भूल जाने की समस्या से हैं, परेशान तो कुछ उपायों को अपनाकर याददाश्त को करें तेज –

आज के समय में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो बहुत सी बातों, चीजों या कामों को याद नहीं रख पाते हैं। इन लोगों को कमजोर याददाश्त वाला कहा जाता है। बुढ़ापे में तो इंसान को भूलने की समस्या होना आम बात है। लेकिन कुछ नौजवानों या बच्चों में भी भूलने की समस्या पाई जाती है। कई बार इंसान की यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि वह 2 मिनट पहले की बात भूल जाता है। पोषक तत्वों की कमी की वजह से या कई बार कोई चोट लगने से या बीमारी की वजह से इंसान की याददाश्त कमजोर हो सकती है। आपको इस समस्या से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि घरेलू उपाय या नुस्खों को अपनाकर इस समस्या से निजात हासिल किया जा सकता है।

आइए जानते हैं याददाश्त बढ़ाने वाले घरेलू नुस्खों के बारे में –

सेब का सेवन करें :- सेब में क्यूरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है। जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन कोशिकाओं को किसी तरह का नुकसान पहुंचे तो बौद्धिक क्षमता को बहुत नुकसान पहुंचता है। और याददाश्त करने की शक्ति में गिरावट आती है।

ब्राह्मी से याददाश्त को बढ़ाया जा सकता है :-

याददाश्त को तेज करने और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए या इसमें सुधार लाने के लिए ब्राह्मी सबसे बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक है। प्राचीन काल से ब्राह्मी को याददाश्त शक्ति बढ़ाने वाला यंत्र कहा जाता है। इसमें बैकोसाइड और सिटग्मास्टेरोल जैसे बायोएक्टिव तत्व पाए जाते हैं। जो मस्तिष्क को कार्य करने योग्य तो बनाते ही हैं, बल्कि याददाश्त में भी सुधार लाते हैं।

जिनसेंग से बढ़ाएं अपनी याददाश्त :-

जिनसेंग को भारतीय जिनसेंग या अश्वगंधा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की एंटी-एजिंग जड़ी बूटी है। इसमें जिनसेनोसाइड नामक एक्टिव तत्व पाया जाता है। जोकी याददाश्त और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा मुख्यतौर पर मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संकेत भेजने में सहायता करता है। जिससे चीजों को आसानी से याद रखा जा सकता है।

याददाश्त तेज करने के लिए करें शंखपुष्पी का उपयोग:-

शंखपुष्पी भी याददाश्त को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। विशेषज्ञयों द्वारा किए गए अध्ययन से पाया गया कि शंखपुष्पी मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संबंध को बढ़ाती है। जिससे मस्तिष्क के कार्य करने में सुधार आता है। इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखते हैं और बढ़ती उम्र की वजह से व्यक्ति को याददाश्त कमजोर होने की समस्या से बचाते हैं।

प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करना :-

मेडिटेशन तनाव कम करने और एकाग्रता को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है। अगर मेडिटेशन को प्राणायाम के साथ किया जाए, तो यह याद्दाश्त शक्ति को बढ़ाने के लिए एक वरदान साबित होगा, क्योंकि प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से व्यक्ति का ध्यान बहुत जल्दी एकाग्र होता है। जिससे याददाश्त शक्ति बढ़ती है और प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से दिमाग को ऑक्सीजन मिलता है, जो याददाश्त को बढ़ाने में लाभकारी है।

बादाम का सेवन :-

अगर आपके परिवार में किसी को भूलने की समस्या है, तो एक कटोरी लें। उसमें थोड़ा पानी लें। पानी में 4-5 बादाम भिगो दें। उस बादाम को रात भर पानी में रहने दें और सुबह होते ही उस बदाम को छीलकर उसका पेस्ट बना लें या साबुत उस व्यक्ति को दें। ऐसा रोजाना करने से आप कुछ ही दिनों में उस व्यक्ति में बदलाव देखेंगे। क्योंकि बादाम में याददाश्त मजबूत करने वाला तत्व पाया जाता है।

नशीली चीजों के सेवन से परहेज :-

कई युवा अवस्था के लोग नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। जिससे उनमें याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या पैदा होती है। शराब और नशीले पदार्थों का अधिक सेवन कई तरह से याददाश्त को प्रभावित करता है। वैज्ञानिकों के स्टडी में पाया गया है कि जो छात्र हफ्ते में या महीने में 6 ड्रिंक या इससे ज्यादा ड्रिंक करते हैं। तो उन छात्रों में ना ड्रिंक करने वालों की तुलना में चीजें याद रखने में ज्यादा दिक्कत होती है।

व्यायाम द्वारा याददाश्त को बढ़ाएं :-

शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। कई रिसर्च में सामने आया है कि एक्सरसाइज से सभी वर्ग या उम्र के लोगों की याददाश्त में सुधार लाया जा सकता है। व्यायाम की मदद से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने वाले न्यूरोन्स के विकास में भी सुधार आता है।

पूरी नींद लेना :-

याददाश्त को बढ़ाने और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखने के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल की नौजवान पीढ़ी अपना अधिकतर समय फोन पर या टेलीविजन देखकर खराब करती है और रात भर फोन का इस्तेमाल करते हैं जो कि शरीर के लिए बहुत घातक है। नौजवानों को प्रतिदिन कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।

हल्दी याददाश्त बढ़ाने में कारागार :-

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर को एंटी इंफ्लामेंट्री प्रभाव देता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भी पाया जाता है। करक्यूमिन मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव डैमेज और सूजन को कम करने में बहुत मदद करता है।

निष्कर्ष :-

वैसे तो आप सब भली-भांति जानते हैं कि याददाश्त कमजोर हो तो, कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या की वजह से कई बार इंसान अपना बेशकीमती सामान गंवा बैठता है या कई बार तो उसको अपनी जॉब भी गंवानी पड़ जाती है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि आप ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खों की मदद से या उन्हें अपने जीवन में अपनाकर इस समस्या को दूर कर सकते हैं और अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं।

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