मोटापा बढ़ता हैं। 
व्यायाम  न करना

हर समय bed पर पड़े रहना, आपका वजन घटाने के लक्ष्य के लिए किसी भी तरीके से अच्छा नहीं हैं, और exercise न करना भी मोटापा बढ़ने के मुख्य कारण में से एक है। मनुष्य को अपना शरीर स्वस्थ रखने के लिए exercise करना बहुत जरूरी हैं।

परिश्रम न करना

दिन भर आराम करना व कोई काम न करना सिर्फ खाते रहना जिस से खाना हज़म नहीं होता, और वह एक ही जगह पड़ा रहता है, और digest नहीं हो पाता। तब शरीर में fat बनता है और चर्बी बढ़ने लगती है।

पूरी नींद न लेना

पूरी मात्रा में नींद न लेना या आवश्यकता से अधिक मात्रा में नींद लेना इंसान को मोटापे की तरफ ले जाता हैं। अगर मनुष्य 7-8 घंटे की नींद ना ले तो उसकी calories अच्छे  से burn नहीं हो पाती।

Due to Metabolism 

हर व्यक्ति में मेटाबोलिज्म दो तरीको से काम करता है। कुछ का metabolism  कुशल और  तेजी से काम करने वाला होता है। जो फैट को जमा नहीं होने देता।जबकि  कुछ का मेटाबोलिज्म धीमी गति से काम करने वाला होता हैं, जो वजन बढ़ाने की ओर ले जाता है, जिस से मोटापा बढ़ता है।

रोग व दवाई के कारण

कई बार कोई इंसान एक निश्चित रोग से पीड़ित होता हैं, जिसका बुरा प्रभाव मोटापे को बढ़ावा देता हैं। कुछ दवाइयाँ भी मोटापा बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाती हैं।

आइए जानते हैं मोटापे को कम कैसे करे..?

Proper Nutrients और सही exercise के तालमेल  से fat burning अच्छे से की जा सकती हैं।

आज हम आप को कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे जिस के लगातार अभ्यास से तेजी से वजन घटने लगता हैं :-

सूर्य नमस्कार

यह एक ऐसा आसन है, जिसे अगर सही तरीके से किया जाए तो किसी दूसरे आसन को करने की जरूरत नहीं पड़ती। सूर्य नमस्कार आसन में सूर्य देव को नमस्कार किया जाता है। नियमित तौर पर सूर्य नमस्कार आसन करने से शरीर स्वस्थ व मन शांत रहता हैं। इसके अलावा इस को करने से पेट की अतिरिक्त चर्बी भी धीरे-धीरे कम हो जाती हैं।

पश्चिमोतानासन –

पश्चिमोतानासन बैठ कर किया जाने वाला आसन है। पेट बढ़े होने के कारण यह अच्छे से नहीं हो पाता। परंतु जितना हो सके करने का प्रयत्न करना चाहिए।इस आसन के result जल्दी ही आने लगते है और आपके पेट पर जमा extra fat कम होने लगता हैं। 

बालासन –

यह आसन आप बहुत Easily कर सकते हैं। इस आसन को करने से हमारे पेट की चर्बी अत्यधिक कम होती चली जाती हैं।

नौकासन –

नौकासन आसन का सबसे अधिक प्रभाव पाचन तंत्र पर होता है। इस आसन को प्रतिदिन करने से पेट से सम्बंधित सभी बीमारियाँ ठीक होने लगती है, और साथ ही पेट का extra fat भी कम होने लगता है। यदि आप पेट के लिए कोई ऐसा आसन चाहते है, जो पेट की चर्बी के साथ-साथ पाचन तंत्र भी ठीक करें तो वह नौकासन है। 

कपाल भाति प्राणायाम –

कपाल भाति प्राणायाम शरीर का वजन कम करने के लिए सबसे अधिक प्रभावशाली सिद्ध हुआ है। कपाल भाति से शरीर में नई उर्जा का संचार होता है। पूरे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। वर्तमान समय में कुछ शोधकर्ताओं द्वारा तो यह दावा भी किया गया है कि कपालभाती प्राणायाम से शरीर की 70 से 80% बिमारियों को ठीक किया जा सकता है। किन्तु इसमें कोई दो राय नहीं कि पेट की चर्बी कम करने में कपाल भाति प्राणायाम से अधिक प्रभावशाली कोई और दूसरा योगासन नहीं है।

क्या है धनतेरस

धनतेरस का शाब्दिक अर्थ है धन और तेरा (13)। इसका मतलब है धन के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है धनतेरस जो कार्तिक महीने के 13वें दिन होता है।

 

धनतेरस उत्सव

धनतेरस के त्योहार को महान उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार पर, लोग धन की देवी लक्ष्मी जी और मृत्यु के देवता यम की पूजा करते हैं, भगवान यम से अच्छे स्वास्थ्य और देवी लक्ष्मी से समृद्धि के रूप में आशीर्वाद प्राप्त करते है। लोग अपने घरों और कार्यालयों को सजाते है।

 

सभी अपने घर आँगन के प्रवेश द्वार को सजाने के लिए लोग रंगीन रंगोलियां बनाकर सजावट करते है । चावल के आटे और सिंदूर से लक्ष्मी जी के छोटे पैरों के निशान बनाये जाते हैं जो कि देवी लक्ष्मी के लंबे समय से प्रतीक्षित आगमन का संकेत होता है। धनतेरस पर सोने या चांदी जैसी कीमती धातुओं से बने नए बर्तन या सिक्के खरीदना बहुत लोकप्रिय है क्योंकि यह शुभ माना जाता है और यह हमारे परिवार के लिये सुख सम्रद्धि और अच्छा भाग्य लाता है।

 

धन तेरस की पूजा

 

धनतेरस के दिन शाम को ‘लक्ष्मी जी की पूजा’ के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। देवी लक्ष्मी जी के लिए लोग भक्ति गीत गाते हैं। सभी दुखों को दूर करने के लिए छोटे-छोटे दीपक जलाते है। धनतेरस की रात, लोग पूरी रातभर के लिए दीपक को जलाते हैं। पारंपरिक मिठाई पकायी जाती हैं और देवी माँ को प्रसाद समर्पित किया जाता हैं।

 

धनतेरस पर कहानी

एक  कथा के अनुसार प्राचीन समय में हेम नाम के एक राजा रहता था. विवाह के कई सालो बाद उसकी एक संतान हुई. जब ज्योतिषियों ने बालक देखी तो पता चला की राजकुमार के विवाह के ठीक चार दिन बाद उसकी मृत्यु हो जाएगी. यह बात जानकार राजा और रानी बहुत दुखी हो गए. धीरे धीरे समय बितता गया और राजकुमार ने गन्धर्व विवाह कर लिया.

 

विवाह के चार दिन बाद यमदूत राजकुमार के प्राण लेने लेकर चले गए लेकिन राजकुमार की पत्नी के शोक विलाप को देखकर उन्होंने यमराज से पूछा की कोई ऐसा उपाय नहीं है जिससे इंसानों की अकाल मृत्यु न हो सके.  यमराज ने इसका उपाय बताते हुए कहा की  कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी की रात को जो मनुष्य   दक्षिण दिशा की और दीप जलाएगा वो अकाल मृत्यु से बच सकता है. तभी से धनतेरस (Dhanteras) के दिन दीया जलने की परम्परा की शुरुआत हुई.

धनतेरस 2018 में क्या ख़रीदे?

1.शंख खरीदना:- पुरानी कथाओ के अनुसार इस दिन दक्षणीवर्ती शंख खरीदना अच्छा माना जाता है |
2.रूद्राक्ष खरीदना:- कुछ लोग इस दिन रूदाक्ष की माला भी खरीदते है |

 

3.लोहा खरीदने का शुभ दिन:- लोहा खरीदने का शुभ दिन धन तेरस को ही माना गया है|
4.बर्तन खरीदना:- इस दिन बर्तन खरीदने को शुभ माना जाता है |

 

 

5.चांदी की खरीदारी:- इस दिन चांदी भी खरीदना शुभ माना जाता है | प्रचीन प्रथा के अनुसार चांदी चाँद का प्रतीक होती है जिस से शीतलता प्राप्त होती है इसलिए इसको लाना शुभ होता है |

