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Chandigarh Tourist Places: अगर आपका वीकेंड में घूमने का है प्लान, तो 2 दिनों में चंडीगढ़ की इन जगहों को कर सकते हैं आप कवर

Best Places to Visit in Chandigarh: यदि आप घूमने का सोच रहे हैं, तो चंडीगढ़ शहर में ऐसी कई जगह हैं जहां पर आप अपने वीकेंड को बहुत ही अच्छे तरीके से enjoy कर सकते हैं। आइए आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताते हैं, जहां आप बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं और आपका ज्यादा समय भी बर्बाद नहीं होगा। चंडीगढ़ के ये स्थान बेहद शांत और खूबसूरत हैं।

Top and Famous  Chandigarh tourist places: जब भी हम घूमने की बात करते है, तो एक्साइटमेंट तो बहुत ज्यादा हो जाती है, बहुत से लोगों को घूमना बहुत पसंद होता है। लेकिन जैसे ही ट्रैवलिंग (Travelling) के बारे में सोचते है, तो लगता है कि एक से दो दिन तो सफर में ही बीत जाएंगे। घूमने का तो समय ही नहीं मिलेगा। तो घबराइए मत, यदि आप घूमना भी चाहते हैं और अपनी ट्रैवलिंग का समय भी बचाना चाहते हैं, तो ऐसी बहुत से place हैं, जो आपके शहर में मौजूद हैं। जहां जाने के लिए आपके पास समय ही समय है।

घूमते-घूमते हुए गुजारें अपना वीकेंड- यदि आप लोग चंडीगढ़ घूमने का प्लान कर रहे हैं, तो यहां ऐसी कई जगहें हैं, जहां पर आप अपना वीकेंड बहुत ही अच्छी तरह से enjoy कर सकते हैं। आप किसी दूसरे शहर से आए हैं तो भी आप यहां शानदार वीकेंड गुजार सकते हैं और अगर आप चंडीगढ़ (Weekend Plan in Chandigarh) के बाहर भी आस-पास जाना चाहते हैं, तो भाई क्या ही कहने। चंडीगढ़ से कुछ ही दूरी पर कुछ हिल स्टेशन भी है, जहां जाने में आपको ज्यादा समय नहीं लगेगा।

चंडीगढ़- शांत और खूबसूरत- आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने वाले हैं, जहां आप बड़ी आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां जाने पर आपका समय ज्यादा बर्बाद नहीं होगा। चंडीगढ़ की ये जगहें बेहद शांत, रोमांचक और खूबसूरत हैं। यानी की आप आराम से अपनी छुट्टियां एन्जॉय कर सकते हैं। इतना पढ़ने के बाद मन में चंड़ीगढ़ जाने के बारे में एक बार तो सोच ही लिया होगा आपने।

चंडीगढ़ में क्या है खास – आइये पहले चंडीगढ़ के बारे में कुछ जान लेते हैं। जी हां यदि आप कहीं घूमने जाने का प्लान कर रहें हैं तो जाहिर सी बात है कि आपको उस जगह के बारे में पता होना चाहिए। बहुत नहीं पर थोड़ा बहुत इतिहास जानना तो बनता है न दोस्त।
सबसे पहले आपको जानकारी के लिए बता दें कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब की राजधानी है। हालांकि, देश आज़ाद होने से पहले पंजाब की राजधानी लौहार हुआ करती थी, लेकिन देश की आज़ादी के बाद नई राजधानी की जरूरत पड़ी और 1947 में चंडीगढ़ को पंजाब की राजधानी घोषित किया गया। चंडीगढ़ का नाम यहां पर स्थित प्रसिद्ध धार्मिक मंदिर मां चंडी मंदिर के नाम से मिला है। ये दिल्ली से 245 किलोमीटर दूर स्थित है। देश-दुनिया के पर्यटक यहां आते हैं। तो चलिए शुरू करते हैं रॉज गार्डन से और रॉक गार्डन से जो यहां सबसे ज्यादा फेमस है। जहां घूमने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा होती है।

रोज गार्डन (Rose Garden)- चंडीगढ़ में स्थित रोज गार्डन(Rose Garden) को एशिया(Asia) के सबसे बड़े रोज गार्डन में से एक माना जाता है। रोज गार्डन चंडीगढ़ (Chandigarh) में रॉक गार्डन के बाद सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला गार्डन है। रोज गार्डन का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के नाम पर रखा गया है। इस खूबसूरत उद्यान की स्थापना 1967 में की गई थी। यह पार्क 10 एकड़ में फैला हुआ है और यहां गुलाब की कई प्रजातियां है। इन्हें बेहद खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित किया गया है। यहां 1600 से अधिक तरह के फूल पाए जाते हैं। आपको बता दें कि इस रॉज गार्डन में वार्षिक गार्डन फेस्टिवल भी मनाया जाता है। ये फरवरी और मार्च के दौरान एक प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रम(cultural program) होता है।

आख़िर क्या है खास रोज़ गार्डन में:- यहां तरह-तरह के गुलाब के फूल मिलेंगे। यहां 32,500 किस्म के पेड़ व औषधीय पौधे मौजूद हैं। यहां लोगों के लिए जॉगिंग ट्रैक भी उपलब्ध है और लोगों को आकर्षित करने के लिए पानी का फव्वारा भी है।

रॉक गार्डन (Rock Garden)- रॉक गार्डन चंडीगढ़ शहर की जानी-मानी घूमने की जगह है। यह चंडीगढ़ की सबसे ज्यादा घूमने वाली जगहों में से एक है। यहां सबसे ज्यादा पर्यटकों का आना-जाना है। यह गार्डन मूर्तिकला, वास्तुकला और पौराणिक कथाओं का मिश्रण है। रॉक गार्डन चंडीगढ़ में स्थित 35 एकड़ की भूमि में बनाया गया एक बड़ा गार्डन है। इसकी खास बात यह है कि यह घरेलू कचरे और कई औद्योगिक वस्तुओं से बनाया गया है। इस उद्यान में चूड़ियां, चीनी मिट्टी के बर्तन, टाइलें, बोतलें और बिजली के कचरे जैसी वस्तुओं का उपयोग करके मूर्तियां बनाई गई हैं।

इतिहास- History
रॉक गार्डन के पीछे की कहानी यह है कि इसके संस्थापक नेक चंद ने 1957 में अपने खाली समय में गुप्त रूप से इस गार्डन को बनाना शुरू किया था। इस गार्डन का layout एक खोए हुए साम्राज्य की कल्पना पर आधारित है। इसमें 14 कमरे बने हुए हैं। लगभग हर त्योहार के समय रॉक गार्डन त्योहार जैसा माहौल बना देता है।

