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World Bicycle Day 2024: रोजाना कुछ समय की साइकिलिंग से मिलेंगे अनेकों फायदे, आज ही शुरू करें साइकिलिंग

आज के समय में हर इंसान चाहता है कि वह स्वस्थ रहे और स्वस्थ वातावरण में निवास करें। एक समय था जब लोग हर तरह का सफर पैदल या फिर साइकिल पर सवार होकर तय किया करते थे, जिससे वातावरण स्वच्छ रहता था और इंसान स्वस्थ रहता था। लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने के लिए और साइकिल की अहमियत समझाने के लिए विश्व बाइसाइकिल दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाता है।

विश्व बाइसाइकिल दिवस का इतिहास (History Of World Bicycle Day)

साइकिल वह साधन है जिसे हर इंसान गिरते-पड़ते चलाना सीख ही जाता है। एक समय था जब साइकिल का ही दौर था, लेकिन यह दौर 1960 से 1990 तक ही कायम रहा। यह वो समय था जब साइकिल परिवार का मुख्य साधन होती थी। समय के बदलते दौर के साथ साइकिल की जगह मोटरसाइकिल और कार ने ले ली है। जब से इंसान साइकिल से दूर हुआ, तभी से उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसलिए लोगों को साइकिल की महत्वता बताने के लिए और इससे होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे बताने के लिए हर साल बाइसाइकिल दिवस मनाया जाने लगा।

आईए जानते हैं विश्व बाइसिकल दिवस मनाने का महत्व, यह कब मनाया जाता है और इससे होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे।

World Bicycle Day कब और क्यों मनाया जाता है

पूरे विश्व स्तर पर विश्व बाइसिकल दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाता है। यह दिन बाइसाइकिल के महत्व को जागरूक करने, पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। बाइसाइकिल का उपयोग फिजिकल एक्टिविटी के रूप में, पर्यावरण के लिए साथी के रूप में और यात्रा के लिए किया जाता है। इस दिन कई देशों में बाइसिकल यात्राओं, जागरूकता कार्यक्रमों और बाइसिकल से होने वाले फायदों से संबंधित आयोजनों का आयोजन होता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को बाइसाइकिल से होने वाले स्वास्थ्य संबंधी फायदे के महत्व को समझाना और बाइसाइकिल के उपयोग को बढ़ाना है।

विश्व बाइसाइकिल दिवस की शुरुआत कब और क्यों हुई

जब लगा की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, तब लोगों में बाइसाइकिल से होने वाले फायदे बताने के उद्देश्य से विश्व बाइसाइकिल दिवस मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाने की शुरुआत सन् 2018 में हुई। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अप्रैल 2018 में विश्व बाइसिकल दिवस मनाने का फैसला लिया गया। तब से हर साल 3 जून को विश्व स्तर पर विश्व बाइसाइकिल दिवस (World Bicycle Day) मनाया जाता है।

ऐसे मनाया जाएगा वर्ल्ड साइकिल डे (World Bicycle Day Celebration)

देश, धर्म व लिंग के भेदभाव से कोसों दूर पूरी दुनिया में विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है और इस दिन लोग साइकिल चलाने का मजा लेते हैं। आज के समय में साइकिल केवल यातायात का साधन नहीं रह गया है, बल्कि यह मानव जीवन में एक जरूरी एक्सरसाइज इक्विपमेंट का प्रतीक बन चुका है। इस दिन दुनिया भर में कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इसमें साइकिल ट्रिप्स का आयोजन करना प्रमुख माना जाता है।

साइकिल चलाने के फायदे (Benefits Of Cycling)

साइकिल चलाने से हमारे वातावरण व इंसान दोनों को ही फायदा होता है। एक तरफ जहां साइकिल चलाने से प्रदूषण में कमी आती है, वहीं दूसरी तरफ इंसान की फिजिकल और मेंटल हेल्थ (Physical and Mental Health) भी बेहतर होती है। रोज़ाना आधा घंटा साइकिल चलाने से बॉडी की फिटनेस बढ़ती है और एक्स्ट्रा फैट से छुटकारा मिल जाता है। साइकिल सबसे सस्ता और पुरातन यात्रा का वह साधन है जिसके हमें बहुत से फायदे हैं।

  • बाइसाइकिल से पेट्रोल की बचत होती है, जो पर्यावरण संरक्षण में बहुत लाभकारी है।
  • साइकिल चलाने से पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है। इंसान का पाचन तंत्र सही रहता है।
  • इसके अलावा साइकिल चलाने से घुटनों के दर्द आदि जैसी समस्याओं का इंसान को सामना नहीं करना पड़ता।
  • साइकिल एक ऐसा साधन है जिससे इंसान के पूरे शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है।

Conclusion

आज की व्यस्त भरी जीवन शैली में बाइसाइकिल से नाता जोड़ कर रखें। जब भी आपको समय मिले, आप एक्सरसाइज के रूप में बाइसाइकिल जरूर इस्तेमाल करें ताकि आपको भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना ना करना पड़े।

Global Day Of Parents 2024: बच्चों के जीवन में जो स्थान उनके माता-पिता होता है, उसे कोई दूसरा व्यक्ति चाहते हुए भी नहीं ले सकता।

