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World Blood Donor Day 2024: Why is World Blood Donor Day Celebrated and What is its History and Importance?

क्यों मनाया जाता है विश्व रक्तदाता दिवस और क्या है इसका इतिहास और महत्व?

हमारी जिंदगी अनमोल है, हम किसी भी तरीके से अपने जीवन को नहीं खरीद सकते। लेकिन अगर कोई इंसान रक्त के अभाव में जिंदगी और मौत से लड़ रहा हो, तो हम रक्तदान कर उस इंसान की जिंदगी बचा सकते हैं। आज के समय में बहुत से लोग रक्त के अभाव में जिंदगी गवां कर चले जाते हैं। रक्तदान करना कोई शर्म की बात नहीं है और ना ही इससे इंसान को कोई शारीरिक नुकसान होता है। बल्कि रक्तदान करने से इंसान का नया रक्त बनता है और रक्तदान करने से कई छोटी-मोटी बीमारियां दूर हो जाती हैं।

इसीलिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके महत्व और इसके उद्देश्य के बारे में जानकारी हो सके। आइए जानते हैं विश्व रक्तदाता दिवस 14 जून को ही क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है।

History of World Blood Donor Day

(विश्व रक्तदाता दिवस का इतिहास)

विश्व रक्तदाता दिवस की शुरुआत सन् 2005 में 58वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में हुई। विश्व रक्तदाता दिवस हर साल 14 जून को मनाया जाता है। यह दिन कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने A B O ब्लड ग्रुप की खोज कर स्वास्थ्य विज्ञान में अपना महान योगदान दिया, जिसके कारण उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। तब से हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।

Theme of World Blood Donor Day 2024

(विश्व रक्तदाता दिवस 2024 का विषय)

लोगों में रक्त की महत्वता को बताने के लिए विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। हर साल यह दिन एक विषय पर आधारित होता है। इस साल विश्व रक्तदाता दिवस का विषय है – “रक्तदान के 20 वर्ष पूरे होने पर रक्तदाताओं का धन्यवाद!”

इस साल यह 20वां रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने के लिए और इस दान का महत्व समझाने के लिए विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।

Purpose and Importance of Celebrating World Blood Donor Day

(विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का उद्देश्य और महत्व)

इंसान होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम मानव हित में अपना योगदान दें। विश्व रक्तदाता दिवस मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को रक्तदान कर जिंदगी बचाने के लिए प्रेरित करना है। केवल रक्त के अभाव में ही बहुत सी जानें नहीं जातीं, बल्कि बहुत सी बीमारियों के कारण जब शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, तब भी इंसान जीवन से हाथ धो बैठता है। इसलिए लोगों को जागरूक कर रक्तदान का महत्व बताना ही रक्तदाता दिवस का उद्देश्य है।

रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी या बीमारी पैदा नहीं होती, बल्कि रक्तदान से नया रक्त 24 से 48 घंटे में बन जाता है। रक्तदान करना महत्वपूर्ण है क्योंकि जीवन किसी भी कीमत पर खरीदा या बनाया नहीं जा सकता। अगर हमारे द्वारा किए गए रक्तदान से किसी की जिंदगी बच जाए, इससे बढ़कर कोई महान कार्य नहीं।

इसलिए रक्तदान करना महत्वपूर्ण है और बहुत से लोग इस महान कार्य में अपना योगदान दे रहे हैं और नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। बहुत सी कल्याणकारी संस्थाएं भी हैं जो रक्तदान शिविर लगा कर लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि जरूरतमंद या बीमारी से पीड़ित रक्त की जरूरत वाले मरीजों का इलाज हो सके।

Why Should We Donate Blood?

(हमें रक्तदान क्यों करना चाहिए?)

हर इंसान कोई भी कार्य करने से पहले उसके फायदे के बारे में सोचता है। ऐसे ही बहुत से लोग सोचते हैं कि हम रक्तदान क्यों करें, हमें इससे क्या फायदा होगा। रक्तदान करने से किसी की जान तो बचेगी ही, साथ में रक्तदान करने वाले इंसान को भी इसका फायदा होता है।

आइए जानते हैं रक्तदान करने के फायदे:

  • दिल की बीमारी के खतरे में कमी: रक्तदान करने से रक्तदाता को दिल की बीमारी होने की संभावना 33% कम हो जाती है और दिल का दौरा पड़ने की संभावना 88% कम हो जाती है।
  • रक्तचाप में कमी: रक्तदान करने से रक्तचाप में कमी आ जाती है।
  • नया रक्त निर्माण: रक्तदान करने से नया रक्त बनता है, जिससे रक्त से संबंधित छोटी-मोटी बीमारी खत्म हो जाती है।
  • नकारात्मक सोच में कमी: रक्तदान करने से इंसान की नकारात्मक सोच कम हो जाती है।
  • तनाव में कमी: रक्तदान करने से इंसान का तनाव कम हो जाता है।

अतः रक्तदान करने से हमें बहुत से शारीरिक और मानसिक फायदे होते हैं। इसलिए नियमित रक्तदान जरूर करें। आइए हम इस कार्य में हिस्सा लेकर किसी की जिंदगी बचाने में अपना योगदान दें। हमारे द्वारा किया हुआ एक यूनिट रक्त 3 से 4 लोगों की जिंदगी बचाने में काम आता है। तो आइए किसी की जिंदगी बचाएं और रक्तदान कर मानवता का फर्ज निभाएं।