आखिर क्या खास है रॉक गॉर्डन में?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मनुष्यों और जानवरों की आकृतियां बनाने के लिए टूटे हुए कांच के टुकड़े, शौचालय के उपकरण और टूटी टाइलों का उपयोग किया गया है। रॉक गार्डन में जाने के बाद आपको ऐसा लगेगा, जैसे आप किसी गांव में आ गए हों। इसमें सुंदर झोपड़ियां बनाई गई है। यह गार्डन रोमन वास्तुकला से प्रेरित होकर बनाया गया है। यहां बच्चों के लिए झूले भी लगे हुए हैं। यहां झरने और एक्वैरियम भी बने हुए हैं, जहां हम चारों ओर घूमती हुई मछलियां भी देख सकते हैं। यहां पर एक तरह का ओपन एयर थिएटर है, जिसकी सीढ़ियों पर बैठकर आप हंसता हुआ दर्पण प्रदर्शन, एंटीक वस्तुओं की दुकान, ऊंट और रेलगाड़ी की सवारी और फूड कोड का आनंद ले सकते हैं।

पता और एंट्री फीस:
ये उद्यान चंडीगढ़ के उत्तर मार्ग, सेक्टर-1 में स्थित है। यहां पर एंट्री फीस भी है। बड़ों के लिए 30 रुपए और बच्चों के लिए- 10 रुपए ticket है।

सुखना लेक (Sukhna Lake): Sukhna Lake भी चंडीगढ़ में आकर्षण का केंद्र है। आपको बता दें सुखना लेक 3 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है, सुखना लेक में सर्दियों के महीनों में कई विदेशी प्रवासी पक्षी, साइबेरियन, बत्तख और क्रेन का आवागमन होता है। सुखना लेक (Sukhna lake) को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय आर्द्रभूमि घोषित किया गया है। मानसून के समय यहां अधिकतर लोग यहाँ पर घूमने आते हैं। यहां पर ज़्यादातर लोग अपने परिवार को लेकर आते हैं। सुखना लेक एशिया में नौकायन व नौकायन आयोजनों के लिए प्रचलित है।

क्या खास है सुखना लेक में: Boating: यहां पर लोग सैलानी बोटिंग भी करते हैं। यहां पर आपको 2 सीटर, 4 सीटर, शिकारा बोट, सोलर क्रूज मिल जाती हैं, जिसमें बोटिंग करके आप इस लेक का आनंद उठा सकते हैं और अपने वीकेंड को यादगार बना सकते हैं।
Park: इस लेक पर पार्क भी बनाया गया है। जिसमें बच्चे ट्रेन की सवारी कर सकते हैं। यहां पर बुल राइड भी की जाती है, जो बेहद मजेदार होती है यक़ीनन यह आपको बहुत पसंद आएगी।
Food court: यहां पर खाने-पीने के लिए सिटको कैफेटेरिया, शेफ लेक व्यू और कई फूड कोर्ट बने हुए हैं।
सुखना लेक की सुंदरता को बढ़ाने के लिए यहाँ पर विभिन्न मूर्तियां भी बनाई गई हैं। यहां आपको जॉगिंग ट्रैक भी मिलेगा, जहां पर आप सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य का आनंद उठा सकते हैं।

कहां है स्थित सुखना लेक- Address
सुखना लेक(Sukhna lake) चंडीगढ़ शहर के सेक्टर-1 में स्थित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां पर जाने के लिए कोई एंट्री फीस नहीं है।

सेक्टर-17 मार्किट – Sector -17 Market
आप चंडीगढ़ घूमने आ ही गए हैं, तो मन कर रहा होगा कि थोड़ी शॉपिंग भी की जाए। चंडीगढ़ का सबसे फेमस मार्केट यहां पर सेक्टर-17 में है। शहर के बीचों-बीच होने के कारण इसे सिटी सेंटर भी कहा जाता है। यह इलाका 240 एकड़ में बना हुआ है। यहां पर आपको कई बड़े ब्रांड की दुकाने, इंटरनेशनल फूड भी मिलता है। खाने-पीने की सभी दुकानें सेक्टर-17 के बाज़ार में मिल जाती हैं।

क्या है खास यहाँ पर?
यहां एक मूवी थिएटर है। यहाँ पर स्थानीय दुकानें और अंतर्राष्ट्रीय ब्रेंड स्टोर है। शाम के म्यूजिकल फाउंटेन शो होता है, जो कि 7 बजे, 8 बजे और 09:00 बजे आयोजित किया जाता है। इन म्यूजिकल फाउंटेन शो में लोग इतने घुल जाते हैं कि वे खुद नाचने गाने लगते हैं।

चंडीगढ़ में स्थित म्यूजियम : Museum in Chandigarh

चंडीगढ़ के म्यूजियम बड़ी तेजी से पर्यटकों के लिए आकर्षणों का एक अहम हिस्सा बन रहे हैं। चंडीगढ़ में प्रतिष्ठित सरकारी संग्रहालय, आर्ट गैलरी, चंडीगढ़ के तीन वास्तुकला संग्रहालय, प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय, अंतर्राष्ट्रीय गुड़िया संग्रहालय, रॉक गार्डन में राग गुड़िया संग्रहालय और उच्च न्यायालय संग्रहालय लोगों के लिए इतिहास के बारे में जानने के लिए बेहद खास बनता जा रहा है। ये संग्रहालय चंडीगढ़ में घूमने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं।

इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम- इंटरनेशनल डॉल्स म्यूजियम की स्थापना वर्ष 1985 में बाल भवन परिसर में की गई थी। इसमें 25 देशों (25 countries) की विरासत गुड़ियों का संग्रह दिखाया गया है। जिसमें ऐतिहासिक, भौगोलिक कलात्मक, सामाजिक-सांस्कृतिक, फैशन डिजाइन और पोशाक विशेषताओं के साथ विदेशी और स्वदेशी गुड़िया शामिल हैं। इसमें बच्चों के लिए गुड़ियों के रंगीन आदमकद कटआउट भी हैं।
इस खबर से जुड़ी सभी जानकारी चंडीगढ़ की अधिकारिक वेबसाइट (official website) से ली गई है।

Dera Chief Gurmeet Ram Rahim को मिली 50 दिनों की पैरोल

हरियाणा स्थित डेरा सच्चा सौदा के Chief जो आए दिन सुर्ख़ियों में रहते है उनको एक बार फिर मिली पैरोल। इस बार यह पैरोल 50 दिनों के लिए मिली है। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को इस पैरोल के लिए मंजूरी दी है। जिसके तहत Dera Chief कभी भी जेल से बाहर आ सकते हैं। रोहतक की सुनारिया जेल में रह रहे Gurmeet Ram Rahim पहले भी कई बार पैरोल पर बाहर आ चुके हैं। हरियाणा सरकार का कहना है कि उन्हें यह फरलो नियमों के आधार पर ही दी जाती है।

आख़िरकार Baba Ram Rahim को कितनी बार मिल चुकी है Parole-

2022 से अब तक उनकी यह 7 वीं पैरोल होगी। पैरोल के दौरान Dera Chief यू.पी. के बागपत जिले के बरनावा आश्रम में रहेंगे। इससे पहले भी Dera Chief बरनावा आश्रम में ही रूकते आए हैं। हाल-फिलहाल नवंबर 2023 में Gurmeet Ram Rahim को 21 दिनों की पैरोल दी गई थी। हालांकि कुछ कारणों के चलते उन्हें सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम में जाने की अनुमति नहीं दी जाती है। जिसके चलते Dera Chief वर्चुअल माध्यमों के द्वारा अपने अनुयायियों से रू-ब-रू होते रहे है।

क्या सच में Baba Ram Rahim की पैरोल को लेकर दी जाती है अतिरिक्त ढील?

