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Operation Sindoor: India’s Bold Response to 2025 Pahalgam Attack

Pahalgam Attack: अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला

22 अप्रैल 2025 पूरे देश की आंखें नम कर देने वाला दिन था। इस दिन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बसेरने क्षेत्र में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिससे उस समय लोकप्रिय स्थल पर आए दर्जनों पर्यटक घायल हुए और 26 लोगों की जान चली गई।

सन 2019 के बाद यह कश्मीर में नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

इस हमले का जिम्मेदार पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन — द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) है, जो लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट संगठन माना जा रहा है।

यह आतंकी हमला दिल दहला देने वाला था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दी कि यदि वह आतंकवाद का समर्थन जारी रखता है, तो भारत सैन्य कार्रवाई फिर से शुरू करेगा।


भारत की जवाबी कार्रवाई: Operation Sindoor

भारत की ओर से “Operation Sindoor” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए गए, जिनमें लगभग 100 आतंकवादी मारे गए।

यह प्रतिक्रिया केवल सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि व्यापक रणनीति का हिस्सा थी।


Pahalgam Attack के बाद भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया: DGMO से कूटनीति तक

1. सेना द्वारा DGMO स्तर पर कार्रवाई – “Operation Sindoor”

  • DGMO (Director General of Military Operations) स्तर पर वरिष्ठ सैन्य निर्णय लिए गए।

  • 24 घंटे के भीतर पाकिस्तान और POK में आतंकी शिविरों पर हमला।

  • हथियार: Precision-guided मिसाइलें, हाई-ऑल्टिट्यूड ड्रोन, और लॉन्ग-रेंज आर्टिलरी।

  • हमला रात्रिकालीन था और “100% मिशन सफलता” की घोषणा।

  • PMO और NSA को हर दो घंटे में स्थिति की रिपोर्ट।

2. खुफिया एजेंसियों की समन्वित कार्रवाई

  • RAW और IB ने हमले से जुड़ी कॉल्स, ड्रोन फुटेज और डिजिटल ट्रैफिक को ट्रैक किया।

  • NIA ने हमले के स्थानीय और विदेशी लिंक की पुष्टि की।

  • स्थानीय नेटवर्क पर छापे और गिरफ्तारियाँ हुईं।

3. आंतरिक सुरक्षा एवं नागरिक तैयारियाँ

  • “ऑपरेशन अभ्यास” – 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा ड्रिल (ब्लैकआउट, एयर-रेड सायरन, इवैक्युएशन)।

  • पहलगाम और अमरनाथ मार्ग पर स्थायी सेना की तैनाती का प्रस्ताव।

  • CRPF, BSF और J&K पुलिस के साथ संयुक्त QRT तैनात।

4. पाकिस्तान के साथ राजनयिक विवाद

  • सिंधु जल संधि निलंबित।

  • वाघा-अटारी सीमा बंद।

  • पाकिस्तानी उच्चायोग स्टाफ को वापस बुलाया गया।

  • पाक नागरिकों के SAARC वीजा रद्द और 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश।


वैश्विक मंच पर भारत की कूटनीतिक रणनीति

  • UNSC की 1267 समिति में TRF को आतंकी संगठन घोषित करने का प्रस्ताव।

  • OIC, EU, और अमेरिका को विस्तृत डोजियर सौंपे गए।

  • विदेश मंत्री ने 6 देशों की यात्रा कर Global solidarity सुनिश्चित की।


राजनीतिक और जनसंपर्क रणनीति

  • प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र को संबोधन: “बहनों के सिंदूर को मिटाने का अंजाम मिला”।

  • विपक्ष सहित संसद में सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित।

  • “Pahalgam Justice” अभियान – मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर एकजुटता।


आर्थिक और साइबर नीति प्रतिक्रियाएं

  • पाकिस्तान से व्यापार पूर्णतः निलंबित।

  • संदेहास्पद आतंक फंडिंग चैनलों पर ED, FIU और RBI की संयुक्त कार्रवाई।

  • 500+ फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स को बंद किया गया जो आतंकी प्रोपेगंडा फैला रहे थे।


