आज के समय में कोरोना महामारी के अलावा अगर कोई चीज दुनिया में सबसे ज्यादा फैल रही है, तो वह है नशे की बुरी लत। यह एक बीमारी की तरह है, जो लोगों को धीरे-धीरे खोखला करके मौत की नींद सुला रहा है।ड्रग्स का सेवन मनुष्य के लिए बहुत हानिकारक है। यह मनुष्य के शरीर को बिल्कुल खत्म कर देता है। उसमें जीने की, सोचने की, खाने पीने की कोई क्षमता नहीं रहती।
इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज कब मनाया जाता है-
यह प्रतिवर्ष 26 जून को ड्रग दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।
लोग नशों का सेवन क्यों करते हैं-
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में लोग चिंताओं में घिर जाते हैं। जिसके कारण वह नशा लेने के लिए मजबूर हो जाते हैं। उनके लिए नशा ही एकमात्र ऐसा उपाय होता है, जिससे वह अपनी चिंताएं दूर कर सकते हैं।
नशो का सेवन करने से होने वाली बीमारियां-
नशे बर्बादी का घर है, जिसने कई लोगों के घरों को नर्क बना दिया है। नशा व्यक्ति को कैंसर व अन्य बीमारियों को बुलावा देने के साथ-साथ उन्हें अंदर ही अंदर से खोखला कर देता है। जिससे व्यक्ति अपनी स्वर्ग बनी जिंदगी को नर्क बना लेता है।
अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की शुरुआत-
संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की स्थापना 1987 वर्ष में हुई थी। तब से दुनियाभर में 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1987 में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसने पूरे विश्व को नशा मुक्त करने की बात की। इसे सभी देशों की सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इसके बाद 26 जून को हर वर्ष 1987 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया गया और फिर हर साल 26 जून को मनाया जाने लगा।
क्यों मनाया जाता है-
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के विरोध के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस पर जोर दिया जाता है और इस दिन को मनाया जाता है। विश्व में नशीली दवाओं की समस्याओं की समझ में सुधार करना और स्वास्थ्य शासन और सुरक्षा पर इसके प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अधिक से अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस का उद्देश्य-
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीली दवाओं से छुटकारा पाना है तथा समाज में सशक्तिकरण लाना है। इस दिन विभिन्न संगठन अवैध नशे की चुनौतियों को शांतिपूर्ण संबोधित करने पर जोर देते हैं।समाज की भलाई के लिए यह अभियान शुरू किया था। ये दिन लोगों को नशों से मुक्ति दिलवाने व जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस का महत्व-
26 जून को नशे के खिलाफ विशेष दिन को माना जाता है। क्योंकि पूरे विश्व में नशे को रोकने का प्रचार किया जाता है, इस दिन नशे की चपेट में आने वाले लोगों को जागरूक किया जाता है। नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।
2021अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम-
प्रत्येक वर्ष क्राइम कार्यालय इस दिन के लिए एक थीम का चयन करते है। 2021अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम ‘न्याय के लिए स्वास्थ्य, स्वास्थ्य के लिए न्याय’ इस बार की थीम लोगों से अपनी हेल्थ के साथ न्याय करने की अपील करती है।
शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स ड्रग्स का शिकार हो रहे-
कुछ माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ाई करने के लिए होस्टल में भेज देते हैं और गलत संगति होने के कारण वह भी नशे करने के आदि हो जाते हैं।
राष्ट्रीय ड्रग्स और क्राइम कार्यालय-
संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और क्राइम कार्यालय एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन मादक पदार्थों के दुरुपयोग और उसके उत्पादन के खिलाफ लड़ रहा है। जिसे एक अंतरराष्ट्रीय अपराध माना जाता है। इस संगठन को साल 1997 में संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स कंट्रोल कार्यक्रम के साथ अंतरराष्ट्रीय अपराध निवारण केंद्र में विलय करते स्थापित किया गया था।
नशीली दवाओं की तस्करी अपराध दर में वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ वर्ष में सदस्यों की सहायता करने में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र अक्सर क्राइम कार्यालय अनिवार्य है।
ड्रग्स के दुरुपयोग-
ड्रग्स का सेवन बहुत बुरी आदत है। यह लत पर पड़ जाए तो उसे पीछा छुड़वाना बहुत मुश्किल है। यह हमारे शरीर के लिए बहुत हानिकारक है, बल्कि विभिन्न आयु के लोगों को भी प्रभावित करती है। यह व्यक्तियों और समाज को कई क्षेत्रों में नष्ट कर देती है, ऐसे ड्रग्स की लत के कारण भूख, भार, कब्ज, चिंता का बढ़ना और चिड़चिड़ापन, नींद ना आना,और कामकाज की हानि का गंभीर नुकसान होता है।
ड्रग्स की अवैध तस्करी-
नशीले पदार्थों की तस्करी एक अंतरराष्ट्रीय अवैध व्यापार है। इसमें मूलभूत कानूनों के मुताबिक निश्चित पदार्थ उत्पादन, खेती, प्रसार बिक्री शामिल है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अवैध व्यापार क्रीम 1% होने का अनुमान है। उत्तरी व्यापार मार्ग और बाल्कन क्षेत्र मुख्य ड्रग ट्रैफिकिंग क्षेत्र है। जो पूर्वी और पश्चिमी महाद्वीपों में अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों के बड़े बाजार में अफगानिस्तान को लिंक करते हैं और वहां से ड्रग्स की अवैध तस्करी की जाती है।
निष्कर्ष-
समाज में दिनों-दिन बढ़ रही नशे की आग में सभी वर्ग के लोग झुलस रहे हैं। युवाओं में नशे की लत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। जहां लोग पहले दूध और छाछ (लस्सी) पिया करते थे, वहीं लोग शराब व नशा करके अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। आइए हम सब भी देश के उज्जवल भविष्य के लिए कभी भी नशा न करने का प्रण करे और स्वच्छ विश्व का निर्माण करें।