जीवन में सफलता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रतन टाटा की तरह कड़ी मेहनत और लगन होनी चाहिए

रतन टाटा को तो सभी जानते ही हैं, वे किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ही आज टाटा कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाया है।

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ। उन्होंने 25 साल की उम्र में 1962 में अपने कैरियर की शुरुआत की और 21 साल के कैरियर में टाटा कंपनी को कहां से कहां पहुंचा दिया कि आज 80 देशों में टाटा समूह की कंपनियां स्थापित हैं। रतन टाटा, टाटा ग्रुप के 5वें अध्यक्ष बने, इसका मुख्य दफ्तर मुंबई में स्थापित है।

रतन टाटा ने जहां टाटा नमक और चाय से घर की आम ग्रहणी का मन जीता, वहीं नैनो जैसी कार को लांच करके मिडल वर्ग के लोगों के सपने पुरे किए। उन्होंने हर क्षेत्र में अपना उद्योग विकसित किया आयरन, स्टील, सीमेंट, कपड़ा और इसके साथ-साथ कृषि उपकरण और ट्रक का उत्पादन करने वाली कंपनियों के समूह का भी केंद्र बना।

रतन टाटा ने सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपनी ही कंपनी की फैक्ट्री में मजदूरों के साथ काम किया। क्योंकि वह मजदूरों की जिंदगी के बारे में नजदीक से जानना चाहते थे। वे बड़े नरमदिल इंसान थे, उन्होंने गरीबों की हमेशा मदद की। इसलिए ताज होटल में हुए हमले में प्रभावित लोगों को घर जाकर उनका हाल चाल पूछा और पास लगने वाले ठेले वाले जो इस हमले से प्रभावित हुए थे, उन्हें भी आर्थिक मदद की।

कड़ी मेहनत और लगन –

रतन टाटा रातों-रात अमीर होने वालों में से नहीं हैं, बल्कि उनकी कामयाबी पाने के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और काम के प्रति उनकी लगन छुपी हुई है। उनकी मेहनत के सदके ही टाटा कंपनी का नाम दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में आता है।

सोच का दायरा बड़ा होना –

रतन टाटा का मानना है कि इंसान को कभी भी खाली नहीं बैठना चाहिए। बल्कि अपनी सोच का दायरा बड़ा करना चाहिए और हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए कुछ ऐसा करना चाहिए कि सोते समय भी इंसान की इनकम बढ़ती रहनी चाहिए।

सकारात्मक सोच –

उनका मानना है कि इंसान को अपनी सोच साकारात्मक रखनी चाहिए। तभी जीत के लक्ष्य पर पहुंच सकता है। नाकारात्मकता को अपने मन में कभी नहीं लाना चाहिए।

निश्चित समय का इंतजार ना करो –

रतन टाटा कहते हैं कि कोई भी काम करने के लिए निश्चित समय का इंतजार ना करो, बल्कि काम को करने के लिए लगन और शिद्दत से लग जाओ, सफलता जरुर आपके कदम चूमेगी।

सभी को एक समान समझें –

आप कभी भी किसी को छोटा बड़ा ना समझे। बल्कि सबके साथ प्यार और सम्मान का व्यवहार करें। क्योंकि किस्मत इंसान को पता नहीं कहां से कहां ले जाती है। जैसे कि बहुत कम लोगों को पता है कि झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री ने टाटा कंपनी में 17 साल काम किया है।

हमेशा नया करने की कोशिश और काम के प्रति समर्पित –

रतन टाटा का मानना है कि इंसान को नए आइडिया लेते रहना चाहिए और सफलता पाने के लिए अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित हो। ये नहीं कि थोड़ी सी प्रसिद्धि मिली और पोलिटिक्स में चले गए। इसलिए वे अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं।

हर कोई चाहता है कि वह रतन टाटा की तरह सफलता हासिल करे। पंरतु इसके लिए उनकी तरह पूरी शिद्दत से अपने काम को समर्पित होना होगा। तभी जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है और अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

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