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“World environment Day के अलावा इस दिन लगते हैं लाखों पेड़”

आज वैश्विक स्तर पर बहुत सी चिंताएं जन्म ले चुकी हैं। इनमें सबसे अधिक चिंता का विषय climate change है। दिन-ब-दिन हो रहे climate change के बहुत से कारण हैं। परंतु सबसे पहले आपको बता देंगे climate change होता क्या है?

किसी भी क्षेत्र के औसत मौसम में जब परिवर्तन आता है।  उसे जलवायु परिवर्तन (climate change) कहा जाता है। इसके लिए natural और human दोनों पक्ष जिम्मेदार हैं। परंतु वैज्ञानिकों का मानना है कि लगभग 93% मानवीय गतिविधियों द्वारा ही climate change हो रहा है। जिस में वनों की कटाई मुख्य भूमिका निभा रही है।

आखिर क्यों बढ़ रही है वनों की कटाई (deforestation)?प्रत्येक वर्ष 3.5 से 7 बिलियन तक वनोन्मूलन हो रहा है। यदि प्रतिदिन की बात करें तो लगभग 100000 एकड़ जंगलात को काटा जा रहा है। व्यापक पशुपालन की बात करें तो 80% deforestation इसी की देन है। शेष नुकसान सामग्री, आवास और विकास के लिए हो रहा है। जिसके बहुत भयंकर परिणाम सामने आ रहे हैं। फिर भी मनुष्य अंधाधुंध पेड़ों की कटाई कर रहा है।

आइए अब जानते हैं  deforestation के दुष्प्रभावों के बारे में:-

  • बाढ़ में वृद्धि
  • वातावरण में Green house gases के प्रभाव का बढ़ना
  • स्वदेशी लोगों (indigenous tribals) के लिए निरंतर समस्याएं बढ़ रही है
  • वन्य जीवों एवं पौधों की प्रजातियों को खतरा
  • भू क्षरण (soil erosion) की समस्या बढ़ रही है। जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होने की वजह से फसलें कम हो रही है।
  • मरुस्थलीकरण (desertification) में वृद्धि

यह समस्याएं आज के लिए तो खतरा बनी ही हुई है। साथ ही साथ भविष्य के लिए भी जानलेवा सिद्ध होने वाली है। हम सब इसके लिए चिंतित अवश्य हैं। इसकी रोकथाम के लिए कदम कम ही उठा रहे हैं।

कैसे आ सकता है बदलाव?

बदलाव लाने की सोच तो सबके अंदर पनपती है। परंतु सही तरीका अपनाने से ही बदलाव आता है। जलवायु परिवर्तन से बचाव का सबसे आसान तरीका पेड़ लगाना (reforestation) है। इसके द्वारा ही भू क्षरण पर काबू पाया जा सकता है। वन्य जीवों व अन्य प्राणियों का संरक्षण भी इसी तरह ही संभव हो सकता है। पेड़ हमारी नदियों और झीलों के लिए “प्राकृतिक फिल्टर” की तरह सिद्ध होते हैं। पेड़ बारिश के पानी के धरती पर गिरने की गति को धीमा करते हैं। जल मार्ग में मिट्टी को भी नष्ट होने से पेड़ ही रोकते हैं। जिससे बाढ़ से होने वाली क्षति कम हो जाती है।

औसतन एक पेड़ द्वारा 260 पाउंड ऑक्सीजन छोड़ी जाती है। इसके तहत दो पेड़ों द्वारा चार सदस्यों के परिवार के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन दी जाती हैं। इसीलिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक वर्ष कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।

हमारे ही देश की एक संस्था ऐसी है जो ऐसा सराहनीय कार्य कर रही है। 6 करोड लोगों द्वारा एक ही दिन में पौधे प्रत्येक वर्ष लगाए जाते हैं। यही नहीं बल्कि उनकी देखरेख का जिम्मा भी लेते हैं। इस संस्था से जुड़े सदस्य देश विदेश में पौधा रोपण करते हैं। जिससे वह धरती मां की रक्षा कर सकें।

