ये कहानी है आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा छेत्र की, विजयवाड़ा का एक ऐसा होटल जो कोरोना देखभाल केंद्र में परिवर्तित किया गया था, उसमें रविवार सुबह भीषण आग लग गई। 

कोविड केंद्र में 5 बजकर 9 मिनट पर आग लगी , आग लगने के महज 4 मिनट बाद ही दमकलकर्मी घटना स्थल पर पहुच गए।विभाग के पांच विशेष दमकलकर्मियों ने पूरा मामला सम्भाला। इसके पश्चात विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त बी श्री निवासुलु आकर दमकलकर्मियों के साथ काम मे जुट गए।

आंध्रप्रदेश आपदामोचन और अग्निशमन सेवा कर्मियों ने 32 लोगों की जान को बचाया।

कोरोना वायरस देखभाल केंद्र के तीसरे तल से मरीज को   अपने कंधे पर नीचे लाता हुआ दमकलकर्मी अपने आंसू नहीं रोक पाया।दमकलकर्मी ने बहुत हिम्मत कर के 39 लोगों की टीम के सहयोग से सभी मरीज़ो की जान बचायी, यह कोई छोटा काम नहीं था, वे घातक विषाणुओं से पीड़ित (महामारी के शिकार हुए) लोगों को बचा रहे थे।

किसी भी क़ीमत पर दमकल्मर्मी ने अपने मिशन को पूरा कर सभी की जान बचायी।दमकलकर्मी ने भावुक होते हुए कहा, “आज मुझे यह काम कर के काफ़ी सन्तोष मिला हैं,वही दूसरी तरफ मुझे इस घातक बीमारी का खतरा सता रहा है, क्योंकि मेरे भी घर परिवार है”।

श्रीनवासुलु ने कहा, अग्निशमन कर्मियों ने बहुत ही शानदार तरीके से काम को पूरा किया है, यह काम उन्होंने महज 3 घण्टे में पूरा किया।उन्होंने न केवल वहाँ फँसे हुए लोगो को कंधे के सहारे बाहर निकाला, बल्कि मृतकों के शरीरों को भी बाहर निकाला।इतनी खतरनाक स्थिति को इन्होंने बहुत शानदार तरीके से अन्जाम दिया।

आंध्रप्रदेश आपदामोचन और अग्निशमन सेवा विभाग के महानिदेशक मोहम्मद अहसन रजा ने जवानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्हें पुरुस्कृत किया जाएगा।उन्होंने कहा कि परिस्थिति बहुत ही भयंकर थी, लेकिन इन्होंने काम को बहुत अच्छे से अंजाम दिया।

इसके साथ साथ इन सब के कार्यों को देखते हुए मुख्यमंत्री वाइ एस. जगनमोहन रेड्डी, ग्रह मंत्री एम सुचरिता और अन्य मंत्रियों ने भी काफी प्रशंसा की हैं।

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