आपकी जानकारी के लिए बता दें, इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरुण शर्मा से जब पूछा गया कि क्या बाबा राम रहीम को बार-बार पैरोल देते हुए ढील बरती जा रही है? तो इस पर अधिवक्ता ने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कोई भी कैदी अपनी सजा का कुछ हिस्सा जेल में बिता चुका है और इस दौरान उसका व्यवहार और आचरण ठीक रहा है तो उसे पैरोल दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि हर साल तिहाड़ जेल से सैकड़ों कैदी पैरोल पर बाहर आते हैं। उन्होंने बताया दरअसल, जब हम बड़े मामलों से जुड़े अपराधियों पर ज्यादा गौर करते हैं, तो हमें लगता है कि उनको अतिरिक्त सुविधा दी जा रही है। जबकि सत्य यह है की ऐसा बिलकुल नहीं होता है। यह राज्य सरकार का विशेषाधिकार होता है। अगर सरकार को लगता है कि सजा काट रहे व्यक्ति के आचरण में सुधार है, उसके आवेदन का आधार मजबूत है और उसकी रिहाई से कोई नुकसान नहीं है तो उसे पैरोल दी जा सकती है।

बाबा(Baba Ram Rahim) की पैरोल को लोगों की प्रतिक्रिया-

राम रहीम की पैरोल इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। यह एक ऐसा विषय है जिस पर समाचारों और जनता में बाबा राम रहीम सिंह की पैरोल की ख़बर आते ही काफी हलचल पैदा हो जाती है। सिक्के के अगर एक पहलू की तरफ़ देखें तो कुछ लोग बाबा राम रहीम की पैरोल की ख़बर सुनते ही वाद विवाद शुरू कर देते हैं। वहीं बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं, जो बाबा राम रहीम के आने का बेसब्री से इंतज़ार करते है। उनका मानना है कि जब इनके गुरु जी पैरोल पर आते हैं, तो वह अपने श्रद्धालुओं को इंसानियत की शिक्षा व परहित कार्यों को करने का आह्वान करते है। हैरानी कर देने वाली बात यह है कि इन लोगों का मानना है कि बाबा राम रहीम हर नेक कार्य की शुरुआत स्वयं करते हैं उसके बाद ही लोगों को वह कार्य करने का आह्वान करते है ।

Gurmeet Ram Rahim जब भी पैरोल पर बाहर आए हैं, तो अपना समय मानवता को समर्पित करते रहे हैं। अपने इस समय में उन्होंने कई मुहिम शुरू की, जिसके तहत देश को नशा मुक्त बनाने का उनका प्रयास प्रमुख रहा। इसके लिए उन्होंने डेप्थ(DEPTH) और सेफ(SAFE) मुहिम चलाई और नशों के खिलाफ समाज को जागरूक करने के लिए कई भाषाओं में गीत भी बना चुके हैं। जिनसे प्रभावित होकर लाखों की संख्या में लोग हर बार नशे छोड़कर स्वस्थ समाज की ओर कदम बढ़ाते हैं।

Dera Chief को मिली इस पैरोल से डेरा प्रेमियों से चेहरे खिल उठे हैं। Baba Ram Rahim जब भी बाहर आते हैं, तो करोड़ों अनुयायी उनके द्वारा चलाये जा रहे 161 मानवता भलाई के कार्यों द्वारा अपनी खुशी जाहिर करते हैं। जनवरी 2023 में पूरे हरियाणा व राजस्थान को 5 से 6 घंटो में स्वच्छता अभियान चलाकर शीशे की तरह चमका दिया था। Dera Chief की फरलो उनके अनुयायियो के लिए किसी त्योहार के समान होती है।

Conclusion

आज आपके साथ पैरोल से जुड़ी कुछ बातें साँझा की और आपने बाबा राम रहीम से जुड़ी कुछ बातें जानी। बाबा द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई के कार्यों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। उनका आचरण इस बात पर पुनर्विचार करने के लिए कहता है कि हम उनकी पैरोल को कैसे देखते हैं सकारात्मक या नकारात्मक!

Winter Destinations- सर्दियों में घूमने की कर रहे हैं प्लानिंग, तो यह जगह है सबसे अच्छी

घूमना-फिरना हर इन्सान को अच्छा लगता है। सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। उत्तर भारत में अब मौसम बहुत रफ्तार से बदल रहा है।

सर्दी का मौसम हर इंसान को बहुत पसंद आता है। क्योंकि इस मौसम में घूमने-फिरने और खाने-पीने का एक अपना अलग ही मजा होता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, भारत में बहुत सी ऐसी जगह हैं, जहां सर्दियों में घूमने का अलग ही मजा है। कईं जगहों पर इस मौसम में बर्फबारी शुरू हो जाती है।

सर्दियों में छुट्टियों में अगर आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो एक बार इन जगहों पर जरूर जाएं। ये जगह सुकून और शांति से भरपूर हैं, जहां आप एक बार जाकर हर बार जाना पसंद करेंगे।

भारत में घूमने की सबसे अच्छी जगह-

  1. केरल
  2. गोवा
  3. राजस्थान
  4. हिमाचल के सबसे लोकप्रिय स्थल
    शिमला, मनाली और धर्मशाला।

 

1.केरल-

केरल दक्षिण भारत में बसा वो राज्य है जो बीच और बाँधों के लिए मशहूर है। इसे “ईश्वर का अपना घर” के नाम से भी जाना जाता है। यहां विभिन्न प्रकार की चाय और कॉफी की चुस्कियाँ लेते-लेते आपका मन नहीं भरेगा।
बारिश के बाद केरल की हरियाली का अपना ही अलग रंग होता है। यहां खड़े मसालों की सौंधी खुशबू आपको रसोई के नटखट और चटपटे स्वाद का स्मरण करवाएगा। केरल के दर्शनीय स्थल आपके इन सभी एहसासों को जीवंत कर देंगा।

केरल में प्रकृति से प्यार करने वालों के लिए सुंदर पहाड़ी स्टेशन, महासागर प्रेमियों के लिए सुनहरे सुंदर तट, पशु प्रेमियों के लिए विदेशी वन्यजीवन, शरीर और दिमाग को शांत करने के लिए आयुर्वेदिक मालिश और योग सब का अपना-अपना अलग महत्व है।

केरल में घूमने के लिए यादगार स्थल –

नाव की सवारी करने वालों के लिए अलापुला, थेककाड़ी और वेम्बानाद बहुत ही शानदार स्थल है।
वन्यजीव प्रेमियों के लिए साइलेंट वैली नेशनल पार्क, पेरियार टाइगर रिजर्व और कुमारकाम पक्षी अभ्यारण्य बहुत अच्छी जगह है। पक्षी प्रेमियों के लिए कन्नूर और कोझिकोड जिलों में स्थित वायनाड स्थल। धार्मिक स्थल में श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर ज़ो की भगवान विष्णु की कलाकारी का प्रसिद्ध मंदिर है।

2. गोवा –

शीतकालीन मौसम में घूमने के लिए गोवा बहुत ही सुंदर और प्राकृतिक नज़ारों से भरा रमणीक स्थल है।
वैसे तो यहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं। लेकिन सर्दी के मौसम में गोवा में घूमने का अलग ही नजारा है।
नए साल का जश्न मनाने के लिए गोवा सबसे बढ़िया स्थान है।
गोवा को भारत की पार्टी राजधानी भी कहा जाता है। यहां के रोमांचित सुनहरे समुद्र तट रोमांचक जल खेल, पारिवारिक व्यंजन, पुर्तगाली संस्कृति और जीवंत त्यौहार इस स्थान गोवा को भारत का सबसे बढ़िया सर्दियों में घूमने का अवकाश स्थल बनाते हैं।

यहां के समुद्री तट, आकर्षक चर्च, मंदिर, पुराने किले, लहराते पेड़, कार्निवल मांडवी नदी के तट पर क्रुज की सवारी आदि पर्यटकों के लिए सबसे आकर्षण का केंद्र है।
आपको बता दें कि दिसंबर में घूमने की सबसे अच्छी जगह गोवा है। अतः अगर आप भी अब की बार कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इस बार गोवा जरूर जाएं।

3. राजस्थान –

राजस्थान भारत के पश्चिम में स्थित है। राजस्थान ना केवल अपनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां के प्राचीन महल, किले, परंपरा, वेश भूषा, राजशाही इतिहास सब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।

हालांकि राजस्थान में ज्यादा ठंड नहीं होती, लेकिन सर्दी के मौसम में यहां घूमने का नजारा बेहद खूबसूरत होता है।
यहां के प्राचीन किले, “गढ़” के नाम से बहुत प्रसिद्ध है।
राजस्थान के महाराजाओं की संस्कृति और परंपरा को उनके चमकदार किलों व राजसी कलाकारियों में साफ-साफ देखा जा सकता है।

राजस्थान में घूमने के प्रसिद्ध स्थल व स्थान-
जोधपुर, रणथंबोर, जैसलमेर, उदयपुर, बीकानेर और माउंट आबू आदि राजस्थान में घूमने के बहुत ही सुंदर स्थान हैं।

पुष्कर और अजमेर तीर्थ अद्भुत तीर्थ स्थान है।
इन स्थानों पर आकर आप खुद को भगवान के शरण में आया महसूस कर सकते हैं। यहाँ आप अपने को बहुत ही शान्त महसूस करेंगे।
बीकानेर और बूंदी राजस्थान की विरासत और राजशाही से भरे शहर हैं।
शाही महल और गजनेर पैलेस बीकानेर का प्रसिद्ध यात्रा स्थल है।
जोधपुर वास्तुकार प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
जैसलमेर मिठाई सीहोर और ऊंट की सवारी के लिए प्रसिद्ध स्थल है।

इस प्रकार राजस्थान की विभिन्न जगहों की कला और लोक नृत्य काफी मनोहर है। यह इंसान के दिलो दिमाग में एक जादू सा कर देते हैं। सर्दियों के मौसम में राजस्थान में घूमने का एक अपना ही आनंद है।

4. हिमाचल के सबसे लोकप्रिय स्थल शिमला, मनाली और धर्मशाला –
सर्दियों में अगर आप हिमाचल में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आप शिमला, मनाली या धर्मशाला जरूर जाएं।
सर्दियों में सैलानियों के लिए हिमाचल की राजधानी “शिमला” बर्फबारी का आनंद लेने के लिए बहुत ही परफेक्ट और सुंदर स्थान है।

शिमला घुमावदार पहाड़ियों और बर्फ से ढके जंगलों से घिरा हुआ बहुत ही सुंदर पर्यटक स्थल है। शिमला साइक्लिंग करने के लिए बहुत अच्छा स्थान है।

मनाली- मनाली हिमाचल में बर्फबारी से घिरा बहुत रमणीक स्थल है। यहां आकर हर कोई अपने आपको स्वर्ग से घिरा पाता है। यहां के पेड़ और देवदार के पेड़ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
मनाली को रंग-बिरंगे फूलों की घाटी कहा जाता है। बर्फ के कारण सर्दियों में यहां हरियाली दूर-दूर तक नजर नहीं आती।

एडवेंचर के शौकीन के लिए मनाली-ट्रैकिंग, स्कीइंग, पैरा ग्लाइडिंग आदि के लिए बहुत अच्छा स्थल है।
मनाली स्कीइंग अभियान, नदी बीस, पर्वतारोहण, अन्य साहसिक खेल और हिमालय के शानदार दृश्य के लिए बहुत प्रसिद्ध है।

धर्मशाला- अगर आप इस बार सर्दियों में किसी शांत स्थल पर घूमने का सोच रहे हैं तो धर्मशाला घूमने के लिए पहाड़ों से घिरा बहुत ही रमणीक और शांत स्थल है।
धर्मशाला को दलाई लामा के “गृहनगर” के नाम से भी जाना जाता है।
बर्फ से ढके हुए पहाड़ों, शांतिपूर्ण मठ, शांत झीलों और चुनौती पूर्ण ट्रैकिंग ट्रेल्स से घिरा धर्मशाला ऐसा स्थल है, जहां अभी तक व्यवसायीकरण अनछुआ है।
यह बहुत ही शांत स्थल है।

अगर आप भी इस बार सर्दियों में कहीं घूमने का सोच रहे हैं तो आप इन रमणीक स्थलों पर जरूर जाएं और प्रकृति का भरपूर आनंद लें।

आईबीपीएस ने निकाली 6000 पदों पर क्लर्क भर्ती-

हाल ही में IBPS ने 2021 क्लर्क भर्ती निकाली हैं। (IBPS) बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान, भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मियों की भर्ती के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा आयोजित करता है। इस वर्ष भी आईबीपीएस ने 6000 रिक्त पदों पर भर्ती निकाली है।

महत्वपूर्ण तिथियां : आईबीपीएस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सीआरपी-XI के तहत क्लर्कों की भर्ती के लिए पंजीकरण प्रक्रिया गुरुवार, 07 अक्तूबर, 2021 से शुरू हो गई है तथा पंजीकरण करने की अंतिम तिथि 27 अक्तूबर, 2021 है।

योग्यता : उम्मीदवारों के पास किसी भी विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक स्तर की डिग्री होनी चाहिए और वह विश्वविद्यालय मान्यता प्राप्त भी होना चाहिए।

फीस : फीस सामान्य वर्ग ( General) व अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 750 रुपए प्रति व्यक्ति है तथा अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजातियां (ST) के लिए ये निःशुल्क है।

