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आईबीपीएस ने निकाली 6000 पदों पर क्लर्क भर्ती-

हाल ही में IBPS ने 2021 क्लर्क भर्ती निकाली हैं। (IBPS) बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों की भर्ती के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। इस वर्ष भी आईबीपीएस ने 6000 रिक्त पदों पर भर्ती निकाली है।

महत्वपूर्ण तिथियां : आईबीपीएस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सीआरपी-XI के तहत क्लर्कों की भर्ती के लिए पंजीकरण प्रक्रिया गुरुवार, 07 अक्तूबर, 2021 से शुरू हो गई है तथा पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 27 अक्तूबर, 2021 है।

योग्यता : उम्मीदवारों के पास किसी भी विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक स्तर की डिग्री होनी चाहिए और वह विश्वविद्यालय मान्यता प्राप्त भी होना चाहिए।

फीस : फीस सामान्य वर्ग ( General) व अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 750 रुपए प्रति व्यक्ति है तथा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजातियां (ST) के लिए ये निःशुल्क है।

आयु सीमा : उम्मीदवारों की आयु कम से कम 20 वर्ष होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष है। आरक्षित जातियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट दी गई है।

पंजीकरण प्रक्रिया :
चरण 1: सबसे पहले ibps.in वेबसाइट पर जाएं।
चरण 2: इसके बाद ‘आईबीपीएस क्लर्क भर्ती 2021’ लिंक पर क्लिक करें।
चरण 4: मांगी गई सभी जानकारी भरें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
चरण 5: आवेदन करते वक्त मांगे गए जरूरी दस्तावेजों को सबमिट करें।
चरण 6: यदि आप सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग से है, तो शुल्क का भुगतान करके आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें।
अतः इस प्रकार आप 6 चरणों में अपना आवेदन कर सकते हैं।

प्रवेश पत्र और परिणाम :
आप ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड नवंबर/दिसंबर 2021 के प्रारंभिक कर सकते है।

उसके बाद प्रारंभिक ऑनलाइन परीक्षा दिसंबर 2021 में आयोजित की जाएगी और ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम दिसंबर 2021/जनवरी 2022 तक आएगा। उसके तुरंत बाद मुख्य ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए कॉल लेटर दिसंबर 2021/जनवरी 2022 में ही डाउनलोड होंगे और अंतिम परिणाम अप्रैल 2022 तक आने की संभावना है।

सिलेबस:

प्रीलिम्स सिलेबस :

अंग्रेजी भाषा के 30 प्रश्न होंगे जो कुल 30 अंक के होंगे और उनको करने का समय 20 मिनट होगा।

संख्यात्मक क्षमता के 35 प्रश्न होंगे, जो 35 अंक के होंगे और उनको करने का समय 20 मिनट होगा।

रीजनिंग एबिलिटी के 35 प्रश्न होंगे, जो 35 अंक के होंगे और उनको करने का समय भी 20 मिनट ही होगा।

प्रत्येक गलत जवाब के लिए 1/4 की नेगेटिव मार्किंग भी रखी गई है।

प्रीलिम्स के बाद चुने गए उम्मीदवार मुख्य परिक्षा के लिए आमंत्रित किए जाएंगे।

मुख्य परीक्षा का सिलेबस :

सामान्य/वित्तीय जागरूकता के कुल 50 प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा।

सामान्य अंग्रेजी के 40 प्रश्न होंगे सभी प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा
रीजनिंग और कंप्यूटर एप्टीट्यूड के भी 50 प्रश्न आएंगे, जो कुल 60 अंक के होंगे। मात्रात्मक योग्यता के 50 प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा|

मुख्य परिक्षा को करने के लिए कुल समय 160 मिनट है।

अंत में मुख्य परिक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को दस्तावेजो की जांच के लिए बुलाया जाएगा।

इस प्रकार आईबीपीएस की परिक्षा संपन्न होगी।

भारतवर्ष में हर साल 5 सितम्बर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म वर्ष 1888 में हुआ था। वे एक महान विद्वान और शिक्षक थे, शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपना जीवन 40 वर्ष तक एक शिक्षक के रूप में बिताया। इसी लिए उनके जन्म दिवस को टीचर्स डे के रूप में मानते हैं।

अक्सर यह कहा जाता है की शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी होते है। हमारे माता-पिता हमारे पहले गुरु होते हैं, क्योंकि वह हमें जन्म देते हैं, लेकिन शिक्षक हमें अच्छे और बुरे का अंतर बता कर हमारे आने वाले भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व बहुत बड़ा होता है। शिक्षा हर इंसान के लिए जरुरी है। जिसके बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है।

गुरु शब्द का अर्थ क्या है?

गुरु शब्द दो अक्षरों से मिलकर बना है, जिसमें पूरा ब्रह्मांड समाया है। ‘गु’ का मतलब है – अंधकार और ‘रु’ का मतलब है – प्रकाश। जो अज्ञानता रूपी अंधकार में ज्ञान का दीपक जला दे, वो ही सच्चा गुरु है।

हमारे जीवन में गुरु की भूमिका-

‘गुरु’ एक शिल्पकार की तरह होता है, जो अपने विद्यार्थियों को सही ज्ञान प्रदान करके उनको एक योग्य नागरिक बनाता है। किसी भी देश को महान और गौरवशाली बनाने में गुरु की अहम भूमिका होती है।

आखिर गुरु की जरूरत क्यों पड़ी?

