विश्व के किसी भी देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए सबसे जरूरी है, वहां पर रहने वाले लोगों की साक्षरता। इसके बिना विश्व के किसी भी देश का विकास होना असंभव है। आज के समय में इंसान के लिए पढ़ा लिखा होना बहुत जरूरी है।
साक्षरता का अर्थ केवल पढ़ना लिखना या शिक्षित होना नहीं। अपितु यह लोगों के अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक विकास का आधार बनाना है।
International Literacy Day की शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने को लेकर पहली बार वर्ष 1965 में 8 से 19 सितंबर के बीच ईरान के तहरान में शिक्षा मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान चर्चा की गई थी। इसके बाद 26 अक्टूबर 1966 को यूनेस्को ने 14वे General Conference में घोषणा करते हुए कहा था कि हर वर्ष दुनिया भर में 8 सितंबर को International Literacy Day यानी अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष यह 52 वां अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस है।
कैसे मनाया जाता हैं
विश्व भर में इस दिवस को मनाने के कई समारोह का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा कई जगहों पर लोगों को साक्षरता के विषय में जागरूक करने के लिए भाषण दिए जाते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए अपने अपने स्तर पर रैलियां निकाली जाती है। कुछ अमीर लोग इस दिन गरीब बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हैं।
उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का मुख्य उद्देश्य विभिन्न समुदायों और व्यक्तियों की साक्षरता के महत्व के बारे में बताना है। इसके साथ ही उसके बढ़ावे की प्रगति पर जोर देना है।
प्रत्येक वर्ष International Literacy Day के अवसर पर UNRSCO दुनियाभर में International Community के अंदर सीखने, साक्षरता को बढ़ाने और व्यस्क लोगों की स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।
International Literacy Day मनाने का कारण
मानव विकास और समाज के लिए उनके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। सफलता और जीने के लिए साक्षरता बेहद महत्वपूर्ण है। इसकी अहमियत हम सभी को मालूम है।
साक्षरता दर
साक्षरता दर की अगर बात करें तो कुछ हद तक उसमें सुधार हुआ है। अगर 1820 की बात की जाए तो उस समय साक्षरता दर 12% थी। यानी 12% लोग पढ़े लिखे थे। और आज 86.3 प्रतिशत साक्षरता दर है। यानी 86.3% लोग ही पढ़े लिखे हैं। आपको बता दें संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक विश्व भर में 4 अरब लोग ही पढ़े लिखे हैं। अगर आंकड़ों की माने, तो हर पांच व्यस्क लोगों में से एक व्यक्ति पढ़ा लिखा नहीं है और लगभग 35 देश ऐसे हैं जहां साक्षरता 50% भी नहीं है।
दुनिया में एक अरब लोग आज भी पढ़ लिख नहीं सकते।
World Literacy Rate
Total- 86.3%
Male- 90.0%
Female- 82.7%
India Literacy Rate
Total-77.7%
Male- 84.7%
Female- 70.3%
Rural- 73.5%
Urban- 87.7%
Top Literate State
Kerala- 96.2%
Delhi- 88.7%
Uttarakhand- 87.6%, Himachal Pradesh- 86.6%
Assam- 85.9%
Top Down Literacy State
Andhra Pradesh- 66.4%, Rajasthan- 16.7%
Bihar- 70.9%
Telangana 72.8%
Uttar Pradesh- 73%
साक्षरता दर की वजह
भारत में या अन्य देशों में साक्षरता कम होने के पीछे कई कारण है। भारत में साक्षरता दर के पीछे विद्यालयों की कमी होना, स्कूल में शौचालय ना होना, जातिवाद, गरीबी, लड़कियों से छेड़छाड़ होने का डर और जागरूकता की कमी जैसे कई कारण शामिल है।
अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम
2018 में Literacy And Skill Development थीम थी।
2019 में Literacy And Multilingualism थीम थी।
2020 की इस बार की थीम “Literacy Teaching And Learning In The Covid-19 Crisis And Beyond” हैं।
1 Comment
साक्षरता से अभिप्राय मनुष्य के बौद्धिक ज्ञान से ही नहीं, बल्कि उसके पूरे व्यतित्व के निखार से है, जो केवल पढ़ाई के द्वारा ही जागृत किया जा सकता है।
#InternationalLiteracyDay पढ़ाई की एहमियत को बताने के लिए एक उच्चतम प्रयास है, क्योंकि पढ़ाई से मनुष्य के अंदर अच्छे व बुरे की समझ पैदा होती है।