फिर से पैरोल पर बाहर आ सकता है राम रहीम : जानिए बाबा राम रहीम की ज़िंदगी से जुड़े रहस्य
अक्सर सुर्ख़ियों में रहने वाले बाबा राम रहीम की पैरोल को लेकर चल रही चर्चा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सूत्रों के अनुसार पता चल रहा है कि बाबा राम रहीम जल्द ही पेरोल पर बाहर आ सकते है। गुरमीत राम रहीम जिन्हें अक्सर लोग “राम रहीम” के नाम से भी जानते है। पिछले कुछ सालों से अक्सर सुर्ख़ियों में बना रहता है और बाबा राम रहीम सिंह के सुर्ख़ियों में बने रहने के पीछे एक बड़ी कहानी है।
अगर हम बाबा राम रहीम की कहानी के बारे में बात करें, तो डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख है। बाबा एक प्रसिद्ध गुरू है, जिनके अनुयायी देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। सुर्ख़ियों में रहने वाले बाबा राम रहीमको देश का बच्चा-बच्चा जानता है।
फिलहाल, सुर्खियों में बाबा की पैरोल का विषय है-
एक ऐसा विषय जो राम रहीम की खबरों में सुर्ख़ियों में बना हुआ है। जिस पर बहुत से लोग विवाद करते है और अक्सर उनके यह प्रश्न होते हैं की आख़िर बाबा राम रहीम को इतनी बार पैरोल क्यों दी जाती है? बाबा आख़िर पैरोल पर आने के बाद करते क्या हैं? बाबा राम रहीम की कहानी में जो दिखता है, क्या यही सच्चाई है या उससे अधिक कुछ है?
यह पोस्ट यहां बाबा गुरमीत राम रहीम पैरोल की दिलचस्प दुनिया के बारे में लोगों के मन में जो सवाल है उनको गहराई तक जाकर स्पष्ट करने के लिए है।
आइए एक-एक करके राम रहीम समाचार पर विचार करते हुए, राम रहीम की कहानी पर गौर करें।
क्या पैरोल मिलना सचमुच एक कानूनी अधिकार है?
अक्सर पैरोल कैदी की अस्थायी रूप से रिहाई होती है, लेकिन यह पैरोल कैदी के अनुरोध पर दी जाती है जबकि पैरोल मिलना कैदी का क़ानूनी अधिकार है। पैरोल सरकार द्वारा जेल में बंद लोगों को दिया गया एक मौका है। जिसका उद्देश्य है कि क़ैदी को कुछ समय तक जेल में रहने के बाद सामान्य जीवन में वापस आने में मदद मिलेती है। बाबा राम रहीम की कहानी के मामले में, यह जानना महत्वपूर्ण है कि उन्हें पैरोल देना कोई साधारण बात नहीं है। इस बारे में हरियाणा सरकार का कहना है कि वह राम रहीम को पैरोल देकर कानून का पालन कर रहे है।
आख़िर कितने समय तक पैरोल मिल सकती है-
पैरोल की अवधि एक महीने तक बढ़ाई जा सकती है जबकि फरलो ज्यादा से ज्यादा 21 से 28 दिन के लिए दिया जा सकता है।इन नियमों के मुताबिक उन्हें साल में 70 दिन तक की पैरोल व 21 से 28 दिनकी फ़र्लो मिल सकती है। व 3 साल की जेल में रहने के बाद ये किसी भी क़ैदी का हक़ होती है! इसलिये अगर अपने देश के क़ानून के अनुसार देखा जाए तो राम रहीम पैरोल कोई राजनातिक सहायता दाव पच नहीं है बल्कि कानूनन अधिकार है।
बाबा राम रहीम को कितनी बाबा मिल चुकी है पैरोल?
बाबा राम रहीम इस से पहले चार बार पैरोल पर युपी के बागपत आश्रम में रह चुके है। आपको बता दें यह आश्रम डेरा सच्चा सौदा के दूसरे गुरु शाह सतनाम सिंह जी द्वारा बनाया गया था।
बाबा राम रहीम सबसे पहले 2022 में 17 जून को 30 दिन के लिए आए थे, इसके बाद अक्टूबर में 40 दिन के लिए, फिर साल 2023 में जनवरी में और जुलाई में युपी डेरे में पधारे थे।
क्या सच में बाबा राम रहीम की पैरोल को लेकर दी जा रही है अतिरिक्तप ढील?
इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरुण शर्मा से जब पूछा गया कि क्यात राम रहीम को ढील देते हुए बार-बार पैरोल दी जा रही है? इस अधिवक्ता ने कहा कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है। अगर कोई भी कैदी अपनी सजा का कुछ हिस्साई जेल में बिता चुका है और इस दौरान उसका व्यंवहार और आचरण ठीक रहा है तो उसे पैरोल दी जा सकती है। उन्होंबने बताया कि हर साल तिहाड़ जेल से सैकड़ों कैदी पैरोल पर बाहर आते हैं। उन्होंने बताया दरअसल, जब हम बड़े मामलों से जुड़े अपराधियों पर ज्यादा गौर करते हैं, तो हमें लगता है कि उनको अतिरिक्त सुविधा दी जा रही है। जबकि स्पंष्टय ऐसा बिलकुल नहीं होता है। यह राज्यग सरकार का विशेषाधिकार होता है। अगर सरकार को लगता है कि सजा काट रहे व्येक्ति के आचरण में सुधार है, उसके आवेदन का आधार मजबूत है और उसकी रिहाई से कोई नुकसान नहीं है तो उसे पैरोल दी जा सकती है।
बाबा राम रहीम की पैरोल के बारे में लोगों की प्रतिक्रिया-
आइए जानते है कि आख़िर राम रहीम की पैरोल के बारे में लोग वास्तव में क्या सोचते हैं। राम रहीम की पैरोल इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई है। यह एक ऐसा विषय है जिस पर समाचारों और जनता दोनों में खूब चर्चा हो रही है। राम रहीम सिंह की पैरोल की ख़बर आते ही काफी हलचल पैदा हो जाती है। सिक्के के अगर एक पहलू की तरफ़ देखें तो कुछ लोग बाबा राम रहीम की पैरोल की ख़बर सुनते ही टीवी चैनल सक्रिय हो जाते है वि शुरू हो जाता है वाद विवाद! कुछ लोग इसको ग़लत बताते है तो बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं, जो बाबा राम रहीम के आने का बेसब्री से इंतज़ार करते है। इन लोगों का मानना है कि जब इनके गुरु जी पैरोल पर आते हैं, तो वह अपने श्रद्धालुओं को इंसानियत की शिक्षा व परहित कार्यों को करने का आह्वान करते है। हैरानी कर देने वाली बात यह है कि इन लोगों का मानना है कि बाबा राम रहीम हर नेक कार्य की शुरुआत स्वयं करते हैं उसके बाद ही लोगों को वह कार्य करने का आह्वान करते है ।
पैरोल पर आने के बाद आख़िरकार करते क्या हैं बाबा राम रहीम?
राम रहीम की पैरोल की कहानी को गहराई से जानते कि वह जेल के बाहर अपना समय कैसे बिताते हैं। हालाँकि बाबा को कई बार पैरोल मिल चुकी है। लेकिन अभी भी उनके आने की ख़बर सुर्ख़ियों में है। सूत्रों से पता चला है कि बाबा राम रहीम पैरोल पर जल्द ही आ सकते हैं। लेकिन गौर करते है कि इन अवधियों के दौरान बाबा करते क्या है।
पैरोल के दौरान बाबा राम रहीम ने शुरुआत की नशा मुक्त अभियान की और नाम दिया “डैप्थ मुहीम”-
बाबा राम रहीम पैरोल में एक महत्वपूर्ण पहल जो सामने आई है वह है “डेप्थ मुहीम”। इस अभियान की शुरुआत खुद गुरुमीत राम रहीम ने की थी। इस मुहीम का उद्देश्य देश को, विशेषकर युवा पीढ़ी को नशीली दवाओं की लत और अन्य मादक द्रव्यों के सेवन से बचाना है।
राम रहीम की पैरोल के दौरान शुरू हुआ यह अभियान युवाओं को नशे रूपी दैत्य को समाज से दूर भगाने व युवा पीढ़ी को नशे की लत से उबरने के लिए सशक्त बनाता है। लोगों का दावा है कि इस मुहीम से जुड़कर लाखों लोगों ने नशे रूपी दैत्य का त्याग किया है।
क्योंकि बाबा एक किसान है तो इस टाइम में बाबा काफ़ी समय खेती को देते हैं व खेती के आधुनिक तरीको को आज़माते है और साथ ही ये अपने सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरो को भी बताते हैं। इस तरह से बाबा लगभग अपना समय कोई ना कोई नया सामाजिक उत्थान कार्य करने में लगाते है।
यूपी के बागपत प्रशासन से माँगी गई बाबा राम रहीम की रिपोर्ट-
डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम एक बार फिर जेल से बाहर आ सकते हैं। सरकार एक बार फिर बाबा राम रहीम को जेल से बाहर निकालने की तैयारियां कर रही है। इसके लिए बाबा राम रहीम ने जेल के प्रशासन को पैरोल के लिए अर्ज़ी लगाई हुई है। इसके लिए बाबा राम रहीम के चाल-चलन व व्यवहार की रिपोर्ट यूपी के बागपत प्रशासन से माँगी गई है। जिसके बाद ही बाबा राम रहीम जेल से बाहर जल्द आ सकते है।
पैरोल देने का फैसला करना आसान नहीं होता है।यह रस्सी पर चलने जैसा होता है। किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों और बाकी सभी की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करना बड़ा कठिन होता है। लेकिन बाबा के केस में ऐसा नहीं है और यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि पैरोल से अच्छे बदलाव आ सकते हैं। जो यह दिखाते हैं कि वे बदलाव लाना चाहते हैं और समाज की मदद करना चाहते हैं, तो उन्हें वह मौका मिलना चाहिए। डेरा प्रमुख बाबा राम रहीम के मामले में, उनकी पैरोल को उनकी रिहाई के दौरान उनके द्वारा किए गए अच्छे कामों के खुली आँखों से से देखा जाना चाहिए।
निष्कर्ष–
आज आपके साथ पैरोल से जुड़ी कुछ बातें साँझा की और आपने बाबा राम रहीम से जुड़ी कुछ बातें जानी।बाबा द्वारा किए जा रहे समाज भलाई के कार्यों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है। उनका आचरण इस बात पर पुनर्विचार करने के लिए कहता है कि हम उसकी पैरोल को कैसे देखते हैं सकारात्मक या नकारात्मक!