आज 14 जून को, विश्व भर में वर्ल्ड ब्लड डोनर डे, यानी विश्व रक्त्दाता दिवस मनाया जा रहा। यह दिवस हर साल रक्त दान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए, तथा लोगों को स्वैच्छिक रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए मनाया जाता है।

 

इस वर्ष का विषय- “सभी के लिए सुरक्षित रक्त”

हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईज़ेशन द्वारा इस दिन किसी 1 विषय पर ख़ास महत्त्व दिया जाता है, इस वर्ष का विषय है – “रक्तदान और सुरक्षित रक्त आधान तक सभी की पहुँच” और इसके लिए जो नारा विकसित किया गया है, वह है – “सभी के लिए सुरक्षित रक्त”। यह थीम पूरी दुनिया में अधिक लोगों को रक्त दाता बनने के लिए और नियमित रूप से रक्त दान करने के लिए प्रोत्साहित करती है। ऐसी क्रियाएं राष्ट्रीय रक्त की आपूर्ति की मजबूत नींव बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं और सभी रोगियों की रक्त की जरूरतों को पूरा करने के लिए मदद करती हैं।

हर कुछ सेकंड, किसी न किसी को, कहीं न कहीं रक्त की जरूरत होती है। रक्त और रक्त उत्पादों का आधान हर साल लाखों लोगों को बचाने में मदद करता है। रक्तदान करके आप भी अपने जीवन काल में कईं जानें बचा सकते हैं।

कौन कर सकता है रक्त दान

अच्छे स्वास्थ्य में होने पर अधिकांश लोग रक्त दे सकते हैं। रक्त दाता बनने के लिए कुछ बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा, जो इस प्रकार हैं:

-आपकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
– आपका वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए।
– जिस समय आप रक्त दान करते हैं उस समय आप अच्छे स्वास्थ्य में होने चाहिएं।
– अगर आपको सर्दी, फ्लू, गले में खराश, सर्दी-खराश, पेट में कीड़े या कोई अन्य संक्रमण है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते।
– अगर आपने एक छोटी सी प्रक्रिया के लिए दंत चिकित्सक का दौरा किया है तो आपको दान करने से 24 घंटे पहले इंतजार करना होगा; प्रमुख दन्त चिकित्सा कार्य करवाने के बाद एक महीने तक प्रतीक्षा करें।
– यदि आप रक्त दान के लिए न्यूनतम हीमोग्लोबिन स्तर को पूरा नहीं करते हैं, तो आपको रक्त दान नहीं करना चाहिए। आपका हीमोग्लोबिन कम से कम 12.5 होना चाहिए।
– गर्भावस्था के दौरान, बच्चे के जन्म के 9 महीने बाद और यदि आप अपने बच्चे को स्तनपान कराते हैं, तो आपको रक्तदान नहीं करना चाहिए।

रक्तदान करने से आपको भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ होता है। रकतदान से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

– मानसिक तनाव कम होता है
– नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा मिलता है
– अपनेपन की भावना आती है अलगाव कम होता है
– नियमित रूप से रक्तदान करने से हृदय की बीमारी से बचाव करने वाले औसत कोलेस्ट्रॉल और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है।
– नियमित रूप से रक्तदान करने से आपका रक्तचाप भी कम हो सकता है, जो दिल के दौरे के जोखिम को तथा ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है।

डेरा सच्चा सौदा- कायम कर रहा है रकतदान के क्षेत्र में नए आयाम

जहां एक ओर दुनिया में स्वार्थ है, वहीँ दूसरी ओर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी नियमित रक्त दान करते हैं, तथा लाखों जानें बचाते हैं।
पूजनीय संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां नियमित रकतदान करने की प्रेरणा देते हैं, रक्त बनाया नहीं जा सकता, केवल मनुष्य ही मनुष्य को रक्तदान कर सकता है। गुरूजी फरमाते हैं कि रक्त के अभाव में कोई भी मृत्यु नहीं होनी चाहिए, व स्वैच्छिक रकतदान करने से हम अपने राष्ट्र की रक्त की सभी ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं।

डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा अब तक 5.25 लाख यूनिट से अधिक रक्तदान किया जा चुका है। डेरा सच्चा सौदा द्वारा मासिक रक्तदान शिविर के अलावा समय समय पर दुनिया भर में रक्तदान किया जाता है, जिसे दुर्घटनाग्रस्त लोगों को, पुलिस, आर्मी, पत्रकारों, थैलेसीमिया के मरीजों को व ज़रूरतमंद गरीबों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

डेरा सच्चा सौदा के नाम 78 गिनीज़ विश्व रिकॉर्डों में से 4 रिकॉर्ड रक्तदान के क्षेत्र में हैं, जो कि 07 दिसंबर 2003, 10 अक्तूबर2004, 08 अगस्त 2010 व 12 अप्रैल 2014 में बनाये गए थे।

पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों को श्रधांजलि देने के लिए भी डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों द्वारा 13653 यूनिट रक्तदान किया गया था। शादी हो या सालगिरह, कोई भी अवसर हो, मानवता के ये पुजारी, मानवता का भला करने से नहीं रुकते।

गर्व है हमें, कि हमारे देश में ऐसे नेक लोग हैं जो दूसरों की ज़िंदगी बचाने के लिए रक्तदान करते हैं। इन्हीं लोगों से प्रेरणा लेते हुए, इस विश्व रक्तदाता दिवस पर, आइये हम सब भी नियमित रक्तदान करने का प्रण करें, व किसी की ज़िन्दगी बचाने के पुण्य कार्य में भागीदार बनें।