अभिभावकों यानी माता-पिता के प्रेम, त्याग, समर्पण व करुणा को समर्पित है वैश्विक माता-पिता दिवस यानी Global Day Of Parents। प्रत्येक वर्ष 1 जून के दिन ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स के रूप में मनाया जाता है।

Importance

ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स के महत्वपूर्ण होने के कई कारण हैं। सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण, यह दिन माता-पिता के महत्व और अपने बच्चों के विकास को प्रभावित करने में माता-पिता की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, यह दिन अपने बच्चों के पालन-पोषण में माता-पिता की भागीदारी और उनके विकास के लिए एक सुरक्षित और पोषण करने वाले माहौल के रखरखाव को बढ़ावा देता है। तीसरा, ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स माता-पिता की महत्वपूर्ण सामाजिक भूमिका का सम्मान और स्मरण करने और उनकी उपलब्धियों को स्वीकार करने का अवसर प्रदान करता है।

History

आर्थिक और सामाजिक परिषद तथा सामाजिक विकास आयोग ने 1983 में महासचिव को परिवार से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद वैश्विक माता-पिता दिवस की शुरुआत हुई। 1994 में अंतर्राष्ट्रीय परिवार वर्ष की स्थापना की गई और 1980 के दशक में संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारिवारिक मुद्दों पर जोर दिए जाने के परिणामस्वरूप प्रत्येक वर्ष 15 मई के दिन को अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने 1 जून, 2012 को वैश्विक अभिभावक दिवस के रूप में घोषित किया। इसका पहला स्मरणोत्सव 2013 में हुआ, जो माता-पिता की भूमिका की वैश्विक मान्यता में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।

Objective of Global Day of Parents

  • इस दिन को मनाने का उद्देश्य बच्चों के जीवन में माता-पिता के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकारना है।
  • बच्चों के जीवन में माता-पिता की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाना है।
  • माता-पिता के सुख को बढ़ावा देना है।

Theme of Global Day of Parents 2024

संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल ग्लोबल डे ऑफ पेरेंट्स के लिए एक विशेष थीम चुनी जाती है। इस बार की थीम है- ‘The Promise of Playful Parenting’ जोकि बच्चों व माता-पिता के बीच स्वस्थ रिश्ते को मज़बूत करने पर आधारित है।

How to celebrate Global Day Of Parents

  • इस Global Day Of Parents पर सभी बच्चे अपने माता-पिता के लिए समय अवश्य निकालें व उनके साथ बैठकर स्वस्थ बातचीत करें।
  • बच्चे माता-पिता के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वाह करें।
  • माता-पिता के साथ काम में हाथ बटाएँ।
  • बच्चे अपने माता-पिता को आज के दिन उपहार दिलाए।

इस तरह ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स पर माता-पिता के साथ रिश्तों को करें बेहतर

बच्चों के जीवन में माता-पिता एक अहम हिस्सा होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं। अपनी जिंदगी में लीन हो जाते हैं। ऐसे में आमतौर पर बच्चों और माता-पिता (Parents) के बीच दूरियां आने लगती हैं। एक समय वो भी आता है जब बच्चे समझ नहीं पाते कि कब पैरेंट्स के साथ रिश्ते में दिक्कतें आईं और कैसे इन दिक्कतों को दूर किया जाए। इस ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स पर जानिए किस तरह बच्चे अपने माता-पिता के साथ रिलेशनशिप को सुधार सकते हैं।

माता-पिता की सुने

पैरेंट्स के पास अपने भी ढेरों किस्से और बातें होती हैं जो वे अपने बच्चों से कहना चाहते हैं, उन्हें बताना चाहते हैं। लेकिन बहुत से बच्चे आज के समय में अपनी व्यस्त जीवनशैली के चलते माता-पिता की बात को सुनना तो दूर उनसे कुछ पल बैठकर बात करना भी पसंद नहीं करते। ऐसे में बच्चों को कोशिश करनी चाहिए कि वे थोड़ा समय अपने माता-पिता के लिए भी निकालें और उनसे बैठकर स्वस्थ बातचीत करें और उनकी बात सुनें।

अपने अहम को पीछे रखें

बढ़ती उम्र के बच्चों को दुनिया की बात चाहे कैसी लगे लेकिन अपने पैरेंट्स की कही बातें बुरी लगना शुरू हो जाती हैं। कई बार बच्चे अपने माता-पिता पर चिल्ला भी देते हैं और यह भी कह देते हैं कि आपने हमारे लिए किया ही क्या है। इसीलिए अपने अहम या अंहकार को पीछे रखें व पैरेंट्स ने आपके लिए जीवन में जो कुछ किया है, उसे भुलाएं ना।

पैरेंट्स के नज़रिए को समझें

अगर आप अपने माता-पिता की बात से सहमत नहीं होते हैं, तो भी उनके नज़रिए को समझना बहुत जरूरी होता है। पैरेंट्स की सलाह सुनना, उनके विचारों को सुनना और उनके अनुभव से सीखना बहुत जरूरी है। क्योंकि आज के समय में माता-पिता की बात को नकार देना या उनके नज़रिए को ना समझना रिश्तों में दरार पैदा करता है।