कोई भी इंसान गुरु के बिना किसी भी क्षेत्र में महारथ हासिल नहीं कर सकता। इंसान को कदम-कदम पर गुरु की जरूरत होती है। गुरु के बिना शिष्य के जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है।

इंसान का पहला गुरु कौन होता है?

मां इंसान की पहली गुरु होती है, जो कि उसको खाना, पीना, बोलना सिखाती है। इसलिए हमारे धर्मों में मां को भगवान का दर्जा दिया गया है। उसके बाद स्कूल , कॉलेज में उसको टीचर, लेक्चरर के द्वारा शिक्षा दी जाती है।

क्या लक्ष्य होता है एक गुरु का अपने शिष्यों के प्रति ?

शिष्यों को हमेशा यह विश्वास दिलाकर कि वे कुछ बन सकते हैं, कुछ कर सकते हैं। उनका यही लक्ष्य रहता है कि वे अपने विचारों से अपने शिष्यों के जीवन में बदलाव लाकर उनके आचरण को और उनको ऊंचाइयों पे ले जाएं।

कैसा होना चाहिए एक गुरु को ?

एक आदर्श गुरु को निष्पक्ष और अपमान से प्रभावित हुए बिना हर समय विनम्र रहना चाहिए। उन्हें छात्रों के स्वास्थ्य और एकाग्रता के स्तर को बनाए रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने चाहिए। छात्रों के मानसिक स्तर में सुधार लाने के लिए पढ़ाई से अलग अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें दुनियावी ज्ञान के साथ साथ हमारे धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों का भी ज्ञान देना चाहिए।

निष्कर्ष-

हमारा जीवन बिना गुरु के व्यर्थ है। हमे अपने गुरुओं का आदर सत्कार करना चाहिए। 5 सितंबर का दिन जो हम टीचर्स डे के रूप में मनाते हैं। इस दिन हमें अपने गुरुओं का धन्यवाद करना चाहिए, जिन्होंने हमें शिक्षा दी और एक अच्छा जीवन जीने के काबिल बनाया ।

दुनिया भर में मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत ने गाड़ा झंडा-

आपकी जानकारी के लिए बता दें, हाल ही में भारत अमेरिका को पछाड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माण गंतव्य बन गया है। यह जानकारी रियल एस्टेट सलाहकार कुशमैन एंड वेकफील्ड द्वारा दी गई है। लागत के मोर्चे पर क्षमता बढ़ने की वजह से भारत का आकर्षण विनिर्माण केंद्र के रूप में बढ़ा है।

7 प्रशांत देशों की लिस्ट में शामिल अमेरिका यूरोप व एशिया।

Cushman & Wakefield’s 2021 द्वारा अपने ब्यान में बताया है कि वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक-2021 के मुताबिक चीन पहले स्थान पर है। यह सूचकांक यूरोप, द अमेरिका
एशिया-प्रशांत (एपीएसी) 47 देशों के बीच वैश्विक विनिर्माण के लिए सबसे उपयुक्त स्थानों की वार्षिक रैंकिंग में इस साल शीर्ष 3 देशों में से एक रहा भारत।

Cushman & Wakefield’s 2021 Global Manufacturing Risk Index द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक मांग वाले विनिर्माण गंतव्य में चीन के बाद दूसरा स्थान भारत का हैं।


▪️ तीसरे पर अमेरिका
▪️चौथे पर कनाडा
▪️पांचवें पर चेक गणराज्य
▪️घठे पर इंडोनेशिया
▪️ सातवें पर लिथुआनिया
▪️ आठवें पर थाइलैंड
▪️ नौंवे पर मलेशिया
▪️ दसवें पर पोलैंड

वर्ष 2020 में दूसरे स्थान पर रहने वाला देश अमेरिका और तीसरे स्थान पर भारत था।

पिछले वर्ष की रिपोर्ट से पता चलता है कि अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की तुलना में विनिर्माता अब भारत में रुचि दिखा रहा है।

पिछले वर्ष की भारत की रैंकिंग से इस वर्ष की रैंकिंग में सुधार
ब्यान में यह बताया गया है कि परिचालन की परिस्थितियों तथा लागत की क्षमता को देखते हुए ही विनिर्माण गंतव्य के रूप में भारत का आकर्षण ज्यादा बढ़ा है। Cushman & Wakefield’s 2021 रिपोर्ट में साथ में भी बताया गया है कि भारत ने आउटसोर्सिंग की सभी जरूरतों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। जिसके द्वारा भारत की वार्षिक स्तर की रैंकिंग में सुधार हुआ है।

एयरटेल, वोडाफोन – आइडिया और जिओ कंपनियों द्वारा जारी किए गए ₹130 से भी कम अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लांस

मोबाइल फोंस कंपनी द्वारा अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा प्लांस जारी किए जाते हैं। जिनकी एक समय सीमा होती है। कईं प्लेंस में हमें रोजाना इंटरनेट डाटा मिलता है और उसे उसी दिन में ही खत्म करना होता है।