वर्ष 2007 से लेकर 2018 तक इस संस्था द्वारा लगभग 40 करोड पौधे लगाए जा चुके हैं। यह संस्था पौधे लगाने में 3 World Records स्थापित कर चुकी है। यह संस्था हरियाणा राज्य के सिरसा जिला में स्थित है।

“डेरा सच्चा सौदा” नाम की संस्था द्वारा 15 अगस्त को प्रत्येक वर्ष पौधे लगाकर ही मनाया जाता है। इस दिन उनके गुरु “संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इंसा” का जन्मदिन होता है। श्रद्धालुओं का कहना है कि उनकी प्रेरणा पर चलते हुए मानवता भलाई के कार्य करने की इच्छा जागृत होती है। पौधारोपण के साथ-साथ खून दान, राशन दान, गरीबों को मकान बनाकर देना आदि कार्य करते हैं।

अगर इसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति वातावरण के संरक्षण के लिए आगे आए। तो हमारी आने वाली पीढ़ियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा

हाल ही में घोषित किये गए बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में उतरप्रदेश के किसान के बेटे ने 98.2% अंक प्राप्त कर अपना नाम सुनहरी अक्षरों में दर्ज कराने का काम किया है ।

विदेश में पूर्णतः स्कालरशिप पर पढ़ने का मिला अवसर

बारहवीं के परीक्षा परिणाम में पाई सफलता के चलते US की कोर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ने का अवसर मिलने से सम्पूर्ण परिवार में खुशी की लहर है।बारहवीं में प्राप्त 98.2% अंक हासिल करने पर यूएस (US) की प्रतिष्ठित आइवी लीग यूनिवर्सिटी में स्कॉलरशिप के माध्यम से एडमिशन लेने का मौका मिला है ।  अनुराग तिवारी जोकि लखीमपुर जिले के सरसन गांव से हैं , बताते हैं कि उन्हें अमेरिका में कोर्नेल यूनिवर्सिटी (Cornell University) में पढ़ने हेतु चुना गया है जहां वे इकोनॉमिक्स में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा सोमवार को घोषित किये गए बारहवीं के परीक्षा परिणाम में 18-वर्षीय अनुराग तिवारी ने गणित में 95 ,अंग्रेजी में 97 , राजनीति विज्ञान में 99 ओर इसके साथ ही इतिहास और इकोनॉमिक्स दोनों विषयों में 100 अंक प्राप्त किये हैं।

SAT (स्कॉलरशिप असेसमेंट टेस्ट) में भी पाई सफलता

बाहरवीं की परीक्षा में प्राप्त सफलता के साथ ही अनुराग ने स्कॉलरशिप असेसमेंट टेस्ट में 1,370 अंक हासिल किये जोकि अमेरिका के प्रमुख कॉलेजों में प्रवेश के लिए लिया जाता है ।

अनुराग ने बताया कि उसके लिए यह सफ़र बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उन्हें सीतापुर जिले के आवासीय विद्यालय में ही अपनी पढ़ाई करनी पड़ी। 
चूंकि अनुराग एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं इसलिए उसके माता-पिता इस विद्यालय में भी भेजने को राजी नहीं थे।उनका कहना था कि यदि अनुराग पढ़ाई के लिए चला गया तो वह खेती में नहीं आएगा। लेकिन अनुराग की बहनों ने पढ़ाई जारी रखने की इजाजत दिलाई । ओर आज सारे परिवार को अनुराग पर गर्व है।

विदेश में पढ़ाई के विचार पर पूछने पर अनुराग ने बताया कि उसका झुकाव हमेशा से ही लिबरल आर्ट्स ओर ह्यूमैनिटीज की ओर ज्यादा रहा है। उन्होंने बताया , ” आइवी लीग कॉलेजों के लिए ट्राई करने की सलाह उसके दिल्ली के शिक्षकों ओर काउंसलर्स ने दी ,जिसके चलते मैने कोर्नेल यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए आवेदन किया ओर SAT का एग्जाम दिया.”