अपनी इच्छाओं को कम रखें

कई बार बच्चे माता-पिता को आम इंसान की तरह नहीं सिर्फ अपने पैरेंट्स की तरह देखते हैं और उनसे बहुत सी चीजों की इच्छा रखते हैं। बच्चों को यह लगता है कि माता-पिता को हमेशा बच्चों को ही देते रहना चाहिए, चाहे वह समय हो, पैसे हों या फिर अपने हिस्से की खुशियां हो। बच्चों को समझना चाहिए कि माता-पिता की अपनी भी एक ज़िंदगी है।

माता-पिता के प्रति प्यार जताना है जरूरी

सभी बच्चे अपने माता-पिता से और माता-पिता बच्चों से प्यार करते हैं। लेकिन जैसे ही बच्चे बड़े होते है, अपने माता-पिता से प्यार जताने में झिझकने लगते हैं। माता-पिता को अपना कुछ समय देकर, उनकी फिक्र करके उन्हें अपना प्यार जताया जा सकता है।

Conclusion

बच्चे के लिए उसके माता-पिता उसके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ होते हैं। जो अपने बच्चे का पालन-पोषण अच्छे से अच्छे तरीक़े से करते है, बच्चों की देखभाल करते है, कोई मुसीबत आने से पहले ही सुरक्षा कवच बनकर अपने बच्चे की रक्षा करते है। ग्लोबल डे ऑफ पेरेंटस हमें अपने माता-पिता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके बलिदानों को याद करने का अवसर प्रदान करता है

Ranjeet Murder Case Special Report: डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम को मिली बड़ी राहत, पूर्व मैनेजर रंजीत हत्याकांड में हाईकोर्ट ने किया बरी

Haryana News

आपकी जानकारी के लिए बता दें, आज मंगलवार का दिन बाबा राम रहीम व उनके अनुयायियों के लिए राहत भरा साबित हुआ। आज के दिन पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने सीबीआई कोर्ट (CBI Court) के फैसले को रद्द कर दिया है। इस मामले में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम सहित 5 दोषियों को बरी कर दिया गया है। आपको बता दें, वर्ष 2002 में यह हत्याकांड मामला शुरू हुआ था और बाद में इस मामले को CBI को सौंपा दिया गया था।

जानिए आख़िर क्या था पूरा मामला?

यह घटना 10 जुलाई 2002 को हुई थी। डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रह चुके कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट होकर रणजीत के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। उसके बाद मामला सीबीआई (CBI) को सौंपा गया था और अक्तूबर 2021 में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम सहित पांच आरोपियों को दोषी करार दिया गया था।

लगभग 22 साल पुराना मामला

इस हत्याकांड मामले में साल 2007 में कोर्ट के द्वारा आरोपियों पर आरोप तय किए गए थे। शुरूआत में इस मामले में डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम का नाम शामिल नहीं था, लेकिन साल 2003 में जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। फिर 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख राम रहीम को आरोपियों में शामिल किया गया।

डेरा चीफ़ बाबा राम रहीम को CBI Court ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को इस हत्याकांड में पंचकूला में स्पेशल सीबीआई अदालत ने 2021 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। राम रहीम के अलावा चार लोगों को भी कोर्ट ने उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी। उन्हें ये सजा 10 जुलाई 2002 को कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियां में हुई रंजीत सिंह की गोली मारकर हत्या के मामले में सुनाई गई थी। वहीं डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सीबीआई कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके तहत आज मंगलवार (28 मई 2024) को हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस ललित बत्रा की खंडपीठ ने उन्हें बरी कर दिया।

डेरा चीफ बाबा राम रहीम के वकील ने फैसले का किया स्वागत

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सीबीआई कोर्ट के निर्णय को रद्द कर दिया। बाबा राम रहीम के वकील जतिंदर खुराना ने मीडिया से कहा, “…माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने CBI अदालत के आदेश को बदल दिया है और इसमें शामिल Baba Ram Rahim समेत पांच लोगों को बरी कर दिया है। वकील ने कहा, ‘हम इस फैसले का स्वागत करते हैं…।'”

सच की हुई जीत, रंजीत मर्डर केस में गुरमीत राम रहीम के खिलाफ केस खारिज

रंजीत सिंह मर्डर केस में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम के खिलाफ पंचकुला की सीबीआई अदालत द्वारा चलाए गए केस को खारिज कर दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने 4 अन्य व्यक्तियों को भी बरी कर दिया है।

When and why we celebrate World Earth Day 2024

पृथ्वी जिस पर हम रहते ही नहीं बल्कि हमारे जीवन का आधार कहें, तो गलत नहीं होगा।
रहने के लिए आवास, पीने के लिए पानी, जीने के लिए अनुकूल वातावरण, खाने के लिए अन्न आदि सब कुछ हमें इस धरा से ही प्राप्त होता है। फिर हमारा भी फर्ज बनता है की हम अपनी पृथ्वी को साफ और स्वच्छ बनाए रखने में अपना योगदान दें।

World Earth Day मनाने का कारण –

आज हमारा पर्यावरण बहुत प्रदूषित हो रहा है। जो कि एक चिंता का विषय है। इसलिए पृथ्वी पर शांति बनाए रखने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जा सके और पृथ्वी के वातावरण को शुद्ध रखा जा सके।