इस वजह से यूजर्स को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। जैसे कि अगर उस दिन का डाटा खत्म हो जाए, तो उसे दोबारा से 4G इंटरनेट डाटा डलवाना पड़ता है या फिर अगर यूजर्स ने उस दिन अपने 4G इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल नहीं किया तो उस दिन का डाटा कंपनी को ही वापस हो जाता है।

इस समस्या को हल करने के लिए कंपनियों ने सस्ते और अनलिमिटेड कॉलिंग 4G इंटरनेट डाटा प्लांस भी उपलब्ध करवाए हुए हैं।

बढ़ती मंहगाई के कारण सभी कंपनियों ने जहां अपने अनलिमिटिड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा प्लान को महंगा कर दिया है, वहीं कंपनियों ने अनलिमिटीड कॉलिंग के 130 रुपए से कम के प्लान भी उपलब्ध करवाए हैं।

इन अनलिमिटेड कॉलिंग प्लांस में कॉलिंग सुविधा 24 घंटे फ्री होती है और इंटरनेट डाटा निश्चित समय के लिए उपलब्ध होता है।

जानिए विभिन्न कंपनियों के अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G डाटा प्लांस के बारे में डिटेल्स में।

एयरटेल का सबसे सस्ता अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा प्लान :–

एयरटेल कंपनी द्वारा अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट के लिए बहुत सारे प्लांस उपलब्ध कराए गए हैं।

लेकिन 129 का प्रीपेड प्लान एक ऐसा है, जिसमें यूजर्स को अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा 24 दिनों के लिए दिया जाता है।

इसमें यूजर्स को 1GB डाटा 24 दिनों के लिए दिया जाता है और यह डाटा यूजर्स को रोजाना उपलब्ध नहीं करवाया जाता।

इसके साथ ही यूजर्स को 300 फ्री SMS और इसके साथ एयरटेल कंपनी अपने यूजर्स को इस प्लान के साथ wynk music और Airtel extreme एप्स के फ्री सब्सक्रिप्शन भी देती है।

अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 4G इंटरनेट के साथ एक ऐसा यही प्लान है, जो एयरटेल कंपनी द्वारा सबसे सस्ता और अच्छा है।

जिओ कंपनी का सबसे सस्ता अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लान :–

जहां एयरटेल कंपनी ने अपने यूजर्स के लिए फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लांस उपलब्ध कराए हैं। वहीं जिओ कंपनी द्वारा भी फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लान उपलब्ध कराया है।

जिओ कंपनी के फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लान में सबसे कम कीमत ₹127 है। जिसकी वैधता 15 दिन की है। किसके साथ यूजर्स को 12GB 4G इंटरनेट डाटा मिलता है।

वोडाफोन आइडिया कंपनी का सबसे सस्ता और अच्छा अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग 4G इंटरनेट प्लान:

अपने यूजर्स को खुश करने में वोडाफोन आइडिया कंपनी भी पीछे नहीं रही।

Vodafone-idea कंपनी द्वारा भी ₹130 से कम फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा प्लान जारी किया गया है। जिसकी कीमत मात्र ₹129 है। जिसमें यूजर्स को 24 दिन के लिए अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 2GB 4G इंटरनेट डाटा उपलब्ध कराया जाता है।

इसके साथ vodafone-idea यूजर्स को 300 फ्री SMS सुविधा भी दी जाती है।

वोडाफोन आइडिया कंपनी द्वारा यूजर्स को किसी ऐप का फ्री सब्सक्रिप्शन उपलब्ध नहीं कराया जाता।

अतः अब यूजेस को महंगे प्लान खरीदने की कोई बाध्यता नहीं है। अब यूजर्स ₹130 से भी सस्ते प्लान से अब अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा जैसी सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।

गुरु पूर्णिमा का त्योहार आषाढ़ माह में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई 2021 शनिवार को मनाई जा रही है। इस दिन महाभारत के रचियता गुरु वेद व्यास जी का जन्म हुआ था‌ उन्हें सम्मान देने के लिए उनके जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहा जाता है।

गुरु शब्द का अर्थ

गुरु शब्द दो शब्दों ‘गू‘और ‘रू’ के मेल से बना है। ‘गू का अर्थ अंधकार और ‘रू’ का अर्थ प्रकाश अर्थात जो अपने शिष्य को अज्ञानता रूपी अंधकार से बाहर निकाले और ज्ञान की ज्योति जलाएं उसे गुरु कहा जाता है

गुरु वह होता है जो हमें आध्यात्मिक ज्ञान देकर हमें सामाजिक जीवन में जीना सिखाता है।

क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का त्योहार –

गुरु पूर्णिमा उन सभी आध्यात्मिक और अकादमिक गुरुजनों को समर्पित परंपरा है, जिन्होंने कर्म योग आधारित व्यक्तित्व विकास और बिना किसी मौद्रिक खर्च के अपनी बुद्धिमता को सांझा किया। इस उत्सव को महात्मा गांधी ने अपने अध्यात्मिक गुरु श्री मद राजचंद्र को सम्मान देने के लिए पुनर्जीवित किया। ऐसा भी माना जाता है कि व्यास पूर्णिमा वेद व्यास के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

