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Hartalika Teej celebrations in Nepal

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Hartalika Teej 2025 : सुहागिनों के लिए शिव जी के लिए पार्वती की भक्ति से प्रेरित व्रत

भारत में विवाहित महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति के दीर्घायु जीवन की कामना हेतु कई पर्व मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख पर्व है Hartalika Teej 2025। यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन औरतों को अखंड सौभाग्यवती रहने के प्रतीक का उत्सव है।


Teej Festival : शिव भक्ति का पर्व

  • Hartalika Teej 2025 भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला धार्मिक पर्व है।

  • इसका वर्णन पुराणों में मिलता है, जिसमें माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।

  • इसी कारण यह व्रत स्त्रियों के लिए अखंड सौभाग्य और पति के लंबी आयु का वरदान देने वाला माना जाता है।

  • इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं, यानी जल तक का सेवन नहीं करतीं।


शब्द “हरितालिका” का अर्थ

  • हरि = अपहरण (ले जाना / छिपा लेना)

  • तालिका = सहेली (सखी)

इस प्रकार हरितालिका का शाब्दिक अर्थ है – सहेली द्वारा अपहरण किया जाना या कहीं ले जाना।


Hartalika Teej Importance : अखंड सौभाग्यवती महिलाओं के लिए वरदान

  • विवाहित स्त्रियों के सौभाग्य, समृद्धि और दांपत्य सुख का प्रतीक है।

  • व्रत रखने से पति का जीवन लंबा और दांपत्य जीवन सुखी होता है।

  • अविवाहित कन्याएं भी करती हैं यह व्रत ताकि उन्हें योग्य वर और सुखी दांपत्य जीवन प्राप्त हो।


Hartalika Teej History : शिव जी का वरदान

पार्वती जी का संकल्प

पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिमवान की पुत्री पार्वती जी ने अपने मन में संकल्प लिया कि वे भगवान शिव को ही अपना पति बनाएंगी। परंतु उनके पिता हिमवान ने उनका विवाह भगवान विष्णु से करने का निश्चय कर लिया।

सहेलियों के सहयोग से तपस्या

  • पार्वती जी अपनी सहेलियों के साथ घने जंगल में चली गईं। वहां उन्होंने कठोर तप करना शुरू किया।

  • कई दिनों तक उन्होंने जल और अन्न का त्याग किया।

  • वे केवल पत्तों, फल-फूल और कभी केवल हवा का सेवन कर तपस्या करती रहीं।

  • तपस्या इतनी कठिन थी कि देवता भी प्रभावित हो उठे।

शिवजी का प्रकट होना

पार्वती जी की निष्काम भक्ति और अटूट तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव उनके सामने प्रकट हुए। उन्होंने माता पार्वती से कहा कि वे किसी भी वरदान की मांग कर सकती हैं।

Shiva Parvati marriage

पार्वती जी ने अपने तप का फल केवल एक ही रूप में मांगा—

“भगवान, मैं आपको ही अपने पति के रूप में चाहती हूं।”

शिवजी उनकी भक्ति और समर्पण से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने पार्वती जी को पत्नी रूप में स्वीकार कर लिया।


तीज का महत्व

  • तीज का अर्थ है तीसरा दिन (तृतीया तिथि)।

  • इसलिए इसे “हरितालिका तीज” कहा जाता है।


Teej Fasting : Hartalika Teej date 2025, समय, व्रत विधि और व्रत की परंपरा

पंचांग अनुसार

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 25 अगस्त 2025 की दोपहर 12:34 बजे से प्रारंभ होकर 26 अगस्त 2025 की दोपहर 1:54 बजे तक रहेगी। इसलिए व्रत का उत्सव 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) को मनाया जाएगा।

Hartalika Teej muhurat

  • शुभ समय : प्रातः 05:56 AM – 08:31 AM

  • समय अवधि : करीब 2 घंटे 35 मिनट


पूजा सामग्री और विधि (Puja Vidhi)