World Earth Day history –
हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
ऐसा क्या कारण है, कि विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है?
कहा जाता है कि सन् 1960 में, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही थी। विश्वविद्यालयों में छात्र प्रदूषण और प्राकृतिक संसाधनों के बहुत दोहन के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। पहली बार “22 अप्रैल 1970” को, 20 मिलियन से अधिक लोगों ने 150 देशों में अमेरिका में पहला पृथ्वी दिवस मनाया।

विश्व पृथ्वी दिवस मनाने का विचार सबसे पहले सन् 1969 में यूनेस्को सम्मेलन में जॉन मैककोनेल द्वारा सोचा गया था।
इस दिन को मनाने की अवधारणा थी
“पृथ्वी का सम्मान करना” और “पृथ्वी पर शांति बनाए रखना”।

1990 में हेन्स द्वारा वैश्विक पृथ्वी दिवस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में 140 देशों के 20 करोड़ से अधिक लोगों ने भाग लिया था। वर्तमान समय में, पृथ्वी दिवस नेटवर्क (ईडीएन) 190 देशों में 20,000 साझेदारों और संगठनों में फैला हुआ है।
22 अप्रैल की तारीख विश्व पृथ्वी दिवस के लिए आंशिक तौर पर इसलिए चुनी गई, क्योंकि यह कॉलेजों की स्प्रिंग ब्रेक और अंतिम परीक्षाओं के बीच पड़ती थी। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण की ओर आकर्षित करना था ।

World Earth Day 2024 थीम –
विश्व पृथ्वी दिवस 2024 की थीम है –

इस साल विश्व पृथ्वी दिवस मनाए जाने की थीम है “Planet vs. Plastics ” अर्थात ” ग्रह बनाम प्लास्टिक”। इस थीम का उद्देश्य है पृथ्वी पर बढ़ रहे प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना। प्लास्टिक का one Time इस्तेमाल करें या इसे रिसाइकिल में इस्तेमाल करें। प्लास्टिक का केवल पृथ्वी को ही नुकसान नहीं है बल्कि कचरे में फैंकी गई प्लास्टिक पशुओं आदि जानवरों के लिए मौत का कारण बनती है। इसलिए जरूरी है हम मिलकर इस पृथ्वी दिवस पर प्लास्टिक प्रदूषण को जड़ से खत्म करने का प्रण करें और अपनी धरा को साफ और स्वच्छ बनाए।

पृथ्वी को साफ , स्वच्छ और प्रदूषण रहित बनाएं रखने के लिए अपना योगदान निम्न तरह से करें —

⁃ ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।

⁃ प्लास्टिक की जगह कपड़े और कागज के बैग इस्तेमाल करें।

⁃ जगह जगह पर कूड़ा कचरा ना फलाएं।

⁃ प्लास्टिक का इस्तेमाल वन टाइम या रिसाइकिल से करें, आदि।

जब पृथ्वी हमारे जीवन की सभी जरूरतों को पूरा करने में लगी हुई है, तो हमारा भी फर्ज है कि हम इसकी संभाल करें।

Yaad -E – Murshid Free Polio Camp

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आने वाली 18 तारीख़ को हरियाणा की एक संस्था में निःशुल्क विकलांगता निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आपको बता दें यह शिविर हर साल लगाया जाता है और सैंकड़ों लोग इस शिविर का हिस्सा बनते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें यह शिविर हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा सिरसा में लगाया जा रहा है। आपको बता दें कि यह शिविर डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज की पावन स्मृति में हर साल लगाया जाता है। जो पूर्ण रूप से निःशुल्क लगाया जाता है। इस कैंप में सभी तरह की मेडिकल सुविधा फ्री में दी जाती है।

याद-ए-मुर्शीद विकलांगता निवारण शिवर —
मानवता को सर्पित है डेरा सच्चा सौदा का निःशुल्क याद-ए-मुर्शीद विकलांगता निवारण शिवर। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Dera Sacha Sauda में यह कैंप Baba Ram Rahim ji की पावन प्रेरणा से हर साल “18 अप्रैल” को “पूजनीय बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज” की पावन स्मृति में लगाया जाता है। इस कैंप में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ अपनी सेवाएं फ्री में देते हैं। Dera Sacha Sauda में इस तरह के कैंप निरंतर रूप से लगते रहते हैं।

Yaad E Murshid Free Polio & Disability Correction Camp के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी –

इस कैंप के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी जा रही है –

दिनांक — 18 अप्रैल 2024
समय -सुबह 9:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक

स्थान — शाह सतनाम जी स्पेशलिटी हॉस्पिटल , सिरसा (हरियाणा) 125055

फोन नं — 01666- 260222, 97288- 60222

Baba Ram Rahim के मार्गदर्शन में DSS में disability camp की तरह और भी अन्य मासिक कैंप लगाए जाते हैं।

रक्तदान शिविर, फ्री मेडिकल कैंप, याद -ए – मुर्शीद फ्री Eye camp आदि Dera Sacha Sauda में लगने वाले कैंप मानवता को समर्पित हैं। अगर आपके आस-पास कोई भी शारीरिक रूप से विकंलाग है और आर्थिक रूप से अपना इलाज करवाने में असमर्थ है, तो आप उन्हें इस शिविर की जानकारी दें, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस कैंप का हिस्सा बन सके।