क्यों कहते हैं व्यास पूर्णिमा –

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस दिन महाभारत के रचयिता वेदव्यास का जन्म हुआ था। वेदव्यास ने छह शास्त्र व अठारह पुराणों की रचना की थी। उन्होंने महाभारत के साथ-साथ श्रीमद् भागवत और ब्रह्म सूत्र जैसे पुराणों की रचना भी की थी। उन्होंने श्रीमद् भागवत पुराण में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन किया। व्यास जी ने सबसे पहले अपने शिष्य और मुनियों को वेदों और पुराणों का ज्ञान दिया था। इसी कारण इस तिथि को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।

गुरु पूर्णिमा को मनाने का उद्देश्य –

गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे देश भर में बढ़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने का उद्देश्य जीवन में गुरु के महत्व, त्याग को समर्पित है। जोकि आने वाली पीढ़ियों को गुरु और शिक्षक के महत्व को बताना है।

जीवन में गुरु का महत्व –

गुरु के बिना किसी भी मनुष्य की गति नहीं हो सकती। बिना गुरु के कोई भी मनुष्य का जीवन अधूरा है। अपने जीवन के हर लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें गुरु के ज्ञान की बहुत आवश्यकता होती है। फिर चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो पढ़ाई हो, धार्मिक हो या अन्य क्षेत्र गुरु के बिना हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते। गुरु के बिना हमें अपने असली जीवन की समझ नहीं आ सकती।

कैसा होता है एक सच्चा गुरु –

सच्चा गुरु वह होता है, जो किसी से कुछ लेता नही बल्कि बदले में झोलिया खुशियों से भर देता है।गुरु एक मोमबत्ती की तरह होता है, जो खुद जलकर दूसरों की अंधेरी जिंदगी में उजाला करता है। गुरु की महिमा को हम लिख बोल कर ब्यान नहीं कर सकते।

गुरु के बिना जीवन –

सच्चे गुरु के बिना हमारा जीवन ऐसा होता है, जैसे पानी के बिना मछली। क्योंकि एक सच्चा गुरु ही है, जो हमें जीवन जीना सिखाता है। मां बाप के बाद हमें जीवन की सही दिशा दिखाता है और जीवन के मुल्य को बताकर जीवन जीना सिखाता है।

कैसे मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा –

आषाढ़ पूर्णिमा का अपना एक अलग स्थान है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और दान के लिए ये महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन भी किया जाता है। गुरु मंत्र प्राप्त करने के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन आप जिसे भी गुरु मानते हैं, उसके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है और गुरु की पूजा की जाती है। क्योंकि उनके ज्ञान के प्रकाश से जीवन का अंधकार दूर हो जाता है और ईश्वर की प्राप्ति होती है। गुरु का ज्ञान ही जीवन के हर मोड़ को आलोकित करने में सक्षम होता है। प्राचीन काल से लेकर आज तक गुरु शिष्य की परंपरा चली आ रही है। इस दिन केवल गुरु ही नहीं, बल्कि परिवार के भी सभी बड़े सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए और उनको गुरु तुल्य समझ कर आदर करना चाहिए।

निष्कर्ष –

गुरु का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। गुरु के मार्गदर्शन के बिना लक्ष्य की प्राप्ति असंभव है। इसलिए अपने जीवन में गुरु के मार्गदर्शन से हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते है। गुरु के ज्ञान से हम सही मार्ग अपनाकर अपनी चुनौतियों को कम करके अपने जीवन का सुधार कर सकते हैं और खुशी-खुशी जीवन व्यतीत कर सकते है।

कोविड-19 के चलते ऑनलाइन एजुकेशन को दिलचस्प बनाने के 5 अनोखे तरीके-

कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते पूरे देश लॉकडाउन है और स्कूल/कॉलेज बंद है। जिसके चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है।मोबाइल और कंप्यूटर के जरिए अपनी स्टडी करना कितना मुश्किल है, शायद यह हम नहीं जानते।

मोबाइल फोन लगातार देखने से आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन लॉकडाउन के बढ़ते बच्चे घर पर ऑनलाइन क्लास लगा रहे हैं।घंटों तक ऑनलाइन पढ़ाई करना और फोन/लैपटॉप के आगे बैठे रहना आदि से कई बार बच्चे पढ़ाई से बोर होने लगते हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए टीचर्स को नए तरीके अपनाने की जरूरत है, जिससे बच्चों का मन पढ़ाई में लगाया जा सके।

