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April 2021

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विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021

वर्ष के 360 दिनों में बहुत से दिन व त्यौहार ऐसे आते हैं जिसे लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं और जिन्हें मनाने का कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है उसी ही तरह उनमें से एक दिवस है स्वास्थ्य दिवस जोकि लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

हमारा स्वास्थ्य ही हमारी वास्तविक दौलत है। यदि हमारा स्वास्थ्य ठीक होगा, तो हम सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं। आज लोग अपनी आलसी और निष्क्रिय आदतों के कारण अच्छा स्वास्थ्य बनाने में असफल हो रहें हैं। अस्वस्थ व्यक्ति जिंदगी में हमेशा चिंतित रहता है और अपना पूरा समय बीमारियों से पीड़ित होकर शिकायतें करने में गुजार देता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन और आत्मा निवास करते हैं। अच्छा स्वास्थ्य जीवन का अमूल्य तोहफा है, जो भगवान के दिए हुए वरदान की तरह है और हमें सभी रोगों से मुक्ति प्रदान करता है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस कब मनाया जाता है?

7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत 1948 को (WHO) विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी और पूरे विश्व में इसकी शुरुआत 7 अप्रैल 1950 को हुई। इस दिन कई जगह मैडिकल कैंप्स लगाकर इस दिवस को मनाया जाता है। 

विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने का उद्देश्य

विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के महत्व के बारे में समझाना है और जागरूक करके अस्वस्थ व्यक्ति को स्वस्थ बनाना है क्योंकि किसी ने सच ही कहा है “जैसा खाए अन्न वैसा होए मन” आज विश्व के प्रत्येक व्यक्ति का खान पान ही कुछ ऐसा है जिसकी वजह से वह अलग-अलग बीमारियों से जूझ रहा है। जैसे कि कुछ लोग कैंसर, पोलियो, एड्स व पेट की अन्य बीमारियां से परेशान हैं।

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने कार्यों मे व्यस्त होने व अधिक आय कमाने के चक्कर में अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते। जिसके कारण उन्हें कई बीमारियो का सामना करना पड़ रहा है।

इस बार की थीम है

WHO द्वारा कोविड-19 के चलते नर्सों और मिडवाइव्स को योगदान देने का समर्थन किया है। जो कोरोना की जंग से लड़ रहे है और लोगों को स्वस्थ रखने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए WHO ने उसे #SupportNursesAndMidwives थीम का नाम दिया है।

कैसे मनाया जाता है विश्व स्वास्थ्य दिवस

सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य संबंधित कई तरह के कार्यक्रम करके इस दिवस को मनाया जाता है। सरकारी, गैर सरकारी संस्थाओं में स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों के साथ-साथ हैल्थ कैंप्स के साथ फ्री मैडिकल चेकअप्स करवाएं जाते हैं। नाटकों का आयोजन करके कला प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। स्कूलों- काॅलेजों में बच्चों में निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित करवाकर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करवाया जाता है। जैसे कि –

  • लोगों को बताया जाता है कि कैसे हम अपने आस पास सफाई रख कर बीमारियो से बच सकते हैं।
  • स्वस्थ व खुशहाल जीवन जीने के लिए पौष्टिक आहार लें।
  • व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं।
  • अच्छे स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद लें और समय पर सोएं।
  • साधारण चाय की जगह ग्रीन टी का इस्तेमाल करें।
  • धरती मां को हरा-भरा बनाएं रखने के लिए और स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए वृक्ष लगाएं इत्यादि।

आइए जानते हैं स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए क्या न करें?

  • फास्ट फूड का इस्तेमाल बहुत कम करें।
  • ज्यादा कोल्ड ड्रिंक न पीएं।
  • शराब, तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें इत्यादि।

एक स्वस्थ व्यक्ति संसार का सबसे सुखी व्यक्ति माना गया है। इसलिए स्वयं को शारीरिक, मानसिक, समाजिक, बौद्धिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रखने के लिए अपनी दिनचर्या में व्यायाम, सकारात्मक सोच और अच्छी आदतों को शामिल करें।

स्वास्थ्य संबंधी आज अनेक बीमारियां तेजी से फैल रही है, जो दिव्यांगता का कारण भी बन रही है। जिससे परिवारों में परेशानियां बढ़ रही है। अपनी सेहत का ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है, इसलिए आइए आज हम सभी ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ पर प्रण करे कि स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली वस्तुओं से दूर रहेंगे और अपने खानपान का पूरा ध्यान रखेंगे।

