भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) 2019 की परीक्षा में देश में तीसरा स्थान हासिल करने वाली प्रतिभा वर्मा का मानना है कि समाज और सुरक्षा में आज भी बेटियों के लिए बहुत बड़ी चुनौतियां हैं। बेशक हम कितने भी अच्छे विचारों के धनी क्यों न हों लेकिन एक बेटी या औरत को हर मुकाम पर चुनौती का सामना करना ही पड़ता है लेकिन अगर कोई मजबूत लक्ष्य है तो हमें मंजिल पर पहुंचने से कोई भी नहीं रोक सकता।
उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाली प्रतिभा वर्मा का IAS बनने का जुनून उसके दृढ़ संकल्प को पूर्ण रूप से ब्यान करता है। प्रतिभा ने पहले भारतीय राजस्व सेवा (IRS) की परीक्षा पास की जिसके कारण उसे आयकर विभाग में सहायक आयुक्त की नौकरी मिली। फिर भी उसने IAS बनने के संकल्प को टूटने नहीं दिया। आखिरकार 2019 में उसने इस लक्ष्य को पूरा कर ही दिया। उसने वरीयता क्रम में तीसरा स्थान प्राप्त किया मगर फिर भी वे महिलाओं में सबसे अव्वल थी।
प्रतिभा ने अपने अनुभव को बताते हुए कहा कि बेटियों के लिए यह संसार अभी भी मुश्किलों से भरा है लेकिन एक औरत को इसका सामना तो करना ही होगा। तभी तो बेटियां अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगी।
अगर एक बेटी हिम्मत जुटा कर घर से निकल भी जाती है तो अपनी सुरक्षा के लिए वे अपने मन में डर हमेशा रखती है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक और इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई गांव में पूरा कर 2010 में उन्होंने सुलतानपुर छोड़ दिया। एक दशक घर परिवार से दूर रहकर किताबों और शिक्षा के मंदिरों में साधनारत रही। वर्ष 2018 में IAS की परीक्षा देने से पहले अनुभव के लिए प्रतिभा ने वोडाफोन की कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्य किया। 2018 में IRS के नाते सहायक आयुक्त Income Tax बनी। इस पद पर कार्य करते हुए उसने IAS की परीक्षा दी और देश में तीसरा स्थान हासिल किया जबकि महिला वर्ग में देश में पहले स्थान की रैंकर बनी।