DGMO वार्ता के ज़रिए भारत ने दिया Ceasefire Violation पर सख्त संदेश

भारत ने पाकिस्तान द्वारा बार-बार किए गए Ceasefire Violation का जवाब इस बार सैन्य स्तर की वार्ता के माध्यम से दिया। DGMO स्तर पर हुई वार्ता में भारत ने स्पष्ट रूप से कहा:

  • सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए 2003 के सीजफायर समझौते का पूर्ण पालन आवश्यक है।

  • अगर पाकिस्तान की ओर से उकसावे जारी रहते हैं, तो भारत को जवाबी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

  • नागरिक इलाकों को निशाना बनाना युद्धविराम की खुली अवहेलना है।


पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर घेरने की रणनीति

  1. आतंकवाद का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र, G20, BRICS जैसे मंचों पर उठाया गया।

  2. अमेरिका, फ्रांस, रूस जैसे देशों से सहयोग लेकर पाकिस्तान पर दबाव बनाया गया।

  3. FATF के माध्यम से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने के प्रयास।

  4. सार्वजनिक कूटनीति के तहत मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और प्रवासी भारतीयों का उपयोग।

  5. SAARC को निष्क्रिय कर BIMSTEC और QUAD जैसे मंचों को प्राथमिकता।

  6. सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के बाद कूटनीतिक समर्थन सुनिश्चित किया गया।

  7. मसूद अजहर और जैश-ए-मोहम्मद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की रणनीति।


Indus Waters Treaty Suspension: जल नीति पर भारत का कड़ा रुख

  • पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ Indus Waters Treaty को निलंबित कर दिया।

  • प्रधानमंत्री मोदी का बयान: “आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते; पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।”

  • पाकिस्तान ने इसे “जल आतंकवाद” कहा और विरोध दर्ज कराया।

  • भारत ने बगलिहार और सलाल परियोजनाओं से जल प्रवाह को नियंत्रित किया।

  • विश्व बैंक ने हस्तक्षेप करने से इनकार किया।


Wagah-Attari Border Closure: सीमा पर प्रभावी कार्रवाई

  • 23 अप्रैल 2025 को भारत सरकार ने वाघा-अटारी सीमा को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की।

  • बीटिंग रिट्रीट समारोह स्थगित कर दिया गया।

  • पाक नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए और उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया (Global Diplomacy and Reaction)

  • संयुक्त राष्ट्र ने हमले की निंदा की और संयम बरतने की अपील की।

  • अमेरिका, फ्रांस और रूस ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को स्वीकार किया।

  • चीन ने संतुलित बयान दिया और दोनों पक्षों से वार्ता की सलाह दी।

  • इस्लामी देशों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही।


क्या आने वाले समय में Kashmir Conflict और India – Pakistan Tensions का समाधान होगा?

सूत्रों के अनुसार भारत ने पहलगाम हमले के बाद कूटनीतिक और व्यावसायिक रणनीति अपनाई। यदि भविष्य में पाकिस्तान द्वारा Ceasefire Violation जारी रहता है, तो भारत की रणनीति और भी सख्त हो सकती है।


अंत में: भारत की बहुआयामी रणनीति

भारत की रणनीति पूरी तरह से बहुआयामी रही – जिसमें तत्काल जवाबी हमला, कठोर कूटनीति, आंतरिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण और वैश्विक समर्थन सुनिश्चित करना शामिल था।

यह स्पष्ट संदेश था कि भारत अब “सहन” नहीं बल्कि “सटीक प्रतिशोध” की नीति पर कार्य करेगा।

Operation Sindoor केवल जवाब नहीं, सबक भी है कि भारत खून की हर बूंद का हिसाब लेना जानता है।
यदि पाकिस्तान आगे भी सीजफायर का उल्लंघन करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।