ऑनलाइन पढ़ाई को दिलचस्प बनाने के तरीके :–

  • Morning में पहली ऑनलाइन class में पढ़ाई शुरू करने से पहले बच्चों की Morning Prayer, Thoughts Of Day, आदि बोलने की ड्यूटी लगाएं। ताकि बच्चे घर पर ही स्कूल जैसे महसूस करें।
  • ऑनलाइन classes के बीच में एक क्लास Entertainment की भी add कर सकते हैं। जिसमें बच्चों को ऑनलाइन Competition भी करवा सकते हैं।
  • बच्चों की online पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए lesson काे Story की तरह समझाएं ।
  • बच्चों को ज्यादा लंबा लेक्चर देने की बजाय, उन्हें प्रैक्टिकल तरीके से समझाएं।
  • बच्चों का ध्यान पढ़ाई में लगाने के लिए रोज Quiz करें।
  • ऑनलाइन पढ़ाते समय टीचर्स फोटो, ग्राफिक और वीडियो का इस्तेमाल करें। इन चीजों से बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई का अगर सही तरीके से किया जाए तो इसका फायदा भी है।

  • अगर आपको कोई लेक्चर समझ में नहीं आया, तो आप उस वीडियो को दोबारा से देख सकते हैं।
  • घर पर आराम से बैठकर कर ऑनलाइन पढ़ाई करना बहुत आसान है।

ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान रखें सावधानी :-

  • ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान घंटों तक मोबाइल फोन या लैपटॉप पर बैठे रहना इससे आंखों पर बहुत असर पड़ता है। इसलिए पढ़ाई के बाद फोन से थोड़ा दूर रहें।
  • लगातार एक ही पोजीशन में बैठे रहना, इससे कमर दर्द आदि प्रॉब्लम हो सकती है। इसके लिए बीच-बीच में चहल कदमी करते रहें।
  • ऑनलाइन क्लास खत्म होने के बाद थोड़ी देर खुली हवा में घूमें।

इस तरह से थोड़ी सी सावधानी बरतें और अपनी ऑनलाइन पढ़ाई को दिलचस्प तरीके से जारी रखें।

भूल जाने की समस्या से हैं, परेशान तो कुछ उपायों को अपनाकर याददाश्त को करें तेज –

आज के समय में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो बहुत सी बातों, चीजों या कामों को याद नहीं रख पाते हैं। इन लोगों को कमजोर याददाश्त वाला कहा जाता है। बुढ़ापे में तो इंसान को भूलने की समस्या होना आम बात है। लेकिन कुछ नौजवानों या बच्चों में भी भूलने की समस्या पाई जाती है। कई बार इंसान की यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि वह 2 मिनट पहले की बात भूल जाता है। पोषक तत्वों की कमी की वजह से या कई बार कोई चोट लगने से या बीमारी की वजह से इंसान की याददाश्त कमजोर हो सकती है। आपको इस समस्या से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि घरेलू उपाय या नुस्खों को अपनाकर इस समस्या से निजात हासिल किया जा सकता है।

आइए जानते हैं याददाश्त बढ़ाने वाले घरेलू नुस्खों के बारे में –

सेब का सेवन करें :- सेब में क्यूरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है। जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन कोशिकाओं को किसी तरह का नुकसान पहुंचे तो बौद्धिक क्षमता को बहुत नुकसान पहुंचता है। और याददाश्त करने की शक्ति में गिरावट आती है।

ब्राह्मी से याददाश्त को बढ़ाया जा सकता है :-

याददाश्त को तेज करने और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए या इसमें सुधार लाने के लिए ब्राह्मी सबसे बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक है। प्राचीन काल से ब्राह्मी को याददाश्त शक्ति बढ़ाने वाला यंत्र कहा जाता है। इसमें बैकोसाइड और सिटग्मास्टेरोल जैसे बायोएक्टिव तत्व पाए जाते हैं। जो मस्तिष्क को कार्य करने योग्य तो बनाते ही हैं, बल्कि याददाश्त में भी सुधार लाते हैं।

जिनसेंग से बढ़ाएं अपनी याददाश्त :-

जिनसेंग को भारतीय जिनसेंग या अश्वगंधा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की एंटी-एजिंग जड़ी बूटी है। इसमें जिनसेनोसाइड नामक एक्टिव तत्व पाया जाता है। जोकी याददाश्त और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा मुख्यतौर पर मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संकेत भेजने में सहायता करता है। जिससे चीजों को आसानी से याद रखा जा सकता है।

याददाश्त तेज करने के लिए करें शंखपुष्पी का उपयोग:-

शंखपुष्पी भी याददाश्त को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। विशेषज्ञयों द्वारा किए गए अध्ययन से पाया गया कि शंखपुष्पी मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संबंध को बढ़ाती है। जिससे मस्तिष्क के कार्य करने में सुधार आता है। इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखते हैं और बढ़ती उम्र की वजह से व्यक्ति को याददाश्त कमजोर होने की समस्या से बचाते हैं।

प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करना :-

मेडिटेशन तनाव कम करने और एकाग्रता को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है। अगर मेडिटेशन को प्राणायाम के साथ किया जाए, तो यह याद्दाश्त शक्ति को बढ़ाने के लिए एक वरदान साबित होगा, क्योंकि प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से व्यक्ति का ध्यान बहुत जल्दी एकाग्र होता है। जिससे याददाश्त शक्ति बढ़ती है और प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से दिमाग को ऑक्सीजन मिलता है, जो याददाश्त को बढ़ाने में लाभकारी है।