सामग्री

  • गीली काली मिट्टी या बालू रेत

  • बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, तुलसी, अक्षत

  • सुहाग सामग्री (सोलह श्रृंगार): मेहंदी, चूड़ियाँ, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी आदि

  • फल, फूल, सुहाग पिटारी, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, कपूर, दीपक, घी, तेल, दही, दूध, शक्कर, शहद व पंचामृत

पूजा विधि

  • निर्जल व्रत संकल्प के साथ सुबह स्नान व स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  • पूजा स्थल सजाएँ— एक चौकी पर शिव, पार्वती और गणेश की मिट्टी या रेत से बनी प्रतिमाएं स्थापित करें।

  • दीपक प्रज्वलित करें और सोलह श्रृंगार सहित सुहाग सामग्री पार्वती जी को अर्पित करें।

  • फल, फूल, पंचामृत आदि से देवताओं की पूजा-आराधना करें। कथा कथन, भजन-कीर्तन और आरती करें।

  • पूजा समाप्त होने पर प्रदक्षिणा करें, पति की लंबी आयु, संतान सुख की कामना करें और सुहागिन ब्राह्मणियों को अन्न या वस्त्र दान करें।

रात की परंपरा

  • व्रत के दौरान रात्रि जागरण, भजन-कीर्तन और मंत्र जाप शुभ माना जाता है।

  • सोना वर्जित है।


व्रत के नियम (Vrat Niyam)

  • निर्जला व्रत : इस दिन पानी का सेवन नहीं किया जाता।

  • रंग-रूप : काला रंग और चूड़ियाँ वर्जित; लाल या हरे रंग के कपड़े और श्रृंगार शुभ।

  • मासिक धर्म के दौरान : व्रत नहीं रखना चाहिए; केवल मानसिक पूजा, ध्यान या मंत्र जाप करें।

  • विवाद से बचें : व्रत वाले दिन पति-पत्नी के बीच विवाद वर्जित।

व्रत खोलने का समय

व्रत का पारण अगली तिथि (चतुर्थी) के सूर्योदय के बाद किया जाता है।


भारत में Hartalika Teej Traditions : उत्तर भारत और नेपाल में महत्व

हरतालिका तीज हिंदू धर्म का एक प्रमुख व्रत और पर्व है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत और नेपाल में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

उत्तर भारत के राज्य

  1. उत्तर प्रदेश – महिलाएं मिट्टी से शिव-पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजा करती हैं और पूरी रात जागरण करती हैं।

  2. बिहार – महिलाएं पारंपरिक गीत गाती हैं और सुहाग सामग्री का आदान-प्रदान करती हैं।

  3. राजस्थान – महिलाएं झूले पर बैठकर Teej songs गाती हैं और Teej dance करती हैं।

  4. मध्यप्रदेश – सामूहिक पूजा और मेले का आयोजन होता है।

नेपाल में हरतालिका तीज

नेपाल में यह पर्व तीन दिनों तक चलता है—

  • पहला दिन (दार खाने दिन) – महिलाएं व्रत से पहले अच्छा भोजन करती हैं।

  • दूसरा दिन (व्रत व पूजा) – महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं।

  • तीसरा दिन (ऋषि पंचमी) – स्नान और शुद्धिकरण कर व्रत का समापन।


निष्कर्ष

हरतालिका तीज का पर्व केवल धार्मिक व्रत नहीं बल्कि नारी शक्ति, आस्था और समर्पण का प्रतीक है। यह व्रत हमें माता पार्वती की तपस्या और धैर्य की प्रेरणा देता है।

भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश से लेकर नेपाल तक इस पर्व की परंपराएं महिलाओं को एकता और संस्कृति से जोड़ती हैं।

इस प्रकार, हरतालिका तीज केवल व्रत का पर्व नहीं, बल्कि यह प्रेम, विश्वास, त्याग और वैवाहिक जीवन की पवित्रता का उत्सव है।