आगे की बातचीत में अनुराग ने बताया कि इसी साल अगस्त में कोर्नेल यूनिवर्सिटी में जाना तय था लेकिन कोरोना महामारी को लेकर लगाए वीजा प्रतिबन्धों के चलते अब वह फरवरी 2021 तक ही जा पाएंगे ।

अनुराग में पढ़कर लौटने के बारे में पूछने पर बताया कि “हमारे देश मे भी विभिन्न अच्छे कॉलेज हैं लेकिन विदेश में पढ़ाई भी एक अच्छा अवसर है ।शिक्षा पूरी करने ओर कुछ अनुभव प्राप्त करने पर मैं निश्चित रूप से भारत लौटूंगा ओर यहाँ शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दूंगा।”

हरियाणा के इस गांव में ऐसा क्या खास है? जो पीएम मोदी इसकी तारीफ करते नहीं थकते!

गांव का असली सच

speciality of this village in Haryana - Exclusive Samachar

 जिनके हौसले बुलंद होते हैं, सफलता उनके कदम चूमती है।ऐसा ही कर दिखाया है, पलवल जिले के भिडूकी गांव की ग्राम पंचायत ने। पलवल जिले की सबसे बड़ी पंचायतो में शामिल गाँव भिडूकी आजकल प्रदेश भर में अपनी पहचान बना रहा है।

जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पलवल जिले के गांव भिडूकी की पंचायत की तारीफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम में की।इसको ट्विटर पर भी शेयर किया गया। यह गांव आज के समय में  सुविधाओं के मामले में आज शहरो को भी पीछे छोड़ रहा है। इस गांव में 2.5 एकड़ जगह में श्री सिद्ध बाबा खेल परिसर, open Jim, वीर अभिमन्यु डिजीटल लाइब्रेरी, बच्चों के लिए मनोरंजन पार्क,  CCTV camera  से युक्त चौपाल इस गांव के विकास की गाथा को ब्यान करती है। 

गांव की पंचायत ने उठाये बड़े कदम

ग्राम पंचायत भिडुकी ने जोहड़ के ओवरफ्लो पानी से खेतों की सिंचाई करने की योजना तैयार की है। योजना के अनुसार करीब 2 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन डालकर जोहड़ के पानी को नालो तक पहुंचाया जाएगा और ओवरफ्लो होने वाले जोहड़ के पानी को खेतों में सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

पंचायत की इस पहल की तारीफ ग्रामीण तो कर ही रहे हैं। साथ ही साथ पूरे देश में भी इसकी चर्चा हो रही है।

The village panchayat took big steps - Exclusive Samachar

Water Harvesting System  लगाकर जल संरक्षण की दिशा में उल्लेखनीय पहल कर चुकी पलवल के गांव की पंचायत ने जोहड़ के ओवरफ्लो होने वाले पानी से सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने की योजना की है। जोहड़ के पानी को अब सिवर लाइन के जरिए खेतों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए जोहड़ का वाटर लेवल तय किया जाएगा। तथा उसके ऊपर पहुंचने वाला पानी करीब 2 किलोमीटर लंबी लाइन में प्रवेश करेगा। वहां से पानी साफ होकर खेतों तक पहुंचेगा। इस से जुहड़ का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर नहीं आएगा। वहीं सिंचाई के लिए भी अतिरिक्त व्यवस्था हो जाएगी।

भिडूकी गाँव के सरपंच 

भिडूकी गांव के सरपंच सत्य देव गौतम ने फरीदाबाद में रहकर B.Tech और MBA  किया है। लाखों रुपए की नौकरी को छोड़ कर गांव के सरपंच बने और गांव की तस्वीर बदलने में लगे हुए हैं।
सत्यदेव गौतम ने बताया कि भिडुकी में वैसे तो सिंचाई के लिए नहर के पानी की व्यवस्था है। लेकिन इसके बावजूद पंचायत जल संरक्षण की दिशा में अनुकरणीय पहल करती रहती है।