बादाम का सेवन :-

अगर आपके परिवार में किसी को भूलने की समस्या है, तो एक कटोरी लें। उसमें थोड़ा पानी लें। पानी में 4-5 बादाम भिगो दें। उस बादाम को रात भर पानी में रहने दें और सुबह होते ही उस बदाम को छीलकर उसका पेस्ट बना लें या साबुत उस व्यक्ति को दें। ऐसा रोजाना करने से आप कुछ ही दिनों में उस व्यक्ति में बदलाव देखेंगे। क्योंकि बादाम में याददाश्त मजबूत करने वाला तत्व पाया जाता है।

नशीली चीजों के सेवन से परहेज :-

कई युवा अवस्था के लोग नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। जिससे उनमें याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या पैदा होती है। शराब और नशीले पदार्थों का अधिक सेवन कई तरह से याददाश्त को प्रभावित करता है। वैज्ञानिकों के स्टडी में पाया गया है कि जो छात्र हफ्ते में या महीने में 6 ड्रिंक या इससे ज्यादा ड्रिंक करते हैं। तो उन छात्रों में ना ड्रिंक करने वालों की तुलना में चीजें याद रखने में ज्यादा दिक्कत होती है।

व्यायाम द्वारा याददाश्त को बढ़ाएं :-

शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। कई रिसर्च में सामने आया है कि एक्सरसाइज से सभी वर्ग या उम्र के लोगों की याददाश्त में सुधार लाया जा सकता है। व्यायाम की मदद से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने वाले न्यूरोन्स के विकास में भी सुधार आता है।

पूरी नींद लेना :-

याददाश्त को बढ़ाने और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखने के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल की नौजवान पीढ़ी अपना अधिकतर समय फोन पर या टेलीविजन देखकर खराब करती है और रात भर फोन का इस्तेमाल करते हैं जो कि शरीर के लिए बहुत घातक है। नौजवानों को प्रतिदिन कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।

हल्दी याददाश्त बढ़ाने में कारागार :-

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर को एंटी इंफ्लामेंट्री प्रभाव देता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भी पाया जाता है। करक्यूमिन मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव डैमेज और सूजन को कम करने में बहुत मदद करता है।

निष्कर्ष :-

वैसे तो आप सब भली-भांति जानते हैं कि याददाश्त कमजोर हो तो, कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या की वजह से कई बार इंसान अपना बेशकीमती सामान गंवा बैठता है या कई बार तो उसको अपनी जॉब भी गंवानी पड़ जाती है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि आप ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खों की मदद से या उन्हें अपने जीवन में अपनाकर इस समस्या को दूर कर सकते हैं और अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं।

आलू मटर की टेस्टी कचौरी

अगर आपका कुछ चटपटा व स्वादिष्ट खाने का मन है, तो आलू मटर की कचौड़ी बना कर देखिए। इसे बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता और घर पर उपलब्ध चीजों से यह आसानी से बनाई जा सकती है। इनका जायका भी सब को बेहद पसंद आएगा। यह जाने आलू मटर की चटपटी कचौरिया बनाने का तरीका-

सामग्री

गेहूं का आटा -400 ग्राम।
हरी मटर के दाने -आधा कप पिसे हुए।
एक आलू मध्यम आकार का।
हरा धनिया -एक चम्मच कटा हुआ।
नमक- स्वाद अनुसार।
हरी मिर्च -चार बारीक कटी हुई।
जीरा -चौथाई छोटी चम्मच।
हींग- एक चुटकी।
तेल कचोरिया तलने के लिए

आलू मटर कचौरी बनाने की विधि-

मटर की कचौरी बनाने के लिए सबसे पहले आटे में नमक और थोड़ा सा गर्म तेल डालकर अच्छी तरह मिला लें। फिर इस आटे को अच्छी तरह गूंथ लें। इसके बाद आटे को कुछ देर के लिए सेट होने के लिए रख दीजिए। इसके बाद कढ़ाई में तेल डालकर गर्म करके इसमें हींग और जीरा डालें। इसे ब्राउन होने के बाद इसमें हरी मिर्च, मसला हुआ आलू डालकर इसको थोड़ा सा भून लीजिए।

इसके बाद इसमें पिसी हुई मटर डाल दें, साथ ही इसमें नमक और हरे धनिया भी डाल दें। इसके बाद इसे अच्छी तरह चलाएं और कुछ देर भूने। इसके बाद इसको अलग बर्तन में निकाल ले और कचौरिया तलने के लिए कढ़ाई में तेल डालकर गर्म करने रख दे।

इसके बाद तैयार आटे की लोईया बनाकर इसमें आलू मटर का तैयार मिश्रण भरें। फिर उंगलियों से दबाकर कचौरियों को बंद कर दे। अब इसे हथेली से दबाकर छोटा थोड़ा चपटा कर लें और हल्के हाथ से सभी कचौरियां बेल ले। अब आप कचौरियों को गर्म तेल में डालकर इन्हें धीमी आंच पर ब्राउन होने तक तल लें। तैयार हुई कचौरियों को प्लेट में नैपकिन पेपर पर निकाल ले। आप की चटपटी स्वादिष्ट कचौरियां तैयार है। इन्हें आप सब्जी या चटनी के साथ परोस सकते हैं। चाय के साथ भी इनका जायका लाजवाब लगेगा।

