मई माह में विश्व अस्थमा दिवस आता है। यूं तो कई दिवस आते हैं और हम उनके बारे में चर्चा करके भूल भी जाते हैं, पर अस्थमा दिवस याद रखना जरूरी है, क्योंकि सवाल सांसों का है। अगर इस दिन की गंभीरता को न समझा तो सांसें कभी भी थम सकती हैं। न चाहते हुए भी दुनिया भर में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो अपने हिस्से की सांस भी पूरी तरह नहीं ले पाते।

आखिर इसकी क्या वजह है, कैसे अस्थमा के रोगियों को कम किया जा सकता है? शहरों में धुएं और धूल के कारण अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। यही नहीं, पेट्रोल पंप पर काम करने वाला हर दसवां कर्मचारी अस्थमा की चपेट में है। इसकी सबसे प्रमुख वजह है प्रदूषण के बीच कार्य करना। इस रोग को रोका जा सकता है, जरूरत है कुछ सावधानियों की।

अस्थमा अटैक से बचने के टिप्स

  • ज्या‍दा गर्म और नम वातावरण में मोल्ड स्पोर्स के फैलने की सम्भावना अधिक होती है, इसलिए ऐसे वातावरण से बचें। आंधी और तूफान के समय घर से बाहर ना निकलें ।
  • अस्थमा को नियंत्रित रखें और अपनी दवाएं हमेशा साथ रखें।
  • अगर आपका बच्चा अस्थमैटिक है, तो उसके दोस्तों व अध्यापक को बता दें कि अटैक की स्थिति में क्या करना है।
  • हो सके तो अपने पास स्कार्फ रखें जिससे आप हवा के साथ आने वाले पॉलेन से बच सकें।
  • घर के अंदर किसी भी प्रकार का धुंआ ना फैलने दें।
    अल्ग–अल्ग लोगों में दमा के दौरे के कारण भिन्न हो सकते हैं, इसलिए सबसे आवश्यक बात यह है कि आप अपनी स्थितियों को समझें।
  • अस्थमा के मरीज़ों के लिए बरसात से कहीं ज्यादा खतरनाक होती है, धूल भरी आंधी। इसलिए हर संभव प्रयत्न करें की आंधी के समय घर से बाहर न निकलें।
  • एक बार अपनी स्वास्‍थ्‍य स्थितियों को समझने के बाद आपके लिए अस्थमा से बचना आसान हो जायेगा। कुछ सावधानियां बरतकर आप अस्थमा की जटिलता से भी बच सकते हैं और वातावरण के अनुसार स्वास्थ्य को ढाल सकते हैं।

अस्थमा के मरीजों के लिए एक नई दिशा

हम आज कल अखवारों में पढ़ ही रहे हैं कि समाज में एक जानी मानी संस्था डेरा सच्चा सौदा मानवता भलाई के रोज नये कदम उठाती है और अस्थमा को भी रोकने के लिए इन्होंने नए कदम उठाए हैं, जो समाज को जागृत करने में भी सफल हुए हैं।

  • डेरा सच्चा सौदा के मुखिया बाबा राम रहीम की दिशा निर्देश में अस्थमा के मरीजों के लिए आश्रम में कैंप भी लगाए जाते हैं, जिसमें मुफ्त में इन मरीजों का चैकअप और ईलाज किया जाता है।
  • यही नहीं इसके लिए बाबा राम रहीम ने अपनी पहली फिल्म MSG THE MESSENGER में जो कलेक्शन हुई, वो सारा पैसा अस्थमा के मरीजों के लिए परमार्थ के रुप में दे दिया था और समाज में एक नई मिसाल कायम की।
  • बाबा राम रहीम द्वारा बताई गई प्राणायाम की विधि से अस्थमा व फेफड़ों के अन्य रोगों से कईं लोगों सफलतापूर्वक निजात पाई है।
  • डेरा सच्चा सौदा ने समाज को बिमारियों से बचाने के लिए कई महानगरों और शहरों में सफाई अभियान किये।
  • जेल में होने के बावजूद भी बाबा राम रहीम ने समाज को बिमारियों से बचाने के लिए प्रदूषण को रोकने की मुहिम भी चलाई।

इसी प्रकार हमें भी समाज में अस्थमा के मरीज़ों के लिए इस दिन सैमीनार भी लगाना चाहिए जिससे लोगों में जागरूकता उत्पन्न हो। उम्मीद है कि जल्द ही लोगों में जागरूकता उत्पन्न होगी व अस्थमा रोग को नियंत्रित व कम किया जा सकेगा।

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