Eid-ul-Fitar 2024: Significance and Celebrations:

मुस्लिमों के लिए ईद का त्योहार बहुत ही खास होता है। इसे दुनियाभर में मुसलमान अपने अपने तरीके से नमाज अदा करके मानते हैं। वर्ष 2024 की पहली ईद इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार माह ए रमजान पूरा होने के बाद शावल की पहली तारीख को मनाया जाता है। इसे ईद उल फितर, ईद अल फितर, रमजान ईद या मीठी ईद आदि नामों से भी जाना जाता है।

Eid -ul -Fitar Meaning – ईद-उल-फितर का अर्थ है: ‘व्रत तोड़ने का त्योहार’। यह रमजान के अंत का प्रतिक है। ईद-उल-फितर की तारीख “चंद्रमा के चक्र” से तय होती है। इस दिन मुसलमान न केवल उपवास की समाप्ति का जश्न मनाते हैं, बल्कि पूरे रमज़ान के दौरान उन्हें दी गई मदद और शक्ति के लिए अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं।
Eid -ul -Fitar Celebration – ईद-उल-फितर से पहले के दिनों में, इतालवी मुसलमान इस अवसर को मनाने के लिए विभिन्न तैयारियों में जुटे होते हैं। घरों को साफ किया जाता है और सजाया जाता है । नए कपड़े खरीदे जाते हैं या सिलवाए जाते हैं और विशेष भोजन की योजना बनाई जाती है। यह उत्साह का समय है क्योंकि परिवार प्रार्थनाओं, दावतों और उत्सवों के लिए इकट्ठा होने की तैयारी करते हैं। भारत देश में आज के दिन ईद के त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से व बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। ईद का यह पवित्र पर्व सौहार्द व भाईचारे का प्रतीक होता है। आज के दिन मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़कर पूरे विश्व में शांति और अमन की दुआ करते हैं। नमाज़ पढ़ने के बाद सभी एक दूसरे के घर जाकर मुंह मीठा करते हैं और एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं।
Eid -ul -Fitar Celebration Day and Date – ईद उल फितर किस महीने में और कब मनाई जाती है इसका फैसला चांद के दीदार से किया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर हिज़री के 10वें महीने शव्वाल की पहली तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है । अबकी बार भारत में ईद उल फितर 11 अप्रैल को मनाई जा रही है क्योंकि इसी दिन चांद दिखाई देगा। ईद के त्योहार के दिन घर पर मीठे पकवान बनाए जाते हैं। सभी के घरों में सेवियाँ बनाई जाती हैं। नए-नए कपड़े पहनकर, इत्र लगाकर, एक दूसरे को गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देना, यह सब करना, इस त्यौहार की खुशियां हैं। लेकिन सिर्फ ये काम करने से ईद पूरी नहीं होती । लोग समूहों में जाकर नमाज अदा करते हैं और एक दूसरे को गले लगकर ईद मुबारक बोलते हैं और समाज में अमन शांति के लिए अल्लाह से दुआ करते हैं।

Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri इस वर्ष 9 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। 9 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आदिशक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव शुरू हो रहा है। नवरात्रि 9 April से प्रारंभ होकर 17 April तक चलेगी। जिसमें माता के 9 स्वरूपों की आराधना की जाएगी।
पहली शैलपुत्री, दूसरी ब्रह्मचारिणी, तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कुष्मांडा, पांचवी स्कंदमाता, छठी कात्यायनी, सातवीं कालरात्रि, आठवी महागौरी और नौवीं सिद्धिदात्री यह मां दुर्गा के 9 स्वरूप हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार साल में चार बार नवरात्रि आती है। इसमें चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि प्रत्यक्ष होती हैं। दो गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ नवरात्रि होती है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार चैत्र नवरात्रि से हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत का आरंभ होता है। जिसे भक्त उल्लास पूर्वक मॉं दुर्गा की पूजा अर्चना करके मानते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष 14 मार्च से 13 अप्रैल तक खरमास है। यह महीना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महीना होता है। इसी माह में मॉं दुर्गा की पूजा का विशेष त्यौहार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से प्रारंभ हो रही है। इससे यह पर्व और भी अधिक विशेष हो गया है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होना सभी के लिए बेहद शुभ है। मां दुर्गा की आराधना करके नवरात्रि में आसानी से माता का आशीर्वाद पाया जा सकता है। यह भी मान्यता है कि नवरात्रि में मॉं जगदंबा धरती पर ही विराजमान होती है और भक्तों का कल्याण करती हैं।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥

चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना मुहूर्त-
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मंगलवार 9 अप्रैल 2024 को होगी। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल 2024 को रात 11:50 बजे प्रारंभ होगी और प्रतिपदा तिथि समाप्त 9 अप्रैल 2024 को रात 8:30 बजे होगी।

कलश स्थापना मुहूर्त – सुबह 6:05 बजे से 10:16 बजे तक रहेगा।
कलश स्थापना अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:57 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा।

नवरात्रि पूजा के नियम-

वास्तु शास्त्र के अनुसार नवरात्रि पूजा ( Navratri Pooja) में नियमों का पालन बहुत ही जरूरी है।