बाल मजदूरी एक व्यापार है बचपन में खेलना बच्चों का अधिकार है-

बाल श्रम का अर्थ- जब मजबूरी में बाल्यावस्था से वंचित होकर किसी बच्चे को कोई काम करना पड़े उन्हें बाल श्रम कहते हैं। बच्चों को परिवार से दूर रखकर उन्हें गुलामों की तरह पेश किया जाता है। किसी भी बच्चे को पैसे व अन्य लालच देकर बाल्यकाल में मजबूरी में करवाया गया काम बाल श्रम कहलाता है।

साधारण शब्दों में बाल श्रम का अर्थ-

जो बच्चे 14 वर्ष से कम आयु के होते हो उनके बचपन, खेल, शिक्षा के अधिकार को छीनकर उन्हें काम में लगा कर कम पैसे देकर उनका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक शोषण करना है।

बाल श्रम गैर-कानूनी है-

बाल श्रम अपराध की श्रेणी में आता है। बाल श्रम को पूर्ण रूप से गैर-कानूनी घोषित किया गया है। भारत के संविधान में 1950 के 24वें अनुच्छेद के अनुसार जो भी बच्चे 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मज़दूरी, ढाबे, होटलों, कारखानों व घरेलू नौकर के रूप में काम करवाना ही बाल श्रम कहलाता है। यदि कोई व्यक्ति छोटी आयु के बच्चों से काम करवाता पकड़ा गया तो उसे उचित दंड दिया जाएगा।

भारत के लगभग 35 मिलियन बच्चें बाल श्रम का शिकार-

एक सर्वे के अनुसार भारत में लगभग 35 मिलियन से ज्यादा बच्चे ऐसे हैं, जो बाल मजदूरी करने में विवश हैं। सबसे ज्यादा बाल मजदूरी बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि देशों में होती है।

वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर 2021 थीम-

Protect children from child labour, now more than ever. Covid -19 के कारण गरीबी रेखा और ज्यादा बढ़ गई है। जिसने गरीब लोगों की आजीविका पर बहुत प्रभाव डाला है। बदकिस्मती से बच्चे अक्सर सबसे पहले पीड़ित होते हैं और उन्हें अपने बड़ों के साथ मिलकर श्रम करना पड़ता है।

वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर का इतिहास-

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ की शाखा है। यह संघ मजदूरों तथा श्रमिकों के हक के लिए नियम बनाती है, जिसे सख्ती से पालन किया जाता है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ कई बार उस पुरस्कृत भी हो चुकी है। आईएलओ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाल श्रम को रोकने के लिए पूरा जोर दिया था, जिसके बाद 2002 में सर्वसम्मति से कानून पास किया गया। जिसके तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराने को अपराध माना जाएगा, इसी साल पहली बार बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून को किया गया।

बाल श्रम दिवस की शुरुआत-

इस दिन की शुरुआत 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ द्वारा की गई। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक शाखा है।जिसके मुताबिक 14 वर्ष से कम बच्चों से काम करवाना एक कानूनी अपराध है। इस सांग द्वारा मजदूरों तथा श्रमिकों के लिए नियम बनाए जाते हैं। उन नियमों का पालन करना सभी के लिए आवश्यक है। ILO के सदस्य 187 देश है।

इस दिवस को मनाने का महत्व-

इस दिन को मनाने का महत्व बाल श्रम की समस्या के खिलाफ सख्त कदम उठाना और इस पर अंकुश लगाना है। यह दिन मुख्य रूप से बच्चों के विकास पर केंद्रित है। यह बच्चों के लिए शिक्षा और पूर्ण जीवन के अधिकार की रक्षा करता है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रचारित 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए कई संगठन सफल प्रयास कर रहे हैं।

गरीबी बाल श्रम का मुख्य कारण-

गरीबी बाल श्रम का एक मुख्य कारण है, इसके कारण बच्चे अपना स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होते हैं और अपनी आजीविका के लिए अपने माता-पिता का समर्थन करने के लिए होटलों पर दुकानों पर इत्यादि जगह पर काम करते हैं। इसके अलावा कुछ संगठित अपराध रैकेट द्वारा बाल श्रम करने पर मजबूर किया जाता है। जैसे- नशे बनाने इत्यादि।

कैसे बाल श्रम को रोका जा सकता है-

  • छोटे-छोटे बच्चों से कई तरह के काम करवाए जाते हैं। शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है। कई बच्चे देश दुनिया में ऐसे जिनका बचपन बाल श्रम ने छीन लिया है। बच्चों को शिक्षा से जो जोड़ कर बाल श्रम को रोका जा सकता है।
  • राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में लड़कियां और लड़के ऐसे कामों में शामिल है। जो उन्हें शिक्षा स्वास्थ्य अवकाश और बुनियादी स्वतंत्रता प्राप्त करने से वंचित करते हैं उनके अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।
  • बाल श्रम को केवल एक श्रम विभाग के द्वारा ही नहीं रोका जा सकता नहीं, बल्कि पूरे समाज का दायित्व बनता है कि जनजागरण व जागरूकता के जरिए इसे रोका जाए। 12 जून को बाल श्रम समस्या के खिलाफ विश्व दिवस के रुप में चिन्हित किया गया है और बाल श्रम की समस्या पर ध्यान दिया गया है। हर साल लाखों बच्चों को काम करने के लिए मजबूर किया जाता है, बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए संगठन आई एल ओ इत्यादि प्रयास कर रहे हैं।
  • हमें खुद जागृत होना चाहिए, बाल श्रम को खत्म करने में मदद करने के लिए कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। स्त्री और वेश्यावृति जैसी अवैध गतिविधियों के लिए बच्चों को मजबूर किया जाता है, इस वजह से बच्चों को बाहर श्रम की समस्या के बारे में जागरूक करने और उनकी मदद करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। बच्चे देश का भविष्य है बाल श्रम के बारे में बच्चों को जागृत करके हम उनका भविष्य जागृत कर सकते हैं।

