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When and Why is the International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking Celebrated?

(नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब और क्यों मनाया जाता है )

नशा इंसान की जिंदगी दीमक की तरह पूरी तरह खराब कर देता है। यह केवल नशा करने वाले इंसान तक असर नहीं करता बल्कि नशे के कारण, परिवार समाज, देश यहां तक की इसका असर पूरे विश्व स्तर पर दिखता है।

नशे की चपेट में आज देश के बच्चे, बुजुर्ग, युवा आदि सब आए हुए हैं। नशे के कारण आज की युवा पीढ़ी अपने भविष्य को खराब करने में लगी हुई है। यहां तक कि महिलाएं भी नशे के उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं। मादक पदार्थों के सेवन ने आज पूरा विश्व को खोखला बना दिया है। नशा केवल एक स्तर तक सीमित नहीं रहा। नशीली दवाओं के रूप में आज युवा पीढ़ी नशे की आदि बनी हुई हैं।

विश्व में बढ़ती नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने और अवैध तस्करी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर “नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विरोध में” अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।

आइए जानते हैं इसकी शुरुआत कब हुई और सरकार का इसमें क्या योगदान है। जो इंसान नशे का आदी हो जाता है उसे इसकी लत छोड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। नशा पूरे परिवार की खुशियां छीन लेता है।

History and Themes

(इतिहास और विषय)

नशे के खिलाफ और नशीली दवाओं के अवैध दुरुपयोग को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की शुरुआत की। तब से हर वर्ष 26 जून को यह दिन लोगों में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाने लगा। हर साल यह दिन एक विषय के तहत मनाया जाता है।

2024 की थीम

इस वर्ष नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) 2024 का विषय है – “नशीली दवाओं और अवैध तस्करी को रोकने के साक्ष्य पर जोर दिया जाए और उसकी रोकथाम में कदम उठाया जाए।” नशे को रोकने के लिए जरूरी है कि बढ़ते नशे के कारणों पर गौर करें और उसकी रोकथाम में कदम उठाएं और उसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाएं।

Objectives and Significance

(उद्देश्य और महत्त्व)

इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक कर देश व विश्व से नशे को जड़ से उखाड़ फेंकना है। नशे रूपी दैत्य को जड़ से खत्म कर समाज में अच्छाई को बढ़ाना ही इस दिन को मनाने का उद्देश्य है।

नशा देश से खत्म हो और हर घर खुशहाल जीवन व्यतीत करे इसी महत्व के तहत यह दिन विश्व स्तर पर एक विषय के साथ मनाया जाता है।

Reasons for Increasing Drug Addiction in Society and Country

(समाज और देश में नशा बढ़ने के कारण)

बढ़ते नशे का मुख्य कारण गरीबी और अनपढ़ता है। गरीबी के कारण जुड़ी तनाव भरी जिंदगी। ज्यादातर इंसान इसका हल खोजने की बजाय नशे में लिप्त होकर अपनी जिंदगी और खराब करना शुरू कर देते हैं।

Government’s Contribution in Creating a Drug-Free Society

(नशा मुक्त समाज बनाने में सरकार का योगदान)

नशीली दवाओं के सेवन से इंसान को हो रहे शारीरिक, मानसिक और पारिवारिक नुकसान के बारे में जागरूक करने के लिए सरकार भी कदम उठा रही है। नशा इंसान को कुछ समय के लिए तनाव मुक्त कर, हमेशा के लिए इसकी बुरी लत का आदी बना देता है। जिसके कारण बाद में बहुत से घर परिवार बिखर जाते हैं। नशे के अवैध व्यापार को रोकने के लिए सरकार ने कानून बनाए हैं।

भारत सरकार की पहल

नशे को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए भारत सरकार द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान, नशीली दवाओं की मांग में गिरावट हो इसके लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना और नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए राष्ट्रीय कोष आदि।

यही नहीं नशे के खिलाफ वैश्विक स्तर पर भी अनेकों अभियान कार्यरत हैं। जैसे कि:

  • सिंगल कन्वेंशन ऑन नारकोटिक्स ड्रग्स, 1961
  • कन्वेंशन ऑन साइकोट्रोपिक सब्सटेंस, 1971

इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट का प्रकाशन भी करता है। ताकि इसके आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए नशे के खिलाफ लोगों में जागरूकता अभियान चलाते रहें।

आइए हम भी नशा मुक्त भारत बनाने में अपना योगदान दें और इस विश्व को नशा मुक्त बनाएं। (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking)