जम्मू-कश्मीर स्थित पुलावामा में गुरुवार को CRPF के जवानों पर हुए आतंकी हमले से सारा देश शोक में डूबा हुआ हैं। सूत्रों के अनुसार इस आतंकवादी हमले में करीब 38 जवान शहीद हुए हैं और 44 जवान घायल हो चुके हैं।

ये हमला 2016 में उरी में हुए हमले के बाद अब तक का सबसे भीषण आतंकवादी हमला है, जिसमें हमारे देश के 40 जवान शहीद हुए हैं।
जानकारी के अनुसार हमला जम्मू-कश्मीर राजमार्ग पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में करीब अपराह्न 3 बजे हुआ जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर जवान अपनी छुटियाँ बिताकर ड्यूटी पर लौट रहे थे।
ये आंतकवादी हमला एक साजिश के तहत घात लगाकर हुआ जिसमें जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के एक सुसाइड बॉमर ने विस्फोतकों से भरे एक ट्रक से CRPF जवानों से भरी बस को टक्कर मार दी, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए।
हमले को मद्देनजर रखते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों पर केबिनेट समिति की बैठक भी हुई। इस बैठक में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, तीनों सेनाध्यक्ष और CRPF के डीजी भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आगे की करवाई के लिए समय, स्थिति तथा कारवाई का स्वरूप निर्धारित करने की सेना को पूर्ण रूप से इजाज़त दे दी गई है। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि पाकिस्तान से मोस्ट फ़ेवर्ड नेशन का दर्जा भी वापिस ले लिया जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
देश में हर जगह पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन के इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा की जा रही है। हर जगह शोक का माहौल है।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह सैनिकों को श्रद्धांजलि देने श्रीनगर पहुंचे। गृह मंत्री ने बड़गाम में एक जवान के पार्थिव शरीर को कंधा भी दिया।
हमले के बाद से ही सभी देशवासियों में खासा रोष है तथा सभी इस हमले के जवाब में सरकार व सेना से कड़े एक्शन व बदले की उम्मीद कर रहे हैं।