निष्कर्ष-

हमें भी जिम्मेदार होना चाहिए कि कोई बच्चा बालश्रम में ना फसा हो। हमें बाल श्रम को खत्म करने में मदद के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। यह सही ढंग से कहा जाता है कि बाल श्रम से निकलने वाले बच्चों को उसकी क्षमता और आत्म मूल्य पता चलता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐसे बच्चे देश और दुनिया के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान देंगे बच्चे देश का गौरव है।

  • डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा राम रहीम जी ने सुनारिया जेल से अपनी माता, डेरा प्रबंधक व करोड़ों अनुयायियों को लिखी चिट्ठी।
  • पत्र में किसान आंदोलन का किया जिक्र।
  • लिखा प्रभु अन्न दाता और देश के राजा को राह दिखाएं, ताकि देश तरक्की के रास्ते पर चले।
  • देश मे सुख शांति के लिए करोड़ों अनुयायियों से की व्रत रखने की अपील। आपकी जानकारी के लिए बता दें, हाल ही में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने सुनारिया जेल से अपनी माता, डेरा प्रबंधक व करोड़ों डेरा अनुयायियों के नाम पत्र लिखा है। आपको बता दें, गत रविवार को यानी 28 फरवरी को डेरा सच्चा सौदा में आयोजित नामचर्चा कार्यक्रम के दौरान बाबा राम रहीम जी की चिट्ठी को पढ़कर सुनाया गया। पत्र में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख जी ने देश के अन्नदाता व देश के राजा के बीच चल रहे विवाद का जिक्र किया है। बाबा राम रहीम सिंह जी ने पत्र मे यह लिखा कि हम सतगुरु राम जी से प्रार्थना करते हैं कि हमारे देश के अन्नदाता व देश के राजा में जो भी विवाद चल रहा है, प्रभु दोनों को सही राह दिखाएं। देश-संसार में सुख शांति व खुशहाली के दरवाजे खुल जाए। बाकी प्रभु उसी में खुश रखना, जिसमें आपकी रजा हो। 26 फरवरी को भेजा गया सुनारिया जेल से पत्र-

आपको बता दें डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम जी द्वारा भेजी गई चिट्ठी पर जेल प्रशासन द्वारा 26 फरवरी की मुहर लगी है। इस पत्र को डेरा सच्चा सौदा में रविवार को आयोजित नाम चर्चा में पढ़कर सुनाया गया। इससे पहले भी डेरा सच्चा सौदा होने वाली नामचर्चाओं में बाबा राम रहीम जी के पत्र को पढ़कर सुनाया जाता है। बाबा राम रहीम जी ने अपनी माता को समय पर दवाईयां लेते रहने का परामर्श देते हुए लिखा है कि हम जल्द आकर आप का इलाज करवाएंगे। इसके साथ ही डेरा प्रमुख ने देश की सुख शांति के लिए अपने अनुयायियों से 1 दिन का व्रत रखने की अपील की व जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित करने का भी जिक्र किया है।

महा रहमोंकरम यानी गुरुगद्दी दिवस पर आयोजित किया गया था यह कार्यक्रम

आपको बता दें 28 फरवरी को डेरा सच्चा सौदा के दूसरे अध्यात्मिक गुरु परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज को बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने गुरुगद्दी पर बिठाया था। इसी उप्लक्ष्य में रविवार को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था व 61वां महा रहमोंकरम दिवस मनाया गया। इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आए लोगों ने शिरकत की व पूज्य गुरु संत डॉक्टर गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के रिकॉर्डिड वचनों को ध्यानपूर्वक श्रवण किया।

इससे पहले भी डेरा प्रमुख भेज चुके हैं तीन पत्र

आपकी जानकारी के लिए बता दे, डेरा सच्चा सौदा में बाबा राम रहीम जी इससे पहले भी तीन पत्र लिखकर भेज चुके हैं। यह उनके द्वारा भेजा गया चौथा पत्र है। जिसको नामचर्चा में सभी के समक्ष पढ़कर सुनाया गया। आपको बता दे रविवार के सत्संग कार्यक्रम के बाद यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। डेरा प्रमुख ने पत्र में लिखा- भगवान जो भी करते हैं 100% सही करते थे और उस करेंगे भी 100% सही। पूज्य गुरु जी ने डेरा अनुयायियों को घर से बाहर निकलते समय मास्क लगाने का भी आग्रह किया है।