⁃ नवरात्रि पूजा में घर के ईशान कोण (उत्तर पूर्व) में कलश और माता की फोटो स्थापित करनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार यह स्थान देवताओं का है इसीलिए इस दिशा में कलश स्थापना से सकारात्मकता बढ़ती है।

⁃ नवरात्रि पूजा के दौरान आप घर के मैन गेट पर लक्ष्मी माता के चरण चिन्ह लगाए जो की बेहद शुभ माने जाते है।

⁃ घर में नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए ????️ ओम का निशान घर के मुख्य द्वार पर बनाए।

⁃ नौकरी और व्यवसाय में तरक्की के लिए ऑफिस के मैन गेट पर लाल, पीले फूल डालकर एक बर्तन में जल भर कर रखें।

⁃ नवरात्रि में नौ दिनों की अखंड ज्योति जलाई जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति को दक्षिण पूर्व की दिशा में रखना शुभ होता है, इससे घर के लोगों का स्वास्थ्य उत्तम रहता है।

आदिशक्ति मॉं दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना का यह उत्सव भक्तों का कल्याण करता है और मनवांछित फल प्रदान करता है।

First Solar Eclipse : 8 अप्रैल को लगने जा रहा है इस साल का पहला सूर्य ग्रहण

First Solar Eclipse of 2024:
8 अप्रैल को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (First Solar Eclipse of 2024) लगने वाला है। यह ग्रहण विश्व के अलग-अलग स्थानों पर दिखाई देगा। खास तौर पर मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा में पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा।

क्या होता है सूर्य ग्रहण ?

चाँद के धरती और सूर्य के बीच आने के कारण लगता है सूर्य ग्रहण। चाँद सूर्य को पूर्ण या आंशिक रूप से ढक लेता है और सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती।
इस वर्ष का सूर्यग्रहण (Solar eclipse of 2024) दुनिया के तीन देशों में ही दिखाई देगा। इस पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा, सूर्य की पूरी डिस्क को ढक लेगा और दिन में अंधेरा छा जाएगा।

कहाँ और कब देखा जा सकेगा First Solar Eclipse of 2024 :
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 8 अप्रैल को लगने वाले साल के पहले सूर्यग्रहण (First Solar Eclipse) को मैक्सिको, अमेरिका और कनाडा में देखा जा सकेगा। अलग-अलग देशों के अनुसार इसकी अवधि अलग-अलग रहेगी। माना जा रहा है कि अमेरिका के टेक्सास में इसका सबसे ज्यादा असर रहेगा। टेक्सास के कुछ इलाकों में 4 मिनट 25 सेकंड तक पूर्ण सूर्यग्रहण रहेगा और अंधेरा छा जाएगा।
मैक्सिको में इसका असर 40 मिनट 43 सेकंड तक होगा। अमेरिका में यह ग्रहण 67 मिनट 58 सेकंड तक के लिए होगा और कनाडा में 34 मिनट 4 सेकंड ही इस सूर्यग्रहण को देखा जा सकेगा। बता दें कि ग्रहण के समय भारत में रात होने के कारण (रात्रि 10:08 – 1:25 बजे), इसे भारत में (in India) देखना मुमकिन नहीं होगा।

When was the First Solar Eclipse?
वैसे तो सूर्य, चंद्र, अंतरिक्ष या इनसे संबंधित खगोलीय घटनाओं की शुरुआत के बारे में जानकारी या साक्ष्य जुटा पाना संभव नहीं है। फिर भी इतिहासकारों का मानना है कि पहला सूर्यग्रहण 22 अक्तूबर, 2134 ई.पू. को प्राचीन चीन में लगा था। हालांकि इसे रिकॉर्ड नहीं किया जा सका सका था।
3 मई 1375 या 5 मार्च 1223, ई०पू० प्रमाणिक सूर्यग्रहण के सूर्यग्रहण को सबसे पहला सूर्यग्रहण (First Solar Eclipse) माना जाता है। यह ग्रहण कांस्य युग के उगारिट शहर में 3247 साल पहले दिखाई दिया था, जो कि वर्तमान सीरिया में है।

When was the solar eclipse first discovered?
अनेक्सागोरस (Anaxagoras) नामक एक ग्रीस विद्वान ने सबसे पहले सूर्य और चंद्र ग्रहण के लिए सटीक वैज्ञानिक व्याख्या प्रस्तुत की। ई०पू० के समय में ग्रहणों से संबंधित सही थ्योरी उनकी ही थी। वर्तमान में कई चीनी और ग्रीक दार्शनिकों ने ग्रहण को विस्तार से जानने के प्रयत्न किए। परंतु जोहानस केपलर ने 1605 में पूर्ण सूर्यग्रहण की प्रमाणिक व्याख्या पेश की।

Noble Gas first observed during solar eclipse?
हीलियम (Helium) एक ऐसी गैस है, जिसे 18 अगस्त, 1868 के पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सबसे पहले पाया गया। (noble gas first observed during solar eclipse) लार्कयर ने हीलियम को सूर्य के करोमोस्फीयर में पाया। गौरतलब है कि उससे पहले तक यह गैस धरती पर भी नहीं पाई गई|

How A Solar Eclipse first proved Einstein right?
सूर्य ग्रहण विज्ञानिकों को शोध, रिसर्च व खोज के नये अवसर प्रदान करते हैं। इसी कड़ी में 29 मई 1919 का सूर्य ग्रहण विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा महत्त्वपूर्ण साबित हुआ। 1919 के सूर्य ग्रहण ने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन की सामान्य सापेक्षता (General Relativity) की थ्योरी को सही साबित कर दिया था।
1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने रिलेटिविटी से संबंधित एक सिद्धांत प्रस्तुत किया। जिसके अनुसार तारों से निकलने वाला प्रकाश सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के कारण मुड़ जाता है। यानि की अब दिखाई देने वाले तारों का स्थान उनका वास्तविक स्थान नहीं है। उनकी यह थ्योरी 1919 के सूर्य ग्रहण ने सच साबित कर दी(solar eclipse proved Einstein right).