नक्सलियों द्वारा हमला, 22 जवान शहीद और 32 हुए घायल

देश भर में 12 नक्सलियों के मारे जाने के साथ-साथ देश की रक्षा करने वाले 22 जवानों के शहीद होने व 32 घायल व एक जवान के लापता होने की खबर को सुनकर माहौल हुआ नम।

आपकी जानकारी के लिए बता दे, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद होने वाले 22 शहीदों के लिए हर आंख नम है। शहीद होने वाले जवानों में 6 कोबरा बटालियन, 8 डीआरजी, 6 एसटीएफ और 2 जवान बस्तर बटालियन से हैं और 32 घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके साथ ही नक्सलियों का भी बहुत नुकसान हुआ हैं।

सूत्रों का कहना है कि बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर शनिवार दोपहर 12 बजे जोनागुड़ा गांव के करीब सुरक्षाबलों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। जिस मुठभेड़ में नक्सलियों के PLGA समूह के लोग शामिल होने की संभावना है। जो मुठभेड़ लगभग 3-4 घंटों से अधिक शनिवार को चली जिसमें पहले 5 जवानों की शहादत की जानकारी मिली। जो रविवार को 22 हो गई और 30 जवान घायल हुए हैं।

नक्सलियों की मजूदगी की सूचना मिलते ही सुकमा व बीजापुर जिले के 2000 जवानों को ऑपरेशन पर भेजा गया। तेर्रेम इलाके से 360 जवानों की टुकड़ी नक्सलियों द्वारा लगाए एंबुश में फस गई। जोनागुड़ पहाड़ियों के पास सुरक्षाबलों की ज्वाइंट टीम और नक्सलियों के बीच करीब 4 से 5 घंटे तक गोलाबारी चली। इस हमले का मास्टरमाइंड  हिड़मा है। गोलीबारी में जवानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा।जवाबी कार्रवाई में जवानों ने 12 नक्सली ढेर कर दिए। नक्सली जवानों के हथियार और जूते भी अपने साथ लूट कर ले गए। 

बीजापुर हमले में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर अब उनके गांव पंहुचाए जा रहे हैं।

शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि –

जगदलपुर में शहीद जवान बबलू रब्बा जो कि कोबरा 210 बटालियन में पदस्थ था, उनको अंतिम सलामी दी गई। उनके पार्थिव शरीर को रायपुर लाया गया और यहां से उनके पार्थिव शरीर को गुहावटी भेजा जाएगा।

बीजापुर के पास आवापल्ली गांव में जब समैय्या मडवी नाम के शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो पहुंचा सभी की आंखें नम हो गईं।शहीद होने वाले एसटीएफ और सीआरपीएफ के 14 जवानों के पार्थिव शरीर को जगदलपुर लाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद  80वीं बटालियन कैंप में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।शहीदों के परिवारों को योगी सरकार ने 50 लाख देने का ऐलान किया है।

बीजापुर एनकाउंटर में 22 जवानों के शहीद होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संवेदना जताई है और उन्होंने कहा है सुरक्षा कर्मचारियों के बलिदान को कभी नहीं भूलाया जाएगा।

भुला नहीं सकेंगे हमइन शुरवीरों की इस महान शहादत को, जो देश की रक्षा करने के लिए अपना घर परिवार छोड़कर देश की सीमा पर अपना जीवन बलिदान कर देते हैं। ऐसे शूरवीरों को हमारा शत् शत् नमन।

क्या आम दिखने वाला Neeva search engine ऐप बेहतर बनकर दे पाएगा गूगल को टक्कर-
गूगल एक ऐसा सर्चिंग ऐप है, जिसको कोई भी ऐप अब तक चुनौती दे पाने में सक्षम नहीं हुआ है। परन्तु अब नीवा सर्च इंजन ऐप को लांच किया गया है, जोकि इसको चुनौती देने में सक्षम हो सकता है। 

क्या है नीवा सर्च इंजन –

नीवा सर्च इंजन गूगल की तरह ही user द्वारा सर्च की गई सामग्री खोजकर सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध करवाता है। जोकि हमें पता नहीं चल रही होती हम इस पर सर्च करके उसके बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। गूगल के साथ-साथ दूसरे सर्च इंजन कुछ सर्च करने पर अपने यूज़र्स को बहुत सारे विज्ञापन दिखाते है, तो नीवा सर्च इंजन बिना किसी विज्ञापन के अपने यूज़र्स को जानकारी उपलब्ध करवाता है।

