जीवन और मृत्यु देना इंसान नहीं भगवान के हाथ मे है। लेकिन भगवान ने इंसान को डॉक्टर बनाकर उसे जीवन देने का हक दिया है, इस जीवनदानी को डॉक्टर कहते है। आज विज्ञान की मदद से डॉक्टर यहां तक पहुंच गए है कि वह जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे व्यक्तियों के लिए जीवनदाता है। जब हम अपनी सारी उम्मीदें छोड़ देते है, तब हमारे जीवन में स्वास्थ्य लाने के लिए और हमारा साथ देने के लिए केवल डॉक्टर के पास ही जादुई शक्ति होती है।

जब हम रोते हैं, तब हमें कंधों की जरूरत होती है।
जब हम दर्द में होते हैं, तब हमें दुआओं की जरूरत होती है।लेकिन जब हम त्रासदी में होते है, तब हमें डॉक्टर की जरूरत होती है।।

कब और कैसे हुई राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस को मनाने की शुरुआत-

केंद्र सरकार द्वारा भारत में 1991 में राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी। हमारे देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ विधानचंद्र राय को सम्मान देने के लिए उनके जन्म दिवस पर यह दिन मनाया जाता है।

भारत में कब मनाया जा रहा है डॉक्टर्स डे-

इस वर्ष 1 जुलाई 2021को 31वां राष्ट्रीय डाॅक्टर्स डे मनाया जा रहा है। कोरोना काल में अपनी व परिवार की परवाह न करते हुए डाॅक्टर्स ने जो सेवाएं निभाई है। इसके लिए सभी डाॅक्टर एवं चिकित्सकों को सम्मान देने व उनका हौसला बढ़ाने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए उनका धन्यवाद किया जाएगा।

राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस मनाने का उद्देश्य-

भारत में प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य डॉक्टरों द्वारा दी जा रही अमूल्य सेवाओं व योगदान को सम्मान देना। भारत सरकार द्वारा 1991 में पहले नेशनल डॉक्टर डे मनाने की घोषणा की थी। इस दिन हमें भी चिकित्सकों के प्रति आभार प्रकट करने के साथ-साथ उन्हें धन्यवाद भी करना चाहिए।
यह दिन उन डाॅक्टरों के लिए सबक का दिन है जो लाचार मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं व बेईमानी करते है।

राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस का महत्व

प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। हमारी जिंदगी में एक डॉक्टर का क्या महत्व व भूमिका है ?? इस का एहसास दिलवाने व डॉक्टरों को सम्मानित करने के लिए ये दिवस मनाया जाता है। जैसे कि हम जान ही सकते हैं कि कैसे कोरोना महामारी के चलते जब सभी लोग अपने घरों में सुरक्षित थे। तो कैसे डॉक्टर अपने परिवार, बच्चों और माता-पिता को छोड़कर दूसरों की सहायता करने के लिए आगे आए।

एक डॉक्टर ही वो भूमिका निभाता है, जो रोते हुए आए अस्पताल के लोगों को हंसाते हुए घर भेजता है।

हमारे विश्वास की डोर है- डॉक्टर

डॉक्टर होना सिर्फ एक काम ही नहीं बल्कि चुनौतीपूर्ण वचनबद्धता है। डॉक्टर ही एक ऐसा व्यक्ति है, जिस पर लोग भगवान की तरह विश्वास करते है। जो हमारे लिए आशा की एक किरण है। जीवन और मौत की लड़ाई लड़ रहे अनगिणत लोगों के जीवन की डोर उनके हाथ में होती है। सभी डॉक्टर जब अपने चिकित्सकीय जीवन की शुरुआत करते हैं, तो अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाने की कसम खाते है। उनके मन में नैतिकता और जरूरतमंद लोगों की मदद का जज्बा होता है। डॉक्टर की एक छोटी सी भूल से रोगी की जान जा सकती है।

डॉक्टर्स का न कोई दर्द, न कोई आराम, उनकी तो बस जिंदगी है…देश के नाम।

जो व्यक्ति अपने जीवन को समाज के कार्य के लिए लगा देता है और अपना सुख, दुख किसी की जिंदगी को बचाने के लिए लगा देता है। उसके लिए भी एक दिन होना चाहिए और वही एक खास दिन है डॉक्टर्स डे।

डॉक्टर को दुनिया में विभिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे हिंदी में चिकित्सक व वैध कई नामों से जाना जाता है। प्राचीन काल से भारत में वैध परंपरा रही है। जिनमें धनवन्तरि, सुश्रुत, जीवक व चरक आदि रहे हैं।

एक अच्छे डॉक्टर की पहचान

एक अच्छा डॉक्टर सबसे पहले एक अच्छा इंसान भी होता है। जो आपकी पीड़ा को महसूस ही नहीं करता, बल्कि वास्तव में उसके लिए चिंतित होता है। वह अपने पेशेंट्स की आर्थिक व पारिवारिक परेशानियों को समझता है। एक अच्छा डॉक्टर बिना किसी स्वार्थ के लंबे लंबे पर्चे लिखने की बजाए अपने पेशेंट्स को अच्छी सलाह देता है।

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस को कैसे मनाएं

  • 1 जुलाई को ज्यादातर लोग चिकित्सक दिवस की शुभकामनाएं देने के लिए फोन करके, मैसेज करके या फिर फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम व अन्य सोशल मीडिया द्वारा उनका धन्यवाद करते हैं।
  • अपने फैमिली डाॅक्टर के घर जाकर उन्हें गिफ्ट देकर उनका धन्यवाद करते हैं।
  • स्कूलों एवं कालेजों में इस दिन कई प्रोग्राम आयोजित करके डॉक्टरों के महत्व के बारे में लोगों को बताया जाता हैं और धन्यवाद करने के लिए बच्चों द्वारा चित्रकला व ड्राइंग प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।
  • हम अस्पताल या नर्सिंग होम में जाकर डॉक्टर्स को धन्यवाद करने के लिए उन्हें गिफ्ट भी दे सकते हैं।

कोरोना महामारी में डाॅक्टर्स की अहम भूमिका

इस कोरोना महामारी के दौरान जब कोई जरूरत पड़ी, तो बिना घबराएं लोगों का इलाज करने के लिए डाॅक्टर्स ने ही अपनी अहम भूमिका निभाई। कोरोना संक्रमण के समय हम देख ही रहे है कि कैसे डाॅक्टर्स अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की देखभाल कर रहे है।

निष्कर्ष-

अब आप सभी जान ही गए होंगे डॉक्टर का हमारे जीवन लिए क्या योगदान है। इसी लिए तो भगवान के बाद डॉक्टर को इंसान के रूप में भगवान के समान दर्जा दिया जाता है। एक डॉक्टर ही है, जो व्यक्ति को नया जीवनदान दे सकता है। सभी डॉक्टर्स का फर्ज बनता है कि वह अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए पैसा कमाने को पेशा ना बनाकर मानवीय सेवा को अपना पेशा बनाएं। तभी हमारा डॉक्टर्स डे मनाना सही साबित होगा। लेकिन वर्तमान में डॉक्टर संघर्ष करता हुआ नजर आ रहा है इसके पीछे कई कारण है।

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