आधार – आम आदमी की पहचान । आधार कार्ड भारत सरकार दुवारा भारत के
नागरिकों को जारी किये जाने वाला पहचान पत्र  मात्र है , यह नागरिकता का पहचान पत्र नही है। इसमे 12 अंको की ए क विशिष्ट संख्या छ्पी होती है जिसे भारतीय विशेष्ट संख्या छ्पी होती है जिसे भारतीय विशेस्ट पहचान प्राधिकरण जारी करता है।
  • पिछ्ले कुछ दिनों से मीडिया, न्यूज़ चेनल्स मे आधार कार्ड की संवेधानिक वेध्ता पर बहुत चर्चा चल रही थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फ़ैसला सुनाते हुए इसकी सांविधानिक वैधता मे कुछ बद्लाव करते हुए बरकरार रखा है।
  • देश की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को आधार पर फेसला सुनाते हुआ साफ किया है कि आधार कहाँ जरूरी है कहाँ नही । प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 38 दिन चली लंबी बहस के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके सन्दर्भ मे कुल 31 याचिकाएं दायर की गई थी।
  •  केन्द्र सरकार ने आधार योजना का बचाव करते हुए कहा था की बिना आधार कार्ड सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त नही किया जा सकता । जो की योजनाओं मे फर्ज़िवाडा और सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने के लिय आधार कार्ड की अनिवार्यता जरूरी है। केंन्द्र ने ये भी तर्क दिया की आधार समाज के कमजोर वर्गो के अधिकारों की रक्षा करता है।

 

आधार कहाँ जरूरी है

  • पेन कार्ड बनाने के लिये, आयकर  रिटर्न्स के लिए, सरकारी कल्याणकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ पाने के लिये आधार जरूरी है।

 

 आधार कहाँ जरूरी नही है
  • मोबाईल सिम के लिये, बैंकों मे अकाउंट खुलवाने के लिये, इनके अलावा सी बी एस ई ,नीट , युजिसी नेट के लिय भी आधार जरुरी नही है।

 

  • 14 साल से कम के बच्चों के पास आधार नही होने पर उसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली जरुरी सेवाओं से वंचित नही किया जा सकता है।
फैसले के दोरान कोर्ट ने कहा आधार एकदम सुरक्षित है। इसके डुप्लीकेट होने का कोई खतरा नही है।

 

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