बिना संघर्ष अपंग है जीवन

दोस्तों आज मैं आपसे एक प्रेरणादायक कहानी साझा करने जा रही हूं। ये कहानी है संघर्ष की और संघर्ष के महत्व की। संघर्ष एक व्यक्ति के जीवन में ऐसे ही जरूरी है जैसे किसी सोने के आभूषण के लिए आग की तपन, जिस से उसमें और भी निखार आता है। जो व्यक्ति जीवन में संघर्ष की सीढ़ी अपनाता है वही व्यक्ति सफलता के मुकाम को हासिल कर सकता है। वही इंसान अपने सपनों को हकीकत का रूप दे सकता है। संघर्ष के इस महत्व को समझने के लिए आइए जानते है ये कहानी।

दोस्तों, आप में से कई लोगों ने सुना होगा कि तितली अपने कोकून से बाहर आने के लिए बहुत संघर्ष करती है क्योंकि ये संघर्ष ही उसके जीवन का आधार होता है। ये संघर्ष ही उसे उसके पँखो को उड़ने की ताकत देता है। यदि तितली बिना संघर्ष के ही कोकून से बाहर आ जाए तो उसके शरीर का तरल पदार्थ उसके पँखो तक नहीं पहुंच पाता और वह कभी उड़ नहीं पाती। बस इसी संघर्ष से जुड़ी है यह कहानी।

एक बार एक व्यक्ति बाग में घूमने गया। घूमते घूमते वहाँ उसकी नज़र एक पेड़ पर एक कोकून यानि तितली के अंडे पर पड़ी। व्यक्ति को अंडे में एक छोटा सा छेद दिखाई दिया। उस व्यक्ति का कोतुहल बढ़ गया और वह वहीं बैठकर उस तितली के अंडे को देखने लगा। थोड़ी देर में उस अंडे का छिद्र थोड़ा बढ़ गया। उस व्यक्ति ने देखा कि एक तितली उस छिद्र से बाहर निकलने की जदोजहद कर रही है। किन्तु बहुत कोशिश करने पर वह तितली भी निकल नहीं पा रही थी। कुछ समय के बाद अंत में वह तितली शांत हो गयी। व्यक्ति को लगा कि तितली हार चुकी है इसलिए उसने उस तितली की सहायता करने के लिए अंडे का सुराख बड़ा कर दिया और तितली उसमें से बहुत ही आसानी से बिना किसी मेहनत के बाहर निकल आई। किन्तु तभी उस व्यक्ति ने देखा कि तितली के पंख सुख चुके थे और उसके शरीर में सूजन आ गयी थी और अंत में वह मर गयी। चूंकि तितली बिना सँघर्ष के बिना मेहनत के बाहर आई थी, इसलिए उसके शरीर का तरल पदार्थ उसके पँखो तक नहीं पहुंच पाया और वह अपनी जान से हाथ धो बैठी।

यह कहानी हमें सिखाती है कि जब तक व्यक्ति संघर्ष की आग में न जले उसका जीवन निर्थक है।
यदि हमें अपने जीवन को सार्थक बनाना है तो संघर्ष को अपना रास्ता बनाना होगा सफलता तक पहुंचने का। क्योंकि बिना मेहनत और संघर्ष के मिली सफलता का सुख क्षणमात्र ही रहता है। किंतु संघर्ष से हासिल की हुई सफलता का साथ हमारे जीवन को और अधिक खुशनुमा बना देता है। संघर्ष अंधकार में जलती एक लौ की तरह है जिसके सहारे व्यक्ति अपने किसी भी दुख और मुसीबत को भूलकर अपने अंदर के आत्मविश्वास को कायम रख सकता है। और वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी, “भगवान भी उन्हीं की मदद करता है, जो अपनी सहायता खुद करते हैं” । तो संघर्ष को जीवन का नियम बनाइए और सफलता की हर सीढ़ी चढ़ जाइए।

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