भारत में सूर्यग्रहण (in India) :
भारत में (in India) सूर्य और चंद्रग्रहण की सर्वप्रथम व्याख्या आर्यभट्‌ट ने की। माना जाता है कि भारत में सूर्यग्रहण को धार्मिक महत्वों के साथ जोड़ा जाता है। इस साल 8 अप्रैल का सूर्यग्रहण यहां दिखाई नहीं देगा। भारत में (in India) अगला सूर्यग्रहण 2031 में देखा जा सकेगा।

लाल मिर्च पाउडर में भरा होता है ईंट का चूरा, चिरने लगेंगी आपकी आंतें, FSSAI ने बताया घर में इस तरीके से करे नकली मिर्च की जांच-

आज के आधुनिक समय में मसालों में मिलावट करना आम बात हो गई है और मिलावटी चीजें खाने से इंसान की सेहत पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं। आप सभी के घरों में इस्तेमाल होने वाले लाल मिर्च पाउडर में भी ईंट के चुरे की मिलावट हो सकती है। जानिए घर पर रहते हुए इसकी पहचान कैसे करे।
 हम सभी के घरों में लाल मिर्च पाउडर (Red Chilli Powder) सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में से एक है। खाना में सब्जी को स्वाद और गहरा रंग देने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। पुराने समय में साबुत लाल मिर्च को धूप में सुखाकर और पीसकर उसका पाउडर बनाया जाता था और फिर इसके इस्तेमाल में लिया जाता था। लेकिन अब लाल मिर्च पाउडर (Red Chilli Powder) के पैकेट मिलने लगे हैं।
लाल मिर्च पाउडर (Red Chilli Powder) में भरा होता है ईंट का चूरा, जो दे रहा बिमारियों को बुलावा, FSSAI ने बताया हम घर में रहते कर सकते है लाल मिर्च की जांच-

आज के समय में खाने-पीने की लगभग सभी चीजों में मिलावट होने लगी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आप जो लाल मिर्च पाउडर अपनी रसोई में इस्तेमाल कर रहे हैं, आख़िर वह कितना सुरक्षित है? क्या आपके लाल मिर्च पाउडर में कोई मिलावट तो नहीं है?
आजकल लोग अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए व पिसे हुए मसालों की मात्रा बढ़ाने और उन्हें गहरा रंग देने के लिए उनमें मिलावट कर रहे है। अधिकतर व्यापारी मसालों का वजन बढ़ाने के लिए उन में लकड़ी का बुरादा, ईंट का चूरा और कृत्रिम रंगों का उपयोग कर रहे है। यह मसाले इंसान के पेट में जाकर कई खतरनाक बीमारियों को बुलावा देकर उन्हें मरीज बना सकते हैं। फूड सेफ्टी एंड स्टैण्डर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने एक आसान तरीक़ा बताया है जिसके द्वारा आप कुछ ही सेकंड में असली-नकली लाल मिर्च पाउडर की जांच कर सकते हैं।
लाल मिर्च पाउडर (Red Chilli Powder) में मिलावट क्यों की जाती है?
आज के समय में खाने में मिलावट करना आम बात हो गई है। लोग पैसे कमाने में इतने लीन हो गए हैं कि न जाने वो कितने लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है। ऐसे ही आज हम बात कर रहे है लाल मिर्च पाउडर की। आमतौर पर पिसे हुए मसालों की मात्रा बढ़ाने और उनका रंग निखारने के लिए उनमें मिलावट की जाती है। मिर्च पाउडर में आमतौर पर ईंट पाउडर, नमक पाउडर या टैल्क पाउडर की मिलावट की जाती हैं।
असली-नकली लाल मिर्च पाउडर की ऐसे करें जांच-
घर पर लाल मिर्च पाउडर में मिलावट की जांच ऐसे करें
  • एक गिलास सादे पानी ( normal water) में एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर मिलाए।
  • पानी में घुले हुए पाउडर को थोड़ी मात्रा में लेकर अपने हाथ में रगड़ें।
  • यदि इसको रगड़ने के बाद कोई खुरदरापन महसूस होता है, तो इसमें लाल मिर्च पाउडर (Red Chilli Powder) में ईंट का पाउडर या रेत की मिलावट है।
  • यदि अवशेष साबुन जैसा और चिकना लगता है, तो इसमें सोप स्टोन की मिलावट है।
आर्टिफिशियल कलर की ऐसे करें जांच-
  • इसे चमकीला रंग देने के लिए लाल मिर्च पाउडर में आर्टिफिशियल कलर मिक्स किए जाते हैं।
  • एक गिलास पानी में थोड़ा सा मिर्च पाउडर छिड़कें।
  • अगर इसमें आपको एक रंगीन लकीर नजर आती है, तो लाल मिर्च पाउडर मिलावटी हो सकता है।
  • लाल मिर्च पाउडर में कई बार पानी में घुलनशील तारकोल रंग मिलाया जाता है।
स्टार्च का पता लगाने के लिए ऐसे करें जांच-
  • लाल मिर्च पाउडर की मात्रा बढ़ाने के लिए अक्सर इसमें स्टार्च भी मिलाया जाता है।
  • स्टार्च की जांच के लिए पिसे हुए मसाले में टिंचर आयोडीन या आयोडीन घोल की कुछ बूंदें मिलाए।
  • यदि यह नीले रंग में बदलता है, तो यह लाल मिर्च पाउडर में स्टार्च की वजह से हो सकता है।
सेहत के लिए खतरनाक है ईंट का पाउडर
ईंट पाउडर आमतौर पर ईंट के चूरे से बनता है, जो दिखने में लाल रंग का होता है। इस पाउडर का रंग और बनावट लाल मिर्च के पाउडर के समान होती है। इसलिए इसका उपयोग अक्सर मिलावटी पदार्थ के रूप में किया जाता है। यह सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है। इसके नियमित सेवन से शरीर पर गंभीर परिणाम होते हैं। यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है।

