नक्सलियों द्वारा हमला, 22 जवान शहीद और 32 हुए घायल

देश भर में 12 नक्सलियों के मारे जाने के साथ-साथ देश की रक्षा करने वाले 22 जवानों के शहीद होने व 32 घायल व एक जवान के लापता होने की खबर को सुनकर माहौल हुआ नम।

आपकी जानकारी के लिए बता दे, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद होने वाले 22 शहीदों के लिए हर आंख नम है। शहीद होने वाले जवानों में 6 कोबरा बटालियन, 8 डीआरजी, 6 एसटीएफ और 2 जवान बस्तर बटालियन से हैं और 32 घायल जवानों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसके साथ ही नक्सलियों का भी बहुत नुकसान हुआ हैं।

सूत्रों का कहना है कि बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर शनिवार दोपहर 12 बजे जोनागुड़ा गांव के करीब सुरक्षाबलों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। जिस मुठभेड़ में नक्सलियों के PLGA समूह के लोग शामिल होने की संभावना है। जो मुठभेड़ लगभग 3-4 घंटों से अधिक शनिवार को चली जिसमें पहले 5 जवानों की शहादत की जानकारी मिली। जो रविवार को 22 हो गई और 30 जवान घायल हुए हैं।

नक्सलियों की मजूदगी की सूचना मिलते ही सुकमा व बीजापुर जिले के 2000 जवानों को ऑपरेशन पर भेजा गया। तेर्रेम इलाके से 360 जवानों की टुकड़ी नक्सलियों द्वारा लगाए एंबुश में फस गई। जोनागुड़ पहाड़ियों के पास सुरक्षाबलों की ज्वाइंट टीम और नक्सलियों के बीच करीब 4 से 5 घंटे तक गोलाबारी चली। इस हमले का मास्टरमाइंड  हिड़मा है। गोलीबारी में जवानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा।जवाबी कार्रवाई में जवानों ने 12 नक्सली ढेर कर दिए। नक्सली जवानों के हथियार और जूते भी अपने साथ लूट कर ले गए। 

बीजापुर हमले में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर अब उनके गांव पंहुचाए जा रहे हैं।

शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि –

जगदलपुर में शहीद जवान बबलू रब्बा जो कि कोबरा 210 बटालियन में पदस्थ था, उनको अंतिम सलामी दी गई। उनके पार्थिव शरीर को रायपुर लाया गया और यहां से उनके पार्थिव शरीर को गुहावटी भेजा जाएगा।

बीजापुर के पास आवापल्ली गांव में जब समैय्या मडवी नाम के शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो पहुंचा सभी की आंखें नम हो गईं।शहीद होने वाले एसटीएफ और सीआरपीएफ के 14 जवानों के पार्थिव शरीर को जगदलपुर लाया गया। जहां पोस्टमार्टम के बाद  80वीं बटालियन कैंप में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।शहीदों के परिवारों को योगी सरकार ने 50 लाख देने का ऐलान किया है।

बीजापुर एनकाउंटर में 22 जवानों के शहीद होने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संवेदना जताई है और उन्होंने कहा है सुरक्षा कर्मचारियों के बलिदान को कभी नहीं भूलाया जाएगा।

भुला नहीं सकेंगे हमइन शुरवीरों की इस महान शहादत को, जो देश की रक्षा करने के लिए अपना घर परिवार छोड़कर देश की सीमा पर अपना जीवन बलिदान कर देते हैं। ऐसे शूरवीरों को हमारा शत् शत् नमन।

Write A Comment