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कब हुई रक्तदाता दिवस मनाने की शुरुआत

आइए blood donation ke fayde को जानने से पहले विश्व रक्तदाता दिवस पर कुछ रोचक तथ्यों के माध्यम से जाने। इस दिवस को मनाने की शुरुआत सबसे पहले वर्ष 2004 में की गई। वर्ष 1997 में World Health Organisation (WHO) ने  100 फ़ीसदी स्वैच्छिक रक्तदान की शुरुआत की। उनका लक्ष्य ये था की विश्व के 124 देश अपने यहाँ स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा दे। उनका उद्देश्य था की ख़ून की जरूरत पड़ने पर किसी को भी पैसे देने की जरूरत ना पड़े लेकिन इस पर लगभग 49 देशों ने ही अमल किया। कई देशों में 80 प्रतिशत रक्त दाता पैसे नहीं लेते। लेकिन कई देश ऐसे भी हैं जहाँ रक्तदाता पैसे लेते हैं इसमें भारत भी शामिल है, और वहीं कुछ देश ऐसे भी है जहां रक्तदाता निशुल्क रक्तदान करते हैं।

आखिर 14 जून को ही रक्तदान दिवस क्यों मनाया जाता है?

कार्ल लैंडस्टाइनर एक महान वैज्ञानिक थे। जिनका जन्म 14 जून 1868 में हुआ था। उन्होंने मानव रक्त में उपस्थित  एग्लूटिनिन की मौजूदगी के आधार पर  रक्तकणों का अलग अलग समूहों A,B,O में वर्गीकरण कर  चिकित्सा विज्ञानं में अपना अहम योगदान दिया। जिसके बाद से ही ब्लड ग्रुप का पता लगाना आसान हुआ। वर्ष 1930 में इनको नोबल पुरष्कार से भी  सम्मानित किया गया। इस कारण हर वर्ष  रक्तदान को बढ़ावा देने व रक्तदाताओं का धन्यवाद करने के लिए  14 जून को सारी दुनिया में  वर्ल्ड डोनर डे मनाया जाता है।

रक्तदान करना क्यों जरूरी है?

रक्तदान करना आज कई कारणों से जरूरी होता जा रहा है, क्योंकि रक्तदान से खून का थक्का नहीं जमता इससे खून कुछ मात्रा में पतला हो जाता और दिल की बीमारियां होने का खतरा नहीं रहता।इस से दूसरों को जीवनदान दिया जा सकता है। अब तक किसी ऐसी मशीन का पता नहीं लगा है जो कृत्रिम खून तैयार कर सके। किसी रक्तदाता के द्वारा रक्तदान करने पर ही खून की कमी को पूरा किया जा सकता है। हर साल करोड़ों लोगों को रक्त की जरूरत होती है पर कुछ नसीबवालों को ही रक्त मिल पाता है। सिकल सेल के मरीज को कई बार ब्लड डोनेशन की जरूरत पड़ती है। अकेले एक कार एक्सीडेंट में ही 100 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ सकती है।एक बार ब्लड डोनेशन करने से या 3 जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। 

रक्तदान को लेकर भ्रातियाँ

‘रक्तदान करेंगे तो कमजोर हो जाएंगे’ लेकिन ऐसा नहीं है एक या 2 दिन में पूरी तरह से पिछली हालत में पहुंचा जा सकता है।

‘रक्तदान करने के बाद सामान्य तरीके से काम नहीं कर पाएंगे’ बिल्कुल कर सकते हैं सिर्फ 12 घंटे तक  heavy exercise ना करें 

‘काफी वक्त निकाल लिया जाएगा’ सिर्फ (1 unit)350ml रक्त ही लिया जाता हैं। एक औसत व्यक्ति के शरीर में 5 से 6 लीटर (10 unit) खून होता है। रक्तदान करना बहुत ही आसान है।इस से डरने की जरुरत नहीं है।

‘ब्लड प्रेशर ज्यादा रहता है इसलिए ब्लड डोनेट(Blood Donate) नहीं कर सकते’ अगर रक्तदान के समय रक्तचाप 180 सिस्टॉलिक और 100 डायस्टॉलिक है, तो आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

रक्तदान कैसे किया जाता है

सबसे पहले आप का रजिस्ट्रेशन होता है। आपका नाम, उम्र, पता आदी जानकारी ली जाती है।

Medical History ली जाती है।

आपका mini-physical चेकअप किया जाता है। जिसमें आपका ब्लड प्रेशर,  pulse rate,weight, temperature,  ब्लड ग्रुप और Hemoglobin लेवल की जांच की जाती है।