ISRO का सबसे आधुनिक, महत्वपूर्ण व अडवांस मौसम सैटेलाइट INSAT -3DS किया गया सफलतापूर्वक लॉन्च-

ISRO का सबसे आधुनिक व महत्वपूर्ण मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS सफलतापूर्वक लॉन्च हो चुका है। इस सैटेलाइट GSLV-F14 को राकेट श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 2 से छोड़ा गया है, यह सैटेलाइट समुद्र, मौसम और इमरजेंसी सिग्नल सिस्टम की जानकारी देने के साथ-साथ राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करेगा। इसलिए इसे बनाया गया है।
17 फरवरी 2024 की शाम को 5 बजकर 35 मिनट पर भारत का सबसे एडवांस मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS  सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है। इसके श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से GSLV- F14 राकेट के जरिए इनसेट -3 डीएस सैटेलाइट को उसकी तय कक्षा में छोड़ा गया है, जोकि इस सीरीज का तीसरी पीढ़ी का सैटेलाइट है।
इस लॉन्चिंग में तीन बड़ी उपलब्धियां हासिल हुईं। जैसे कि यह GSLV के द्वारा 16वीं उड़ान है, स्वदेशी क्रायो स्टेज की ये 10वीं उड़ान और स्वदेशी क्रायो स्टेज की सातवीं ऑपरेशनल फ्लाइट होगी। GSLV-F14 रॉकेट ने लॉन्चिंग के बाद इनसैट-3डीएस सैटेलाइट को उसकी तय कक्षा में पहुँचाया है, आपको बता दें, इसके पश्चात अब सैटेलाइट के सोलर पैनल्स भी खुल गए हैं। सूरज से मिलने वाली रोशनी से सैटेलाइट को ऊर्जा मिलती रहेगी और यह लगातार काम करता रहेगा।
यह सैटेलाइट 170 किलोमीटर पेरीजी और 36,647 किलोमीटर वाली अंडाकार जीटीओ की कक्षा में अब चक्कर लगाएगा। सैटेलाइट का कुल वजन 2274 किलोग्राम इसकी फंडिंग पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने की है जिसमें 6 चैनल इमेजर (Channel Imager) है और 19 चैनल साउंडर मेटियोरोलॉजी पेलोड्स मौजूद हैं। यह नया सैटेलाइट अपने पुराने सैटेलाइट के साथ मिलकर हमें मौसम की जानकारी देगा।
यह सैटेलाइट क्या-क्या काम करेगा-
  • अलग-अलग स्पेक्ट्रल वेवलेंथ के जरिए धरती की सतह, समुंद्र और पर्यावरण पर नजर रखेगा।
  • वैज्ञानिकों को अलग-अलग जगहों से डेटा कलेक्ट करके देगा।
  • वायुमंडल में होनी वाली अलग-अलग मौसमी पैरामीटर्स का वर्टिकल प्रोफाइल देगा।
  • बचाव व राहत कार्यों के दौरान मदद करेगा।
सातवां सैटेलाइट हुआ लॉन्च-
आपकी जानकारी के लिए बता दें, अब सातवां सैटेलाइट लॉन्च हुआ है। पहले छह सैटेलाइट 2000 से 2004 में लॉन्च हुए थे।
जिससे संचार, टीवी ब्रॉडकास्ट और मौसम संबंधी जानकारियां मिल रही थी। अब इस सातवें सैटेलाइट के द्वारा समुंद्र, मौसम और इमरजेंसी सिग्नल सिस्टम की जानकारी के साथ-साथ बचाव कार्यों में मदद मिलेगी।
मौसम की सटीक जानकारी-
यह यंत्र भारत व उनके आसपास मौसम में होने वाले बदलावों में जानकारी देगा, ताकि लोगों को प्राकृतिक आपदाओं के आने से पहले ही सूचना दी जा सके और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।