आयु सीमा : उम्मीदवारों की आयु कम से कम 20 वर्ष होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा 28 वर्ष है। आरक्षित जातियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में छूट दी गई है।

पंजीकरण प्रक्रिया :
चरण 1: सबसे पहले ibps.in वेबसाइट पर जाएं।
चरण 2: इसके बाद ‘आईबीपीएस क्लर्क भर्ती 2021’ लिंक पर क्लिक करें।
चरण 4: मांगी गई सभी जानकारी भरें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
चरण 5: आवेदन करते वक्त मांगे गए जरूरी दस्तावेजों को सबमिट करें।
चरण 6: यदि आप सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग से है, तो शुल्क का भुगतान करके आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें।
अतः इस प्रकार आप 6 चरणों में अपना आवेदन कर सकते हैं।

प्रवेश पत्र और परिणाम :
आप ऑनलाइन परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र डाउनलोड नवंबर/दिसंबर 2021 के प्रारंभिक कर सकते है।

उसके बाद प्रारंभिक ऑनलाइन परीक्षा दिसंबर 2021 में आयोजित की जाएगी और ऑनलाइन परीक्षा का परिणाम दिसंबर 2021/जनवरी 2022 तक आएगा। उसके तुरंत बाद मुख्य ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए कॉल लेटर दिसंबर 2021/जनवरी 2022 में ही डाउनलोड होंगे और अंतिम परिणाम अप्रैल 2022 तक आने की संभावना है।

सिलेबस:

प्रीलिम्स सिलेबस :

अंग्रेजी भाषा के 30 प्रश्न होंगे जो कुल 30 अंक के होंगे और उनको करने का समय 20 मिनट होगा।

संख्यात्मक क्षमता के 35 प्रश्न होंगे, जो 35 अंक के होंगे और उनको करने का समय 20 मिनट होगा।

रीजनिंग एबिलिटी के 35 प्रश्न होंगे, जो 35 अंक के होंगे और उनको करने का समय भी 20 मिनट ही होगा।

प्रत्येक गलत जवाब के लिए 1/4 की नेगेटिव मार्किंग भी रखी गई है।

प्रीलिम्स के बाद चुने गए उम्मीदवार मुख्य परिक्षा के लिए आमंत्रित किए जाएंगे।

मुख्य परीक्षा का सिलेबस :

सामान्य/वित्तीय जागरूकता के कुल 50 प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा।

सामान्य अंग्रेजी के 40 प्रश्न होंगे सभी प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा
रीजनिंग और कंप्यूटर एप्टीट्यूड के भी 50 प्रश्न आएंगे, जो कुल 60 अंक के होंगे। मात्रात्मक योग्यता के 50 प्रश्न होंगे और प्रत्येक प्रश्न का प्राप्त अंक 1 होगा|

मुख्य परिक्षा को करने के लिए कुल समय 160 मिनट है।

अंत में मुख्य परिक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को दस्तावेजो की जांच के लिए बुलाया जाएगा।

इस प्रकार आईबीपीएस की परिक्षा संपन्न होगी।

भारतवर्ष में हर साल 5 सितम्बर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म वर्ष 1888 में हुआ था। वे एक महान विद्वान और शिक्षक थे, शिक्षा के क्षेत्र में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने अपना जीवन 40 वर्ष तक एक शिक्षक के रूप में बिताया। इसी लिए उनके जन्म दिवस को टीचर्स डे के रूप में मानते हैं।

अक्सर यह कहा जाता है की शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी होते है। हमारे माता-पिता हमारे पहले गुरु होते हैं, क्योंकि वह हमें जन्म देते हैं, लेकिन शिक्षक हमें अच्छे और बुरे का अंतर बता कर हमारे आने वाले भविष्य को उज्जवल बनाते हैं। हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व बहुत बड़ा होता है। शिक्षा हर इंसान के लिए जरुरी है। जिसके बिना हम अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकते है।

गुरु शब्द का अर्थ क्या है?

गुरु शब्द दो अक्षरों से मिलकर बना है, जिसमें पूरा ब्रह्मांड समाया है। ‘गु’ का मतलब है – अंधकार और ‘रु’ का मतलब है – प्रकाश। जो अज्ञानता रूपी अंधकार में ज्ञान का दीपक जला दे, वो ही सच्चा गुरु है।

हमारे जीवन में गुरु की भूमिका-

‘गुरु’ एक शिल्पकार की तरह होता है, जो अपने विद्यार्थियों को सही ज्ञान प्रदान करके उनको एक योग्य नागरिक बनाता है। किसी भी देश को महान और गौरवशाली बनाने में गुरु की अहम भूमिका होती है।

आखिर गुरु की जरूरत क्यों पड़ी?

कोई भी इंसान गुरु के बिना किसी भी क्षेत्र में महारथ हासिल नहीं कर सकता। इंसान को कदम-कदम पर गुरु की जरूरत होती है। गुरु के बिना शिष्य के जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है।

इंसान का पहला गुरु कौन होता है?

मां इंसान की पहली गुरु होती है, जो कि उसको खाना, पीना, बोलना सिखाती है। इसलिए हमारे धर्मों में मां को भगवान का दर्जा दिया गया है। उसके बाद स्कूल , कॉलेज में उसको टीचर, लेक्चरर के द्वारा शिक्षा दी जाती है।

क्या लक्ष्य होता है एक गुरु का अपने शिष्यों के प्रति ?

शिष्यों को हमेशा यह विश्वास दिलाकर कि वे कुछ बन सकते हैं, कुछ कर सकते हैं। उनका यही लक्ष्य रहता है कि वे अपने विचारों से अपने शिष्यों के जीवन में बदलाव लाकर उनके आचरण को और उनको ऊंचाइयों पे ले जाएं।

कैसा होना चाहिए एक गुरु को ?

एक आदर्श गुरु को निष्पक्ष और अपमान से प्रभावित हुए बिना हर समय विनम्र रहना चाहिए। उन्हें छात्रों के स्वास्थ्य और एकाग्रता के स्तर को बनाए रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने चाहिए। छात्रों के मानसिक स्तर में सुधार लाने के लिए पढ़ाई से अलग अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्हें दुनियावी ज्ञान के साथ साथ हमारे धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों का भी ज्ञान देना चाहिए।

निष्कर्ष-

हमारा जीवन बिना गुरु के व्यर्थ है। हमे अपने गुरुओं का आदर सत्कार करना चाहिए। 5 सितंबर का दिन जो हम टीचर्स डे के रूप में मनाते हैं। इस दिन हमें अपने गुरुओं का धन्यवाद करना चाहिए, जिन्होंने हमें शिक्षा दी और एक अच्छा जीवन जीने के काबिल बनाया ।

दुनिया भर में मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत ने गाड़ा झंडा-