नीवा सर्च इंजन को किसने बनाया – नीवा सर्च इंजन को Sridhar Ramswamy और Vivek Raghunathan द्वारा 2018 में मिलकर बनाया था, जो पहले गूगल के पूर्व-कर्मचारी रहे चुके हैं। जिसका उद्देश्य यूज़र्स को एक ऐसा सर्च इंजन मुहैया करवाना है, जिसमें आपको मतलब की ही जानकारियां मिलेंगी जिस से आपका समय बर्बाद नहीं होगा।

क्या गूगल की तरह नीवा सर्च इंजन का इस्तेमाल करना मुफ्त होगा –

जी नहीं, गूगल की तरह नीवा सर्च इंजन मुफ्त नही होगा। क्योंकि नीवा सर्च इंजन में कोई ads नहीं होगी और ये आपकी कोई निजी जानकारी इकत्र नहीं करेगा।गूगल जहां ads दिखाकर कमाई करता है, तो वहीं नीवा अपनी subscription fees द्वारा कमाई करता है।

नीवा सर्च इंजन और गूगल सर्च इंजन में अंतर –

  • गूगल सर्च इंजन अपने यूज़र्स से किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं लेता, तो दूसरी ओर नीवा सर्च इंजन का इस्तेमाल करने पर तय राशि का भुगतान यूज़र्स को करना पड़ेगा।
  • गूगल सर्च इंजन कई तरह के यूजर्स को ads दिखाता है, तो इसके साथ ही नीवा सर्च इंजन में किसी प्रकार की कोई ads नहीं दिखाएगा।
  • गूगल सर्च इंजन यूज़र्स की privacy में दख्ल देने के साथ साथ बहुत सारा डाटा भी इकट्ठा करता है। परन्तु नीवा सर्च इंजन में सारा डाटा सुरक्षित रहता है।
  • गूगल सर्च इंजन केवल web- search ही करता है, तो नीवा सर्च इंजन में आप अपनी personal files को भी सर्च कर सकते हैं। इसके साथ-साथ ये अपने यूज़र्स को Apple Map, Bing search Result जैसी जानकारी क्षेत्रों का उपयोग करता है। तो दूसरी ओर गूगल खुद ही सभी जानकारी को एकत्रित और प्रकाशित करता है।

श्रीधर रामास्वामी को Google की दखल अंदाजी पसंद नहीं आई, इसलिए उन्होंने यूज़र्स की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए नीवा सर्च इंजन ऐप को शुरू किया ताकि यूज़र्स की निजी प्राइवेसी बिल्कुल सुरिक्षत रहे और उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।

आपको बता दें कि दूसरों की निजी जानकारी की इतनी सुरक्षा करने वाला नीवा ही एक एकलौता सर्च इंजन ऐप है, जो दूसरों के डाटे को सुरक्षित रखता है।

सच में नीवा सर्च इंजन ऐप गूगल की तरह आपका कोई भी डाटा इकट्ठा नहीं करेगा –

जी हां, परन्तु ये पूरा सच नहीं है। नीवा सर्च इंजन आपकी कुछ ऐसी जानकारी रखेगा जैसे कि आपको कौन सी न्यूज़ व खेलों में दिलचस्पी रखते है इत्यादि।

नीवा से आपको पूरी तरह सुरक्षित रखने के साथ-साथ आपको किसी भी विज्ञापनदाता को बेचा नहीं जाएगा और न ही कोई ग़लत इस्तेमाल किया जाएगा।

बहुत से प्रोफेशनल लोग ऐसे हैं, जिनके पास समय और डाटा की कीमत बहुत ज्यादा है। उनके लिए नीवा सर्च इंजन बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है।

नीवा सर्च इंजन में बहुत से प्लान है, परन्तु समय के साथ-साथ आने वाले दिनों में हमें नीवा सर्च इंजन में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलेंगे। 

परन्तु रामास्वामी का कहना है कि नीवा के यू़ज़र्स का experience इसको इतना बेहतर बना देगा कि जो लोग Google का इस्तेमाल करते हैं, वह इसे भूल जाएंगे और नीवा सर्च इंजन को अपनाएंगे।

यदि हम भी अपने डाटा को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो हमें भी नीवा सर्च इंजन का इस्तेमाल करना होगा क्योंकि अपनी सुरक्षा अपनो हाथों में ही है नीवा सर्च इंजन का इस्तेमाल करने से हम ads से बच सकते हैं।

नीवा को बहुत कम लोग जानते हैं क्या आने वाले समय में गूगल को मात देकर ये ऐप लोगों के बीच लोकप्रिय हो जाएगा। ये तो समय ही बताएगा कि कई वर्षों से चल रहे गूगल सर्च इंजन का कोई मुकाबला कर सकता है या नहीं।