जो जोहड़ के ओवरफ्लो पानी तथा घरों से निकलने वाले पानी के संरक्षण की योजना के तहत सिविल लाइन डाली जा रही है। जोहड़ से सिंचाई वाले नाले तक करीब 2 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन में जल शोधन की योजना तैयार की गई है। सीवर लाइन में करीब हर 300 फुट की दूरी पर 15 मैनहोल बनाए गए हैं। जिनमें से पानी साफ होकर आगे जाएगा।अगर किसी किसान को अपने खेतों में सिंचाई करनी होगी तो वह मैनहोल में पाइप डाल कर खेत तक अपना पानी ले जा सकता है। अन्यथा सारा पानी सिंचाई के लिए नाले में इकट्ठा हो जाएगा। 

Sarpanch of bhiduki village - Exclusive Samachar

सत्यदेव का कहना है कि दिन प्रतिदिन  जल का स्तर नीचे जा रहा है। तो ऐसे में हमें  जल संरक्षण को बढ़ावा देने की जरूरत है। उनका कहना है कि हमारे गाँव में 4 जोहड़ हैं और एक लेवल के बाद उनके ओवरफ्लो पानी को सीवर लाइन के माध्यम से सिंचाई के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं। ऐसा करने से जल स्तर भी ऊंचा होगा।और जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

इसके साथ-साथ गांव में 3 जगहों पर – सरकारी स्कूल – स्वास्थ्य केंद्र – बस्ती (छोटी कॉलोनी) वहाँ पानी को निकालने की समस्या थी। इसलिए वहां पर ग्राम पंचायत द्वारा Rain Water Harvesting System  लगाया गया है। जिसमें सारी कॉलोनी का पानी, स्कूल का व स्वास्थ्य केंद्र का पानी अलग-अलग  जो multiple manhole system है।  जिसमें तीन Manhole बनाए गए हैं। 1.  Heavy impurities  को रोकने के लिए। 2. Filtration Tank है। जिसमे कंकरीट  (stone) डाले गए हैं, जो पानी साफ करते हैं3. 10 इंच का बोर जो 100 से 120 फुट गहरा है। तो पानी आता है। साफ होने के बाद जमीन में चला जाता है। जिसके दो फायदे हैं। 1 जल स्तर बढ़ रहा है। 2.जो अनुभव किया गया।वो  TDS Value है यानी पानी का खारापन इसमे सुधार हुआ है।

jinke hosle buland hote hai safalta unke kadam chumti hai

गाँव के लोगों ने कहा

हमारे गाँव की ग्राम पंचायत ने जो   जल संरक्षण को बढ़ावा देने की पहल की है, वो क़ाबिले तारिफ हैं।  इस से जल स्तर तो बढ़ेगा ही साथ ही  खेती करने में भी मदद मिलेगी। आज हमारे लिए यह गौरव की बात है कि प्रदेश भर में व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी तक हमारे गाँव के चर्चे हो रहे हैं।नंबरदार वीरेंद्र का कहना है – उन्होंने कहा कि हमारे गाँव भिडूकी की ग्राम पंचायत से अन्य ग्राम पंचायतों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। हमारे गाँव में digital library होने से गाँव के बच्चों की समस्याएं भी दूर हो गई है। बच्चों को अपने सपने साकार में यह लाइब्रेरी बहुत सहायक होगी।

स्थानीय निवासी

ग्राम पंचायत के सदस्यों व गांव के सहयोग से गांव में काफी कार्य किए गए हैं। लेकिन अभी कुछ कार्य करना बाकी है।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नजर अब हमारी गाँव पर आई है, तो जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ गई है। आने वाले समय में इस गांव में वह हर सुविधा होगी जो  NCR के बड़े शहरों में हैं।