आपकी जानकारी के लिए बता दें, हाल ही में भारत अमेरिका को पछाड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माण गंतव्य बन गया है। यह जानकारी रियल एस्टेट सलाहकार कुशमैन एंड वेकफील्ड द्वारा दी गई है। लागत के मोर्चे पर क्षमता बढ़ने की वजह से भारत का आकर्षण विनिर्माण केंद्र के रूप में बढ़ा है।

7 प्रशांत देशों की लिस्ट में शामिल अमेरिका यूरोप व एशिया।

Cushman & Wakefield’s 2021 द्वारा अपने ब्यान में बताया है कि वैश्विक विनिर्माण जोखिम सूचकांक-2021 के मुताबिक चीन पहले स्थान पर है। यह सूचकांक यूरोप, द अमेरिका
एशिया-प्रशांत (एपीएसी) 47 देशों के बीच वैश्विक विनिर्माण के लिए सबसे उपयुक्त स्थानों की वार्षिक रैंकिंग में इस साल शीर्ष 3 देशों में से एक रहा भारत।

Cushman & Wakefield’s 2021 Global Manufacturing Risk Index द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक मांग वाले विनिर्माण गंतव्य में चीन के बाद दूसरा स्थान भारत का हैं।


▪️ तीसरे पर अमेरिका
▪️चौथे पर कनाडा
▪️पांचवें पर चेक गणराज्य
▪️घठे पर इंडोनेशिया
▪️ सातवें पर लिथुआनिया
▪️ आठवें पर थाइलैंड
▪️ नौंवे पर मलेशिया
▪️ दसवें पर पोलैंड

वर्ष 2020 में दूसरे स्थान पर रहने वाला देश अमेरिका और तीसरे स्थान पर भारत था।

पिछले वर्ष की रिपोर्ट से पता चलता है कि अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की तुलना में विनिर्माता अब भारत में रुचि दिखा रहा है।

पिछले वर्ष की भारत की रैंकिंग से इस वर्ष की रैंकिंग में सुधार
ब्यान में यह बताया गया है कि परिचालन की परिस्थितियों तथा लागत की क्षमता को देखते हुए ही विनिर्माण गंतव्य के रूप में भारत का आकर्षण ज्यादा बढ़ा है। Cushman & Wakefield’s 2021 रिपोर्ट में साथ में भी बताया गया है कि भारत ने आउटसोर्सिंग की सभी जरूरतों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। जिसके द्वारा भारत की वार्षिक स्तर की रैंकिंग में सुधार हुआ है।

एयरटेल, वोडाफोन – आइडिया और जिओ कंपनियों द्वारा जारी किए गए ₹130 से भी कम अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लांस

मोबाइल फोंस कंपनी द्वारा अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा प्लांस जारी किए जाते हैं। जिनकी एक समय सीमा होती है। कईं प्लेंस में हमें रोजाना इंटरनेट डाटा मिलता है और उसे उसी दिन में ही खत्म करना होता है।

इस वजह से यूजर्स को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। जैसे कि अगर उस दिन का डाटा खत्म हो जाए, तो उसे दोबारा से 4G इंटरनेट डाटा डलवाना पड़ता है या फिर अगर यूजर्स ने उस दिन अपने 4G इंटरनेट डाटा का इस्तेमाल नहीं किया तो उस दिन का डाटा कंपनी को ही वापस हो जाता है।

इस समस्या को हल करने के लिए कंपनियों ने सस्ते और अनलिमिटेड कॉलिंग 4G इंटरनेट डाटा प्लांस भी उपलब्ध करवाए हुए हैं।

बढ़ती मंहगाई के कारण सभी कंपनियों ने जहां अपने अनलिमिटिड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा प्लान को महंगा कर दिया है, वहीं कंपनियों ने अनलिमिटीड कॉलिंग के 130 रुपए से कम के प्लान भी उपलब्ध करवाए हैं।

इन अनलिमिटेड कॉलिंग प्लांस में कॉलिंग सुविधा 24 घंटे फ्री होती है और इंटरनेट डाटा निश्चित समय के लिए उपलब्ध होता है।

जानिए विभिन्न कंपनियों के अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G डाटा प्लांस के बारे में डिटेल्स में।

एयरटेल का सबसे सस्ता अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा प्लान :–

एयरटेल कंपनी द्वारा अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट के लिए बहुत सारे प्लांस उपलब्ध कराए गए हैं।

लेकिन 129 का प्रीपेड प्लान एक ऐसा है, जिसमें यूजर्स को अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा 24 दिनों के लिए दिया जाता है।

इसमें यूजर्स को 1GB डाटा 24 दिनों के लिए दिया जाता है और यह डाटा यूजर्स को रोजाना उपलब्ध नहीं करवाया जाता।

इसके साथ ही यूजर्स को 300 फ्री SMS और इसके साथ एयरटेल कंपनी अपने यूजर्स को इस प्लान के साथ wynk music और Airtel extreme एप्स के फ्री सब्सक्रिप्शन भी देती है।

अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 4G इंटरनेट के साथ एक ऐसा यही प्लान है, जो एयरटेल कंपनी द्वारा सबसे सस्ता और अच्छा है।

जिओ कंपनी का सबसे सस्ता अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लान :–

जहां एयरटेल कंपनी ने अपने यूजर्स के लिए फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लांस उपलब्ध कराए हैं। वहीं जिओ कंपनी द्वारा भी फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लान उपलब्ध कराया है।

जिओ कंपनी के फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट प्लान में सबसे कम कीमत ₹127 है। जिसकी वैधता 15 दिन की है। किसके साथ यूजर्स को 12GB 4G इंटरनेट डाटा मिलता है।

वोडाफोन आइडिया कंपनी का सबसे सस्ता और अच्छा अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग 4G इंटरनेट प्लान:

अपने यूजर्स को खुश करने में वोडाफोन आइडिया कंपनी भी पीछे नहीं रही।

Vodafone-idea कंपनी द्वारा भी ₹130 से कम फ्री अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा प्लान जारी किया गया है। जिसकी कीमत मात्र ₹129 है। जिसमें यूजर्स को 24 दिन के लिए अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और 2GB 4G इंटरनेट डाटा उपलब्ध कराया जाता है।

इसके साथ vodafone-idea यूजर्स को 300 फ्री SMS सुविधा भी दी जाती है।

वोडाफोन आइडिया कंपनी द्वारा यूजर्स को किसी ऐप का फ्री सब्सक्रिप्शन उपलब्ध नहीं कराया जाता।

अतः अब यूजेस को महंगे प्लान खरीदने की कोई बाध्यता नहीं है। अब यूजर्स ₹130 से भी सस्ते प्लान से अब अनलिमिटेड कॉलिंग और 4G इंटरनेट डाटा जैसी सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं।

गुरु पूर्णिमा का त्योहार आषाढ़ माह में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस बार गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई 2021 शनिवार को मनाई जा रही है। इस दिन महाभारत के रचियता गुरु वेद व्यास जी का जन्म हुआ था‌ उन्हें सम्मान देने के लिए उनके जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहा जाता है।

