नमस्कार दोस्तों, आज मैं आपको एक बहुत ही गंभीर विषय की जानकारी देने जा रही हूं। जी मैं यहां पर एक ऐसी बीमारी के बारे में बात करूंगा जिसे कई बार सुनना भी हम पसन्द नहीं करते।

 

यह बीमारी है एड्स, और जहाँ एड्स की बात आतु है यकीनन लोगों के दिमाग में एक और शब्द आता है और वो है एच आई वी। बहुत से लोग एड्स और एच आई वी को एक ही बीमारी मानते है, उन्हें इनके बीच का अंतर नहीं पता। जबकि ये दोनों ही अलग हैं। तो आइये जानते हैं एड्स और एच आई वी के बीच का अंतर।

मुख्य अंतर

एच आई वी का पूरा नाम ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस है जिसके सक्रंमण से इंसान के शरीर का इम्युनिटी सिस्टम प्रभावित हो जाता है। जबकि एड्स एक बीमारी है जो एच आई वी वायरस के सक्रंमण के कारण होती है।

 

हमारे शरीर में हानिकारक बीमारियों तथा कीटाणुओं से लड़ने के लिए एक प्राकृतिक रक्षा तंत्र होता है। एच आई वी एक ऐसा वायरस है जो सीधे इस रक्षा तंत्र अर्थात इम्युनिटी सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे इंसान की अन्य बीमारियों से लड़ने की क्षमता कमज़ोर पड़ जाती है।

एड्स का परिणाम

एड्स का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम है। यह एक प्रकार की बीमारी है जो तब होती है जब इंसान का इम्युनिटी सिस्टम पूरी तरह से खराब हो चुका होता है। एड्स की बीमारी व्यक्ति के शरीर में शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बिल्कुल खत्म कर देती है। यही कारण है कि लोग अक्सर इस बीमारी के बाद खुद को अन्य रोगों का शिकार होने से नहीं बचा पाते। पूरे विश्व मे 1 दिसंबर को एड्स दिवस के रूप में जाना जाता है। एड्स दिवस का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में लोगों को एच आई वी वायरस तथा इस से होने वाली एड्स नामक खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक करना है।

एच आई वी का इम्यून सिस्टम पर प्रभाव

हमारे शरीर में रोगों से बचने के लिए एक रक्षा तन्त्र होता है जो इस कार्य के लिए सफेद कोशिकाओं का प्रयोग करता है। किंतु एच आई वी सफेद कोशिकाओं के साथ-साथ CD4 को भी प्रभावित करता है। CD4 एक ग्लाइकोप्रोटीन होता है जो इम्यून सिस्टम में सफेद कोशिकाओं की सतह पर पाया जाता है। एच आई वी इन्फ़ेक्शन इन कोशिकाओं के नष्ट होने से होता है जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं पता चला है।

 

एच आई वी का एड्स में बदलना

एड्स की बीमारी के कोई मुख्य लक्षण नहीं होते तथा यह अन्य किसी बीमारी के कारण नहीं होता है। यह एच आई वी सक्रंमण का परिणाम होता है और जब यह वायरस इम्यून सिस्टम को नष्ट कर देता है तो उस अवस्था को हम एड्स कहते हैं। एड्स की वजह से वजन कम होना, सिरदर्द होना तथा अन्य शारिरिक और मानसिक शिकायतें हो सकती हैं। एड्स प्रभावित व्यक्ति को किसी भी तरह का रोग आसानी से लग जाता है क्योंकि उस समय व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह नष्ट हो चुकी होती है।

 

अंत में मैं आप सब से यह कहना चाहूंगी कि आप सभी इस बीमारी से सावधान रहें तथा किसी भी प्रकार के सक्रंमण से बचें क्योंकि सावधानी में ही समझदारी है।

Write A Comment