 

6.सोना खरीदना:-इस दिन सोने को भी खरदीना अच्छा होता है |

 

 

7.गाय को सजाना:- इस दिन दक्षिण भारत के कुछ लोग गायों को भी सजाते है क्योंकी गाय लक्ष्मी का रूप मानी जाती है |

 

बदलते दौर के साथ लोगों की पसंद और जरूरत भी बदली है। इसलिए धनतेरस के दिन अब बर्तनों और आभूषणों के आलावा वाहन, मोबाइल आदि भी ख़रीदे जाने लगे हैं। वर्तमान समय में धनतेरस के दिन वाहन खरीदने का फैशन सा बन गया है। इस दिन लोग गाड़ी खरीदना शुभ मानते हैं। कई लोग इस दिन कम्पूटर और बिजली के उपकरण भी खरीदते हैं।

 

मगर सच्चे संत फरमाते हैं इस दिन हमें दुनियाभी वस्तुएं न खरीद कर  गरीबों की मदद करके ,उनके बच्चों को नऐ कपडे और मिठाई दिलाकर रुहानी दौलत खरीदनी चाहिए।

 

आजकल एलोवेरा अपने गुणों के कारण काफी प्रसिद्ध है पर कई लोग इसके बारे में नहीं जानते। लेकिन आज हम आपको इसी गुणों के बारे में बताएंगे।यह एक औषधिवर्धक गुणकारी पौधा है इसको धृतकुमारी नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल औषधियों को बनाने में किया जाता है जैसे आजकल बाजार में भी एलोवीरा ज्यूस के कई तरह के स्वाद अनुसार फ्लेवर आते हैं जिनका आसानी से सेवन किया जा सकता है। एलोवेरा में 12 प्रकार के विटामिन, मिनरलस, एमिनो एसिड उपलब्ध है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। वह रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है इसका रोजाना सेवन करने से पुराने रोग जैसे जोड़ों के दर्द बवासीर आदि में लाभ मिलता है। एलोवेरा पेट दर्द , गैस, तेजाब, कब्ज दूर कर शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत करता है। इतना ही नही एलोवेरा सभी रोगों में फायदेमंद है जैसे माइग्रेन, ब्लड प्रेशर ,एलर्जी ,जोड़ों के दर्द, साइटिका बाय,गठिया बाय ,गुर्दे की पथरी आदि अनेक रोगों में लाभकारी है।
बालों के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है, साथ मे आंखों की रोशनी को भी बढ़ाता है त्वचा संबंधी रोगों हेतु भी यह बहुत ही लाभदायक है। खून साफ कर करता है त्वचा कोमल मुलायम बनाता है कील मुंहासे ,एलर्जी आदि चर्म रोगों में भी काफी लाभदायक है। एलोवेरा जेल एलर्जी ,जलने- कटने में धूप से बचाव करता है और एलोवेरा जेल को चेहरे पर लगाने से चेहरे में निखार भी आता है।
एलोवेरा का रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करने से यह अत्यधिक लाभ करता है जिससे धरण जैसी बीमारियां भी दूर हो जाती है इसलिए इसका सेवन लगातार करना चाहिए। यह कई रोगों में फायदेमंद है। यह घुटनों के दर्द में भी मॉयल का काम करता है।
एलोवेरा का पौधा हमें आसानी से उपलब्ध हो जाता है ।एलोवेरा की खेती किसी भी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। चाहे तो आप एलोवेरा के पौधे को घर में भी एक गमले में लगा सकते हैं और उसका रोजाना इस्तेमाल कर सकते हैं ।इसका एक टुकड़ा लेकर उसके गुदे को जो कि प्राकृतिक जेल का काम करती है को हम चेहरे पर रोजाना लगाएं तो हमारे चेहरे में निखार आता है और जो दाग धब्बे साफ होते जाते हैं।बहुत ही गुणकारी पोधा है एलोवेरा। शरीर को स्वस्थ ,तंदरुस्त व सुंदर बनाता है।