गुरु शब्द का अर्थ

गुरु शब्द दो शब्दों ‘गू‘और ‘रू’ के मेल से बना है। ‘गू का अर्थ अंधकार और ‘रू’ का अर्थ प्रकाश अर्थात जो अपने शिष्य को अज्ञानता रूपी अंधकार से बाहर निकाले और ज्ञान की ज्योति जलाएं उसे गुरु कहा जाता है

गुरु वह होता है जो हमें आध्यात्मिक ज्ञान देकर हमें सामाजिक जीवन में जीना सिखाता है।

क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का त्योहार –

गुरु पूर्णिमा उन सभी आध्यात्मिक और अकादमिक गुरुजनों को समर्पित परंपरा है, जिन्होंने कर्म योग आधारित व्यक्तित्व विकास और बिना किसी मौद्रिक खर्च के अपनी बुद्धिमता को सांझा किया। इस उत्सव को महात्मा गांधी ने अपने अध्यात्मिक गुरु श्री मद राजचंद्र को सम्मान देने के लिए पुनर्जीवित किया। ऐसा भी माना जाता है कि व्यास पूर्णिमा वेद व्यास के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

क्यों कहते हैं व्यास पूर्णिमा –

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस दिन महाभारत के रचयिता वेदव्यास का जन्म हुआ था। वेदव्यास ने छह शास्त्र व अठारह पुराणों की रचना की थी। उन्होंने महाभारत के साथ-साथ श्रीमद् भागवत और ब्रह्म सूत्र जैसे पुराणों की रचना भी की थी। उन्होंने श्रीमद् भागवत पुराण में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन किया। व्यास जी ने सबसे पहले अपने शिष्य और मुनियों को वेदों और पुराणों का ज्ञान दिया था। इसी कारण इस तिथि को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।

गुरु पूर्णिमा को मनाने का उद्देश्य –

गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे देश भर में बढ़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने का उद्देश्य जीवन में गुरु के महत्व, त्याग को समर्पित है। जोकि आने वाली पीढ़ियों को गुरु और शिक्षक के महत्व को बताना है।

जीवन में गुरु का महत्व –

गुरु के बिना किसी भी मनुष्य की गति नहीं हो सकती। बिना गुरु के कोई भी मनुष्य का जीवन अधूरा है। अपने जीवन के हर लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हमें गुरु के ज्ञान की बहुत आवश्यकता होती है। फिर चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो पढ़ाई हो, धार्मिक हो या अन्य क्षेत्र गुरु के बिना हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते। गुरु के बिना हमें अपने असली जीवन की समझ नहीं आ सकती।

कैसा होता है एक सच्चा गुरु –

सच्चा गुरु वह होता है, जो किसी से कुछ लेता नही बल्कि बदले में झोलिया खुशियों से भर देता है।गुरु एक मोमबत्ती की तरह होता है, जो खुद जलकर दूसरों की अंधेरी जिंदगी में उजाला करता है। गुरु की महिमा को हम लिख बोल कर ब्यान नहीं कर सकते।

गुरु के बिना जीवन –

सच्चे गुरु के बिना हमारा जीवन ऐसा होता है, जैसे पानी के बिना मछली। क्योंकि एक सच्चा गुरु ही है, जो हमें जीवन जीना सिखाता है। मां बाप के बाद हमें जीवन की सही दिशा दिखाता है और जीवन के मुल्य को बताकर जीवन जीना सिखाता है।

कैसे मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा –

आषाढ़ पूर्णिमा का अपना एक अलग स्थान है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और दान के लिए ये महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन भी किया जाता है। गुरु मंत्र प्राप्त करने के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन आप जिसे भी गुरु मानते हैं, उसके प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है और गुरु की पूजा की जाती है। क्योंकि उनके ज्ञान के प्रकाश से जीवन का अंधकार दूर हो जाता है और ईश्वर की प्राप्ति होती है। गुरु का ज्ञान ही जीवन के हर मोड़ को आलोकित करने में सक्षम होता है। प्राचीन काल से लेकर आज तक गुरु शिष्य की परंपरा चली आ रही है। इस दिन केवल गुरु ही नहीं, बल्कि परिवार के भी सभी बड़े सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए और उनको गुरु तुल्य समझ कर आदर करना चाहिए।

निष्कर्ष –

गुरु का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। गुरु के मार्गदर्शन के बिना लक्ष्य की प्राप्ति असंभव है। इसलिए अपने जीवन में गुरु के मार्गदर्शन से हम अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते है। गुरु के ज्ञान से हम सही मार्ग अपनाकर अपनी चुनौतियों को कम करके अपने जीवन का सुधार कर सकते हैं और खुशी-खुशी जीवन व्यतीत कर सकते है।

कोविड-19 के चलते ऑनलाइन एजुकेशन को दिलचस्प बनाने के 5 अनोखे तरीके-

कोरोना के बढ़ते प्रभाव के चलते पूरे देश लॉकडाउन है और स्कूल/कॉलेज बंद है। जिसके चलते बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जा रही है।मोबाइल और कंप्यूटर के जरिए अपनी स्टडी करना कितना मुश्किल है, शायद यह हम नहीं जानते।

मोबाइल फोन लगातार देखने से आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन लॉकडाउन के बढ़ते बच्चे घर पर ऑनलाइन क्लास लगा रहे हैं।घंटों तक ऑनलाइन पढ़ाई करना और फोन/लैपटॉप के आगे बैठे रहना आदि से कई बार बच्चे पढ़ाई से बोर होने लगते हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए टीचर्स को नए तरीके अपनाने की जरूरत है, जिससे बच्चों का मन पढ़ाई में लगाया जा सके।

ऑनलाइन पढ़ाई को दिलचस्प बनाने के तरीके :–

  • Morning में पहली ऑनलाइन class में पढ़ाई शुरू करने से पहले बच्चों की Morning Prayer, Thoughts Of Day, आदि बोलने की ड्यूटी लगाएं। ताकि बच्चे घर पर ही स्कूल जैसे महसूस करें।
  • ऑनलाइन classes के बीच में एक क्लास Entertainment की भी add कर सकते हैं। जिसमें बच्चों को ऑनलाइन Competition भी करवा सकते हैं।
  • बच्चों की online पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए lesson काे Story की तरह समझाएं ।
  • बच्चों को ज्यादा लंबा लेक्चर देने की बजाय, उन्हें प्रैक्टिकल तरीके से समझाएं।
  • बच्चों का ध्यान पढ़ाई में लगाने के लिए रोज Quiz करें।
  • ऑनलाइन पढ़ाते समय टीचर्स फोटो, ग्राफिक और वीडियो का इस्तेमाल करें। इन चीजों से बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई का अगर सही तरीके से किया जाए तो इसका फायदा भी है।

  • अगर आपको कोई लेक्चर समझ में नहीं आया, तो आप उस वीडियो को दोबारा से देख सकते हैं।
  • घर पर आराम से बैठकर कर ऑनलाइन पढ़ाई करना बहुत आसान है।

ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान रखें सावधानी :-

  • ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान घंटों तक मोबाइल फोन या लैपटॉप पर बैठे रहना इससे आंखों पर बहुत असर पड़ता है। इसलिए पढ़ाई के बाद फोन से थोड़ा दूर रहें।
  • लगातार एक ही पोजीशन में बैठे रहना, इससे कमर दर्द आदि प्रॉब्लम हो सकती है। इसके लिए बीच-बीच में चहल कदमी करते रहें।
  • ऑनलाइन क्लास खत्म होने के बाद थोड़ी देर खुली हवा में घूमें।

इस तरह से थोड़ी सी सावधानी बरतें और अपनी ऑनलाइन पढ़ाई को दिलचस्प तरीके से जारी रखें।

भूल जाने की समस्या से हैं, परेशान तो कुछ उपायों को अपनाकर याददाश्त को करें तेज –

आज के समय में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो बहुत सी बातों, चीजों या कामों को याद नहीं रख पाते हैं। इन लोगों को कमजोर याददाश्त वाला कहा जाता है। बुढ़ापे में तो इंसान को भूलने की समस्या होना आम बात है। लेकिन कुछ नौजवानों या बच्चों में भी भूलने की समस्या पाई जाती है। कई बार इंसान की यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि वह 2 मिनट पहले की बात भूल जाता है। पोषक तत्वों की कमी की वजह से या कई बार कोई चोट लगने से या बीमारी की वजह से इंसान की याददाश्त कमजोर हो सकती है। आपको इस समस्या से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि घरेलू उपाय या नुस्खों को अपनाकर इस समस्या से निजात हासिल किया जा सकता है।

आइए जानते हैं याददाश्त बढ़ाने वाले घरेलू नुस्खों के बारे में –

सेब का सेवन करें :- सेब में क्यूरसेटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है। जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इन कोशिकाओं को किसी तरह का नुकसान पहुंचे तो बौद्धिक क्षमता को बहुत नुकसान पहुंचता है। और याददाश्त करने की शक्ति में गिरावट आती है।

ब्राह्मी से याददाश्त को बढ़ाया जा सकता है :-

याददाश्त को तेज करने और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिए या इसमें सुधार लाने के लिए ब्राह्मी सबसे बेहतरीन जड़ी बूटियों में से एक है। प्राचीन काल से ब्राह्मी को याददाश्त शक्ति बढ़ाने वाला यंत्र कहा जाता है। इसमें बैकोसाइड और सिटग्मास्टेरोल जैसे बायोएक्टिव तत्व पाए जाते हैं। जो मस्तिष्क को कार्य करने योग्य तो बनाते ही हैं, बल्कि याददाश्त में भी सुधार लाते हैं।

जिनसेंग से बढ़ाएं अपनी याददाश्त :-

जिनसेंग को भारतीय जिनसेंग या अश्वगंधा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह की एंटी-एजिंग जड़ी बूटी है। इसमें जिनसेनोसाइड नामक एक्टिव तत्व पाया जाता है। जोकी याददाश्त और बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। अश्वगंधा मुख्यतौर पर मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संकेत भेजने में सहायता करता है। जिससे चीजों को आसानी से याद रखा जा सकता है।

याददाश्त तेज करने के लिए करें शंखपुष्पी का उपयोग:-

शंखपुष्पी भी याददाश्त को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। विशेषज्ञयों द्वारा किए गए अध्ययन से पाया गया कि शंखपुष्पी मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संबंध को बढ़ाती है। जिससे मस्तिष्क के कार्य करने में सुधार आता है। इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखते हैं और बढ़ती उम्र की वजह से व्यक्ति को याददाश्त कमजोर होने की समस्या से बचाते हैं।

प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करना :-

मेडिटेशन तनाव कम करने और एकाग्रता को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है। अगर मेडिटेशन को प्राणायाम के साथ किया जाए, तो यह याद्दाश्त शक्ति को बढ़ाने के लिए एक वरदान साबित होगा, क्योंकि प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से व्यक्ति का ध्यान बहुत जल्दी एकाग्र होता है। जिससे याददाश्त शक्ति बढ़ती है और प्राणायाम के साथ मेडिटेशन करने से दिमाग को ऑक्सीजन मिलता है, जो याददाश्त को बढ़ाने में लाभकारी है।

बादाम का सेवन :-

अगर आपके परिवार में किसी को भूलने की समस्या है, तो एक कटोरी लें। उसमें थोड़ा पानी लें। पानी में 4-5 बादाम भिगो दें। उस बादाम को रात भर पानी में रहने दें और सुबह होते ही उस बदाम को छीलकर उसका पेस्ट बना लें या साबुत उस व्यक्ति को दें। ऐसा रोजाना करने से आप कुछ ही दिनों में उस व्यक्ति में बदलाव देखेंगे। क्योंकि बादाम में याददाश्त मजबूत करने वाला तत्व पाया जाता है।

नशीली चीजों के सेवन से परहेज :-

कई युवा अवस्था के लोग नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। जिससे उनमें याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या पैदा होती है। शराब और नशीले पदार्थों का अधिक सेवन कई तरह से याददाश्त को प्रभावित करता है। वैज्ञानिकों के स्टडी में पाया गया है कि जो छात्र हफ्ते में या महीने में 6 ड्रिंक या इससे ज्यादा ड्रिंक करते हैं। तो उन छात्रों में ना ड्रिंक करने वालों की तुलना में चीजें याद रखने में ज्यादा दिक्कत होती है।

व्यायाम द्वारा याददाश्त को बढ़ाएं :-

शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है। कई रिसर्च में सामने आया है कि एक्सरसाइज से सभी वर्ग या उम्र के लोगों की याददाश्त में सुधार लाया जा सकता है। व्यायाम की मदद से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाने वाले न्यूरोन्स के विकास में भी सुधार आता है।

पूरी नींद लेना :-

याददाश्त को बढ़ाने और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ रखने के लिए पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल की नौजवान पीढ़ी अपना अधिकतर समय फोन पर या टेलीविजन देखकर खराब करती है और रात भर फोन का इस्तेमाल करते हैं जो कि शरीर के लिए बहुत घातक है। नौजवानों को प्रतिदिन कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है।

हल्दी याददाश्त बढ़ाने में कारागार :-

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर को एंटी इंफ्लामेंट्री प्रभाव देता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व भी पाया जाता है। करक्यूमिन मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव डैमेज और सूजन को कम करने में बहुत मदद करता है।

निष्कर्ष :-

वैसे तो आप सब भली-भांति जानते हैं कि याददाश्त कमजोर हो तो, कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समस्या की वजह से कई बार इंसान अपना बेशकीमती सामान गंवा बैठता है या कई बार तो उसको अपनी जॉब भी गंवानी पड़ जाती है। आपको इससे घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि आप ऊपर बताए गए घरेलू नुस्खों की मदद से या उन्हें अपने जीवन में अपनाकर इस समस्या को दूर कर सकते हैं और अपने दिमाग को तेज कर सकते हैं।