कुछ सावधानियां बरतें

1.जहां से ब्लड डोनेट किया है, सुई लगने की जगह को 10 से 15 मिनट तक दबाकर रखें।

2.अगले 4 घंटे खूब सारा तरल पदार्थ लेना चाहिए, जैसे-पानी ,नींबू पानी, जूस, दूध छाछ आदि।Heavy एक्सरसाइज 1 दिन तक नहीं करनी सिगरेट 30 मिनट तक नहीं पीनी चाहिए।

3.30 मिनट तक गाड़ी ना चलाएं।खाना रोज जितनी मात्रा में ही लेना चाहिए। शराब 6 घंटे तक नहीं पीनी चाहिए।

4.खून देने के बाद अगर चक्कर आए तो लेट जाएं और अपने पैरों को ऊपर उठा ले और खूब पानी पिएं।

blood donation ke fayde - Exclusive Samachar

 रक्तदान कौन कर सकते हैं?

1.कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से 65 साल के बीच की हो वह रक्तदान कर सकता है।

2. जिसका वजन 45kg से अधिक हो वो रक्तदान कर सकता है।

3.जिसने पिछले 3 महीने से रक्तदान नहीं किया वह रक्तदान कर सकता है।

4. जिसे पीलिया, मलेरिया मधुमेह, एड्स, एचआईवी हेपेटाइटिस बी या सी जैसी बीमारियां ना हो वह रक्तदान कर सकते हैं। 

5.रक्तदाता ने शराब या कोई नशीली दवा नाली हो।

6. रक्तदाता की पल्स रेट 50 से 100/min के बीच हो। 

7.शरीर का तापमान 99.5°F से कम हो।

8. खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा 12.5 gm/dl से ज्यादा होना  चाहिए।

9. पुरुष 90 दिन और महिलाएं 120 दिन बाद दोबारा ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

कौन नहीं कर सकता रक्तदान

1.बच्चों को स्तनपान करने वाली महिला।

2. महावारी के दौर से गुजर रही महिला।

3. पिछले ब्लड डोनेशन के समय काफी चक्कर या थकावट महसूस की हो।

4. अगर आपको कोई drug addiction हो तो आप ब्लड डोनेट नहीं कर सकते

रक्तदान के फायदे

blood donation ke fayde: वैसे तो हम में से अक्सर कई लोग ब्लड डोनेट करते हैं ऐसा करके लोगों की जान बचाई जा सकती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्लड डोनेट करना हमारे लिए कितना फायदेमंद है।आइए जानते हैं रक्तदान के फायदे:-

मोटापे से बचाव: नियमित ब्लड डोनेट करने से कैलरी और फैट तेजी से burn  होता है, जो मोटापे से बचाता है। 

Iron Level: नियमित तौर पर ब्लड डोनेट करने से आयरन लेवल बैलेंस रहता है जिस से hemochromatosis बीमारी से बचाव होता है।

कैंसर से बचाव: खून में ब्लड का लेवल maintain रहने और नए tissue बनने से कैंसर से बचाव होता है।

हेल्दी हार्ट और लीवर: शरीर में ज्यादा आयरन जमा होने से हर्ट और लीवर डैमेज होने का खतरा बना रहता है लेकिन नियमित ब्लड डोनेट करने से इससे बचा जा सकता है।

बेहतर ब्लड सरकुलेशन:नियमित ब्लड डोनेशन से रक्त का    circulation  अच्छा रहता है इससे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छे से होती है।

हार्ट अटैक से बचाव: ब्लड सरकुलेशन अच्छा होने से  arteries में  blockage or clotting की समस्या नहीं होती इसे heart attack होने का खतरा नहीं रहता।

New Blood Cell:Blood डोनेट करने से हुई कमी को दूर करने के लिए तुरंत  नए ब्लड सेल बनने लगते हैं जिससे स्वास्थ्य अच्छा रहता हैं।

Cholesterol or B.P. control:नियमित तौर पर blood donate करने से cholesterol level भी कम रहता है, और बीपी भी कम रहता है।

Health checkup: ब्लड डोनेशन के दौरान ब्लड की जांच भी होती है जिससे बीमारियों के बारे में पता चल जाता हैं।

Healthy Brain:Research में पाया गया कि नियमित ब्लड डोनेट करने से इंसान को खुशी मिलती है जिस से  Brian healthy होता हैं ।

आज 14 जून को, विश्व भर में वर्ल्ड ब्लड डोनर डे, यानी विश्व रक्त्दाता दिवस मनाया जा रहा। यह दिवस हर साल रक्त दान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए, तथा लोगों को स्वैच्छिक रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए मनाया जाता है।

 

इस वर्ष का विषय- “सभी के लिए सुरक्षित रक्त”

हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईज़ेशन द्वारा इस दिन किसी 1 विषय पर ख़ास महत्त्व दिया जाता है, इस वर्ष का विषय है – “रक्तदान और सुरक्षित रक्त आधान तक सभी की पहुँच” और इसके लिए जो नारा विकसित किया गया है, वह है – “सभी के लिए सुरक्षित रक्त”। यह थीम पूरी दुनिया में अधिक लोगों को रक्त दाता बनने के लिए और नियमित रूप से रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ऐसी क्रियाएं राष्ट्रीय रक्त की आपूर्ति की मजबूत नींव बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं और सभी रोगियों की रक्त की जरूरतों को पूरा करने के लिए मदद करती हैं।

हर कुछ सेकंड, किसी न किसी को, कहीं न कहीं रक्त की जरूरत होती है। रक्त और रक्त उत्पादों का आधान हर साल लाखों लोगों को बचाने में मदद करता है। रक्तदान करके आप भी अपने जीवन काल में कईं जानें बचा सकते हैं।

कौन कर सकता है रक्त दान

अच्छे स्वास्थ्य में होने पर अधिकांश लोग रक्त दे सकते हैं। रक्त दाता बनने के लिए कुछ बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, जो इस प्रकार हैं:

-आपकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
– आपका वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए।
– जिस समय आप रक्त दान करते हैं उस समय आप अच्छे स्वास्थ्य में होने चाहिएं।
– अगर आपको सर्दी, फ्लू, गले में खराश, सर्दी-खराश, पेट में कीड़े या कोई अन्य संक्रमण है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते।
– अगर आपने एक छोटी सी प्रक्रिया के लिए दंत चिकित्सक का दौरा किया है तो आपको दान करने से 24 घंटे पहले इंतजार करना होगा; प्रमुख दन्त चिकित्सा कार्य करवाने के बाद एक महीने तक प्रतीक्षा करें।
– यदि आप रक्त दान के लिए न्यूनतम हीमोग्लोबिन स्तर को पूरा नहीं करते हैं, तो आपको रक्त दान नहीं करना चाहिए। आपका हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 होना चाहिए।
– गर्भावस्था के दौरान, बच्चे के जन्म के 9 महीने बाद और यदि आप अपने बच्चे को स्तनपान कराते हैं, तो आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए।

रक्तदान करने से आपको भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ होता है। रकतदान से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

– मानसिक तनाव कम होता है
– नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा मिलता है
– अपनेपन की भावना आती है अलगाव कम होता है
– नियमित रूप से रक्तदान करने से हृदय की बीमारी से बचाव करने वाले औसत कोलेस्ट्रॉल और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है।
– नियमित रूप से रक्तदान करने से आपका रक्तचाप भी कम हो सकता है, जो दिल के दौरे के जोखिम को तथा ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है।

डेरा सच्चा सौदा- कायम कर रहा है रकतदान के क्षेत्र में नए आयाम

जहां एक ओर दुनिया में स्वार्थ है, वहीँ दूसरी ओर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी नियमित रक्त दान करते हैं, तथा लाखों जानें बचाते हैं।
पूजनीय संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां नियमित रकतदान करने की प्रेरणा देते हैं, रक्त बनाया नहीं जा सकता, केवल मनुष्य ही मनुष्य को रक्तदान कर सकता है। गुरूजी फरमाते हैं कि रक्त के अभाव में कोई भी मृत्यु नहीं होनी चाहिए, व स्वैच्छिक रकतदान करने से हम अपने राष्ट्र की रक्त की सभी ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं।

डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा अब तक 5.25 लाख यूनिट से अधिक रक्तदान किया जा चुका है। डेरा सच्चा सौदा द्वारा मासिक रक्तदान शिविर के अलावा समय समय पर दुनिया भर में रक्तदान किया जाता है, जिसे दुर्घटनाग्रस्त लोगों को, पुलिस, आर्मी, पत्रकारों, थैलेसीमिया के मरीजों को व ज़रूरतमंद गरीबों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

डेरा सच्चा सौदा के नाम 78 गिनीज़ विश्व रिकॉर्डों में से 4 रिकॉर्ड रक्तदान के क्षेत्र में हैं, जो कि 07 दिसंबर 2003, 10 अक्तूबर2004, 08 अगस्त 2010 व 12 अप्रैल 2014 में बनाये गए थे।

पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को श्रधांजलि देने के लिए भी डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा 13653 यूनिट रक्तदान किया गया था। शादी हो या सालगिरह, कोई भी अवसर हो, मानवता के ये पुजारी, मानवता का भला करने से नहीं रुकते।

गर्व है हमें, कि हमारे देश में ऐसे नेक लोग हैं जो दूसरों की ज़िंदगी बचाने के लिए रक्तदान करते हैं। इन्हीं लोगों से प्रेरणा लेते हुए, इस विश्व रक्तदाता दिवस पर, आइये हम सब भी नियमित रक्तदान करने का प्रण करें, व किसी की ज़िन्दगी बचाने के पुण्य कार्य में भागीदार बनें।